इस लेख में लखनऊ में घूमने की जगह कौन-कौन सी है? (Lucknow me Ghumne ki Jagah), लखनऊ में क्या प्रसिद्ध है, लखनऊ के दर्शनीय स्थल, लखनऊ कैसे पहुंचे आदि के बारे में विस्तार से बताएंगे।
लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी है। साथ ही उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा शहर भी है, जो गोमती नदी के किनारे बसा है। लखनऊ अपने समृद्ध संस्कृति और प्राचीन विरासत के लिए जाना जाता है।
यहां के लोगों मेहमानों की अच्छे से खातिरदारी करते हैं। लखनऊ शहर अपने खास नजाकत और तहजीब वाली दशहरी आम के बागों और चिकन की कढ़ाई काम के लिए भी जाना जाता है। इसे नवाबों का शहर भी कहा जाता है। इस शहर को शहर ए अदब भी कहा जाता है।
लखनऊ के स्थापत्य स्मारक, ऐतिहासिक प्रासंगिकता और संस्कृत और लजीज व्यंजनों का आनंद लेने के लिए हर साल यहां लाखों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
लखनऊ से संबंधित रोचक तथ्य
- लखनऊ उत्तर प्रदेश में गोमती नदी के किनारे बसा हुआ एक शहर है, जिसे नवाबों के शहर के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत का 11 सबसे बड़ा शहर है।
- एक रिसर्च के अनुसार पता चला कि लखनऊ शहर भारत का दूसरा सबसे ज्यादा खुश रहने वाला शहर है।
- लखनऊ में कई सारी ऐतिहासिक इमारतें राजाओं के काल में बनाई गई है।
- लखनऊ भारत का प्रमुख व्यापारिक और मेट्रोपॉलिटन सिटी के रूप में उभर कर आया है।
- लखनऊ शहर की नीव रामायण काल से जुड़ी हुई है। बताया जाता है कि इस शहर का पुराना नाम लखनपुर है, जो भगवान राम के अनुज भाई लक्ष्मण के नाम से पड़ा है। क्योंकि लक्ष्मण ने हीं गोमती नदी के किनारे लक्ष्मणपुर नाम से यह जग बसाया था। इस का प्राचीन नाम लखनपुर हुआ करता था। बाद में फिर बदल कर इसका नाम लखनऊ रखा गया।
लखनऊ में घूमने की जगह (Lucknow Tourist Places in Hindi)
लखनऊ शहर के आसपास कई सारे दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें ऐतिहासिक स्थल, पार्क, शॉपिंग मॉल, चिड़ियाघर और धार्मिक स्थल भी हैं। Lucknow me Ghumne ki Jagah में कुछ निम्न हैं:
मरीन ड्राइव
लखनऊ का मरीन ड्राइव लखनऊ के पर्यटक स्थलों में से सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला जगह है, जहां पर शाम होते ही पर्यटकों की भीड़ लग जाती है। यह मरीन ड्राइव अंबेडकर पार्क और गोमती नदी के मध्य में स्थित है।
आपने मुंबई के मरीन ड्राइव के बारे में तो बहुत सुना होगा लेकिन लखनऊ में स्थित यह मरीन ड्राइव भी कम खूबसूरत नहीं है। लखनऊ का यह मरीन ड्राइव शाम की चांदनी रोशनी में और भी ज्यादा खूबसूरत हो जाता है। यदि आप लखनऊ जाते हैं तो इस जगह का दर्शन जरूर करें।
समय | – |
प्रवेश शुल्क | – |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 7 KM |
एड्रेस | मरीन ड्राइव, गोमती नगर, लखनऊ (उत्तर प्रदेश), 226010 |
जनेश्वर मिश्र पार्क
लखनऊ के गोमती नगर में स्थित यह मिश्रा पार्क एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा पार्क माना जाता है, जिसे समाजवादी पार्टी ने बनाया था। इसका निर्माण 6 अगस्त जो 2012 में शुरू हुआ था, जो 5 अगस्त 2014 में बनकर खत्म हुआ।
