जैसा कि आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में देवी देवताओं को बहुत ही ज्यादा माना जाता है और बनारस उनके लिए किसी पवित्र स्थान से कम नहीं है। जी हां, काशी मतलब कि बनारस में घूमने की जगह (Banaras Me Ghumne ki Jagah) बहुत सारी हैं।
यहां पर आपको अलग-अलग एक्सपीरियंस मिल सकते हैं। यहां आप कम बजट से लेकर ज्यादा बजट में भी घूम सकते हैं। काशी में आप हिल स्टेशन से लेकर शहर की लंबी इमारतों तक सभी चीजों को बहुत ही अच्छे से देख सकते हैं। क्योंकि यहां पर बहुत कुछ देखने लायक है।
यहां पर बहुत सारे देवी देवताओं का निवास स्थान है। काशी का एक नाम नहीं बल्कि, इसके कई नाम है जैसे कि काशी, बनारस, वाराणसी। इसे कई नामों से जाना जाता है। काशी में बुद्ध से भी पहले का इतिहास झलकता हुआ दिखाई देता है।
ऐसा कहा जाता है यहां पर शाम गंगा घाट पर गुजरती है तो सुबह गरम गरम जलेबी के साथ गुजरती है। बनारस को विश्वनाथ जी का घर भी कहा जाता है। इनके जितने रंग हैं, उतने ही नाम भी पाएं गए हैं।
इस आर्टिकल में बनारस में घूमने की जगह कौन-कौन सी है? (places to visit in kashi), बनारस में रुकने की जगह (varanasi me rukne ki jagah), बनारस में घूमने का सही समय क्या है और वहां तक कैसे पहुँच सकते हैं आदि के बारे में विस्तार से बताया है।
काशी, बनारस में घूमने की जगह | Banaras Me Ghumne ki Jagah
बनारस में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Banaras Tourist Places in Hindi)
भारत माता मंदिर
भारत माता मंदिर यह मंदिर केवल वाराणसी का ही नहीं बल्कि पूरे भारत का एक अलग प्रकार का मतलब यूनिक मंदिर बताया जाता है। जी हां, इसे भारत के नक्शे में बहुत ही अच्छी तरीके से चित्रित भी किया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसका निर्माण 1936 में हुआ था और इसका उद्घाटन महात्मा गांधी ने किया था। यह मंदिर दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है, जो देश के लिए डेडीकेटेड है। इसको देश पर ही समर्पित किया गया है।
गंगा घाट बनारस
अगर आप काशी घूमने जाते हैं तो वहां पर बहुत सारे घाट देखने को मिलते हैं। परंतु जो बात गंगा घाट में है, वह किसी भी घाट में नहीं है। क्योंकि यह घाट टूरिस्ट के लिए बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है।
यहां पर गंगा किनारे बोटिंग भी कर सकते हैं। इसी के साथ यहां पर सूर्यास्त की रंग बिरंगी धुंधली रोशनी भी देखने को मिलती है, जो कि बहुत ही सुंदर होती है।
संत रविदास उद्यान
काशी में बहुत सारे हरे-भरे बाग है। वहां पर बाग की बिल्कुल भी कमी नहीं है। परंतु यह एक आर्टिफिशियल बाग है, जो कि बहुत ही खूबसूरत जगह है और इस बाग को संत रविदास को समर्पित किया गया है। इस पार्क को देखने के लिए यहां भारी संख्या में पर्यटक जाते हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर
यह मंदिर काशी का सबसे ज्यादा प्रसिद्ध मंदिर है। इसमें 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित है। यहां पर सनातन धर्म के अनुसार इस मंदिर में दर्शन करने और गंगा में नहाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ऐसा पुराणों में कहा गया है, जो भी श्रद्धालु वाराणसी जाते हैं, उन्हें इस मंदिर भोले बाबा का आशीर्वाद अवश्य लेना चाहिए। यह मंदिर सुबह 4:00 बजे ही खुल जाता है, क्योंकि यहां पर दर्शन करने के लिए घंटो लाइन में लगना पड़ता है।
