Tirthan Valley Me Ghumne ki Jagah : तीर्थन घाटी हिमाचल प्रदेश राज्य के कुल्लू जिले के पास में स्थित एक बहुत सुंदर घाटी हैं, जो की समुद्र तल से करीब 1600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। यह घाटी ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से सिर्फ 3 किमी की दूरी पर स्थित हैं।
इस जगह पर घूमने आने वाले पर्यटक एडवेंचर करने के लिए आते हैं। जो लोग प्रकृति प्रेमी है उनके लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं। सर्दियों के मौसम में तीर्थन नदी के उप्पर बर्फ से ढकी हुई चोटियां रहती हैं। इस घाटी में ट्राउट नामक मछली सबसे अधिक पाई जाती हैं। इस लेख में आपको तीर्थन में घूमने वाली सभी जगहों के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको तीर्थन में घूमने के लिए कौन कौन सी जगह हैं ? तीर्थन में घूमने के लिए कब जाए ? तीर्थन का प्रसिद्ध भोजन कया हैं ? तीर्थन घूमने के लिए कैसे जाएं ? इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस लेख में जानने को मिलेगे। इसके लिए आपको लेख को अंत तक पढ़ना होगा।
तीर्थन वैली में घूमने की जगह | Tirthan Valley Me Ghumne ki Jagah
तीर्थन वैली के बारे में रोचक तथ्य
- हिमाचल प्रदेश राज्य के तीर्थन वैली को प्रकृति का स्वर्ग कहा जाता हैं।
- तीर्थन वैली घूमने आने पर आप कई प्रकार के साहसिक एडवेंचर का आनंद ले सकते हैं।
- सलोस्केर झील का पानी हमेशा स्वच्छ रहता हैं। इस झील में चाहे जितनी मिटटी गिर जाए, लेकिन पानी साफ रहेगा।
- तीर्थन वैली में घूमने के लिए सबसे अधिक पर्यटक मार्च महीने से लेकर सितंबर महीने के बीच में आते हैं।
तीर्थन वैली पर्यटन स्थल (Tirthan Valley Tourist Places in Hindi)
जालोरी पास
तीर्थन में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह जालोरी पास हैं, जो की कुल्लू से करीब 80 किमी की दूरी पर स्थित हैं। इसको जालोरी दर्रा के नाम से भी जानते हैं। जालोरी में घूमने आने वाले पर्यटक ट्रेकिंग और पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। इस जगह का व्यू इतना शानदार है कि यहां से वापस जाने का मन नहीं करेगा।
दर्रा के आस पास आपको सिर्फ हरियाली ही हरियाली देखने को मिलेगी। इसके आलावा आप ट्रेकिंग करने का भी लुफ्त ले सकते हैं। यदि आप गर्मियों की छुट्टियों में किसी ऐसी ही जगह पर घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो आप कुल्लू के पास स्थित इस जगह पर घूमने के लिए जरूर जाए। जालोरी दर्रा की समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 3120 की हैं। यहां का मौसम काफी सुहावना रहता हैं।
जीभी
जिभी जो की हरे भरे जंगल और पहाड़ों से घिरा हुआ एक ऐसी जगह हैं। जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। इस कारण से इसको हेमलेट के नाम से भी जाना जाता हैं, जो हिमालय की तीर्थन घाटी के पास में हैं। इसके आस पास घने देवदार के जंगल हैं। पास ही में मीठे पानी की झील और कई सारे प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। गर्मियों के मौसम में अधिकतर पर्यटक इस जगह पर घूमने के लिए आते हैं।
वहीं बारिश के मौसम में यहां पर आने वाले पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो जाती हैं। यदि आप यहां पर रहना चाहते हैं तो आपको यहां पर विक्टोरियन शैली के कई सारे कॉटेज मिल जाएंगे। इसका चार्ज अलग अलग होता हैं।
इसके अलावा यह लोग आपको रात्रि भोजन भी उपलब्ध करवाते हैं। कॉटेज के बाहर बैठकर प्रकृति के शानदार नजारे का आनंद लें सकते हैं। आप अपने दोस्तों, रिश्तेदार और परिवार के जिभि घूमने के लिए जा सकते हैं।
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ग्रेट हिमालयन पार्क
यदि इस जगह को देवदार और ओक को पेड़ो का घर कहा जाएं तो कोई दिक्कत नही होनी चाहिए। इसके चारों तरफ आपको देवदार और ओक के बड़े बड़े पेड़ देखने को मिलते हैं। जो भी पर्यटक इस जगह पर आते है उनका मन प्रसन्न हो जाता हैं क्योंकि यहां पर ट्रैकिंग और एडवेंचर करने के लिए बहुत सारी चीज़ें हैं। इसको देखने के लिए आपको सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम के 5:00 बजे तक एंट्री होती हैं।
