Shillong Me Ghumne ki Jagah : भारत में देखने लायक बहुत से प्रसिद्ध और दर्शनीय पर्यटन स्थल मौजूद हैं, जिनमें से एक है शिलांग। शिलांग भारत के हिमालय राज्य में मौजूद एक बेहद सुंदर शहर है, जो कि अपनी सुंदरता के कारण देश विदेश में विख्यात हैं। शिलांग भारत के उत्तर पूर्वी भाग में मौजूद एक हिल स्टेशन है। शिलांग को ‘झीलो के शहर’ और ‘बादलों के निवास’ के नाम से भी जाना जाता है।
शिलांग में मौजूद पर्यटन स्थल मेघालय के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करती हैं। शिलांग अपनी सुंदरता, भारी वर्षा, गुफाएं, झरने, अद्भुत दृश्य, संस्कृति, इत्यादि चीजों के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यदि आप भी शिलांग की यात्रा करने का प्लान कर रहे हैं, तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पड़े।
आज हम आप सभी को अपने इस आर्टिकल के माध्यम से शिलांग में घूमने की जगह के बारे में बताएंगे और इस शहर से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में भी बताएंगे, जो कि आपकी यात्रा के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। तो चलिए बिना समय गवाएं इस विषय के बारे में जानते हैं।
शिलांग में घूमने की जगह | Shillong Me Ghumne ki Jagah
शिलांग के बारे में रोचक तथ्य
भारत में एक से एक पर्यटन स्थल मौजूद है, जो कि अपनी सुंदरता और दर्शनीय स्थलों के साथ साथ अपने रोचक तथ्यो के कारण भी प्रसिद्ध है। ठीक इसी तरह से शिलांग से जुड़े हुए भी कुछ रोचक तथ्य मौजूद हैं, जो कि इस शहर को और भी जानकार बनाने के लिए मददगार हैं। तो चलिए शिलांग से जुड़े हुए रोचक तथ्यों के बारे में जानते हैं –
- शिलांग भारत के उत्तर पूर्वी भाग में मौजूद एक हिल स्टेशन है, जो कि हिमालय राज्य की राजधानी है।
- ब्रिटिश शासन के दौरान ब्रिटिश शाही अधिकारियों द्वारा शिलांग को “पूर्व का स्कॉटलैंड” नाम दिया था।
- शिलांग को ‘झीलों का शहर’ और ‘बादलों के निवास’ के नाम से भी जाना जाता है।
- शिलांग अपनी सुंदरता, भारी वर्षा, गुफाएं, ऊंचे ऊंचे झरने, अद्भुत दृश्य, संस्कृति, कला, इत्यादि चीजों के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
- शिलांग शहर का नाम U-Shyllong नामक देवता के नाम पर रखा गया है।
- शिलांग भारत देश का पहला हिल स्टेशन है, जहां चारों तरफ से पहुंचा जा सकता है।
शिलांग में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Shillong Tourist Places in Hindi)
शिलांग भारत में मौजूद सबसे सुंदर जगहों में से एक है, जहां घूमने फिरने के लिए हर साल लाखों लोगों का आना जाना लगा रहता है। तो चलिए शिलांग में मौजूद कुछ अद्भुत, दर्शनीय, और पर्यटन स्थलों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
उमियम झील
उमियाम झील शिलांग के बेहतरीन पर्यटन स्थलों में से एक है। यह झील एक मानव निर्मित जलाशय है। उमियम झील का निर्माण जल विद्युत शक्ति उत्पन्न करने के लिए किया गया था, जो कि शिलांग के उत्तर से 15 किलोमीटर क्यों चाय पर पहाड़ियों में स्थित है।
उमियम झील के स्थान पर से सूर्योदय का नजारा देखने लायक होता है। और इस झील के पास में एक पार्क भी मौजूद है, जो कि एक पिकनिक स्पॉट की तरह कार्य करता है।
एलीफेंट फॉल्स
एलिफेंट फॉल्स शिलांग शहर में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले झरने में से एक है। यह मेघालय राज्य का एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है। एलिफेंट फॉल्स शिलांग शहर में मौजूद दो स्तरीय जलप्रपात है। झरने के पास हाथी के आकार की एक चट्टान मौजूद थी जिसके कारण इस झरने को अंग्रेजों द्वारा एलीफेंट फॉल्स नाम दिया गया।
परंतु अभी के समय में भूकंप के कारण वह चट्टान नष्ट हो चुकी है। एलीफेंट फॉल्स को स्थानीय लोगों द्वारा ‘तीन चरणों वाला झरना’ भी कहा जाता है। एलिफेंट फॉल्स के आसपास का वातावरण भी काफी ज्यादा मनमोहक है।
शिलांग पीक
शिलांग पीक शिलांग शहर में मौजूद देखने लायक बेहतरीन पर्यटन स्थलों में से एक है। शिलांग पीक शिलांग की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। इस जगह से शिलांग शहर को देखने पर एक काफी मनोरम दृश्य प्रस्तुत होता है।
यहां के स्थानीय लोगों द्वारा माना जाता है कि इस पर्वत पर देवता लीशिलांग का वास है। और इतिहासकारों के अनुसार इस पर्वत के कारण ही इस शहर का नाम शिलांग पड़ा है। यह पर्वत वायु सेना के बेस के पास स्थित है।
वार्डस झील
वार्डस झील शिलांग में मौजूद एक कृत्रिम झील है। जिसे स्थानीय रूप से पोलक झील या नॉन पोलक झील के नाम से भी जाना जाता है। यह झील चारों तरफ से वनस्पतिक उद्यानो से घिरा हुआ है।
इस झील पर लकड़ी का एक ब्रिज है, और यहां पर नौका विहार की भी सुविधा उपलब्ध है। वार्डस झील का नाम असाम के मुख्य आयुक्त सर विलियम वार्ड के नाम पर रखा गया है। झील के चारों और पूरे शहर की योजना बनाई गई है।
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डॉन बोस्को म्यूजियम
डॉन बोस्को म्यूजियम मावली फुदामुरी में स्थित है। डॉन बोस्को म्यूजियम को उत्तर पूर्वी भारत के सबसे सुंदर संस्कृति और परंपराओं के घर के रूप में जाना जाता है। इस म्यूजियम के अंतर्गत एशिया के स्वदेशी संस्कृतियों का भी समावेश है। इसी कारण से यह म्यूजियम एशिया के स्वदेशी संस्कृतियों के सबसे बड़े संग्रहालय के रूप में प्रसिद्ध है।
डॉन बोस्को म्यूजियम अपने स्वयं के अनुसंधान विंग, प्रकाशन, समाचार पत्र और सांस्कृतिक कैलेंडर के साथ एक संस्थान का रूप है। इस म्यूजियम के अंतर्गत प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है, जिसमें देश भर के संगीतकार, लेखक, गीतकार, विद्वान, इत्यादि शामिल होते हैं।
लैटलम घाटी
लैटलम कैन्यन शिलांग के दर्शनीय स्थल के खासी पहाड़ियों में बसा हुआ है। लैटलम घाटी पहाड़ों के अंत को भली भांति दर्शाता है। यह जगह ट्रेकिंग उत्साही, प्रकृति प्रशंसकों और शांति चाहने वालों के लिए एक एक बहुत ही अच्छा पर्यटन स्थल है।
इस घाटी की ऊंचाइयों पर जाते हैं पूरे शहर का एक अद्भुत और बेहद खूबसूरत दृश्य देखने को मिलता है। इस जगह के आसपास की सुंदरता और शांति काफी ज्यादा मनमोहक प्रतीत होता है।
कैथेड्रल चर्च शिलांग
कैथेड्रल चर्च शिलांग की सबसे प्रसिद्ध चर्च में से एक है। यहां पर मदर मैरी की मूर्ति के साथ सफेद संगमरमर की भव्य इमारत स्थित है। यह जगह शिलांग के सबसे प्रसिद्ध घूमने लायक जगह में से एक है।
कैथेड्रल चर्च के अंतर्गत, क्रॉस के कुछ खूबसूरत टेराकोटा स्टेशन मौजूद हैं, जो यीशु के जीवन की घटनाओं को प्रदर्शित करता हैं।
लेडी हैदरी पार्क
लेडी हैदरी पार्क शिलांग के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। इस पार्क का नाम प्रांत की पहली महिला लेडी हैदरी के नाम पर रखा गया है। इस पार्क के अंतर्गत एक काफी अच्छे गार्डन का निर्माण किया गया है, और बच्चों के खेलने के लिए भी काफी अच्छी व्यवस्था की गई है।
और तो और इस पार्क के अंतर्गत एक मिनी चिड़ियाघर का निर्माण भी किया गया है, जिसमें पक्षियों की 73 से अधिक प्रजातियां और सरीसृप की 100 प्रजातियां शामिल हैं।
शिलांग का प्रसिद्ध स्थानीय भोजन
शिलांग अपने पर्यटन स्थलों के साथ साथ व्यंजनों के लिए भी काफी अधिक प्रसिद्ध है। यहां पर खाने के लिए बहुत से व्यंजन देखने को मिलते हैं जैसे कि-
- मोमोज
- दोह-खलीह
- जादोह शिलांग
- नखम बिच्ची
- डोहनेइओंग
- पुमालोई
- मिनिल सोंगा
- पुथारो
- पुखलीन
- शीर सेवन, इत्यादि।
वैसे तो शिलांग में खाने लायक काफी अच्छे और स्वादिष्ट व्यंजन देखने को मिलता है। परंतु शिलांग शहर के प्रसिद्ध और स्थानीय भोजन में जदोह, तुंगरामबाई, क्यात, कटुंग और कीकटू जैसे कुछ बेहतरीन स्थानीय व्यंजन शामिल हैं। जिन्हें शिलांग की यात्रा के दौरान जरूर आजमाना चाहिए।
शिलांग में रुकने की जगह
शिलांग शहर की यात्रा करने के लिए कम से कम 4 से 5 दिन का समय लगता है। तो इस दौरान आपको शिलांग में रहने के लिए बहुत से रिजॉर्ट, होटल, या लॉज इत्यादि चीजो की सुविधा देखने को मिलेंगी, जो कि लोगों के बजट के अनुसार उपलब्ध होती है। आप शिलांग की यात्रा के दौरान अपने बजट के अनुसार किसी भी होटल या लॉज में रुक सकते हैं।
शिलांग घूमने के लिए सबसे अच्छा समय
शिलांग एक बहुत ही सुंदर शहर है, यह अपनी सुंदरता और अद्भुत प्राकृतिक दृश्यों के कारण काफी ज्यादा विख्यात है। वैसे तो शिलांग शहर को हर मौसम में घूमा जा सकता है, परंतु शिलांग शहर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय गर्मियों के मौसम को माना गया है क्योंकि इस मौसम के दौरान शिलांग का तापमान यात्रियों के अनुकूल होता है।
गर्मियों में मौसम भी काफी अच्छा घूमने लायक होता है और इसके अलावा भी वे सभी लोग जिन्हें बरसात का मौसम पसंद होता है, और वे मानसून के मौसम का अनुभव करना चाहते हैं, तो उन लोगों के लिए जून से अगस्त तक का महीना शिलांग का दौरा करने के लिए बेहतर होता है।
शिलांग कैसे पहुंचे?
शिलांग शहर भारत के उत्तर पूर्वी भाग में मौजूद हिमालय राज्य में स्थित है। यहां पहुंचने के लिए यातायात की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। आप शिलांग शहर जाने के लिए रेल, सड़क, या हवाई मार्ग में से किसी भी साधन का इस्तेमाल कर सकते हैं। तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-
रेल मार्ग: आप शिलांग शहर जाने के लिए रेल मार्ग का इस्तेमाल कर सकते हैं यह यात्रा करने के लिए एक काफी अच्छा साधन है। शिलांग शहर को जोड़ने वाला सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन गुवाहाटी रेलवे स्टेशन है।
आप शिलांग शहर पहुंचने के लिए अपने स्थानीय जगह से गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के लिए निकल सकते हैं और गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आप किसी भी यातायात साधन के माध्यम से शिलांग शहर की यात्रा कर सकते हैं।
सड़क मार्ग: शिलांग शहर बहुत से प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग के माध्यम से भी जुड़ा हुआ है। तो आप शिलांग शहर की यात्रा करने के लिए सड़क मार्ग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कई सारे बसें और टैक्सी यात्रियों को गुवाहाटी से शिलांग तक ले जाने के लिए उपलब्ध होती हैं।
हवाई मार्ग: आप शिलांग शहर तक पहुंचने के लिए हवाई मार्ग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हवाई मार्ग के माध्यम से यात्रा करना काफी ज्यादा सुविधाजनक और आसान होता है। गुवाहाटी शिलांग राजमार्ग पर शिलांग से उमरोई 30 किलोमीटर पर एक हवाई अड्डा है। जिसके माध्यम से आप शिलांग शहर तक पहुंच सकते हैं।
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शिलांग कैसे घूमे?
शिलांग शहर घूमने के लिए सबसे पहले आपको यातायात साधनों के बारे में जानकारी लेना होगा। उसके बाद आपको यह प्लान करना होगा कि आप शिलांग शहर में सबसे पहले किस जगह पर घूमना चाहते हैं।
इसके अलावा भी आपको शिलांग शहर से जुड़े हुए खानपान की व्यवस्था, रहने की व्यवस्था, खर्च, इत्यादि के बारे में भी जरूर जाना चाहिए। इन सभी बातों के बारे में जानकारी होने के बाद आप अपनी यात्रा को मंगलमय रूप से पूर्ण कर सकते हैं।
शिलांग घूमने का खर्चा
शिलांग शहर की यात्रा के दौरान लगने वाले खर्च में बहुत सी चीजें शामिल हैं जैसे कि- यातायात खर्च, खाने पीने का खर्च, रहने की व्यवस्था, खरीदारी करने का खर्च, घूमने फिरने का खर्च, इत्यादि। तो इन सभी खर्चों को देखते हुए यदि आप अकेले शिलांग की यात्रा में निकले हैं, तो आपको कम से कम ₹5000 से लेकर के 7 हजार रुपए तक का खर्चा लग सकता है।
इसके अलावा यदि आप अपने पूरे परिवार के साथ शिलांग की यात्रा करने जा रहे हैं, तो आपको कम से कम 15 से ₹20000 रुपए तक का खर्चा लग सकता है। और आपकी यात्रा के दौरान लगने वाला यह खर्चा आपकी जरूरतों के अनुसार कम या ज्यादा भी हो सकता है।
शिलांग घूमते वक्त अपने साथ क्या रखें?
किसी भी यात्रा के दौरान आपको अपने साथ कुछ जरूरी चीजें जरूर रखनी चाहिए जैसे कि- कुछ कपड़े, गर्म कपड़े, पानी बोतल, फर्स्ट एड बॉक्स, कुछ दवाइयां और जरूरत की चीजें इत्यादि। यह सभी चीजें यात्रा के दौरान जरूर काम आते हैं।
FAQ
शिलांग में घूमने लायक उमियम झील, एलिफेंट फॉल्स, शिलांग पीक, डॉन बॉस्को म्यूजियम, लेडी हैदरी पार्क, कैथेड्रल चर्च शिलांग, लैटलम घाटी, वार्डस झील, जैसे इत्यादि जगहे प्रसिद्ध है।
शिलांग शहर की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय गर्मियों के मौसम को माना जाता है। और इसके अलावा मॉनसून प्रेमियों के लिए शिलांग की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय जून से अगस्त का महीना होता है।
शिलांग शहर का प्रसिद्ध और स्थानीय भोजन जदोह, तुंगरामबाई, क्यात, कटुंग और कीकटू जैसे इत्यादि भोजन शामिल है।
शिलांग अपनी सुंदरता, भारी वर्षा, गुफाएं, झरने, अद्भुत दृश्य, संस्कृति, कला, मनमोहक वातावरण, इत्यादि चीजों के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
शिलांग शहर की यात्रा करने के लिए कम से कम 4 से 5 दिन पर्याप्त होते हैं।
निष्कर्ष
वर्तमान समय में लगभग सभी लोगों को घूमना फिरना काफी ज्यादा पसंद होता है। और लोगों की इसी घूमने फिरने की जरूरत को देखते हुए आज हमने आप सभी को अपने इस आर्टिकल के माध्यम से शिलांग में घूमने की जगह (Shillong Me Ghumne ki Jagah) के बारे में बताया है। और इससे जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में भी बताया है।
आशा करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा और आपको हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से शिलांग में घूमने की जगह के बारे में काफी अच्छी जानकारी प्राप्त हुई होगी, जोकि आपकी यात्रा के लिए फायदेमंद साबित होगा।
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