Kullu Me Ghumne ki Jagah: हिमाचल प्रदेश राज्य का सबसे फेमस जिला कुल्लू हैं, जो व्यास नदी के पास स्थित हैं। राज्य में घूमने आने वाले पर्यटक सबसे अधिक इसी राज्य में आते हैं। यहां पर आपको बर्फ से ढके हुए पहाड़, देवदार के जंगल, सुंदर नदी आदि कई प्राकृतिक दृश्य आपको देखने को मिल जाएंगे।
कुल्लू जिले के देवता भगवान रघुनाथ जी हैं, जिनके नाम पर इस जगह का नाम कुल्लू पड़ा हैं। इसके अलावा आप कुल्लू जिले में ट्रेकिंग, राफ्टिंग, एडवेंचर, पैराग्लाइडिंग जैसी कई प्रकार की एक्टिविटी कर सकते हैं।
यहां पर आपको कई प्राचीन मंदिर और गर्म झरने देखने को मिलेंगे। कुल्लू जिले में स्थित द ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क बना हुआ हैं, जिसमें आपको हिम तेंदुए, भालू, खालिंज आदि कई प्रकार के जानवर और वनस्पति देखने को मिलती हैं।
आज के इस लेख में हम आपको कुल्लू पर्यटन स्थल (best places to visit in kullu), कुल्लू का प्रसिद्ध भोजन क्या हैं?, कुल्लू में घूमने के लिए कब जाएं?, कुल्लू में रुकने के लिए जगह? आदि के बारे में जानकारी देंगे।
कुल्लू में घूमने की जगह | Kullu Me Ghumne ki Jagah
कुल्लू के बारे में रोचक तथ्य
- कुल्लू में घूमने के लिए अधिक पर्यटक लोग आते हैं।
- कुल्लू में बिजली महादेव का मंदिर बना हुआ हैं, जो बहुत रहस्यमई मंदिर हैं।
- कुल्लू में साहसिक एक्टिविटी करने के लिए बहुत सी जगह हैं।
- हनागी माता का मंदिर जो कि पहाड़ी की चोटी पर बना हुआ हैं। इस मंदिर को देखने के लिए काफी दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।
कुल्लू टूरिस्ट प्लेस (Kullu Tourist Places in Hindi)
बिजली महादेव मंदिर
शंकर भगवान का यह मंदिर कुल्लू जिले का सबसे फेमस मंदिर हैं। इस मंदिर को बनाने के लिए काश शेली का प्रयोग किया गया हैं। मंदिर के अंदर शिवलिंगम स्थापित हैं। शंकर जी को समर्पित यह मंदिर पहाड़ी और कई रहस्मयी, चमत्कारिक से गिरा हुआ हैं, जो पहाड़ी के उपर हैं।
पहाड़ी के नीचे एक खूबसूरत गांव हैं। गांव का नाम बिजली महादेव मंदिर हैं क्योंकि यह मंदिर के पास में ही स्थित हैं। इस कारण से इसको बिजली महादेव मंदिर के नाम से भी जानते हैं।
इस मंदिर के बारे में यहां के लोग और पुजारी बताते है कि प्रत्येक 12 वर्ष के बाद इस मंदिर के अंदर रखे शिवलिंग पर बिजली गिरती हैं, जिससे शिवलिंग टूट जाता हैं।
लेकिन यहां के पुजारी माखन के द्वारा शिवलिंग को जोड़ देते हैं। ऐसा करने से शिवलिंग उसी प्रकार से जुड़ जाता हैं। यदि आपको कुल्लू में घूमने के लिए आना चाहते हैं तो आप इस रहस्यमई मंदिर देखने के लिए जरूर आएं।
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कैसरधर
यह कुल्लू का सबसे प्रमुख और आकर्षक स्थल हैं। यहां पर रहने वाले लोग और घूमने के लिए आने वाले पर्यटक पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। कुल्लू घाटी के पास स्थित कैसरधर जगह पर्यटकों के घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह हैं।
यहां पर आकर कुछ समय व्यतीत कर सकते हैं। कैसधर के पास में स्थित सुंदर घाटी और गांव का दृश्य बहुत ही मनोरम लगता हैं। ट्रेकिंग करने के लिए यह जगह बहुत अच्छी हैं।
