जाने 25+ उज्जैन में घूमने की जगह और उज्जैन कब जाना चाहिए?

Ujjain Me Ghumne ki Jagah

Ujjain Me Ghumne ki Jagah: हमारे देश भारत में बहुत सारे पर्यटक स्थल है और विदेशी पर्यटक प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में भारत में घूमने के लिए आते हैं। भारत के सबसे पुराने चेहरों में उज्जैन का नाम भी शामिल है।

उज्जैन जो भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है। उज्जैन को भारत का सबसे पवित्र स्थान भी माना जाता है और यह शिप्रा नदी के तट पर बसा हुआ है।

महाभारत के समय की यदि बात करें तो महाभारत के समय में अवंती साम्राज्य की राजधानी के रूप में भी उज्जैन को जाना गया है। भारत का सबसे बड़ा मेला कुंभ जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है, उसका आयोजन भी उज्जैन में ही होता है।

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उज्जैन में घूमने की जगह (Places to Visit in Ujjain) है, उज्जैन के दर्शनीय स्थल, उज्जैन जाने का खर्चा, उज्जैन में क्या प्रसिद्ध है, उज्जैन में कहा ठहरे और उज्जैन कब जाना चाहिए आदि के बारे में जानेंगे।

Table of Contents

उज्जैन के बारे में रोचक तथ्य

उज्जैन शहर देशभर में पर्यटक स्थलों की वजह से काफी ज्यादा फेमस है। यहां पर धार्मिक संस्कृति से संबंधित कई पर्यटक स्थल है, जहां रोजाना हजारों की संख्या में लोग भ्रमण करने के लिए आते हैं।

उज्जैन शहर में लगने वाला कुंभ मेला 12 साल में सिर्फ एक बार लगता है और इस कुंभ मेले में लाखों की संख्या में देश विदेशों से लोग भ्रमण के लिए आते हैं। यह मेला 12 दिन तक रहता है।

कहानियों के अनुसार ऐसा भी बताया जाता है कि अमृत की खोज करने के लिए देवताओं और राक्षसों के बीच एक होड़ लगी थी और इसी होड़ के अंदर एक दूसरे का पीछा करते हुए अमृत की एक बूंद उज्जैन शहर पर गिरी थी। इसीलिए आज भी इस शहर को पवित्र शहर की उत्पत्ति मिली हुई है।

साथ ही साथ इस शहर की लोकप्रियता कई विद्वान शासकों के वजह से भी है। उज्जैन में प्रसिद्ध राजा चंद्रगुप्त द्वितीय ब्रह्मगुप्त और भरतचार्य जैसे विद्वान शासक शासन कर चुके हैं। इनकी वजह से उज्जैन शहर की लोकप्रियता को चार चांद लग गये।

उज्जैन में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Ujjain Tourist Places in Hindi)

महाकालेश्वर मंदिर

महाकालेश्वर मंदिर जो हिंदुओं का सबसे पवित्र और उत्कृष्ट तीर्थ स्थान माना जाता है। महाकालेश्वर मंदिर जो मध्य प्रदेश के और रुद्र सागर झील के किनारे पर बसा हुआ है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के दिन विशाल मेले का आयोजन होता है।

Mahakaleshwar Jyotirlinga
Image: Mahakaleshwar Jyotirlinga

यहां पर की जाने वाली आरती सुबह 4:00 बजे देखने लायक होती है। उज्जैन में मंदिर परिसर में शांति बनाए रखने के लिए कई नियम बनाए गए हैं। उन नियमों को आरती देखने वाले हर भक्त को पालन करना पड़ता है। उज्जैन का यह मंदिर सुबह 4:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक खुला रहता है।

राम मंदिर घाट

उज्जैन में स्थित राम मंदिर घाट हिंदू धर्म के सभी लोगों के लिए एक धार्मिक पर्यटक स्थल माना जाता है। हिंदुओं के लिए राम घाट पर स्नान करना पुण्य का काम माना जाता है। उज्जैन में जो हर 12 वर्ष में कुंभ का मेला लगता है, उस मेले में आने वाले सभी भक्त राम मंदिर घाट पर स्नान करते हैं।

Image: Ram mandir ghat

ऐसा माना जाता है कि राम मंदिर घाट में स्नान करने पर मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं। राम मंदिर घाट का दृश्य सुबह और शाम के समय बड़ा ही मनमोहक होता है।

उज्जैन का कुंभ मेला

कुंभ मेला हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ माना जाता है। यह भारत में ही नहीं दुनियाभर में कुंभ मेला प्रसिद्ध है। उज्जैन में लगने वाला 12 वर्षीय कुंभ मेला जिसमें दुनिया भर के हिंदू बर्बाद कर आते हैं और यहां की पवित्र नदी में स्नान करते हैं।

