20+ मिर्जापुर में घूमने की जगह और प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल

इस लेख में मिर्जापुर में घूमने की जगह (mirzapur me ghumne ki jagah), मिर्जापुर किसके लिए प्रसिद्ध है, मिर्जापुर कैसे पहुंचे आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।

उत्तर प्रदेश राज्य में 75 जिले हैं। इन्ही जिलों में मिर्जापुर जिले का नाम भी प्रमुख है। मिर्जापुर से लखनऊ की दूरी करीब 290 किलोमीटर है।

वही भगवान शिव की नगरी वाराणसी करीब 63 किलोमीटर की दूरी पर है। मिर्जापुर जिले को विंध्याचल के नाम से भी जाना जाता है।

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उत्तर प्रदेश का यह जिला ऐतिहासिक महत्व और अपनी सुन्दरता के लिए मिर्जापुर जिले को जाना जाता है। यहां पर पर्यटकों के घूमने के लिए कई सारी जगह है।

इस जगह पर हिंदू का प्रसिद्ध मंदिर भी बना हुआ है। लोग गर्मी की छुट्टी को मनाने के लिए भी मिर्जापुर जाते हैं।

Mirzapur Me Ghoomne Ke Jagah
Image: Mirzapur Me Ghoomne Ke Jagah

यहां पर आपको बहती हुई नदी और जल प्रपात देखने को मिल जाएगी। पहाड़ों पर बसी माता बिंद्यवासनी का मंदिर में नवरात्रि में काफी भक्त दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं।

Table of Contents

मिर्जापुर के बारे में रोचक तथ्य

  • मिर्जापुर के प्रसिद्ध मंदिरों में वर्ष भर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है।
  • माता सीता तथा राम ने मिर्जापुर में कुछ दिन निवास किया था तथा यहां पर सीता कुंड भी बना हुआ है।
  • धार्मिक स्थल के अलावा यहां पर कई सारे जलप्रपात बने हुए हैं।
  • मिर्जापुर में स्थित विंध्यांचल पहाड़ी में बारूद से ब्लास्टिंग करके पत्थर निकाले जाते हैं।
  • मिर्जापुर प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। खास करके बरसात और सावन के मौसम के दौरान यहां की प्राकृतिक सुंदरता और भी ज्यादा उभर कर आती है। पहाड़ों पर हरे-भरे घास उग आते हैं और अद्भुत दृश्य उत्पन्न हो जाता है।
  • मिर्जापुर मिट्टी के बर्तन, खिलौने, पीतल के बर्तन और कालीन बनाने के लिए प्रसिद्ध है।
  • इस जगह का नाम मिर्जापुर ब्रिटिश इंडिया कंपनी के द्वारा रखा गया था और यह शब्द फारसी भाषा से लिया गया है। फारसी में इसका अर्थ अमीरजादे होता है। इसका मतलब “अमीर का बच्चा” होता है।
  • मिर्जापुर में माता सती का विंध्यवासिनी मंदिर भी विंध्याचल पर्वत पर स्थित है।
  • यहां पर आपको ब्रिटिश काल के कई सारे ऐतिहासिक किले देखने को मिल जाएँगे।

मिर्जापुर में घूमने की जगह (Mirzapur Me Ghumne ki Jagah)

यहां पर 20 से अधिक मिर्जापुर पर्यटन स्थल (mirzapur tourist places in hindi) के बारे में बता है, जहां पर आप अपने निजी वाहन, रेल या बस आदि के जरिये बहुत ही आसानी से पहुँच सकते हैं।

मिर्जापुर का काली खोह मंदिर

मिर्जापुर जिले का काली खोह मंदिर हिंदुओं का प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में काली देवी की मूर्ति स्थापित है। काली माता का यह मंदिर मिर्जापुर की विंध्याचल की पहाड़ियों पर है।

Maa Kali Khoh Temple
Image: Maa Kali Khoh Temple

माता के दर्शन करने के लिए भक्तों की काफी भीड़ लगी रहती है। पहाड़ी पर स्थित होने के कारण यहां से प्राकृतिक नजारे देखने में काफी आनंद आता है।

मिर्जापुर का चुनार का किला

मिर्जापुर शहर से इस किले की दूरी लगभग 30 किमी है। यह किला काफी प्रसिद्ध है। चुनार किले के पास में ही गंगा नदी बहती है।

नदी की इस धुन को किले के अंदर साफ साफ सुना जा सकता है। चुनार किला मिर्जापुर का विशेष पर्यटक स्थल में से एक है।

मिर्जापुर के इस किले को पर्यटक दूर दूर से देखने के लिए आते हैं। यह किला प्रातः 7 बजे खुलता है तथा शाम को 5 बजे बंद हो जाता है।

Chunar Fort
Image: Chunar Fort

इस किले के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह किला उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के छोटे भाई भरतरी नाथ जी ने संन्यास लेकर इसी जगह पर तपस्या की थी।

जैसे ही यह सूचना विक्रमादित्य को पता चली तो यहां पर आए और उन्होंने भरतरी जी के लिए एक दुर्ग तथा किले का निर्माण करवाया था।

मंदिर के अंदर आपको कई सारी चीजें देखने को मिलेंगी। जैसे भरतरी जी की प्रतिमा, कारागार तथा अन्य कई चीजें किले के अंदर मौजूद हैं। जिनको आप देख सकते हैं।

मिर्जापुर का पिपरी बांध

मिर्जापुर का यह बांध काफी बड़ा बना हुआ है। यह बांध बेलन नदी पर बना है। यदि आप मिर्जापुर घूमने आए तो इस बांध को देखने के लिए जरूर आए।

Pipari Dam
Image: Pipari Dam

मिर्जापुर का सिरसी बांध

मिर्जापुर का सिरसी बांध मिर्जापुर शहर से करीब 45 किमी की दूरी पर है। सिरसी बांध बेलन नदी के किनारे ही बना हुआ है।

यहां का दृश्य देखने लायक होता है। कई लोग यहां पर पिकनिक मनाने के लिए भी आते हैं। इस जगह से थोड़ा आगे जाने पर आपको सिरसी जलप्रपात देखने को मिल जाएगा।

Sirsi Dam
Image: Sirsi Dam

यहां पर आप नहाने का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा यही पर विष्णु भगवान का मंदिर भी बना हुआ हैं। यह जगह भी मिर्जापुर के पर्यटक स्थल में से एक हैं।

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विन्धम फॉल्स

वाइन्धम फॉल्स मिर्जापुर में स्थित खूबसूरत पिकनिक स्पॉट है। यहां के पथरीले रास्तों से बहने वाला झरना पर्यटकों को बहुत ही आकर्षित करता है।

इस झरने का नाम ब्रिटिश कलेक्टर वायन्दम के नाम पड़ा है। झरने के पास एक चिड़िया घर और बच्चों के लिए एक पार्क भी स्थित है।

Wyndham Falls Mirzapur
विन्धम फॉल्स

चिड़ियाघर में रंग-बिरंगे पंछियों को देखने का लुफ्त उठा सकते हैं। वहीं बच्चों के पार्क में बच्चों के मनोरंजन के लिए हर एक चीज उपलब्ध है। छुट्टियों के दौरान इस पार्क में काफी ज्यादा भीड़ रहती हैं।

लखनिया दरी

लखनिया दरी मिर्जापुर में इतिहास प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। मिर्जापुर में 8 किलोमीटर की दूरी पर अहरौरा नगर में दक्षिण की दिशा में एक प्राचीन गुफा स्थित है और यह गुफा हजारों लाखों वर्ष पुराना है, जो आदिमानव की बस्ती हुआ करती थी।

Lakhaniya Dari Mirzapur
लखनिया दरी

क्योंकि आज भी इन गुफाओं में आदिमानव के द्वारा बनाए गए शैल चित्र है, जिनमें जीव-जंतु, पेड़-पौधे, हाथी, घोड़े इत्यादि के चित्र अंकित है, जिससे पता चलता है कि आदिमानव प्रकृति और जानवरों से बहुत प्रेम करते थे।

इतना ही नहीं गुफा के पास में एक जलप्रपात भी है और बरसात के समय में इस जलप्रपात को देखने का एक अलग ही आनंद आता है। क्योंकि उस दौरान यहां के चारों ओर का वातावरण मंत्रमुग्ध कर देने वाला हो जाता है।

कोटरनाथ का शिव मंदिर

भगवान शिव का यह मंदिर काफी फेमस है। शिव जी का यह मंदिर सरहरा गांव में है। सबसे खास बात इस मंदिर की यह है कि शिव जी का यह मंदिर बेलन नदी के बीचो बीच में बना हुआ है।

Kansua Shiv Mandir
Image: Kansua Shiv Mandir

मंदिर के अंदर आपको भगवान शंकर जी की प्राचीन मूर्ति देखने को मिलेगी। इस मंदिर में आपको भगवान शिव-पार्वती, गणेश और हनुमान जी की मूर्तियां देखने को मिलेगी, जिसके आप दर्शन कर सकते हैं।

मिर्जापुर का अलोपी दरी

दरी को झरना भी कहा जाता हैं। मिर्जापुर का यह अलोपी दरी  घने जंगल में बना हुआ है। लेकिन यह झरना सिर्फ बारिश के मौसम में ही चलता है। मिर्जापुर शहर से इस झरने की दूरी करीब 35 किमी है।

ALOPi DARi
Image: ALOPi DARi

घने जंगल में होने के कारण आपको कुछ दूरी तक पैदल भी चलना होगा। मिर्जापुर घूमने आने वाले लोग इस जगह पर जरूर जाना पसंद करते हैं।

अंबेडकर पार्क

अंबेडकर पार्क मिर्जापुर स्थानीय लोगों का सबसे पसंदीदा घूमने का स्थान है। यह पार्क हर दिन और दिनभर व्यस्त रहता है। इस पार्क में बड़े, बच्चे, बुजुर्ग हर लोग घूमते फिरते हुए नजर आते हैं।

Ambedkar Park Mirzapur
अंबेडकर पार्क

अगर आप मिर्जापुर में शांति भरा लम्हा बिताना चाहते हैं तो इस पार्क की सैर करने के लिए आ सकते हैं।

बाबा सिद्धनाथ की दरी

बाबा सिद्धनाथ की दरी मिर्जापुर में एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है, जो अडगडानंद परमहंस आश्रम मार्ग पर स्थित है और चुनार से तकरीबन 20 किलोमीटर की दूरी पर है।

Siddhnath Ki Dari Water Fall Mirzapur
बाबा सिद्धनाथ की दरी

प्रकृति प्रेमियों के लिए मिर्जापुर में यह खूबसूरत जगह है। यहां पर 100 मीटर की ऊंचाई से पानी नीचे कुंड में गिरता हुआ एक नदी में बहता है।

शनिवार और रविवार के दिन पर्यटकों की यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ रहती है, जो यहां के खूबसूरत वातावरण में फोटोग्राफी करते हुए दिखाई देते हैं। यहां पर स्थानीय लोग खाने-पीने के सामान भी बेचते हैं।

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चुनार अड़गड़ानंद परमहंस आश्रम

मिर्जापुर में एक दर्शनीय स्थल अडगडानंद परमहंस आश्रम है। यह आश्रम मिर्जापुर में राजगढ़ मार्ग पर चुनार से तकरीबन 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

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चुनार अड़गड़ानंद परमहंस आश्रम

यह आश्रम एक विशाल क्षेत्रफल में फैला हुआ है, जिसके चारों ओर बाग बगीचे हैं, जो यहां के वातावरण को मंत्रमुग्ध बना देते हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन आश्रम में श्रद्धालुओं की बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।

परमहंस के भक्त देश-विदेश में भी है और वे भी गुरु पूर्णिमा के दिन आश्रम का दर्शन करने आते हैं। यहां पर दर्शकों के ठहरने की भी व्यवस्था की गई है।

मिर्जापुर का विंध्यवासिनी मंदिर

माता विंध्यवासिनी का यह मंदिर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में विख्यात है। यह हिंदुओं का धार्मिक मंदिर है। माता का यह मंदिर गंगा नदी के किनारे ही स्थित है।

विंध्यवासिनी मंदिर के अंदर आपको विंध्यवासिनी देवी की एक बहुत बड़ी प्रतिमा देखने को मिलेगी। माता को प्रसाद अर्पित करने के लिए मंदिर के बाहर कई सारी दुकाने देखने को मिलेंगी तथा यह मंदिर काफी प्राचीन है।

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Image: Maa Vindhyavasini Mandir Vindhyachal Dham

पुराणों के अनुसार कहा जाता है कि यह शक्तिपीठ धाम है, जहां पर माता सती के अंग गिरे थे। नवरात्र के महीने में यहां पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिलती है।

मंदिर के गर्भ गृह में माता की बड़ी प्रतिमा चांदी से बनी हुई है। इसके अलावा माता को सोने का छत्र भी चढ़ा हुआ है।

मिर्जापुर का अष्टभुजी देवी का मंदिर

यह मंदिर भी विंध्याचल पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर भी मिर्जापुर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंदिर के अंदर माता अष्टभुजी विशाल प्रतिमा स्थापित है।

मंदिर पहाड़ी के ऊपर स्थित है तो यहां पर जाने के लिए आप सीढ़िया तथा रोप वे का इस्तेमाल कर सकते हैं। अष्टभुजी माता के बारे में कहा जाता है कि भगवान कृष्ण का पालन पोषण करने वाली माता यशोदा माता की पुत्री थी।

Ashtabhuja Devi
Image: Ashtabhuja Devi

कथा के अनुसार मथुरा का राजा कंश अपनी बहन देवकी की सभी संतानों को मारना चाहता था। जैसे ही कंश देवकी की आठवीं संतान को मारने वाला था वैसे ही देवी इसके हाथो से छूटकर अष्टभुजी रूप में अवतार लिया। इसके बाद देवी विध्यांचल पर्वत में निवास करने लगी।

अष्टभुजी देवी का यह मंदिर मिर्जापुर शहर से करीब 10 किमी की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा यहां पर बहुत सी चीजे हैं, जहां पर आप पर्यटक का मजा ले सकते हैं।

राम गया घाट मिर्जापुर

राम गया घाट मिर्जापुर का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मिर्जापुर के शिवपुर क्षेत्र में स्थित है। यहां पर रामेश्वरम मंदिर और मां तारा शक्तिपीठ भी है, जिसे विद्य्यांचल त्रिकोणी परिक्रमा का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।

Ramgaya Ghat
राम गया घाट मिर्जापुर

यह धार्मिक महत्व रखता है क्योंकि इसका इतिहास त्रेता युग से जुड़ा हुआ है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम जी ने यहां पर अपने पितरों का तर्पण किया था।

कहा जाता है कि आज भी स्मृति के रूप में भगवान श्री राम के एक पैर का चिन्ह यंहा गंगा नदी के बीच में मौजूद है। यहां पर स्थित घाट से गया के बीच के गंगा नदी को शिव गंगा के नाम से जाना जाता है।

टांडा जलप्रपात

अगर आप बरसात के मौसम में मिर्जापुर घूमने के लिए जाते हैं तो मानसून के समय मिर्जापुर में घूमने के लिए सबसे शानदार पिकनिक स्पॉट है टंडा जल प्रपात।

Tanda Water Fall Mirzapur
टांडा जलप्रपात

यह जलप्रपात मिर्जापुर शहर से तकरीबन 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हालांकि बरसात के मौसम में यहां तक पहुंचने में थोड़ी परेशानी हो सकती है। लेकिन जैसे ही आप इस जलप्रपात के करीब पहुंचेंगे यहां का वातावरण आपको प्रफुल्लित कर देगा।

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सीता कुंड मिर्जापुर

यह एक धार्मिक स्थल है। सीता कुंड माता अष्टभुजी के पास में ही है। इस जगह की मान्यता है कि जब भगवान राम को चौदह वर्ष का वनवास हुआ था। तब माता सीता और राम जी इसी जगह पर रुक थे।

Sita kund
Image: Sita kund

इस जगह पर छोटा सा कुंड बना हुआ है। आप यहां आकर इस कुंड को देख सकते हैं।

पक्का घाट मिर्जापुर

यह घाट गंगा नदी के किनारे बना हुआ है। पक्का घाट के पास में ही एक स्मारक बनी हुई है, जिसका निर्माण बलुआ पत्थर के द्वारा किया गया है। इस जगह के किनारे कई सारे मंदिर बने हुए हैं।

pakka ghat
Image: pakka ghat

इस घाट के किनारे कई सारे प्राचीन मंदिर बने हैं तथा इनकी कारीगरी बहुत ही बेहतरीन तरीके से की गई है। इस जगह पर आने वाले पर्यटक लोग अपने लिए फोटोशूट आदि भी करवाते हैं।

मिर्जापुर का इफ्तिखार का मकबरा

इफ्तिखार खान की बात करें तो यह मुगल सम्राट जहांगीर का एक पदाधिकारी था। यह जगह मिर्जापुर के ऐतिहासिक जगहों में से एक है। इस मकबरे का निर्माण वर्ष 1613 ईस्वी में किया गया था।

Iftikhars Tomb
Image: Iftikhars Tomb

जहागीर के इस पदाधिकारी की बात करें तो यह अपनी बहादुरी के लिए जाना जाता था। सन 1612 ईस्वी में बंगाल में युद्ध के दौरान वीरगति प्राप्त हो गई थी।

मिर्जापुर का मां भंडारी देवी मंदिर

मां भंडारी देवी का यह मंडी मिर्जापुर में स्थित है, जो कि मिर्जापुर के अहरेरा में है। भंडारी देवी का यह मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है तथा इस मंदिर में माता भंडारी देवी की मूर्ति स्थापित है।

 Bhandari devi Temple
Image: Bhandari devi Temple

मिर्जापुर का लाल भैरव मंदिर

मिर्जापुर का लाल भैरव मंदिर कंटित रोड पर स्थित है। मंदिर में बाबा भैरव की मूर्ति स्थापित है। लोग भैरव बाबा के दर्शन करने के लिए आते हैं।

Lal-Bhairav-Temple
Image: Lal Bhairav Temple

लोगो का मानना है कि जब तक आप भैरव बाबा के दर्शन नहीं करेंगे तब तक माता विद्यावासनी के दर्शन अधूरे माने जाएंगे।

मिर्जापुर में खाने के लिए प्रसिद्ध भोजन

मिर्जापुर में खाने के लिए कई सारी चीजें प्रसिद्ध है। यहां पर आप कम कीमत में अच्छा खाने का आनंद ले सकते हैं।

मिर्जापुर के फेमस भोजन की बात करें तो यहां पर आप बाटी चोखा, चाट समोसा, लस्सी, कचौरी, जलेबी आदि कई सारे भोजन यहां के प्रसिद्ध भोजन में से एक है।

मिर्जापुर में रुकने की जगह

मिर्जापुर एक धार्मिक टूरिस्ट प्लेस में से एक है। यहां पर आने वाले पर्यटक को के लिए होटल या फिर धर्मशाला आदि में रह सकता है।

यह पर्यटक के बजट के ऊपर निर्भर करता है कि वह होटल में रुकना चाहेगा या फिर धर्मशाला में मंदिर के बाहर आपको सस्ती दरों पर धर्मशाला में रुकने की जगह मिल जाती है।

मिर्जापुर जाने के लिए सबसे अच्छा समय

यदि आप मिर्जापुर घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो आप कभी भी जा सकते हैं। क्योंकि यहां का वातावरण सामान्य रहता है ना यहां पर अधिक गर्मी पड़ती है ना अधिक सर्दी।

यहां के प्रसिद्ध मंदिरों की बात करें तो माता विंध्यवासिनी का मंदिर सबसे अधिक फेमस है और नवरात्रि में यहां पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। आप किसी भी समय मिर्जापुर में घूम सकते हैं।

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मिर्जापुर कैसे जाएं?

मिर्जापुर जाने के लिए आप किसी भी साधन का प्रयोग करके जा सकते हैं। आप ट्रेन, बस, कार आदि के द्वारा इस जगह पर जा सकते हैं।

ट्रेन से मिर्जापुर कैसे जाएं?

यदि आप ट्रेन के द्वारा मिर्जापुर जाना चाहते हैं तो आप आसानी से यहां पर जा सकते हैं। प्रत्येक बड़े स्टेशन से मिर्जापुर के लिए ट्रेन चलती है।

यदि आप कानपुर से मिर्जापुर घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो यहां से प्रतिदिन कई सारी ट्रेन जाती है, जिसके माध्यम से आप जा सकते हैं।

बस द्वारा मिर्जापुर कैसे जाएं?

मिर्जापुर जाने के लिए आप सरकारी और प्राइवेट दोनो के माध्यम से आप मिर्जापुर जा सकते हैं। यदि मिर्जापुर के लिए डायरेक्ट बस नहीं मिलती है, तो फिर आप वाराणसी तक बस के द्वारा जा सकते हैं।

वाराणसी से मिर्जापुर की दूरी करीब 60 किलोमीटर है। वाराणसी जाने के बाद यहां से भी कई सारी बसें और कार जाया करती है, जिससे आप मिर्जापुर पहुंच जायेंगे।

मिर्जापुर कैसे घूमे?

मिर्जापुर एक टूरिस्ट प्लेस है। यहां पर देश के पर्यटक तो आते ही हैं लेकिन विदेशी पर्यटकों का भी आना जाना लगा रहता है। मिर्जापुर घूमने के लिए आपके पास कम से कम 4 से 5 दिनों का समय होना चाहिए।

यहां पर घूमने के लिए कई सारे जगह है। प्रत्येक जगह पर घूमने के लिए आपको ऑटो बस या फिर आप रेंट पर कार आदि को ले सकते हैं। मिर्जापुर घूमने में आपके पास 5000 से 7000 रुपए का बजट होना चाहिए।

मिर्जापुर घूमने का खर्चा

यदि आप मिर्जापुर घूमने जाने की योजना बना रहे हैं तो जरूर आप निश्चित बजट तैयार करेंगे, जो आपके खर्चे पर निर्भर करेगा।

मिर्जापुर घूमने का खर्चा अलग-अलग चीजों पर निर्भर करता है। पहला वहां पहुंचने के लिए आपके द्वारा लिया गया परिवहन का माध्यम।

अगर आप एरोप्लेन के जरिए जाते हैं तो आपको थोड़ा हाय बजट रखना पड़ेगा। वहीं आप ट्रेन के जरिए सस्ते और सुलभ में मिर्जापुर पहुंच सकते हैं।

इसके अतिरिक्त मिर्जापुर में 500 से 1000 के बीच आपको होटल में रूम किराए पर मिल जाता है। अगर आप 2 दिन वहां रहते हैं तो 2 दिन में खाने पीने का खर्चा कम से कम ₹600 से ₹700 तक जा सकता है।

घूमने के लिए ऑटो या कैब का किराया ₹300 तक अनुमान लगाया जा सकता है। मिर्जापुर में कई सारे घाट मौजूद है।

वहां पर नौका विहार अगर आप करना चाहते हैं तो ₹100- ₹200 का चार्ज वहां भी लगेगा। इस तरीके से मिर्जापुर घूमने जाने का खर्चा ₹8000-₹10000 के बीच प्रति व्यक्ति अनुमान लगाया जा सकता है।

FAQ

माता विंध्यवासिनी का मंदिर कहां पर स्थित हैं?

माता विंध्यवासिनी का मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के मिर्जापुर जिले में विंध्याचल की पहाड़ियों पर स्थित है।

क्या मिर्जापुर ट्रेन से जा सकते हैं?

जी हां, आप मिर्जापुर ट्रेन के द्वारा जा सकते हैं। मिर्जापुर एक बड़ा स्टेशन है, जहां पर सभी प्रकार की गाड़ियां रुकती है।

मिर्जापुर में कौन सा बांध है?

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में कुल 2 बांध है। पहला बांध सिरसी बांध है और दूसरा बांध खजुरी बांध है।

मिर्जापुर में कौन सी नदी बहती है?

मिर्जापुर में पुण्यजल नदी बहती है, जिसे ओझल नदी के नाम से भी जाना जाता है। यह नदी मिर्जापुर और विंध्यांचल के मध्य बहती है। इस नदी को गंगा नदी के समान ही पवित्र माना जाता है। यह नदी मिर्जापुर में काली का मंदिर, तराकेश्वर, महालक्ष्मी, महादेव और महासरस्वती मंदिर से घिरी हुई है।

मिर्जापुर क्यों प्रसिद्ध है?

उत्तर प्रदेश का मिर्जापुर जिला कई पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पर विंध्याचल, अष्टभुजा, काली खोह जैसे पवित्र मंदिर स्थित है। यहां पर देवरहवा बाबा का आश्रम भी स्थित है। इस तरीके से अनेकों धार्मिक और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर पर्यटन स्थलों के कारण मिर्जापुर प्रसिद्ध है।

मिर्जापुर घूमने के लिए कितना बजट होना चाहिए?

घूमने के लिए आपके पास कम से कम पांच से ₹7000 होना चाहिए तभी आप अच्छे से मिर्जापुर के तीर्थ स्थल पर घूम सकते हैं।

निष्कर्ष

इस लेख में हमने मिर्जापुर टूरिस्ट प्लेस (mirzapur me ghumne ki jagah) के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है। उम्मीद करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरुर करें।

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