भारत में देश विदेश के लोग यहां की संस्कृति को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। वैसे तो भारत में हर एक राज्यों में घूमने का स्थान है। परंतु अगर आप मध्यप्रदेश राज्य के बारे में जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अच्छे से पढ़े।
इस आर्टिकल में हम आपको मध्य प्रदेश में घूमने की जगह (mp me ghumne ki jagah) के बारे में बनाएंगे और ऐसी जगह जो आपके लिए सर्वश्रेष्ठ हो और आप वहां जाकर वहां की प्रकृति का आनंद उठा पाएं।
भारत के सभी राज्य की संस्कृति अलग अलग होती है। वहां पर रहने वाले निवासियों का रहन सहन भी अलग होता है। भारत के किसी भी कोने में मेहमान का आदर सत्कार बड़े ही प्रेम भाव से किया जाता है।
इसलिए यहां पर आने वाले पर्यटकों के लिए भी कई सारी व्यवस्थाएं करवाई जाती हैं, जिससे अगर दूसरे राज्य या देश से कोई भी पर्यटक हमारे भारत देश के राज्य की संस्कृति देखने आता है, तो उन्हें सभी सुविधाएं दी जाएं। चलिए बिना समय व्यर्थ किए जानते हैं मध्य प्रदेश के कुछ प्रमुख घूमने के स्थल के बारे में।
मध्यप्रदेश के बारे में रोचक तथ्य
- मध्य प्रदेश भारत के मध्य में स्थित है और इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश को भारत का दिल भी कहा जाता है।
- मध्य प्रदेश सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाले राज्य में देशों में दूसरे स्थान पर है।
- भारत की पांचवी सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य मध्य प्रदेश को माना जाता है।
- माना जाता है कि मध्य प्रदेश 30000 ईशा पूर्व भी स्थित था।
- 1500 ईसा पूर्व में मौर्य राज्य ने इस मध्य प्रदेश राज्य में राज किया था।
- मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर का उल्लेख बड़े-बड़े ग्रंथों में भी किया गया है।
- अकबर के शासन काल में भी मध्य प्रदेश मुगल साम्राज्य का हिस्सा बना है।
- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारत का पहला सौर ऊर्जा उत्पादन केंद्र स्थापित किया गया था। भोपाल से पहले इसकी राजधानी ब्रिटिश काल में नागपुर हुआ करती थी।
- मध्य प्रदेश का राजकीय पक्षी दूधराज पक्षी को माना जाता है। इसे सुल्ताना बुलबुल के नाम से भी जाना जाता है।
- कृषि के मामले में भी मध्य प्रदेश आगे है। यह शहर मसूर, उड़द, चना, सोयाबीन और अलसी के उत्पादन में प्रथम स्थान पर आता है।
- भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद मध्य प्रदेश राज्य भाग क, भाग ख और भाग ग इन तीन भागों में बांट दी गई थी और तीनों भागों की राजधानी अलग-अलग थी, जो क्रमशः नागपुर, ग्वालियर और रीवा रखी गई थी।
- मध्य प्रदेश राज्य का गठन 1956 में भाषा के आधार पर किया गया था।
- भारत का छत्तीसगढ़ राज्य भी पहले मध्य प्रदेश के अंतर्गत आता था, फिर 2000 में छत्तीसगढ़ इस राज्य से अलग कर दिया गया।
- मध्य प्रदेश अपने प्राचीन और धार्मिक स्थल से भी प्रसिद्ध है।
मध्यप्रदेश में घूमने की जगह (Madhya Pradesh Me Ghumne ki Jagah)
भारत के मध्य में स्थित राज्य जिसे हम मध्य प्रदेश कहते हैं, यह अपनी प्राचीनता और संस्कृति से देश भर में विख्यात है। यहां पर कई सारे पर्यटक घूमने आते हैं।
परंतु उन्हें यह नहीं समझ आता कि इतने बड़े राज्य में सबसे अच्छा घूमने का स्थान कहां होगा। तो चलिए हम आपको बताते हैं मध्यप्रदेश में घूमने वाले कुछ खास स्थान के बारे में।
खजुराहो
खजुराहो मध्य प्रदेश का एक बहुत ही प्राचीन और मशहूर पर्यटन स्थान है। यहां पर रहने वाले निवासी इस स्थान की शोभा को बहुत ही बेहतरीन तरीके से बता सकते हैं। मध्य प्रदेश में स्थित कामसूत्र की रहस्यमई भूमि खजुराहो अनादि काल से मध्य प्रदेश में स्थित है।
कहा जाता है कि मध्यकालीन समय से पर्यटक इस स्थान को जानते हैं और देश विदेश के लोग यहां घूमने आया करते हैं। खजुराहो छतरी जिले में है।
यह एक छोटा सा गांव है, जो प्राचीन स्मारकों से विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां के दर्शनीय स्थल की बात करें तो लक्ष्मण मंदिर और चित्रगुप्त मंदिर सर्वश्रेष्ठ है।
पंचमढ़ी
पंचमढ़ी मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित है। इसे ही खूबसूरत हिल स्टेशन के नाम से भी जाना जाता है। मध्यप्रदेश में पंचवटी बहुत ही पहले से प्रसिद्ध है।
देश विदेश के लोग जब भारत आते हैं तो इसके प्रकृति और वातावरण में अपने आप ही आकर्षित हो जाते हैं।
यहां पर बहुत ही शांति और हरियाली के बीच बहुत सारे पहाड़ हैं और वहां से झरने बहते हैं, जो बहुत ही मनमोहक नजर आते हैं।
सतपुड़ा की पहाड़ियों में स्थित पंचमढ़ी को मध्य प्रदेश का कश्मीर भी माना जाता है और यह बहुत ही खूबसूरत है।
शिवपुरी
शिवपुरी मध्य प्रदेश का पर्यटन की दृष्टि से एक खूबसूरत और प्रसिद्ध शहर है। भगवान शिव के नाम पर ही इस स्थान का नाम शिवपुरी पड़ा है।
यह शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है। शिवपुरी ग्वालियर से लगभग 119 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
ग्वालियर के सिंधिया वंश के शासनकाल में यह ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी। यहां पर काफी घने जंगल भी हैं और घने जंगल में राजा महाराजा शिकार खेलने आया करते थे और हाथियों के विशाल झूंड और शेरों को भी यहां से पकड़ ले जाते थे।
आज वे जंगल अभ्यारण में परिवर्तित हो चुके हैं। इस तरह यहां पर कई सारे जीव अभ्यारण और राष्ट्रीय उद्यान भी है, जिसमें से प्रसिद्ध राष्ट्रीय अभ्यारण माधव राष्ट्रीय अभ्यारण है।
इतना ही नहीं शिवपुरी के इतिहास को दर्शाता यहां पर कुछ महल भी है। इसके साथ ही प्राकृतिक सुंदरता की तलाश में आने वाले पर्यटकों के लिए यहां पर झीलें भी हैं।
इस शहर में जामा मस्जिद, शिव मंदिर, बांकडे हनुमान मंदिर, महादेव मंदिर, बाण गंगा धाम, श्री सिद्धेश्वर शिव मंदिर, श्री मंशापूर्ण हनुमान मंदिर, मोहिनेश्वर धाम, चिन्ताहरण मंदिर, श्री राज राजेश्वरी मंदिर आदि खूबसूरत देखने लायक स्थान है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित एक खूबसूरत देखने लायक स्थान है। यह म्यूजियम 200 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और यहां पर 32 पारंपरिक और प्रागैतिहासिक चित्रित शैलाश्रय है।
इस संग्रहालय में मानव जीवन के कालक्रम को दिखाया गया है। मानव के जीवन का वर्णन, मानव की उत्पत्ति से लेकर आधुनिक युग तक का वर्णन इस संग्रहालय में बहुत खूबसूरत तरीके से प्रदर्शित किया गया है।
इस संग्रहालय को न केवल भारत बल्कि एशिया में मानव जीवन को लेकर बनाया गया सबसे विशाल संग्रहालय माना जाता है। यह मानव तथा संस्कृति के विकास के इतिहास को प्रदर्शित करता एक अनोखा संग्रहालय है।
यहां पर आप भारत के विभिन्न राज्यों की जनजाति संस्कृति के बारे में जान सकते हैं। इतना ही नहीं इस संग्रहालय को जिस स्थान पर बनाया गया है, उस स्थान को भी प्रागैतिहासिक काल से जोड़ा जाता है। यह संग्रहालय हर दिन सुबह 10:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक खुला रहता है।
ग्वालियर
ग्वालियर का नाम तो हर किसी ने सुना ही होगा और भारत के हर एक निवासी इस स्थान के बारे में अच्छे से जानते हैं। ग्वालियर शहर का निर्माण राजा शूरसेन द्वारा करवाया गया था।
मतलब कि यह ऐतिहासिक समय से ही प्राचीन स्थलों में से एक है। यह स्थान बहुत ही खूबसूरत और हरियाली से परिपूर्ण है।
यहां पर प्राचीन समय के कुछ मंदिर और धार्मिक स्थान भी है, जिसका दर्शन करने लोग दूर दूर से आते हैं।
यहां के महत्वपूर्ण स्थान के बारे में बात करें तो ग्वालियर का किला, जय विलास पैलेस, तेली का मंदिर आदि प्रसिद्ध स्थान है, जहां पर आप घूमने जा सकते हैं।
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कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान भारत के प्रसिद्ध उद्यानों में से एक है। मध्य प्रदेश में स्थित यह राष्ट्रीय उद्यान में राष्ट्रीय पशु, पक्षी और जंगली जानवर भी है, जो यहां की प्रसिद्धता को बढ़ाते हैं।
यह राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश में मंडला जिले में स्थित है, यहां आने वाले पर्यटक यहां की सुंदरता और प्रकृति से आकर्षित होते हैं।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1955 में हुई थी। यह उद्यान 940 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में सूर्यास्त बिंदु और यहां की बाघ, पक्षी को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं और यह इसीलिए ही प्रसिद्ध है।
भीमबेटका
इतिहास प्रेमियों के लिए मध्यप्रदेश में एक खूबसूरत देखने लायक स्थान भीमबेटका है। यह स्थान मध्य-प्रदेश के प्राचीन इतिहास को करीब से देखने और अनुभव करने के लिए एक बेहतरीन और प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थल है।
भीमबेटका भोपाल से तकरीबन 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भीमबेटका प्रागैतिहासिक युग से ही अस्तित्व में है। यहां पर 500 से भी अधिक रॉक शेल्टर है।
इसके साथ ही 30,000 साल से अधिक पुराने कई चित्र यहां पर देखने को मिलते हैं, जो इतिहास प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
मध्य प्रदेश घूमने आने वाले ऐसे पर्यटक जो प्रकृति और वन्य जीव के बीच समय बिताना चाहते हैं, उनके लिए मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान स्थित है।
यह स्थान वन्य जीव और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। यह राष्ट्रीय उद्यान 542.67 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस राष्ट्रीय उद्यान में 200 से भी अधिक प्रजातियों के पंछी देखने को मिलते हैं।
यहां पर जंगली कुत्ता, भालू, तेंदुआ, भेड़िया, लकड़बग्घा और चीतल जैसे कई जानवर रहते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान रॉयल बंगाल टाइगर के लिए भी महत्वपूर्ण स्थान है।
ओरछा
मध्य प्रदेश के झांसी जिले से 16 किलोमीटर की दूरी पर बेतवा नदी के पास ओरछा किला मौजूद है। यह किला 16 वीं सदी में रूद्र प्रताप सिंह द्वारा बनवाया गया था, यह राजा महल पर आकर्षण से भी जाना जाता है।
पुराने समय में राजा महाराजा लोग जिस वास्तु काल में स्थित रहते थे यह पूरा दृश्य उसी को दर्शाता है। आज के समय में इस किले को राम राजा मंदिर में बदल दिया गया है। भारत का यह मंदिर एकमात्र है, जहां हर कोई राम को राजा राम के रूप में पूजता है।
महेश्वरी
महेश्वरी मध्य प्रदेश का एक स्वच्छ और पवित्र नर्मदा नदी के किनारे स्थित धार्मिक शहर है। यहां पर कई शिवालयों और मंदिरों की श्रृंखला के कारण इसे गुप्तकाशी के नाम से भी जाना जाता है।
वास्तव में महेश्वरी शहर अहिल्याबाई होल्कर की बुद्धिमता और कुशल राज कौशल की जीवंत साक्षी भी है। इस शहर में नौका विहार काफी प्रख्यात है, जिसके लिए पर्यटक यहां पर आते हैं। पवित्र नर्मदा नदी में स्नान करने के लिए यहां पर घाटों की श्रृंखला बनी हुई है।
इस शहर का प्राचीन नाम महिष्मति है। लेकिन आज यह एक विकसित पर्यटन स्थल बन चुका है। महिष्मति नगरी के बारे में वायु पुराण, नर्मद पुराण और स्कंद पुराण में भी वर्णन किया गया है।
इस शहर में देवी अहिल्याबाई होलकर का एक राजवाड़ा भी है, जो 2 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ 500 फीट ऊंचा किला है। इस शहर में राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु मंदिर, अहिल्येश्वर मंदिर, महेश्वर किला जैसे कई खूबसूरत पर्यटन स्थल मौजूद है।
इंदौर
पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश का इंदौर शहर एक खूबसूरत जगह है। यह मध्य प्रदेश के सबसे अधिक आबादी वाला शहर है, जो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह शहर मालबा पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। इस शहर को फूड कैपिटल और मिनी मुंबई भी कहा जाता है। 18 वीं शताब्दी में इस शहर में भगवान इंद्र देव का एक सुंदर मंदिर बनाया गया था, उसी से इस शहर का नाम ब्रिटिश शासकों ने इंदौर रख दिया था।
तकरीबन लगातार 4 वर्षों से यह शहर भारत के सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में नंबर वन पर आ रहा है। टूरिस्ट डेस्टिनेशन के मामले में भी काफी ज्यादा लोकप्रिय है।
यहां पर थीम पार्क, स्नोसिटी, टोरनैडो वाटर पार्क, पिपलियापाला क्षेत्रीय उद्यान और जनपद कुट्टी जैसे कई खूबसूरत देखने लायक स्थान है।
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सांची
भारत में बहुत सारी बौद्ध तीर्थ स्थल है, उनमें से एक है सांची। सांची की इमारतें बहुत ही सुंदर तरीके से बनाई गई है। सांची का बौद्ध स्मारक यहां की संस्कृति को दर्शाता है। यहां पर मौर्य वंश के सम्राट अशोक ने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में इस स्तूप की स्थापना की थी।
इस स्थान पर भगवान बुद्ध की स्थापना की गई है। यह स्थान हरी-भरी वादियों से भरा हुआ है। यहां पर जाने के बाद लोगों को आनंद और शांति का अनुभव होता है।
उज्जैन
उज्जैन मध्य प्रदेश में प्राचीन धार्मिक स्थल से विख्यात है, इसे महाकाल की नगरी भी कहा जाता है। भारत में स्थित सभी महान महाकाल की ज्योतिर्लिंगों में से 1 ज्योतिर्लिंग यहां भी मौजूद है, जिसे स्वयंभू ज्योतिर्लिंग कहते हैं।
इसे दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग भी कहते है। लोग इस तीर्थ स्थान में भगवान शंकर की पूजा करने आते है। इस मंदिर के तीसरे मंजिलें पर भगवान नाग चंदेश्वर की मूरत स्थित है, जहां नागपंचमी के दिन पूजा कि जाती है। इसके अलावा उज्जैन में और भी बहुत तीर्थ स्थल है।
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पीपल मॉल भोपाल
अगर आप मध्य प्रदेश की यात्रा के दौरान बहुत सारी शॉपिंग करना चाहते हैं, इसके साथ ही मनोरंजन भी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह दोनों ही चीज आपको पीपल मॉल में प्राप्त हो जाएगी।
यह मॉल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है। इस मॉल में देश भर की तमाम चीजें बिकती है, जिसे आप खरीद सकते हैं।
इसके साथ ही इस मॉल में एक एम्यूज़मेंट पार्क भी स्थित है। इस पार्क में इंडिया गेट, ताज महल, ताज होटल से लेकर भारत के कई खूबसूरत इमारत बने हुए हैं, जो देखने में शानदार है।
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हनुमंतिया आईलैंड
मध्यप्रदेश में घूमने के लिए कई खूबसूरत पर्यटन स्थल है लेकिन हनुमंतिया आईलैंड विभिन्न खेलों में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए एक शानदार और बेहतरीन जगह है।
यह द्वीप मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। यह स्थान ट्रैकिंग, फ्लोटिंग, कैंपिंग, पतंगबाजी, वॉटर स्पोर्ट, साइकिलिंग और बर्ड वाचिंग जैसे कई रोमांचिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है।
हर साल जनवरी महीने में इस आईलैंड पर विभिन्न तरह के खेल का आयोजन किया जाता है, जिसमें देशभर से लोग भाग लेते हैं। उस दौरान इस जगह को विजिट करना एक अलग ही अनुभव होता है।
यहां पर इंदिरा सागर डैम स्थित है, जिसे आप देख सकते हैं। इसके साथ ही गर्म हवा के गुब्बारे की सवारी भी यहां पर प्रख्यात है।
इस तरह मध्यप्रदेश में दैनिक जीवन शैली से विराम लेने और मन को शांति देने के लिए यह स्थान मध्य प्रदेश का एक शानदार पर्यटन स्थल है।
मोती मस्जिद
मोती मस्जिद मध्यप्रदेश में इतिहास प्रेमियों के लिए घूमने लायक एक आदर्श जगह है। यह मध्य प्रदेश के विभिन्न खूबसूरत आकर्षणों में से एक है।
सफेद संगमरमर से बना यह मस्जिद दिल्ली की जामा मस्जिद की तरह ही है। यह मस्जिद भी मुगल काल की एक भव्य इमारत है। इस मस्जिद का निर्माण सिकंदर जहान बेगम के शासनकाल के दौरान 1860 में किया गया था।
सफेद चमकदार संगमरमर के कारण इस मस्जिद को पर्ल मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है। इसकी खूबसूरती ही पर्यटकों को यहां तक खींचे ले आती है।
जबलपुर
मध्यप्रदेश का जबलपुर शहर अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और खूबसूरत पर्यटन स्थल के लिए जाना जाता है। यह शहर नर्मदा नदी के उत्तर में निचली पहाड़ियों से घिरे चट्टानी बेसिन में झीलों और मंदिरों के बीच में मौजूद है।
राजपूत राजाओं के शासनकाल में यह शहर कलचुरी वंश की राजधानी हुआ करती थी और इस शहर की स्थापना उन्होंने ही किया था।
जबलपुर में अंग्रेजों के जमाने से ही चलता आ रहा हाई कोर्ट का मुख्य खंडपीठ का मुख्यालय यही है, जिसके कारण इस शहर को मध्य प्रदेश की न्यायिक राजधानी भी कहा जाता है।
इस शहर को जाबालि ऋषि की तपोभूमि माना जाता है और उन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम जबलपुर पड़ा है। मध्यप्रदेश का यह शहर अपनी सांस्कृतिक गतिविधियों और संगमरमर चट्टानों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां पर बहती नर्मदा नदी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
इस शहर के प्रमुख आकर्षणों में धुआंधार जलप्रपात, ग्वारीघाट, तिलवारा नर्मदा घाट, घुघरा जलप्रपात, शिव मंदिर कचनार, बरगी डैम, संग्राम सागर झील, गुरुद्वार, हनुमानतल जैन मंदिर, बैलेंसिंग रॉक, भेड़ाघाट, मार्बल रॉक, भंवरताल गार्डन, वर्ल्ड वाटर पार्क, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान पिसनहारी की मडिया, तिलवारा घाट आदि प्रमुख है।
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बांधवगढ़ नेशनल पार्क
प्रकृति प्रेमी एवं वन्यजीव प्रेमियों के लिए मध्यप्रदेश में एक और खूबसूरत देखने लायक स्थान बांधवगढ़ नेशनल पार्क है। यह नेशनल पार्क मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में 450 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
1968 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। यह राष्ट्रीय उद्यान 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस उद्यान में स्थित एक मुख्य पहाड़ को बांधवगढ़ कहा जाता है और 811 मीटर ऊंचे इस पहाड़ के पास और भी छोटी-छोटी पहाड़ों की श्रृंखला है।
इस बांधवगढ़ की पहाड़ी पर 2000 वर्ष पुराना एक किला भी बना हुआ है, जो इतिहास प्रेमियों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है।
इस राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न पशुओं की 22 और पंछियों की लगभग 250 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। यहां पर बाघ सबसे ज्यादा पाए जाते हैं।
इस राष्ट्र उद्यान में पार्क भी बना हुआ है, जहां साल और बंबू के वृक्ष लगे हुए हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान में निवास करने वाले विभिन्न प्रजाति के जानवरों को देखने का लुफ्त आप हाथी की सवारी या फिर वाहन में बैठकर उठा सकते हैं।
मांडू
इतिहास प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए मध्य प्रदेश का मांडू जिला खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यह मध्य प्रदेश का एक प्राचीन शहर है जिसे मांडवगढ़ के नाम से भी जाना जाता है।
परमार राजवंश के समय यह स्थान ज्यादा प्रसिद्ध हुआ था। तेरहवीं शताब्दी में यह मुस्लिम शासकों के अंतर्गत आ गया था। मांडव गढ़ विंध्यांचल पर्वत श्रृंखला से घिरा होने के कारण यह सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण था।
आज यह पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण शहर बन चुका है, जो इंदौर से तकरीबन 100 किलोमीटर की दूरी पर है।
मांडू में प्रवेश करने के लिए 12 दरवाजे हैं और मुख्य दरवाजा दिल्ली दरवाजा के नाम से जाना जाता है। यहां पर जहाज महल, हिंडोला महल, होशंग शाह का मकबरा और रानी रूपमती का महल प्रमुख आकर्षण है।
अमरकंटक
अमरकंटक मध्य प्रदेश में अपनी प्रकृति और सुंदरता के लिए विख्यात है। यह मध्य प्रदेश के तीर्थ स्थलों में से एक है। सतपुड़ा क्षेत्र में स्थित यह एक बहुत ही सुंदर दृश्य दिखाता है। पहाड़ों के बीच बहती धारा नर्मदा नदी में जाकर मिलती है।
अमरकंटक का क्षेत्र नर्मदा नदी और सोन के उद्गम के कारण ही प्रसिद्ध है। यहां के रहने वाले निवासी नर्मदा कुंड और इसकी मंदिर की प्राचीनता को बढ़ावा देते है।
मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध स्थानीय भोजन
लोग अक्सर किसी देश या राज्य में घूमने जाते है, तो वहां के प्रसिद्ध व्यंजन को ही खाना पसंद करते है। हर जगह का कुछ ना कुछ प्रसिद्ध भोजन होता है।
तो चलिए आपको मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध व्यंजन के बारे में बताते है। उन प्रसिद्ध व्यंजन के निम्न नाम दिए गए है जैसे:-
- पोहा
- दाल बाफले
- मावा बाटी
- माल पुआ
- भुट्टे का किस
- इंदौरी नमकीन
- पकोड़ा कढ़ी
- पालक पूरी आदि।
जैसा कि हमने बताया मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध व्यंजन के बारे में, वह सभी वहां के प्रमुख और स्थानीय भोजन भी है। जब भी कोई पर्यटक बाहर से मध्यप्रदेश में आता है, तो उन्हें यहां के प्रसिद्ध और स्थानीय भोजन परोसे जाते हैं।
आप मध्य प्रदेश के किसी भी प्राचीन और धार्मिक स्थान में मिलने वाले भोजन करेंगे, तो वहां पर आपको मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध दाल बाफले जरूर दिए जाएंगे, जिस प्रकार राजस्थान में दाल बाटी प्रसिद्ध है।
ठीक उसी प्रकार स्वादिष्ट भोजन मध्य प्रदेश का दाल बाफले हैं। इसके साथ आपको मिठाई में मावा बाटी दिया जाता है, जो यहां का प्रसिद्ध मिठाई है।
यहां के लोग नाश्ते में ज्यादातर पोहा खाते हैं और इस स्थान में पोहा बहुत ही ज्यादा प्रचलित में है, बाहर से आने वाले लोग भी इसे बहुत पसंद करते हैं।
मध्यप्रदेश में रुकने की जगह
अगर आप किसी धार्मिक स्थल में जा रहे हैं, तो पर्यटकों के लिए वहां एक निवासिय स्थान बनाए जाते हैं, जहां वो एक दो दिन आराम से रुक सकते हैं। उनके लिए हर एक चीज की सुविधा भी बनाई जाती है, जिससे पर्यटकों को किसी भी प्रकार को असुविधा न हो।
या फिर अगर आप और भी ज्यादा फैसिलिटी चाहते है, तो कई सारे होटल होते है, जो पर्यटकों के लिए कम से कम दामों में दिए जाते है।
आप होटल में रूम बुक करवा करके भी आसानी से आराम दायक स्थान पर रुक सकते है। इसके अलावा आप रेस्टोरेंट, लौज और आश्रम में भी कुछ दिनों के लिए ठहर सकते है और मध्यप्रदेश की सैर कर सकते है।
मध्यप्रदेश में घूमने के लिए अच्छा समय (Best Time to Visit Madhya Pradesh)
मध्यप्रदेश की बात करें तो नवंबर और दिसंबर के समय यहां की सुंदरता को ज्यादा मनोरम देखा जा सकता है। क्योंकि गर्मी के समय यहां का तापमान बहुत ही ज्यादा होता है, जिसके कारण घूमने का मजा ठंडी में ही ज्यादा आता है। आप दिन भर कभी भी यहां के प्रसिद्ध स्थान में घूम सकते है।
नवंबर के समय में यहां तानसेन संगीत उत्सव भी मनाया जाता है, जो यहां की संस्कृति को दर्शाता है। यहां के प्रसिद्ध नेशनल पार्क की बात करे तो वह सुबह से शाम तक ही घुमा जा सकता है क्योंकि रात में जानवरों के कारण असुविधा हो सकती है।
इसके अलावा मध्यप्रदेश एक बहुत ही खूबसूरत राज्य है, जहां आप कभी भी घूमने जा सकते हैं।
मध्यप्रदेश कैसे पहुंचे?
