Bhedaghat Me Ghumne ki Jagah: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित भेड़ाघाट पर्यटन की दृष्टि से जबलपुर का एक प्रसिद्ध स्थल है। यह संगमरमर चट्टानों के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। नर्मदा नदी के चारों तरफ तकरीबन 100 फीट ऊंची संगमरमर की चट्टानें हैं।
इसके बीच से गुजरती नर्मदा नदी के शांत और निर्मल जल सबका मन मोह लेती है। सूरज की रोशनी जब इन सफेद और मटमेले रंग के संगमरमर चट्टान पर पड़ती है तो नदी में बहुत ही खूबसूरत प्रतिबिंब उत्पन्न होता है, जो देखने लायक होता है।
यदि आप भेड़ाघाट अपने परिवार के साथ घूमने जाने की योजना बना रहे हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकता है।
यहां पर भेड़ाघाट के बारे में जानकारी शेयर कर रहे हैं, जिसमें भेड़ाघाट में घूमने लायक जगह (bhedaghat tourist places), भेड़ाघाट क्यों प्रसिद्ध है, भेड़ाघाट कहां है, जबलपुर से भेड़ाघाट की दूरी, भेड़ाघाट जाने का सही समय आदि के बारे में जानेंगे।
भेड़ाघाट से जुड़े रोचक तथ्य
- बुंदेली भाषा में भेड़ा का अर्थ मिलन होता है। चुमकी भेड़ाघाट में नर्मदा नदी का पवित्र बावन गंगा के साथ मिलन होता है, इसीलिए इस जगह का नाम भेड़ाघाट है।
- भेड़ाघाट में कई बॉलीवुड फिल्मों के कई सीन को फिल्माए जा चुका हैं, जिनमें से प्रसिद्ध फिल्म है मोहनजोदारो, जो साल 2016 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म के रोबोट से लड़ने का दृश्य यहां पर फिल्माया गया है। 1961 में आई फिल्म राज कपूर और पद्मिनी द्वारा प्रदर्शित जिस देश में गंगा बहती है का सबसे हिट गाना भी यहां पर सीट शूट हुआ है। प्राण जाने पर प्रतिज्ञा ना करें हिंदी फिल्म की भी एक सीन की शूटिंग यहां पर हुई है।
- भेड़ाघाट में नर्मदा नदी के दोनों ओर तकरीबन 100 फीट की संगमरमर की चट्टानें है, जिसके बीच से गुजरती नर्मदा नदी बहुत ही मनमोहक लगती है। सूरज की रोशनी जब संगमरमर की चट्टानों पर पड़ती है तो नर्मदा नदी के जल में इसका खूबसूरत प्रतिबिंब बनता है।
- जबलपुर में सबसे ज्यादा घूमने लायक जगह में से एक भेड़ाघाट है।
भेड़ाघाट में घूमने की जगह (Bhedaghat Me Ghumne ki Jagah)
धुआंधार वाटर फॉल
भेड़ाघाट में एक और घूमने लायक खूबसूरत प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नियाग्रा की टक्कर का धुआंधार जलप्रपात है। यह जलप्रपात का स्त्रोत नर्मदा नदी है और संगमरमर की चट्टानों से यह 10 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरता है।
नर्मदा नदी के किनारे दोनों चट्टानों से घिरा यह जगह बहुत ही मनमोहक लगता है। जब यहां इतने ऊंचाई से पानी की धारा नीचे गिरती है तो बहुत दूर से इसकी गर्जन सुनाई देती है।
ऊंचाई से गिरने के कारण चारों तरफ इसके पानी के फुहारे धूंए जैसे दिखाई देते हैं, इसी कारण इस जगह को धुआंधार फॉल्स कहा जाता है।
चौसठ योगिनी मंदिर
भेड़ाघाट से कुछ दूरी पर स्थित चौंसठ योगिनी मंदिर भेड़ाघाट में घूमने लायक प्रमुख और खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मंदिर ब्रह्मांड की जननी मानी जाने वाली मां देवी दुर्गा को समर्पित है।