ग्रेट हिमालय पार्क की एंट्री फीस ₹50 हैं। यदि आप स्टूडेंट हैं, तो आपको ₹30 देने होंगे। वहीं विदेशी पर्यटकों को ₹200 देने होंगे। इसके अलावा यहां पर आप कैंपेनिंग भी कर सकते हैं जिसके चार्ज अलग-अलग होते हैं। इसके लिए आपको यहीं पर आकर जानकारी प्राप्त करनी होगी।
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के अंदर आपको 181 अलग-अलग प्रकार के पक्षी तथा करीब 400 से अधिक विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां देखने को मिल जाती हैं। इस पार्क की स्थापना 1999 में की गई थी। यहां पर घूमने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से लेकर सितंबर महीने के बीच का हैं।
ट्राउट फिशिंग
यदि आपको मछली पकड़ने का शौक है तो आप ट्राउट फिशिंग करने वाली जगह पर आ सकते हैं। यह व्यास की एक सहायक नदी हैं। क्रिस्टल क्लियर नदी की तुलना में यहां पर सर्वाधिक मात्रा में मछलियों की फिशिंग की जाती हैं। नदी का रंग भूरा और इंद्रधनुष कलर का हैं। जिसके कारण पर्यटकों का वर्ष भर यहां पर आना जाना लगा रहता हैं।
आज के समय में हिमाचल प्रदेश घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए यह विशेष जगह हो चुकी हैं। रात के समय में यहां का मौसम और भी ज्यादा खुशनुमा हो जाता हैं। सबसे अधिक पर्यटक लोग अप्रैल महीने से लेकर सितंबर महीने के बीच में आते हैं। आप अपने मित्रो के साथ इस जगह पर घूमने जाने की योजना बना सकते हैं।
तीर्थन वैली में नदी पार करना
आप इसको एक प्रकार का खेल भी कह सकते हैं क्योंकि यह नदी काफी विशाल हैं तो इस कारण से जो लोग एडवेंचर करने का शौक रखते हैं। वो लोग इस खेल को खेल सकते हैं। इसके लिए एक व्यक्ति को सुरक्षा कवच से बांध दिया जाता हैं। जिससे वो दूसरे स्थान पर आसानी से चला जाए।
इसके बाद व्यक्ति को हल्का से धक्का दे दिया जाता हैं। जिससे वह व्यक्ति फिसल जाता और नदी के दूसरे छोर पर चला जाता हैं। जब आप एक जगह से दूसरी जगह पर जाते है तो आपको नदी का ठंडी ठंडी बूदे आपको शीतलता प्रदान करती हैं।
सेलोस्कर झील
यह झील का पानी नीले रंग का हैं, जो की जालोरी दर्रे के पास में स्थित हैं। जालोरी दर्रा सेलोस्केर झील से करीब 5 किमी की दूरी पर स्थित हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे की झील का पानी कभी खराब नही होता हैं। चाहे जितनी पत्तियां इस झील के अंदर गिर जाए। लेकिन इसका पानी हमेशा साफ ही रहता हैं।
सेलेस्कर झील समुद्र तल से 3100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। झील के पास में ही बुद्धि नागिन का प्राचीन मंदिर बना हुआ हैं। इस जगह के बारे में कहा जाता है की देवी के 100 पुत्र है। जिसके कारण इस जगह को गार्डियन ऑफ प्लेस भी कहते हैं।
चेई घाटी
जब आप तीर्थन घाटी में घूमने के लिए जाते है तो वहां से 3 किमी की दूरी पर यह चेइ जलप्रपात हैं। यह घाटी यहां के गांव नागिन से शुरू होती हैं। यहां तक पहुंचने के लिए आपको करीब 1 घंटे का समय लगता हैं। इस घाटी का नाम यहां के स्थानीय देवी माता के नाम से रखा गया हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहां पर पहले एक पेड़ था, जो कि अभी भी हैं। उस पर देवी की पूजा करने के लिए लोग दूर-दूर से आते थे।
इससे घाटी पर आने वाले पर्यटक यहां पर स्नान आदि करते हैं और नजारे का लुफ्त उठाते हैं। इसके अलावा फोटोग्राफी करने का एक बेहतरीन पर्यटक स्थल में से एक हैं। आप अपने दोस्तों, परिवार और रिश्तेदारों के साथ यहां पर अप्रैल महीने से लेकर सितंबर महीने के बीच में कभी भी घूमने के लिए आ सकते हैं। इसके अलावा यहां पर आप कंपनी और एडवेंचरिंग का भी लुफ्त ले सकते हैं।
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तीर्थन वैली घूमने के लिए अच्छा समय
यदि आप किसी ऐसी जगह पर घूमने के लिए जाना चाहते हैं जो आपके मन को मंत्र मुक्त कर दे, तो आप हिमाचल प्रदेश के तीर्थन वैली घाटी को घूमने के लिए जा सकते हैं। यहां पर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च महीने से लेकर अगस्त महीने के बीच में होता हैं।