इस जगह पर देश-विदेश से दुनिया भर के लोग घूमने के लिए आते हैं। इसी के साथ मंदिर में किसी भी प्रकार का डिवाइस लेकर जाना मना होता है।
तुलसी मानस मंदिर
यह मंदिर बनारस कैंट से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर काशी में बहुत ही प्रसिद्ध है। यहां पर भगवान राम सीता और राधा कृष्ण की लीला के चलचित्र के द्वारा झांकी प्रदर्शित की हुई है।
ऐसा कहा जाता है कि काशी में यह घूमने के लिए बहुत ही अच्छी जगह है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां पर रामचरित्र मानस की चौपाइयों को भी सुंदर तरीके से चित्रण किया गया है।
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चौसठ योगिनी मंदिर
64 योगिनी मंदिर जो केवल दो ही जगह पर स्थित है, उसमें से एक जगह काशी है। यह मंदिर गंगा घाट के नजदीक ही है, इसे चौसठ योगिनी माता का मंदिर कहा जाता है।
यहां पर दर्शन करने के लिए भक्त अवश्य पहुंचते हैं। ऐसा कहा जाता है, जो इस मंदिर के दर्शन एक बार कर लेता है, उसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
वाराणसी फन सिटी वॉटर पार्क
अगर आप वाराणसी घूमने के लिए दोस्तों या परिवार के साथ जाते हैं तो बनारस के इस वाटर पार्क में जरूर जाएं। यहां पर आपको समुद्री लहरों के साथ-साथ वॉटर स्विमिंग एक्टिविटी भी देखने को मिलेगी, जो कि बहुत ही सुंदर होती हैं और जिसका रेट भी कम होता है।
दशाश्वमेध घाट
यह घाट काशी विश्वनाथ मंदिर से लगभग 100 मीटर की दूरी पर ही स्थित है। ऐसा कहा जाता है यहां पर स्नान करने के बाद ही काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए सभी भक्तजन जाते हैं।
इस घाट पर घोड़े, ऊंट या मोटर कार की सवारी के जरिए ही जाया जाता है, जो कि बहुत ही आनंद वाली होती है। यहां पर से गंगा की दिव्य अलौकिक आरती का भी लाभ लिया जा सकता है। अगर आप शाम को भी दर्शन करने जाते हैं तो आपको सनसेट पॉइंट भी दिखाई देता है।
दुर्गा मंदिर काशी
काशी जी जिसे भोले बाबा की नगरी भी कहा जाता है। इसी के साथ वहां पर मां भगवती और दृश्य देवी रूप से दुर्गाकुंड में विराजमान हैं। इसी के साथ इसकी विशेषता यह है कि यह मंदिर बनारस के सबसे पुराना मंदिरों में से एक है।
ऐसा कहा जाता है कि आदिकाल में काशी में केवल तीन ही मंदिर हुए थे, सबसे पहला काशी विश्वनाथ, दुर्गा मंदिर और मानपूर्ण।
देखा जाएं तो काशी में गली-गली में मंदिर देखने को मिल सकते हैं। लेकिन अगर टूरिस्ट यहां पर घूमने जाते हैं तो वहां के प्राचीनतम मंदिरों को सबसे पहले देखना पसंद करते हैं।
रामनगर किला बनारस
जी हां, काशी एक ऐसी जगह है, जहां पर मंदिर और घाट ही नहीं बल्कि मुगल जमाने की बेहतरीन नक्काशी दार किले भी कई तरह के मौजूद हैं। ऐसा बताया जाता है कि यह 18 सेंचुरी में बनाए गए थे।
यह किला बनारस का सबसे प्राचीन किले में से एक हैं। इस किले की दूरी रेलवे स्टेशन से करीब 14 किमी की हैं। रामनगर किले को देखने के लिए आपको सुबह 10 बजे जाना होगा।
