श्री खाटू श्याम मंदिर के दर्शन व यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी

Khatu Shyam Mandir ki Jankari

यहां पर Khatu Shyam Mandir ki Jankari के बारे में बताया है। जिसमें खाटू श्याम मंदिर कहां है, खाटू श्याम जाने का रास्ता, खाटू श्याम कब जाना चाहिए? और खाटू श्याम मंदिर के दर्शन की सही जानकारी बताई है।

khatu shyam mandir भारत के फेमस मंदिर में से एक है। यह भगवान कृष्ण को समर्पित मंदिर है। खाटू श्याम मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के सीकर जिले से करीब 45 किलो मीटर की दूरी पर खाटू गांव का प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है।

खाटू श्याम मंदिर में प्रत्येक वर्ष करीब 90 लाख से अधिक भक्त खाटू श्याम के दर्शन करने के लिए आते हैं। भक्तों का मानना है कि खाटू श्याम के मंदिर में सभी की मनोकामना पूर्ण होती हैं। खाटू श्याम मंदिर कृष्ण भगवान के प्रसिद्ध मंदिर में से एक है।

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आज के इस आर्टिकल में हम आपको खाटू श्याम मंदिर (khatu shyam ji mandir) की जानकारी देंगे। खाटू श्याम मंदिर कहाँ हैं?, खाटू श्याम मंदिर कैसे जाएं?, इन सभी प्रश्नों की जानकारी आपको इस लेख मिलेगी।

Table of Contents

खाटू श्याम मंदिर का इतिहास

खाटू श्याम मंदिर का निर्माण रूपसिंह चौहान और धर्मपत्नी नर्मदा कंवर ने वर्ष 1027 ईस्वी में करवाया था। बाद में 1720 ईस्वी में दोबारा से मंदिर का जोरदार करवाया गया था। मंदिर के गर्भ गृह तथा मूर्ति की स्थापना दीवान अभय सिंह के द्वारा की गई थी।

खाटू श्याम मंदिर के इतिहास की बात करें तो इसकी जानकारी आपको महाभारत काल में प्राप्त होती है। यदि आपने महाभारत देखी व पढ़ी होगी तो आपने बर्बरीक का नाम तो अवश्य सुना होगा। बर्बरीक पांडु पुत्र भीम तथा नागकन्या मौरवी के पुत्र थे। बर्बरीक को बचपन से ही बलशाली होने के सभी गुण प्राप्त थे।

बचपन में ही इन्होंने युद्ध करने की कला श्री कृष्ण तथा अपने माता के माध्यम से सीख ली थी। युवा अवस्था में इन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करके उनसे तीन बाण प्राप्त कर लिए थे। शिव के यह तीनों बाण बर्बरीक को तीनों लोक में विजय बनाने के लिए काफी थे।

महाभारत काल में युद्ध के दौरान बर्बरीक युद्ध को देखने के इरादे से युद्ध के मैदान में आ रहा था और यह बात श्री कृष्ण अवश्य जानते थे कि यदि बर्बरीक युद्ध में शामिल होगा तो परिणाम पांडवों के हित में नहीं होगा। बर्बरीक को युद्ध से रोकने के लिए श्री कृष्ण ब्राह्मण का वेश रखकर बराबरी के सामने आए और पूछा कि तुम कौन हो? और रण क्षेत्र में क्या करने जा रहे हो?

श्री कृष्ण को उत्तर देते हुए बर्बरीक ने कहा कि वह एक दानी है तथा और उसके बाण ही महाभारत युद्ध का निर्णय कर देगा। ऐसे में श्री कृष्ण ने बर्बरीक की परीक्षा लेनी चाही तो बर्बरीक ने एक बाण चलाया, जिसमें पीपल के पेड़ के सारे पत्ते में छेद हो गया।

भगवान श्री कृष्ण बर्बरीक के युद्ध क्षमता से परिचित थे और उसको किसी भी प्रकार से युद्ध में शामिल होने से रोकना चाहते थे, इसलिए श्री कृष्ण ने बर्बरीक से कहा कि तुम यदि बड़े पराक्रमी हो तो मुझ गरीब को कुछ दान नहीं दोगे। ऐसे में बर्बरीक ने जब श्री कृष्ण से दान मांगने को कहा तो श्री कृष्ण ने बर्बरीक का शीश दान में मांग लिया।

बर्बरीक तुरंत ही समझ गए कि यह दान मांगने वाला अन्य कोई नहीं है बल्कि भगवान श्री कृष्ण और उन्होंने श्री कृष्ण ने वास्तविक परिचय देने के लिए कहा, जब श्री कृष्ण ने अपना वास्तविक परिचय दिया तो बर्बरीक ने खुशी-खुशी अपना शीश कृष्ण को दान कर दिया।

बर्बरीक ने फागुन शुल्क दशमी को स्नान पूजा करके अपने हाथों से अपने शरीर को श्रीकृष्ण को दान दे दिया था। लेकिन शीश दान  से पहले बर्बरीक ने सिर्फ युद्ध देखने की इच्छा जताई थी। इसलिए श्री कृष्ण ने बर्बरीक के सिर को ऊंची चोटी पर युद्ध देखने के लिए रख दिया था।

महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद पांडव विजय का श्रेय लेने के लिए आपस में वाद विवाद कर रहे थे। तब श्री कृष्ण ने कहा कि ऐसे में युद्ध का निर्णय बर्बरीक ही बताएगा तो बर्बरीक के शीश ने बताया कि युद्ध में श्री कृष्ण का सुदर्शन चक्र चलाता है, जिससे कटे हुए वृत्तचित्र उद्धारण भूमि में ढेर हो रहे थे और वही द्रोपदी महाकाली का रूप में रक्त का पान कर रही थी।

भगवान श्री कृष्ण ने इस बात से प्रसन्न होकर बर्बरीक के कटे हुए सिर को वरदान दिया और कहा कि कलयुग में तुम मेरे श्याम नाम से पूजे जाओगे, तुम्हारे स्मरण मात्र से ही मेरे सभी भक्तों का कल्याण हो जाएगा और धर्म अर्थ तथा मोक्ष की प्राप्ति होगी।

खाटू श्याम मंदिर का निर्माण

खाटू श्याम मंदिर में आपको समृद्धि वास्तुकला देखने को मिलती है। मंदिर का निर्माण पत्थर, टाइल्स, चुने के मोर्टार और अन्य कई तरह के दुर्लभ पत्थरों से किया गया है। मंदिर के ठीक केंद्र में प्रार्थना कक्ष है, जिसे जगमोहन कहा जाता है।

मंदिर की दीवारों पर पौराणिक प्राणियों को चित्रित किया गया है। मंदिर के प्रवेश और निकास द्वार को संगमरमर से बनाया गया है। khatu shyam mandir के अंदर ही आलू सिंह नामक व्यक्ति की समाधि स्थल भी बना हुआ है। बाबा खाटू श्याम की मूर्ति मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित की गई थी। मंदिर की सभी दीवारों को सोने की चादरों के माध्यम से डेकोरेट किया गया है।

मंदिर परिसर में ही आपको एक सुंदर बगीचा देखने को मिलता है, जिसको शाम बगीचा के नाम से भी जाना जाता हैं। मंदिर में पूजा करने के लिए व मूर्तियों को चढ़ाने के लिए फूल इसी बगीचे से प्राप्त किया जाता है। मंदिर के परिसर में ही श्याम कुंड स्थित है, जहां पर भगवान का सिर खोजा गया था।

माना जाता है इसमें डुबकी लगाने से श्रद्धालु पवित्र हो जाते हैं। इस मंदिर के नजदीक हीगौरी शंकर और गोपीनाथ के दो और मंदिर स्थित है।

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खाटू श्याम मंदिर कहाँ है?

बाबा खाटू श्याम का मंदिर राजस्थान राज्य के सीकर शहर से 45 किलोमीटर दूर खाटू गांव में स्थित है। आप बस, कार और ट्रेन के माध्यम से बाबा के दर्शन करने जा सकते हैं।

खाटू श्याम मंदिर जाने का समय

khatu shyam jane ka sahi samay अक्टूबर से मार्च के बीच के महीने के बीच का रहता है। क्योंकि खाटू श्याम का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है तो ऐसे में ग्रीष्म काल में वहां पर जाना आपके लिए सही नहीं होगा।

गर्मी के मौसम में राजस्थान के सभी जिलों का तापमान अधिक बढ़ जाता है। अक्टूबर से मार्च का समय सुहावना रहता है, इस कारण भक्तों का यहां पर आना जाना लगा रहता है।

खाटू श्याम जाने का रास्ता

बाबा खाटू श्याम का यह मंदिर राजस्थान राज्य में हैं, जो कि सीकर जिले में स्थित है। यह मंदिर हिंदूओं के प्रमुख मंदिरों में से एक है। आप खाटू श्याम मंदिर वायुयान और सड़क मार्ग से विभिन्न साधनों के माध्यम से जा सकते हैं।

बस और ट्रेन द्वारा खाटू श्याम कैसे जाएं?

यदि आप दिल्ली में निवास करते है और बाबा खाटू श्याम के दर्शन करना चाहते है तो दिल्ली से खाटू श्याम मंदिर के बीच की दूरी लगभग 254 किलोमीटर हैं तथा यहां पर जाने के लिए आपको कम से कम 6 से 7 घंटे का समय लगता है। रात्रि के समय दिल्ली से कई बस जयपुर जाती है। जयपुर से खाटू श्याम की दूरी 80 किलोमीटर है।

आप बस से जयपुर जाए और जयपुर से सीकर जाए। आप जयपुर से टेंपो और कैब को बुक करके खाटू श्याम मंदिर जा सकते हैं। यदि आप ट्रेन से यहां आना चाहते है तो आपको रीगस स्टेशन पर उतरना होगा। यह सबसे पास के रेलवे स्टेशन में से एक है।

वायुयान से खाटू श्याम मंदिर कैसे जाएं?

यदि आप khatu shyam yatra हवाई जहाज द्वारा करना चाहते हैं तो आपको जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरना होगा। दिल्ली से जयपुर के लिए कई फ्लाइट्स हैं। जयपुर से आप बस द्वारा बाबा के धाम के दर्शन प्राप्त कर सकते हैं। जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से खाटू श्याम की दूरी 94 किलोमीटर है।

खाटू श्याम मंदिर में रुकने की जगह और खाने की व्यवस्था

बाबा खाटू श्याम में भारत के कोने-कोने से भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। उनके रुकने के लिए यहां पर धर्मशाला बनी हुई हैं। भक्त यहाँ पर रुक सकते हैं।

वहीं खाने पीने की बात करें तो मंदिर के आस पास कई सारे होटल और रेस्टोरेंट है, जहां आप खाना खा सकते हैं। वैसे भी खाटू श्याम बाबा के मंदिर में भंडारा हमेशा चलता रहता है, आप भंडारे के प्रसाद को भी ले सकते हैं।

खाटू श्याम बाबा के दर्शन कैसे करें?

खाटू श्याम बाबा के दर्शन आप दो प्रकार से कर सकते है पहला बाबा के दरबार में जाकर और दूसरा आप घर बैठे ऑनलाइन तरीके से। कोरोना महामारी के कारण खाटू श्याम बाबा के अधिक लोग दर्शन नहीं कर पाते थे। इस कारण से सरकार ने खाटू श्याम के ऑनलाइन दर्शन करने की सुविधा उपलब्ध करवा दी है।

बाबा खाटू श्याम के दर्शन करने के लिए भक्तों की काफी भीड़ रहती है और दर्शन करने में भी काफी समस्या आती है। यदि आप लाइन में खड़े रहकर दर्शन प्राप्त करना चाहते है तो कर सकते हैं। खाटू श्याम बाबा के दर्शन यदि आप ऑनलाइन करना चाहते हैं तो आप यूट्यूब के माध्यम से ऑनलाइन हमेशा आरती के दर्शन कर सकते हैं।

खाटू श्याम मंदिर खुलने का समय

खाटू श्याम जी के दर्शन का समय गर्मी और सर्दी के दिनों के हिसाब से अलग अलग होता है। गर्मियों में मंदिर सुबह 4.30 बजे से दोपहर 12:30 तक और शाम को 4.00 बजे से लेकर रात्रि 10 बजे तक मंदिर खुला रहता है। वहीं सर्दी के मौसम में सुबह 5.30 से लेकर दोपहर 1 बजे तक और शाम को 4.30 से लेकर 9:30 तक मंदिर परिसर खुला रहता है।

खाटू श्याम मंदिर में आरती का समय

खाटू श्याम मंदिर में अलग अलग आरती का समय सर्दी और गर्मी में अलग अलग रहता है, जो निम्न है:

आरती का नामगर्मी के समयसर्दी के समय
मंगला आरतीप्रातः 04:30 बजेप्रातः 05:30 बजे
श्रृंगार आरतीप्रातः 07:00 बजेप्रातः 08:00 बजे
भोग आरतीदोपहर 12:30 बजेदोपहर 12:30 बजे
संध्या आरतीशाम 07:30 बजेशाम 06:30 बजे
शयन आरतीरात्रि 10:00 बजेरात्रि 09:00 बजे

खाटू श्याम की पूजा कैसे करें?

बाबा खाटू श्याम को चाहने वाले देश में कई सारे भक्त हैं, जो बाबा की पूजा अर्चना करते हैं। लेकिन बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जिनको खाटू श्याम की विधिवत पूजा अर्चना कैसे की जाती है?, इसकी जानकारी नहीं होती हैं। खाटू श्याम बाबा की पूजा अर्चना करना बहुत ही सरल है।

पूजा करने का तरीका

खाटू श्याम की पूजा करने के लिए आपके पास उनकी एक प्रतिमा होनी चाहिए। आप इसको बाजार से भी खरीद सकते हैं। मूर्ति को आप जिस जगह पर रखे, उसकी पहले साफ सफाई कर लें। मूर्ति के अलावा आपके पास घी का दीपक, फूल, कच्चा दूध, प्रसाद सामग्री आदि सभी समान होना चाहिए। अब आप खाटू श्याम बाबा की प्रतिमा को आप कच्चे दूध या पंचामृत से स्नान करवाए।

स्नान करवाने के बाद आप किसी साफ कपड़े से बाबा की प्रतिमा को पोंछ लें। खाटू श्याम को सबसे पहले पुष्पमाला पहनाए। इसके बाद क्रमशः घी का दीपक तथा अगरबत्ती को जलाएं। अब आप पंचामृत को चढ़ाए। पंचामृत को चढ़ाने के बाद भोग आदि को लगाएं। भोग लगाने के बाद खाटू श्याम बाबा की आरती और वंदन करें।

पूजा समाप्त होने के बाद खाटू श्याम बाबा से पूजा में हुई किसी भी प्रकार की गलती के लिए माफी मांगे। इसके बाद बाबा श्याम के जयकारे लगाए।

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खाटू श्याम के प्रमुख त्यौहार

khatu shyam mandir में फाल्गुन मास में सबसे बड़ा त्योहार मनाया जाता है। यह त्यौहार 5 दिनों के लिए मनाया जाता है। इस त्योहार में संगीतकार और गायक भजन और आरती को गाते हैं।

खाटू श्याम के आसपास घूमने की जगह

यदि आप khatu shyam yatra पर आते हैं तो इनके मंदिर के आस पास भी कई जगह है, जहां आप घूम सकते हैं। यह जगह निम्न हैं:

श्याम कुंड

खाटू श्याम मंदिर के पास में एक श्याम कुंड बना हुआ है। लोगों का मानना है कि खाटू श्याम जी की गर्दन को इस कुंड से ही खोदकर निकाला था। श्याम कुंड की ऐसी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु या भक्त इस कुंड के जल में स्नान करते हैं तो व्यक्ति को किसी प्रकार का कोई भी चर्म रोग से संबंधित बीमारी नहीं होती है।

Shyam Kund
Image : Shyam Kund

श्री श्याम वाटिका

khatu shyam ji yatra दौरान आप श्री श्याम वाटिका जरुर जाएं। बाबा khatu shyam mandir के बाई तरफ ही एक श्याम बगीचा है। इस बगीचे के फूले का इस्तेमाल बाबा को श्रंगार करने के लिए किया जाता हैं। श्याम वाटिका में आपको कई प्रकार के पुष्प देखने को मिल जाते हैं। वाटिका में ही आलू सिंह प्रतिमा लगी हुई है।

Shri Shyam Vatika
Image : Shri Shyam Vatika

बालाजी महाराज सालासर

बालाजी महाराज और खाटू श्याम बाबा के मंदिर के बीच की दूरी 110 किलो मीटर है। बालाजी मन्दिर बाबा हनुमान के भक्तों को एक पवित्र मंदिर है। सालासर बालाजी का मंदिर राजस्थान के चुरू जिले में स्थित है।

Balaji Mandir Salasar
Balaji Mandir Salasar

यह मंदिर भारत वर्ष में फेमस है। चैत्र पूर्णिमा और अश्विन पूर्णिमा के दिन यहां पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। मंदिर के पास में ही भक्तों के रहने के लिए धर्मशाला और खाने पीने के लिए रेस्टोरेंट भी बने हुए है।

हनुमान मंदिर

राजस्थान में खाटू श्याम मंदिर के आसपास घूमने लायक धार्मिक स्थलों में से एक हनुमान मंदिर है, जो ग्राम नांगल भरडा, तहसील चौमू में सामोद पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर खाटू श्याम मंदिर से 56 किलोमीटर की दूरी पर है।

यह मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्ध है, जिसके गर्भ ग्रह में भगवान हनुमान जी की 6 फीट की विशाल प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर को सीताराम जी वीर हनुमान ट्रस्ट, सामोद के द्वारा बनाया गया है। यहां पर भगवान राम का भी एक मंदिर है।

लक्ष्मणगढ़ किला

खाटू श्याम मंदिर के आसपास घूमने लायक स्थलों में से एक लक्ष्मणगढ़ किला है। यह एक ऐतिहासिक इमारत है। इतिहास प्रेमियों के लिए  यह एक लोकप्रिय स्थल है।

Laxmangarh Fort Sikar

यह किला सीकर जिले से 30 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्मणगढ़ नामक गांव में बनाया गया है। इस किले का निर्माण 1862 ईस्वी में सीकर के रावराज लक्ष्मण सिंह ने करवाया था और इसके 2 साल के बाद ही उन्होंने लक्ष्मणगढ़ नामक गांव यहां बसाया था।

हालांकि लक्ष्मणगढ़ शहर की यह आकर्षक ऐतिहासिक इमारत एक निजी संपत्ति है। यह किला झुनझुनवाला परिवार की संपत्ति है। इस जिले की वास्तुकला बहुत ही आकर्षक है। किले की संरचना विशाल चट्टानों के बिखरे हुए हिस्सों पर बनी है।

