10+ सारनाथ में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय

Sarnath Me Ghumne ki Jagah : उत्तर भारत में स्थिति सारनाथ जो पर्यटक स्थलों की वजह से काफी प्रसिद्ध है। सारनाथ जगह उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग वाराणसी से 10 किलोमीटर दूर स्थित है। सारनाथ की लोकप्रियता बौद्ध और जैन धर्म के तीर्थ यात्रियों की वजह से अत्यधिक है।

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Image: Sarnath Me Ghumne ki Jagah

यहां पर बौद्ध और जैन धर्म के लोग यात्रा करने के लिए अत्यधिक संख्या में पहुंचते हैं। ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश यहां पर दिया था और उसी उपदेश को लोग धर्म चक्र प्रवर्तन के नाम से जानते हैं। इसी वजह से सारनाथ की लोकप्रियता देश विदेशों में छाई हुई है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको सारनाथ में घूमने की जगह के बारे में जानकारी देंगे।

सारनाथ में घूमने की जगह | Sarnath Me Ghumne ki Jagah

सारनाथ के बारे में रोचक तथ्य

  • सारनाथ के अंदर जितने भी स्तूप बने हुए हैं। उनमें से अधिकतम स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक के द्वारा करवाया गया है। सम्राट अशोक ने सारनाथ में अपनी विशेष रुचि दिखाई और सारनाथ को आकर्षक बनाया।
  • 12 वीं शताब्दी ईसा पूर्व में विदेशी आक्रमणकारियों के द्वारा सारनाथ पर आक्रमण किए गए। उस समय उत्तर प्रदेश के कई शहर खत्म हो गए थे और उसी सारनाथ भी कई टुकड़ों में बांटा गया।
  • सारनाथ को बौद्ध धर्म के तीर्थ स्थलों के लिए जाना जाता है और 19वीं शताब्दी के मध्य में सारनाथ को पुनः सही ढंग से ही स्थापित किया गया।
  • सारनाथ में बने सारे स्तूप, मंदिर और मठ बोद्ध धर्म से संबंध रखते हैं।
  • सारनाथ का पुराना नाम सारंगनाथ था, जिसका अर्थ मर्गों के नाथ है। इसी शब्द से सारनाथ शब्द की उत्पत्ति हुई। इससे पहले सारनाथ का नाम ऋषि पतंन था।

सारनाथ में लोकप्रिय पर्यटक स्थल ( Sarnath Tourist Places in Hindi)

वाराणसी से 10 किलोमीटर दूर स्थित सारनाथ जो जैन और बौद्ध धर्म के तीर्थ यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण जगह है। बौद्ध धर्म के लोगों के चार तीर्थ स्थानों में से एक तालाब यहां पर है। यहां पर और भी कई पर्यटक स्थल है, जिसकी जानकारी आज के इस आर्टिकल में हम आपको देंगे।

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डियर पार्क

सारनाथ में यह पार्क काफी लोकप्रिय है। यह सारनाथ से 1 किलोमीटर दूर स्थित सिहपुर गांव में स्थित है। सारनाथ में स्थित डियर पार्क, जहां पर भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। इस पार्क को तीर्थ स्थान के रूप में भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।

सारनाथ का यह डियर पार्क एकांत और शांति का प्रतीक है। यहां का वातावरण बहुत ही स्थान और आरामदायक है। इसलिए व्यक्ति यहां आकर सुकून की सांस ले सकता है।

चौखड़ी स्पुत

उत्तर प्रदेश के पवित्र तीर्थ स्थलों में चौखंडी स्तूप का नाम शामिल है। यहां प्रतिवर्ष पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक रहती है। चौखड़ी स्तूप को बौद्ध धर्म की संस्कृति और महत्वपूर्ण स्मारकों से जोड़ा गया है।

ऐसा बताया जाता है कि जहां पर आज के समय में यह चौखंडी स्तूप है। वहां भगवान बुद्ध ने अपने पांच पतियों से मुलाकात की थी और उसी जगह पर इस स्तूप को बनाया गया है। यह स्तूप बौद्ध धर्म के उदय में काफी महत्वपूर्ण रहा है और इसीलिए यह बौद्ध धर्म का एक तीर्थ स्थान माना जाता है।