किले के बंद होने का समय 5 बजे हैं। किले में प्रवेश करने के लिए आपको 15 रुपए की टिकट लेनी होगी जबकि विदेशी पर्यटक को 400 रुपए की टिकट लेनी होगी।
अस्सी घाट
काशी का सबसे प्रसिद्ध घाट अस्सी घाट कहा जाता है। काशी में पांच प्रमुख घाट है, जिनमें से इस घाट का भी वर्णन किया जाता है। इसकी मान्यता बहुत ही ज्यादा बताई जाती है।
ऐसा बताया जाता है कि जब दुर्गा माता ने युद्ध के दौरान जीत हासिल की थी तब इस घाट के उत्तर दिशा में उन्होंने विश्राम किया था। इसीलिए इस घाट पर अपना आशीर्वाद छोड़ दिया था, जिसकी वजह से इसका नाम अस्सी घाट पड़ गया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह काशी विश्वनाथ मंदिर से केवल 3 किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है। यहां पर नोका से जाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगती ही रहती है। अस्सी घाट के पास एक गुफा भी स्थित है, जो कि बहुत ही पौराणिक है।
ऐसा बताया जाता है कि वहां पर श्री राम चरित्र मानस की रचना तुलसीदास ने की थी। इसके बाद उन्होंने वहां पर ही अपने प्राण भी त्याग दिए थे।
सारनाथ
यह बात लगभग ढाई सौ हजार वर्ष पुरानी है। उस समय सिद्धार्थ गौतम जिन्हें दुनिया में गौतम बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है, वहां पर बुद्धा की दीक्षा शिक्षा के बाद महर्षि गौतम बुद्ध काशी आए थे।
सारनाथ यह स्थल वाराणसी से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर ही है। यहां पर बहुत ही आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां पर गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश भी दिया था और ऐसा कहा जाता है कि सारनाथ बौद्ध धर्म के चार प्रमुख स्थानों में से एक है। यहां पर धार्मिक स्तूप पाए जाते हैं।
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संकट मोचन हनुमान मंदिर
वैसे तो काशी की गली-गली में बहुत सारे मंदिर प्रसिद्ध है परंतु बनारस का संकट मोचन मंदिर बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है। इस मंदिर में राम भक्त हनुमान की सुंदर प्रतिमा स्थापित की गई है।
जी हां, पौराणिक कथा के अनुसार यह बताया जाता है कि यहां पर गोस्वामी तुलसीदास को हनुमान जी ने साक्षात दर्शन दिए थे। इसी वजह से इस मंदिर में आज हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की गई है।
मणिकर्णिका घाट
यह वाराणसी का सबसे पुराना घाट है, जो बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है। यह इसी लिए प्रसिद्ध है क्योंकि इसके साथ कई पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हुई हैं।
ऐसा कहा जाता है कि एक कथा के अनुसार भगवान शिव ने माता पार्वती को अकेला छोड़ दिया। उस समय बनारस का मणिकार्णिका घाट ही था, जिस पर उन्होंने सबसे ज्यादा समय बिताया था।
इसीलिए दिव्यांग आत्मा के दाह संस्कार के लिए यहां पर द्वापर युग से ही प्रथा चली आ रही है, इसीलिए यह घाट सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।
बनारस में अन्य देखने वाली चीजें
जब भी कोई व्यक्ति घूमने जाता है तो उसे शॉपिंग करना बहुत ही ज्यादा पसंद होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अगर आप बनारस या काशी घूमने जाते हैं तो बनारसी साड़ी जो कि दुनिया भर में बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध हैं, वह वहीं पर मिलती हैं।
