Vadodara Me Ghumne ki Jagah : वडोदरा शहर गुजरात का प्राचीन ऐतिहासिक शहर है, जिसे बड़ौदा के नाम से भी जाना जाता है। वडोदरा शहर इतिहास, कलाकृति, व्यवसाय हर एक मामले में गुजरात का प्रमुख शहर है, जहां पर कई ऐतिहासिक स्मारक, संग्रहालय , उद्यान और अन्य कई पर्यटक स्थल है जो पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं।
यदि आप वडोदरा शहर को घूमने की योजना बना रहे हैं तो बिल्कुल सही लेख पर आए हैं। क्योंकि आज के लेख में हम आपको वडोदरा शहर की यात्रा से जुड़ी आवश्यक जानकारी देने वाले हैं।
वडोदरा में घूमने की जगह | Vadodara Me Ghumne ki Jagah
वडोदरा के बारे में रोचक तथ्य
- वडोदरा का जैनों ने चंदनवती नाम रखा था।
- वडोदरा शब्द का अर्थ बरगद का पेड़ होता है।
- वडोदरा में स्थित महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय गुजरात का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है।
- वडोदरा जनसंख्या की दृष्टि से गुजरात का तीसरा सबसे बड़ा जिला है।
- गुजरात को पहले बडौदा के नाम से जाना जाता था लेकिन 1971 से इसे वडोदरा के नाम से जाना जाने लगा।
वडोदरा में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Vadodara Tourist Places in Hindi)
मकरपुरा पैलेस
1870 में बनाया गया मकरापुरा पैलेस गायकवाड के शाही परिवारों के लिए ग्रीष्मकालीन महल हुआ करता था। आज ये पैलेस भारत के वायु सेना के लिए एक प्रशिक्षण स्कूल के रूप में कार्य करता है।
इस पैलेस को इटालियन कलाकृतियों की मदद से बनाया गया है। सुबह के 9:30 बजे से लेकर शाम के 6:00 बजे के बीच इस पैलेस को देखने जा सकते हैं।
वडोदरा संग्रहालय और पिक्चर गैलरी
वडोदरा में स्थित यह संग्रहालय और पिक्चर गैलरी गुजरात के ऐतिहासिक अतीत को बयां करता है। इस संग्रहालय को गायकवाड द्वारा 1894 में निर्मित किया गया था, जिसमें प्राकृतिक ,पुरातत्व और भूविज्ञान इतिहास से संबंधित कलाकृतियों का एक समृद्ध संग्रह है।
इसके अतिरिक्त संग्रहालय में नेपाल, तिब्बत ,जापान मिश्र की वास्तुकला से निर्मित कई मूर्तियां ,वस्त्र, वस्तुएं रखी गई है। यहां तक कि मुगल लघु चित्रों को भी यहां पर संग्रहित कर के रखा गया है।
यहां पर चंपानेर में बनने वाली मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े ,शामलाजी की मूर्तियां, अकोटा से जैन तीर्थकरो की कांस्य मूर्तियां इत्यादि भी संग्रहित है। यह संग्रहालय सुबह के 10:30 बजे से लेकर शाम के 5:00 बजे तक खुला रहता है।
लक्ष्मी विलास पैलेस
वडोदरा में स्थिति यह लक्ष्मी विलास पैलेस वडोदरा के शाही परिवार के रहन-सहन को प्रदर्शित करता है। इस पैलेस को 1890 में महाराजा सयाजीराव गायकवाड 3 द्वारा निर्मित किया गया था।
पैलेस को लाल पत्थर और नीले रंग के जाल पत्थर से निर्मित किया गया है जिसे राजस्थान और इटली से मंगवाया गया था। 700 एकड़ के क्षेत्र में निर्मित यह विशाल पैलेस लंदन में बकिंघम पैलेस से भी 4 गुना बड़ा है।
इस पैलेस को बनाने में लगभग 12 साल लगे थे इस पैलेस को indo-saracenic स्थापत्य शैली द्वारा बनाया गया है, जो काफी सुंदर है। इस पैलेस के आसपास कई बंदर और मोर घूमते रहते हैं। महल में गुंबद मीनार मेहराब इत्यादि शामिल है। पर्यटक 9:30 बजे से लेकर शाम के 5:00 बजे के बीच इस पैलेस को देखने के लिए जा सकते हैं।
सयाजी गार्डन
महाराजा सयाजीराव गायकवाड तीन द्वारा 1879 में विश्वामित्री नदी के किनारे इस गार्डन को स्थापित किया गया जो 45 हेक्टर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। जिन्हें विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों को देखने का शौक है वे इस गार्डन को देखने के लिए आ सकते हैं। यहां पर 99 से भी अधिक प्रजाति के पेड़ पौधे हैं।
इसके अतिरिक्त मनोरंजन के लिए दो संग्रहालय, चिड़ियाघर और एक तारामंडल भी है। यहां पर बच्चों के मनोरंजन के लिए खिलौने वाला ट्रेन भी है और एक फूल घड़ी भी है। यहां के चिड़ियाघर में 167 प्रकार के जीवो का संग्रह देखने को मिलता है। इसके अतिरिक्त यहां पर 45 विभिन्न प्रजातियों वाली मछली का घर भी है।
अरबिंदो आश्रम
वडोदरा के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से अरविंद आश्रम भी एक है, जहां पर ध्यान और आध्यात्मिकता मे रुचि रखने वाले पर्यटक जा सकते हैं। यह आश्रम वडोदरा के डांडिया बाजार में स्थित है। यहां आने वाले पर्यटकों को काफी शांति भरा माहौल का एहसास होता है।
1894 से 1906 के दौरान यहां पर अरबिंदो घोष रहा करते थे। आश्रम के अंदर 23 कमरे हैं जिसमें पुस्तकालय, एक अध्ययन कक्ष और एक बिक्री एंपोरियम भी है। यहां पर आपको अरबिंदो घोष द्वारा लिखित कई दुर्लभ पुस्तकों का अवशेष भी देखने को मिल सकता है।
हथनी झरने
वडोदरा में पावागढ़ शहर से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह झरना लगभग 100 मीटर की लंबाई वाली है जो विभिन्न प्रकार के सुंदर वनस्पतियों से घिरा हुआ है। माना जाता है इस झरने को यहां के स्थानीय आदिवासी समुदाय ने खोजा था।
यह झरना जिस चट्टान से निकलते हुए बहती है वह चट्टान बिल्कुल हाथी के बच्चे की तरह दिखता है और इसके अतिरिक्त हथनी माता आदिवासियों के पूजनीय देवी है इस कारण इस झरने का नाम हथिनी झरना पड़ा।
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वडोदरा का मशहूर स्थानीय भोजन
वडोदरा के हर एक रेस्टोरेंट और सड़क किनारे लगाएं गई स्टॉल पर मिलने वाले भोजन में आपको गुजराती खुशबू महसूस होगा। वडोदरा में आपको भोजन में कई प्रकार की वैरायटी मिल जाती है, जिनका स्वाद आप कभी नहीं भूल सकते। वडोदरा में मिलने वाले कुछ लोकप्रिय भोजन:
दाबेली
यदि आप गुजरात या महाराष्ट्र के अतिरिक्त अन्य राज्य से हैं तो आपने शायद ही दाबेली का नाम सुना होगा। लेकिन गुजरात में दाबेली बहुत ज्यादा मशहूर है। गुजरात के कच्छ क्षेत्र से उत्पन्न हुआ यह व्यंजन गुजरात जाने वाले हर एक पर्यटको का एक लोकप्रिय स्नेक्स है, जिसे मैस किये हुए आलू और कई प्रकार के सब्जियों को उबालकर मसाला तैयार किया जाता है।
जिसमें स्वाद बढ़ाने के लिए ऊपर से पतली सेवई और अनार के दाने भी डाले जाते हैं और फिर उस मसाले को पाव के अंदर डाला जाता है और लाल मीठी चटनी के साथ परोसा जाता है। यदि आपने दाबेली का स्वाद कभी नहीं लिया है तो वडोदरा की यात्रा के दौरान इसे जरूर चखें।
पोहा
चूड़े को भिंगोकर बनाया जाता पोहा ना केवल वडोदरा में बल्कि पूरे भारत में सुबह के नाश्ते में सबसे अधिक पसंद किया जाता है। तेल में राई प्याज ,मूंगफली, आलू को मिलाकर भूंज लिया जाता है और फिर उसमें भिगोए हुए चूडे को डाल दिया जाता है और फिर हल्दी नमक डालकर इसे मिक्स करके तैयार किया जाता है।
सजावट के लिए ऊपर से धनिया पत्ता भी ऐड किया जाता है। वडोदरा में सुबह की शुरुआत इसी पोहे और चाय से कर सकते हैं।
ढोकला
गुजरात के स्वादिष्ट व्यंजन की बात आए और उसमें ढोकला का जिक्र ना हो यह हो यह हो नहीं सकता क्योंकि ढोकला गुजरात का सबसे लोकप्रिय डिश है। इसे चने के दाल से बनाया जाता है। चने दाल को फुलाकर उसका घोल तैयार किया जाता है और फिर उस में दही मिलाकर खमीर उत्पन्न होने के लिए कुछ घंटे के लिए रखा जाता है।
फिर बाद में उसमें सोडा मिलाकर स्टीम किया जाता है। उसके बाद इसे बर्फी के आकार में छोटे छोटे पीस में काट लिया जाता है। ढोकले को धनिया पत्ता से बनाई गई मिठी हरी चटनी के साथ परोसा जाता है।
फाफड़ा और जलेबी
फाफड़ा जलेबी गुजरात का एक प्रमुख व्यंजन है। फफड़ा जलेबी अक्सर आपको गुजरात और महाराष्ट्र में ही देखने को मिल सकता है। इसके अतिरिक्त भारत के अन्य राज्यों में शायद ही देखने को मिले।
बेसन की मदद से लंबे लंबे पतले चिप्स के आकार में तेल में तलकर कुरकुरे फाफडे को बनाया जाता है और इसे जलेबी के साथ परोसा जाता है। फाफड़ा का स्वाद जलेबी के साथ ही आता है। स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें मोटी तीखी मिर्ची को भी शामिल किया जाता है।
पाव भाजी
पावभाजी गुजरात के लोकप्रिय व्यंजन में से एक है। इसे पाव और भाजी अर्थात सब्जी के संयोजन से तैयार किया जाता है। भाजी को तैयार करने के लिए इसमें गाजर, मटर, आलू, टमाटर, फूलगोभी शिमला ,मिर्च ,बिट्स जैसी कई प्रकार के सब्जियों को एक साथ पानी में उबालने के लिए दिया जाता है।
फिर उन सभी उबले हुए सब्जियों को मैस करके बटर या देसी घी में पकाया जाता है और फिर उस सब्जी के ऊपर से धनिया पत्ता डालकर सजाया जाता है। उसके बाद पाव में बटर लगाकर उसके साथ परोसा जाता है। भोजन में खट्टापन का स्वाद लाने के लिए नींबू भी ऐड किया जाता है।
वडोदरा घूमने जाने का सबसे सही समय
गर्मियों के दौरान बच्चों की विद्यालय में छुट्टी होने के कारण गर्मियों के दौरान ज्यादातर परिवार घूमने की योजना बनाते हैं। ऐसे में यदि आप वडोदरा घूमने की योजना बना रहे हैं, तो गर्मी की छुट्टी में तो बिल्कुल ना बनाएं क्योंकि गर्मियों के दौरान यहां पर 42 डिग्री तक तापमान चला जाता है और इतने कड़े धूप में वडोदरा को घूमना काफी परेशानी दायक हो सकता है।
वडोदरा घूमने का आनंद लेना है, तो सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। क्योंकि इस दौरान यहां का तापमान लगभग 16 डिग्री तक होता है जिससे ज्यादा ठंड भी नहीं होती है और मौसम काफी सुखद होता है।
इसके अतिरिक्त गुजरात का नवरात्रि देश भर में प्रसिद्ध है। अक्टूबर-नवंबर के दौरान वडोदरा में नवरात्रि उत्सव में भी शामिल होने का मौका मिल सकता हैं। इसीलिए वडोदरा घूमने की योजना अक्टूबर से मार्च के दौरान ही बनाए।
वडोदरा कैसे पहुंचे?
वडोदरा भारत के विभिन्न शहरों से हवाई मार्ग, रेलवे मार्ग और सड़क मार्ग से अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है। वडोदरा जाने के लिए आप इनमें से किसी भी मार्ग का चयन कर सकते हैं।
रेलवे मार्ग वडोदरा पहुंचने के लिए सबसे सस्ता और अनुकूल मार्ग है। शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस जैसी कई सुपरफास्ट ट्रेनें दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों से वडोदरा आती है। वडोदरा जंक्शन गुजरात का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन भी है।
यदि आप वडोदरा हवाई मार्ग से घूमने जाना चाहते हैं तो बता दे वडोदरा का अपना घरेलू हवाई अड्डा भी है, जो भारत के विभिन्न प्रमुख हवाई अड्डे से अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है। वडोदरा से 100 किलोमीटर की दूरी पर अहमदाबाद में वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है आप चाहे तो यहां के लिए भी टिकट बुक करवा सकते हैं।
वडोदरा शहर गुजरात का एक विकसित और सुपरफास्ट राजमार्ग की सुविधा वाला शहर है, जो गुजरात के अन्य जिलों के अतिरिक्त राजस्थान ,महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश से भी जुड़ा हुआ है। आप किसी भी डीलक्स बस या राज्य द्वारा संचालित बसों की मदद से वड़ोदरा आ सकते हैं।
वडोदरा में रुकने की जगह
यदि ऑफ वडोदरा 2 से 3 दिनों के लिए घूमने जाना चाहते हैं, तो आप निश्चित ही वहां पर ठहरने की भी योजना पहले से ही बना कर जाएंगे। वैस वडोदरा गुजरात का एक प्रमुख शहर होने के साथ-साथ यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है, जिसके कारण यहां पर प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में पर्यटक यहां की संस्कृति को देखने के लिए आते हैं।
यहां हाई रेट से लेकर लो रेट में कई बेहतरीन होटल अच्छी सुविधा के साथ में जाएंगे। आप वडोदरा के कुछ लोकप्रिय होटल के बारे में ऑनलाइन सर्च कर सकते हैं और ऑनलाइन ही रूम भी बुक करवा सकते हैं ताकि वहां जाने पर आपको किसी प्रकार की परेशानी ना हो।
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वडोदरा कैसे घूमें?
वडोदरा में बस और ऑटो का किराया काफी सस्ता है। आप इनकी मदद से पूरे वडोदरा को काफी सस्ते में घूम सकते हैं। यहां VITCOS सिटी बसें वडोदरा शहर के हर एक हिस्से में ले जाती है, जिससे आप आसानी से वडोदरा के हर एक भाग को अच्छे से एक्सप्लोर कर सकते हैं।
इसका बस स्टैंड भी रेलवे स्टेशन के ठीक सामने ही है। यदि आप खुद का निजी वाहन चाहते हैं तो आप वाहन किराए पर देने वाले एजेंट से बात कर सकते हैं। यहां पर कई ऐसे एजेंट मिल जाएंगे जिनसे आप फोर व्हीलर या टू व्हीलर वाहन किराए पर ले सकते हैं।
वडोदरा घूमने के लिए साथ में क्या रखे?
वैसे यदि आप वडोदरा अक्टूबर से मार्च के दौरान जाते हैं, तो यहां पर ज्यादा ठंड तो रहती है नहीं इसलिए आपको किसी भी प्रकार के गर्म कपड़े को ले जाने की जरूरत नहीं है।
हालांकि कभी-कभी नवंबर से दिसंबर के दौरान यहां पर तापमान बढ़ सकता है इसलिए आप हल्के गर्म कपड़े चाहे तो अपने साथ ले जा सकते हैं ज्यादा जरूरी नहीं है।
यदि आप गर्मियों के मौसम में वडोदरा जाते हैं तो इस दौरान यहां पर काफी तेज धूप होती है जिससे बचने के लिए आप अपने साथ गोगल, हेट और सनस्क्रीन साथ में रख सकते हैं।
वडोदरा घूमने का खर्चा
वडोदरा घूमने का खर्चा बहुत बातों पर निर्भर करता है पहला कि आप वडोदरा कितने दिनों के लिए जा रहे हैं , दूसरा आप वडोदरा अकेले जा रहे हैं या अपने परिवार के साथ जा रहे हैं।
तीसरा वडोदरा कौन से मार्ग से जा रहे हैं उदाहरण के लिए यदि आप रेल या सडक मार्ग से जाते हैं तो आपको सस्ता पड़ता है वहीं यदि आप हवाई मार्ग से वड़ोदरा जाते हैं तो यह आपको थोड़ा महंगा पड़ सकता है। बता दें वडोदरा घूमने का बजट आप अपने अनुसार बना सकते हैं और उसी के अनुसार आप यहां पर घूम सकते हैं।
FAQ
वडोदरा गुजरात राज्य के पूर्वी मध्य भाग में स्थित है।
राजा चंदन के शासन के दौरान वडोदरा को चंद्रावती के नाम से जाना जाता था लेकिन यहां पर बरगद के पेड़ की विशाल मात्रा होने के कारण इसे वडपात्रा के नाम से जाना जाने लगा और यहीं से वर्तमान नाम की उत्पत्ति हुई।
1971 से इसे वडोदरा के नाम से जाना जाने लगा। वडोदरा को कई लोग बडौदा भी बोलते हैं। इसके अतिरिक्त समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के कारण इस शहर को संस्कारी नगरी भी कहा जाता है।
वडोदरा शब्द वादपद्रक से लिया गया है, जिसका अर्थ बरगद के नीचे स्थित आवास होता है।
वडोदरा विश्वामित्र नदी के किनारे स्थित है।
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने आपको वडोदरा में घूमने की जगह ( Vadodara Me Ghumne ki Jagah) से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी दी। हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपकी वडोदरा की यात्रा को और भी ज्यादा आनंददायक बनाने में मदद करेगा।यदि लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव होने पर कमेंट में लिखकर जरूर बताएं।
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