Varanasi Me Ghumne ki Jagah: वाराणसी हिंदुओ का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल में से एक हैं। यह उत्तर प्रदेश राज्य का सबसे फेमस जिला हैं। वाराणसी जिला गंगा नदी के किनारे बसा हुआ हैं। यहां पर लाखो की संख्या में देश के लोग तो आते ही इसके अलावा विदेश से भी लोग भारत की संस्कृति को देखने के लिए आते हैं।
वाराणसी को काशी के नाम से भी जानते हैं। काशी के बारे में कहा जाता है की यह नगरी भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी हुई हैं। यहां पर शिव जी के कई मंदिर बने हुए हैं लेकिन यहां का प्रसिद्ध मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर हैं। काशी में कुल 84 घाट बने हुए हैं। इसके पास में ही सारनाथ स्तंभ बना हुआ हैं।
अस्सी घाट, अस्वमेघ घाट यहां के सबसे प्रसिद्ध घाट हैं। बनारस मंदिरों के लिए तो जाना ही जाता हैं, इसके अलावा यहां के लोग खाने पीने के बहुत ही ज्यादा शौकीन हैं।
आज के इस लेख में हम आपको वाराणसी में घूमने की कौन कौन सी जगह हैं? वाराणसी का प्रसिद्ध भोजन क्या हैं? वाराणसी में कहा पर रुके? वाराणसी घूमने कब जाए? वाराणसी कैसे पहुंचे? इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस लेख में जानने को मिलेगे। इसके लिए आप यह लेख अंत तक पढ़े।
वाराणसी में घूमने की जगह | Varanasi Me Ghumne ki Jagah
वाराणसी से संबंधित कुछ रोचक तथ्य
- वाराणसी में एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय हैं।
- बनारस को भगवान शिव के निवास स्थान के रूप में जाना जाता हैं।
- वाराणसी में कई सारे मंदिर बने हुए हैं।
- वाराणसी में सबसे अधिक घाट बने हुए हैं।
- बनारस को सिल्क व्यापार के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं।
वाराणसी में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Varanasi Tourist Places in Hindi)
वाराणसी का तुलसी मानस मंदिर
जैसा की आपको पहले ही बताया जा चुका है की वाराणसी में आपको देखने के लिए कई सारे मंदिर मिल जायेगे। लेकिन इसके अलावा और भी कई मंदिर हैं, जो काफी फेमस हैं। इन्ही मंदिर के से एक है तुलसी मानस मंदिर। वाराणसी का यह मंदिर करीब 5 किमी की दूरी पर स्थित हैं।
तुलसी मानस मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ हैं। सन 1964 में इस मंदिर को कोलकाता के प्रसिद्ध व्यापारी ने बनवाया था। मंदिर के प्रत्येक खंभे पर रामचरित मानस लिखा हुआ हैं। यह मंदिर दो मंजिल का बना हैं, जिसमे राम, सीता लक्ष्मण, हनुमान, शिव और अन्नपूर्ण माता की प्रतिमा स्थापित हैं। वही दूसरी मंजिल पर संत तुलसीदास जी की मूर्ति लगी हुई हैं।
इस मंदिर को तुलसी मानस मंदिर इसलिए कहा जाता हैं। यहां पर तुलसीदास जी ने रामायण की रचना की थी। तुलसी मानस मंदिर प्रत्येक सुबह 5:30 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक खुलता हैं। इसके बाद दोबारा 3 बजे से लेकर रात्रि के 9 बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं।
वाराणसी का भारत माता मंदिर
इस मंदिर को भारत माता मंदिर के नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि इसमें आपको भारत से संबंधित सभी जानकारी यहां मिल जाएगी। भारत माता मंदिर काशी विद्या पीठ में ही हैं। इसका निर्माण शिव प्रसाद गुप्ता और उदघाटन महात्मा गांधी जी ने किया था। मंदिर के अंदर जाने पर आपको भारत की संपूर्ण संकृति जानने को मिलेगी।