आप अपने दोस्तो और रिश्तेदार के साथ इस जगह पर पिकनिक और ट्रेकिंग करने के लिए आ सकते हैं। कुल्लू से इस जगह पर घूमने के लिए आना चाहते है तो आपको करीब 15 किमी की दूरी तय करनी होगी।
हनोगी माता मंदिर
कुल्लू का प्रसिद्ध धार्मिक मंदिर हैं। हनोगी माता मंदिर जो कि एक चोटी सी पहाड़ी पर स्थित हैं। कुल्लू जिले के आस पास की सभी जगहों में सबसे प्रमुख हानोगी माता का मंदिर हैं।
धार्मिक जगह होने के कारण पर्यटकों का आना जाना लगा रहता हैं। इसके अलावा पहाड़ी की चोटी से आप सनसेट व्यू का भी लुफ्त उठा सकते हैं।
चंद्रखनी पास
कुल्लू का यह प्रसिद्ध दर्रा या पास ट्रेक मार्गो के लिए जाना जाता हैं। यह दर्रा 13,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं। पहाड़ी पर जाने के बाद आप हिमाचल प्रदेश राज्य की अन्य प्रमुख पहाड़ियों को भी देख सकते हैं।
यदि आप इस जगह पर घूमना जाना चाहते है तो गर्मी और सर्दी के मौसम में कभी भी जा सकते हैं। चंद्रखनी दर्रा को देखने पर आपका मन और भी ज्यादा प्रसन्न हो जायेगा।
वैष्णो देवी मंदिर
माता वैष्णो देवी का मंदिर कुल्लू जिले के अंदर बना हुआ हैं। आप इस मंदिर को मिनी वैष्णो देवी मंदिर के नाम से भी जान सकते हैं। माता वैष्णो का यह मंदिर व्यास नदी के तट पर बना हुआ हैं।
मंदिर के पास में ही आपको विशाल जंगल, पहाड़ियां, सेब के बाग आदि खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे। वैष्णो देवी जाने के लिए आपको मनाली से सिर्फ 2 किमी की दूरी तय करनी होगी। माता के मंदिर में बड़ी सी प्रतिमा स्थापित हैं।
इसके अलावा बाहर के परिसर में भगवान शंकर की प्रतिमा स्थापित हैं। यदि आप कुल्लू में घूमने के लिए जाए तो आप मिनी माता वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन जरूर करें।
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भंटर
यह जगह मनाली के पास में स्थित हैं, जो कि सैर करने के लिए काफी प्रसिद्ध हैं। इसके आस पास कई सारे प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। यदि आपको रिवर राफ्टिंग करनी है तो पास में ही बहने वाली व्यास नदी में आप जा सकते हैं। यह राज्य का प्रमुख हिल स्टेशन में से एक हैं।
सुल्तानपुर पैलेस
भूकंप आने के कारण यह सुंदर पैलेस बेकार हो गया था। लेकिन बाद में इस पैलेस को पेंटिंग और पहाड़ी शैली के इस पैलेस को नई डिजाइन किया गया था।
इस पैलेस का नाम रूपी पैलेस था। मनाली से इस पैलेस की दूरी करीब 15 किमी की हैं। पैलेस तक जाने में आप कैब आदि को बुक करके जा सकते हैं।
फ्रेंडशिप पीक
हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक ट्रेकिंग इसी पहाड़ी पर की जाती हैं, जो कि 5,289 किमी की ऊंचाई पर स्थित हैं। ट्रेकिंग करने वाले लोग इस जगह पर स्वर्ग का अनुभव करते हैं। फ्रेंडशिप पीक सोलांग घाटी से होकर जाता हैं।
सोलांग घाटी के बारे में तो आपको पता होगा कि इस घाटी में घने जंगल, रंगीन बाग और बड़े-बड़े अल्पाइन घास के मैदान बने हुए हैं। फ्रेंडशिप पीक की सबसे ऊंची चोटी पर जाने पर आपका मन प्रसन्न हो जायेगा।
नग्गर
हिमाचल प्रदेश राज्य का एक छोटा सा गांव हैं। लेकिन इसकी प्राकृतिक सुंदरता दूर-दूर तक फेमस हैं। जो पर्यटक प्रकृति के नजारे का आनंद लेना चाहते हैं, वो इस जगह पर जरूर आए। इस प्यारे से गांव में आप ट्रैकिंग और कैंपिंग का भी लुफ्त ले सकते हैं।
