इस लेख में मैहर में घूमने वाली जगह, मैहर जाने का रास्ता, मैहर धाम मंदिर का इतिहास, मैहर मंदिर खुलने का समय आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे।
मां शारदे देवी धाम मंदिर मध्य प्रदेश के सताना जिले के त्रिकूट पर्वत पर स्थित है। हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं।
खास करके नवंबर के महीने में नवरात्रि के समय यहां पर काफी ज्यादा भीड़ रहती है। यहां पर मेले भी उस समय लगते हैं।

यदि आप भी मां शारदे देवी धाम यानि की मैहर माता का मंदिर जाने की योजना बना रहे हैं तो अक्टूबर या नवंबर के महीने में जाना आपके लिए बहुत ही बहुत अच्छा समय हो सकता है।
मैहर धाम मंदिर का इतिहास
मध्य प्रदेश के सताना जिले में मैहर में चित्रकूट पर्वत की ऊंची चोटी पर एक भव्य और सुंदर मंदिर विराजमान है, जो मां शारदा के लिए समर्पित है। इस मंदिर को मैहर वाली मां के रूप में भी जाना जाता है।
इस मंदिर के इतिहास के बारे मे पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि माता सती के अंग जहां-जहां पर गिरे थे, वहां पर शक्ति पीठ स्थापित हो गया और उन्हीं शक्तिपीठ में से एक मां शारदा का पावन धाम है। ऐसे 51 शक्तिपीठ स्थापित हुए हैं।
कहा जाता है कि मैहर में इस जगह माता सती का हार गिरा था, इसलिए इस जगह का नाम मैहर धाम है। मेहर का अर्थ होता है माई का हार।
पहाड़ की चोटी पर स्थित यह मंदिर से जुड़े कई सारे चमत्कार की कहानी सुनी गई है, जिसके कारण देश दुनिया से लोग अपनी मान्यताओं को पूरी करने के लिए इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं।
श्रद्धालुओं का मान्यता है कि जो भी भक्त यहां पर आता है, उनके सभी दुख मां शारदे दूर कर देती हैं।
शारदादेवी धाम से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
कहा जाता है कि त्रिकूट पर्वत पर शारदा देवी मां की मंदिर की खोज आल्हा और उदल नामक दो योद्धा भक्तों ने की थी। इन्होंने ना केवल इस जगह की खोज बल्कि 12 साल तक लगातार तपस्या भी की और मां से अमरत्व का वरदान प्राप्त किया।
इन दोनों ने मां की भक्ति भाव में अपने जीभ को मां शारदे को अर्पण कर दिया था, जिससे मां प्रसन्न होकर उन्हें अमर होने का वरदान देकर उनके जीभ को उसी क्षण वापस कर देती है।
इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि इस मंदिर की खोज करने वाले आल्हा और उदल आज भी मां के मंदिर में पूजा करने के लिए आते हैं।
मंदिर का पट बंद हो जाने के बाद जब सभी पुजारी पहाड़ के नीचे चले जाते हैं तब वहां कोई नहीं रह जाता तब यह दोनों वीर योद्धा माता की पूजा करने के लिए आते हैं और पुजारी के पहले ही पूजा करके चले जाते हैं।
मां शारदे देवी धाम का यह जगह मैहर धाम (maihar dham) के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि मां सती का हार इस जगह पर गिर गया था, जिसके बाद यहां पर एक शक्ति पीठ स्थापित होता है और उसी दिन से इस जगह का नाम मैहर पड़ गया, जिसका अर्थ माई का हार होता है।
इस मंदिर के नीचे एक तालाब भी है, जिसे आलहा तालाब के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में कुल 1065 सीढिंया है।
मां शारदा देवी धाम जाने का सही समय
जैसा हमने आपको बताया कि मां शारदा देवी धाम यानि की मैहर का मंदिर हिंदुओं का एक पवित्र धार्मिक स्थल है। जहां पर हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए जाते हैं।
वे अपने मनोकामना को पूरा करने के लिए माता रानी से प्रार्थना करते हैं। वैसे इस धार्मिक स्थल की यात्रा का कोई निश्चित समय नहीं है।
आप कभी भी यहां पर आकर इस मंदिर का दर्शन कर सकते हैं। लेकिन अक्टूबर और नवंबर के महीने में श्रद्धालु ज्यादातर यहां पर आते हैं।
यह महीना मैहर आकर मां शारदा देवी धाम के दर्शन के लिए उपयुक्त माना जाता है। नवरात्रि के समय लाखों की संख्या में यहां श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग जाती है।
मंदिर तक पहुंचने का रास्ता
मां शारदा देवी के मंदिर तक पहुंचने के लिए 1065 सीढिंया लगी हुई है, जिससे चढ़कर मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। यह सीढ़ियां चार भागों में बंटी हुई है क्रमशः 450, 232, 152 और 196 प्रत्येक भागों की चढ़ाई करने के बाद यात्री यदि थक जाए तो श्रद्धालुओं के लिए बैठने की भी सुविधा की गई है।
साथ ही धूप और बरसात से बचने के लिए सिढियों के ऊपर छत लगाए गए हैं। हालांकि इतनी सीढ़ियां चढ़ने के बावजूद श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए इतने लीन रहते हैं कि वे नहीं थकते।

