15+ ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस और दर्शनीय स्थल

Rishikesh me Ghumne ki Jagah: ऋषिकेश उत्तराखंड में बसा एक मशहूर पर्यटक स्थल है, जो उत्तराखंड का जिला देहरादून से 43 किलोमीटर दूर संथाल स्थान पर बसा हुआ है। ऋषिकेश को गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ और यमुनोत्री का प्रवेशद्वार माना जाता है।

यहां गंगा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट काफी प्रसिद्ध है, जहां पर हर शाम महाआरती होती है और लाखों श्रद्धालु यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि यहां पर गंगा नदी में डुबकी लगाने से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं। इसी के कारण यहां हर साल लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।

यात्राओं से संबंधित नवीनतम जानकारियों के लिए हमारे वाट्सऐप पर जुड़ें Join Now
यात्राओं से संबंधित नवीनतम जानकारियों के लिए हमारे टेलीग्राम पर जुड़ें Join Now

ऋषिकेश को ‘योग कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड’ के नाम से भी जाना जाता है। ऋषिकेश को छोटा चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार भी माना जाता है। यह केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं है बल्कि प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है, जहां पर पर्यटक बंजी जंपिंग, राफ्टिंग, कैंपिंग का लुफ्त उठाने के लिए आते हैं।

Rishikesh-Me-Ghumne-ki-Jagah-
Image: Rishikesh Me Ghumne ki Jagah

यदि आप भी ऋषिकेश घूमने की योजना बना रहे हैं तो बिल्कुल सही लेख पर आए हैं। क्योंकि इस लेख में ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस (Rishikesh Tourist Places In Hindi) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

इस लेख में ऋषिकेश में घूमने की जगह (rishikesh places to visit), ऋषिकेश के दर्शनीय स्थल, ऋषिकेश के प्रसिद्ध भोजन, ऋषिकेश कैसे पहुंचे, ऋषिकेश जाने का सही समय आदि के बारे में विस्तार से बताया है।

ऋषिकेश से जुड़े रोचक तथ्य

  • पौरानिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि रैभ्य नाम के ऋषि ने इस जगह पर कठोर तपस्या की थी, जिसके बाद भगवान विष्णु प्रसन्न होकर उन्हें ऋषिकेश के रूप में दर्शन दिए थे। तब से इस जगह का नाम ऋषिकेश पड़ गया। हालांकि ऋषिकेश शब्द का अर्थ भगवान का ज्ञान होता है।
  • ऋषिकेश में गंगा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट को सबसे बड़ा घाट माना जाता है, जहां पर हर शाम गंगा की महाआरती होती है। जहां पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमाए रहते हैं। इस स्थान का उल्लेख महाकाव्य महाभारत और रामायण में भी  मिलता है।
  • पौरानिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला हुआ विष इसी जगह पर पिया था। इसके अतिरिक्त ऋषिकेश को गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ और यमुनोत्री का प्रवेश द्वारा भी माना जाता है।
  • ऋषिकेश एक धार्मिक स्थल है, जिसके कारण यहां पर सार्वजनिक स्थानों पर शराब का सेवन प्रतिबंधित होता है। इसके अलावा यहां पर मांसाहारी भोजन को भी वर्जित किया गया है।
  • यह टूरिस्ट प्लेस के लिए काफी मशहूर हैं। यहां पर ज्यादातर पर्यटक बंजी जंपिंग, कैंपिंग और रिवर राफ्टिंग जैसे स्पोर्ट्स का मजा लेने के लिए आते हैं। 60 के दशक में लोकप्रिय अंग्रेजी रॉक बैंड बीटल्स ऋषिकेश घूमने आए थे, जिसके बाद यह जगह काफी प्रसिद्ध हो गया।

ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस (Places to Visit in Rishikesh in Hindi)

यहां पर हम उन सभी ऋषिकेश में घूमने लायक जगह (Rishikesh me Ghumne ki Jagah) के बारे में जानेंगे, जहां पर आप आसानी से पहुँच सकते हैं और ऋषिकेश को आसानी से घूमकर देख सकते हैं।