कहा जाता है लंदन के हाइट पार्क से प्रेरित इस खूबसूरत पार्क को लखनऊ में बनाया गया है। यह पार्क लगभग 375 एकड़ जमीन में फैला हुआ है, वहीं इसके दूसरी ओर 40 एकड़ में एक खूबसूरत कृत्रिम झील भी बना है, जो पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
यहां पर आकर इस झील और ना कि सवारी का भरपूर आनंद ले सकते हैं। यहां पर भारत के सेना का लड़ाकू विमान मृग 21 भी रखा गया है। लखनऊ में घूमने के लिए यह बहुत अच्छा पर्यटक स्थल है।
समय | सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक |
प्रवेश शुल्क | – |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 10 KM |
एड्रेस | गोमती नगर, लखनऊ, उजरियांव (उत्तर प्रदेश), 226010 |
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साइंस सिटी लखनऊ
यदि आप विज्ञान में रुचि रखते हैं या फिर आप अपने बच्चों के साथ लखनऊ घूमने जाते हैं तो लखनऊ के अलीगंज इलाके में स्थित साइंस सिटी का विजिट करना ना भूलें। यहां पर बना हुआ संग्रहालय में आपको कई सारी जानकारी मिल सकती है।
साइंस सिटी के भीतर देश-विदेश के विभिन्न प्रकार की टेक्नोलॉजी बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इस साइंस सिटी के दर्शन से आप विज्ञान से जुड़ी मानव विकास और कई सारी मेडिकल साइंस की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
समय | सुबह 09:30 बजे से शाम 05:30 बजे तक |
प्रवेश शुल्क | अलग अलग एक्टिविटी के लिए अलग अलग टिकेट (25 रूपये से 50 रूपये तक) |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 8 KM |
एड्रेस | संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, अलीगंज एक्सटेंशन, सेक्टर-ई (एकता विहार), सेक्टर ई, चंद्रलोक, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, 226024 |
अम्बेडकर पार्क
लखनऊ के विभिन्न में पर्यटक स्थलों में अम्बेडकर पार्क भी बहुत ही खूबसूरत है, जो बेहतरीन आर्किटेक्चर से बनाया गया है। यज्ञ अम्बेडकर पार्क को उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के द्वारा साल 2008 में बनाया गया था।
पार्क के अंदर सैकड़ों हाथियों की खूबसूरत प्रतिमाएं भी मौजूद है, जो बिल्कुल जीवंत सी प्रतीत होती है। हर साल बी आर आंबेडकर जयंती के दिन बहुत ही धूमधाम से आम्बेडकर की यहां जयंती मनाई जाती है।
इस पार्क का निर्माण खास गुलाबी पत्थरो से किया गया है, जो शाम के झिलमिल रोशनी में बेहद ही खूबसूरत लगती है। यदि आप लखनऊ जाते हैं तो आम्बेडकर पार्क को भी जरुर विजिट करें।
समय | सुबह 11:00 बजे से रात 9:00 बजे तक |
प्रवेश शुल्क | 15 रूपये/व्यक्ति |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 8 KM |
एड्रेस | विपुल खंड 2, विपुल खंड 3, विपिन खंड, गोमती नगर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश 226010 |
बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ
लखनऊ अपने ऐतिहासिक धरोहर के लिए संपूर्ण भारत में प्रख्यात है। यहां पर कई सारी ऐतिहासिक इमारतें बनी हुई है, उन्हीं में से एक बड़ा इमामबाड़ा भी है। बड़ा इमामबाड़ा का निर्मान आसफुद्दौला ने 1754 में किया था, जिसे बनाने में 14 वर्षों का समय लगा था।
इमामबाड़ा में रूमी दरवाजा, बावली गार्डन, भूल भुलैया, पिक्चर गैलरी और घंटाघर जैसी विभिन्न चीजें घूमने लायक है। इमामबाड़ा का होल एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा हॉल माना जाता है। इस इमामबाड़ा को घूमने के लिए कम से कम 2 घंटे का समय लग जाता है।
इस इमामबाड़ा में बना भूल भुलैया सबसे ज्यादा आकर्षक करने वाली जगह है। कहा जाता है कि इस भूल भुलैया में एक बार 100 बाराती घूमने गए थे, जो फिर वापस नहीं निकल पाए।
हालांकि इस भूलभुलैया में जाने से पहले वहां पर बहुत सारे गाइड रहते हैं, जिनकी मदद आप ले सकते हैं। इसकी प्रवेश की शुल्क मात्र ₹50 है। जब आप लखनऊ आए तो इस प्रसिद्ध ऐतिहासिक जगह घूमने आना ना भूलें।
समय | सूर्योदय से सूर्यास्त तक |
प्रवेश शुल्क | 25 रूपये/व्यक्ति (भारतीय), 500 रूपये/व्यक्ति (विदेशी) |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 5 KM |
एड्रेस | VW86+MQ3, हुसैनाबाद ट्रस्ट रोड, मच्छी भवन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश 226003 |
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गोमती नदी नौका विहार
लखनऊ में कई सारी पर्यटक स्थल गोमती नदी के आसपास है। ऐसे में आप गोमती नदी मे पर्यटक नाव के सवारी का भी आनंद ले सकते हैं। यहां पर स्वतंत्रता सेनानियों की याद में शहीद स्मारक भी बनाया गया है, जिसे आप देख सकते हैं।
समय | – |
प्रवेश शुल्क | – |
रेलवे स्टेशन से दूरी | मात्र कुछ ही दूरी पर |
एड्रेस | जनेश्वर मिश्र पार्क, गोमती नगर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश 226010 |
चिड़िया घर लखनऊ
लखनऊ के पर्यटक स्थलों में चिड़ियाघर भी बहुत प्रख्यात है, जो चारबाग रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर की दूरी पर बनारसी बाग पर स्थित है। इस चिड़िया घर में विभिन्न प्रकार के पशु पक्षियों को रखा गया है।
यहां पर खूबसूरत झील भी है, जहां पर आप पैडल बोट का आनंद उठा सकते हैं। इसके अलावा रेल गाड़ी और हाथी की सवारी का भी लुप्त उठा सकते हैं।
समय | सुबह 08:30 बजे से शाम 05:00 बजे तक (सोमवार को बंद) |
प्रवेश शुल्क | अलग अलग एक्टिविटी के लिए अलग अलग टिकेट |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 15 किलोमीटर |
एड्रेस | Hazratganj Road, Opp. to Civil Hospital, Lucknow, Uttar Pradesh, 226001 |
हजरतगंज मार्केट
लखनऊ में यह मार्केट बहुत ही प्रसिद्ध है, लखनऊ के इस मार्केट घूमने तथा शॉपिंग के लिए प्रतिदिन सैकड़ों लोग यहां आते हैं। लखनऊ में यह मार्केट शॉपिंग आर्केड के रूप में प्रसिद्ध है।
पहले से लेकर आज तक इस मार्केट में बहुत बदलाव आया है। यदि आप लखनऊ आए हैं तो आपको हजरतगंज मार्केट को घूमने का शॉपिंग करने के लिए एक बार तो जाना ही चाहिए।
समय | सुबह से रात तक (रविवार को बंद) |
प्रवेश शुल्क | – |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 3 किलोमीटर |
एड्रेस | हजरतगंज, लखनऊ |
कांस्टेंटिया (ला मार्टीनियर स्कूल)
कांस्टेंटिया (ला मार्टीनियर स्कूल) की स्थापना सन 1845 ईस्वी में हुई थी। यह पर्यटक स्थल अंग्रेजों के बीते हुए इतिहास को बताता है। यहां पर अनेकों प्रकार की पुरानी वस्तुएं रखी है, जिसे आप यहां देख सकते हैं।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि यहां पर फ्रेंड्स के मेजर जनरल क्लाउड मार्टिन निवास करते थे, जिसके कारण यहां पर उनका मकबरा भी है। यह स्थान में घूमने के लिए बहुत अच्छी जगह है, जहां पर आप पुराने वस्तुओं को देख पाएंगे।
समय | सुबह 08:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक |
प्रवेश शुल्क | – |
रेलवे स्टेशन से दूरी | – |
एड्रेस | ला मार्टिनियर रोड, मार्टिन पूर्व, लखनऊ, उत्तर प्रदेश 226001 |
दिलकुशा कोठी
यह एक महल है, जिसका निर्माण मेजर गोर द्वारा बारोक शैली में सन 800 ईसवी में करवाया गया था, यह पहले महल नहीं था। यह पहले एक शिकार लॉज था, जिसे ग्रीष्मकालीन में बदल कर एक नया रूप दे दिया गया।
आजादी से कई वर्ष पहले इस दिलकुशा कोठी ने युद्ध के दौरान कई प्रभाव को अपने ऊपर झेला था। अर्थात युद्ध के अंतर्गत इस कोठी ने तोप के गोले सैनिकों से होने वाले हमले को झेला है। वर्तमान समय में यह जगह घूमने के लिए अच्छा स्थान है।
समय | सुबह 08:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक |
प्रवेश शुल्क | – |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 4.6 किलोमीटर |
एड्रेस | RXH7+FV5, बिबियापुर मार्ग, नील लाइन्स, छावनी, लखनऊ, उत्तर प्रदेश 226002 |
फिरंगी महल
लखनऊ में फिरंगी महल भी घूमने के लिए बहुत अच्छा स्थान है। फिरंगी महल फ्रांसीसी व्यापारी नील से संबंधित था, जिसे बाद में इस महल को शाही फरमान को ध्यान में रखते हुए सरकारी खाने में बदल दिया गया था।
जिसे बाद में मुगल के छठे शासक औरंगजेब के सलाहकार तथा उनके भाइयों द्वारा ईशा को इस्लामीक स्कूल में परिवर्तित कर दिया गया। यह स्थान भी घूमने के लिए बहुत अच्छा है। यदि आप लखनऊ घूमने आए हैं तो इस स्थान को घूम सकते हैं।
समय | सुबह 09:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक |
प्रवेश शुल्क | – |
रेलवे स्टेशन से दूरी | – |
एड्रेस | 27, फिरंगी महल, चौक, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, 226003 |
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ब्रिटिश रेजिडेंसी
यह स्थान एक ऐसा स्थान है, जहां पर 1857 के विद्रोह में अंग्रेजों ने यहां शरण ली थी। वर्तमान समय में यह किला खंडार के रूप में स्थित है।
मेरा बंदी के दौरान सैकड़ों अंग्रेज मारे गए थे, जिनकी कब्रे आज भी लखनऊ के ब्रिटिश रेजिडेंसी के पास बने कब्रिस्तान में बनी है। ब्रिटिश रेजिडेंसी भी घूमने के लिए अच्छा स्थान है। वर्तमान समय में या खंडार भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण के द्वारा संरक्षित है।
समय | सुबह 07:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक |
प्रवेश शुल्क | 15 रूपये/व्यक्ति (भारतीय), 200 रूपये/व्यक्ति (विदेशी) |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 4 किलोमीटर |
एड्रेस | महात्मा गांधी मार्ग, दीप मानक नगर, कैसरबाग, कैसरबाग, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, 226001 |
चंद्रिका देवी का मंदिर
लखनऊ में यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है। लखनऊ का या मंदिर धार्मिक सभाओं के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों भक्त आते हैं। वे यहां आते हैं और बड़ी श्रद्धा और साफ मन से पूजा अर्चना करते हैं।
लखनऊ का यह मंदिर हिंदू धर्म के देवी चंडी को अर्पित है। यह मंदिर माता काली लक्ष्मी तथा सरस्वती का मिला हुआ रूप है। चंद्रिका देवी के मंदिर के परिसर में एक तालाब भी स्थित है, जहां पर भगवान शिव की एक प्रतिमा मौजूद है।
यदि आप भगवान से श्रद्धा आस्था रखते हैं तो आपको यहां एक बार तो जाना ही चाहिए और यदि आप यहां जाएं तो कोशिश करें कि आप सुबह के समय में जाएं।
समय | सुबह 05:00 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक दोपहर 02:00 बजे से रात 11:00 बजे तक |
प्रवेश शुल्क | – |
रेलवे स्टेशन से दूरी | – |
एड्रेस | ए-42, जेल रोड, सेक्टर जे, आशियाना, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, 226012 |
लखनऊ में फन रिपब्लिक मॉल (शॉपिंग मॉल)
यह मॉल घूमने की शॉपिंग करने की दृष्टि से काफी अच्छी जगह है। यह मॉल लखनऊ के बड़े-बड़े मॉलो में से एक है। यह मॉल बहुत ही बड़ा है तथा यहां पर अनेकों प्रकार की वस्तुएं मिलती हैं अलग-अलग तथा प्रत्येक ब्रांड के कपड़े कॉस्मेटिक वस्तुएं मिलती हैं।
इस मॉल में कई अच्छी जगहें हैं जैसे कि बच्चों के लिए खेल का स्थान, भोजन की स्टाले तथा साथ ही साथ अनेक सुविधाएं हैं। इस मॉल में तथा मॉल में पार्किंग के लिए भी एक बड़ा सा स्थान है, जहां पर आप अपनी गाड़ियां पार्क कर सकते हैं।
समय | सुबह 11:00 बजे से रात 10:00 बजे तक |
प्रवेश शुल्क | – |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 3 किलोमीटर |
एड्रेस | लोहिया पथ, नेहरू एन्क्लेव, गोमती नगर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, 226010 |
लखनऊ का जामा मस्जिद
दिल्ली के जामा मस्जिद को पार करने के लिए इस मस्जिद का निर्माण करवाया गया था। यह मस्जिद लखनऊ के हुसैनाबाद के तहसीलगंज में स्थित है। इसका निर्माण राजा मोहम्मद अली शाह के द्वारा करवाया गया था।
यह मस्जिद बहुत ही भव्य तथा सुंदर है। यहां पर मुस्लिम धर्म के लोग नमाज पढ़ने तथा घूमने के लिए आते हैं। यदि आप हिंदू हैं तो अभी आप यहां पर जाकर घूम सकते हैं। इस मस्जिद का नजारा काफी खूबसूरत है।
समय | सुबह 05:00 बजे से रात 09:00 बजे तक |
प्रवेश शुल्क | – |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 6 किलोमीटर |
एड्रेस | हुसैनाबाद पीर पोखरा, निखार फोटो स्टूडियो के पास, यूनिटी कॉलेज के पास, हुसैनाबाद, करीम गंज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, 226003 |
कैसरबाग पैलेस
यदि आप लखनऊ शहर की यात्रा कर रहे हैं तो आपको एक बार तो इस पैलेस को देखने के लिए जरूर आना चाहिए। इस पैलेस का निर्माण नवाब वाजिद अली शाह के शासनकाल में 1848 से 1850 ईसवी के मध्य कराया गया था।
यह पैलेस लखनऊ के लोकप्रिय स्मारकों का कृतियों में से एक है। यह मुगल काल के वास्तुकला के कारण बहुत प्रसिद्ध है।
समय | सुबह 08:00 बजे से रात 08:00 बजे तक |
प्रवेश शुल्क | – |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 10 किलोमीटर |
एड्रेस | मांडवी, लखनऊ |
छत्तर मंजिल
छतर मंजिल को एक अन्य नाम अंब्रेला पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। छतर मंजिल में अनेकों कमल कथा विशाल गुंबद है। छतर मंजिल का निर्माण नवाब गाजी उद्दीन हैदर ने करवाया था।
परंतु बाद में इसका उपयोग अवध के शासक तथा उनकी पत्नियों ने किया। छतर मंजिल गोमती नदी के तट पर स्थित है। indo-european के वास्तुकला का शानदार उदाहरण है।
समय | सुबह 09:30 बजे से शाम 06:00 बजे तक (शनिवार और रविवार को बंद) |
प्रवेश शुल्क | – |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 6 किलोमीटर |
एड्रेस | महात्मा गांधी मार्ग, कैसरबाग, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, 226001 |
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Charbagh ke Pass Ghumne ki Jagah
चारबाग़ रेलवे स्टेशन लखनऊ के पास कई सारी जगहें हैं, जहां पर घूमने जा सकते हैं। जिनमें से कुछ जगहें निम्न है:
- बारे इमामबाड़ा
- रेल म्य्यूज़ियम
- छतर मंज़िल
- लार्ड रमा स्टेच्यू फ़ाउंटेन
- इरीगेशन डिपार्टमेंट
- खम्मन पीर तऊंब
- क्लॉक टावर अमीनाबाद
- बोटैनिकल गार्डन
- दश्वाशमेध घाट
- ऐशबाग़ बारादरी
लखनऊ के पास 100 किलोमीटर के अंदर घूमने की जगह (Places to Visit Near Lucknow Within 100 km)
वैसे तो लखनऊ के पास घूमने के लिए कई स्थान है, जिनमें से कुछ स्थानों के नाम तथा उनके बारे में जानकारी नीचे दी गई है। यह सभी स्थान लखनऊ से 100 किलोमीटर की दूरी के अंदर ही है।
नैमिषारण्य सीतापुर
नैमिषारण्य सीतापुर लखनऊ से 80 से 50 किलोमीटर की दूरी पर सीतापुर जिले में स्थित है। नैमिषारण्य सीतापुर अपने धार्मिकता के कारण पूरे भारत में जाना जाता है।
नैमिषारण्य सीतापुर गोमती नदी के तट पर बसा हुआ है। नैमिषारण्य सीतापुर केवल धार्मिकता के कारण ही नहीं बल्कि यहां पर होने वाले यज्ञ के कारण भी है क्योंकि यहां पर हर समय कोई ना कोई जगह होता ही रहता है।
लोगों का मानना है एक बार लगभग 84 ऋषि मुनि ब्रह्मदेव के पास गए और उन्होंने ब्रह्मदेव से प्रश्न किया कि हे देव आप हमें यह बताएं कि पूरे भूमि पर यज्ञ करने योग्य सबसे अच्छा स्थान कौन सा है। तो ब्रह्मदेव ने चक्र से कहा और वह चक्र एक जंगल में जाकर गिरा और वही नीमसार है।
इस चक्र के गिरने के कारण उस स्थल का नाम चक्रतीर्थ स्थल हो गया। नैमिषारण्य सीतापुर का रेलवे स्टेशन बहुत छोटा है, जिसके कारण यहां पर लखनऊ से होकर कोई भी सीधी ट्रेन नहीं आती है। आपको यहां जाने के लिए बस या आप कोई कैब बुक करके यहां पर बड़े ही सुगमता से जा सकते हैं।
यहां पर बाउचर तीर्थ स्थल है, जो निम्नलिखित है:
- ललिता देवी का मंदिर
- व्यास गद्दी
- सूत गद्दी
- श्री बालाजी मंदिर
- श्री त्रिशक्ति धाम मंदिर
- चक्रतीर्थ
- हनुमान गढ़ी
बिठूर
बिठूर अपने धार्मिकता एवं ऐतिहासिक माता के गाने पूरे भारत भर में प्रसिद्ध है। 1857 की हुई क्रांति में भी इसी साल का विशेष योगदान था। इस स्थान का तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई, नाना राव पेशवा जैसे इन महावीरों का इस स्थान से अच्छा संबंध रहा है।
हम आपको बता दें कि भगवान राम के पुत्र लव और कुश का जन्म भी बिठूर में ही हुआ था। यहां पहुंचने के लिए आपको पहले कानपुर जाना होगा।
कानपुर जाने के बाद आप कानपुर से कोई ट्रेन पकड़ कर भी जा करते हैं या बस टैक्सी अथवा कैब बुक कर भी आप बिल्कुल जा सकते हैं। कानपुर से बिठूर मात्र 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
बिठूर में घूमने हो योग्य स्थान निम्नलिखित है:
- वाल्मीकि जी का आश्रम
- ब्रह्मा जी की खूंटी
- ध्रुव टीला
- पत्थर घाट
- ब्रह्मावर्त घाट
बाराबंकी
आमतौर पर बाराबंकी काफी बड़ा शहर नहीं है, यह एक छोटा सा शहर है। परंतु अपने धार्मिक और पौराणिक स्थानों के चलते बहुत प्रसिद्ध है, जिसके कारण यह उत्तर प्रदेश के पर्यटन के मानचित्र पर भी अंकित है।
आप जाना चाहे तो बस कार तथा ट्रेन किसी भी वहां से आवागमन कर सकते हैं, यह लखनऊ के समीप स्थित है।
आपको यहां घूमने के लिए अनेकों स्थान मिल जाएंगे, जो निम्नलिखित हैं:
- पारिजात वृक्ष
- महादेवा मंदिर
- कोटवा धाम
- देवा शरीफ दरगाह
मिश्रिख
बिठूर नैमिषारण्य सीतापुर से ज्यादा दूरी पर नहीं है। नैमिषारण्य सीतापुर से इसकी दूरी मात्र 10 किलोमीटर है। यहां पर एक काफी भव्य और सुंदर मंदिर है, जो कि ऋषि दधीचि का मंदिर है और इस मंदिर के आसपास कई छोटे-छोटे मंदिर और भी है और इस द बीच के मंदिर के पास एक कुंड स्थित है।
लखनऊ में कपल्स के लिए घूमने की जगह (Places to Visit in Lucknow for Couples)
लखनऊ में घूमने के लिए अनेकों स्थान है। हम आपको बता रहे हैं कि ऐसे कौन-कौन से स्थान है, जहां पर दंपत्ति घूमने के लिए जा सकते हैं, वे स्थान निम्नलिखित है:
- जनेश्वर मिश्र पार्क
- अंबेडकर पार्क
- हाथी पार्क
- कैसर बाग पैलेस
- फिरंगी महल
- कांस्टेंटिया (ला मार्टीनियर स्कूल)
लखनऊ में 1 दिन में घूमने की जगह
लखनऊ में कुछ ऐसे स्थान भी है, जिन्हें आप 1 दिन में घूम सकते हैं। ऐसे स्थानों की सूची नीचे दी गई है, जिन्हें आप 1 दिन में घूम सकते हैं।
- शाही बावली
- हाथी पार्क
- अंबेडकर पार्क
- जनेश्वर मिश्र पार्क
- सिकंदर बाग
- सफदर बारादरी
- लखनऊ का इमामबाड़ा
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लखनऊ कैसे घूमें?
जब आप लखनऊ जाते हैं तो लखनऊ के विभिन्न पर्यटक स्थलों को घूमने के लिए आप किसी भी तरह का वाहन रेंट पर ले सकते हैं। जब आप लखनऊ के रेलवे स्टेशन पर पहुंचते हैं तो वहां पर कई सारी ऐसी दुकानें मिल जाएगी, जहां पर आप को विभिन्न प्रकार के वाहन किराए पर सस्ते रेट में मिल जाते हैं।
वहां की सबसे न्यूनतम कीमत ₹400 स्कूटी की है। इसके अलावा कोई भी बाइक ले सकते हैं। दूसरा विकल्प आपके पास टूरिस्ट बस सर्विस का भी है, जो शहर के अंदर 8 मुख्य लखनऊ पर्यटन स्थल को घुमाते हैं। आप चाहे तो इस टूरिस्ट बस की मदद से भी लखनऊ घूम सकते हैं।
लखनऊ कैसे पहुंचे?
लखनऊ पहुंचने के लिए आपके पास तीन विकल्प है सड़क, ट्रेन और हवाई मार्ग।
लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन यहां का मुख्य रेलवे जंक्शन है, जिसके लिए आपको भारत के विभिन्न जगहों के रेलवे स्टेशन से ट्रेन मिल जाएगी। रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आप यहां से बस ऑटो या कार किसी भी तरह का वाहन उपलब्ध कराकर लखनऊ घूम सकते हैं। यह शहर के केंद्र से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
लखनऊ आने के लिए आप सड़क मार्ग का भी उपयोग कर सकते हैं। यहां से अन्य सभी शहरों के बीच में सड़क मार्ग जुड़ा हुआ है। आप अपनी निजी कार या बस से सड़क मार्ग द्वारा लखनऊ आ सकता है।
इसके बाद तीसरा आप हवाई मार्ग के जरिए लखनऊ पहुंच सकते हैं। लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहरों जैसे कि दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, पटना, चंडीगढ़, बेंगलुरु आदि से जुड़ा हुआ है। जहां से यहां के लिए रोज फ्लाइट की उड़ान भरी जाती है। यह शहर के केंद्र से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
शहर | दूरी |
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प्रयागराज | 200.6 किलोमीटर |
दिल्ली | 554.0 किलोमीटर |
आगरा | 335.4 किलोमीटर |
वाराणसी | 312.0 किलोमीटर |
कानपुर | 91.7 किलोमीटर |