यहां पर पहाड़ों के बीच में रोड़ भी बना हुआ है। उस मार्ग से भी मंदिर तक जाने के लिए आधी दूरी तय कर सकते हैं। क्योंकि ऊपर का रास्ता जटिल होने के कारण मार्ग आधी दूरी में ही खत्म हो जाता है, जिसके बाद फिर सीढ़ियों से ही चलना पड़ता है।
हालांकि जिन के घुटनों में समस्या हो वह रोपवे की मदद से मां के मंदिर तक पहुंच सकते हैं। रोपवे के जरिए पहाड़ों की सुंदर दृश्य का भी लुप्त उठाया जा सकता है। वहां पर रोपवे की सुविधा सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम के 7:00 बजे तक चालू रहता है।
बात करें रोपवे के टिकट प्राइज की तो एक बार की यात्रा के लिए ₹70 पर व्यक्ति। वहीं दो बार की यात्रा के लिए ₹110 का चार्ज लगता है। वहीं बच्चों के लिए दोनों ओर की यात्रा का ₹70 रुपए चार्ज लिया जाता है।
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मैहर में घूमने वाली जगह (Maihar Me Ghumne Ki Jagah)
मैहर धाम में मां शारदा देवी के मंदिर (maihar devi temple) के अतिरिक्त भी कई सारी पर्यटक स्थल है और वह सारे पर्यटक स्थल मंदिर से लगभग 15 किलोमीटर के अंदर के विस्तार में ही पड़ते हैं।
आप जब भी मेहरगढ़ धाम जाए और यदि आपके पास ज्यादा समय हो तो आप उन पर्यटक स्थल की भी यात्रा कर सकते हैं, उनमें से कुछ पर्यटक स्थल निम्नलिखित है।
आल्हा ऊदल अखाड़ा
जैसा कि हमने आपको बताया आल्हा और उदल दोनों मां शारदा देवी के अनन्य भक्त थे, जिसके कारण इनके भक्ति से समर्पित एक मंदिर मां शारदा देवी के मंदिर से 2 किलोमीटर दूर स्थापित है। यहां पर आने वाले श्रद्धालु इस मंदिर की भी यात्रा जरूर करते हैं।

कहा जाता है कि इस मंदिर के सामने एक सरोवर था, जिसका पानी हर मौसम में एक समान रहता था। लेकिन अब उस जगह पर भी मंदिर बन चुका है।
मान्यता है कि इसी सरोवर में आल्हा और उदल नहाने के बाद मां की पूजा करते थे। यह भी कहा जाता है कि इस जगह पर आल्हा और उदल दोनों युद्ध का अभ्यास करते थे।
नीलकंठ मंदिर और आश्रम
मैहर में स्थित नीलकंठ मंदिर और आश्रम वहां के विभिन्न पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मंदिर मैहर से करीबन 15 से 16 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां पर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित नीलकंठ मंदिर है।
अगर आप बरसात के समय यहां पर आते हैं तो वहां पर आपको झरना भी देखने को मिलता है। यहां का सुंदर और मनोरम दृश्य देखकर पर्यटक को यहां से जाने का मन नहीं करता।
गोला मठ मंदिर मैहर
मैहर में घूमने लायक स्थलों में से एक गोला मठ मंदिर भी है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक धार्मिक स्थल है। गोला मठ मंदिर पूरी तरीके से पत्थर से निर्मित किया गया है।

इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर को एक ही रात में बनाया गया था। मंदिर की वास्तुकला काफी खूबसूरत है। मंदिर के बाहरी दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी की गई है।
मंदिर के गर्भ ग्रह में शिवलिंग स्थापित है और मंदिर के बाहर भगवान शिव का वाहन नंदी की प्रतिमा स्थापित है।
बड़ा अखाड़ा मंदिर
बड़ा अखाड़ा मंदिर मैहर में घूमने लायक पर्यटक स्थलों में से एक है। यदि आप मेहरगढ़ शारदा देवी मां के मंदिर का दर्शन करने के लिए आना चाहते हैं तो इस मंदिर का दर्शन करना ना भूले।