ऋषिकुंड

ऋषि कुंड त्रिवेणी घाट के कुछ ही दूर है, वहां से पैदल यहां तक आया जा सकता है। यह ऐसा अद्भुत कुंड है, जहां सर्दियों में कुंड का पानी गर्म रहता है।

इस कुंड की पौराणिक कथा है कि इस कुंड को कभी ऋषियों के तपोबल के माध्यम से उत्पन्न किया गया था, जहां उनकी स्नान करने के लिए गंगा, यमुना सरस्वती और नदी का जल कुंड में इक्ट्ठा हुआ था।

rishikund
Image : Rishikund

ऋषिकुंड  के पास ही रघुनाथ मंदिर भी स्थित है, जो भगवान राम और सीता को समर्पित है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम और सीता की सुंदर प्रतिमा स्थापित की गई है।

गीता भवन

ऋषिकेश में स्थित गीता भवन राम झूले को पार करते ही आता है। इस भवन का निर्माण विक्रम संवत 2007 में श्री जयदयाल गोयन्दकाजी के द्वारा किया गया था।

इस भवन का मुख्य आकर्षण यहां की दीवारें हैं। मंदिर के दीवारों पर रामायण और महाभारत काल के कई चित्रों को उकेरा गया है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को रामायण और महाभारत के काल से संबंधित कई जानकारी मिलती है।

गीता भवन

मंदिर में हर दिन प्रवचन और कीर्तन होता है, जिससे संध्या काल में आप यहां पर भक्ति संगीत का आनंद ले सकते हैं। यहां पर आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी भी है। इसके साथ ही गीता प्रेस गोरखपुर की एक शाखा भी स्थित है। इस भवन में तीर्थ यात्रियों के ठहरने के लिए कई कमरे भी बने हुए हैं।

नीलकंठ महादेव मंदिर

नीलकंठ महादेव का मंदिर ऋषिकेश का प्राचीन और प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर 5500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर के सामने ही पहाड़ी पर भगवान शिव की पत्नी मां पार्वती का भी मंदिर स्थित है।

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित बहुत ही प्रभावशाली मंदिर है। क्योंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी जगह पर समुद्र मंथन के समय निकले विष को भगवान शिव ने ग्रहण किया था।

Rishikesh Neelkanth Mahadev temple
नीलकंठ महादेव मंदिर

मंदिर के अंदर भगवान शिव की विशाल पेंटिंग लगी हुई है, जिसमें भगवान शिव को विष पीता हुआ दिखाया गया है। मंदिर के पास में ही एक झरना बहता है, जो मंदिर की खूबसूरती को और बढ़ा देता है। श्रद्धालु पहले झरने में स्नान करते हैं और फिर मंदिर में पूजा करते हैं।

बीटल्स आश्रम

यह आश्रम राम झूला से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्वराश्रम क्षेत्र में एक चट्टान पर स्थित है। इस आश्रम को चौरासी कुटी के नाम से भी जाना जाता है। यहीं पर 1968 में ब्रिटिश बैंड ने रहकर ध्यान किया था और यहीं पर उन्होंने कई गीत भी रचे थे।

Beatles-Ashram-in-Rishikesh-
Image : Beatles Ashram in Rishikesh

आश्रम परिसर में एक मंदिर, पुस्तकालय, महर्षि योगी का घर, मेडिटेशन झोपड़ी और रसोई है। हालांकि ज्यादातर इमारतें खराब हो चुकी है लेकिन दीवारों पर अभी भी रंगीन भित्तिचित्र मौजूद है। यहां पर आकर पर्यटक शांति और सुकून का अनुभव कर सकते हैं।

यह भी पढ़े: 10+ उत्तराखंड में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय

राजाजी नेशनल पार्क

राजाजी नेशनल पार्क ऋषिकेश से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रकृति प्रेमियों के लिए एक खूबसूरत डेस्टिनेशन है। यह राष्ट्रीय उद्यान 830 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, जहां पर विभिन्न प्रजाति के जीव जंतु के 315 से भी ज्यादा प्रजातियां निवास करती है।

Rajaji National Park, Rishikesh
राजाजी नेशनल पार्क

यह नेशनल पार्क तीन अलग-अलग अभ्यारण का समूह है। राजा जी, मोतीचूर और चिल्ला 1983 में इन तीनों अभ्यारण को मिलाकर एक कर दिया गया था और इसका नाम महान स्वतंत्रता सेनानी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के नाम पर राजा जी नेशनल पार्क रखा गया।

इस अभयारण्य में एशियाई हाथियों, चीतल, काकर, अजगर, मॉनिटर छिपकली, जंगली बिल्लियों, सांभर, पैंथर, भालू, टाइगर, जंगली सूअर और किंग कोबरा जैसे कई सारे जानवर निवास करते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान पूरी तरीके से साल और बांस के घने पेड़ों से भरा हुआ है।

इसके अतिरिक्त यहां पर पीपल, बेल, बेर, चमार, अदीना जैसे भी कई तरह के पेड़ है। यहां कचनार, सैंडन, अमलतास, लैंटाना, बबूल, केडिया और चीला जैसे कई खूबसूरत फूलों के भी वृक्ष मौजूद हैं।

कौडियाला

ऋषिकेश का यह जगह ज्यादातर पर्यटक की पसंदीदा जगह है। क्योंकि यहां पर पर्यटक आकर रिवर राफ्टिंग, बोटिंग और पैराग्लाइडिंग का आनंद उठाते हैं। इस जगह पर आकर गोवा के बीच पर होने का एहसास होता है।

Kaudiyala Rishikesh
Image : Kaudiyala Rishikesh

भरत मन्दिर

भरत मंदिर ऋषिकेश में स्थित सबसे प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर भगवान राम के छोटे भाई भरत को समर्पित है। मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में गुरु शंकराचार्य के द्वारा किया गया था।

हालांकि मंदिर के मूल स्वरूप को 1338 में तैमूर के द्वारा आक्रमण करके क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। लेकिन अभी भी मंदिर में बहुत सी चीजों को हमले के बाद भी सुरक्षित करके रखा गया है। यह मंदिर त्रिवेणी घाट के नजदीक ओल्ड टाउन में स्थित है।

Bharat Mandir Rishikesh
भरत मन्दिर

मंदिर की वास्तुकला आज भी पर्यटकों को आकर्षित करती है। मंदिर के गर्भग्राम में एकल शालिग्राम के पत्थर पर भगवान विष्णु की प्रतिमा को उकेरा गया है, जो बहुत ही आकर्षक और सुंदर है। इस मंदिर में आदि गुरु शंकराचार्य के द्वारा श्रीयंत्र भी रखा गया है।

स्वर्ग आश्रम

स्वर्ग आश्रम को ऋषिकेश का एक धार्मिक स्थल माना जाता है और पर्यटन की दृष्टि से यह काफी प्रसिद्धि है। यह ऋषिकेश के मुख्य शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर गंगा नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। इस आश्रम को स्वामी विशुद्धानंद के द्वारा स्थापित किया गया था।

Swargashram Trust Rishikesh
स्वर्ग आश्रम

यह ऋषिकेश का प्राचीन आश्रम है, जहां पर प्राचीन संत ध्यान करते थे और आज भी यहां पर कई लोग ध्यान करते हुए नजर आते हैं। इस आश्रम के आसपास कई छोटी-छोटी दुकान भी है, जहां पर आप नाश्ता पानी और छोटे-मोटे चीजों की शॉपिंग भी कर सकते हैं।

बंजी जंपिंग हाइट्स

ऋषिकेश पर्यटकों में बंजी जंपिंग के लिए मशहूर है और ऋषिकेश का यह जगह लगभग 83 मीटर ऊंचाई के साथ भारत का सबसे ऊंचा बंजी जंपिंग प्लेटफार्म है।

यहां पर पर्यटक बंजी जंपिंग के अलावा कई प्रकार के थ्रिलिंग एडवेंचर का आनंद ले सकते हैं, जिसमें फ्लाइंग फॉक्स और जायंट स्विंग के भी विकल्प है।

