अगर आपको हिल स्टेशन पर घूमना अच्छा लगता है तो रानीखेत आपके लिए एक बेहतरीन जगह हो सकता है। यह एक प्राचीन हिल स्टेशन है, जिसे अंग्रेजों के द्वारा उत्तराखंड में बनाया गया था। इस हिल स्टेशन की खूबसूरती का मुख्य वजह यह कि शांत जलवायु और प्राकृतिक सुंदरता है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड का रानीखेत इलाका हिमालय के पहाड़ को और उसके निचले जंगलों को जोड़ने का कार्य करता है। अगर आप ranikhet me ghumne ki jagah ढूंढ रहे है ताकि आप अपनी बेहतरीन छुट्टी का आनंद उठा सके तो आज के लेख में हमेशा स्थान के बारे में संपूर्ण जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
भारत के अधिकांश इलाकों में गर्मी काफी अधिक मात्रा में होती है। मगर भारत का उत्तरी इलाका जो हिमालय और उत्तराखंड से जुड़ा हुआ है, वहां गर्मि काफी कम होती है, जिस वजह से गर्मी के दिन में लोग हिल स्टेशन घूमने के लिए जाते है।
अगर इस बार की छुट्टी में आपने भी रानीखेत घूमने का इरादा बनाया है, तो रानीखेत में घूमने की जगह रुकने की जगह और भी विभिन्न प्रकार की जानकारी लेना आवश्यक है जिसके बारे में आज के लेख में विस्तार पूर्वक बताया गया है।
इस लेख में रानीखेत कहां है, रानीखेत पर्यटन स्थल (ranikhet places to visit), रानीखेत के दर्शनीय स्थल, रानीखेत कैसे जाएं, रानीखेत जाने का सही समय आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे
रानीखेत के बारे में रोचक तथ्य
जब आप किसी स्थान पर घूमने जाते हैं तो यह आवश्यक होता है कि आप उस स्थान से जुड़े विभिन्न प्रकार के तथ्य को समझें और उसके बारे में संपूर्ण जानकारी रखें ताकि उस इलाके के संस्कृति और विचार को समझ सके।
इस बात को ध्यान में रखते हुए रानीखेत से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य नीचे बताए गए हैं, उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें।
- रानीखेत एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है, जिसे अंग्रेजों द्वारा निर्माण किया गया था।
- रानीखेत उत्तराखंड के उत्तरी क्षेत्र में स्थित है, जो हिमालय के पहाड़ और उसके निचले खेतों को जोड़ने का कार्य करता है। इस वजह से वहां ठंडे पहाड़ और हरे-भरे नजारे मौजूद है, जो उसे आकर्षण का केंद्र बनाते हैं।
- आज से कई वर्ष पहले राजपूतों के राजा सुखदेव और रानी पद्मिनी जगह पर घूमने आए थे, जिन्हें यह स्थान काफी आकर्षित लगा था। इस वजह से स्थानीय लोग के अनुसार रानी पद्मिनी ने अपने महल का निर्माण रानीखेत में किया था।
- लेकिन वर्तमान में यहां पर कोई भी महल नहीं है और ना ही कोई निशानी है महल के होने की। कुछ लोगों का मानना है कि अंग्रेजों ने यहां पर अपनी छावनी स्थापित की थी और उन्होंने उस महल को नष्ट कर दिया था।
- रानीखेत नाम का हिल स्टेशन देवदार और बबूल के पेड़ों से घिरा हुआ है और यह काफी ऊंचाई पर स्थित है। इस वजह से वहां से नजारा काफी खूबसूरत लगता है।
रानीखेत में घूमने की जगह (Ranikhet Me Ghumne ki Jagah)
रानीखेत उत्तराखंड के उत्तरी इलाके में मौजूद है। यह इलाका अपनी मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता की वजह से वर्तमान ही नहीं बल्कि भारतीय इतिहास में भी जगह रखता है।
यह स्थान राजपूतों के महान राजा सुखदेव और पद्मिनी से संबंधित है। इसके अलावा यह अंग्रेजों की प्रमुख छावनी में से एक हुआ करता था।
रानीखेत भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट का हिस्सा है, जिस वजह से यह और भी प्रसिद्ध है। यहां पर कुमाऊं रेजिमेंट के योद्धा अपने भारतीय युद्ध इतिहास का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न प्रकार के हथियार और युद्ध अवशेषों का एग्जीबिशन करते हैं।
अगर आपको ठंड सुंदर और खूबसूरत हरा भरा इलाका देखना अच्छा लगता है तो रानीखेत आपके लिए एक आकर्षक जगह हो सकती है। आपको रानीखेत में घूमने की जगह (ranikhet tourist places in hindi) का वर्णन करते हुए नीचे कुछ प्रमुख स्थानों की सूची दी गई है, उसे ध्यानपूर्वक पढ़ें।
