Nainital Me Ghumne ki Jagah: उत्तराखंड राज्य के कुमायूं क्षेत्र में समुद्र तल से 1938 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित नैनीताल जिसे को झीलों का शहर भी कहा जाता है। चारों तरफ बर्फ से ढके हुए पहाड़ और झील इस स्थान को बेहद आकर्षक और सुंदर बनाते हैं।
यही कारण है कि यह टूरिस्ट के लिए लोकप्रिय डेस्टिनेशन रहा है। यहां के दर्शनीय स्थल और प्राकृतिक सौंदर्य यहां आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। नैनीताल की सुंदरता स्वीटजरलैंड से कम नहीं। पर्यटक यहां आने पर अपने आप को स्विजरलैंड में होने का ही एहसास करते हैं।
यहां पर पर्यटक विभिन्न दर्शनीय स्थलों को देखने के साथ ही कई प्रकार के एडवेंचर का भी आनंद ले सकते हैं। यहां के झीलों में पर्यटक बोटिंग कर सकते हैं। यदि आप इन सब चीजों का आनंद लेना चाहते हैं और प्रकृति की सुंदरता के बीच कुछ समय गुजारना चाहते हैं तो नैनीताल की यात्रा का आयोजन जरूर बनाएं।
आज के इस लेख में हम आपको नैनीताल की ट्रिप से जुड़ी आवश्यक जानकारी देने वाले हैं, जिसमें हम आपको नैनीताल के बारे में कुछ रोचक तथ्य भी बताएंगे।
साथ ही नैनीताल के पर्यटक स्थल (Best Places to Visit in Nainital), वहां की लोकप्रिय भोजन, नैनीताल कैसे जाएं, नैनीताल जाते समय किन चीजों को अपने साथ रखे, नैनीताल में कहा ठहरे (best places to stay in nainital), नैनीताल जाने का खर्चा, नैनीताल कब जाना चाहिए इत्यादि आवश्यक जानकारी देने वाले हैं, तो लेख को अंत तक पढ़े।
नैनीताल में घूमने की जगह | Nainital Me Ghumne ki Jagah
नैनीताल के बारे में रोचक तथ्य
- नैनीताल की खोज चीनी व्यापारी पी. बैरन ने 1841 में की थी। उस समय यह एंग्लो-नेपाली युद्ध के बाद ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया था। उस समय नैनीताल की खोज की खबर कोलकाता के अंग्रेजी अखबार में छपी थी। बाद में इसका विस्तार हुआ और अन्य अखबारों में भी छपा।
- कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान नैनीताल तथा पौडी क्षेत्र में स्थित है, इसे हेली राष्ट्रीय उद्यान के नाम से भी जाना जाता है।
- नैनीताल में नैनी झील, नैना देवी मंदिर, कैंची धाम जैसे विभिन्न धार्मिक स्थल है। यही कारण है कि नैनीताल घूमने लायक जगह में से सबसे ज्यादा मनपसंदीदा जगह है।
- कुमाऊं मंडल जिसका मुख्यालय नैनीताल में स्थित है, इसकी स्थापना 1854 में की गई थी।
- माना जाता है मोती लाल साहनी को ही नैनीताल बसाने की जिम्मेदारी दी गई थी। इन्होंने ही नैनी झील के तट पर नैना देवी मंदिर की स्थापना की थी।
- जब उत्तराखंड उत्तर प्रदेश में था तब उत्तर प्रदेश सरकार ने नैनीताल को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया था, उस समय नैनीताल सचिवालय भवन के रूप में उपयोग किया जाता था।
- अंग्रेजी शासनकाल में लेफ्टिनेंट गवर्नर सर संटोनी मैकडोनाल्ड ने नैनीताल के भवन में स्थित उच्च न्यायालय का निर्माण करवाया था।
- उत्तराखंड का उच्च न्यायालय नैनीताल में ही स्थित है, जिसे 9 नवंबर 2000 को स्थापित किया गया था।