यहां की सबसे खास बात की इसमें भारत के नक्शा है, जो की सफेद संगमरमर को काट कर बनाया गया हैं। इसके साथ की यदि आप पुस्तके पढ़ने रुचि रखते हैं, तो आप यहां पर पुस्तके आदि भी पढ़ सकते हैं। वाराणसी के घूमने आने पर इस मंदिर में जरूर आए। मंदिर में आप पैदल भी जा सकते हैं। वाराणसी से इसकी दूरी 1 किमी हैं।
वाराणसी का दुर्गा माता मंदिर
माता दुर्गा का यह मंदिर रामनगर जो की वाराणसी शहर के अंर्तगत आता हैं। मंदिर के अंदर माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित हैं। इस मंदिर का निर्माण 18वी शताब्दी में बंगाल की महारानी के करवाया था। मंदिर को बनाने के लिए लाल बलुआ पत्थर का प्रयोग किया गया हैं। माता दुर्गा के अलावा मंदिर में मां काली, मां सरस्वती, मां लक्ष्मी और भैरवनाथ आदि की भी प्रतिमा स्थापित हैं।
दुर्गा माता मंदिर में भक्तों का आना जाना लगा रहता हैं। माता के मंदिर में सबसे अधिक भीड़ नवरात्रि के समय होती हैं। इस दौरान भक्तों की काफी भीड़ मां के दर्शन करने के लिए आते हैं। सावन के महीने में दुर्गा माता मंदिर में एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता हैं। यह मेला पूरे एक माह तक चलता हैं। वाराणसी घूमने आने पर माता के मंदिर में जाना न भूले।
संकट मोचन मंदिर
हनुमान जी का यह मंदिर माता दुर्गा के मंदिर में पास में स्थित हैं। इस मंदिर को 19वीं शताब्दी में पंडित मदन मोहन मालवीय ने बनवाया था। यहां के रहने वाले लोग इस मंदिर को वानर मंदिर के नाम से जानते हैं क्योंकि इस मंदिर के आस पास बहुत सारे बंदर रहते हैं।
यहां के पंडित के अनुसार एक बार तुलसीदास जी यहां पर लेटे हुए थे, तुलसीदास को पहली बार हनुमान जी का स्वप्न यही पर आया था। इसके बाद उन्होंने इस जगह पर हनुमान जी की मूर्ति को स्थापित कि थी।
इसके बाद मंदिर को संकट मोचन मंदिर के नाम से मशहूर हो गया। जो भी भक्त इस मंदिर के दर्शन कर लेता है, उसके सारे दुख दर्द दूर हो जाते हैं। आप इस मंदिर दर्शन करने के लिए जरूर आए।
काशी मंदिर
यदि आप बनारस घूमने आए और काशी मंदिर न घूमे तो आपका वाराणसी घूमने आना बेकार हो जाएगा। बनारस आने वाले सभी लोग सबसे पहले बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए जाते हैं। काशी हिंदू मंदिर हिंदुओं का प्रसिद्ध मंदिर हैं।
मंदिर के अंदर भगवान शिव की बड़ी प्रतिमा स्थापित हैं। यह मंदिर शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक हैं। मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में दर्शन करने के लिए आते हैं।काशी विश्वनाथ मंदिर गंगा के पास में स्थित हैं।
भक्त पवित्र गंगा में स्नान करने के बाद काशी मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते हैं। भक्तो का मानना है की गंगा में स्नान करने में बाद शिव के दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। मंदिर में यदि आप दर्शन करना चाहते है.तो आपको से सुबह ही लाइन लगानी होगी तभी आपको काशी बाबा के दर्शन प्राप्त हो पायेंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर सुबह 4 बजे खुलता हैं।
यह भी पढ़े : 10+ बरसाना में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल
बनारस की मणिकर्णिका घाट
बनारस की यह घाट सबसे पवित्र घाट में से एक हैं। इस घाट की सबसे खास बात यह है की इसके चारो तरफ मंदिर ही मंदिर बने हुए हैं। इस घाट के चारो तरफ चिताएं जलती रहती हैं।
काशी आने वाले बहुत से लोग ऐसा सोचता है की उनकी चिता मणिकर्णिका घाट पर जले। ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत से लोगों का मानना है की इस घाट में अंतिम संस्कार होने से व्यक्ति को सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।