इस मंदिर का निर्माण 1323 ईस्वी में प्रतिहार वंश के राजपूत राजवंश के शासक देवपाल के द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर में 10 वीं शताब्दी के कलचुरी वंश की पत्थरों से तराशी गई मूर्तियां स्थापित है, जिनमें से ज्यादातर मूर्तियां वर्तमान में टूट चुकी है। यह मंदिर पहाड़ पर 100 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और गोलाकार आकार में है।
इस मंदिर का संबंध तंत्र विद्या से भी है। इसीलिए इसे तांत्रिक यूनिवर्सिटी के नाम से भी जाना जाता है। पुराने समय में इस मंदिर को गोलकी मठ के नाम से भी जाना जाता था।
इस मंदिर के अंदर 64 कमरे हैं और प्रत्येक कमरे में माता योगिनी की मूर्तियां स्थापित है, जिन्हें मां काली का अवतार माना जाता है। इसीलिए यह मंदिर चौसठ योगिनी के नाम से जाना जाता है।
कहा जाता है कि आज भी इस मंदिर में चौसठ योगिनिया पहरा देती हैं। मंदिर के 64 कमरे में शिवलिंग भी स्थापित है। इस प्राचीन मंदिर के अंदर एक भूमिगत मार्ग भी है, जो गोंड रानी दुर्गावती के महल से जाकर मिलती है। नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है।
सी वर्ल्ड वाटर पार्क
अगर आप भेड़ाघाट अपने परिवार या अपने बच्चों के साथ जाते हैं तो भेड़ाघाट के आसपास घूमने लायक प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक सी वर्ल्ड वाटर पार्क है। यह जगह बच्चे एवं परिवारों के लिए सबसे आदर्श स्थान है।
यहां पर बच्चों के लिए एक अलग से भी पुल है। इस एडवेंचर पार्क में वाटर राइट और रोलर कास्टर की सवारी का लुफ्त उठा सकते हैं। यह जबलपुर का एकमात्र वाटर पार्क है, जो सुबह 10:00 बजे से शाम के 6:00 बजे तक खुला रहता है।
यह वॉटर पार्क जबलपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहीं एयरपोर्ट से तकरीबन 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस पार्क में प्रवेश करने के लिए बड़ों की एंट्री फीस लगभग ₹360 प्रति व्यक्ति है। वहीं बच्चों के लिए ₹270 एंट्री फीस लगती है।
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मदन महल किला
अगर आपको इतिहास में रुचि है और प्राचीन शासकों के बारे में जानने की रुचि रखते हैं तो भेड़ाघाट के आसपास घूमने लायक प्रमुख स्थानों में से एक मदन महल किला आपके लिए सबसे उचित जगह साबित हो सकता है। इस किले में आपको 15वीं शताब्दी ईस्वी में यहां पर शासन करने वाले सभी शासको के बारे में जानने को मिलेगा।
इस किले का निर्माण 11वीं में राजा मदन सिंह के द्वारा किया गया था। यह किला एक पहाड़ पर 500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस किले के निर्माण में बड़े ग्रेनाइट चट्टानों का प्रयोग किया गया है।
जिस समय किले का निर्माण किया गया था, उस समय उसके आसपास इस पहाड़ी पर खूबसूरत वृक्ष हुआ करते थे। खासकर के यहां पर सीताफल के बहुत ज्यादा बगीचे थे। इसके अतिरिक्त यहां के जंगलों में शेर, चीते और अन्य कई जंगली जानवर हुआ करते थे।
चूंकि यहां पर सैनिक छावनी होने के कारण सख्त पहरा होती थी, जिसके कारण किसी भी परिंदे को यहां पर मारने की इजाजत नहीं होती थी। लेकिन वर्तमान में यह किला खंडहर में बदल चुका है।
लेकिन आज भी इस किले में रानी दुर्गावती की यादें बसी हुई है। इस किले पर पहुंचने के बाद यहां पर आपको भेड़ाघाट के आसपास के कई खूबसूरत दृश्य देखने का मौका मिलता है।
देवताल गार्डन
भेड़ाघाट की यात्रा के दौरान अगर आप प्रकृति की सुंदर वादियों एवं हरे भरे पेड़ पौधों को देखने का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो आप जबलपुर के मेडिकल रोड में स्थित देवताल गार्डन घूमने जा सकते हैं।
बच्चों के लिए यह जगह सबसे पसंदीदा घूमने लायक स्थानों में से एक है। गार्डन के अंदर कई सारे झूले मौजूद है और अंदर एक झील भी है।
शिव मंदिर कचनार
भेड़ाघाट से आधे घंटे की दूरी पर शिव मंदिर कचनार है। यहां पर भगवान शिव की विशालकाय 76 फीट ऊंची एक प्रतिमा बैठने के मुद्रा में स्थापित है।
प्रतिमा के नीचे एक गुफा भी स्थित है, जिसमें 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित है। भगवान शिव के इस प्रतिमा को मध्य प्रदेश में भगवान शिव की सबसे बड़ी प्रतिमा मानी जाती हैं।
भगवान शिव के विशाल प्रतिमा के सामने ही भगवान नंदी की विशाल प्रतिमा स्थापित है। यहां पर एक पार्क भी स्थित है, जहां पर कुछ समय बैठकर खूबसूरत हरे भरे वातावरण का आनंद ले सकते हैं।
डुमना नेचर रिजर्व पार्क
1058 हेक्टर क्षेत्र में फैला दुमना नेचर रिजर्व पार्क भेड़ाघाट के आसपास स्थित प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह पर्यटकों के लिए खुला एक इको टूरिज्म साइट है। यहां पर विलुप्त हो रहे कई प्रजाति के जानवर एवं पंछियों को देखने का मौका मिलता है।
इस नेचर रिजर्व पार्क में चीतल, शाही, सियार जंगली सूअर सहित कई प्रजातियों के पशु एवं पंछी पाए जाते हैं। पार्क में मौजूद एक खूबसूरत झील में नाव की सवारी का भी लुफ्त उठा सकते हैं।
यहां पर बच्चों के लिए एक खूबसूरत पार्क बना हुआ है। इसके साथ यहां पर एक रेस्टोरेंट भी उपलब्ध है, जहां पर आप स्वादिष्ट भोजन का लुफ्त उठा सकते हैं।
यहां पर पर्यटक फिशिंग का भी आनंद ले सकते हैं। इस पार्क को अच्छे तरीके से घूमने के लिए यहां पर साइकिलिंग या ट्रेन की सवारी करने की भी सुविधा मौजूद है।
बैलेंसिंग रॉक जबलपुर
भेड़ाघाट के पास जबलपुर से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर शारदा देवी मंदिर के रास्ते में मदन महल की पहाड़ियों पर रानी दुर्गावती का किला है और इसी किले के पास बैलेंस रॉक स्थित है।
यह रॉक अपने आपमें आश्चर्यजनक है। क्योंकि यह दीर्घ गोलाकार शीला इस तरह से एक छोटे से बिंदु पर स्थित है कि आज तक कोई भी बड़ा से बड़ा तूफान और भूकंप इसे हिला नहीं सका है।
हालांकि देखने से लगता है कि यह कभी भी गिर जाएगा लेकिन साल 1997 में जबलपुर में आए भारी भूकंप के समय भी यह रॉक जैसे का तैसे ही था।
हालांकि इसके आसपास कई बिल्डिंग भूकंप के झटको से गिर गई थी और काफी काफी तबाही भी मची थी। यह रॉक एशिया के 3 बैलेंस रॉक में शामिल है, तीनों ही बैलेंस रॉक भारत में ही मौजूद है।
यह शिला भूतात्विक कारणों से अस्तित्व में आया है। इसे किसी भी मानव के द्वारा यहां पर नहीं रखा गया है। इतने विशाल चट्टान का लंबे समय से इसी जगह पर एक छोटे से बिंदु पर टिके रहने का कारण गुरुत्व केंद्र बताया जाता है।