रानीखेत बगीचा
रानीखेत अपने प्राकृतिक सुंदरता की वजह से भारत में आए पर्यटकों का मुख्य आकर्षण बना हुआ है। यह प्राकृतिक सुंदरता यहां पर मौजूद विभिन्न प्रकार के बाग बगीचे और हरे भरे वातावरण से आता है। यह एक प्रचलित बगीचा है, जिसे रानीखेत बगीचा कहते हैं।
यहां पर अनेकों प्रकार के पेड़ पौधे और विभिन्न रंगों के फूल मौजूद है। वर्तमान में यह बगीचा रानीखेत हिल स्टेशन का एक प्रमुख हिस्सा है।
मगर आज से कई वर्ष पहले यहां जब राजपूतों के राजा उत्तराखंड के दौरे पर आए थे तो रानी पद्मिनी को यह बगीचा इतना अच्छा लगा था कि वह इस बगीचे में रहने की जिद करने लगी थी।
जिद को पूरा करने के लिए राजपूतों के राजा सुखदेव ने यहां रानी पद्मिनी के लिए एक महल का निर्माण किया था और कई वर्षों तक वह अपनी रानी के साथ इस महल में रहे थे।
हालांकि आज रानी पदमनी के उस महल का कोई निशान मौजूद नहीं है। कुछ स्थानीय लोगों का मानना है कि अंग्रेज़ जब भारत में आए तो अपनी छावनी का निर्माण करने के लिए इस महल को नष्ट कर दिया।
बाद में इस इलाके को एक ही ले स्टेशन के रूप में प्रचारित करना शुरू किया। आज रानीखेत भारत का एक प्रचलित हिल स्टेशन है।
चौबटिया बाग ट्रेकिंग
रानीखेत अगर आप घूमने जा रहे हैं तो यह जान लीजिए कि यह पहाड़ी इलाका है, जहां पर पहाड़ चढ़ना ट्रैकिंग करना काफी प्रचलित है। अगर आप खेल कूद और घूमने फिरने के शौकीन है तो रानीखेत के प्रसिद्ध चौबटिया बाग में ट्रेकिंग करना ना भूलें।
यहां की ट्रैकिंग आपको चौबटिया बाग से भालू डैम तक एक बढ़िया ट्रैकिंग सफर देगी, जो आपके सफर को और भी दिलचस्प बनाएगा।
पैराग्लाइडिंग ग्राउंड
रानीखेत हिल स्टेशन से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर आपको पैराग्लाइडिंग करने का जगह मिल जाएगा। यह स्थान पैराग्लाइडिंग करने के लिए पूरे भारत में प्रचलित है। दूर-दूर से लोग इस स्थान पर पैराग्लाइडिंग करने के लिए आते हैं।
अगर आप अपने पार्टनर के साथ जीवन का मजा उठाना चाहते हैं तो इस स्थान से बेहतर पूरे विश्व में कोई स्थान नहीं हो सकता। यह एक दूसरे से लिपट कर पैराशूट के साथ पहाड़ से कूदने का मजा आप जीवन भर नहीं भूलेंगे।
गोल्फ ग्राउंड
रानीखेत हिल स्टेशन के शहर से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर एक प्रचलित गोल्फ ग्राउंड है, जो काफी कम पैसे में गोल्फ खेलने का अनुभव करवाता है।
जैसा कि हमने आपको बताया रानीखेत अंग्रेजों का एक मुख्य जिला का होता था और हम जानते हैं पश्चिमी देशों में गोल्फ खेल काफी प्रचलित है। तब से लेकर आज तक यहां पर गोल्फ खेलने का अच्छा बंदोबस्त किया गया है।
अगर आपने किसी फिल्म में गोल्फ का कोई सीन देखा है तो उससे आप अपने मोबाइल में इस जगह पर आकर फिल्मा सकते हैं, जिसकी पूरी व्यवस्था यहां की गई है।
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दूनागिरी (द्रोणागिरी)
द्रोणागिरी रानीखेत में देखने लायक एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है, जिसका पौराणिक महत्व है। इस स्थान पर 8000 फुट की ऊंचाई पर मां वैष्णो देवी का मंदिर स्थित है।
कहा जाता है कि इसी पर्वत पर भगवान हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने के लिए आए थे जब लंका में युद्ध के दौरान लक्ष्मण जी को शक्ति बाण लगा था और इसी पर्वत पर गणेशाधार नाम की एक पहाड़ी चोटी है, जहां पर भगवान हनुमान जी का कालनेमि राक्षस के साथ युद्ध हुआ था।
इन्हीं सब पौराणिक कथाओं के कारण इस स्थान का महत्व रानीखेत में पर्यटन की दृष्टि से बहुत ज्यादा है। इसीलिए रानीखेत की यात्रा के दौरान इस स्थान को विजिट करना बिल्कुल भी ना भूले।
तारिखेत गांव
तारीखेत रानीखेत से तकरीबन 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत और ऐतिहासिक गांव है। यह स्थान भारत में हुए फ्रीडम फाइटिंग के लिए ज्यादा प्रसिद्ध है।