वाराणसी की चंद्रप्रभा वाइल्डलाइफ
चंद्रप्रभा वाइल्डलाइफ वाराणसी से 70 किलोमीटर दूरी पर स्थित हैं। इस वाइल्डलाइफ में आपको कई प्रकार के झरने देखने को मिलेगे, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। जिसमें राजदारी और देवदारी झरने प्रमुख प्रकार के हैं।
देवदारी झरने को अपनी एक खास विशेषता के कारण जाना जाता है। इस झरने के अंदर एक कुंड बना हुआ हैं। यदि आप इस कुंड में कोई पत्थर आदि को फेकेंगे, तो वह पानी में नीचे नहीं जाएगा, बल्कि वह वापस आपके पास आएगा।
वाराणसी की भारत कला भवन
भारत कला भवन हिंदू विश्वविद्यालय के पास में स्थित हैं। सन 1920 में इसका निर्माण करवाया गया था। भारत कला भवन एशिया की सबसे बड़ी संग्रहालय में से एक हैं। इस भवन के अंदर 12000 से अधिक चित्र शैलियां बनी हुई हैं।
वाराणसी का अस्सी घाट
बनारस में कुल 84 घाट बने हुए हैं। इन 84 घाटों में सबसे प्रमुख अस्सी घाट हैं। अस्सी घाट की उत्ताप्ति गंगा और अस्सी घाट के संगम से हुई हैं। अस्सी घाट के किनारे कई सारे मंदिर बने हुए हैं। यही पर बाबा जग्गनाथ का मंदिर भी बना हुआ है, जो की काफी फेमस हैं।
प्रत्येक वर्ष इस जगह पर मेले का आयोजन किया जाता हैं। बनारस घूमने आने पर आप अस्सी घाट जरूर आए। यहां पर शाम के समय गंगा आरती की जाती हैं। इस आरती में शामिल होने के लिए भक्तो की काफी भीड़ लगी रहती हैं।
बनारस की सिल्क एंपोरियल
बनारस जहा हिंदुओ के प्रमुख मंदिर हैं। वही इसके अलावा बनारस बनारसी साड़ियों के लिए जाना जाता हैं। बनारस के छावनी रोड पर कई सारी दुकानें हैं, जहां पर आप बनारसी साड़ी को अच्छे दामों पर खरीद सकते हैं। बनारस घूमने आने पर आप बनारस की प्रमुख साड़ियों को खरीदना न भूले।
वाराणसी का रामनगर किला
यह किला बनारस का सबसे प्राचीन किले में से एक हैं। इस किले की दूरी रेलवे स्टेशन से करीब 14 किमी की हैं। रामनगर किले का निर्माण वर्ष 1750 में किया गया था, जो की काशी के राजा बलवंत सिंह ने करवाया था। इस किले के महाराज आज के समय में अनंत नारायण जी हैं।
किले के निर्माण के लिए इसमें चुनार बालू का इस्तेमाल किया गया हैं। रामनगर किले के अंदर जाने के लिए चार गेट हैं। किले का मुख्य दरवाजा लाल रंग से रंगा हुआ हैं। वही किले में करीब 1000 से अधिक कमरे इसमें बने हुए हैं।
रामनगर किले को देखने के लिए आपको सुबह 10 बजे जाना होगा। एवम किले के बंद होने का समय 5 बजे हैं। किले में प्रवेश करने के लिए आपको 15 रुपए की टिकट लेनी होगी जबकि विदेशी पर्यटक को 400 रुपए की टिकट लेनी होगी। बच्चों के लिए सिर्फ 10 रुपए की टिकट रखी गई हैं।
वाराणसी में खाने के लिए प्रसिद्ध भोजन
बनारस के मंदिर जितने प्रसिद्ध हैं उससे कही अधिक यहां के भोजन हैं। यहां के भोजन बहुत ही स्वादिष्ट और मजेदार हैं। बनारस के लोग सुबह की शुरुआत पूड़ी सब्जी के द्वारा करते हैं। पूड़ी सब्जी के अलावा आप यहां की गर्म जलेबी, लॉन्ग लत्ता, आदि फेमस भोजन हैं। लॉन्ग लत्ता को बहुत ही यूनिक तरीके से बनाया जाता हैं। जो एक बार लॉन्ग लत्ता को खा लेता है वो इसको दोबारा खाने के लिए जरूर आता हैं।
शिव की नगरी होने के कारण यहां की ठंडाई, टमाटर चाट, बनारसी लस्सी भी बहुत फेमस हैं। इसके बाद बारी आती हैं विश्व प्रसिद्ध बनारसी पान की। यदि बनारस आए और यहां के फेमस पान को जरूर ट्राई करे। पान भी कई प्रकार के होते है लेकिन सबसे अधिक लोग गुलकंद वाले पान को खाना पसंद करते हैं।