यह जगह वर्तमान में भेड़ाघाट के आसपास घूमने लायक प्रमुख स्थानों में से एक बन चुका है, जहां पर पर्यटक आते हैं और इस रॉक के साथ फोटो खिंचवाते हैं।
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बरगी डेम
भेड़ाघाट के आसपास घूमने लायक प्रमुख जगहों में से एक बरगी डैम है। यह नर्मदा नदी पर स्थित सबसे महत्वपूर्ण डैम है। खास करके यह डैम मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जलापूर्ति का एक प्रमुख स्त्रोत है।
इस डैम पर रानी अवंतीबाई लोधी सागर और बरगी डायवर्जन प्रोजेक्ट के तहत दो महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना भी निर्मित की गई है। वर्तमान में यह डैम जबलपुर का एक लोकप्रिय पर्यटन केंद्र बन चुका है और इसे पर्यटन केंद्र बनाने में मध्य प्रदेश की सरकार ने भी काफी पहल की है।
यहां पर एक रिसॉर्ट भी खोला गया है, जिसके सामने ही बरगी डैम है। इस रिसॉर्ट में आप ठहर सकते हैं और यहां के बरगी डैम में आप फिशिंग, बोट राइडिंग और वॉटर स्कूटर जैसे विभिन्न रोमांचित गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।
इसके अतिरिक्त यहां डैम के आसपास सारस, तोता, मैना, कबूतर, स्थानीय काली गोरिया सहित अनेक पंछियों को देखने का भी लुफ्त उठा सकते हैं।
ग्वारीघाट जबलपुर
भेड़ाघाट के आसपास घूमने लायक प्रमुख जगहों में से एक ग्वारीघाट है। यह एक फेमस व्यूप्वाइंट है, जहां पर आप खूबसूरत दृश्य की फोटोग्राफी कर सकते हैं।
ग्वारीघाट पर नदी में तैरते हुए पंछियों की विशाल झुंड आपको मनमोहित कर सकती है, जिसकी सुंदरता को आप अपने कैमरे में कैप्चर करना बिल्कुल भी ना भूले। पंछियों के लिए आप अपने साथ कुछ दाने भी जरूर साथ में रखें।
यहां पर आपको नौका विहार का भी लुफ्त उठाने का मौका मिलता है और यहां पर नावों को बहुत ही सुंदर सजावट की गई होती है, जो आपको काफी आकर्षित कर सकती हैं।
भेड़ाघाट जाने का सही समय (Best Time to Visit Bhedaghat)
अगर आप भेड़ाघाट में हर चीजों का आनंद लेना चाहते हैं तो भेड़ाघाट घूमने जाने के सही समय का चयन करना बहुत ही जरूरी है। वैसे भेड़ाघाट तो आप साल के किसी भी दिन घूमने जा सकते हैं लेकिन वहां पर अगर आप बोट राइटिंग का मजा लेना चाहते हैं तो गर्मी या सर्दी का मौसम सबसे बेस्ट हो सकता है।
मई से पहले आप भेड़ाघाट घूमने आ सकते हैं। अप्रैल और मई के दौरान यहां का अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस तक होता है। इस दौरान यहां ज्यादा गर्मी नहीं होती हैं लेकिन जून का महीना ज्यादा गरम हो सकता है। इसीलिए जून में यहां आने से बचे।
इसके अतिरिक्त यहां पर सर्दियों के मौसम में आना भी उचित हो सकता है। क्योंकि मध्यप्रदेश में ज्यादा सर्दी नहीं होती हैं। सर्दियों के दौरान यहां का तापमान 10 से 20 डिग्री सेल्सियस होता है। इस तरह इस मौसम में भेड़ाघाट घूमने का अच्छे से आनंद ले सकते हैं।
वैसे अगर आप बारिश के मौसम में भेड़ाघाट घूमने जाना चाहते हैं तो इस दौरान भेड़ाघाट घूमने का मजा किरकिरा हो सकता है। क्योंकि बारिश के मौसम में ज्यादा बारिश होने के कारण यहां पर कई सारी दुकानें बंद हो जाती हैं और बोट राइटिंग का भी आनंद नहीं ले पाएंगे।
भेड़ाघाट में मनोरंजन के लिए क्या कर सकते हैं?
