जाने 20+ दार्जिलिंग में घूमने की जगह, खूबसूरत जगहें देखते ही हो जाएंगे मुरीद

Darjeeling Me Ghumne ki Jagah

Darjeeling Me Ghumne ki Jagah: हिमालय की तलहटी में स्थित पर्वतों की रानी दार्जिलिंग चारों तरफ से हरियाली, चाय के बागानों का विस्तार और कंचनजंगा के साथ धूंध भरा ठंड और शांत वातावरण के लिए लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।

पहाड़ी इलाकों के बीच बनी शार्पिलि सड़कों से गुजरते हुए दार्जिलिंग के खूबसूरत प्राकृतिक नजारों को देखने का अलग ही आनंद है। इसीलिए तो साल भर सेनानी यहां पर आते हैं। अगर आप भी इस बार गर्मी के छुट्टी में दार्जिलिंग घूमने की योजना बना रहे हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत ही जानकारी पूर्ण है।

क्योंकि इस लेख में हमने दार्जिलिंग कहां है, दार्जिलिंग से जुड़े कुछ रोचक तथ्य, दार्जिलिंग में घूमने की जगह, दार्जिलिंग में क्या-क्या करें, दार्जिलिंग कब जाये (best time to visit darjeeling), दार्जिलिंग किस लिए प्रसिद्ध है और दार्जिलिंग घूमने का खर्चा बताया है।

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Table of Contents

दार्जिलिंग के बारे में रोचक तथ्य

  • दार्जिलिंग विविध वनस्पति और जीवों का केंद्र है। यहां पर 300 प्रकार के फर्न, 4000 से अधिक विभिन्न पौधे और कई अन्य प्रसिद्ध वन्य जीव देखने को मिलते हैं। यहां पर लुफ्तप्राय लाल पांडा भी देखने को मिलता है।
  • दार्जिलिंग में सबसे ज्यादा चाय का उत्पादन होता है। यहां पर 87 जिलों में चाय की खेती की जाती है। पूरा दार्जिलिंग लगभग 11000 टन चाय का उत्पादन करके देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • दार्जिलिंग टॉय ट्रेन के लिए काफी मशहूर है। यहां का हिमालयन रेलवे एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। इसका निर्माण 1880 के दशक में लोगों को उबड-खाबड इलाकों को आसानी से पार करने के उद्देश्य से न्यू जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग के बीच छोटी गैज की पटरियां बिछाकर की गई थी।
  • ब्रिटिश काल में दार्जिलिंग ब्रिटिश अधिकारियों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल हुआ करता था। यहां की ठंडी जलवायु ब्रिटिशों को भा गई थी।
  • दार्जिलिंग एशिया के सबसे बड़े रोपवे के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां पर 16 कारे सिंगमारी से शिमला तक रोपवे की सुविधा देती है। इसकी सुविधा 1968 में एक कार के साथ की गई थी।

दार्जिलिंग कहां है (darjeeling kahan hai)

दार्जिलिंग भारत का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो पश्चिम बंगाल राज्य के उत्तर-पश्चिम भाग में स्थित है। कंचनजंघा पर्वत श्रृंखला की गोद में बसे हुए दार्जिलिंग की समुद्र तल से ऊंचाई 2,100 मीटर और यह 3,149 वर्ग किलोमीटर में फैला है।

इसका उत्तरी हिस्सा सिक्किम और नेपाल से सटा हुआ है और इसकी त्रिभुजाकार आकृति है। दार्जिलिंग की कोलकाता से दूरी 490 किलोमीटर तक है। दार्जिलिंग को पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है।

दार्जिलिंग में लोकप्रिय पर्यटक स्थल ( Darjeeling Tourist Places in Hindi)

पश्चिम बंगाल राज्य के नार्थ में ईस्टर्न हिमालय की तलहटी में स्थित इस खूबसूरत हिल स्टेशन दार्जिलिंग पर्यटन स्थल (darjeeling tourist places in hindi) में काफी प्रसिद्ध जगह है, जिनमें से कुछ निम्न है:

टाइगर हिल

darjeeling me ghumne ki jagah में सबसे पहले आती है टाइगर हिल। अगर आप दार्जिलिंग में सुबह के ठंड भरे माहौल में पहाड़ों की आबोहवा के बीच सूर्योदय को देखने का लुप्त उठाना चाहते हैं तो आपको टाइगर हिल जरूर जाना चाहिए। 2590 मीटर की ऊंचाई पर बसा दार्जिलिंग से तकरीबन 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टाइगर हिल एक पर्वत शिखर है।

Tiger Hill
Image: Tiger Hill

यहां से आप माउंट एवरेस्ट, कंचनजंगा की चोटियां और पूर्वी हिमालय के खूबसूरत मनोरम दृश्य को देख सकते हैं। सुबह के समय सूर्योदय और शाम के समय सूर्यास्त यहां से देखना बहुत ही आकर्षक लगता है।

  • टिकट: 20 रूपये से 40 रूपये तक
  • खुलने का समय: सुबह 04:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक

बरबतिया रॉक गार्डन

दार्जिलिंग में प्रकृति की गोद में शांति के कुछ पल अगर आप बिताना चाहते हैं तो आप दार्जिलिंग से तकरीबन 10 किलोमीटर की दूरी पर चुन्नू समर फॉल्स के पास स्थित रॉक गार्डन घूमने के लिए जा सकते हैं। रॉक गार्डन एक पहाड़ी पर स्थित है। इस गार्डन को पहाड़ों और चट्टानों को काटकर खूबसूरत गार्डन का लुक दिया गया है। इस गार्डन के चारों तरफ ऊंचे ऊंचे पहाड़ और घाटियों के सुंदर दृश्य बहुत ही लुभावने लगते हैं।

Barbatiya Rock Garden
Image : Barbatiya Rock Garden

इस गार्डन में आपका घंटो समय किस तरह बीत जाएगा आपको पता भी नहीं चलेगा। इस गार्डन में एक सुंदर सा सरोवर भी है, जो इस गार्डन की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। रॉक गार्डन से 3 किलोमीटर की दूरी पर गंगा माया पार्क भी है, जहां पर एक छोटा सी झील है और उस झील में आप नौका विहार का भी आनंद ले सकते हैं। यहां पर गोरख लोक नृत्य का भी आयोजन होता है।

  • टिकट: 20 रूपये/व्यक्ति
  • खुलने का समय: सुबह 08:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक

हैप्पी वैली टी एस्टेट

हैप्पी वैली टी एस्टेट 170 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैला हुआ चाय का बागान है। यूं तो दार्जिलिंग में कई सारे टी एस्टेट है लेकिन हैप्पी वैली टी एस्टेट बहुत पुराना और प्रसिद्ध चाय बागान है। इस बागान की स्थापना 1854 में जॉर्ज विलियमसन नाम के स्कॉटिश प्लांटर ने किया था।

Happy Velly
Image : Happy Velly

इस बागान में काली, हरि, सफेद चाय के साथ-साथ विशेष मिश्रण और स्वाद वाली चाय सहित कई प्रकार की चाय का उत्पादन होता है। इस तरह यह बागान उच्च गुणवत्ता वाली चाय के लिए फेमस है। इस बागान के अंदर एक छोटा सा संग्रहालय भी है, जहां पर चाय की खेती के इतिहास के बारे में बताया जाता है।

इस बागान की हरी भरी खूबसूरती के साथ ही साथ चाय की पत्तियों की खेती, उन पतियों को तोड़ने से लेकर पैकिंग के अंतिम चरण तक की सभी प्रक्रिया की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  • टिकट: 20 रूपये/व्यक्ति
  • खुलने का समय: सुबह 08:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक

चौरास्ता

दार्जिलिंग में चौरास्ता बेहद पॉपुलर प्लेस है। पर्यटकों के साथ-साथ यहां स्थानीय लोग भी घूमने आते हैं। यहां से दार्जिलिंग की ऊंची ऊंची  घाटियां और शानदार व्यूप्वाइंट देखने को मिलता है, जिसकी वजह से इस स्थान पर बच्चे, बूढ़े सभी आना पसंद करते हैं।

Chowrasta
Image: Chowrasta

अब दार्जिलिंग की यात्रा पर निकले तो चौराहा जरूर घूमें। यहां पर आपको देसी चाय की चुस्की का भरपूर आनंद लेने मिलेगा। यहां से आप चाय की पत्ती खरीद कर भी ले जा सकते हैं। खास बात यह है के यहां पर ₹10 से लेकर ₹500 तक की चाय मिलती है।

  • टिकट: 25 रूपये/व्यक्ति
  • खुलने का समय: सुबह 06:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक

सिमाना व्यू पॉइंट

सीमाना व्यू प्वाइंट से नेपाल का मनोरम दृश्य देखने मिलता है, यहां की वादियां आप का मन मोह लेंगी, जो कि पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र है। यहां एक बड़ा मार्केट भी है, जहां से आप मनचाही वस्तुएं खरीद सकते हैं, जिन्हें आप याद के तौर पर ले जा सकते हैं।

Simana View Point
Image: Simana View Point
  • टिकट: निशुल्क
  • खुलने का समय: सुबह 08:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक

ऑरेंज वैली चाय बागान

रॉक गार्डन के रास्ते में पड़ने वाली चाय बागान यहां की फेमस चाय बागान है। यहां की खास बात यह है कि यहां आपको देसी चाय का स्वाद लेने मिलेगा। यहां की चाय संतरे के रंग की होती है और स्वाद बाकी चाय से काफी अलग होता है।

Orange Valley Tea Garden
Image: Orange Valley Tea Garden
  • टिकट: निशुल्क
  • खुलने का समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 04:00 बजे तक

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जोरपोखरी लेक

darjeeling me ghumne ki jagah में जोरपोखरी लेक एक प्रसिद्ध जगह है। दार्जिलिंग स्थित एक छोटी सी झील जिसे सब जोर पोखरी लेक के नाम से जानते हैं। यह एक बहुत खूबसूरत झील है और फोटोग्राफी के लिए बेस्ट प्लेस है।

Jorpokhri Lake
Image: Jorpokhri Lake
  • टिकट: निशुल्क
  • खुलने का समय: सुबह 09:00 बजे से शाम 04:00 बजे तक

महाकाल धाम

यदि आप दार्जिलिंग आकर शंकर जी के दर्शन करना चाहते हैं तो महाकाल धाम जरूर जाएं। यहां से कंचनगंगा की बर्फ से ढकी हुई चोटियों का नजारा भी देखने को मिलता है।

Mahakal Temple
Image: Mahakal Temple
  • टिकट: निशुल्क
  • खुलने का समय: सुबह 06:00 बजे से रात 08:00 बजे तक

रोपवे राइड

दार्जिलिंग की यात्रा में दार्जिलिंग रोपवे की सवारी बिना आपकी यात्रा सफल कहां होगी। दार्जिलिंग के चाय के बागानो के ऊपर उड़ना, आसपास की पहाड़ी और घाटियों के सुंदर दृश्य का आनंद लेना यह सब आप रोपवे की सवारी से कर सकते हैं।

Ropeway Ride
Image: Ropeway Ride

1968 में खोला गया दार्जिलिंग रोपवे एक केबल कार सेवा है, जो कि भारत की सबसे पहली और सबसे लंबी रोपवे है। यह घाटी में लगभग 3 किलोमीटर की दूरी तय करती है। यह रोपवे दार्जिलिंग शहर को सिंगला बाजार से जोड़ता है।

  • टिकट: बच्चों के लिए 100 रूपये और वयस्कों के लिए 200 रूपये
  • खुलने का समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 04:00 बजे तक (सर्दी और मानसून में), सुबह 10:00 बजे से दोपहर 02:00 बजे तक (गर्मी में)

पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क

दार्जिलिंग की खूबसूरत प्रकृति के साथ ही अगर आप विभिन्न जीव जंतु और जानवरों को देखने का शौक रखते हैं तो आपको पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क घूमने जरूर जाना चाहिए। दार्जिलिंग में स्थित यह पार्क 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और 67.56 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है।

 Padmaja Naidu Himalayan Zoological Park
Image: Padmaja Naidu Himalayan Zoological Park

यह भारत का पहला प्राणी उद्यान है, जिसे वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जू एंड एक्वेरियम में शामिल किया गया है। इस चिड़ियाघर में लाल पांडा, तिब्बती भेड़िया, हिम तेंदुआ, हिमालय काले भालू जैसे विभिन्न प्रकार के जानवर रहते हैं।

इस चिड़ियाघर में आप आसपास की पहाड़ियों की सुंदर दृश्य भी देख सकते हैं। इस उद्यान का नाम सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा नायडू के नाम पर रखा गया है।

  • टिकट: 20 रूपये/व्यक्ति (भारतीय), 50 रूपये/व्यक्ति (विदेशी), 10 रूपये कैमरा
  • खुलने का समय: सुबह 08:30 बजे से शाम 04:00 बजे तक

बतासिया लूप

अगर आप दार्जिलिंग जाते हैं तो वहां पर टॉय ट्रेन सवारी का आनंद जरूर उठाएं। टॉय ट्रेन के जरिए आप दार्जिलिंग शहर को 360 डिग्री व्यू के साथ उसके खूबसूरत नजारे को देखने का आनंद उठा पाएंगे। टॉय ट्रेन सवारी के लिए आपको बतासिया लूप जाना पड़ेगा।

बतासिया लूप दार्जिलिंग का एक सर्पिल रेलवे है, जो दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे का हिस्सा है। यहां लूप ट्रेन खड़ी ढाल से नीचे उतरती है। लूप के बीच में भारतीय सेना के गोरखा सैनिकों को समर्पित 1995 में निर्मित एक युद्ध स्मारक भी है।

Batasia Loop Darjeeling
Batasia Loop Darjeeling

यहां की टॉय ट्रेन की सवारी करके आप दार्जिलिंग शहर, चाय के बागान, आसपास के पहाड़ी और कंचनजंगा पहाड़ों के सुंदर नजारों को 360 डिग्री व्यू में देख सकते हैं। हालांकि बरसात के मौसम में टॉय ट्रेन के सवारी की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है।

  • टिकट: 30 रूपये/व्यक्ति
  • खुलने का समय: सुबह 05:00 बजे से शाम 08:00 बजे तक

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दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे

अगर आप दार्जिलिंग जाते हैं और दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की सवारी नहीं करते हैं तब तक आपकी यात्रा अधूरी मानी जाएगी। दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे जिसे DHR या टॉय ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना 1881 में अंग्रेजों के द्वारा हिल स्टेशन से चाय और अन्य सामानों के परिवहन की सुविधा के उद्देश्य से किया गया था।

Darjeeling Himalayan Railway
Darjeeling Himalayan Railway

टोय ट्रेन 87 स्टेशन के साथ 88 किलोमीटर की कुल दूरी तय करती है। हिमालयन रेलवे को 1999 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में भी शामिल किया गया है। दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे न्यू जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग के बीच चलती है।

अपने सफ़र में यह ट्रेन दार्जिलिंग के ऊंचे ऊंचे पहाड़ और चाय के बागानों के लुभावने और खूबसूरत दृश्य को दिखाते हुए चलता है। शुरू में यह ट्रेन भाप इंजन के द्वारा चलता था लेकिन 1960 के दशक में डीजल इंजन के द्वारा संचालित किया जाने लगा।

  • टिकट: 805 रूपये/व्यक्ति, प्रथम श्रेणी सीट और भाप इंजन के लिए 1405 रूपये
  • खुलने का समय:

जापानी मंदिर और पीस पगोडा

दार्जिलिंग के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक जापानी मंदिर है। इस मंदिर को निप्पोनज़न म्योहोजी बौद्ध मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। लकड़ी की एक साधारण संरचना वाली यह मंदिर समुद्र तल से तकरीबन 2050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

Peace Pagoda & Japanese Temple Darjeeling
Peace Pagoda & Japanese Temple Darjeeling

इस मंदिर की स्थापना 1972 में किया गया था। मंदिर के अंदर भगवान बुद्ध की एक बड़ी सी प्रतिमा लगी हुई है। इसके साथ ही एक ध्यान कक्ष है। यहां पर आपको शांत वातावरण मिलता है। इस मंदिर के पास में ही पीस पगोडा भी है।

  • टिकट:
  • खुलने का समय: सुबह 04:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक

डाली मोनेस्ट्री

दार्जिलिंग में एक और खूबसूरत और देखने लायक पर्यटन स्थल है डाली मॉनेस्ट्री, जो कि कारग्यूपा संप्रदाय का सबसे प्रमुख मठो मे से एक है। इस बुद्ध मॉनेस्ट्री को ड्रुक संगग चोलिंग मोनेस्ट्री के नाम से भी जाना जाता है, जिसकी स्थापना 1971 में के क्याब्जे थुकसे रिनपोचे द्वारा की गई थी और 1993 में दलाई लामा के द्वारा इसका उद्घाटन हुआ था। उस समय उनके द्वारा यहां पर तीन दिनों की धार्मिक शिक्षा भी दी गई थी।

Dali Monastery Darjeeling
Dali Monastery Darjeeling
  • टिकट:
  • खुलने का समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 04:00 बजे तक

घूम मोनेस्ट्री

दार्जिलिंग में कई सारे बुद्ध मॉनेस्ट्री है, जिसमें से एक धूम मॉनेस्ट्री भी है। बुद्ध संस्कृति से समृद्ध और एक शांत और निर्मल वातावरण से भरा हुआ यह मॉनेस्ट्री आपको बहुत ही आकर्षित करेगा। इस मॉनेस्ट्री के अंदर भगवान बुद्ध की 15 फुट ऊंची प्रतिमा लगी हुई है और उसके आसपास के सभी दीवारों पर खूबसूरत भित्ति चित्र किए गए हैं।

Ghoom Monastery Darjeeling
Ghoom Monastery Darjeeling

इस मॉनेस्ट्री की स्थापना 1875 में की गई थी। इसे यिगा चोइलिंग मॉनेस्ट्री के नाम से भी जाना जाता है। मॉनेस्ट्री के परिसर में कई सारे चाय के दुकान और एक दो स्मृति चिन्ह की दुकाने है।

दार्जिलिंग में क्या करें?

अगर आप दार्जिलिंग घूमने के लिए जाते हैं तो वहां पर मनोरंजन के लिए आप कई तरह की गतिविधियां कर सकते हैं। अगर आप दार्जिलिंग में दो से तीन दिन रुकने की योजना बना रहे हैं तो हर दिन आपके पास कुछ ना कुछ करने के लिए है।

  • दार्जिलिंग चाय की खेती के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे में आप चाय के बागान की शैर करने जा सकते हैं।
  • दार्जिलिंग के खूबसूरत वादियों को एक बार में देखने के लिए वहां के हिमालय रेलवे की सवारी कर सकते हैं।
  • अगर आप दार्जिलिंग को ऊपर से उसके खूबसूरत व्यू को देखने का लुप्त उठाना चाहते हैं तो रोपवे की सवारी कर सकते हैं।
  • दार्जिलिंग का मोल रोड खरीदारी और बेहतरीन भोजन के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर कई सारी दुकानें और रेस्टोरेंट है, जो पारंपरिक भोजन परोसते हैं। ऐसे में आप दार्जिलिंग के मोल रोड पर टहल सकते हैं।
  • दार्जिलिंग ट्रेकिंग के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर टोंगलू ट्रेक, संदक्फू और सिंगालीला ट्रेक, फलूत ट्रेक कुछ ऐसे स्थान हैं, जो ट्रेकिंग के लिए लोकप्रिय है।

दार्जिलिंग कब जाये

दार्जिलिंग प्रकृति की सुंदरपता की गोद में बसा हुआ है। इस कारण प्रकृति की सुंदरता का अनुभव लेने के लिए साल भर पर्यटक दार्जिलिंग घूमने आते हैं। सबसे ज्यादा भीड़ दार्जिलिंग में अप्रैल से जून महीने के बीच होता है क्योंकि इस दौरान भारत के अन्य हिस्से में बहुत ज्यादा गर्मी होती है और गर्मी से बचने के लिए लोग यहां पर आते हैं और ठंडी पहाड़ी हवा का लुफ्त उठाते हैं।

इस दौरान दार्जिलिंग का तापमान 25 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। गर्मियों में यहां पर चाय के बागान पूरी तरीके से खिले रहते हैं। इस तरह गर्मियों के मौसम में दार्जिलिंग में ठंडी हवा के साथ ही साथ हरियाली भी देखने को मिलती है।

अगर आप दार्जिलिंग में बर्फ का अनुभव करना चाहते हैं तो अक्टूबर से मार्च का महीना दार्जिलिंग घूमने का सबसे अच्छा समय है। इस दौरान यहां का तापमान 3 से 10 डिग्री सेल्सियस हो जाता है।

दार्जिलिंग में खाने के लिए क्या क्या फेमस है

दार्जिलिंग के स्थानीय भोजन में वैसे तो बहुत से व्यंजन शामिल है। लेकिन दम आलू की गाड़ी ग्रेवी वाली मसालेदार सब्जी यहां के विशेष व्यंजनों मैं सबसे ऊपर है। इसके अलावा यहां का स्ट्रीट फूड भी बेहद स्वादिष्ट होता है। यहां के कुछ प्रसिद्ध और स्थानीय भोजन जैसे कि

  • आलू दम
  • थुकपा
  • शाफले
  • नागा व्यंजन
  • ट्रेडिशनल नेपाली थाली
  • सेल रोटी
  • चुरपी
  • कवती
  • चेज
  • गुन्द्रक इत्यादि हैं।

दार्जिलिंग में रुकने की जगह

दार्जिलिंग में  रुकने के लिए बहुत से होटल्स, होम स्टे और कैंपिंग का सहारा ले सकते हैं। यहां गांधी रोड पर कई होटल उपलब्ध है, जहां आपको ₹700 से शुरू होकर ₹10000 तक में कई सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी और यहां से दार्जिलिंग घूमना काफी सुविधाजनक हो जाता है।

कैंपिंग की बात करें तो दार्जिलिंग से थोड़ी दूरी पर आपको कैंप की सुविधा भी मिल जाएगी, जहां आप रुक कर कम खर्चे में दार्जिलिंग घूमने का मजा ले सकते हैं। होटल्स ओर कैंपिंग के अलावा यहां पर एक अनोखी सुविधा उपलब्ध होती है, जो यहां आने वाले पर्यटकों के लिए होटल से भी ज्यादा सुविधाजनक है।

यहां पर स्थानीय लोग अपने घरों में पर्यटकों के लिए होटल जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं। यहां रुकने का किराया लगभग 300 से लेकर ₹500 के बीच होता है और ₹150 में आपको यहां के स्थानीय व्यंजन वाली थाली का भरपूर आनंद लेने भी मिलता है। होमस्टे की यह सुविधा दार्जिलिंग में बहुत फेमस है।

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दार्जिलिंग कैसे पहुँचे?