उज्जैन में लगने वाला यह मेला 12 वर्ष में एक बार लगता है। परंतु एक बार लगने के बाद 12 दिनों तक चलता है। उज्जैन में शिप्रा नदी और सरस्वती नदी का महान संगम होता है और इस विशाल कार्निवल को कुंभ मेले का मुख्य स्थान भी माना जाता है।

Ujjain Simhastha
Image: Ujjain Simhastha

पिछला कुंभ मेला साल 2016 में उज्जैन में आयोजित हुआ था और अब आगे 2028 में उज्जैन में भव्य कुंभ मेले का आयोजन पुनः होगा। कुंभ मेले का दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है और उज्जैन में घूमने की जगह में कुंभ मेले का नाम सबसे पहले आता है।

उज्जैन का कलियादेह पैसेल

उज्जैन में स्थित कलियादेह पैलेस जो उज्जैन की धार्मिक संस्कृति को बढ़ावा देता है और धार्मिक रूप से काफी महत्व रखता है। इस पहले इसका निर्माण 1958 ईस्वी में किया गया था और उसके पश्चात पैलेस के दोनों तरफ नदी का पानी भरा गया।

इतिहास में ऐसा भी कहा जाता है कि जहांगीर और अकबर ने एक बार इस पैलेस का दौरा किया था। उसके पश्चात भी धारियों के शासनकाल में इस स्मारक को तोड़ दिया था। लेकिन माधवराव सिंधिया ने इस स्मारक की आंतरिक सुंदरता को देखकर इसे पुनः स्थापित करने का फैसला लिया।

Kaliyadeh Palace
Image: Kaliyadeh Palace

आज के समय में यह पहले पर्यटकों के लिए घूमने का सबसे सुनहरा पैलेस माना जाता है। यह किला सुबह 9:00 से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है। इस अवधि के दौरान हर पर्यटक इस किले के अंदर की सुंदरता से रूबरू हो सकता है।

उज्जैन का काल भैरव मंदिर

उज्जैन का यह काल भैरव मंदिर देशभर में काफी चर्चित है। फिर युवाओं के लिए प्राचीन हिंदू संस्कृति का एक बेहतरीन उदाहरण माना जाता है। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि भगवान शिव के उग्र रूप के रूप में काल भैरव का यह मंदिर उज्जैन में स्थित है। यहां पर प्रतिवर्ष सैकड़ों भक्तों का आना जाना लगा रहता है।

Shree Kaal Bhairav Mandir
Shree Kaal Bhairav Mandir

मंदिर परिसर के अंदर एक बरगद का पेड़ है और उस पेड़ के नीचे शिवलिंग की मूर्ति स्थापित है। काल भैरव के भक्तों के बीच यह धारणा रही है कि दिल से जो बात यहां पर मांगी जाती है, उनको फल अवश्य मिलता है। यहां पर हर महाशिवरात्रि को हजारों की संख्या में पर्यटक स्थल पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि के इस शुभ दिन पर विशाल मेले का आयोजन होता है।

डब्ल्यू डब्ल्यू एफ वाटर पार्क

उज्जैन में धार्मिक स्थल और मंदिर बहुत ज्यादा है, लेकिन भक्ति भाव के अलावा यदि रोमांटिक जगह की बात करें तो उज्जैन में डब्ल्यू डब्ल्यू एफ वाटर पार्क स्थित है, जो बच्चों के लिए और बड़ों के लिए बहुत ही रोचक स्थान है।

WWF-Water Park Resorts
Image: WWF Water Park Resorts

यदि आप तीर्थ स्थानों पर घूमने आए हैं और आपको अब कुछ पल मनोरंजन में गुजारने हैं, तो यह आपके लिए बेहतरीन जगह है। इस वॉटर पार्क आप अपने बच्चों और परिवार के साथ कुछ पल मनोरंजन के बिता सकते हैं। इसके बाद यहां पर रुकने का भी प्रबंध है। आप आराम से यहां घूमने के बाद ठहर सकते हैं।

भर्तहरी केव

उज्जैन के पर्यटक स्थलों की सूची में इस गुफा का नाम भी शामिल है, यह गुफा शिप्रा नदी के तट पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यहां राजा विक्रमादित्य के भाई भर्तहरी ने अपने आरामदायक जिंदगी और सुख-दुख संस्कारित रिश्ते नाते का मोह त्याग कर यहां ध्यान साधना की थी। राजा विक्रमादित्य के भाई के नाम के ऊपर ही इस गुफा का नाम भर्तहरी दिया गया।

Bhartrihari caves
Image: Bhartrihari caves

इतिहास के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भर्तहरी बहुत अधिक विद्वान पुरुष थे। आज भी उनकी समाधि स्थल को इसी गुफा के अंदर बनाया गया है। यहां का माहौल बहुत ही ज्यादा शांति का अनुभव प्रदान करवाता है। इसलिए उज्जैन घूमने वाले लोगों के लिए यह बेहतरीन पर्यटक स्थल है।