यानी कि गर्मी के मौसम में और हल्की बारिश के मौसम में यहां का तापमान बहुत ही सुखद रहता हैं। इसके चारों और आपको वनस्पतियां जीव जंतु और हरे-भरे घास के मैदान तथा सेब के बड़े बड़े बगीचे देखने को मिलते हैं। वहीं सर्दियों के मौसम में घाटी में आपको चारों तरफ बर्फ ही बर्फ देखने को मिल जाती हैं।
यदि आप बर्फीली परिस्थिति में जाना चाहते हैं तो नवंबर महीने से लेकर फरवरी महीने के बीच में कभी भी जा सकते हैं। अगस्त महीने से लेकर सितंबर अक्टूबर महीने तक इस क्षेत्र में काफी ज्यादा वर्षा होती हैं।
तीर्थन वैली में घूमने जाने पर कहां रुके
हिमाचल प्रदेश के तीर्थन वैली में घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो आप यहां के होटल और रेस्टोरेंट में रुक सकते हैं। जहां से आप प्रकृति के नजारे का लुफ्त ले सकते हैं। आप इन होटल को ऑनलाइन माध्यम से एक बुक कर सकते हैं या फिर यहीं पर आकर बुक कर सकते हैं।
होटल आपको कम बजट में शानदार और लग्जरी मिल जाएंगे। इसके अलावा आप यहां के प्रसिद्ध भोजन का लुफ्त उठा सकते हैं। कई बार अधिक भीड़ होने की वजह होटल आदि में रुकने के लिए जगह नहीं मिल पाती हैं। इस कारण आप पहले से ही होटल की बुकिंग कर सकते हैं।
तीर्थन वैली का प्रसिद्ध भोजन
यह घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है लेकिन यहां पर अधिक होटल और रेस्टोरेंट नही बने हुए हैं। लेकिन आपको खाने के लिए यहां पर बेहतरीन भोजन मिल जाएगा। होटल और रिसॉर्ट के बाहर खाने के लिए रेस्तरां और 23 डाबी बने हुए हैं, जहां पर आप बेहतरीन भोजन का लुफ्त उठा सकते हैं।
यहां का प्रसिद्ध मोमोज और दाल चपाती मिल जाएगी। इसके अलावा आपको हिमाचल प्रदेश का प्रसिद्ध भोजन भी मिल जाएगा। तीर्थन की प्रसिद्ध थाली बंजर थाली हैं, जिसमें आपको तीन प्रकार की सब्जी दी जाती हैं। चावल के साथ चपाती और तीन सुखी सब्जी दी जाती हैं। आप 300 से 400 रुपए के बीच में अच्छा भोजन कर सकते हैं।
तीर्थन वैली में घूमने के लिए कैसे जाएं?
तीर्थन वैली में घूमने जाने के लिए आप सड़क मार्ग, ट्रेन मार्ग और वायुयान मार्ग से कभी भी जा सकते हैं।
सड़क मार्ग से कैसे जाएं?: सड़क मार्ग से आप दिल्ली, पंजाब जैसे किसी भी राज्य से बस द्वारा हिमाचल प्रदेश में आ सकते हैं। तीर्थन वैली में घूमने जाने के लिए आपको आप ऑट तक जाना होगा। लेकिन तीर्थन वैली की दूरी यहां से 26 किमी की हैं। इसके लिए आपको कैब आदि को बुक करना होगा। जिससे आप तीर्थन वैली तक आसानी से पहुंच जायेगे।
ट्रेन मार्ग से कैसे जाएं? : तीर्थन वैली तक जाने के लिए कोई सीधा रास्ता नही हैं। न ही वहा तक ट्रेन जाती हैं। इसके लिए आप नजदीक के रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा। आप नजदीक के रेलवे स्टेशन अंबाला या फिर कीरतपुर में उतर सकते हैं। रेलवे स्टेशन के बाहर से आपको बस या फिर कैब मिल जायेगी।
वायुयान से कैसे जाएं? : यदि आप हवाई यात्रा का आनंद लेना चाहते हैं तो आपको तीर्थन के नजदीक के हवाई अड्डे भुंतर पर उतरना होगा। जहां से तीर्थन वैली की दूरी करीब 50 किमी की होती हैं। इसके आलावा चंडीगढ़ के एयरपोर्ट पर भी उत्तर सकते हैं। लेकिन वहां से आपको काफी दूरी तय करनी होगी। हवाई अड्डे के बाहर काफी टैक्सी और कैब लगी रहती है जो तीर्थन वैली जाती रहती हैं।
FAQ
तीर्थन वैली में घूमने जाने के लिए आप मार्च महीने से लेकर सितंबर महीने के बीच में कभी भी जा सकते हैं।
यदि आप जगह पर घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो, आपके पास कम से कम 10000 से 12000 रुपए होने चाहिए।
तीर्थन वैली में घूमने के लिए बहुत सी जगह हैं। इसके लिए आप लेख को पूरा पढ़े।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको तीर्थन वैली में घूमने वाली सभी जगह( Tirthan Valley Me Ghumne ki Jagah ) के बारे में जानकारी दी हैं। आशा करता हु यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। यदि लेख अच्छा लगा हो तो अपने दोस्त के साथ शेयर जरूर करें।
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