10+चित्रकूट में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय

Chitrakoot Me Ghumne ki Jagah: दोस्तों अगर आप चित्रकूट में घूमने की जगह ढूंढ रहे हैं, तो आज आप बिल्कुल सही जगह पर है। आपको हम बता दे की पयस्वनी नदी के तट पर बसा चित्रकूट धाम बहुत ही सुंदर प्राकृतिक और आध्यात्मिक स्थान है, जहां हिन्दुओं के भगवान श्री रामचंद्र ने अपने वनवास के दौरान 11 साल बिताए थे। चित्रकूट धाम उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है, जहाँ दूर दूर सें पर्यटक यहाँ घूमने के लिए आते है।

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Image : Chitrakoot Me Ghumne ki Jagah

चित्रकूट अद्भुत भौतिक विशेषताओं के साथ-साथ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थानों की एक अनोखी पच्चीकारी प्रदान करता है। इसलिए आज के इस पोस्ट में हम आपको चित्रकूट की खूबसूरती के बारे में बताएंगे। आज मैं आपको बताने वाला हूँ की चित्रकूट में ऐसा क्या है, जो आपको आकर्षित कर सकता है। इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़े ताकि आपको चित्रकूट से संबधित सभी जानकारी प्राप्त हो सके।

चित्रकूट में घूमने की जगह | Chitrakoot Me Ghumne ki Jagah

चित्रकूट से संबंधित कुछ रोचक तथ्य

दोस्तों अगर आपने चित्रकूट घूमने का प्लान बना ही लिया है तो सबसे पहले आपको चित्रकूट के बारे में कुछ महत्वपर्णू रोचक तथ्य के बारे में भी जान लेना चाहिए, ताकि आपकी चित्रकूट घूमने की जिज्ञासा और भी ज्यादा बढ़ जाए।

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  • माता सीता ने लव और कुश को चित्रकूट के वाल्मीकि आश्रम में जन्म दिया था।
  • चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के किनारे रामघाट बना हुआ है, जो एक सुंदर घाट हैं।
  • चित्रकूट में जानकी कुंड से कुछ किलोमीटर की दूरी पर मंदाकनी नदी के तट पर भगवान राम के पैरों के निशान देखने को मिलते हैं।
  • कामदगिरी का नाम भगवान राम के एक अन्य नाम कामदनाथजी से आया हैं। 
  • उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में स्थित राजापुर एक छोटा सा शहर है, जों तुलसीदास का जन्मस्थान है साथ ही यह मंदिर तुलसीदास को समर्पित हैं। 

चित्रकूट में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Chitrakoot Tourist Places in Hindi)

चित्रकूट में वैसे तो बहुत सी घूमने की जगह है, जो आपको आकर्षित कर सकती है। लेकिन आज हम आपको कुछ पर्यटन स्थल के बारे में बतायेगे, जो आपको काफी आकर्षित कर सकते है। साथ ही यहाँ दूर – दूर से लोग इस जगह पर घूमने के लिए आते है। तो चलिए दोस्तों बिना देरी किये हम आपको बताते है, चित्रकूट में घूमने की जगह कौन कौन सी है, जो काफी फेमस हैं।

रामघाट

अगर आपको घूमने फिरने का शौक है और आप चित्रकूट ट्रिप के दौरान कुछ अलग हटकर करना चाहते है तो आपको एक बार चित्रकूट के रामघाट को जरूर देखना चाहिए। रामघाट चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के किनारे बना हुआ एक सुंदर घाट है।

Ramghat
Image :Ramghat

इस घाट के किनारे आपको बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिल जाएंगे, जो की मंदिर प्राचीन है। यहां पर आपको रंग बिरंगे नाव देखने को मिल जाएँगे जिनमें खरगोश भी रखे रहते है, जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते हैं। 

गुप्त गोदावरी गुफाएँ

दोस्तों चित्रकूट में घूमने के लिए सभी अद्भुत स्थानों में से गुप्त गोदावरी गुफाएँ हिन्दू धर्म में असाधारण स्तर की प्रमुखता रखती है। गुफाओं से संबंधित कई मिथक है। उनमें से सबसे प्रमुख यह है कि भगवान श्री राम और भगवान लक्ष्मण ने अपने निर्वासन के दौरान इस गुफा में दरबार लगाया था।