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वेधशाला और जंतर मंतर

उज्जैन में घूमने की जगह और पर्यटक स्थलों की सूची में वेधशाला और जंतर-मंतर का नाम भी शामिल है। इस वेधशाला का निर्माण सवाई जयसिंह ने 18वीं शताब्दी में किया था।

पुराने जमाने में यह वेधशाला कई खगोलीय पिंडों की गति और खगोलीय पिंडों की घटनाओं के रूप में प्रसिद्ध थी। उज्जैन की वेधशाला में आज के समय में भी खगोलीय पिंडों की गति और उनकी गणना ओं को मापने के लिए उपयोग होने वाले तेरा उपकरण सुरक्षित रूप से पड़े हैं।

Jantar Mantar
Image: Jantar Mantar

उज्जैन का प्रसिद्ध जंतर मंतर जिसका निर्माण 17वीं शताब्दी के दौरान राजा जयसिंह के द्वारा किया गया। शोध और अध्ययन के आधार पर और कई सूत्रों के आधार पर यह बताया जा रहा है कि कई ज्योतिषियों की मदद से 1719 में इस जंतर मंतर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। जंतर मंतर के माध्यम से खगोलीय पिंडों की स्थिति की गणना कई सालों पहले की गई थी।

उज्जैन का गोमती कुंड

यदि आप किसी भी शांतिपूर्ण वातावरण का भ्रमण करना चाहते हैं तो उसके लिए आपके पास उज्जैन में गोमती कुंड का एक बेहतरीन विकल्प रहता है। गोमती कुंड एक विशाल तालाब है, जो दुनिया के सभी पवित्र जल का मिश्रण है।

Gomati-Kund
Image: Gomati Kund

ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने सभी पवित्र जल को इस कुंड में मिलाकर इस गोमती कुंड का निर्माण करवाया था। गोमती कुंड के पास एक बड़ा सा आश्रम बना हुआ है। उस आश्रम में इसी पानी से जल की आपूर्ति की जाती है। यहां का वातावरण बहुत ही शानदार और शांत है।

चिंतामन गणेश मंदिर

उज्जैन की प्रसिद्ध शिप्रा नदी के किनारे बसे भगवान श्री गणेश जी का यह मंदिर काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। पुराने इतिहास और कई सूत्रों के आधार पर ऐसा बताया जा रहा है कि इस मंदिर में जो भगवान श्री गणेश जी की मूर्ति है, वह स्वयं प्रकट हुई थी। यह एक चमत्कारी मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।

Shri Chintaman Ganesh Temple
Image: Shri Chintaman Ganesh Temple

इस मंदिर में जाने से भक्तों के मन में एक धारणा रही है कि आपके मन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इसके अलावा उज्जैन शहर का यह सबसे बड़ा गणेश मंदिर है। यहां पर हजारों की संख्या में रोजाना श्रद्धालु आते हैं।

रिद्धि सिद्धि मंदिर

उज्जैन की रूद्र सागर तालाब के किनारे पर बसा रिद्धि सिद्धि मंदिर जिस की लोकप्रियता विश्व भर में छाई हुई है। यह वैश्य समाज का एक लोकप्रिय मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि विक्रमादित्य खुद इस मंदिर में पूजा किया करते थे।

Riddhi-Siddhi-Mandir
Image: Riddhi Siddhi Mandir

इस मंदिर से जुड़ा एक महत्वपूर्ण रोचक तथ्य यह भी है कि विक्रमादित्य के अलावा यहां पर कोई भी शासक विश्राम नहीं कर सकता है।

इसी वजह से आज भी यहां पर कोई भी मुख्यमंत्री या राजनेता एक रात के लिए इस मंदिर के आश्रम में या इस मंदिर में नहीं रुकता है। उज्जैन जाने वाले पर्यटकों के लिए यह एक बेहतरीन पर्यटक स्थल के रूप में माना जाता है।

हरसिद्धि मंदिर

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित हरसिद्धि मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस स्थान पर मां सती की कोहनी गिरी थी। मंदिर के प्रांगण में दो दीप स्तंभ है। यह दीप स्तंभ 51 फीट ऊंचे हैं। कहा जाता है कि इसका निर्माण उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य ने करवाई थी।

Ujjain Harsiddhi Temple
Ujjain Harsiddhi Temple

यह दोनों स्तंभ तकरीबन 2000 साल से भी अधिक पुराने हैं। मंदिर के दक्षिण पूर्व कोने में एक बावड़ी बनी हुई है। हरसिद्धि मंदिर में चार प्रवेश द्वार है। नवरात्रि के दौरान यहां पर श्रद्धालुओं की बहुत ज्यादा भीड़ होती है। उस दौरान भव्य यज्ञ और पाठ के साथ मां सती की पूजा अर्चना होती है।

पीर मत्स्येन्द्रनाथ

उज्जैन में स्थित मत्स्येंद्र नाथ भारत का प्राचीनतम योगियो का महत्वपूर्ण स्थान है। इस स्थान को सिद्ध भूमि माना जाता है। न केवल भारत बल्कि अन्य देशों से स्व ऋषि मुनि इस स्थान पर आकर अनुष्ठान और तांत्रिक साधना के लिए आते हैं।

कहा जाता है इसी स्थान पर राजा विक्रमादित्य ने बेताल से सिद्धि प्राप्त की थी। यहां पर एक वटवृक्ष है, जिसे सिद्धवट कहा जाता है। माना जाता है कि इसी वटवृक्ष के नीचे मां पार्वती ने अपने पुत्र कार्तिकेय को भोजन कराया था।

Pir Matsyendranath Ujjain
पीर मत्स्येन्द्रनाथ

यहां पर काल भैरव का एक मंदिर भी है। यह मंदिर बहुत ही चमत्कारी है। मंदिर की विशेषता यह है कि मूर्ति में कोई भी छेद ना होने के बावजूद जब प्रसाद से भरे बर्तन को मूर्ति के मुंह के पास लगाते हैं तो बर्तन खाली हो जाता है।

इस्कॉन मंदिर

इस्कॉन मंदिर उज्जैन से तकरीबन 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भगवान श्री कृष्ण को समर्पित एक खूबसूरत मंदिर है। मंदिर का निर्माण साल 2006 में किया गया था। मंदिर के निर्माण में पूरी तरीके से सफेद संगमरमर पत्थर का इस्तेमाल किया गया है।

इस मंदिर को राधा मोहन मदन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर में तीन गर्भ ग्रह है जिसमें राधा मोहन मदन, भगवान श्री कृष्ण और श्री गौरी नीताई की मूर्तियां स्थापित है। मंदिर के परिसर में धर्मशाला, कार्यालय, आवास, ब्रह्मचारी आश्रम शामिल है।

ISKCON Temple Ujjain
इस्कॉन मंदिर

मंदिर में कई हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां भी लगी हुई है। यहां पर खूबसूरत फूलों की क्यारियां और तुलसी उद्यान भी बना हुआ है। मंदिर में दिन भर हरे कृष्णा, हरे राम की धुन सुनने को मिलती है।

भारत माता मंदिर

बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित भारत माता मंदिर भारत वासियों का मातृभूमि के प्रति आस्था और प्रेम को दर्शाता है। 101 फीट ऊंचा यह मंदिर 3000 वर्ग फीट के क्षेत्रफल में बना हुआ है। मंदिर के निर्माण में धौलपुर के लाल पत्थर का इस्तेमाल किया गया है।

इस मंदिर में तीन मंजिला है। पहले मंजिल पर पुस्तकालय और ध्यान व योग करने के लिए बड़ा रूम बना हुआ है। दूसरे मंजिल पर डॉक्यूमेंट्री थिएटर और एक ऑडिटोरियम बना हुआ है। मंदिर के सबसे अंतिम व तीसरी मंजिल पर भारत माता की 16 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा बनी हुई है, जो संगमरमर से बना हुआ है और उसके आसपास के दीवारों पर नवदुर्गा स्वरूप की मूर्तियां है।

Bharat Mata Mandir Ujjain
भारत माता मंदिर

भारत माता के सर पर 1 किलोग्राम सोने का मुकुट लगा हुआ है। मंदिर के चारों ओर पांच दरवाजे बने हुए हैं। इस तरह चारों ओर से भारत माता के दर्शन कर सकते हैं।

मंगलनाथ मंदिर

उज्जैन में स्थित मंगलनाथ मंदिर उज्जैन के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर विशेष इसलिए है क्योंकि यहां पर अमंगल को मंगल करने वाले भगवान मंगल देव की पूजा होती है। इस मंदिर को लेकर लोगों की आस्था है कि यहां पर मंगल भगवान की पूजा अर्चना करने वाले हर जातक की कुंडली दोष दूर होती है।

Mangalnath Temple Ujjain
मंगलनाथ मंदिर

मंगलनाथ मंदिर सदियों पुराना है। लेकिन सिंधिया राजघराने के लोगों ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया है। इस मंदिर में मंगलनाथ भगवान की शिव रूपी प्रतिमा का पूजन होता है। यूं तो यहां पर हर दिन श्रद्धालु पूजा करने आते हैं लेकिन मंगलवार के दिन विशेष रूप से भक्तों का भीड़ देखने को मिलता है।

संदीपनी आश्रम, उज्जैन

उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर स्थित संदीपनी आश्रम एक पवित्र मंदिर है और उज्जैन में घूमने के लिए लोकप्रिय स्थानों में से एक है। इस मंदिर को महर्षि संदीपनि की याद में बनाया गया है। भगवान श्री कृष्ण, सुदामा और बलराम गुरु सांदीपनि से ही शिक्षा ग्रहण किए थे।