अशोक स्तंभ

भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ की एक प्रतिमा सारनाथ में बनी हुई है। सम्राट अशोक की सारनाथ यात्रा का एक महत्वपूर्ण प्रतीक पत्थर से निर्मित है। अशोक स्तंभ सारनाथ में 50 मीटर लंबा एक स्तुप बना हुआ है।

ऐसा बताया जाता है कि यहां पर भगवान बुद्ध ने प्रचार पहली बार किया था और भारत का सबसे पुराना पुरातात्विक संग्रहालय इस परिसर की परिधि में बनाया गया है। अशोक प्रतीक के आसपास की हरियाली प्रेरकों को बेहद आकर्षित करती है। सारनाथ का यह अशोक चक्र पर्यटकों के लिए बेहतरीन घूमने लायक जगह है।

तिब्बती मंदिर सारनाथ

सारनाथ में तीर्थ स्थलों की संख्या अधिक है और इसी सूची में तिब्बती मंदिर का नाम शामिल है। तिब्बती मंदिर सारनाथ का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस मंदिर को थांग्सा से पूरी तरह सजाया गया है। इस मंदिर में तिब्बती बौद्ध चित्र बने हुए हैं

इस मंदिर में भगवान बुद्ध की मूर्ति लगी हुई है। इस मंदिर में घूमने के लिए बौद्ध धर्म से संबंधित थाईलैंड, तिब्बत, चीन और जापान से भारी संख्या में यात्री यहां घूमने के लिए आते हैं।

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पुरातत्व संग्रहालय

सारनाथ में बना यह पुरातत्व संग्रहालय 1910 में स्थापित किया गया। सारनाथ के इस संग्रहालय में कई प्राचीन कलाकृतियां मौजूद है। यहां आने वाले पर्यटक पुरानी धार्मिक ग्रंथों और कलाकृतियों से अवगत हो सकते हैं।

सारनाथ में घूमने की जगह की सूची में पुरातत्व संग्रहालय का नाम शामिल है। इस संग्रहालय में रखी प्राचीन कलाकृतियों की तस्वीरें जिन्हें देखकर आज की युवा पीढ़ी प्राचीन जमाने से अवगत हो सकती है।

धमेख स्तूप

सारनाथ में स्तूप अत्यधिक है। सारनाथ में घूमने की जगह कि यदि बात करें तो उसमें धमेख स्तूप का नाम भी शामिल है। यह गोलाकार आकृति में बना भगवान बुध्द का एक धार्मिक स्थल है और भगवान बुध्द से जुड़ा यह धार्मिक स्थल विश्व भर में प्रसिद्ध है।

धमेख स्तूप जो डियर पार्क में स्थित है और यह स्तूप मिट्टी की ईंटों से बना हुआ है। इस स्तूप की ऊंचाई लगभग 143 सीट है। इस स्तुप में ना तो कोई खिड़की है और ना ही दरवाजा हैं। यहां मानव और पक्षियों के कई चित्र बने हुए हैं। इन चित्रों में की गई कलाकारी देखने लायक है।

धर्मराजिका स्तूप

सारनाथ में सम्राट अशोक के द्वारा बनाया गया यह धर्मराजिका स्तूप 128 फीट ऊंचा है। लेकिन सम्राट अशोक के निर्माण के पश्चात इस स्तूप में कई परिवर्तन किए गए। यह एक स्तंभ आकार का 44 फुट व्यास वाला स्तूप है, जो देखने लायक है।

धर्मराजिका स्तूप को बौद्ध धर्म से मुख्य रूप से जोड़ा गया है। बौद्ध धर्म की प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक धर्मराजिका स्तूप को माना जाता है।

मूलगंध कुटी विहार

सारनाथ में यह मंदिर काफी लोकप्रिय है। इस मंदिर के अंदर की गई शिल्प कला और कलाकारी देखने लायक है और इसी वजह से इस मंदिर की लोकप्रियता देश भर में छाई हुई है।

महाबोधि सोसाइटी में बनाया मंदिर जिस के प्रवेश द्वार पर एक बड़ी सी घंटी लगी हुई है। विदेशी पर्यटकों के लिए यह मंदिर काफी आकर्षक और देखने लाइक है।

थाई मंदिर

इस मंदिर में शिल्प कला और प्राकृतिक वातावरण का एक बेजोड़ संबंध नजर आता है। इस मंदिर का निर्माण भाई समुदाय के लोगों द्वारा करवाया गया। इस मंदिर में आपको थाईलैंड की झलक देखने को मिलेगी।

यहां पर इस मंदिर के चारों तरफ हरे-भरे बगीचे जो विदेशी पर्यटकों के मन को मोह लेते हैं। सारनाथ में स्थित अस्थाई मंदिर बेहतरीन पर्यटक स्थलों में से एक माना जाता है।

सारनाथ में रुकने की जगह

सारनाथ घूमने जाने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए रुकने की बहुत सारी व्यवस्था है। सारनाथ में जितने भी पर्यटक स्थल है, उनके आस पास बहुत सारे होटल और धर्मशालाएं बनी हुई है, जहां व्यक्ति रुक सकता है।

बोद्ध धर्मशाला जहां सिर्फ सिर्फ बौद्ध धर्म से संबंधित लोगों को रोकने की अनुमति दी जाती है और जैन धर्मशाला में सिर्फ जैन लोगों को ही रुकने की अनुमति दी जाती है। इसके अलावा भी अन्य समाज के द्वारा बनाई गई धर्मशाला में अपने अपने समाज के लोग रह सकते हैं और वहां पर उपस्थित होटल और रेस्टोरेंट में भी रुक सकते हैं।

सारनाथ में प्रसिद्ध स्थानीय भोजन

सारनाथ घूमने जाने वाले लोग यहां के प्रसिद्ध पकवान खाना नहीं भुलते हैं। सारनाथ में घूमने जाने वाले लोग यहां के प्रसिद्ध पकवान से रूबरू जरूर होते हैं। सारनाथ में खाने के लिए क्या क्या फेमस है?, इसकी सूची हम नीचे आपको प्रदान करवा रहे हैं:

  • आगरा के पेठे
  • इलाहाबाद तरही
  • उरई के गुलाब जामुन
  • ठग्गू के लड्डू
  • मथुरा के पेड़े
  • लस्सी
  • बनारसी पान
  • बिरयानी
  • वर्की पराठा
  • रुमाली रोटी
  • फिरमाल कबाब
  • गुलाटी कबाब
  • रामपुर का कोरमा
  • मसाला दाल

सारनाथ घूमने के लिए सबसे अच्छा समय

यहां गर्मियों में घूमने का मजा नहीं आता है क्योंकि गर्मियों के समय यहां का माहौल थोड़ा गर्म रहता है। लेकिन यहां जाने का सबसे उत्तम समय अक्टूबर से मार्च तक है। सर्दियों के समय या घूमने का आनंद अलग आता है। फरवरी और मार्च में यहां पर्यटकों की संख्या प्रति वर्ष अधिक रहती है। इसके अलावा बुद्ध पूर्णिमा के त्यौहार पर प्रत्येक वर्ष मई महीने में बौद्ध धर्म के लोग अधिक संख्या में पहुंचते है।

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सारनाथ कैसे पहुंचे?

उत्तर प्रदेश में स्थित सारनाथ जाने के लिए आप हवाई मार्ग, रेलवे मार्ग और सड़क मार्ग के माध्यम से यात्रा कर सकते हैं।

हवाई मार्ग: सारनाथ में हवाई अड्डा नहीं है। लेकिन सारनाथ से नजदीक वाराणसी हवाई अड्डा, जो सारनाथ से 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। बाहर से आने वाले पर्यटक यहां पहुंचकर यहां से ऑटो या टैक्सी लेकर सारनाथ घूमने के लिए जा सकते हैं।

रेलवे मार्ग: भारत का रेलवे नेटवर्क पर्यटक स्थल तक पहुंचता है। सारनाथ में रेलवे स्टेशन बना हुआ है और सभी लोकप्रिय शहर जैसेः मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू, अहमदाबाद, कोलकाता से सारनाथ की डायरेक्ट ट्रेन है। इसके अलावा आप वाया किसी स्टेशन से सारनाथ की यात्रा कर सकते हैं।

सड़क मार्ग: बस की सुविधा सारनाथ के लिए हर लोकप्रिय शहर से उपलब्ध है। इसके अलावा सड़क मार्ग के जरिए व्यक्ति अपने प्राइवेट व्हीकल्स के माध्यम से भी यात्रा कर सकता है।

सारनाथ में कैसे घूमे?

सारनाथ घूमने जाने वाले पर्यटकों को पहले से योजना बनानी होगी कि पहले दिन कहां घूमना है और उसके पश्चात दूसरे दिन कहां घूमना है। सारनाथ में जितने भी पर्यटक स्थल है, उनकी दूरी तो कम है।

लेकिन आपको अपने सुविधानुसार योजना बनाकर पर्यटक स्थलों पर घूमना उचित रहेगा। सारनाथ में घूमने के लिए आप ऑटो रिक्शा या कैब बुक कर सकते हैं और उन के माध्यम से सारनाथ के सभी पर्यटक स्थलों पर आराम से घूम सकते हैं।

सारनाथ घूमते वक्त साथ में क्या रखें?

सर्दियों के समय घूमने जाते वक्त आपको स्वेटर साथ में रखना अनिवार्य है। सर्दियों के समय थोड़ी ठंड रहती है और उम्र के हिसाब से आपको स्वेटर की जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा आपको अपने सुविधानुसार कुछ खाने के सामान जैसे बिस्कुट, नमकीन वगैरा साथ रख सकते हैं।

सारनाथ में घूमने का खर्चा

उत्तर प्रदेश में स्थित सारनाथ की लोकप्रियता देश विदेशों में छाई हुई है और देश विदेश से यहां पर्यटक घूमने के लिए प्रतिवर्ष आते हैं। सारनाथ में जितने भी पर्यटक स्थल है वह बौद्ध धर्म से संबंध रखते हैं। यहां घूमने के खर्चे का अनुमान यदि हम लगाएं तो प्रति व्यक्ति 5000 से ₹7000 का खर्चा 2 दिन के टूर के लिए आ सकता है।

FAQ

सारनाथ घूमने का सही समय क्या है?

हर पर्यटक कहीं पर भी घूमने का प्लान बनाता है तो उससे पहले सही समय के बारे में जरूर सोचता है अतः सारनाथ में घूमने का सही समय अक्टूबर से मार्च का माना जाता है।

सारनाथ घूमने में खर्चा कितना आएगा?

जो पर्यटक सारनाथ घूमना चाहते हैं और खर्चे का अनुमान लगा रहे हैं, तो प्रति व्यक्ति 5000 से 7000 न्यूनतम खर्चा आ सकता है।

सारनाथ का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कौन सा है?

यहां पर सम्राट अशोक स्तंभ सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थल माना जाता है।

सारनाथ को पर्यटकों की दृष्टि से इतना आकर्षक कौन से शासक द्वारा बनाया गया?

सारनाथ को सम्राट अशोक ने आकर्षक बनाया है सम्राट अशोक ने यहां पर कई स्तुप बनाएं, जो आज पर्यटक स्थल के रूप में जाने जाते हैं।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश में बहुत सारे पर्यटक स्थल है, जिसमें पर्यटक स्थलों का एक ठिकाना सारनाथ का नाम भी शामिल है। सारनाथ में पर्यटक स्थलों की संख्या काफी अधिक है। यहां पर बौद्ध धर्म से संबंधित बहुत सारी पर्यटक स्थल है।

हमने इस आर्टिकल में सारनाथ में घूमने की जगह ( Sarnath Me Ghumne ki Jagah) के बारे में जानकारी दी है। हमें आशा है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।

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