- नैनीताल भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। इसका अर्थ है ’द लेक ऑफ द आई’। पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि जब देवी सती की मृत्यु हो गई तो भगवान शीव उनके शव को लेकर तांडव करने लगे थे। उस समय भगवान विष्णु अपने सुदर्शन चक्र से मां सती के 51 टुकड़े कर दिए थे और प्रत्येक टुकड़ा जहां-जहां पर गिरा, वहां पर एक शक्ति पीठ उत्पन्न हो गया। नैनीताल में मां सती की आंख अर्थात की नैन गिरे थे, इसीलिए इस इलाके को नैनीताल के नाम से जाना जाने लगा।
- नैनीताल में ताल के अस्तित्व को लेकर पुराणों में कहा गया है कि इस स्थान पर अत्रि, पुलस्तय और पुलाहा नाम के तीन ऋषि अपनी प्यास बुझाने के लिए रुके थे तब यहां पर उन्हें कहीं भी पानी नहीं मिला। तब उन्होंने यहां पर एक गड्ढा खोदा और उसे मानसरोवर की झील से पानी लाकर भर दिया। इस तरीके से नैनी झील अस्तित्व में आई, इसीलिए इसे तीन ऋषियों की झील भी कहा जाता है।
- नैनीताल को उत्तरी और दक्षिणी दो भागों में बांटा गया है। उत्तरी भाग को मल्लीताल तथा दक्षिण भाग को तल्लीताल कहा जाता है।
नैनीताल पर्यटन स्थल (Nainital Tourist Places in Hindi)
नैनी झील
नैनीताल की नैनी झील यहां के पर्यटक स्थलों में से सबसे ऊपर आता है। यह एक सुंदर प्राकृतिक झील है, जो अर्धचंद्राकार आकृति में है।
यह झील बर्फ से ढकी चोटियों से घिरा हुआ है। यहां पर सुबह और सूर्यास्त के दौरान पर्यटक एक सुंदर दृश्य का लुफ्त उठा सकते हैं। यहां के शंकुधारी पेड़ यहां की सुंदरता को और भी ज्यादा बढ़ाते हैं।
नैनीताल चिड़ियाघर
यदि आपको विभिन्न प्रकार के पशु पक्षी को देखने का शौक है तो आप नैनीताल चिड़ियाघर घूमने आ सकते हैं। यह चिड़ियाघर 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण इसे ऊंचाई का चिड़ियाघर भी कहा जाता है। इस चिड़ियाघर को उत्तराखंड राज्य का सबसे पुराना चिड़ियाघर माना जाता है।
चिड़ियाघर का निर्माण 1984 में नैनीताल के तल्लीताल क्षेत्र में शेर का डंडा पर्वत पर किया गया था। हालांकि दर्शकों के लिए 1 जून 1995 को इसे खोला गया था। इस चिड़ियाघर में बंगाल टाइगर, तिब्बती भेड़िया, हिमालयन काला भालू, जापानी लंगूर, पहाड़ी तीतर, भोकने वाला हिरण, तेंदुआ एवं मैदानी गिद्ध जैसे कई प्रकार के पशु पक्षियों को देख सकते हैं।
चिड़ियाघर में प्रवेश का समय सुबह 10:00 बजे से शाम के 4:30 बजे तक है। यह नैनीताल के बस स्टैंड से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप चाहे तो यहां पैदल भी 10 से 20 मिनट में पहुंच सकते हैं। वरना आप किसी भी प्रकार के वाहन की भी सवारी ले सकते हैं।
राजभवन
राजभवन उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित ब्रिटिश काल में ही निर्मित एक इमारत है, जिसे बिल्कुल विक्टोरियन स्टाइल में बनाया गया है। इस भवन में 113 कमरे हैं, जिनमें बेजोड़ वास्तुकला का प्रयोग किया गया है। इस राजभवन मे एक बगीचा भी है, जिसमें बहुत सारे फूलों की प्रजातियां है।
इसके अतिरिक्त स्विमिंग पूल, गोल्फ मैदान और बलूत पेड भी यहां पर स्थित है। इस राजभवन का निर्माण 1897 से 1900 के बीच किया गया था। ब्रिटिश काल में गवर्नर और अन्य मुख्य अतिथि गर्मियों के मौसम में यहां पर निवास करते थे, जिस कारण इस राजभवन को गवर्नर हाउस के नाम से भी जाना जाता है।