रुकने के लिए दो वीआईपी होटल बने हुए हैं। पहले के समय यह महल हुआ करते थे। इसके अलावा एक पुराना संग्रहालय और गर्म पानी का झरना आपको नग्गर में देखने के लिए मिल जाएगा। हिमाचल प्रदेश राज्य में घूमने आने पर आप इस जगह पर जरूर जाए।
भृगु झील
भृगु ऋषि के नाम पर इस झील का नाम रखा गया था। इस झील के बारे में कहा जाता हैं कि महर्षि भृगु इस झील के पास ध्यान लगाया करते थे। यहां के लोगों के अनुसार झील को पूल ऑफ गॉड्स के नाम से भी जानते हैं।
देवताओं ने झील के पानी में डुबकी लगाई थी। बर्फ बारी के दौरान इस झील का पानी जम नहीं पाता हैं। आप रोहतांग दर्रे में घूमने के लिए जाते है तो आप इस जगह पर भी जा सकते हैं, जो दर्रे के पूर्व में स्थित हैं।
कुल्लू के यह धार्मिक झील गुलाबा गांव से करीब 6 किमी की दूरी पर स्थित हैं। आप अपने दोस्तों, रिश्तेदार और परिवारजनों के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं।
मणिकरण साहिब
यह हिंदू धर्म और सिख धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थल हैं, जो पार्वती नदी के किनारे बसा हुआ हैं। मणिकरण साहिब के पास में ही गर्म पानी के झरने और खूबूसरत वातावरण लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
सिखों का प्रसिद्ध गुरुद्वारा और प्रमुख तीर्थ स्थल हैं। यदि आप इस धार्मिक स्थल पर जाना चाहते है तो आप मनाली से आ सकते हैं। मनाली से मणिकरण साहिब तक की दूरी 24 किमी की हैं। यहां से आप बस या फिर कैब आदि को बुक कर के जा सकते हैं।
खीरगंगा
खीरगंगा हिमाचल का प्रसिद्ध झरना हैं। खीरगंगा में आप हिमालय के पहाड़ों के गर्म झरने और प्रकृति नजारे देखने की प्रमुख जगह हैं। सबसे अच्छी बात इस जगह की यह है कि आप यहां पर कई प्रकार के एडवेंचर कर सकते हैं।
खीरगंगा चारों तरफ से घने जंगल से घिरा हुआ हैं, जहां पर आप कैपिंग, नेचर वाकिंग, माउंटेन क्लाइंबिंग आदि कर सकते हैं। सूर्यास्त के समय यहां का मौसम काफी सुहावना रहता हैं, जो पर्यटकों को काफी आकर्षित करता हैं। आप अपने दोस्तों, परिवार और रिश्तेदार के साथ घूमने के लिए जा सकते हैं।
तीर्थंन घाटी
यदि आप किसी ऐसी जगह पर जाना चाहते है, जहां पर आपको शांति प्राप्त हो सके तो आप हिमाचल प्रदेश की तीर्थंन घाटी में घूमने के लिए जा सकते हैं। यहां के बहुत हुई नदियों, झीलों और ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के नजारे आपको बार-बार तीर्थन घाटी में जाने के लिए मजबूर कर देंगे।
इसके अलावा आप किसी प्रकार की एक्टिविटी को करना चाहते है तो आप तीर्थन घाटी में घूमने के लिए जा सकते हैं। यहां पर रॉक क्लाइंबिंग, रैपलिंग आदि का आनंद प्राप्त कर सकते हैं। तीर्थंन घाटी जाने के लिए आप मनाली से बस या टैक्सी द्वारा जा सकते हैं।
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कुल्लू का प्रसिद्ध भोजन
हिमाचल प्रदेश राज्य का यह पर्यटकों की दृष्टि से सबसे अच्छा जिला हैं। इस कारण से यहां पर आपको कई प्रकार के व्यंजनों का स्वाद लेने को मिल जाता हैं।
आप कुल्लू में भारतीय भोजन, चीनी और कॉन्टिनेटल भोजन का आनंद ले सकते हैं। आपको खाने में चपाती, दाल, दही और सब्जी मिलती हैं। इसके अलावा भटूरे, वड़ा, सत्तू आदि अन्य भोजन का आनंद प्राप्त कर सकते हैं। आप कुल्लू फलों के भी स्वाद ले सकते हैं।
कुल्लू में घूमने के लिए कब जाएं?
