इस लेख में चार धाम यात्रा जानकारी विस्तार से जानेंगे। यहां पर 4 धाम के नाम, चार धाम यात्रा में कितना खर्चा आता है, चार धाम यात्रा पैकेज, चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन, चार धाम यात्रा कैसे करें आदि जे चर्चा करेंगे।
हिंदू धर्म में char dham yatra को काफी महत्व दिया गया है। आपको कभी मौका मिले तो आपको चार धाम यात्रा (char dham yatra) अवश्य करनी चाहिए।
अगर जीवन में आपको ऐसा सुनहरा अवसर मिले और आप चार धाम यात्रा को अच्छे से करना चाहते हैं तो चार धाम के दर्शनीय स्थल, खर्चा और जाने का समय और किस प्रकार आप वहां तक पहुंच सकते हैं, इससे संबंधित सभी प्रकार की जानकारी आज के लेख में दी जाएगी।
हिंदू धर्म में दो प्रकार की चार धाम की यात्रा मानी जाती है। छोटी चार धाम की यात्रा जिसे केदारनाथ, बद्रीनाथ यमुनोत्री और गंगोत्री को माना जाता है।
बड़ी चार धाम की यात्रा होती है, जिसमें बद्रीनाथ, द्वारका, उड़ीसा में पूरी और दक्षिण भारत में रामेश्वरम को माना जाता है। आज हम आपको दोनों प्रकार की चार धाम की यात्रा के बारे में संपूर्ण जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
चार धाम यात्रा
चार धाम की यात्रा हिंदू धर्म में काफी अधिक महत्व रखती है। यह वह यात्रा है, जिसे हिंदू धर्म में शंकराचार्य द्वारा मोक्ष प्राप्ति का रास्ता बताया गया है।
हिंदू धर्म के अनुसार हर व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम एक बार चार धाम की यात्रा के लिए अवश्य जाना चाहिए।
वास्तविक ग्रंथ के अनुसार चार धाम की यात्रा जम्मू कश्मीर के बद्रीनाथ से शुरू होती है, जो भगवान बद्री अर्थात विष्णु को समर्पित है, उसके बाद गुजरात में द्वारका जो विष्णु के अवतार कृष्ण को समर्पित है, उसके बाद उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी की मंदिर और अंत में तमिलनाडु के रामेश्वरम मंदिर चार धाम की यात्रा को समाप्त करती है।
इसके अलावा एक छोटी चार धाम यात्रा भी मानी जाती है, जो उत्तर भारत की चार प्रसिद्ध चोटियों पर आधारित है। जिसमें केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री आता है।
चार धाम से जुड़े तथ्य
इससे पहले कि आप char dham yatra पर जाएं, हम आपको इस यात्रा से जुड़े कुछ बता रहे है। उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें ताकि इस धाम से जुड़ी सभी जानकारी आपको अच्छे से मिले।
- अगर आप शंकराचार्य द्वारा स्थापित भव्य char dham yatra के लिए जा रहे हैं तो यह यात्रा यात्रा परंपरागत तौर पर पश्चिम से शुरू करके पूर्व की दिशा में समाप्त होती है। इस वजह से यह यात्रा गुजरात के द्वारिका से शुरू होती है। फिर बद्रीनाथ, रामेश्वरम और जगन्नाथपुरी पर खत्म होती है।
- दिल्ली, हरियाणा, ऋषिकेश यह कुछ ऐसी जगह है, जहां पूर्ण चार धाम की यात्रा करवाने की सुविधा सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई है। जहां आधार कार्ड, पैन कार्ड के द्वारा बायोमैट्रिक्स चेक किया जाता है और उसके बाद आपके रहने खाने की व्यवस्था सरकार द्वारा कर दी जाती है।