ऐसा कहा जाता है अगर कोई विवाह समारोह होता है तो वहां पर बनारस साड़ियां सबसे ज्यादा पहनी जाती है। क्योंकि इसके बिना विवाह संपन्न नहीं होता है।
इसी के साथ बनारसी साड़ियां अक्सर त्योहारों पर या किसी खास मौकों पर पहनी देखी जा सकती है। अगर भारतीय महिला की पसंद की बात की जाएं तो बनारसी साड़ियों की पहली पसंद होती है।
अगर आप बनारस गए हैं तो वहां का अगर आपने पान नहीं खाया तो आपका बनारस जाना सफल नहीं होता है। क्योंकि बनारसी पान बहुत ही ज्यादा फेमस है।
अगर आपने अमिताभ बच्चन की डॉन फिल्म देखी हो तो उसमें अमिताभ बच्चन ने बनारस के पान का जिक्र भी किया है और उसके ऊपर एक गाना भी गाया हुआ है।
इसी के साथ बनारस की मिठाईयां, चाट पापड़ी, पकोड़े, जलेबी, कचोरी सब्जी और समोसे बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है। अगर आप नाश्ता करने के विचार से बाहर जाते हैं तो इन चीजों को जरूर अपने नाश्ते में ले क्योंकि यह बहुत ही प्रसिद्ध हैं।
बनारस में परिवार के साथ घूमने की जगह (Places to Visit in Varanasi with Family)
- अस्सी घाट
- भारत माता मंदिर
- दशाश्वमेध घाट
- दुर्गा मंदिर काशी
- काशी विश्वनाथ मंदिर
- मणिकर्णिका घाट
- मन मंदिर घाट
- रामनगर किला बनारस
बनारस में दोस्तों के साथ घूमने की जगह (Places to Visit in Varanasi with Friends)
- आलमगीर मस्जिद
- अस्सी घाट
- भारत माता मंदिर
- दशाश्वमेध घाट
- दुर्गा मंदिर काशी
- ज्ञान वापी वेल
- काशी विश्वनाथ मंदिर
- मणिकर्णिका घाट
- मन मंदिर घाट
- रामनगर किला बनारस
बनारस में रुकने की जगह
अगर आप बनारस घूमने के लिए जाते हैं तो वहां पर आपको हर तरह के होटल, धर्मशाला सभी देखने को मिल जाएंगी। यहां पर आप सभी प्रकार के बजट में होटल ले सकते हैं।
अगर रेट की बात की जाएं तो यहां पर होटल की रेट ₹700 से ही शुरू हो जाती है, जो कि हमारे बजट में बिल्कुल आ जाता है।
जहां पर भी आप घूमने जाते हैं, उसी के पास बहुत सारी धर्मशालाएं भी मौजूद होती हैं। अगर आप चाहे तो वहां पर भी रुक सकते हैं और बनारस घूमने का मजा ले सकते हैं।
FAQ
बनारस में भारत माता मंदिर, गंगा घाट बनारस, संत रविदास उद्यान, काशी विश्वनाथ मंदिर, तुलसी मानस मंदिर, सठ योगिनी मंदिर, राणसी फन सिटी वॉटर पार्क, शाश्वमेध घाट जैसे और भी कई स्थान है जहाँ पर घूम सकते हैं।
बनारस घूमने का सबसे अच्छा समय नवम्बर से लेकर मार्च तक का रहता हैं क्योंकि इस समय के दौरान ठण्ड रहती है और वातावरण भी ठंडा रहता है।
वाराणसी सिटी स्टेशन मंदिर से 2 किमी दूर है जबकि वाराणसी जंक्शन 6 किमी मंदिर से दूर है।
निष्कर्ष
आज इस आर्टिकल में हमने आपको आप काशी, बनारस में घूमने की जगह (Banaras Me Ghumne ki Jagah), काशी में कौन-कौन सी जगह घूमने जा सकते हैं और कहां पर रह सकते हैं इन सभी के बारे में पूरी जानकारी दी है।
अगर आप भी काशी जाने का विचार कर रहे हैं तो यह आपके लिए बहुत ही बेहतर विचार साबित हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए आप कमेंट सेक्शन में कमेंट कर सकते हैं।
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