यह भी पढ़े : 10+ अयोध्या में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल
वाराणसी में रुकने की जगह
बनारस हिंदुओ का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं। यदि आप वाराणसी घूमने आने पर यहां पर रुकना चाहते हैं, तो इसके लिए कई सारी जगह हैं। आप अपने अनुसार होटल या फिर रूम आदि भी रेंट पर उपलब्ध हैं। आप अपनी जरूरत और बजट को ध्यान में रखकर होटल आदि को बुक कर सकते हैं।
वाराणसी घूमने के लिए सबसे अच्छा समय
वाराणसी घूमने जाने का सबसे अच्छा समय न अधिक गर्मी और न अधिक सर्दी यानी की आप वाराणसी में घूमने अक्टूबर से लेकर मार्च के महीने के बीच में कभी भी जा सकते हैं। इस दौरान यहां का मौसम अच्छा रहता हैं।
आप इस मौसम में वाराणसी में अच्छे से घूम सकते हैं। गर्मी में बनारस घूमने के लिए सही नही हैं क्योंकि इस दौरान यहां पर कड़ाके की धूप होती हैं। इसलिए पर्यटक गर्मी की अपेक्षा सर्दियों के मौसम में सबसे अधिक घूमना पसंद करते हैं।
वाराणसी कैसे जाएं?
वाराणसी जाने के लिए आप ट्रेन, बस और वायुयान माध्यमों का प्रयोग कर सकते हैं। वाराणसी जाने के लिए आपको नीचे सारे माध्यम बताए गए हैं।
ट्रेन मार्ग से वाराणसी कैसे जाएं?
बनारस जाने के लिए आप बनारस के किसी भी रेलवे स्टेशन पर जा सकते हैं। यहां पर तीन स्टेशन हैं। जो की वाराणसी जंक्शन, बनारस रेलवे स्टेशन, मंडावोड हैं। यह रेलवे स्टेशन सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन से जुड़े हुए हैं।
सड़क मार्ग से वाराणसी कैसे जाएं?
बस द्वारा यदि आप बनारस जाना चाहते है तो इसके लिए आप किसी भी साधारण या डिलक्स बस के द्वारा आप वाराणसी पहुंच सकते हैं। यदि आप दिल्ली, मुंबई या फिर अन्य किसी शहर से वाराणसी आना चाहते है तो आप बस द्वारा आ सकते हैं।
वायु मार्ग से वाराणसी कैसे जाएं?
यदि आप हवाई जहाज के द्वारा वाराणसी आना चाहते है तो इसके लिए आपको बनारस के लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर उतरना होगा। आप हवाई जहाज के द्वारा आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।
FAQ
वाराणसी उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला हैं, जिसको भगवान शिव की नगरी के रूप में जाना जाता हैं।
वाराणसी घूमने का सही समय अक्टूबर से लेकर मार्च तक हैं। इस दौरान यहां का मौसम काफी सुहावना होता हैं।
बनारस घूमने के लिए आप बस, ट्रेन और हवाई जहाज के द्वारा जा सकते हैं।
वाराणसी घूमने में आपके पास कम से कम 5 से 6000 रुपए होने चाहिए।
निष्कर्ष
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को वाराणसी में घूमने की जगह (Varanasi Me Ghumne ki Jagah) से संबंधित विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की हुई है और हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई आज की महत्वपूर्ण जानकारी आपके लिए काफी ज्यादा यूज़फुल और हेल्पफुल साबित हुई होगी। आपको वाराणसी घूमने में और वहां तक पहुंचने में हमारा यह लेख पूरी सहायता करेगा।
अगर हमारे द्वारा दी गई आज आज कि यह महत्वपूर्ण जानकारी आपके लिए जरा सी भी हेल्पफुल रही हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले।
अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हो और हमारे इस महत्वपूर्ण लेख को अंतिम तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आपका कीमती समय शुभ हो।
यह भी पढ़े :
10+गोरखपुर में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
10+प्रयागराज (इलाहाबाद) में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय