कोलकाता हुगली नदी के तट पर स्थित एक शहर है, जो भारत के पश्चिम बंगाल की राजधानी है, जो ब्रिटिश काल में भारत की ब्रिटिश राजधानी हुआ करती थी।
‘सिटी ऑफ जॉय’ के नाम से जाना जाने वाला यह शहर असल में भी यहां आने वाले पर्यटकों को खूब आनंद देता है। यहां की संस्कृति, यहां का रहन-सहन, यहां की आकर्षक कला और अवलंबी साहित्य पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है।
यह शहर भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का केंद्र बिंदु भी था। यह शहर औद्योगिक क्रांति और आधुनिक भारतीय सांस्कृतिक का भी केंद्र बिंदु है।
यहां पर ब्रिटिश काल में निर्मित विक्टोरिया मेमोरियल, बिरला मंदिर, हावड़ा ब्रिज, मार्बल पैलेस, ईडन गार्डन जैसे कई आकर्षक घूमने लायक स्थान है।
इस शहर की पारंपरिक व्यंजन भी यहां आने वाले पर्यटकों को काफी पसंद आता है। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष यह शहर हजारों लाखों की संख्या में न केवल देश बल्कि विदेश के पर्यटकों को भी अपने यहां आने के लिए आकर्षित करता है।
यदि आप भी भारत में कहीं घूमने जाना चाहते हैं तो कोलकाता जाएं, इसे एक्सप्लोर करें। आपको बहुत कुछ जानने को, देखने को और सीखने को मिलेगा। इस शहर की यात्रा आपके लिए सच में बहुत आनंददायक साबित होगी।
इस लेख में कोलकाता कैसे घूमें, कोलकाता में घूमने वाली जगह (place to visit in kolkata), कोलकाता घूमने का सही समय, कोलकाता कैसे पहुंचे आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
कोलकाता के बारे में रोचक तथ्य
- कोलकाता का पुराना नाम कलकत्ता था, जिसे 1 जनवरी 2001 को बदलकर आधिकारिक रूप से कोलकाता रख दिया गया। 1890 में जॉब चार्नोक ने कोलकाता की स्थापना की थी।
- यह शहर ऐतिहासिक प्रासंगिकताओं, स्थापत्य स्मारक, संस्कृति और अपने लजीज व्यंजन के लिए देश भर में प्रसिद्ध है।
- कोलकाता अपने रसगुल्ला मिठाई के लिए देश भर में प्रसिद्ध है, जिसे यहां पर रोसोगोल्ला कहा जाता है। माना जाता है 1868 में कोलकाता के ही एक स्थानीय हलवाई श्री नोबिन चंद्र दास ने सबसे पहले रसगुल्ला को बनाया था और फिर यहीं से यह मिठाई देश भर में लोकप्रिय हो गया।
- कोलकाता को पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है।
- किताबों के शौकीन लोगों के लिए यह शहर काफी लोकप्रिय है। यहां पर भारत का सबसे बड़ा पब्लिक लाइब्रेरी और राष्ट्रीय पुस्तकालय मौजूद है। इसके अतिरिक्त यहां पर हर साल बड़े पैमाने पर कोलकाता किताब मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें दुनिया भर के लेखकों द्वारा लिखे विभिन्न प्रकार की किताबें बेची जाती है।
- ब्रिटिश काल के दौरान कोलकाता भारत की राजधानी हुआ करती थी। लेकिन 1912 में कोलकाता को भारत की राजधानी से हटाकर दिल्ली को भारत की राजधानी कर दी गई।
कोलकाता का इतिहास
कोलकाता पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के तट पर स्थित है। कोलकाता को पहले कलकत्ता के नाम से जाना जाता था। इससे आनंद का शहर भी कहा जाता है।
कोलकाता भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर और पांचवा सबसे बड़ा बंदरगाह भी है। कोलकाता पर सबसे पहला शासन 1756 में बंगाल के नवाब सिराजुद्दोला का रहा था।
इसके 1 साल के बाद 1757 में प्लासी के युद्ध के जरिए रॉबर्ट क्लाइव ने सिराजुद्दोला पर हमला करके प्लासी के युद्ध में उसको हराया और कोलकाता पर अपना शासन स्थापित किया।
1772 में कोलकाता को भारत की राजधानी बनाई गई थी और सभी महत्वपूर्ण स्मारकों को मुर्शिदाबाद से कोलकाता स्थांतरित किया गया।
तकरीबन 1912 तक कोलकाता भारत की राजधानी रही, जिसके बाद दिल्ली को भारत की राजधानी बनाई गई।
1947 में भारत आजाद होने के बाद कोलकाता को पश्चिम बंगाल की राजधानी बनाई गई। इसके साथ ही कलकत्ता का नाम बदलकर कोलकाता रखा गया।
कोलकाता में घूमने की जगह (Kolkata Me Ghumne ki Jagah)
विक्टोरिया मेमोरियल
कोलकाता के केंद्र में स्थित विक्टोरिया मेमोरियल ब्रिटिश काल का एक अवशेष के रूप में है, जिसे रानी विक्टोरिया की स्मृति पर भारत पर उनके 25 साल के शासन का जश्न मनाने के लिए निर्मित किया गया था।
64 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ यह विक्टोरिया मेमोरियल सफेद संगमरमर से बनाया गया विशाल इमारत है, जो कोलकाता के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल में से एक है।
मेमोरियल के आसपास हरे भरे बगीचे इसकी सुंदरता को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं। स्मारक के शीर्ष पर लगी हुई 16 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा मेमोरियल को आकर्षक रूप देता है।
यदि ब्रिटिश काल के दौरान इतिहास के बारे में जानना है तो इस मेमोरियल को विजिट करने जरूर जाएं, जहां पर विक्टोरियन युग के विभिन्न प्राचीन अवशेष मौजूद है।
ईडन गार्डन
कोलकाता में हाईकोर्ट के पास स्थित ईडन गार्डन भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम माना जाता है, जो विशाल क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
इस स्टेडियम में तकरीबन 66000 से भी ज्यादा लोगों के बैठने की क्षमता है। यह स्टेडियम आईपीएल टीम, कोलकाता नाइट राइडर्स और क्षेत्रीय बंगाल क्रिकेट टीम का घरेलू मैदान है।
इस स्टेडियम का निर्माण 1864 में गवर्नर जनरल ऑकलैंड के द्वारा किया गया था। इस स्टेडियम में कई तरह के खेलों की मेजबानी की जाती है लेकिन सबसे ज्यादा प्रमुख है क्रिकेट के लिए जहां पर t20 और भी कई तरह की क्रिकेट मैच की मेजबानी होती है।
कुमारतुली
कोलकाता का कुमारतुली जगह मां दुर्गा की मूर्ति को बनाने के लिए प्रमुख है। कोलकाता में दुर्गा पूजा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। बंगाल का दुर्गा पूजा देश भर में प्रसिद्ध है।
अगर आप दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता घूमने के लिए जाते हैं और आपको क्रिएटिविटी में रुचि है तो आपको कुमारतुली विजिट करने जरूर जाना चाहिए।
यहां पर 150 से भी ज्यादा परिवार वाले कुम्हार समुदाय मंत्रमुग्ध कर देने वाले खूबसूरत मां दुर्गा की मूर्ति को बनाते हैं। उनसे आप सीख सकते हैं कि किस तरीके से वे मिट्टी से खूबसूरत मूर्ति का निर्माण करते हैं।
हावड़ा ब्रिज
कोलकाता का नाम सुनते ही हावड़ा ब्रिज की इमेज आंखों के सामने आ जाती है। हावड़ा ब्रिज कोलकाता का एक प्रतिष्ठित लैंड मार्क है जिसे हुगली नदी पर निर्मित किया गया है।
यह ब्रिज 71 फीट चौड़ा और 1500 फीट लंबा है, जिस पर एक लाख से भी अत्यधिक वाहन और अनगिनत पैदल यात्रियों की दैनिकी यातायात जारी रहती है।
यह हावड़ा ब्रिज दुनिया के सबसे लंबे कैंटीलेवर पूलों में से एक है, जिसे रवींद्र सेतु के रूप में भी जाना जाता है।
यह यातायात परिवहन के साथ-साथ कोलकाता का सबसे प्रसिद्ध और आकर्षक पर्यटक स्थलों में से एक है। इस ब्रिज की अविश्वसनीय सुंदरता को देखने के लिए शाम के समय ब्रिज पर काफी भीड़ होती है।
मार्बल पैलेस
इतिहास प्रेमियों के लिए कोलकाता में खूबसूरत लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक मार्बल पैलेस है। इस पैलेस का निर्माण 1835 ईस्वी में राजा राजदी मलिक के द्वारा किया गया था।
यह कोलकाता के प्राचीन आकर्षणों में से एक है, जिसकी वास्तुकला बहुत ही अकल्पनीय और अद्भुत है। यहां पर एक संग्रहालय भी स्थित है, जिसमें प्राचीन समय के कई फर्नीचर और पुरानी तस्वीरों को संग्रहित करके रखा गया है।
यहां पर एक चिड़ियाघर भी स्थित है जिसमें विभिन्न जीव जंतु और पशु पक्षियों को देख सकते हैं।
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बिरला मंदिर
बिरला मंदिर कोलकाता का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी को समर्पित है। मंदिर एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसके निर्माण में तकरीबन 26 साल का समय लगा है।
इस मंदिर का निर्माण कार्य 1970 में शुरू हुआ था और 1996 में यह मंदिर बनकर तैयार हुआ था। इस मंदिर में राधा कृष्ण के अतिरिक्त हनुमान जी, गणेश जी, शिव जी, विष्णु जी और मां दुर्गा के 10 अवतारों की मूर्तियां भी स्थापित है।
मंदिर की वास्तुकला बहुत ही खूबसूरत है। मंदिर के दीवारों पर भी खूबसूरत नक्काशी कार्य किए गए है। जन्माष्टमी के समय इस मंदिर में काफी ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।
साइंस सिटी
विज्ञान में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए कोलकाता में सबसे प्रसिद्ध जगहों में से एक है साइंस सिटी। अगर आप अपने बच्चों के साथ आते हैं तो बच्चों के विज्ञान के ज्ञान को बढ़ाने के लिए आप साइंस सिटी घूमने आ सकते हैं।
यह साइंस सिटी 1 जुलाई 1997 से पर्यटकों के लिए चालू किया गया है, जहां पर साइंस से संबंधित विभिन्न प्रकार की एक्सपेरिमेंट जैसे 3D परफॉर्मेंस, टाइम मशीन, डायनासोर कंपलेक्स, स्पेस थिएटर, नेचुरल साइंस पार्क और भी बहुत कुछ है।
बिरला तारामंडल
कोलकाता में स्थित बिरला तारामंडल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तारामंडल है और एशिया का सबसे बड़ा तारामंडल है, जिसे 2 जुलाई 1963 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित किया गया था।
यह कोलकाता के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है, जहां इलेक्ट्रॉनिक्स प्रयोगशाला, खगोलीय मॉडल और खगोल विज्ञान गैलरी का संग्रह मौजूद है।
विज्ञान में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए यह बेहद आकर्षक जगह है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इस तारामंडल में नियमित रूप से हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली और अन्य कई क्षेत्रीय भाषाओं में कई शो आयोजित किए जाते हैं।
इस शो के दौरान ग्रहों और उनकी दिलचस्पी विवरण और ब्रह्मांड में मौजूद अन्य आकर्षक खगोलीय पिंडों पर चर्चा की जाती है।
यदि आपकी विज्ञान में रुचि नहीं भी है लेकिन यदि आप अपने बच्चों के साथ कोलकाता घूमने जा रहे हैं, तो इस तारामंडल को जरुर विजिट करें। जहां बच्चों को सीखने के लिए बहुत कुछ है।
काली घाट मंदिर
कोलकाता में हावड़ा रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर कालीघाट में यह मंदिर स्थित है। कालीघाट मंदिर मां काली को समर्पित है।
इस मंदिर को देश के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। कहा जाता है इसी स्थान पर मां सती के दाहिने पैर की उंगली गिरी थी।
इस मंदिर के गर्भ ग्रह में मां काली के लाल और काले रंग के पत्थर से तराशी गई मूर्ति स्थापित है। कालीघाट मंदिर कोलकाता में लाखों हिंदू श्रद्धालुओं के लिए एक धार्मिक आस्था का केंद्र है।
फोर्ट विलियम
इतिहास प्रेमियों के लिए कोलकाता में स्थित यह फोर्ट विलियम एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है, जो प्रत्येक वर्ष हजारों पर्यटक को की मेजबानी करता है। 70 एकड़ में फैली हुई यह एक शानदार सरंचना है, जिसे 1696 में निर्मित किया गया था।
यह इमारत सैकड़ों मेहराबदार खिड़कियों से सुशोभित है। इस किले का नाम किंग विलियम तृतीय के नाम पर रखा गया था। इसे कोलकाता के ब्लैक होल के नाम से भी जाना जाता है।
सेंट पॉल कैथेड्रल
कोलकाता में स्थित सेंट पॉल कैथेड्रल ईसाई समुदाय के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र है। यह ईसाई धर्म के अतिरिक्त अन्य धर्म के पर्यटकों के लिए भी एक खूबसूरत दर्शनीय स्थल है।
यह कैथेड्रल सफेद रंग में रंगा हुआ है और चारों तरफ से हरे भरे पेड़ पौधों से घिरा हुआ है। इस तरह नीला आसमान और चारों तरफ हरियाली से भरे इस सफेद रंग की खूबसूरत इमारत पर्यटकों को बहुत ही आकर्षित करती है।
क्रिसमस के दिन इस कैथेड्रल को मोमबत्ती और लाइटिंग से पूरी तरह सजा दिया जाता है। रात के समय यह काफी आकर्षक लगती हैं।
साल्ट लेक सिटी
दिन भर की थकान को दूर करने के लिए कोलकाता में स्थित साल्ट लेक सिटी, शहर का खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यह पार्क एक विशाल झील के चारों ओर बनाया गया है।
उसके चारों ओर के बड़े-बड़े हरे लोन, विविध वनस्पति और पानी में रहने वाली पंक्षी पर्यटकों को आकर्षित करती है। यहां के मौजूद झील में आप नौका विहार का भी लूट उठा सकते हैं।
इतना ही नहीं साल्ट लेक सिटी कोलकाता का एक प्रसिद्ध शॉपिंग लोकेशन भी है। क्योंकि यहां पर स्थित मॉल में देशभर की सभी तरह के खूबसूरत चीजों की खरीदारी कर सकते हैं। यहां पर कई सारे रेस्टोरेंट भी है, जहां पर स्वादिष्ट व्यंजन का आनंद ले सकते हैं।
पार्क स्ट्रीट
हमेशा हलचल और गतिविधियों से भरा हुआ पार्क स्ट्रीट कोलकाता की एक सड़क है, जिसे मदर टैरेसा सरानी के रूप में भी जाना जाता है। यह सड़क कोलकाता में प्रसिद्ध हैंग आउट स्पोट है।
इस सड़क में हमेशा त्यौहार जैसा धूमधाम रहता है। खास करके दिवाली, क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या के अवसर पर यहां पर बड़ी संख्या में लोगों और पर्यटकों की भीड़ रहती है।
यह ऐसा क्षेत्र है, जहां पर नाइट क्लब, फाइव स्टार रेस्टोरेंट और होटल और मॉल मौजूद है, जहां पर पर्यटक देसी और विदेशी व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं और शॉपिंग कर सकते हैं। इसके साथ ही विभिन्न गतिविधियों का लुफ्त उठा सकते हैं।
भारतीय संग्रहालय
कोलकाता आए पर्यटकों के साथ-साथ इतिहास प्रेमियों के लिए यह भारतीय संग्रहालय कोलकाता में घूमने लायक प्रसिद्ध जगहों में से एक है। यह संग्रहालय जादूगर के नाम से भी मशहूर है, जिसकी निंव 1814 में रखी गई थी।
यह संग्रहालय दुनिया का नौवा सबसे पुराना संग्रहालय है, जहां पर समकालीन चित्र, मिश्र की मम्मी, बुध के पवित्र अवशेष, प्राचीन मूर्तियां, जीवाश्म, आभूषण, कंकाल, बाजूबंद, तेजस्वी मुगल चित्र और प्राचीन वस्तुओं का संग्रह रखा है।
इतिहास के बारे में जानने में रुचि रखने वाले लोगों के लिए संग्रहालय के अंदर एक पुस्तकालय और किताबों की दुकान भी मौजूद है।
इस संग्रहालय में 35 दीर्घाएं हैं, जिन्हें भूविज्ञान, नृविज्ञान,जूलॉजी, कला, पुरातत्व और आर्थिक वनस्पति विज्ञान नामक 6 श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
दक्षिणेश्वर मंदिर
कोलकाता में गंगा नदी के तट पर स्थित दक्षिणेश्वर मंदिर मां काली को समर्पित मंदिर है। यह मंदिर 25 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। भव्य संरचना वाली यह मंदिर खूबसूरत वास्तुकला के मदद से बनाया गया है।
त्योहारों के समय श्रद्धालु इस मंदिर में मां काली की पूजा करने के लिए आते हैं और यहां के पवित्र गंगा नदी में स्नान भी करते हैं।
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जैन मंदिर
कोलकाता में स्थित जैन मंदिर जैन समुदायों के लिए एक पवित्र स्थान है। यह मंदिर 4 जैन तीर्थ स्थलों को समर्पित है, जो देश भर में प्रसिद्ध है।
जैन अनुयायियों के लिए आस्था का केंद्रीय जैन मंदिर अपने खूबसूरत स्थापत्य कृति के लिए प्रख्यात है। कोलकाता आने वाले पर्यटकों के लिए यह खूबसूरत दर्शनीय स्थल है।
अलीपुर चिड़ियाघर
अलीपुर चिड़ियाघर जो कोलकाता का एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण है। साथ ही भारत में स्थापित सबसे पुराना प्राणी उद्यान है, जिसे 1876 से ही संचालित किया जा रहा है।
यदि आप अपने बच्चों के साथ कोलकाता घूमने आते हैं तो यह कोलकाता में घूमने लायक प्रसिद्ध जगह में से एक है।
यह अलीपुर चिड़ियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर, वन सींग वाले गैंडे, वाइट टाइगर, जेब्रा, हिरण, मृग, हाथीं, मैकॉव और लोरिकेट, शुतुरमुर्ग, ईमू, हॉर्नबिल्स और गोल्डन तीतर जैसी विभिन्न छोटे बड़े पशु पक्षियों का घर है। यह चिड़ियाघर 46.5 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है।
बॉटनिकल गार्डन
प्रकृति प्रेमियों के लिए कोलकाता में स्थित यह बोटैनिकल गार्डन एक लोकप्रिय और आकर्षक स्थान है, जहां पर आकर आप शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।
इस बोटैनिकल गार्डन को आचार्य जगदीश चंद्र बोस इंडियन बोटैनिकल गार्डन के नाम से भी जाना जाता है, जिसे 1787 में कर्नल कीड द्वारा स्थापित किया गया था।
यह बोटैनिकल गार्डन 273 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है, जो कोलकाता के प्रसिद्ध और आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है।
इस बोटैनिकल गार्डन में 12000 से भी अत्यधिक जीवित बारहमासी के पौधे हैं। इसके अतिरिक्त अन्य कई प्रजाति के हजारों पौधे हैं, जिसे दुनिया भर से एकत्र किया गया है।
इन सब पौधों के अलावा इस गार्डन में बहुरंगी और आर्किड फूल है, जो पर्यटकों को बहुत लुभाते हैं। इस बॉटनिकल गार्डन में एक विशाल और व्यापक बरगद का पेड़ है, जिसे ग्रेट बरगद के पेड़ के रूप में भी जाना जाता है, जो यहां का प्रमुख आकर्षण है।
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- जोरसांको ठाकुर बबी
- सेंट जॉन चर्च
- सेंट पॉल कैथेड्रल
- बेलूर मठ
- नखोदा मस्जिद
कोलकाता के प्रमुख धार्मिक स्थल
- बिरला मंदिर
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- मार्बल पैलेस
- बिरला मंदिर
- साइंस सिटी
- ईडन गार्डन
- कुमारतुली
- दक्षिणेश्वर मंदिर
- सेंट पॉल कैथेड्रल
- जैन मंदिर
- साल्ट लेक सिटी
कोलकाता में स्थानीय और लोकप्रिय भोजन
भारत का हर एक भाग अपने-अपने स्वादिष्ट व्यंजन के लिए लोकप्रिय है। बंगाल भी अपनी स्थानीय पारंपरिक बंगाली व्यंजन के लिए प्रसिद्ध है, जो चावल और मछली यह चारों ओर घूमता है।
मछली यहां का सबसे लोकप्रिय व्यंजन है। बेगुनी भाजा, भटकी पातूरी, प्रान्स करी इत्यादि भी यहां की लोकप्रिय और स्थानीय व्यंजन है।
यहां की बंगाली मिठाईयां रोसगुल्ला जो देश भर में प्रसिद्ध है। इसके अलावा रसमलाई, शोंडेश, चमचम, क्रीम चुप और अन्य बंगाली मिठाइयों की भी पेशकश की जाती है।
कोलकाता में पारंपारिक बंगाली व्यंजनों के अतिरिक्त उत्तरी भारत और दक्षिण भारतीय व्यंजन भी मिलते हैं।
यहां पर आपको तिब्बती भोजन भी पेशकश की जाती है, जिसमें मोमोज और थूप्पा काफी लोकप्रिय है। इसके अतिरिक्त भी यहां पर अन्य कई कॉन्टिनेंटल फूड पेश किए जाते हैं।
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कोलकाता घूमने कब जाएं?
यदि आप कोलकाता घूमने जाने की योजना बना रहे हैं तो निश्चित ही ऐसे समय जाना पसंद करें, जब वातावरण सुखद हो और घूमने में भी आनंद आए।
वैसे बता दें कि कोलकाता गर्मियों के मौसम में घूमने के लिए बिल्कुल भी सही समय नहीं है। क्योंकि इस दौरान यहां पर 45 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान पहुंच जाता है, जो यात्रा को खराब कर सकता है।
इसीलिए कोलकाता जाने की योजना बना रहे हैं,तो अक्टूबर से फरवरी के बीच ही जाएं क्योंकि इस दौरान यहां पर हल्की ठंड रहती है, जो कोलकाता घूमने के लिए काफी आदर्श समय होता है।
इसके अतिरिक्त यदि आप अक्टूबर या नवंबर के दौरान जाते हैं, तो कोलकाता का सबसे प्रसिद्ध त्योहार दुर्गा पूजा का भी आनंद ले सकते हैं, जो यहां पर बहुत धूमधाम से आयोजित किया जाता है।
कोलकाता कैसे पहुंचे?
कोलकाता पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त पूरे भारत का एक प्रमुख और बड़ा शहर है, जहां पहुंचने के लिए सडक, रेलवे और हवाई तीनों मार्ग भी मौजूद है और यह तीनों मार्ग ही सुलभ है।
कोलकाता जाने के लिए सड़क मार्ग का भी चुनाव कर सकते हैं। क्योंकि कोलकाता पश्चिम बंगाल के विभिन्न प्रमुख शहरों के अतिरिक्त अन्य राज्य के शहरों से भी सड़क मार्ग से अच्छे तरीके से जुड़ा हुआ है। यहां तक कि दिल्ली नेशनल हाईवे 19 के माध्यम से कोलकाता 1 दिन में हीं पहुंच सकते हैं।
यदि आप कोलकाता हवाई मार्ग से जाना चाहते हैं, तो आप कोलकाता का घरेलू हवाई अड्डा नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए फ्लाइट टिकट बुक करवा सकते हैं।
यह हवाई अड्डा कोलकाता के मुख्य शहर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस हवाई अड्डे से भारत के सभी प्रमुख शहरों यहां तक की अन्य देश के लिए भी फ्लाइट उड़ान भरती है।
कोलकाता जाने के लिए आप सबसे सस्ता और सुलभ मार्ग रेलवे मार्ग का भी चयन कर सकते हैं। कोलकाता में हावड़ा और सियालद दो मुख्य रेलवे स्टेशन है, जो भारत के सभी बड़े स्टेशन से जुड़ा हुआ है।
आपके अपने शहर के रेलवे स्टेशन से बहुत आसानी से यहां के लिए टिकट ट्रेन मिल जाएगी।
कोलकाता में कहां ठहरें?
कोलकाता भारत का एक प्रसिद्ध शहर है, जहां पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटकों का आना जाना रहता है। देश विदेश से यहां पर पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। ऐसे मे यहां पर आपको सैकड़ों होटल लो बजट से लेकर हाई बजट तक मिल जाएंगे।
आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी होटल में रूम बुक करवा सकते हैं। अच्छा होगा कि होटल में रूम आप ऑनलाइन ही बुक करवाएं, ताकि आपको बाद में किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो।
कोलकाता कैसे घूमें?
कोलकाता घूमने के लिए आपको विभिन्न विकल्प मिल जाते हैं। आप यहां के लोकल ट्रेनों की सवारी कर सकते हैं। टैक्सी या केब द्वारा भी इस शहर को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
इसके अलावा आपको यहां के कुछ हिस्सों में घोड़े की सवारी या टोंगा की सवारी भी मिल जाएगी। इस तरीके से आप कोलकाता को लोकल ट्रेन, टैक्सी, ऑटो और टोंगा की सवारी से घूम सकते हैं।
FAQ
कोलकाता में हावड़ा जंक्शन और सियालदह जंक्शन दो रेलवे स्टेशन है, जो भारत के विभिन्न शहरों से जुड़े हुए हैं। हालांकि इन दोनों रेलवे जंक्शन के अतिरिक्त एक टर्मिनल चितपुर में भी बना, जिसका नाम कोलकाता रखा गया है।
वैसे तो कोलकाता अपनी संस्कृति,रहन-सहन, त्यौहार,अपने पहनावे, अपनी परंपरा के कारण देश भर में लोकप्रिय है। लेकिन यहां का विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता के सबसे लोकप्रिय दर्शनीय स्थल में से एक है और यहां का मिठाई रोसगुल्ला देश भर में प्रसिद्ध है।
हां कोलकाता एक मेट्रोपॉलिटन सिटी है, यहां पर देश की सबसे पहली मेट्रो ट्रेन 1984 में चली थी।
कोलकाता को कोलकाता के अतिरिक्त पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार, सिटी ऑफ जॉय, महलों का शहर और पूरब का मोती के नाम से भी जाना जाता है।
1756 में बंगाल के नवाब सिराज-उद-दौला कोलकाता पर हमला करके कब्जा कर लिया, जिसके 1 साल के बाद 1957 में रॉबर्ट क्लाइव ने प्लासी के युद्ध में सिराज-उद-दौला को हराकर कोलकाता शहर को अपने शासन के अधीन कर लिया। 1972 में कोलकाता ब्रिटिश सरकार के अधीन आ गया।
कोलकाता का सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार दुर्गा पूजा है। इसके अतिरिक्त यहां पर पोइला बोइशाख़, डोवर लेन संगीत समारोह, संस्था पुस्तक मेला और कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा महोत्सव प्रसिद्ध त्योहार है।
निष्कर्ष
इस लेख में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में घूमने की जगह (Kolkata Me Ghumne ki Jagah) से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी दी है।
यहां कोलकाता कैसे घूमें, कोलकाता में घूमने वाली जगह (place to visit in kolkata), कोलकाता घूमने का सही समय, कोलकाता कैसे पहुंचे आदि के बारे में विस्तार से जानकारी शेयर की है, जो आपके लिए मददगार होगी।
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