Gupt-Godavari
Image : Gupt Godavari

साथ ही गुप्त गोदावरी में दो रहस्य्मयी गुफाएं भी है जिनमें से एक गुफा बड़ी है और दूसरी गुफा उससे छोटी लेकिन लम्बी है। जों पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं।

लक्ष्मण पहाड़ी

लक्ष्मण पहाड़ी चित्रकूट की एक धार्मिक स्थल है और यह पहाड़ी कामदगिरि पहाड़ी के पास ही में है। इस पहाड़ी में आपको श्री राम, लक्ष्मण और भरत जी का मंदिर देखने को मिल जाएगा। लक्ष्मण पहाड़ी तक पहुंचने के लिए आपको रोपवे की सुविधा मिल जाती है।

Lakshman-Pahadi
Image :Lakshman Pahadi

अगर आप रोपवे का इस्तेमाल ना करना चाहे, तो आपको सीढ़ियों की भी सुविधा यहां पर मिल जाती है। साथ ही इस पहाड़ी में खंभे बने हुए हैं। इन खंभे को आपको भेटना पड़ता है। भेटने का मतलब होता है की आपको इन खंभों को गले लगाना पड़ता है। ऐसी मान्यता है की भगवान भरत जी यहां आए थे और भगवान श्री राम जी के गले मिले थे। इसलिए इन खंभों को भेटना कहते है। 

कामदगिरि मंदिर

यह ऐतिहासिक शहर चित्रकूट के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। कामदगिरि, चित्रकूट तीर्थ स्थल का सबसे प्रमुख तथा सबसे प्राचीन मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

Kamadgiri Temple
Image : Kamadgiri Temple

इसलिए यहाँ हर साल दूर दूर सें लोग अपनी मनोकामनाएं माँगने आते है। साथ ही मंदिर कुछ अन्य प्रमुख हिन्दू मंदिरों से घिरा हुआ है, जो पहाड़ी को हिंदुओं के लिए एक धार्मिक केंद्र बना हुआ हैं।

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हनुमान धारा 

दोस्तों आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की हनुमान धारा के बारे में कहा जाता है की जब हनुमान जी ने लंका में आग लगाई थी। उसके बाद उनकी पूंछ में लगी आग को बुझाने के लिए वो इस जगह आये थे, जिन्हे भक्त हनुमान धारा के नाम से जाना जाता है।

Hanuman Dhara
Image : Hanuman Dhara

हनुमान धारा एक पहाड़ी पर स्थित झरना है और चित्रकूट के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों में से एक है। यह साइट विभिन्न कारणों से पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है।

वर्तमान में यह चित्रकूट स्थान उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की कर्वी तहसील तथा मध्यप्रदेश के सतना जिले की सीमा पर स्थित है। चित्रकूट का मुख्य स्थल सीतापुर है, जो कर्वी से आठ किलोमीटर की दूरी पर है। जिसे देखने भारी संख्या में लोग यहाँ आते हैं।  

स्फटिक शिला 

दोस्तों चित्रकूट का दर्शनीय स्थल स्फटिक शिला चित्रकूट में जानकी कुंड से कुछ किलोमीटर की दूरी पर मंदाकनी नदी के तट पर स्थित है। साथ ही चित्रकूट के घने जंगल में स्थित इस स्थान पर एक शिला पर भगवान राम के पैरो के निशान पर्यटकों को देखने के लिए मिल जाते है।

Sphatik Shila
Image : Sphatik Shila

कहा जाता है की माता सीता ने प्रभु श्री राम के साथ ज्यादातर समय इसी शीला पर व्यतीत किया था। इसके अलावा पौराणिक कथाओं के अनुसार यह वही जगह है, जहां देवी सीता को भगवान इंद्र के पुत्र जयंत ने काट लिया था। जब वह एक कौवे के रूप में उड़ रहा था।

भरत कूप

चित्रकूट के भरत कूप के मंदिर में बने कुएं के जल में सभी पवित्र तीर्थों का जल मिला हुआ है। इसलिए यह जल सबसे पवित्र है और यह जल मीठा है और इस जल में बीमारियों से लड़ने की शक्तियां भी है।

Bharat Koop
Image : Bharat Koop

इस कुएं के बारे में लोगों की मान्यता यह है, कि इस कुएं का जल बहुत ज्यादा पवित्र है और इस कुएं के जल से अगर आप स्नान करते है, तो आपके जो भी रोग रहते है, वह नष्ट हो जाते है साथ ही एक और मान्यता है की ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम को अयोध्या के राजा के रूप में अभिषेक करने के लिए, उनके भाई भरत ने सभी पवित्र तीर्थों के जल को एकत्रित किया था।