Bungy-Jumping
Image: Bungy Jumping

यहां पर राफ्टिंग 16 किलोमीटर, 22 किलोमीटर और 32 किलोमीटर की होती है। 16 किलोमीटर के राफ्टिंग का चार्ज 300 से ₹400 तक लगता है।

यह भी पढ़े: 10+ उत्तराखंड के हिल स्टेशन, खर्चा और जाने का समय

राम झूला

राम झूला ऋषिकेश में तकरीबन 3 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व दिशा में गंगा नदी पर बना हुआ है। यह झूला लक्ष्मण झूला से कुछ ही दूर स्थित है। लेकिन यह लक्ष्मण झूला से भी बड़ा झूला है। इस झूले को भी लोहे से बनाया गया है।

Ram Jhula Rishikesh
राम झूला

इसका निर्माण 1983 में किया गया था। यह पूल 750 फीट लंबा है। राम झूला स्वर्ग आश्रम और विश्वा आनंद आश्रम को एक साथ जोड़ता है। इस झूले को शिवानंद झूला भी कहा जाता है।

वशिष्ट गुफा

वशिष्ठ गुफा ऋषिकेश से तकरीबन 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित साधना का एक प्रसिद्ध और प्रमुख स्थान माना जाता है। कहा जाता है इस गुफा की खोज ऋषि वशिष्ठ ने की थी और उन्हीं के नाम पर इस गुफा का नाम वशिष्ट गुफा पड़ा है।

इस गुफा के पास में ही एक धूनी सदियों से जल रही है। कहा जाता है कि ऋषि वशिष्ठ ने हीं हजारों साल पहले इस धूनी को चलाया था।

Vashistha Gufa Rishikesh
वशिष्ट गुफा

सबसे ताज्जुब की बात यह है कि इस गुफा के अंदर का मौसम हमेशा ही नियत रहता है बाहर चाहे कितनी भी गर्मी या ठंडी हो लेकिन गुफा के अंदर का मौसम एक समान ही रहता है। इस गुफा के आसपास गूलर के बहुत सारे पेड़ देखने को मिलते हैं। यहां आने के बाद आपको बहुत ही शांति का अनुभव होगा।

त्रिवेणी घाट

त्रिवेणी घाट यमुना, गंगा और सरस्वती नदियों का संगम माना जाता है। यहां पर शाम के समय महा आरती भी होती है और सुबह के समय गंगा आरती होती है।

triveni ghat
Image: triveni ghat

पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है जर के तीर से घायल होने के बाद भगवान श्री कृष्ण इसी तट पर कुछ समय के लिए विश्राम किया था, जिसके कारण घाट का महत्व और भी बढ़ जाता है।

नीर गढ़ झरना

अगर आप जंगलों की सैर करना चाहते हैं और खूबसूरत और हरे भरे वनस्पतियों एवं जीवों को देखने का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो आप ऋषिकेश में निर गढ़ झरना देखने के लिए आ सकते हैं।

Neer Garh Waterfall Rishikesh
नीर गढ़ झरना

यह झरना ठंडे पानी की एक सुंदर संकरी धारा है। यह घने जंगलों के बीच में एक चट्टानी इलाकों से बहती है। यहां तक पहुंचाने के लिए आपको तकरीबन जंगल में एक किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।

लेकिन यहां तक पहुंचने के सफर में आपको जंगल के कई जीवों और वनस्पतियों की समृद्ध विविधता से मुलाकात करने का मौका मिलता है।

शिवपुरी

ऋषिकेश आने वाले पर्यटन यहां पर विभिन्न रोमांचक गतिविधियों का लुफ्त उठाते हैं। अगर आप भी ऋषिकेश में कैंपिंग, जंगल की सैर, रिवर राफ्टिंग, जंगल ट्रैकिंग और पर्वतारोहण जैसे गतिविधियों का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो ऋषिकेश का शिवपुरी इसके लिए सबसे लोकप्रिय जगह है।

Shivpuri Rishikesh
शिवपुरी

हालांकि यह जगह रिवर राफ्टिंग के लिए पूरे ऋषिकेश में प्रसिद्ध है और अगर आप ऋषिकेश आते हैं और रिवर राफ्टिंग नहीं करते हैं तब तक आपकी यात्रा अधूरी मानी जाती है।

यहां पर रिवर राफ्टिंग के अतिरिक्त आसपास के घने जंगल और पहाड़ों के खूबसूरत नजारों को देखने का भी लुप्त उठा सकते हैं। पर्यटक यहां पर क्लिप जंपिंग, बॉडी सर्फिंग जैसे कई गतिविधियां करते हुए नजर आते हैं।

कैलाश निकेतन मंदिर

13 मंजिले के साथ यह मंदिर ऋषिकेश का सबसे ऊंचा मंदिर है। यहां सभी हिंदू देवी देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित की गई है। मंदिर के सबसे उपरी मंजिल से ऋषिकेश की प्रकृति का सौंदर्य नजारा देखने को मिलता है, जो काफी मनमोहक लगता है।

kailash-niketan-temple
Image: kailash-niketan-temple

कुंजापुरी मंदिर ट्रैकिंग

कुंजापुरी ऋषिकेश में स्थित 1645 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक मुख्य धार्मिक स्थल है। नवरात्रि के दौरान यहां पर श्रद्धालुओं की काफी ज्यादा भीड़ रहती है। यह मंदिर उत्तर में हिमालय की चोटियां, दक्षिण में ऋषिकेश, हरिद्वार और दून घाटी के मनोरम दृश्य से घिरी हुई है।

Kunjapuri Trek
कुंजापुरी मंदिर ट्रैकिंग

यह ऋषिकेश के नरेंद्र नगर से तकरीबन 6 किलोमीटर की दूरी पर गंगोत्री की ओर जाती मार्ग पर स्थित है, जहां पर हिंडोला खल में विभाजित इस सड़क में से एक सड़क मंदिर की ओर जाती है और इस स्थान से 5 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर स्थित है।

कुंजापुरी मंदिर ट्रैक ऋषिकेश में ट्रेकिंग के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। ऐसे में ट्रैकिंग का लुफ्त उठाने वाले पर्यटकों के लिए भी ऋषिकेश में यह एक खूबसूरत और मनपसंदीदा जगह है।

यह भी पढ़े: 10+ केदारनाथ में घूमने की जगह और कब जाएँ?

लक्ष्मण झूला

ऋषिकेश लक्ष्मण झूला के लिए प्रसिद्ध है और यह ऋषिकेश का प्रमुख पर्यटन स्थल है। लक्ष्मण झूला ऋषिकेश शहर से तकरीबन 5 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर पूर्व दिशा में स्थित है।

यहां पर गंगा नदी के ऊपर 70 फीट की ऊंचाई पर 450 फीट लंबा लोहे का पुल बना हुआ है। इस पुल का निर्माण 1889 में स्वामी विश्व की प्रेरणा पर किया गया था।

Lakshman Jhula Rishikesh
लक्ष्मण झूला

धार्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि इस स्थान पर भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण जूट की रस्सियों के सहारे इस नदी को एक तरफ से दूसरी ओर पार किए थे।

इस पूल को पार करके पैदल रास्ता बद्रीनाथ को और दाएं ओर स्वर्ग आश्रम को जाता है। इस पुल के एक ओर भगवान राम का मंदिर और दूसरी ओर भगवान लक्ष्मण का मंदिर है।

ऋषिकेश के प्रसिद्ध भोजन

यदि आप यह सोच रहे हैं कि ऋषिकेश में जाने के बाद आपको वहां पर मांसाहारी व्यंजन खाने को मिलेगा तो यह बिल्कुल गलत है। क्योंकि ऋषिकेश यह एक धार्मिक स्थान होने के साथ ही योगी और संन्यासियों का निवास स्थान है।

इसीलिए वहां पर मांसाहारी खाना वर्जित है। वहां की सभी रेस्टोरेंट और सड़कों के ठेले पर केवल शाकाहारी खाना ही मिलता है।

यह धार्मिक स्थान होने और कई सारी स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए भी श्रद्धालु और पर्यटक बहुत ज्यादा मात्रा में घूमने के लिए आते हैं, जिसके कारण ऋषिकेश में मिलने वाला व्यंजन विविध और समृद्धि है। वहां पर आपको उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत की सभी प्रख्यात व्यंजन देखने को मिल जाएगी।

वहां पर आप अपने मनपसंद अनुसार किसी भी रेस्टोरेंट्स, कैफे या फिर स्टॉल पर स्वादिष्ट व्यंजन को चख सकते हैं। वहां पर कुछ कैफे ऐसी हैं, जहां पर खाने के साथ बीटल्स थीम और संगीत को भी प्ले किया जाता है, जहां पर खाना खाना एक अच्छा अनुभव साबित हो सकता है। ऋषिकेश के पर्यटक के बीच लोकप्रिय कुछ स्ट्रीट फूड निम्नलिखित है।

समोसा

समोसा पूरे भारत में आम है, जो प्रत्येक राज्य में मिलता है और हर किसी ने इसके स्वाद का अनुभव किया होगा। ऋषिकेश के हर नुक्कड़ पर भी आपको समोसे के ठेले देखने को मिल जाएंगे।

ऋषिकेश घूमने आए कई लोगों के लिए सुबह का मुख्य नाश्ता समोसा होता है और स्वाद को बढ़ाने के लिए एक कप कॉफी या फिर चाय भी शामिल करते हैं।

आलू का विभिन्न प्रकार के मसालों के साथ भू़ज के उसे मैदे के आटे में स्टाफिंग करके बनाया जाता है। ऋषिकेश में आपको इस प्रकार के समोसे के अतिरिक्त एप्पल और चॉकलेट के स्टफिंग का भी समोसा देखने को मिल सकता है। आप चाहे तो उसे भी ट्राई कर सकते हैं।

मिठाई

यदि आपको मिठाई पसंद है तो ऋषिकेश में आपको बहुत सारी मिठाइयों की दुकानें दिख जाएगी। वैसे भी ऋषिकेश एक पवित्र और धार्मिक स्थान है, वहां पर पूजा के लिए प्रसाद के तौर पर लोग मिठाई को भी खरीदते हैं।

जिसके कारण वहां पर विभिन्न प्रकार की मिठाई शुद्ध घी से बनी हुई देखने को मिल जाती है, उनका स्वाद भी काफी अच्छा होता है। वहां पर बेसन की बर्फी, बेसन के लड्डू, नारियल की बर्फी जैसे अलग-अलग वैरायटी की मिठाई बेंची जाती है।

डोसा

जैसा हमने आपको बताया कि ऋषिकेश में भारत के सभी राज्यों से श्रद्धालु और पर्यटक घूमने के लिए आते हैं, जिसके कारण वहां पर दक्षिण भारत की भी प्रसिद्ध व्यंजन डोसा आपको देखने को मिल जाएगी।

यदि आप दक्षिण भारत से हैं या फिर आप को ढोसा पसंद है तो आपको ऋषिकेश के रेस्टोरेंट में डोसे का स्वाद लेने का मौका मिल सकता है। इसे चावल और चने दाल के पतले पेस्ट से बनाया जाता है और उसके ऊपर चोखा डालकर उसे सांभर और अन्य तीखी चटनीयों के साथ परोसा जाता है।

पानी पुरी

पानी पुरी गेहूं से बने पूरी में चोखा डालकर उसे इमली के पानी में डुबोकर खाया जाता है। यह भारत के हर छोटे बड़े क्षेत्र में देखने को मिल जाएगा। यह भारत के लोगों का सबसे पसंदीदा स्ट्रीट फूड में से एक है।

आपको ऋषिकेश में भी सड़कों पर लगे ठेले के साथ-साथ सभी रेस्टोरेंट ओर कैफे के मेन्यू में दिख जाएगा। ऋषिकेश में विशेष इमली की चटनी के साथ पानी पूरी परोसा जाता है, जिसका स्वाद वहां पर जाने वाले पर्यटक कभी भूल नहीं पाते हैं।

यह भी पढ़े: 10+ हरिद्वार में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय

आलू पूरी

आपने आलू पूरी तो जरूर खाया होगा। यह एक पारंपरिक नाश्ता है, जो पूरे देश में हर क्षेत्र में मिलता है। ऋषिकेश भी इससे अलग नहीं है। ऋषिकेश में भी आलू पुरी का स्वाद आपको मिल सकता है।

वहां पर इसे सूखे पत्तों से बने बर्तनों में परोसा जाता है। ऋषिकेश जाते हैं तो वहां पर मिलने वाले आलू पूरी और आपके क्षेत्र में मिलने वाले आलू पूरी के स्वाद में कुछ अंतर जरूर खोज सकते हैं।

छोले भटूरे

ऋषिकेश में आपको भारत के सभी राज्यों की पारंपरिक व्यंजन देखने को मिल जाएगी। छोला भटूरा हर पंजाबियों का सबसे पसंदीदा व्यंजन है। ऋषिकेश में भी आप छोला भटूरे खाने का आनंद उठा सकते हैं।

इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए इसके साथ एक गिलास लस्सी भी परोसा जाता है। ऋषिकेश में कई सारे आउटलेट हैं, जो छोला भटूरा के लिए प्रख्यात है।

लेकिन वहां का छोटीवाला पर्यटकों के बीच छोला भटूरा के लिए काफी प्रख्यात है, जो लगभग 1958 से ही छोला भटूरा परोस रहा है।

ऋषिकेश कैसे पहुंचे?

ऋषिकेश उत्तराखंड राज्य में है और उत्तराखंड भारत के विभिन्न बड़े शहरों से सड़क, हवाई और रेल मार्गों से जुड़ा हुआ है।

यदि आप रेल मार्ग से ऋषिकेश जाना चाहते हैं तो ऋषिकेश के लिए सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन हरिद्वार पड़ता है। आप अपने शहर से हरिद्वार के लिए रेलवे टिकट बुक करवा सकते हैं।

यदि आप हवाई मार्ग से जाना चाहते हैं तो ऋषिकेश पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट देहरादून एयरपोर्ट है, जहां से 34 किलोमीटर की दूरी पर ऋषिकेश पड़ता है। यहां से आपको ऋषिकेश के लिए बस या टैक्सी आसानी से मिल जाएगी।

ऋषिकेश में कहां ठहरे?

यहां पर ठहरने के आपको कोई भी परेशानी नहीं होती है। क्योंकि वहां पर ठहरने के लिए आपको कई सारे आश्रम, रिजॉर्ट और कैंपिंग जैसी सुविधाएं आपके बजट के अनुसार मिल जाती हैं।

ऋषिकेश में गंगा नदी के तट पर स्वर्ग आश्रम, गीता भवन, परमार्थ निकेतन और मधुबन जैसी कई सारी आश्रम आपको ठहरने के लिए मिल जाएगी, जहां पर काफी स्वच्छता के साथ शुद्ध भोजन यात्रियों को दिया जाता है। यहां की सबसे अच्छी बात यह है कि आप यहां पर फ्री में भी रह सकते हैं।

इन आश्रम में किराए पर भी रूम उपलब्ध होता है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इन रूमों में एसी और नॉन एसी रूम की भी सुविधाएं होती है। आप अपने बजट के अनुसार रूम बुक कर सकते हैं।

यहा की धर्मशाला गंगा नदी के तट पर बसे होने के कारण बालकनी से गंगा नदी का काफी खूबसूरत दृश्य भी देखने को मिल जाता है। इन आश्रम के रूम में रहना किसी शानदार होटल में रहने से कम नहीं।

ऋषिकेश कैसे घूमे?