इस आश्रम में एक बड़ा सा पत्थर है, जिसमें 1 से 100 तक के अंक खुदे हुए हैं। कहा जाता है कि यह अंक स्वयं ऋषि सांदीपनि ने खुदे थे। इस आश्रम में और भी कई देवी देवता के मंदिर बने हुए हैं।

Sandipani Ashram Ujjain
संदीपनी आश्रम, उज्जैन

यहां पर 6000 साल पुराना एक शिवलिंग है, जिसकी पूजा गुरु सनदीपनि और उनके शिष्य किया करते थे। आश्रम में एक विशाल तालाब भी है, जिसे गोमती कुंड कहा जाता है, उसमें सीढी भी लगी हुई है।

चौबीस खंभा मंदिर

24 खंबा मंदिर उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित अति प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है। यहां पर महामाया और महालाया दो देवियों की प्रतिमाएं द्वार के दोनों किनारे पर स्थापित है। कहते हैं कि इनकी आराधना सम्राट विक्रमादित्य भी करते थे। नगर रक्षा के लिए यहां पर 24 खंबे लगे हुए हैं। इसीलिए इसे 24 खंबा दरवाजा कहते हैं।

Chaubis Khamba Temple Ujjain
चौबीस खंभा मंदिर

गोपाल मंदिर

उज्जैन का गोपाल मंदिर इस शहर का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। मंदिर की स्थापना दौलत राव सिंधिया की धर्मपत्नी वायजा बाई के द्वारा संवत 1901 में कराया गया था। मंदिर में भगवान द्वारकाधीश, मां पार्वती, शिवजी और गरुड़ भगवान की मूर्ति स्थापित है।

gopal mandir ujjain
गोपाल मंदिर

मंदिर में बने विशाल स्तंभ और उस पर किए गए सुंदर नक्काशी बहुत ही आकर्षक है। मंदिर के बाहर विशाल प्रांगण बना हुआ है, जहां पर श्रद्धालु आराम कर सकते हैं। यहां पर तीर्थ यात्रियों के लिए कई तरह की सुविधा उपलब्ध है।

गढ़कालिका मंदिर

उज्जैन में कालीघाट के पास स्थित काली माता की प्राचीन मंदिर गढ़ कालीका लोकप्रिय मंदिर है। गढ़ नामक स्थान पर होने के कारण ही इसे गढ़ कालीका मंदिर कहा जाता है। कहा जाता है इस मंदिर की स्थापना महाभारत काल में हुआ था। लेकिन मंदिर में स्थापित मूर्ति सतयुग काल की है।

Gadkalika Mandir ujjain
गढ़कालिका मंदिर

बाद में हर्षवर्धन के द्वारा इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया था। इस मंदिर के निकट में ही भगवान गणेश का प्राचीन और पौराणिक मंदिर स्थित है।

रालामंडल वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी

उज्जैन में समुद्र तल से तकरीबन 700 से अधिक मीटर की ऊंचाई पर स्थित रालामंडल वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी प्रकृति प्रेमियों के लिए एक खूबसूरत जगह है। यह सेंक्चुरी कई प्रवासी पंछियों का घर है।

Ralamandal Wildlife Sanctuary ujjain
रालामंडल वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी

यहां पर आप विभिन्न प्रजाति के पंछियों को देख सकते हैं। यहां पर आप जीप सफारी का भी आनंद उठा सकते हैं। हरियाली और ठंडी हवा के बीच इस सेंक्चुरी में ट्रैकिंग करने का एक अलग ही आनंद है।

जानापाव कुटी

उज्जैन से तकरीबन 98 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जानापाव कुटी प्रकृति प्रेमियों के लिए एक खूबसूरत जगह है। यह जगह तरह-तरह की जड़ी बूटियां के लिए प्रसिद्ध है। जानापाव कुट्टी चारों तरफ से ऊंचे ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है।

Janapav Kuti ujjain
जानापाव कुटी

उसके बीच से चंबल नदी बहती है। चारों तरफ हरियाली और पहाड़ों के बीच से बहती हुई चंबल नदी बहुत ही सुंदर दृश्य उत्पन्न करता है। यहां पर ट्रैकिंग के लिए कई पर्यटक आते हैं।

विक्रम विश्वविद्यालय एवं पार्क

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विक्रम विश्वविद्यालय एवं पार्क उज्जैन में देखने लायक खूबसूरत जगहो में से एक है। यह बहुत ही पुराना सार्वजनिक विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना 1957 में की गई थी।

Vikram University ujjain
विक्रम विश्वविद्यालय एवं पार्क

इसका नाम विक्रमादित्य के नाम पर रखा गया है, जो इस क्षेत्र में शासन किया करते थे। विश्वविद्यालय 300 एकड क्षेत्र में फैला हुआ है।