वर्तमान में यह उत्तराखंड के गवर्नर का निवास स्थान है। यदि आप इस राजभवन के सुंदरता को निहारना चाहते हैं तो आप सुबह 8:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक जा सकते हैं। रविवार एवं सभी राष्ट्रीय अवकाश के समय यह भवन बंद रहता है।
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मॉल रोड
नैनीताल में स्थिति मॉल रोड एक प्रसिद्ध बाजार भी है, जहां पर नैनीताल आने वाले पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है। इस मार्ग पर काफी सुंदर चीजों की दुकानें, मॉल, रेस्टोरेंट्स आदि बड़ी मात्रा है।
नैनीताल के बाजारों में अलग-अलग प्रकार की सुंदर मोमबत्तियां काफी मात्रा में बेची जाती है और यहां आने वाले पर्यटक याद के रूप में इस मोमबत्ती को जरूर खरीदते है।
यहां के सड़कों पर आपको कई सुंदर-सुंदर मोमबत्तियां दिख जाएगी, जिसे आप यहां की दुकानों से खरीद सकते हैं। बता दें यदि आप जून से मई के महीने में यहां पर आते हैं तो इस मार्ग पर वाहनों के आने का प्रतिबंध रहता है। क्योंकि इस दौरान यहां पर पर्यटकों की काफी ज्यादा भीड़ रहती है। इसीलिए आपको पैदल ही आना पड़ेगा।
पंगोट
नैनीताल से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पंगोट एक सुंदर गांव है, जहां पर पर्यटक प्रकृति के शांत वातावरण में काफी अच्छा महसूस कर सकते हैं। यहां पर पर्यटक ट्रैकिंग कर सकते हैं, कैंपिंग का आनंद ले सकते हैं। साथ ही विभिन्न प्रकार की चिड़ियों की प्रजाति को भी देख सकते हैं।
शांत वातावरण में चिड़ियों की चहकान, यहां के माहौल को काफी सुखद बना देती है। इस गांव में पर्यटकों के ठहरने की भी सुविधा है। पर्यटक यहां पर होटल की तुलना में सस्ते में रह सकते हैं।
स्नो व्यू पॉइंट
स्नो व्यू प्वाइंट नैनीताल में घूमने लायक जगह में से एक है। नैनीताल आने वाले पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंद्र है, क्योंकि यहां पर पर्यटक हिमालय की खूबसूरत और आकर्षक नजारों को देखने का लुफ्त उठा सकते हैं। बर्फ से ढके चोटियां और यहां की नंदा देवी ,त्रिशुला और नंदा कोर्ट जैसे चुटिया बहुत ही मनमोहक लगती हैं।
त्रिशूल चोटी तीन पहाड़ों से मिलकर बना हुआ है। इसकी आकृति भी बिल्कुल एक त्रिशूल की तरह लगती है। यही कारण है कि इसे त्रिशूल छोटी कहा जाता है। वहीं पर नंदा देवी भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी कहा जाता है। 1975 तक भारत की सबसे ऊंची चोटी नंदा देवी ही था, लेकिन उसके बाद कंचनजंघा ने भारत की सबसे ऊंची चोटी का स्थान ले लिया।
यकीन मानिए आप नैनीताल आते हैं तो आपको इस जगह घूमने आना चाहिए। आप यहाँ पर आप हिमालय की सुंदर पर्वत श्रृंखलाओं का बेहतरीन नजारा देख पाएंगे। स्नो व्यू प्वाइंट नैनीताल शहर के मुख्य बस स्टैंड से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मॉल रोड से यहां पर केबल की सहायता से भी पहुंचा जा सकता है। यदि आप पहाड़ों के संकरे रास्ते पर चलने का आनंद लेना चाहते हैं तो पैदल भी आ सकते हैं।
नैना चोटी
ट्रैकिंग का शौक रखने वाले लोगों के लिए नैनीताल में नैना चोटी बहुत ही बेहतरीन पर्यटक स्थल है। यह नैनीताल का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है, जहां से आप हिमालय की बेहतरीन नजारे को देखने का लुप्त उठा सकते हैं। इस शिखर को यहां के स्थानीय लोगों द्वारा चीना पिक भी कहा जाता है।
ध्यान रहे जब आप इस शिखर पर घूमने के लिए आए तो अपने साथ खाने पीने के लिए में कुछ चीजें लेकर आए। क्योंकि यहां पर आपको कोई भी खाने पीने की दुकान नहीं मिलेगी। इसके साथ ही इस शिखर पर चढ़ने के लिए आरामदायक और हल्के जूते पहन कर आए, जिससे शिखर पर चढ़ने से आपको परेशानी ना हो और आपके पैरों में दर्द ना हो।
नैना चोटी पर आप मॉल रोड से घोड़े की सवारी करके या फिर पैदल पहुंच सकते हैं। यहां सुबह 8:00 बजे से शाम के 5:30 बजे तक पर्यटकों की भीड़ रहती है। यह जगह नैनीताल के बस स्टैंड से मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है।
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हनुमानगढी
हनुमानगढ़ी नैनीताल में घूमने लायक धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण बाबा नीमकरोली ने सन 1950 में करवाया था। इस मंदिर की ऊंचाई समुद्र तल से 1951 मीटर है। नैनीताल के मुख्य शहर से हनुमानगढ़ लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यहां से आने के लिए आप किसी भी प्रकार के वाहन की मदद ले सकते हैं। यहां आपको ऊंचे पहाड़, पेड़ पौधे जैसे प्राकृतिक खूबसूरत नजारों के अतिरिक्त ढलते हुए सूरज को काफी सटीकता से देखने का भी मौका मिल सकता है।
टिफ़िन टॉप
अपनी स्वर्गीय पत्नी डोरोथी केलेट की याद में ब्रिटिश सैन्य ऑफिसर कर्नल जे. पी. केलेट द्वारा अयार्पत्ता पर्वत पर बनाया गया यह टिफिन टॉप एक खूबसूरत पिकनिक स्थान है। इसे डोरोथी की सीट के नाम से भी जाना जाता हैं। नैनीताल घूमने आने वाले पर्यटक ट्रेकिंग करने के बाद इसी स्थान पर आकर अपना लंच करते हैं, जिसके कारण इस जगह का नाम टिफ़िन टॉप पड़ा।
यहां से पर्यटक नैनीताल के चारों तरफ के सुंदर दृश्य का फोटोग्राफी भी ले सकते हैं। यहां पर पर्यटक सुबह के 8:00 बजे से लेकर शाम के 5:30 बजे तक आ सकते हैं।
केबल कार
यदि आप नैनीताल के सभी सुंदर दृश्यों को एक बार में देखना चाहते हैं तो केबल कार की मदद ले सकते हैं। सैकड़ों पर्यटक प्रतिदिन इस केबल कार से नैनीताल और नैनी झील का सुंदर दृश्य देखने का आनंद लेते हैं।
मल्लीताल से शुरू होकर स्नो व्यू प्वाइंट तक जाता है। मात्र 3 मिनट से भी कम समय में केबल कार से नैनीताल की सभी प्रख्यात परीक्षा देखने लायक जगह पहुंच सकते हैं।
नौकुचियाताल व भीमताल
भीमताल नैनीताल में कुमाऊं क्षेत्र की सबसे बड़ी झील है। यदि आपको पडलिंग और बोटिंग का आनंद लेना है तो आप नैनीताल की यात्रा के दौरान इस जगह पर जरूर आएं। इस ताल के आसपास ऊंचे ऊंचे पहाड़ गिरे हुए हैं, जिससे पानी का रंग दिखने में हरा लगता है यहां पर कमल के फूल भी दाल में उगे हुए दिखते हैं।
इस झील के बीचो-बीच एक्वेरियज्ञ भी है, जहां पर आप विभिन्न प्रकार के मछलियों को देख सकते हैं। भीमताल नैनीताल के मुख्य शहर से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहीँ मुक्तेश्वर से भीमताल लगभग 39km की दुरी पर हैं।
इको गुफा पार्क
इको गुफा पार्क नैनीताल के पर्यटक स्थलों में से एक है, जो पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। यहां पर कई प्रकार के जानवरों की गुफाएं मौजूद है, जिन्हें प्राकृतिक रूप से बनाया गया है।
यहां पर चिता, चमगादड़, उड़ने वाली लोमड़ी, पैंथर, गिलहरी बंदर से लेकर कई जानवरों की गुफाएं है, जिसमें रोशनी की भी सुविधा की गई है ताकि गुफा को अच्छे से देखा जा सके।