भेड़ाघाट में उपरोक्त बताए अनुसार कई तरह के खूबसूरत पर्यटन स्थल है। उन तमाम खूबसूरत पर्यटन स्थलों की खूबसूरती को देखने के साथ ही आप यहां पर मनोरंजन के लिए कई तरह की गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं जैसे बोट राइडिंग, फिशिंग आदि।
भेड़ाघाट में नर्मदा महोत्सव
अगर आप भेड़ाघाट घूमने आते हैं तो यहां पर आप नर्मदा महोत्सव को देखने का लुफ्त उठा सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको अक्टूबर महीने में शरद पूर्णिमा के दिन आना पड़ेगा।
क्योंकि यहां हर साल अक्टूबर में शरद पूर्णिमा के दिन नर्मदा महोत्सव के रूप में एक शुभ कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में बॉलीवुड की कई प्रसिद्ध हस्तियां शामिल होते हैं, जिनके द्वारा नाटक, नृत्य और संगीत की कई शानदार प्रस्तुति की जाती है।
इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायकों और कलाकारों की मौजूदगी इस कार्यक्रम को दर्शकों को आकर्षक बनाता है। यही कारण है कि इस दिन लाखों की संख्या में दर्शकों की भीड़ उमड़ती है। शरद पूर्णिमा की चांदनी रात के समय आप यहां पर दूधिया सफेद पानी में नौका विहार का भी आनंद ले सकते हैं।
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भेड़ाघाट में खरीदी
भेड़ाघाट की यात्रा के दौरान यहां पर आप कई तरह की वस्तुएं यात्रा की याद के रूप में खरीद सकते हैं। यहां पर सॉपस्टोन नाम का बाजार काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, जो हस्तशिल्प जैसे कि लिंगम, एशट्रेज और देवी-देवताओं की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। आप किसी भी तरह के हस्तशिल्प को खरीद सकते हैं।
भेड़ाघाट में लेजर शो
भेड़ाघाट में मनोरंजन के लिए आप लेजर शो देखने जरूर जाएं। यह शो भेड़ाघाट के पंचवटी में पूरे सप्ताह आयोजित होते हैं। यहां मंगलवार से शुक्रवार तक 7:30 से 8:00 और 8:30 से 9:00 के बीच दो शो आयोजित होते हैं। वहीं शनिवार और रविवार को 7:30 से 8:00 बजे, 8:15 से 8:45 और 9:00 से 9:30 बजे तक 3 शो का आयोजन किया जाता है।
इस लेजर शो के जरिए दर्शकों को नर्मदा नदी से परिचित कराया जाता है, जिसमें नर्मदा की गौरव गाथा को बहुत ही खूबसूरत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है।
यहां हजारों साल पुरानी परंपरा से लेकर आधुनिकता का दौर भी देखने को मिलता है। शो में पहले भेड़ाघाट की खूबसूरती का जिक्र होता है, उसके बाद 10 मिनट तक देशभक्ति गीतों के जरिए फाउंटेन की रंग बिरंगी फुहारों का शो होता है।
भेड़ाघाट के लोकप्रिय व्यंजन
भेड़ाघाट की यात्रा के दौरान आपको यहां पर शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन खाने को मौका मिलता है। यहां पर कई सारे रेस्टोरेंट है।