बिरला मंदिर

पूरे देश भर में कई सारे बिरला मंदिर बने हुए हैं। उज्जैन में बना बिरला मंदिर वास्तुकला की दृष्टि से बहुत ही खूबसूरत है। मंदिर का निर्माण जीडी बिरला के द्वारा किया गया है।

Birla temple ujjain
बिरला मंदिर

मंदिर के निर्माण में बलुए पत्थर का इस्तेमाल किया गया है और जटिल नक्किशी की गई है। मंदिर के आसपास विशाल हरा भरा बगीचा है और बीच में पानी का फव्वारा है, जो मंदिर की खूबसूरती को बढ़ाने में भूमिका निभाता है।

शनि मंदिर

उज्जैन में स्थित शनि मंदिर उज्जैन का बेहद ही प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर तकरीबन 2000 साल पुराना है और वर्तमान में भी सही तरीके से खड़ा है। यह पहला ऐसा नवगृह मंदिर है, जहां पर भगवान शनि देव को स्वयं भगवान शिव के रूप में पूजा जाता है। शनिवार के दिन इस मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ होती है।

Shani Mandir Ujjain
शनि मंदिर

उज्जैन में सबसे नजदीक कौन सा शहर है घूमने के लिए? (Places to visit Near Ujjain)

उज्जैन में घूमने के लिए 100 km में सबसे नजदीक जगह शहर हैं? (Places to Visit Near Ujjain Within 100 km)

  1. बड़ा गणपति टेंपल
  2. अटल बिहारी वाजपेई रीजनल पार्क
  3. छतरी बाग
  4. अन्नपूर्णा मंदिर इंदौर
  5. बिजासन टेकरी टेंपल
  6. देव गुराडिया शिवा मंदिर
  7. गजानन महाराज टेंपल
  8. गांधी हॉल इंदौर
  9. गोमटगिरी इंदौर
  10. गोपाल मंदिर इंदौर
  11. इंदौर म्यूजियम
  12. जानापाव कुटी
  13. इंदौर व्हाइट चर्च
  14. कांच मंदिर टेंपल
  15. कृष्णा पूरा छतरी
  16. लाल बाग म्यूजियम
  17. कमला नेहरू इंदौर जू
  18. महाविष्णु धाम
  19. मेघदूत गार्डन
  20. रजवाड़ा
  21. खजराना गणेश मंदिर
  22. विक्रम कीर्ति मंदिर
  23. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का उज्जैन
  24. राम मंदिर घाट उज्जैन
  25. मंगल नाथ टेंपल
  26. काल भैरव टेंपल
  27. हरसिद्धि टेंपल
  28. चिंतामन गणेश टेंपल उज्जैन

कपल्स के लिए उज्जैन में घूमने की जगह (Places to Visit in Ujjain for Couples)

  • श्री महाकालेश्वर टेंपल
  • हरसिद्धि टेंपल
  • संदीपानी आश्रम
  • कालभैरव टेंपल
  • गधकालिका टेंपल
  • रामघाट
  • इस्कॉन टेंपल
  • चिंतामन गणेश टेंपल

उज्जैन में शॉपिंग प्लेस कौनसे है?

उज्जैन में काफी अच्छे मार्केट उपलब्ध है, जहां से आप सफेद पत्थर की मूर्ति, चंदेरी रेशम साड़ी तथा हस्तशिल्प आभूषण ले सकते हैं। यहां पर आपको भारत की सभ्यता को प्रदर्शित करने वाली कलाकृतियां‌ मिल जाएगी।

  • गोपाल मंदिर मार्ग मार्केट
  • पाकीजा मॉल
  • Treasure Bazaar
  • ट्रेडिशनल बाजार
  • बाफना स्वीट्स एंड नमकीन

उज्जैन में खाने के लिए क्या फेमस है?

मध्य प्रदेश में स्थित उज्जैन शहर में खाने में बहुत सारे स्पेशल पकवान उपलब्ध है। नाश्ते में मध्यप्रदेश का पोहा सबसे अधिक फेमस है। उज्जैन में अधिकतर शाकाहारी भोजन मिलता है। उज्जैन शहर में पंजाबी और राजस्थानी खाने की झलक भी देखने को मिलती है।

इसके साथ ही उज्जैन शहर में साउथ इंडियन फूड भी हर पर्यटक स्थल पर मौजूद है। उज्जैन में दाल फाफड़ा, मालपुआ, मावा बाटी दाल बाटी, दाल बाफले जैसे कई स्वादिष्ट पकवान और भोजन खाने के लिए मिलते हैं और उज्जैन में इन पकवानों को फेमस माना जाता हैं। बाबा महाकाल का प्रिय पेय भांग यहां का सबसे स्वादिष्ट पदार्थ माना जाता है।