- चार धाम की यात्रा इस वजह से खास है। क्योंकि यह सभी धाम भगवान विष्णु को समर्पित है।
- इस भव्य चार धाम की यात्रा के अलावा एक छोटी चार धाम की यात्रा भी होती है, जिसमें केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा की जाती है और यह सभी उत्तराखंड में स्थित है।
चार धाम की यात्रा का मार्ग
भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित भारत का छोटा चार धाम यात्रा करने का एक विशेष प्रारंभ और अंत होता है। इस चार धाम की यात्रा की शुरुआत पश्चिम दिशा से होती है और पूर्व की ओर यह यात्रा जाती है।
यात्रा की शुरुआत सबसे पहले यमुनोत्री से होती है। श्रद्धालु सबसे पहले यमुनोत्री जाते हैं और वहां यमुना के पावन और पवित्र जल कलश में भरते हैं। उसके बाद वह गंगोत्री की ओर आगे बढ़ते हैं।
गंगोत्री में पावन जल को भरने के बाद यमुना और गंगा नदी के जल को लेकर वे आगे बढ़ते हुए केदारनाथ पहुंचते हैं।
केदारनाथ में भगवान शिव जी के शिवलिंग को गंगोत्री और यमुनोत्री के जल से जलाभिषेक कराया जाता है। उसके बाद आगे बढ़ते हुए अंत में बद्रीनाथ का दर्शन करके इस यात्रा का यंत्र श्रद्धालु करते हैं।
चार धाम यात्रा नक्शा (Chardham Route Map)
साल 2023 में चार धाम के खुलने और बंद होने का समय
उत्तराखंड राज्य में स्थित छोटा चार धाम का दर्शन साल भर नहीं होता है। इस यात्रा की शुरुआत साल के निश्चित समय से शुरू होती है और कुछ महीने के बाद चार धाम के मंदिरों के कपाट बंद कर दिये जाते हैं।
ऐसे में जो भी श्रद्धालु उत्तराखंड के चार धाम का दर्शन करना चाहते हैं, उनके लिए char dham yatra की शुरुआत और उसके बंद होने के समय के बारे में जानकारी होना जरूरी है।
साल 2023 में उत्तराखंड के चार धाम के दर्शन के लिए कपाट खुलने और बंद होने की तिथि निम्नलिखित है:
चार धाम | फाटक खुलने का समय | फाटक बंद होने का समय |
बद्रीनाथ धाम | 27 अप्रैल 2023 | 20 नवम्बर 2023 |
केदारनाथ धाम | 25 -26 अप्रैल 2023 | 14 नवम्बर 2023 |
गंगोत्री धाम | 22 अप्रैल 2023 | 14 नवम्बर 2023 |
यमुनोत्री धाम | 22 अप्रैल 2023 | 14 नवंबर 2023 |
चार धाम की यात्रा के दौरान रुकने की जगह
चार धाम की यात्रा के दौरान सभी स्थलों पर बेहतरीन रुकने की व्यवस्था की गई है। हरीधाम में मंदिर के बाहर आपको अनेकों आश्रम, धर्मशाला, लॉज, होटल इन सभी चीजों के उत्तम व्यवस्था की गई है।
बद्रीनाथ पहाड़ पर स्थित है, इस वजह से वहां पर कम पैसों में रुकने के लिए सरकार ने टेंट की सुविधा की है, वहां आपको एसी लगा हुआ टेंट भी मिल जाएगा।
आश्रम या धर्मशाला में रूकने के लिए अधिक पैसा नहीं लगता। अब बहुत ही कम पैसा देकर इन सभी जगह पर अपने दिन रात बिता सकते है।
कुछ प्रसिद्ध आश्रम भी मौजूद है जैसे बाबा कमला कमली आश्रम जोहर धाम पर उपलब्ध है। इसके अलावा आपको बताना चाहते हैं कि char dham yatra करते वक्त आपको रहने की असुविधा कहीं नहीं महसूस होगी।
हर जगह आपको कम से कम दाम और अच्छे से अच्छे दाम में रहने की उत्तम सुविधा व्यवस्था मिल जाएगी।
यह भी पढ़े: 10+ द्वारका में घूमने की जगह, द्वारकाधीश मंदिर दर्शन समय और खर्चा
चार धाम की यात्रा तक कैसे पहुंचे?