वाल्मीकि आश्रम

भारतीय साहित्य और पवित्र ग्रन्थों में प्रख्यात वनवास काल में साढ़े ग्यारह वर्षों तक भगवान श्री राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण जी की निवास स्थली रहा है। चित्रकूट मानव हृदय को शुद्ध करने और प्रकृति के आकर्षण से पर्यटकों को आकर्षित करने में सक्षम है।

Valmiki Ashram
Image : Valmiki Ashram

पर्यटक यहाँ के खूबसूरत झरने, चंचल युवा हिरण और नाचते मोर को देखकर रोमांचित होते हैं। साथ ही इस स्थान पर माता सीता ने लव और कुश का जन्म दिया था। इसलिए पर्यटक यहाँ दूर दूर सें इस सुंदर नज़ारे को देखने आते हैं। 

चित्रकूट का प्रसिद्ध भोजन

दोस्तों हम आपको बता दे की चित्रकूट जितना सुंदर है, उतना ही स्वादिष्ट यहां का खाना भी है। अगर आप यहाँ घूमने आते हो तो चित्रकूट धाम अपने यहां आने वाले हर पर्यटकों के लिए शानदार भोजन की पेशकश करता है। चित्रकूट एक धार्मिक स्थल है। इसलिए यहां शुद्ध शाकाहारी भोजन ही अधिक देखने और चखने के लिए मिलेगा।

इसलिए आपको यहाँ खाने के लिए दाल, चावल, सब्जी, रोटी, अचार, पापड़ और मीठे में जलेबी, सूजी का हलवा, सेवियाँ इत्यादि खाने को मिल जायेगी।

अगर आप मीठे के शौकीन है, तो आप यहाँ की जलेबी जरूर खाना, जों दिखने मे काले रंग की होती है। क्यूंकि इनको खरी ही तलना पड़ता तभी ये दिखने में काली हो जाती है इन जलेबियों में खोवा और अरारोट पड़ता है और इलायची पाउडर मिलाते हैं। दोस्तों अगर आप कभी चित्रकूट घूमने आओ तो एक यहाँ खाने का स्वाद जरूर लेना। 

चित्रकूट में रुकने की जगह

अगर चित्रकूट शहर में रुकने की बात की जाए तो यहाँ पर सस्ते दामों पर होटल, गेस्ट हाउस और रेंट में कमरे आसानी से मिल जाते है। जहाँ पर आप आसानी से ठहर सकते हैं।

हमने कुछ होटल के नाम आपके लिए ढूंढ कर निकले है, जो चित्रकूट में काफी फेमस हैं। जैसे की होटल चित्रकूट दर्शन, होटल राज, होटल रूद्रा, श्री भागवत धाम, श्री जी भवन, होटल मन्दाकिनी दा हरिटेज इत्यादि शामिल हैं।

चित्रकूट जाने के लिए सबसे अच्छा समय

अगर आप चित्रकूट की सैर करना चाहते है और धार्मिक, ऐतिहासिक शहर चित्रकूट घूमने के लिए जाना चाहते है, तो हम आपको बता दे की पर्यटन के लिहाज से बहुत ही खास है चित्रकूट, जहां घूमने के लिए नवंबर से लेकर मार्च तक का महीना सबसे बेस्ट होता है, जब मौसम ठंडा और सुखद होता है।

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चित्रकूट कैसे पहुंचे?

दोस्तों अगर आप चित्रकूट घूमने का प्लान बना रहे हो और सोच रहे हो की आखिर चित्रकूट कैसे पहुंचे तो, आज इस लेख में हम आपको बताएंगे की चित्रकूट कैसे पहुंचे?

रेल द्वारा चित्रकूट कैसे पहुंचे?

अगर आप रेल द्वारा चित्रकूट घूमने का प्लान बना रहे है, तो चित्रकूट से 8 किलोमीटर की दूरी पर कर्वी रेल्वे स्टेशन है, जोकि चित्रकूट का सबसे निकटतम रेल्वे स्टेशन है। कर्वी रेल्वे स्टेशन झांसी-मानिकपुर रेल्वे लाइन पर स्थित है और भारत के सभी प्रमुख शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं।

सडक द्वारा चित्रकूट कैसे पहुंचे?