दार्जिलिंग पहुँचने के लिये आप बस, ट्रेन और फ्लाइट का सहारा ले सकते हैं। आप अपनी लोकेशन और बजट के हिसाब से सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग में से किसी को भी चुन सकते हैं।

सड़क मार्ग

दार्जिलिंग पहुंचने के लिए आप बस का उपयोग भी कर सकते हैं। दार्जिलिंग मिरिक और कलिंगपोंग पहुंचने के लिए तेनजिंग नोर्गे बस टर्मिनल सिलीगुड़ी से बस सेवाएं आपको मिल जाएंगी।

यदि आप दार्जिलिंग तक का सफर बस से करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको सिलीगुड़ी पहुंचना होगा। यहां से आप सीट शेयरिंग बसों से या जीप से आप 3 से 3:30 घंटों के बीच में दार्जिलिंग पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग

दार्जिलिंग से लगभग 88 किलोमीटर दूरी पर स्थित न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन है, जो यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन है। यह जंक्शन देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है और उत्तर पूर्वी राज्यों की तरफ जाने वाली सारी ट्रेनें यहां रूकती है।

हवाई मार्ग

दार्जिलिंग से लगभग 88 किलोमीटर की दूरी पर बागडोगरा हवाई अड्डा स्थित है, जो कि यहां का निकटतम हवाई अड्डा है। इसके माध्यम से लगभग 3:30 घंटे की यात्रा के बाद दार्जिलिंग पहुंचा जा सकता है। इसकी खास बात यह है कि हवाई अड्डा देश के सभी मेट्रो सिटी के हवाई अड्डे से जुड़ा हुआ है।

दार्जिलिंग घूमने का खर्च

दार्जिलिंग घूमने का खर्चा कई बातों पर निर्भर करता है। वहां तक पहुंचाने के लिए आपके द्वारा लिया गया माध्यम जैसे कि ट्रेन, हवाई या सड़कमार्ग। इसके अलावा दार्जिलिंग में ठहरने के दिनों पर भी खर्चा निर्भर करता है। अगर आप ज्यादा दिन ठहरते हैं तो खर्चा भी ज्यादा आएगा।

वैसे अगर आप दार्जिलिंग में केवल मुख्य आकर्षण पर जाना चाहते हैं तो 2 से 3 दिन पर्याप्त है। वहीं अगर आप ट्रैकिंग, चाय के बागानों का भ्रमण और वहां की स्थानीय संस्कृति का अनुभव लेना चाहते हैं तो ऐसे में चार से पांच दिन की यात्रा काफी है। इसके अलावा वहां पर ठहरने और खाने पीने का भी खर्चा है।

दार्जिलिंग कैसे घूमे?

दार्जिलिंग घूमने के लिए आप यहाँ किराये से बाइक, किराये से टेक्सी या शेयरिंग टेक्सी की सुविधा ले सकते हैं। यहां पर बाइक या स्कूटी बुक करा सकते हैं। इससे आप कम से कम खर्चे में अपनी मनपसंद जगह घूम सकते हैं। उदाहरण के तौर पर आप यदि स्कूटी लेते हैं तो एक दिन का किराया लगभग 500 से 700 रुपए के बीच होगा।

रेंट पर बाइक स्कूटी लेने के लिए आपसे यहां पर रिक्वायर्ड ओरिजिनल डॉक्यूमेंट मांगा जाएगा और जब आप स्कूटी लौट आएंगे। तब आपको आपका डॉक्यूमेंट वापस मिल जाएगा, ऐसा यहां सिक्योरिटी को ध्यान में रखकर होता है। सावधानी के लिए जब आप स्कूटी या बाइक लौट आए तो एजेंट के साथ अपना फोटो जरूर निकलवा ले ताकि किसी भी प्रकार की कठिनाई ना हो।

निष्कर्ष

उपरोक्त लेख में आपने उत्तर भारत में बसा एक खूबसूरत हिल स्टेशन और शहर दार्जिलिंग जो कि पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही लोकप्रिय है के बारे में जानने के साथ ही दार्जिलिंग में घूमने की जगह (darjeeling me ghumne ki jagah) के बारे में जाना है। हमें उम्मीद है कि इस लेख को पढ़कर आपको दार्जिलिंग की यात्रा से जुड़ी सभी जानकारी मिल गई होगी।

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