इसके साथ ही सड़क के दोनों किनारे लगे स्ट्रीट में भी बहुत ही स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जाते हैं। भेड़ाघाट के कुछ स्थानीय व्यंजन इस प्रकार है:
गुजिया
गुजिया बालाघाट में मिलने वाला एक प्रसिद्ध मीठा व्यंजन है, जिसे सूजी और मैवे को मिक्स करके मैदे के आटे में स्टफिंग करके तेल में डीप फ्राई करके बनाया जाता है।
चिकन समोसा
चिकन समोसा भेड़ाघाट के स्वादिष्ट लोकल स्ट्रीट फूड में से एक है, जिसे मैदे के आटे में चिकन की स्टाफिंग करके डिप फ्राई करके बनाया जाता है।
दाल बाफले
दाल बाफले प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट और वसा से भरपूर होता है। यह एक स्वस्थ और अच्छा व्यंजन है। भेड़ाघाट की यात्रा के दौरान दोपहर के भोजन के रूप में आप इसे शामिल कर सकते हैं।
यह राजस्थान के प्रसिद्ध व्यंजन दाल बाटी से प्रभावित है। गेहूं के आटे को गुंदकर गोलाकार लोया बनाया जाता है, जिसे आग पर सेका जाता है और फिर गई में डुबोकर दाल और हरी चटनी के साथ परोसा जाता है।
भुट्टे का किस
भुट्टे का किस भेड़ाघाट में एक विशिष्ट स्ट्रीट फूड है। यह मध्य प्रदेश के इंदौर में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। इस व्यंजन में मुख्य रूप से मक्का शामिल है, जिसे मसाले और स्किम्ड दूध के साथ पकाया जाता है। इसमें स्वाद बढ़ाने के लिए सरसों और हरी मिर्च को भी शामिल किया जाता है।
पालक पुरी
भेड़ाघाट में लोकप्रिय स्थानीय व्यंजन में से एक स्वादिष्ट व्यंजन पालक पूरी है। जिसे पालक और आटे को मिक्स करके गर्म तेल में तलकर बनाया जाता है और इसे आचार या सब्जी के साथ परोसा जाता है।
मावा बाटी
भेड़ाघाट के कई रेस्टोरेंट में डेजर्ट के रूप में मावा बाटी परोसे जाते हैं। यह एक मीठा व्यंजन है, जो बिल्कुल बड़े आकार में गुलाब जामुन की तरह दिखता है लेकिन हल्का कुरकुरा होता है।
इसे सूखे मेवे और मावा के आटे को मिक्स करके गोल लोया बनाकर डीप फ्राई करके चाशनी में भिगों कर बनाया जाता है। नारियल पाउडर के जरिए इसे गार्निश करके परोसा जाता है।
सिक कबाब
भेड़ाघाट मध्य प्रदेश में स्थित है और यहां पर आपको कई जगह पर मुगल व्यंजन देखने को मिलते हैं। भेड़ाघाट में कई रेस्टोरेंट में आपको सीक कबाब मैन्यू में दिख जाएगा।
यह एक मुगलई व्यंजन है। यह एक मांसाहारी व्यंजन है। यह भेड़ाघाट के स्थानीय लोगों के द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला मांसाहारी व्यंजन है।
मटर पुलाव
भेड़ाघाट में मटर पुलाव एक स्वादिष्ट और सेहतमंद व्यंजन है, जिसे बासमती चावल को उबालकर उसमें गाजर मटर जैसे कई तरह के सब्जियों को मिक्स करके बनाया जाता है।
भोपाली गोश्त कोरमा
भेड़ाघाट में प्रसिद्ध स्थानीय भोजन में से एक भोपाली गोश्त कोरम है। यह मसालेदार मांसाहारी भोजन है, जिसमें धीमी आंच पर मटन को पकाया जाता है और फिर ग्रेवी के साथ उसे परोसा जाता है।
भेड़ाघाट कैसे पहुंचे?