यहां विशालकाय मंदिर के ऊपर भगवान शिव की प्रतिमा विराजमान है, वहीं गर्भ ग्रह में 108 शिवलिंग विराजित है। इस मंदिर की सुंदरता सबको अपनी ओर आकर्षित करती है, इसलिए मेहरगढ़ जाने वाले पर्यटक इस जगह की यात्रा करना नहीं भूलते।
पन्नी खोह जलप्रपात
यह झरना भी मां शारदा देवी के मंदिर से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पहाड़ों की ऊंचाई से गिरने वाली जलधारा जब नीचे पत्थरों से टकराती है और उसकी पानी की ठंडी छींटे जब लोगों पर पड़ती है तो उन्हें काफी सुकून भरा एहसास होता है।

मैहर धाम आए पर्यटकों के लिए समय बिताने के लिए यह जगह काफी रोमांचित है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता किसी के भी मन को मोह सकती है।
बड़ी खेरमाई मंदिर
मैहर में शारदा माता के मंदिर के अतिरिक्त बड़ी खेरमाई मंदिर काफी लोकप्रिय है और एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शारदा माता की बड़ी बहन को समर्पित है।

इस मंदिर के आसपास भी आपको ढेर सारे मंदिर देखने को मिलते हैं। इसके अतिरिक्त यहां पर एक बहुत ही पुराना बावड़ी भी है। इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि शारदा माता का दर्शन करने के बाद इस मंदिर के दर्शन जरूर करनी चाहिए।
ओइला मंदिर मैहर
मैहर धाम के आसपास खूबसूरत घूमने लायक स्थलों में से एक ओइला मंदिर है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। लेकिन, मंदिर में भगवान शिव और गणेश जी की भी प्रतिमा स्थापित है।

मंदिर के गर्भ गृह में मां दुर्गा की धातु से बनी प्रतिमा स्थापित है। वहीं मंदिर के प्रवेश द्वार पर भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा है। मंदिर बहुत ही खूबसूरत है। यहां पर श्रद्धालुओं को बहुत ही शांति का अनुभव होता है।
ललितंबा शक्ति पीठ मैहर
मैहर धाम के पास में ही स्थित ललितंबा शक्तिपीठ मैहर का एक धार्मिक स्थल है, जहां पर मां दुर्गा, भगवान शिव और राधा कृष्ण की मूर्ति मंदिर में स्थापित है।
यहां पर एक आश्रम एवं गोशाला भी है। यहां पर आकर आप गायों की कुछ समय के लिए सेवा भी कर सकते हैं और पुण्य कमा सकते हैं।
इक्षापूर्ति मंदिर
मैहर धाम के आसपास अनेकों मंदिर है, उन्हीं में से एक मंदिर यह भी है, जो मां दुर्गा को समर्पित है। इस मंदिर में की गई नक्काशी दार काम और उसके आसपास की हरियाली इस मंदिर को पर्यटकों के लिए आकर्षक बना देती है। सांज के समय मध्यम रोशनी में इस मंदिर की सुंदरता और भी ज्यादा बढ़ जाती है।

जब आप मैहर धाम जाएं तो थोड़ा एक्स्ट्रा समय निकाल कर इस मंदिर की भी दर्शन एक बार जरूर करें। इन सबके अतिरिक्त मैहर धाम के आस पास गोल मैथ, बड़ी खेरमाई और नीलकंठ मंदिर जैसे पर्यटक स्थल भी हैं, जो पर्यटकों के लिए घूमने के लिए शानदार जगह है। यदि कोई पर्यटक मैहर धाम ज्यादा दिनों के लिए आते हैं तो इन सभी पर्यटन स्थलों की यात्रा कर सकते हैं।
मैहर का किला
अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं और ऐतिहासिक इमारतों को एक्सप्लोर करने में रुचि रखते हैं तो मैहर में स्थित मेहर का किला आपके लिए पसंदीदा पर्यटन स्थल हो सकता है।
यह एक ऐतिहासिक इमारत है, जो करीबन 300 साल पुराना है। हालांकि यह किला एक प्राइवेट प्रॉपर्टी है, जिसके कारण इस किले के अंदर आप बिना परमिशन के घुस नहीं सकते हैं। आप परमिशन लेकर इस किले में ठहरने के लिए रूम बुक कर सकते हैं।
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मैहर धाम में प्रसिद्ध स्थानीय भोजन
अगर आप मेहर धाम मैं माता की मंदिर का दर्शन करने जा रहे हैं तो वहां के स्थानीय भोजन का स्वाद लेना बिलकुल भी नाम भूले।
मेहर धाम की स्थानीय भोजन में आपको कई स्वादिष्ट व्यंजन सामग्री मिल जाती है। खास करके लोकप्रिय व्यंजन लिटी और चोखा।
इसके अतिरिक्त मोठ दाल, नमकीन, शिकंजी, फलहारी आलू चिवडा जैसे कई विभिन्न व्यंजन है, जिसे आप सुबह ब्रेकफास्ट के रूप में खा सकते हैं।
मैहर कैसे पहुंचे?
मैहर जाने के लिए आपके पास तीन विकल्प है सड़क, रेलवे और हवाई मार्ग। सबसे सस्ता रेलवे मार्ग पड़ेगा। मैहर रेलवे स्टेशन पश्चिम मध्य रेल के अंदर आता है। इसका सबसे नजदीक रेलवे जंक्शन सताना पड़ता है, जो भारत के लगभग सभी रेलवे मार्ग से जुड़ा हुआ है।
ऐसे में आप जिस भी किसी राज्य में रहते हो, वहां से मैहर रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन की टिकट बुक करवा सकते हैं। मैहर रेलवे स्टेशन से मां शारदा देवी मंदिर 5 किलोमीटर की दूरी तक पड़ता है।
यदि आप सोच रहे हैं कि आपको मेहर जल्दी पहुंचना है तो हवाई मार्ग का चयन कर ले तो बता दें कि मैहर में कोई भी एयरपोर्ट नहीं है। ऐसे में आप मेहर के लिए हवाई मार्ग का चयन नहीं कर सकते।
हालांकि यहां से 106 किलोमीटर की दूरी पर खजुराहो में एयरपोर्ट है, जहां के लिए आप रेलवे की टिकट बुक करवा सकते हैं। हालांकि आपको वहां से मैहर धाम तक पहुंचने के लिए काफी वक्त लग जाएगा। क्योंकि यह काफी लंबी दूरी पड़ जाती है।
अब तीसरा विकल्प है रोड मार्ग। माता शारदा देवी मंदिर मैहर नेशनल हाईवे फैसिलिटी लगभग सभी जगह से जुड़ा हुआ है। आप रोड मार्ग का भी चयन करके बस या अपने प्राइवेट गाड़ी से आ सकते हैं।
मैहर धाम की यात्रा के लिए रुकने की जगह
यदि आप मध्य प्रदेश मैहर धाम के मंदिर की यात्रा के लिए जाना चाहते हैं तो आपको आसपास कई सारे होटल मिल जाएंगे, जहां पर आप ठहर सकते हैं।
इनके न्यूनतम चार्जेस 1500 रुपए से शुरू होते हैं। इस तरीके से वहां पर लगभग सभी होटलों में इस सामान चार्ज लिए जाते हैं।
मैहर धाम के आसपास सनशाइन होटल, यश प्लेज, कादंबरी होटल, होटल आकृति और शंकर यात्री निवास जैसे कुछ होटल है। जहां पर आप को न्यूनतम भाड़े पर अच्छी सुविधाओं के साथ रहने के लिए रूम उपलब्ध कराया जाता है।
FAQ
मां शारदा देवी धाम मध्य प्रदेश के सताना जिले के मैहर में त्रिकूट पर्वत के ऊपर स्थापित है।
मां शारदा देवी धाम में लगभग 1065 सीढिंया है, जो चार भागों मे बंटी हुई है। पहले भाग में 450 सीढ़ियां पड़ती है। यहां तक की यात्रा काफी आसान है। दूसरे भाग में 232 सीढिंया पड़ती है। हालांकि यहां पर आराम के लिए काफी अच्छी सुविधा की गई है। तीसरे भाग में 152 और चौथे भाग में 196 सीढ़ियां हैं।
मां शारदा देवी का मंदिर सुबह 5:00 बजे खुलता है और शाम को 8:00 बजे आरती होने के बाद बंद हो जाती है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन खुली रहती है।
मैहर मंदिर मैहर स्टेशन से करीबन 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मैहर स्टेशन से मैहर मंदिर पहुंचने के लिए बहुत सारे ऑटो मिल जाते हैं।
मैहर धाम का मंदिर सुबह 5:00 बजे खुलता है और रात में 9:00 बजे मंदिर का फाटक बंद हो जाता है।
निष्कर्ष
त्रिकूट पर्वत की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तजनों की मनोकामना पूरी हो जाती है। इस मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर दो शेर की प्रतिमाएं हैं, जो इस मंदिर की सुंदरता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
इस लेख में मैहर में घूमने वाली जगह (places to visit in maihar), मैहर जाने का रास्ता, माँ शारदा देवी धाम की सम्पूर्ण यात्रा (Maihar Devi Mandir) की सम्पूर्ण जानकारी बताई है, जिसके जरिए आप आसानी से इस मंदिर का दर्शन कर सकते हैं। साथ ही इस मंदिर के आसपास के और भी पर्यटन स्थलों के बारे में बताया।
आप एक लंबी छुट्टी लेकर अपने परिवार के साथ यहां पर मां शारदे देवी के दर्शन के लिए आ सकते हैं। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। यदि लेख से संबंधित सुझाव या सवाल है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।
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