जीण माता मंदिर

जीण माता की सबसे अधिक पूजा राजस्थान राज्य के लोग करते हैं। जीण माता का मंदिर खाटू श्याम बाबा के मंदिर से सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। जीण माता को अष्टभुजा वाली माता के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के पुजारी और वहां के लोगों का कहना है कि यह मंदिर करीब 1000 वर्ष पुराना है।

Jeen-Mata-Mandir
Image: Jeen Mata Mandir

जीण माता मंदिर के विषय में एक ऐतिहासिक कहानी बहुत फेमस है। प्राचीन समय में दिल्ली का बादशाह औरंगजेब हुआ करता था। औरंगजेब सबसे क्रूर राजाओं में से एक था। पूरे भारत को जीतने के उद्देश्य से उसने हर्ष पर्वत पर आक्रमण कर दिया था। हर्ष पर्वत पर कई मंदिरों और गुफाओं को नष्ट कर दिया था।

जैसे ही वो जीण माता मंदिर की तरफ बढ़ा तो जीण माता ने मधुमक्खी के स्वरूप रखकर उसकी सेना पर आक्रमण कर दिया था। एक साथ हुए मधुमक्खी के आक्रमण से उसकी सेना पस्त हो गई और मैदान को छोड़कर भाग गई। इसके बाद औरंगजेब ने माता से माफी मांगी और सोने की बनी हुई प्रतिमा भेंट की तथा एक अखंड ज्योति भी जलाई, जो आज भी आपको जीण माता मंदिर में जलती हुई मिलती है।

गोल्डन वाटर पार्क

अगर आप खाटू श्याम मंदिर का दर्शन करने के लिए अपने बच्चों के साथ आते हैं तो खाटू श्याम मंदिर के आसपास घूमने लायक स्थलों में से एक गोल्डन वाटर पार्क है।

यह एक मनोरंजन पार्क है, जो 3 लाख वर्ग फीट में फैला हुआ है। इस गोल्डन वाटर पार्क को बने काफी साल हो चुके हैं। गर्मियों के मौसम में यहां पर काफी ज्यादा भीड़ रहती है। बच्चों के लिए यह मन पसंदीदा जगह है।

Golden Water Park Khatu Shyam Ji

वॉटर पार्क का खुलने का समय सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम के 6:30 बजे तक का होता है। यहां पर टिकट शुल्क ₹300 है, वहीं बच्चों के लिए ₹200 है।

अगर कोई विद्यार्थी है तो अपना स्कूल आईडी दिखाकर ₹200 में प्रवेश प्राप्त कर सकता है। 3 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मुफ्त प्रवेश है। इस वाटर पार्क में पार्किंग, पोशाक और लोकर की भी सुविधा है। हालांकि उसके लिए शुल्क देना पड़ता है।

गणेश्वर धाम

गणेश्वर धाम में सभी देवी देवताओं की अलग अलग मूर्ति बनी हुई है। खाटू श्याम मंदिर से गणेश्वर धाम के बीच की दूरी 75 किलोमीटर है। जैसे ही आप गणेश्वर धाम के मुख्य द्वार के अंदर पहुचेगे वैसे ही आपको देवी देवताओं के मंदिर देखने को मिल जायेंगे।

Ganeshwar-Dham
Image: Ganeshwar Dham

धाम के अंदर एक विशाल कुंड बना हुआ है, जहां पर लोग स्नान आदि करते हैं। पहाड़ियों के माध्यम से कुंड में पानी एकत्र होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो एक बार इस जल में स्नान कर लेता है, उसको जीवन भर चर्म रोग नहीं होता है।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में श्री खाटू श्याम मंदिर के दर्शन व यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी (Khatu Shyam Mandir ki Jankari) दी है तथा khatu shyam jane ka sahi time और मंदिर के बारे में भी आपको इस मंदिर के इतिहास के बारे में भी लेख में बताया है।

उम्मीद करते हैं इस लेख में दी गई जानकारी आपके उपयोगी साबित होगी। यदि आपको यह लेख अच्छा लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

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