साथ ही यहां पर एक फव्वारा भी हैं, जो पार्क की खूबसूरती को बढ़ाता है। इन सब के अतिरिक्त भी यहां सेंट जॉन वाइल्डरनेस चर्च, कांची धाम, भीमताल झील, नैनी देवी मंदिर जैसी अन्य कई पर्यटक स्थल है।
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नैनीताल में 1 दिन में घूमने लायक जगह (Place to Visit in Nainital in One Day)
- नैना देवी मंदिर
- नैनी झील
- स्नो व्यू पॉइंट
- नैनीताल
- इको केव गार्डन
- नौकुचियाताल व भीमताल
3 दिनों के यात्रा में नैनीताल में घूमने लायक जगह (3 Days Trip to Nainital)
- गुर्नी हाउस
- फ्लैटस
- सेंट जॉन वाइल्डरनेस चर्च
- एआरआईएस
- बिनायक
- सातताल (सात ताल)
- सरिया ताली
- सीताबनी
- श्री अरबिंदो आश्रम का हिमालयी केंद्र
नैनीताल में दोस्तों के साथ घूमने लायक जगह (Place to visit in Nainital with Friends)
- नैनीताल चिड़ियाघर
- राजभवन
- मॉल रोड
- पंगोट
- नैना चोटी
- हनुमानगढी
- टिफ़िन टॉप
- केबल कार
- नौकुचियाताल व भीमताल
नैनीताल में प्रसिद्ध भोजन
नैनीताल एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जिसके कारण यहां पर उत्तराखंड के स्थानीय व्यंजन जैसे कि भट्टे की चुरकानी, बाड़ी, कई दलों से बनी रास, आलू के गुटके, अरसा, गुलगुला जैसी कई सारी तीखे, मीठे और खट्टे तीनों स्वाद से बने व्यंजन के साथ ही अन्य राज्यों के भी और कॉन्टिनेंटल फूड भी यहां काफी लोकप्रिय है।
यहां पर पर्यटक तंदूरी रोटी, दाल मखनी, दाल पनीर जैसे अन्य लोकप्रिय भारतीय व्यंजनों के भी स्वाद का आनंद ले सकते हैं।
नैनीताल घूमने का सबसे अच्छा समय
नैनीताल उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बसा एक सुंदर शहर है। ऐसे में यदि आप नैनीताल घूमने जाना चाहते हैं तो सबसे अच्छा समय मार्च से जून तक का है। क्योंकि इस दौरान बाकी शहरों में काफी चिलचिलाती गर्मी होती है और उन गर्मी से बचने के लिए आप नैनीताल आ सकते हैं।
नैनीताल में इस दौरान यहां पर 28 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है, जिससे आपको यात्रा करने में काफी आनंद भी आता है और मौसम बेहद सुहाना भी होता है। यदि आप बर्फ देखना चाहते हैं तो दिसंबर से फरवरी के बीच भी आ सकते हैं।
इस दौरान यहां पर काफी बर्फ गिरता है और पहाड़ बर्फ से ढक जाते है। इस दौरान स्नो का आनंद उठा सकते है। लेकिन इस दौरान यहां पर ठंड काफी ज्यादा हो जाती है, तापमान लगभग शून्य से भी नीचे चला जाता है।
देखा जाए तो नैनीताल की यात्रा साल के किसी भी महीने में कर सकते हैं। लेकिन जुलाई से सितंबर के महीने में यहां की यात्रा करते वक्त काफी सावधानी बरतनी पड़ सकती है। क्योंकि बरसात के मौसम के दौरान यहां पर सड़कों पर बर्फ गिरने से कई बार रास्ता बंद हो जाता है, जो आपकी यात्रा में अवरोध पैदा कर सकता है।
इसके साथ ही यहां पर बरसात के समय कभी-कभी जमीन भी धंस जाती है। ऐसे में जुलाई से सितंबर का महीना नैनीताल की यात्रा के लिए इतना अच्छा तो नहीं है लेकिन इस दौरान यहां पर यात्रियों की कमी होने के कारण हर चीज काफी सस्ती हो जाती है। ऐसे में यदि आपका बजट कम है तो आप इस दौरान भी यहां की यात्रा करने आ सकते हैं।
नैनीताल कैसे पहुंचे?
यदि आप नैनीताल जाने के लिए हवाई जहाज का चयन करना चाहते हैं तो बता दे कि नैनीताल में कोई भी हवाई अड्डा नहीं है। लेकिन नैनीताल के निकट पंतनगर हवाई अड्डा है, जो नैनीताल से 55 किलोमीटर की दूरी पर है।
एयरपोर्ट से मात्र 1 घंटे के समय में नैनीताल पहुंचा जा सकता है। यह एयरपोर्ट मुंबई, दिल्ली, कोलकाता जैसे भारत के कई बड़े शहरों के हवाई अड्डा से जुड़े हुए हैं।
नैनीताल की यात्रा के लिए आप सड़क मार्ग का भी चयन कर सकते हैं। क्योंकि नैनीताल भारत के सभी छोटे-बड़े शहरों के सड़क नेटवर्क से अच्छे से जुड़ा हुआ है। देहरादून से 275 किलोमीटर, दिल्ली से 298 किलोमीटर और ऋषिकेश से मात्र 242 किलोमीटर की दूरी पर नैनीताल पड़ता है। आप निजी बस या राज्य द्वारा संचालित बस से नैनीताल आ सकते हैं।
नैनीताल के लिए यदि आप रेल मार्ग का चयन करते हैं तो उसका सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है, जो नैनीताल से मात्र 24 किलो की दूरी पर स्थित है।
यह रेलवे स्टेशन उत्तराखंड के अन्य शहरों के अतिरिक्त लखनऊ देहरादून, जम्मू, कोलकाता, कानपुर, मुंबई जैसे भारत के अन्य कई शहरों के रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है। आपको अपने शहर से आसानी से नैनीताल के लिए ट्रेन मिल जाएगी।
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कितने दिन के लिए नैनीताल की यात्रा का आयोजन करें?
नैनीताल में बहुत सारे पर्यटक स्थल है। उन सभी पर्यटक स्थलों को विजिट करने के लिए साथ ही सभी प्रकार के एडवेंचर ट्रैकिंग का आनंद लेने के लिए आपको कम से कम 3 दिन की यात्रा का आयोजन बनाना ही चाहिए।
नैनीताल में कहां ठहरे?
नैनीताल लोकप्रिय पर्यटक स्थल होने के कारण यहां पर कई छोटे-बड़े होटल अच्छी सुविधा और हाय से लो बजट के साथ मिल जाती है। यहां पर पर्यटकों का काफी आना-जाना होता है। इसीलिए रूम की बुकिंग पहले से ही करवा लेनी पड़ती है, जो आप ऑनलाइन भी कर सकते हैं।
नैनीताल कैसे घूमे?
नैनीताल के नजदीकी एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद वहां बाहर कई सारी दुकाने मिल जाती है, जहां पर पर्यटक को अपने पसंद के अनुसार अलग-अलग तरह के वाहन किराए पर मिल जाते हैं।
उन वाहनों को किराए पर लेकर आप पूरे नैनीताल की यात्रा कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त वहां पर टूर बसे भी मौजूद होती है, जिससे आप नैनीताल की यात्रा कर सकते हैं।
नैनीताल की यात्रा के दौरान कौन-कौन सी चीजे अपने साथ रखें?
नैनीताल में अक्सर ठंड का माहौल रहता है। ऐसे में नैनीताल की यात्रा के दौरान जरूरी है कि आप जलवायु के अनुरूप अपने साथ कपड़े रखें। नैनीताल की यात्रा के दौरान स्वेटर, जैकेट, दस्ताने मफलर, मोजे और सोल जैसे कुछ गर्म कपड़े जरूर लेकर जाएं।
गर्मी के मौसम के दौरान नैनीताल के मैदानी इलाकों में सूर्य की किरणें काफी तेज होती है, ऐसे में अपनी त्वचा को गर्मी से बचाने के लिए सनस्क्रीन, मॉइस्चराइज़र और लिप बाम अपने साथ रखें।
नैनीताल में एक से बढ़कर एक दुकान है, जहां पर आप अपने मनपसंद की कई सारी चीजें खरीद सकते हैं। यदि आपको शॉपिंग करना पसंद है और नैनीताल में शॉपिंग करना चाहते हैं तो अपने साथ एक अलग से कैरी बैग लेकर जरूर जाएं। क्योंकि वहां पर कई सारी आकर्षक चीजें मिलती है, जिसे खरीदे बिना आप रह नहीं सकते।
नैनीताल में आकर्षक पहाड़ियों के बीच एक प्रसिद्ध फुटबॉल ग्राउंड है, जहां पर आप विभिन्न प्रकार के खेल खेल सकते हैं। यदि आपको स्पोर्ट पसंद है तो अपने पसंद के अनुसार कोई भी एक स्पोर्ट कीट जैसे कि बैडमिंटन रैकेट, फुटबॉल या फिर क्रिकेट के सामान अपने साथ ले जा सकते हैं।