दोस्तों आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की चित्रकूट आने के लिए आप अपनी गाडी या फिर कोई गाडी बुक करके आसानी से सडक द्वारा यात्रा करके चित्रकूट आसानी से पहुंच सकते हैं।

हवाई मार्ग द्वारा चित्रकूट कैसे पहुंचे?

चित्रकूट की यात्रा पर जाने के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया है, तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दे की चित्रकूट का सबसे निकटतम एयरपोर्ट  इलाहाबाद हवाई अड्डा है, जों चित्रकूट से लगभग 135 किलोमीटर की दूरी पर हैं।

चित्रकूट कैसे घूमें?

चित्रकूट घूमने के लिए एक बेहतरीन स्थान प्रदान करता है। चित्रकूट धार्मिक और आध्यात्मिक विशेषताओं के साथ-साथ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थानों की एक अनोखी मिसाल प्रदान करता है। साथ ही चारों तरफ से विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं और वनों से घिरे चित्रकूट को मंदिरों का गढ़ भी कहा जाता है।

इसीलिए यहाँ घूमने के लिए भारी संख्या में लोग दूर – दूर से आते है। अगर आप भी यहाँ घूमने के लिए सोच रहे है, तो आप जिस होटल या गेस्ट हाउस में ठहरे है। आप वहाँ से किराये पर कार को बुक करके घूमने जा सकते है और चित्रकूट की सुंदरता के दर्शन कर सकते है।

इसके अलावा अगर आप यहाँ घूमने के लिए आते है, तो आप चाहो तो टूरिस्ट गाइड को भी बुक कर सकते है, जो आपको चित्रकूट की सुंदरता के दर्शन करवाने में आपकी मदद कर सकते हैं।

चित्रकूट में घूमने का खर्चा

चित्रकूट घूमने के खर्च की बात की जाएं तो यह आपके ऊपर निर्धारित करता है की आप किस से जाना पसंद करोगे और वहाँ जाकर आप कहाँ – कहाँ घूमना पसंद करोगे। आप किस होटल, गेस्ट हाउस में रुकना पसंद करोगे साथ ही आप चित्रकूट में कितने दिन रुकोगे, यह सब आपके बजट पर निर्भर करता हैं। 

चित्रकूट घूमने के लिए साथ में क्या रखे? 

अगर आप चित्रकूट घूमने के लिए प्लान बना रहे है, तो आपको अपने साथ जिस से सफर कर रहे है उसकी टिकट, अपनी आईडी प्रूफ, मोबाइल फोन, मौसम के अनुसार कपडे इत्यादि लेकर जाना चाहिए।

 FAQ

हनुमान धारा कहाँ बहती है?

हनुमान धारा चित्रकूट में बहती है। पहाड़ी के शिखर पर स्थित हनुमान धारा में हनुमान की एक विशाल मूर्ति है। मूर्ति के सामने तालाब में झरने से पानी गिरता है, जिसे हनुमान धारा के नाम से जाना जाता हैं।   

राम और लक्ष्मण ने कहाँ दरबार लगाया था?

चित्रकूट के गुप्त गोदावरी के पास वाले तालाब के पास बनी गुफा में राम और लक्ष्मण ने दरबार लगाया था।

प्रभु श्रीराम चौदह साल का वनवास काटने कहाँ आए थे?

प्रभु श्रीराम चौदह साल का वनवास काटने के लिए चित्रकूट आए थे।

गणेश बाग कहाँ स्थित है?

चित्रकूट से 3 किलोमीटर दूर कर्वी के देवांगना रोड पर स्थित गणेश बाग स्थित हैं।

गणेश बाग की निर्माण किसने किया था?

गणेश बाग का निर्माण पेशवा राजा विनायक राव द्वारा 1800 ईसवीं से पहले किया गया था।

निष्कर्ष

हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को चित्रकूट में घूमने की जगह ( Chitrakoot Me Ghumne ki Jagah) से संबंधित विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की हुई है। हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई आज कि यह महत्वपूर्ण जानकारी आपके लिए काफी ज्यादा हेल्पफुल और यूज़फुल साबित हुई होगी।

चित्रकूट में घूमने से संबंधित हमारा यह लेख आपके लिए जरा सा भी अगर हेल्पफुल साबित हुआ हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। 

अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हो और हमारे इस महत्वपूर्ण लेख को अंतिम तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आपका कीमती समय शुभ हो।

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