अगर आप मध्यप्रदेश के निवासी नहीं है तो यहां जाने के लिए आपको अलग-अलग प्रकार के साधन का इस्तेमाल करना पड़ सकता है।
अगर आप भारत देश में नहीं है या इस राज्य के विपरीत किसी दूसरे स्थान में रहते है तो आपको हवाई जहाज या ऐरोप्लेन का सहारा लेना पड़ेगा, जिससे आप कम समय में मध्य भारत पहुंच पाएंगे या फिर अगर आप किसी अन्य राज्य में रहते गई तो ट्रेन से भी सफर कर सकते हैं।
इसके अलावा सड़क रास्ते की मदद से यहां लोग यात्रा करते है। पर्यटक के लिए कई सारी सुविधाएं है, जिससे वह मध्य प्रदेश पहुंच के प्रसिद्ध स्थानों तक घूम सकते हैं।
मध्यप्रदेश में घूमने का खर्चा
एमपी में घूमने की जगह बहुत सारी है। अगर आप 1-2 जगह घूमना चाहेंगे तो आपको खर्च कम लगेंगे। परंतु अगर आप पूरा मध्य प्रदेश घूमना चाहेंगे तो बहुत से खर्च आ सकते हैं।
बात करते हैं, सबसे कम से कम खर्च के बारे में तो आपके रहने से लेकर खाने-पीने तक सब मिलाकर 15000 से 30000 का खर्च आपको लग सकता है।
आपका खर्च आप पर भी निर्भर करता है, आप कितनी संख्या में घूमने के लिए जा रहे हैं या आपको कितनी फैसिलिटी चाहिए।
इस हिसाब से आपका खर्च बढ़ सकता है। अगर आप धार्मिक या प्राचीन स्थल पर जा रहे हैं और कुछ खरीदना चाह रहे हैं तो उसके खर्च अलग से लग सकते हैं।
मध्यप्रदेश घूमते वक्त साथ में क्या रखें?
अगर आप कहीं दूर घूमने जा रहे हैं तो अपने साथ खाने पीने का सामान, कपड़े और आदि जरूरतों की चीज रखना जरूरी होता है।
इसके अलावा अपने साथ खर्च के हिसाब से और उससे ज्यादा पैसा रखना जरूरी होता है। क्योंकि अगर आपके पास पैसा होगा तो आप अच्छे से हर एक जगह घूम पाएंगे।
पैसे की जरूरत किसी भी समय पर सकती है। इसलिए एक्स्ट्रा पैसा रखना जरूरी होता है।
इसके साथ अगर आप चाहे तो अपनी जरूरतें के सामान को बढ़ा सकते हैं और अपने साथ ले जा सकते हैं। सफर में काम आने वाली हर एक चीज को ध्यान पूर्वक रखना चाहिए, जो हर एक समय में आपके साथ रहे।
FAQ
सन 1950 में मध्यप्रदेश की स्थापना हुई थी।
पूरी दुनिया भर में मध्य प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है।
मध्यप्रदेश के दो प्रमुख धार्मिक स्थल उज्जैन और मैहर मंदिर है। उज्जैन में जहां महाकाल की पूजा की जाती है तो मैहर मंदिर में मां शारदे माता की आराधना होती है, जो पूरे भारत देश में प्रसिद्ध और रहस्यमई स्थान है।
अमरकंटक का क्षेत्र नर्मदा नदी और सोन के उद्गम के कारण ही प्रसिद्ध है।
भारत के मध्यप्रदेश के दो तथ्य निम्न है: मध्य प्रदेश भारत के बिल्कुल मध्य भाग में स्थित है, इसलिए इसका नाम मध्यप्रदेश रखा गया। भारत का दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य मध्य प्रदेश को ही कहा जाता है।
मध्य प्रदेश को तालाबों का शहर कहा जाता है। यहां पर कई सारे तालाब मौजूद है, जो इस शहर की सुंदरता को बढ़ाते हैं। यहां मुख्य रूप से सदर मंजिल, हमिद मंजिल ताजमहर और चिकलौद कोठी आदि स्थित है।
निष्कर्ष
भारत का दिल कहा जाने वाला मध्य प्रदेश एक बहुत ही सुंदर राज्य है। यहां की संस्कृति को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
इस आर्टिकल में मध्यप्रदेश में घूमने की जगह (Madhya Pradesh Me Ghumne ki Jagah) के बारे में बताया है। आप यहां जाकर सुविधा पूर्वक घूम सकते हैं।
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