आजकल कहीं भी जाने के लिए रेल मार्ग, सड़क मार्ग और हवाई मार्ग उपलब्ध है। आप इनमें से किसी भी मार्ग की सुविधा लेकर अपने चार धाम पर जा सकते हैं।
आप किस तरह सड़क रेल और हवाई जहाज के जरिए अलग-अलग धाम पर पहुंच सकते है, इसकी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है।
चार धाम की यात्रा के लिए सड़क मार्ग
जैसा कि हमने आपको बताया हिंदू धर्म में चार धाम की यात्रा को दो भाग में विभाजित किया गया है। वास्तविक चार धाम की यात्रा जिसका वर्णन ग्रंथों में शंकराचार्य द्वारा किया गया है।
वह द्वारका से शुरू होकर बद्रीनाथ रामेश्वरम और जगन्नाथ पुरी तक जाती है। यह सभी स्थल भारत के अलग-अलग राज्य में स्थित है, इस वजह से हम सुझाव देंगे कि इसकी यात्रा सड़क मार्ग से ना करें।
जैसा कि हमने आपको छोटे धाम की यात्रा बताई थी। अगर आप बड़ी चार धाम की यात्रा करेंगे तो आप सड़क मार्ग से नहीं जा सकते, इसलिए अगर आप छोटी चार धाम की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले उत्तराखंड पहुंच जाना है।
किसी भी राज्य से उत्तराखंड के लिए बस मिल जाएगी, आप उत्तराखंड पहुंच जाएं। छोटी चार धाम की यात्रा करवाने के लिए सड़क मार्ग से बस ऋषिकेश, दिल्ली, हरिद्वार से शुरू होती है।
हरिद्वार सबसे समीप स्थल है, जहां से आप चार धाम की यात्रा शुरू करने के लिए हम आपको सुझाव देते है।
अगर आप हरिद्वार से अपने चार धाम की यात्रा का बस शुरू करते है तो आप – हरिद्वार – ऋषीकेश – बरकोट – जानकी चट्टी – यमुनोत्री – उत्तरकाशी – हरसिल – गंगोत्री – घनसाली – अगस्तमुनि – गुप्तकाशी – केदारनाथ – चमोली गोपेश्वर – गोविन्द घाट – बद्रीनाथ – जोशीमठ – ऋषीकेश – हरिद्वार।
हवाई मार्ग से चार धाम की यात्रा
अगर आप भव्य चार धाम की यात्रा हवाई मार्ग से करते हैं तो सबसे पहले आपको गुजरात के एयरपोर्ट पर जाना होगा, जहां से आप द्वारका पहुंच सके और वहां दर्शन करने के बाद आपको बद्रीनाथ जाने के लिए उत्तराखंड के किसी एयरपोर्ट तक पहुंचना होगा और इसी प्रकार आपको उड़ीसा में भुवनेश्वर एयरपोर्ट तक का सीधा प्लेन लेना होगा।
फिर वहां से जगन्नाथ पुरी के दर्शन करने के बाद तमिलनाडु के किसी प्रसिद्ध एयरपोर्ट तक जाएं और वहां से रामेश्वरम मंदिर का दर्शन करें।
अगर आप छोटी चार धाम की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको बता दें हेलीकॉप्टर सेवा हर मंदिर के समीप ही मौजूद है। सबसे समीप हेलीकॉप्टर गंगोत्री से 6 किलोमीटर दूर और यमुनोत्री से 25 किलोमीटर दूर स्थित है।
छोटी चार धाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा देहरादून से शुरू होती है, जो गंगोत्री यमुनोत्री फिर बद्रीनाथ और केदारनाथ होते हुए वापस देहरादून पर समाप्त होती है।
चार धाम की यात्रा करने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा ऑनलाइन और ऑफलाइन मौजूद है। आप ऑनलाइन वेबसाइट का इस्तेमाल करके स्वयं के लिए हेलीकॉप्टर की सेवा बुक कर सकते हैं।
रेल से चार धाम की यात्रा
अगर आप रेल मार्ग से चार धाम की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको बता दें यह मार्ग थोड़ा मुश्किल हो सकता है। चार धाम की यात्रा उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों पर स्थित है, जहां जाने के लिए लोकल ट्रेन की सुविधा उपलब्ध है।
आपको सभी जगह मंदिर तक जाने के लिए टैक्सी और बस की सुविधा मिल जाएगी। आपको दिल्ली से सभी चार धाम की यात्रा पर जाने के लिए लोकल ट्रेन मिल जाएगी।
उस स्थान पर पहुंचे स्टेशन पर एक टैक्सी या बस लेकर मंदिर तक जाएं, अपना दर्शन करके वापस आए।
विभिन्न स्थानों से केदारनाथ की दूरी
स्थान | केदारनाथ की दूरी |
---|---|
बंगलौर | 2484 किलोमीटर |
दिल्ली | 458 किलोमीटर |
नागपुर | 1421 किलोमीटर |
चण्डीगढ | 387 किलोमीटर |
विभिन्न स्थानों से बद्रीनाथ की दूरी
स्थान | बद्रीनाथ की दूरी |
---|---|
बंगलौर | 2495 किलोमीटर |
ऋषिकेश | 301 किलोमीटर |
दिल्ली | 525 किलोमीटर |
फूलों की घाटी | 70 किलोमीटर |
जयपुर | 801 किलोमीटर |
कोटद्वार | 327 किलोमीटर |
विभिन्न स्थानों से यमुनोत्री की दूरी
स्थान | यमुनोत्री की दूरी |
---|---|
नोएडा | 448 कि.मी |
शिमला | 268 किमी |
जयपुर | 705 किमी |
गुड़गांव | 454 किमी |
मेरठ | 345 कि.मी |
चंडीगढ़ | 289 कि.मी |
दिल्ली | 425 कि.मी |
गाजियाबाद | 390 कि.मी |
लखनऊ | 741 किमी |
विभिन्न स्थानों से गंगोत्री की दूरी
स्थान | गंगोत्री की दूरी |
---|---|
ऋषिकेश | 249 कि.मी |
उत्तराखंड | 97 कि.मी |
यमुनोत्री | 232 कि.मी |
मसूरी | 250 कि.मी |
धरासू | 125 कि.मी |
देहरादून | 300 कि.मी |
तिहारी | 167 कि.मी |
चार धाम पर जाने के लिए सही समय
अगर आप चार धाम की यात्रा करना चाहते हैं और किस समय आपको जाना चाहिए यह जानना चाहते हैं तो इसके बारे में नीचे विस्तार पूर्वक बताया गया है, उसे ध्यानपूर्वक पढ़ें।
यमुनोत्री के लिए
चार धाम की यात्रा में प्रथम धाम यमुनोत्री का है, जिस मंदिर में यमुना माता की पूजा होती है, जिन्हें हिंदू धर्म में सूर्य की बेटी के तौर पर संबोधित किया गया है। हिंदू धर्म में यमुनोत्री को प्रथम धाम इसलिए कहा गया है क्योंकि यमुना यम की बहन है।
अगर आप यमुना में स्नान करके इस मंदिर में पूजा करते हैं तो यमराज का प्रकोप कम हो जाता है। इस वजह से सभी धाम में सबसे पहले यमुनोत्री जाने को कहा गया है।
पारंपरिक कथाओं के अलावा यह मंदिर गर्म फुहारों से घिरा हुआ है, जिस वजह से उस ठंडे पहाड़ पर भी आपको गर्म कुंड मिल जाता है, जहां स्नान करने में अलग आनंद आता है।
जैसा कि हमने आपको बताया यह सभी धाम उत्तराखंड में स्थित है, जो कि हिमालय से काफी करीब होने की वजह से ठंड काफी अधिक पड़ती है।
इस वजह से यमुनोत्री मंदिर 3 मई से 24 अक्टूबर तक ही खुला रहता है। उसके बाद ठंड अधिक होने की वजह से इस मंदिर को बंद कर दिया जाता है।
मई से अक्टूबर के महीने में आप सुबह 7:00 बजे से यमुनोत्री मंदिर का दर्शन कर सकते हैं। 1:00 से 4:00 बजे का समय मंदिर को बंद रखा जाता है और उसके बाद रात को 8:00 तक श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है।
गंगोत्री धाम
चार धाम की यात्रा के दौरान यह दूसरा धाम है। यह मंदिर माता गंगा को समर्पित है। हिंदू कथाओं के अनुसार गंगोत्री वह स्थान है, जहां गंगा स्वर्ग से धरती पर आई थी और भगवान शिव ने जटाओं से गंगा को संभाला था।
यह भी काफी लोकप्रिय मंदिर है, जहां लोग अपने जीवन में एक बार जाकर स्नान करना चाहते है ताकि पारंपरिक कथाओं के अनुसार यहां स्नान करने पर जीवन के सभी पाप धुल जाते हैं।
गंगोत्री धाम में घूमने के लिए अब 3 मई से 25 अक्टूबर तक आ सकते है। उसके अलावा इस मंदिर को अधिक ठंड होने की वजह से बंद रखा जाता है।
मंदिर में और घूमने के लिए सुबह 6:00 बजे से 3:00 बजे तक समय दिया गया है। उसके बाद शाम के 6:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है।
यहां पर गंगोत्री धाम के आसपास आपको जलमग्न शिव, गोमुख, भागीरथी शीला और सूर्य कुंड जैसी जगह देखने को मिलेंगी।
केदारनाथ
यह तीसरा धाम है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह रुद्रप्रयाग नाम के जिले में समुद्र तल से 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह चार धाम की यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण धाम माना जाता है।
प्राचीन कथाओं के अनुसार इस मंदिर को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
इस मंदिर में आप 3 मई से 25 अक्टूबर के बीच घूम सकते हैं। इसके अलावा समय की बात करें तो सुबह 4:00 बजे से संध्या 7:00 बजे तक यह मंदिर खुली रहती है।
बीच में 3:00 बजे से 5:00 बजे तक इस मंदिर को बंद किया जाता है। केदारनाथ मंदिर के अलावा आप वहां तुंगनाथ गौरीकुंड और भैरव मंदिर घूम सकते हैं।
यह भी पढ़े: 10+ केदारनाथ में घूमने की जगह और कब जाएँ?
बद्रीनाथ
यह आखरी और महत्वपूर्ण धाम है, जहां जाने पर आपकी चार धाम की यात्रा समाप्त होती है। यह मंदिर भगवान बद्री जो कि विष्णु का नाम है अर्थात भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है।
यह मंदिर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि चार धाम की यात्रा का वर्णन करने वाले शंकराचार्य ने बद्रीनाथ में ही मोक्ष की प्राप्ति की थी।
हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार यही वह मंदिर है, जहां अब पुनर्जन्म की प्रक्रिया को समाप्त करके अपना जीवन मोक्ष प्राप्त करके रोक सकते हैं।
इस मंदिर में आप 8 मई से 20 नवंबर तक घूम सकते हैं। सुबह 4:00 बजे से संध्या 7:00 तक इस मंदिर के द्वार को खोला जाता है।
चार धाम की यात्रा के लिए आवश्यक दस्तावेज
चार धाम की यात्रा पर जाने से पहले श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन के लिए उन्हें कुछ दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। जिसे संबंधित अधिकारी और पुलिस को दिखाना पड़ता है, जिसके बाद उनका रजिस्ट्रेशन हो जाता है।
- आधार कार्ड
- पेन कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- वोटर आईडी कार्ड
चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन कैसे करें?
चार धाम की यात्रा करने से पहले श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन होने के बाद ही वे इस यात्रा में भाग ले सकते हैं।
चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन 2023 ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यम में होती है। ऑनलाइन माध्यम में आप निम्नलिखित प्रक्रिया को स्टेप बाय स्टेप फॉलो करके पंजीकरण कर सकते हैं:
- उत्तराखंड के चार धाम के यात्रा के पंजीकरण के लिए इसके आधिकारिक वेबसाइट बनाई गई है। सबसे पहले श्रद्धालुओं को इस वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाना होगा।
- वेबसाइट के होम पेज पर पहुंचने के बाद अब यहां पर दाहिनी ओर सबसे ऊपर Register/Login का विकल्प दिखाई देगा, उस पर क्लिक करना होगा।
- अगर इस वेबसाइट पर नए हैं तो इसके लिए सबसे पहले Register पर क्लिक करना होगा।
- रजिस्टर पर क्लिक करते ही रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलकर स्क्रीन पर आ जाएगा।
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म में श्रद्धालुओं को कुछ आवश्यक जानकारी पूछी जाएगी जैसे नाम, मोबाइल नंबर इत्यादि।
- उसके बाद उन्हें वहां पर एक पासवर्ड बनाना होगा और फिर कंफर्म पासवर्ड पर दोबारा उसी पासवर्ड को दर्ज करना होगा और फिर सभी जानकारी को भरने के बाद अंत में “SignUp” पर क्लिक करना होगा।
- इस तरीके से इस वेबसाइट पर अकाउंट बन जाएगा। अकाउंट बनने के बाद दोबारा इस वेबसाइट पर आना होगा।
- अब लॉगइन वाले पेज पर अपना यूजरनेम या फिर मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।
- उसके बाद रजिस्ट्रेशन के दौरान बनाए गए पासवर्ड को दर्ज कर के अंत में कैप्चा कोड को भरना होगा।
- कैप्चा कोड भरने के बाद Sign In पर क्लिक करना होगा।
- जैसे ही लॉगिन करेंगे, उसके बाद 2023 में चार धाम की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलकर आ जाएगा।
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म में कुछ जानकारी भरनी होगी और उसके बाद जो भी आवश्यक दस्तावेज है, उन्हें ऑनलाइन अपलोड करना होगा।
- दस्तावेज अपलोड होने के बाद कुछ प्रोसेसिंग शुल्क भी जमा करनी पड़ेगी, जिसे ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन दोनों माध्यमिक कर सकते हैं।
- इस तरीके से चार धाम की यात्रा की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, जिसका इलेक्ट्रॉनिक सर्टिफिकेट कॉपी को डाउनलोड कर सकते हैं।
यह भी पढ़े: 10+ ऋषिकेश में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन ऑफलाइन कैसे करें?
उपरोक्त हमने आपको ऑनलाइन चार धाम की यात्रा के लिए पंजीकरण करने की प्रक्रिया बताई। लेकिन जिन श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पंजीकरण में समस्या आ रही है तो वो ऑफलाइन माध्यम में भी अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
उत्तराखंड में स्थित चार धाम की यात्रा के रजिस्ट्रेशन के लिए उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में पंजीकरण केंद्र स्थित है, जहां पर जाकर श्रद्धालु पंजीकरण करा सकते हैं।
उत्तराखंड के जिन-जिन राज्यों में चार धाम की यात्रा के पंजीकरण केंद्र स्थित है, उनकी सूची निम्नलिखित है:
जिला | पंजीकरण केंद्र |
---|---|
रुद्रप्रयाग | केदारनाथ, सोन प्रयाग, फट्टा, गौरीकुंड |
उत्तरकाशी | डोबट्टा, बड़कोट, गंगोत्री, यमुनोत्री, हिना, जन की चट्टी |
चमोली | पाखी, हेमकुंड साहिब, जोशीमठ, गोविंद घाट, बद्रीनाथ |
देहरादून | ISBT, Rishikesh, गुरुद्वारा, ऋषिकेश, RTO |
हरिद्वार | रेलवे स्टेशन, राही होटल |
चार धाम यात्रा में कितना खर्चा आता है?
अगर आप चार धाम की यात्रा करते हैं तो आप इसकी शुरुआत दिल्ली पहुंचकर करेंगे। हम मानते हैं कि आप दिल्ली ऋषिकेश, हरिद्वार जैसे किसी शहर में पहुंच गए और वहां से अपनी चार धाम की यात्रा यमुनोत्री की ओर बढ़ते हुए शुरू करते हैं तो ऐसी परिस्थिति में आप बस, हेलीकॉपटर या ट्रेन की सुविधा ले सकते हैं।
अगर हम ऋषिकेश से बस सुविधा की बात करें तो यमुनोत्री तक अर्थात एक धाम की यात्रा करने में ₹1300 से ₹1400 रुपए लगेंगे, अगर आप दो धाम की यात्रा कर रहे है तो ₹1800 से ₹2000 मैं आपको बस मिल जाएगी।
इसके अलावा अगर आप तीन धाम की यात्रा करते है ₹2500 रुपए से ₹2800 रुपए लगेंगे। अगर आप चारों धाम की यात्रा करते हैं तो ₹4000 में आप पूरी यात्रा कर लेंगे।
अगर आप ऋषिकेश से एसी स्लीपर बस जैसी सुविधा लेते है तो आप ₹5000 से ₹5500 तक मे पुरी चार धाम की यात्रा कर लेंगे। हमने जो आपको बस दर बताया है, वह एक व्यक्ति का है।
अगर आप चार धाम की यात्रा करते वक्त किसी सराय आश्रम या धर्मशाला में रुकते हैं तो आप काफी कम पैसों में अपने रात दिन गुजार सकते हैं। किस आश्रम में कितनी कीमत लगेगी यह आश्रम के अनुसार निर्भर करती है।
मगर आप ₹100 से ₹500 में 1 दिन एक रात गुजार सकते हैं। इसके अलावा होटल का चयन करते हैं तो आपके चुने हुए होटल के अनुसार आप की कीमत घट बढ़ सकती है।
इसके अलावा आप को अलग-अलग सराय मिल जाएंगे, जहां आप पर बेड की सुविधा ले सकते हैं। एक बेड आपको ₹75 से ₹700 के अंदर मिल जाएगा।
अगर आप परिवार के साथ जा रहे हैं तो परिवार के हर सदस्य को एक जगह रखने और हर किसी को एक बेड देने में हजार रुपये प्रति व्यक्ति खर्च आएगा।
ये चारों धाम उत्तराखंड के पहाड़ पर स्थित है। इस वजह से वहां खाद्य सामग्री आपको कुछ महंगी मिल सकती है। हमारे अनुसार आपको चार धाम की यात्रा में भोजन करने के लिए अलग-अलग खाद्य सामग्री में अलग-अलग पैसे लगेंगे।
साधारण खाने में आप कम से कम ₹50 से ₹100 के अंदर एक टाइम का खाना खा सकते हैं।
उम्मीद करते हैं आप ऊपर बताए गए खर्च के अनुसार पैसे लेकर चलेंगे और आपको किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी। हमारे सुझाव के अनुसार आपको अक्टूबर के महीने में दर्शन करने जाना चाहिए, उस वक्त भीड़ कम रहती है और आपको खर्च भी कम पड़ेगा।
चार धाम की यात्रा में खाने के लिए क्या-क्या फेमस है?
चार धाम की यात्रा में आपको कुछ खास व्यंजन नहीं मिलेंगे। मगर सबसे बड़ी बात यह है कि हर धाम की यात्रा में अब भारत के एक अलग राज्य में जा रहे हैं। हर राज्य का कुछ खास व्यंजन होता है, जिस का लुफ्त आप उस राज्य की सबसे बड़ी मंदिर में जाकर उठा सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर जब आप प्रथम धाम की यात्रा के लिए द्वारका जाएंगे तो द्वारका गुजरात में है, इस वजह से आप वहां गुजराती भोजन का आनंद उठा सकते है।
दूसरा धाम जो कि आपको रामेश्वरम या बद्रीनाथ लेकर जाएगा तो आपको बता दें कि बदरीनाथ उत्तराखंड में स्थित है, जहां अखरोट और काजू सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। आप वहां ड्राई फ्रूट से बने एक से एक व्यंजन खा सकते है।
इसके साथ ही जब आप रामेश्वरम जाएंगे तो वह तमिलनाडु में स्थित है। इस वजह से आप दक्षिण भारत के बेहतरीन भोजन का आनंद उठा सकते है।
इसके अलावा आखरी धाम के रूप में उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी में अपनी धाम को समाप्त कर सकते हैं। उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी में आपको उड़ीसा के सभी स्वादिष्ट व्यंजन खा सकते हैं।
चार धाम की यात्रा करते वक्त साथ में क्या रखें?
अगर आप चार धाम की यात्रा करने के लिए जाना चाहते हैं तो आप को साथ में एक इन सारी चीजों को रखना चाहिए, इसके बारे में हम विस्तार पूर्वक बता रहे है।
- उत्तराखंड में स्थित चार धाम की यात्रा करने से पहले अपनी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुनिश्चित कर लेना चाहिए। क्योंकि वहां पर 14000 फीट की ऊंचाई पर ट्रैकिंग करनी पड़ती है। ऐसे में शारीरिक रूप से अस्वस्थ लोगों के लिए चार धाम की यात्रा कठिन हो सकती हैं। ऐसे में जो भी लोग किसी भी तरह की शारीरिक परेशानी से गुजर रहे हैं, वह एक बार डॉक्टर से इसके बारे में सलाह ले लें।
- चुंकी उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा काफी कठिन होती है। इसलिए यात्रा से कम से कम 1 महीने पहले ही अपने आपको पूरी तरीके से स्वस्थ बनाने के लिए प्रतिदिन एक्सरसाइज शुरू कर देना चाहिए।
- उत्तराखंड ठंड वाला राज्य है। इसलिए अपने साथ ऊनी कपड़े व कुछ गर्म कपड़े जरूर साथ में रखना चाहिए। इसके अतिरिक्त वहां बारिश की भी कभी कबार समस्या होती है। इसीलिए रैनकोट या छाता भी जरूर रखें। इनके अतिरिक्त कुछ और भी जरूरी चीजें जैसे थर्मल बॉडी वार्मर, स्लीपिंग बैग, कंबल, टॉर्च, वाटरप्रूफ जूते आदि भी अपने साथ रख सकते हैं।
- चार धाम की यात्रा की चढ़ाई कठिन होने के कारण लोग चढ़ाई के लिए कुली या टट्टू को किराए पर लेते हैं। ध्यान रहे आप केवल रजिस्टर्ड कूली या टट्टू को ही किराए पर लें।
- चार धाम की यात्रा कठिन और लंबी होने के कारण भूलकर भी शॉर्टकट का चुनाव ना करें। हो सकता है ऐसे में आप मुश्किल में पड़ जाएं।
- जो महिला श्रद्धालु साड़ी पहनती है, वह चार धाम की यात्रा के दौरान सलवार सूट या ट्राउजर पहनने तो अच्छा होगा। इससे यात्रा करना आसान होगा।
- हमेशा सर्दी खांसी और बुखार के लिए जरूरी दवाइयां रखें। अपने पास बेंडेड और एंटीसेप्टिक दवाइयां पेट खराब होने की दवाइयां जैसी कुछ अवश्य चीज अवश्य रखें।
FAQ
चार धाम की यात्रा दो प्रकार की होती है, जिसमें छोटी चार धाम की यात्रा में बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री आते हैं। बड़ी चार धाम की यात्रा में द्वारका, रामेश्वरम, केदारनाथ और पूरी आते हैं।
चार धाम यात्रा उत्तरकाशी में यमुनोत्री से शुरू होती है।
खर्च के अभाव में और बर्फीले पहाड़ को देखने फोटो खिंचवाने जैसी चीजों को देखें तो चार धाम की यात्रा अक्टूबर के महीने में करनी चाहिए जब भीड़ काफी कम रहती है।
चार धाम की यात्रा यमुनोत्री से शुरू की जाती है, जो यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और फिर बद्रीनाथ पर समाप्त होती है।
चार धाम की यात्रा में आपको घूमने के लिए बस की सुविधा ₹5000 और रहने खाने की सुविधा ₹3000 में आ जाएगी। हमारे अनुसार एक व्यक्ति को ₹8000 से ₹9000 के खर्च में हम चार धाम की यात्रा करवा सकते हैं।
उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा के दौरान अगर श्रद्धालु किसी भी तरह के समस्या में फस जाते हैं तो उत्तराखंड इसके लिए विभिन्न आपातकालीन सेवाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। जैसे एम्बुलेंस: 108, फायर ब्रिग्रेड: 101, टूरिस्म हेल्पलाइन/यात्रा कण्ट्रोल रूम: 0135 – 2559898, टूरिस्ट इनफार्मेशन सर्विस: 1364, पुलिस विभाग: 112, महिला हेल्पलाइन: 1090
निष्कर्ष
इस महत्वपूर्ण लेख में चार धाम के दर्शनीय स्थल, खर्चा और जाने का समय (Char Dham ki Yatra in Hindi) से संबंधित विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई आज कि यह महत्वपूर्ण जानकारी आपके लिए काफी ज्यादा उपयोगी सिद्ध होगी।
अगर यह लेख पसंद आया हो और आपके लिए यह काफी यूज़फुल साबित हुआ हो तो आप इसे अपने दोस्तों के सारे और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले।
अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हो।
यह भी पढ़ें
श्री खाटू श्याम मंदिर के दर्शन व यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी
10+ मैहर में घूमने वाली जगह और मंदिर खुलने का समय
जैसे हम चारधाम यात्रा बस से करते है तो किसी जगह हमे दो दिन के अलावा चार दिन तक रुकना हैं तो दूसरी बस मिलेगी या नहीं
बहुत अच्छी जानकारी आपने दी पढ़कर अच्छा लगा बड़ा मोटिवेशन आपका लेख है हम प्रभावित हैं और 18 जून से हम यात्रा शुरू करने वाले हैं मुझे पूरा भरोसा है इस यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए आप हमें आशीर्वाद देंगे जय श्री राम जय श्री राम जय जय राम
मुझे प्राकृतिक की बनी हुई हर चीजें बहुत अच्छे लगते हैं हमें चार धाम यात्रा करना चाहते हैं बहुत ही मन में लालसा है कब टहलने को हमें मिलेगा परिवार के साथ आना चाह रहे हैं
कम शब्दोंमें पूरी जानकारी
सच में बहुत ही सुन्दर जानकारी दी गई है