कोलकाता | 1,008.2 किलोमीटर |
लखनऊ में ठहरने की जगह
जब आप लखनऊ घूमने जाते हैं तो सबसे जरूरी चीज होती है, वहां पर ठहरने की जगह। हालांकि यहां आपको लखनऊ में उचित कीमत पर विभिन्न प्रकार की होटल मिल जाएंगे।
लखनऊ का प्रसिद्ध भोजन
लखनऊ शहर अपने विभिन्न या पर्यटक स्थलों के साथी खानपान की शैली के लिए भी मशहूर है। अप लखनऊ आते हैं तो आपको यहां पर हजारों किस्म की वैराइटी खाने में मिल जाएगी, जिस का लुफ्त उठा सकते हैं।
लखनऊ के अकबरी गेट पर मिलने वाला मशहूर टुंडा कवाब बहुत ही स्वादिष्ट होता है। इसे सो मसालों का प्रयोग करके बनाया जाता है, जो मुंह में जाते ही घूल जाता है। यदि आप लखनऊ जाते हैं तो इसका स्वाद लेना ना भूले। इसके अलावा आलू टिक्की, दही बड़े, मटर के कबाब, मक्खन मलाई, बास्केट चाट, छोले भटूरे इत्यादि भी काफी प्रसिद्ध है। गिलोटी कबाब लखनऊ का सबसे प्रसिद्ध भोजन है।
माना जाता है कि जब उम्र के साथ नवाबों के दांत कमजोर होने लगे तो वे कठोर मांस के टुकड़े को खाने में असमर्थ थे। तब उन्होंने अपने शाही बावर्ची को ऐसा भोजन बनाने का आदेश दिया, जिसे मुंह में डालते ही गल जाए। तभी इस गिलौटी कबाब का निजात हुआ।
इसके अलावा बोटी कबाब लखनऊ के प्रसिद्ध भोजन में एक है। यह मुगलई पकवान है, जो लखनऊ के साथ पाकिस्तान में भी काफी प्रख्यात है। इसे मटन के पीस को लगातार आंच पर पकाने के बाद तैयार किया जाता है। यह काफी स्वादिष्ट होता है, जिसे खाने के बाद आप उंगलियां चाटते रह जाएंगे।
चिकन और चने दाल को पीसकर बनाया जाने वाला कबाब चिकन शामी कबाब लखनऊ के प्रसिद्ध भोजन में एक है। यह काफी कृप्सी और स्वादिष्ट होता है, इसे लच्छेदार प्याज और रोटी के साथ परोसा जाता है। लखनऊ का लखनवी बिरयानी अन्य जगहों की तुलना में काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। इसे बनाने का अंदाज भी काफी अलग होता है। यहां के बिरयानी के सवाद जैसा आपको कहीं पर भी स्वाद नहीं मिलेगा।
पाया की निहारी, लखनऊ के प्रसिद्ध डिश में एक है। नाहर एक उर्दू शब्द है, जिसका अर्थ होता है सुबह और यह डिश सुबह ज्यादा बिकती है। इसे रात में 6 से 7 घंटों तक धीरे-धीरे धीमी आंच पर पकाया जाता है तब जाकर एक जबरदस्त स्वाद आता है, इसे कुलचे के साथ परोसा जाता है।
लखनऊ घूमने का खर्च
लखनऊ घूमने का खर्च आपके वहां पर ठहरने के दिन पर निर्भर करता है। आप यदि एक या 2 दिन के लिए लखनऊ की यात्रा पर जाना चाहते हैं तो आपको कम खर्चा लगेगा। वहीं यदि आप ज्यादा दिनों के लिए जाएंगे तो आपको ज्यादा खर्चा लग सकता है।
साथ ही यदि आप हवाई मार्ग का चयन करते है तो इसका भी खर्चा जोड़ना पड़ेगा और यदि आप अपने परिवार के साथ जाते हैं तो इसमें आपको ज्यादा खर्च आएगा।
निष्कर्ष
लखनऊ में बहुत सारी घूमने के लिए ऐतिहासिक जगह है। साथ ही वहां पर विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट भोजन के लिए भी लखनऊ प्रसिद्ध है कि आप लखनऊ जाने का प्लान बना रहे हैं तो आप किसी भी समय लखनऊ जा सकते हैं।
इस लेख में लखनऊ में घूमने वाली जगह (places to visit in lucknow), लखनऊ से जुड़ी कई सारी रोचक तथ्य साथी लखनऊ के प्रसिद्ध भोजन और लखनऊ जाने के तरीके के बारे में बताया। हमें उम्मीद है कि आलेख आपको अच्छा लगा होगा।
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