अगर आप भेड़ाघाट घूमने जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास तीन माध्यम उपलब्ध है रेल, हवाई और सड़क। तीनों ही मार्ग के जरिया बहुत ही आसानी से भेड़ाघाट पहुंच सकते हैं।
अगर आप रेल मार्ग के जरिए भेड़ाघाट पहुंचना चाहते हैं तो बता दें कि भेड़ाघाट मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित है और भेड़ाघाट पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जबलपुर रेलवे स्टेशन है, जो भेड़ाघाट से तकरीबन 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जबलपुर रेलवे स्टेशन के लिए आपको भारत के विभिन्न शहरों के रेलवे स्टेशन से आसानी से ट्रेन मिल जाएगी।
अगर आपका बजट हाय है और आप कम समय में भेड़ाघाट पहुंचना चाहते हैं तो आप हवाई मार्ग का चयन कर सकते हैं, जो बहुत ही कम समय में आपको भेड़ाघाट पहुंचा देगा।
भेड़ाघाट पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा डुमना एयरपोर्ट है, जो जबलपुर में स्थित है। यह हवाई अड्डा भेड़ाघाट से तकरीबन 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। डुमना एयरपोर्ट भारत के विभिन्न बड़े एयरपोर्ट से सीधे कनेक्टेड है।
भेड़ाघाट पहुंचने के लिए सड़क मार्ग का भी विकल्प मौजूद है। मध्य प्रदेश के किसी भी शहर से भेड़ाघाट के नजदीक स्थित रांक्षी बस स्टैंड पहुंच सकते हैं और फिर यहां से किसी भी वाहन के जरिए आप भेड़ाघाट पहुंच सकते हैं। बस स्टैंड से भेड़ाघाट तकरीबन 28 किलोमीटर की दूरी पर है।
भेड़ाघाट में कहां पर ठहरे?
भेड़ाघाट मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित एक लोक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। अगर आप भेड़ाघाट घूमने जाने की योजना बना रहे हैं और उसके आसपास के पर्यटन स्थलों को देखना चाहते हैं तो कम से कम आपको 2 से 3 दिन वहां पर ठहरने की योजना बनानी पड़ेगी।
वैसे भेड़ाघाट में ठहरने के लिए उसके आसपास कई सारे होटल्स मौजूद है, जहां पर आपको अपने बजट के अनुसार कमरे मिल जाते हैं। आप ऑनलाइन होटल में रूम बुक करवा सकते हैं।
FAQ
नर्मदा नदी के किनारे स्थित भेड़ाघाट खूबसूरत संगमरमर एवं क्षरणों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर बोट राइडिंग और फिलिंग लोकप्रिय गतिविधियां है।
भेड़ाघाट मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर जिले में स्थित है।
भेड़ाघाट जाने का सबसे उचित समय अक्टूबर से अप्रैल का होता है। इस दौरान यहां का मौसम सुहावना होता है।
भेड़ाघाट में बोट राइडिंग दिन के समय सुबह 10:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक होता है। यहां पर एक नाव में 3 लोग एक साथ बैठकर नाव की सवारी का आनंद ले सकते हैं। यहां तकरीबन ₹600 से लेकर ₹800 तक के बोट राइडिंग का चार्ज पर व्यक्ति लगता है।
पहले भेड़ाघाट में चांदनी रात में नाव की सवारी कराई जाती थी लेकिन, असामाजिक गतिविधियों के कारण अधिकारियों के द्वारा यहां पर रात के दौरान नाव की सवारी पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
निष्कर्ष
इस लेख में मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भेड़ाघाट के बारे में जाना। इसके साथ ही भेड़ाघाट के आसपास घूमने लायक प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में भी बताया।
यहां पर भेड़ाघाट के बारे में जानकारी शेयर की है, जिसमें भेड़ाघाट में घूमने लायक जगह (Bhedaghat Me Ghumne ki Jagah), भेड़ाघाट क्यों प्रसिद्ध है, भेड़ाघाट कहां है, जबलपुर से भेड़ाघाट की दूरी, भेड़ाघाट जाने का सही समय आदि के बारे में विस्तार से बताया है।
हमें उम्मीद है कि आज का यह लेख आपकी भेड़ाघाट की यात्रा को सुलभ बनाने में मदद करेगा। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक इत्यादि के जरिए अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें। इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो आप हमें कमेंट में लिख कर बता सकते हैं।
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