यह भी पढ़े: 10+ चित्रकूट में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय

उज्जैन में रुकने की जगह

यदि आप सोच रहे हैं कि उज्जैन में कहा ठहरे तो उज्जैन शहर की लोकप्रियता देश भर में प्रसिद्ध है। यहां पर रुकने की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि हर पर्यटक स्थल से जुड़ा कोई न कोई आश्रम यार रेस्टोरेंट आपको अवश्य मिल जाएगा, जहां पर आप आराम से रुक सकते हैं।

इसके अलावा उज्जैन शहर में हजारों की संख्या में होटल और रूम की व्यवस्था आपको मिल जाएगी। महाकालेश्वर मंदिर में भक्त निवास आश्रम बना हुआ है, जहां पर आप रूम बुक कर सकते हैं। इसी प्रकार से उज्जैन में जितने भी पर्यटक स्थल है, लगभग सभी पर्यटक स्थलों पर आश्रम है। बाहर रुकने की सुविधा भी मौजूद है, जहां आप प्राइवेट होटलों में रुक सकते हैं।

उज्जैन घूमने के लिए सबसे बेहतरीन समय

गर्मियों के मुकाबले उज्जैन में भ्रमण करने के लिए सर्दियों का समय अच्छा माना जाता है। अक्टूबर से लेकर मार्च के बीच यहां का तापमान लगभग 20 डिग्री सेल्सियस रहता है।

गर्मियों के मुकाबले सर्दियों का यह समय घूमने का एक अलग आनंद देता है। गर्मियों में यहां का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। साधारण तौर पर यह तापमान थोड़ा ज्यादा हैं।

उज्जैन कैसे पहुंचे?

उज्जैन मध्य प्रदेश में स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग हवाई मार्ग तीनों में से किसी भी रास्ते को अपना सकते हैं। आइए जानते हैं, तीनों के बारे में:

सड़क मार्ग के द्वारा उज्जैन कैसे पहुंचे?

उज्जैन जाने के लिए सड़क मार्ग सबसे सुलभ रास्ता मारा जाता है और ज्यादातर लोग इसी का प्रयोग करते हैं क्योंकि व्यक्ति हर पर्यटक स्थल के पास पहुंचने की सुविधा देखता है। ऐसे में सड़क मार्ग सबसे बेहतरीन ऑप्शन माना जाता है।

यहां आपको सार्वजनिक बसें निजी बसों की सुविधा मिल जाएगी, जिनके मदद से आप हर पर्यटक स्थल पर सड़क के माध्यम से पहुंचकर आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा अपने निजी वाहन को लेकर भी आप सड़क मार्ग के माध्यम से उज्जैन का भ्रमण कर सकते हैं और उज्जैन पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग के द्वारा उज्जैन कैसे पहुंचे?

उज्जैन शहर में बहुत बड़ा रेलवे स्टेशन बना हुआ है। पूरे भारत से लगभग सभी क्षेत्रों से उज्जैन के लिए ट्रेन सुविधा उपलब्ध है। भारत के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन से उज्जैन का रेल मार्ग पूरी तरह से जुड़ा हुआ है।

इसके अलावा किसी शहर से डायरेक्ट उज्जैन के लिए ट्रेन नहीं है तो आप भोपाल, मालवा, इंदौर और दिल्ली के रास्ते ट्रेन चेंज करके रेल मार्ग के माध्यम से उज्जैन पहुंच सकते हैं।

हवाई मार्ग के द्वारा उज्जैन कैसे पहुंचे?

उज्जैन शहर में कोई हवाई अड्डा मौजूद नहीं है। लेकिन उज्जैन शहर से 55 किलोमीटर दूर इंदौर में देवी हरिया बाई होलकर हवाई अड्डा मौजूद है। यह महज उज्जैन से 55 किलोमीटर दूर स्थित है। इंदौर के लिए हर लोकप्रिय शहर से प्रतिदिन फ्लाइट रहती है।

इसके अलावा आप वाया फ्लाइट के माध्यम से भी इंदौर पहुंच सकते हैं और इंदौर के हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद आप गाड़ी किराए पर लेकर उज्जैन पहुंच सकते हैं या अन्य रास्तों से उज्जैन पहुंच सकते हैं। इंदौर से उज्जैन के लिए आपको ट्रेन सुविधा भी मिल जाएगी।

भारत के मुख्य शहरों से उज्जैन की दूरी

शहर का नामउज्जैन की दूरी (KM में)
दिल्ली802.1
जयपुर511.7
जोधपुर564.8
कोलकाता1,659.7
मुंबई636.2
बैंगलोर1,395.0
अहमदाबाद394.1
हैदराबाद1,040.4
चेन्नई1,665.8

उज्जैन के प्रसिद्ध रेस्टोरेंट और भोजनालय

उज्जैन शहर काफी बड़ा शहर है और यहां पर बहुत सारे प्रसिद्ध रेस्टोरेंट और भोजनालय मौजूद है। इसके बारे में सूची नीचे निम्नलिखित रुप से दी गई है

  • श्री गंगा रेस्टोरेंट
  • धर्मशाला
  • स्वरुचि रेस्टोरेंट
  • न्यू सुदामा रेस्टोरेंट्स
  • मदक रेस्टोरेंट
  • मेघदूत पंजाबी ढाबा
  • अपना स्वीट्स उज्जैन

उज्जैन कैसे घूमे?