नैनीताल में पर्यटक ट्रैकिंग का आनंद लेते हैं। यदि आप भी ट्रैकिंग का अनुभव करना चाहते हैं तो अपने साथ ऐसे जूते को जरूर पैक करके लेकर जाएं, जो पहाड़ों पर चलने में सुविधाजनक हो।
नैनीताल फोटो गैलरी (Nainital Tourist Places Images)
FAQ
नैनीताल भारत के उतराखंड राज्य में स्थित है।
नैनीताल में आप नैनी झील, नैनीताल चिड़ियाघर, राजभवन, मॉल रोड, पंगोट, स्नो व्यू पॉइंट, नैना चोटी, हनुमानगढी,टिफ़िन टॉप, केबल कार, नौकुचियाताल व भीमताल, इको गुफा पार्क आदि जगहों पर घूमने जा सकते हैं।
नैनीताल में घूमने के लिए मार्च से जून तक समय सही रहता है, जो वसंत ऋतू और गर्मी का मौसम होता है।
नैनीताल में कई सारी झीले हैं, जहां पर पर्यटक बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। साथ ही पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग और वॉटर ज़ोरबिंग का लुफ्त उठा सकते हैं।
आप नैनीताल साल के किसी भी महीने जा सकते हैं। लेकिन यदि आप नैनीताल में मोजूद हर चीज का आनंद उठाना चाहते हैं तो फिर आपको निश्चित समय अंतराल में ही जाना होगा। यदि आपको बर्फ देखना पसंद है, बर्फ में खेलना पसंद है तो आप दिसंबर से फरवरी के बीच नैनीताल घूमने आ सकते हैं। क्योंकि इस दौरान यहां पर बर्फबारी होती है, जिस कारण यहां पर तापमान बिल्कुल शून्य हो जाता है और मौसम भी बेहद सुहावना हो जाता है। इसके अतिरिक्त आप चाहे तो मार्च से जून तक के समय दौरान भी आ सकते हैं। इस समय गर्मियों का मौसम होता है और नैनीताल में 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान रहता है, जो नैनीताल को घूमने के लिए बहुत ही अनुकूल तापमान है।
नैनीताल हिल स्टेशन में एक से बढ़कर एक दुकानें हैं, जहां पर ब्रांडेड से लेकर स्थानीय स्तर पर कई सारे उत्पाद को बेचे जाते है। नैनीताल में एक मॉल रोड करके सबसे बड़ा बाजार है, जहां पर आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी चीजें खरीद सकते हैं। नैनी झील के किनारे गलियारों में भी कई छोटी-बड़ी दुकानों की लंबी श्रृंखला लगती है। इसके अलावा तिब्बती बाजार भी नैनीताल का एक और लोकप्रिय बाजार है, जहां पर महिलाओं के कई सारे मनपसंद की चीजें मिलती है।
हालांकि साल के किसी भी मौसम के दौरान नैनीताल की यात्रा के लिए जा सकते हैं। लेकिन बारिश के मौसम में यहां पर काफी परेशानी उत्पन्न हो जाती है जैसे कि बारिश के समय यहां कभी-कभी भूस्खलन हो जाता है। साथ ही बहुत सारे बर्फ गिरने के कारण रोड भी बंद हो जाते हैं और सड़कें भी फिसलदार हो जाती है, जिससे पर्यटकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सबसे पहले नैनीताल के बारे में कोलकाता के इंग्लिश अखबार में छपा था, जिसके बाद इसका विस्तार आगरा अखबार तक गया और फिर उस में छपने के बाद यह जगह दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गया।
निष्कर्ष
बर्फ से ढके पहाड़ों, झीलो और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए नैनीताल की ट्रिप का आयोजन एक बार जरूर करें। हमें उम्मीद है कि आज के इस लेख में नैनीताल की यात्रा से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी आपकी यात्रा को सुलभ बनाने में आपकी मदद करेगा।
यह लेख नैनीताल में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय (Nainital me Ghumne Wali Jagah) आपको अच्छा लगा होगा। लेख को अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अपने दोस्तों में जरुर शेयर करें। साथ ही लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो आप कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताएं।
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