यहां पर गांधी जी की कुटिया भी बनी हुई है, जहां पर महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी कई बातों को जानने को मिलता है। इस गांव में टेंपल ऑफ गोलू देवता है, जो काफी ज्यादा प्रसिद्ध है।
साल भर इस गांव में काफी ठंड रहती हैं लेकिन, उसके बावजूद यहां के खूबसूरत नजारों को देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ अक्सर रहती है।
स्वर्गाश्रम बिन्सर महादेव मंदिर
रानीखेत की यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शानदार धार्मिक स्थल स्वर्गाश्रम बिनसर महादेव मंदिर भगवान। शिव जी को समर्पित यह मंदिर रानीखेत के मुख्य शहर से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
जिस तरह इसका नाम है, स्वर्गाश्रम इसके आसपास का माहौल भी स्वर्ग के जैसा ही खुशनुमा और मनमोहित है। यह मंदिर 2480 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
यह बहुत प्राचीन मंदिर है, जिसका निर्माण नौवीं शताब्दी में किया गया था। इस मंदिर के चारों ओर स्थित देवदार और ओक के पेड़ इसकी खूबसूरती को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं।
रानी लेक
रानीखेत का एक प्रसिद्ध झील है, जिसे रानी झील या रानी लेख कहते हैं। यह झील एक कृत्रिम झील है, जिसे कई साल पहले अंग्रेज छावनी में निवास करने वाले व्यक्तियों ने बनाया था।
यहां झील में काफी साफ पानी है और आसपास का हरा भरा इलाका इस झील को खूबसूरती का एक केंद्र बनाता है, जहां वोटिंग करने की और बच्चों के लिए झूले की व्यवस्था की गई है।
यहां निशुल्क आकर अप विभिन्न प्रकार के फोटो खिंचवा सकते हैं। इसके अलावा कम पैसों में वोटिंग भी किया जा सकता है, जो आपको अपने सफर को यादगार बनाने में मदद करेगा।
मनीला
मनीला खूबसूरत नजारों से भरा रानीखेत का एक खूबसूरत शहर है। यह स्थान यहां पर स्थित मां मनिला देवी मंदिर के कारण ज्यादा प्रमुख है। रानीखेत में खूबसूरत दर्शनीय स्थलों में से एक है।
यह एक धार्मिक स्थल के साथ ही प्रकृति प्रेमियों के लिए भी काफी शानदार जगह है। क्योंकि यह स्थान हिमालय के कई विस्तृत और मनोरम दृश्यों को प्रदर्शित करता है, जो पर्यटकों को बहुत ही आकर्षित करता है।
इस क्षेत्र में रहने वाले लोग अपनी परंपरा और विरासत पर बहुत विश्वास करते हैं। अगर यहां पर आप आते हैं तो आपको कुमायूं क्षेत्र के लोगों की परंपराओं के बारे में जानने को मिलेगा।
द्वाराहाट
द्वाराहाट रानीखेत में घूमने लायक एक खूबसूरत दर्शनीय स्थल है। यह स्थान उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है, जो रानीखेत से बहुत नजदीक है। यह शहर विशेष विरासत और धार्मिक स्थान है।
इसे रानीखेत का प्राचीन शहर माना जाता है, जो खूबसूरत मंदिर और लुभानी वादियों के लिए प्रसिद्ध है। इस स्थान पर 55 से भी ज्यादा प्राचीन मंदिरों का निर्माण किया गया है, जो मध्य युग काल में कत्यूरी राजाओं के द्वारा किया गया था।
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कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर
अगर आप पुराने समय में इस्तेमाल होने वाले हथियार वगैरे चीजों को देखने का शौक रखते हैं तो रानीखेत में ऐसे पर्यटको के लिए एक खूबसूरत दर्शनीय स्थल है कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर।
यह एक तरह का म्यूजियम है, जो रानीखेत के मुख्य शहर से तकरीबन 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस म्यूजियम में आपको भारत में हुए विभिन्न युद्धों में पकड़े गए अस्त्र और ध्वज के कलेक्शन देखने को मिलेंगे।
इसके साथ ही ऑपरेशन पवन के समय पकड़ी गई LTTE नाव को भी संभाल कर रखा गया है। जिन लोगों को ऐसी चीजों के बारे में जाने की रुचि है, उन लोगों को रानीखेत यात्रा के दौरान कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर घूमने जरूर आना चाहिए।
भालू बांध
भालू बांध रानीखेत में देखने लायक खूबसूरत कृत्रिम झील है। इस कृत्रिम झील का निर्माण 1903 में ब्रिटिश सरकार के द्वारा कराया गया था।
यह बांध का रास्ता चौबटिया गार्डन से होते हुए जाता है और चौबटिया गार्डन से यह तकरीबन 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
इस कृत्रिम झील के आसपास स्थित हिमालय पर्वत के सुंदर नजारे आपको बहुत ही आकर्षित करेंगे। रानीखेत की यात्रा के दौरान इस भालू बांध को देखने जरूर जाएं, जहां पर आप घंटों समय बिता सकते हैं।
आशियाना पार्क
आशियाना पार्क रानीखेत शहर के मध्य में स्थित है। यह जगह रानीखेत में बच्चों के घूमने के लिए सबसे पसंदीदा जगह है। इस पार्क में प्रवेश शुल्क के रूप में ₹5 लगते हैं।
जंगल थीम पर इस पार्क को बनाया गया है। पार्क के अंदर बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले वगैरह सब कुछ की सुविधा दी गई है।
यहां पर बच्चों के साथ-साथ बड़े भी प्राकृतिक नजारों को देखने का लुफ्त उठा सकते हैं। इस पार्क से बर्फ से ढके हिमालय को देखने का एक अलग ही आनंद आता है।
राम मंदिर रानीखेत
रानीखेत में विभिन्न प्रसिद्ध आकर्षणों में से एक भगवान राम जी को समर्पित राम मंदिर है। यह मंदिर रानीखेत के मुख्य शहर से 7 किलोमीटर की दूरी पर चौबटिया गार्डन के पास स्थित है।
यह मंदिर एक छोटे से पहाड़ की चोटी पर स्थित है, जहां तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां लगी हुई है। इस मंदिर के परिसर में 1 मठ भी स्थित है, जहां पर छात्रों को वैदिक गणित और भी कई विषयों की शिक्षा दी जाती है।
अगर आप भी इस तरह की शिक्षाओं में रुचि रखते हैं तो आप इस मठ को देखने के लिए जा सकते हैं। मंदिर के आसपास का खुला वातावरण पर्यटकों को बहुत लुभाता है, जिसके कारण यहां पर आप कुछ समय बैठकर शांति की अनुभूति प्राप्त कर सकते हैं।
झुला देवी मंदिर
झूला देवी मंदिर रानीखेत में देखने लायक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह एक धार्मिक स्थान है, जो मां देवी दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर रानीखेत से तकरीबन 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
इस मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी में किया गया। इस मंदिर की डिजाइन बहुत ही सुरुचिपूर्ण है। मंदिर के परिसर में बहुत सारे तांबे की घंटियां लगी हुई है।
कहा जाता है कि इस मंदिर में आने वाले भक्तों की मनोकामना मां दुर्गा पूरी कर देती हैं, जिसके बाद भक्त गण मंदिर में आते हैं और वे तांबे की घंटियां चढ़ाकर जाते हैं। इसीलिए इस मंदिर में बहुत सारी घंटियां पाई जाती हैं।
इतना ही नहीं इस मंदिर के सामने एक विश्राम स्थल भी है, जहां पर देवदार के ऊंचे ऊंचे पेड़ लगे हुए हैं। उस पेड़ के नीचे आप खुली हवाओं में शांति की अनुभूति करने के लिए कुछ समय बैठ सकते हैं।
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कालिका
रानीखेत में देखने लायक विभिन्न स्थलों में से एक मां काली का मंदिर है। यह एक खूबसूरत धार्मिक मंदिर है, जो रानीखेत से तकरीबन 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके आसपास का क्षेत्र घने और हरे-भरे जंगलों तथा बर्फ के पहाड़ों से घिरा हुआ है।
यहां स्थित मां काली को समर्पित कालिका मंदिर के प्रति कुमाऊं क्षेत्र के लोगों की आस्था अटूट है। अगर आप रानीखेत घूमने जा रहे हैं तो इस मंदिर का दर्शन जरूर करें।
एडवेंचर पार्क
रानीखेत में एक मशहूर एडवेंचर पार्क है, जहां विभिन्न प्रकार के बहुत सारे झूले हैं। मुख्य तौर पर बर्मा ब्रिज जो ब्रिंग फ्लाइंग फॉक्स जैसे प्रसिद्ध झूले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
रानीखेत के एडवेंचर पार्क को देखने के लिए विश्व भर से लोग आते हैं और यहां के विभिन्न प्रकार के झूलों का आनंद उठाते हैं। यहां विभिन्न प्रकार की एक्टिविटी भी करवाई जाती है, जो आपके मजे को दुगना या तिगुना कर देगी।
रानीखेत में खाने के लिए क्या-क्या फेमस है?
अगर आप रानीखेत घूमने जा रहे हैं तो आपके मन में यह विचार आ रहा होगा कि वहां कौन सा खाना सबसे प्रचलित है?
तो हम आपको बता दें कि रानीखेत उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। इस वजह से यहां मुख्य रूप से उत्तराखंड के प्रसिद्ध भोजन को खाया जाता है।
मगर विभिन्न प्रकार के लोग देश-विदेश से इस स्थान को घूमने आते हैं। इस वजह से उनके मुताबिक भोजन भी यहां मिलता है।
रानीखेत उत्तराखंड का हिस्सा है, इस वजह से उत्तराखंड के कुछ प्रमुख भोजन जिसे आप रानीखेत का प्रमुख भोजन भी कह सकते हैं, उनके बारे में कुछ जानकारी दी गई है।
फानू
यह एक प्रचलित भोजन है, जिसे उत्तराखंड के लोग विभिन्न प्रकार के दाल को मिलाकर बनाते हैं। अगर आप उत्तराखंड घूमने जाएंगे तो आपको दोपहर के खाने और रात के खाने में मुख्य रूप से फानू का विकल्प दिया जाएगा।
बेशक फानू विभिन्न प्रकार के दाल का मिश्रण है। मगर यह व्यंजन इतना स्वादिष्ट लगता है कि आप इस बात का अंदाजा नहीं लगा पाएंगे कि यह कैसे बनाया गया है।
इसे बनाने की विधि में हम आपको बता दें कि विभिन्न प्रकार के दाल को रात भर भिगोकर एक समूदी तैयार की जाती है, जिसके बारे में वहां के स्थानीय लोग आपको ज्यादा बेहतर बता पाएंगे।
भांग की चटनी
भांग पूरे भारत में खाया जाता है। यह एक नशीले पदार्थ के रूप में प्रचलित है। मगर आपको बता दें उत्तराखंड के कुछ पहाड़ी इलाकों में जिसमें रानीखेत जैसा इलाका भी मौजूद है, वहां पर भांग काफी अधिक मात्रा में मौजूद है।
तो वहां के स्थानीय लोग भांग के पकौड़े और भांग के चटनी खाना पसंद करते हैं। अगर आप उत्तराखंड के किसी भी स्थान में खासतौर पर रानीखेत अगर घूमने जाएं तो इस व्यंजन को अवश्य चखे।
काफुली
अगर आप उत्तराखंड के किसी भी स्थान में घूमने जाते है तो वहां का एक पारंपरिक खाना जिसे का काफुली नाम से जाना जाता है। उसे भी आप अधिक मात्रा में देखेंगे।
विभिन्न प्रकार के साथ में आटा केलोई के साथ विभिन्न प्रकार के चीजों को मिलाकर इस व्यंजन को तैयार किया जाता है। यह खाने में चटपटा लगता है।
इसमें मुख्य रूप से दोपहर के खाने में खाया जाता है। अगर आप उत्तराखंड के किसी भी इलाके में घूमने जाते हैं, वहां काफुली नाम का व्यंजन आपको काफी सरलता से मिल जाएगा।
कंडाली का साग
साग एक ऐसा व्यंजन है, जिसे भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में बड़े चाव से खाया जाता है। कंडाली का साग उत्तराखंड में काफी प्रचलित है। रानीखेत में कंडाली की खेती काफी अधिक मात्रा में होती है।
इस वजह से अगर आप रानीखेत घूमने जाएंगे तो वहां के स्थानीय छोटे-मोटे जगहों पर आप को बड़ी आसानी से कंडाली का साग मिल जाएगा। इस वजह से अनुरोध है कि आप कंडाला का साग एक बार अवश्य चखे।
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रानीखेत में रुकने की जगह
जैसा कि हमने आपको बताया रानीखेत एक प्रचलित हिल स्टेशन है, जहां सालों भर पूरे विश्व से लोग आते रहते हैं। इस वजह से यहां पर्यटन के रुकने का काफी अच्छा व्यवस्था किया गया है।
आपको इस स्थान पर विभिन्न प्रकार के होटल और लॉज मिल जाएंगे यहां पर यात्रियों का आना काफी अधिक है। इस वजह से यहां का सभी रेस्टोरेंट आपको बेहतरीन खाने के साथ-साथ रुकने की जगह भी मुहैया करवाता है।
वैसे तो रानीखेत में रुकने के बहुत सारे स्थान हैं। मगर उनमें से कुछ प्रचलित स्थान के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है। अगर आपको इन स्थानों पर नहीं रुकना तो आप अपने अनुसार कोई भी स्थान रानीखेत में ढूंढ सकते हैं।
Kumaon Forest Rest House
जैसा कि हमने आपको बताया रानीखेत का इलाका भारत के सैनिकों की एक बटालियन कुमाऊं रेजिमेंट का हिस्सा है, वहां पर भारतीय सरकार ने टूरिस्टो के लिए कुमाऊं फॉरेस्ट रेस्ट हाउस बनाया है, जो इलाका कुमाऊं सैनिकों के द्वारा निगरानी में रहता है।
अगर आप रानीखेत के खूबसूरत जंगल पहाड़ और वातावरण को देखने के लिए गए हैं, तो कुमाऊं फॉरेस्ट रेस्ट हाउस से अच्छा जगह रुकने के लिए नहीं हो सकता।
Queen Restaurant
रानीखेत के मुख्य बाजार में आपको विभिन्न प्रकार के होटल और रेस्टोरेंट देखने को मिल जाएंगे। अगर आपको इस बेहतरीन स्थान पर कोई खूबसूरत जगह ढूंढता है तो रुकने के लिए आप क्वीन रेस्टोरेंट में जा सकते हैं।
हालांकि हम आपको सुझाव देंगे कि आप कुमाऊं फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में जाकर रुके और इस स्थान का भरपूर आनंद उठाएं।
हालांकि विभिन्न प्रकार के लोग रानीखेत घूमने के लिए आते हैं। इस वजह से इस इलाके में विभिन्न प्रकार के रेस्टोरेंट और अलग-अलग रुकने की व्यवस्था की गई है।
इस वजह से आपको रुकने के लिए उस स्थान पर परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप अपने रुकने के स्थान को ऑनलाइन बुक भी कर सकते हैं।
रानीखेत जाने का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit Ranikhet)
जैसा कि हमने आपको बताया रानीखेत को अंग्रेजो के द्वारा इतना खूबसूरत बनाया गया है और जैसा कि हम सब जानते हैं हिल स्टेशन की खूबसूरती गर्मी के दिनों में काफी अधिक हो जाती है। इस वजह से आपको गर्मी के दिन में रानीखेत घूमने जाना चाहिए।
हालांकि भारत में रानीखेत इतना खूबसूरत स्थान है कि वहां पर घूमने के लिए साल के 12 महीने लोग आते रहते हैं। मगर रानीखेत उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में है, जिस वजह से वहां ठंड काफी अधिक पड़ती है।
तो अगर आप ठंड के महीने में रानीखेत घूमने जाएंगे, तो आपको काफी परेशानी हो सकती है क्योंकि इतनी ठंड में आप ज्यादा खुलकर घूम नहीं पाएंगे और हो सकता है बीमार भी पड़ जाए।
इसके साथ ही रानीखेत पहाड़ी क्षेत्र में होने की वजह से अधिक बारिश वाला भी क्षेत्र है। वहां पहाड़ी इलाके बहुत हैं ट्रैकिंग और पहाड़ के विभिन्न प्रकार के खेल की वजह से यह स्थान प्रचलित है तो अगर आप बरसात के मौसम में पहाड़ से जुड़े खेल खेलने के लिए जाएंगे तो आपको चोट लग सकती है और अब बरसात के दिनों में ट्रैकिंग जैसे विभिन्न प्रकार के आयोजन को बंद कर दिया जाता है।
इस वजह से हम आपको सुझाव देंगे कि रानीखेत घूमने के लिए आपको गर्मी के दिन में जाना चाहिए। वह स्थान में ठंडा होने की वजह से अधिक गर्मी का वाला नहीं है। वहां का वातावरण शांत खूबसूरत और ठंडा होगा जो आप को मंत्रमुग्ध कर देगा।
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रानीखेत कैसे जाएं?
रानीखेत पर्यटकों के लिए आकर्षण का इतना बड़ा केंद्र बना हुआ है कि वहां तक पहुंचने के लिए भारतीय सरकार द्वारा सभी प्रकार की अच्छी व्यवस्था की गई है।
रानीखेत को साफ-सुथरे और चिकने सड़क से आसपास के सभी छोटे और बड़े शहरों से जोड़ा गया है, जो आप के आवागमन को और सरल और तेज बनाता है।
इसके अलावा आपको वहां हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन और सड़क मार्ग की अच्छी व्यवस्था देखने को मिलेगी।
हवाई मार्ग से रानीखेत कैसे जाएं?
अगर आप हवाई मार्ग से रानीखेत जाना चाहते हैं तो आपको बता दें रानीखेत हिल स्टेशन से 115 किलोमीटर की दूरी पर पंतनगर हवाई अड्डा स्थित है।
पंतनगर हवाई अड्डा पहुंचने के लिए अब भारत के किसी भी मुख्य शहर से हवाई उड़ान भर सकते हैं। अगर आपके आसपास के इलाके से सीधे पंतनगर हवाई अड्डे के लिए कोई हवाई जहाज उपलब्ध ना हो तो आप उत्तराखंड के किसी प्रसिद्ध है।
उत्तराखंड के लगभग सभी जगहों से पंतनगर हवाई अड्डे के लिए हवाई जहाज उड़ाया जाता है, जिसके बाद आप रानीखेत पहुंचने के लिए 115 किलोमीटर की सीधी अच्छी सड़क का इस्तेमाल कर सकते हैं।
रेल मार्ग से रानीखेत कैसे जाएं?
काठगोदाम एक प्रचलित स्थान है, जो रानीखेत से 88 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह खूबसूरत स्थान काठगोदाम के नाम से जाना जाता है कि रानीखेत में कोई भी रेलवे स्टेशन ना होने के कारण जितने भी यात्री को रानीखेत जाना होता है, वह सर्वप्रथम काठगोदाम जाते हैं।
काठगोदाम बहुत बड़ा रेलवे स्टेशन नहीं है। इस वजह से आपको बहुत अधिक मात्रा में बड़ी-बड़ी ट्रेन वहां देखने को नहीं मिलेंगे। मगर पर्यटकों के लिए कुछ खास रेलगाड़ियों को काठगोदाम तक चलाया जाता है।
मगर आपके इलाके से अगर कोई रेलगाड़ी सीधे काठगोदाम नहीं जाती तो आप उत्तराखंड या उत्तरी भारत के किसी मुख्य स्थान पर पहुंचे। जहां से आपको काठगोदाम के लिए रेलगाड़ी मिलने की संभावना अधिक होगी।
उसके बाद काठगोदाम से 88 किलोमीटर की दूरी आप एक चिकनी सड़क से तय कर सकते हैं, जिसके लिए बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।
सड़क मार्ग से रानीखेत कैसे जाएं?
अगर आप सड़क मार्ग से रानीखेत जाना चाहते हैं तो आपको बता दें इसके लिए विभिन्न प्रकार के पास और टूरिस्ट एजेंट के द्वारा विभिन्न प्रकार के गाड़ियों को ऑफर में चलाया जाता है।
आप ऑनलाइन में ऐसे बस और गाड़ी के बारे में पता कर सकते हैं। इसके अलावा भारत के सभी प्रमुख स्थान से सीधे रानीखेत जाने के लिए बस सुविधा मौजूद है।
रानीखेत घूमने में खर्च
रानीखेत एक प्रचलित हिल स्टेशन है, जहां मुख्य रूप से पर्यटन सालों भर घूमने के लिए आते हैं। तो ऐसे स्थान पर अगर आप घूमने जाते हैं तो आपको रुकने के लिए और विभिन्न स्थानों पर घूमने के लिए काफी अधिक पैसा मांगा जाता है।
हमारे अनुभव के अनुसार आपको वहां रुकने और खाने के लिए अधिक पैसा खर्च करना पड़ेगा। मगर झूला झूलने और ट्रेकिंग जैसे विभिन्न आकर्षक कार्यों के लिए काफी कम कीमत अदा करनी होगी।
आपको मात्र ₹2000 से ₹3000 खर्च करने की आवश्यकता है, जिसके बाद आपको वहां अच्छी रुकने की जगह मिल जाएगी। साथ ही विभिन्न प्रकार के पर्यटन वह आते हैं।
जिस वजह से वहां खाने-पीने की भी काफी अच्छी व्यवस्था की गई है, जिसमें आप को किसी भी प्रकार का तकलीफ लेने की आवश्यकता नहीं है।
रानीखेत घूमते समय अपने साथ क्या रखें?
रानीखेत बहुत ही प्रसिद्ध आकर्षण का केंद्र है, जहां घूमते वक्त आपको अपने साथ कुछ आवश्यक चीजों को रखना जरूरी है, जिसकी एक संक्षिप्त सूची नीचे प्रदान की गई है।
- रानीखेत उत्तराखंड के सर्दी इलाकों में से एक है, जहां गर्मी के दिन में भी मौसम हल्का ठंड वाला रहता है, जिस वजह से आपको अपने साथ कुछ हल्के गर्म कपड़े लेकर जाना आवश्यक है। अगर आप ठंड के दिनों में या बरसात के दिनों में जा रहे हैं तो आपको काफी अच्छी मात्रा में गर्म कपड़े ले जाना चाहिए।
- इसके अलावा आपको पेन रिलीफ स्प्रे और पेन रिलीफ के लिए कोई दवाई रखनी चाहिए क्योंकि वह एक पहाड़ी इलाका है, जहां हल्की फुलकी चोट लग सकती है।
- साथ ही सर्द इलाका होने की वजह से आपका तबीयत भी खराब हो सकता है, जिस वजह से आपको अपने साथ कुछ महत्वपूर्ण दवाइयों को भी रखना चाहिए।
- अगर आपने अपना कोरोना का टीकाकरण सफलतापूर्वक पूर्ण किया है तो उसका सबूत भी अपने साथ अवश्य रखें। साथ ही वहां पर विभिन्न प्रकार के लोग आते हैं, जिस वजह से आपको अपना आधार कार्ड और आईडी कार्ड अपने पास रखना आवश्यक है।
FAQ
रानीखेत उत्तराखंड के उत्तरी हिस्से में स्थित है, जो हिमालय के पहाड़ और जंगलों को जोड़ने का कार्य करता है।
रानीखेत अपने खूबसूरत वातावरण और ठंडे पर्यावरण की वजह से प्रसिद्ध है, वहां का खूबसूरत नजर है। पूरे विश्व के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
रानीखेत शॉपिंग के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। यहां पर पहाड़ी संस्कृति से जुड़ी कई सारी खूबसूरत और उत्कृष्ट वस्तुएं देखने को मिलती है। यहां पर कढ़ाई की गई कपड़ों की खरीदारी आप कर सकते हैं, जो दिखने में काफी खूबसूरत होते हैं। यहां पर जैकेट, कुर्ते, हस्तनिर्मित वस्तुएं, ऊनी कपड़े बहुत सस्ते में मिल जाते हैं। रानीखेत में स्थित सदर बाजार शॉपिंग के लिए ज्यादा प्रसिद्ध है।
रानीखेत विभिन्न रोमांचक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है यहां पर द फ्लाइंग फॉक्स ट्रैकिंग, वॉटर राफ्टिंग, बंगी जंपिंग और कैंपिंग जैसे गतिविधियों का लुफ्त उठा सकते हैं।
रानीपुर घूमने का एक प्रसिद्ध स्थान है, जहां आपको गर्मी के मौसम में घूमने के लिए जाना चाहिए। यह हिल स्टेशन आप की छुट्टियों को यादगार बनाने के लिए काफी है।
नैनीताल से रानीखेत की दूरी 57.7 km है।
काठगोदाम से रानीखेत की दूरी 75.0 km है।
निष्कर्ष
इस महत्वपूर्ण लेख में रानीखेत में घूमने की जगह (Ranikhet Me Ghumne ki Jagah) से संबंधित विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई है। साथ ही रानीखेत कहां है, रानीखेत पर्यटन स्थल (places to visit in ranikhet), रानीखेत के दर्शनीय स्थल, रानीखेत कैसे जाएं, रानीखेत जाने का सही समय आदि के बारे में भी बताया।
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AAP ki Ranikhet ki malumaat bhot hi bdeyalge dhanyvad