उज्जैन शहर में पर्यटन स्थलों पर कैसे घूम सकते हैं। इसके बारे में यदि हम बात करें तो यदि आप रेल और हवाई मार्ग के माध्यम से उज्जैन पहुंच रहे हैं तो आपको मुख्य रूप से कोई ना कोई गाड़ी की जरूरत रहेगी, जिसके माध्यम से आप उज्जैन के अलग-अलग पर्यटक स्थलों पर पहुंचकर यहां का आनंद उठा सकते हैं।

इसके अलावा यदि आप सड़क मार्ग के माध्यम से पहुंचते हैं तो आपको एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए निजी बस मिल जाएगी। साथ ही साथ आप वहां से पर्सनल वाइटल किराए पर लेकर भी आप उज्जैन के पर्यटक स्थलों पर घूम सकते हैं।

इसके अलावा यदि आप अपना खुद का गाड़ी लेकर उज्जैन घूमने के लिए जाते हैं तो आपको किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। आप अपनी इच्छा अनुसार हर पर्यटक स्थल पर आराम से पहुंच सकते हैं।

उज्जैन घूमने का खर्चा

किसी भी पर्यटक स्थल पर घूमने से पहले आप की लोकेशन कहां है और आप की लोकेशन से उज्जैन कितना दूर है, उसी आधार पर खर्चे का कैलकुलेशन होता है। उज्जैन जाने का खर्चा (ujjain jane ka kharcha) और खाने के लिए ज्यादा खर्चा नहीं होता है।

यहां आप ₹400 से लेकर 1200 रुपए में आराम से किसी भी होटल में रुम लेकर रह सकते हैं और खाने के लिए आपको प्रति प्लेट रेट ₹100 से लेकर ₹300 तक देना होता है।

इसके अलावा रेल मार्ग, हवाई मार्ग और सड़क मार्ग इनमें से कौन से रास्ते का चयन करते हुए आप उज्जैन पहुंचते हैं। उस आधार पर खर्चे का अनुमान लगाया जाता है। उज्जैन के 8 से 10 पर्यटक स्थलों में घूमने पर आपको अनुमानित ₹20000 से ₹25000 का खर्चा आ सकता है।

इसके अलावा यदि आप तीन-चार दिन ज्यादा ठहरते हैं, तो आपको इसे अधिक खर्चा भी आ सकता है। यदि आप हवाई मार्ग के माध्यम से उज्जैन पहुंचते हैं तो उस कंडीशन में भी आपका खर्चा अधिक आ सकता है।

उज्जैन घूमते समय साथ में क्या रखें?

उज्जैन का भ्रमण करने के लिए यदि आप दिसंबर या जनवरी के समय जाते हैं तो आपको एक स्वेटर साथ में रखने की जरूरत रहेगी क्योंकि दिसंबर और जनवरी का माहौल थोड़ा ज्यादा ठंडा रहता है।

इसके अलावा यदि आप गर्मियों में जाते हैं, तो आप पानी की व्यवस्था साथ में रख सकते हैं या आपके साथ बुजुर्ग हैं तो उनके सुविधा अनुसार कुछ खाने के लिए भी रख सकते हैं। ऐसे उज्जैन में हर 3-4 किलोमीटर के अंदर कोई न कोई होटल और ढाबा आपको जरूर मिल जाएगा, जहां पर आप खाना खा सकते हैं।

निष्कर्ष

उज्जैन में कोई भी बड़ा या अलीशान होटल आपको नहीं मिलेगा, लेकिन यहां एक धार्मिक महत्त्व का नगर है। इसलिए यहां कुछ अच्छी और सुविधाजनक धर्मशालाएं छोटे-मोटे अनेक होटल लॉज तथा अतिथि गृह जैसी सुविधाएं सैकड़ों मिल जाएगी, जिससे आपकी यात्रा सुखद में होगी।

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर जो पर्यटक स्थलों की भूमि माना जाता है। पर्यटक स्थल अधिक होने की वजह से उज्जैन शहर प्रसिद्ध भी है। इस आर्टिकल में उज्जैन में घूमने की जगह (Ujjain Me Ghumne ki Jagah) और उज्जैन के कई पर्यटक स्थलों के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है।

हमें पूरी उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं।

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