ऋषिकेश घूमने के लिए आपको बहुत सारे वाहन किराए पर मिल जाएंगे। वहां पर कई सारी ऐसी दुकानें हैं, जहां पर बाइक या कार किराए पर दी जाती है।

आप अपने अनुसार किसी भी वाहन को किराए पर ले सकते हैं। वहां पर बाइक की प्रतिदिन के हिसाब से न्यूनतम किराया ₹500 दो लोगों के लिए होता है।

हालांकि अलग-अलग बाइक के लिए अलग-अलग किराया हो सकता है। किसी भी वाहन को किराए पर लेने के लिए आपको डॉक्यूमेंट सिक्योरिटी के तौर पर जमा करना पड़ता है, जो बाद में वाहन को जमा करते ही आपको वापस दे दिया जाता है।

ऋषिकेश जाने का सही समय (Best Time to Visit Rishikesh)

ऋषिकेश साल के जुलाई से अगस्त तक के महीने को छोड़कर कभी भी जाया जा सकता है। क्योंकि जुलाई से अगस्त के बीच में यहां पर भारी वर्षा होती है, जिसके कारण रिवर राफ्टिंग का भी आनंद नहीं लिया जा सकता।

हालांकि कुछ पर्यटकों को मार्च से अप्रैल और सितंबर अक्टूबर के महीने का समय यहां की यात्रा के लिए उचित लगता है क्योंकि इस दौरान मौसम गर्मी की होती है।

गर्मी के समय में ऋषिकेश में काफी ज्यादा अच्छा अनुभव प्राप्त होता है। हालांकि नवंबर से फरवरी तक यहां पर थोड़ी ठंड होती है लेकिन वातावरण सुखद होता है, यदि आप नवंबर से फरवरी के बीच यात्रा करना चाहते हैं तो अपने साथ कुछ गर्म कपड़े लेकर जा सकते हैं।

ऋषिकेश में खरीदारी

ऋषिकेश घूमने के साथ ही खरीदारी के लिए भी पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह है। यहां पर आप विभिन्न पर्यटन स्थलों को घूमने के साथ यात्रा की याद के रूप में कई खूबसूरत हस्तशील की खरीदारी कर सकते हैं।

यहां पर हस्तशिल्प के कई छोटी-बड़ी दुकान देखने को मिलती है। हैन्डलूम फेबरिक, कॉटन फेबरिक, साड़ियों, बेड कवर आदि की कई सारी दुकानें यहां पर देखने को मिल जाती है।

इसके साथ ही खादी भण्डार, गढ़वाल वूल और क्राफ्ट की बहुत सी दुकानें मौजूद है। यहां स्थित सभी दुकानों में बहुत ही कम कीमत पर आपको उच्च कोटि का सामान मिल जाता है।

FAQ

ऋषिकेश में कौन सी नदी बहती है?

ऋषिकेश में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का मिलन होता है।

ऋषिकेश से नीलकंठ की चढ़ाई कितनी है?

ऋषिकेश से नीलकंठ की चढ़ाई लगभग 25 किलोमीटर है। कार से पहुंचने में लगभग 1 घंटा का समय लगता है।

ऋषिकेश में कौन सा मंदिर है?

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला विष इसी स्थान पर ग्रहण किया था, जिसके कारण यहां पर भगवान शिव को समर्पित नीलकंठ मंदिर है।

हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी कितनी है?

24.9 km via NH 34

निष्कर्ष

इस लेख में ऋषिकेश घूमने के स्थान (Rishikesh Me Ghumne ki Jagah) और ऋषिकेश के दर्शनीय स्थल की सारी आवश्यक जानकारी दी। उम्मीद है कि इस लेख में ऋषिकेश की दी गई टूर गाइड आपकी यात्रा को सरल बनाने में मदद करेगी।

यदि लेख ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए दोस्तों में जरुर शेयर करें। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।

यह भी पढ़े

10+ मसूरी में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय

10+ देहरादून में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय

15+ लैंसडाउन में घूमने की जगह और लैंसडाउन कैसे पहुंचे?

10+ नैनीताल में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय

यात्राओं से संबंधित नवीनतम जानकारियों के लिए हमारे वाट्सऐप पर जुड़ें Join Now
यात्राओं से संबंधित नवीनतम जानकारियों के लिए हमारे टेलीग्राम पर जुड़ें Join Now

Leave a Comment