यदि आप हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में घूमने के लिए जाना चाहते है तो आप मार्च महीने से लेकर जून महीने के बीच में कभी भी जा सकते हैं। इसके अलावा सर्दियों के मौसम में भी आप घूमने के लिए जा सकते हैं, जिसमें आपको चारों तरफ बर्फ ही बर्फ देखने को मिलती हैं।
सबसे अधिक पर्यटक सर्दियों के मौसम में आते है और बर्फबारी का आनंद प्राप्त करते हैं। बारिश के मौसम में अधिक पर्यटक नहीं आते हैं। इसके आलावा आप कभी भी कुल्लू में घूमने के लिए जा सकते हैं।
कुल्लू घूमने के लिए कैसे जाएं?
आप कुल्लू घूमने के लिए सड़क मार्ग, ट्रेन मार्ग और वायुयान मार्ग से जा सकते हैं।
वायुयान से कैसे जाएं?
यदि आप कुल्लू घूमने के लिए हवाई जहाज से जाना चाहते है तो आपको नज़दीक के हवाई अड्डा भूंटर पर उतरना होगा। आप प्रत्येक राज्य से हवाई जहाज के द्वारा इस अड्डे पर उतर सकते हैं।
हवाई अड्डे के बाहर से आपको बस या कैब को बुक करना होगा। भुंटर से कुल्लू के बीच की दूरी 233 किमी की हैं।
ट्रेन मार्ग से कैसे जाएं?
ट्रेन द्वारा कुल्लू में घूमने के लिए जाना चाहते है तो आपको नज़दीक का रेलवे स्टेशन जोगिंदरनगर में उतरना होगा। जोगिंदरनगर से कुल्लू के बीच की दूरी करीब 125 किमी की हैं। स्टेशन के बाहर से आपको कैब किराए पर मिल जाएँगी।
सड़क मार्ग से कैसे जाएं?
सड़क मार्ग द्वारा आप कुल्लू में आसानी से घूमने के लिए जा सकते हैं। इसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार की राज्य बसे और प्राइवेट बसें चलती हैं।
यदि आप किसी अन्य जगह से आ रहे है तो आपको चंडीगढ़ में उतरना होगा, जहां से आप हिमाचल राज्य की सरकारी बस द्वारा कुल्लू तक जा सकते हैं।
भारत के मुख्य शहरों से कुल्लू की दूरी
शहर का नाम | कुल्लू की दूरी (KM में) |
दिल्ली | 559.6 |
जयपुर | 727.6 |
जोधपुर | 976.8 |
कोलकाता | 2,075.4 |
मुंबई | 1,868.2 |
बैंगलोर | 2,683.6 |
चेन्नई | 2,716.7 |
हैदराबाद | 2,092.4 |
अहमदाबाद | 1,375.9 |
कुल्लू टूरिस्ट प्लेस फोटो गैलरी (Best Places to Visit in Kullu Images)
FAQ
कुल्लू में घूमने के लिए जाते है तो आपके पास कम से कम 10,000 से लेकर 15,000 रुपए के बीच का बजट होना चाहिए।
कुल्लू में घूमने के लिए आप किसी भी मौसम में जा सकते हैं लेकिन बारिश के मौसम में जाने से बचे।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको कुल्लू में घूमने की जगह (Kullu Me Ghumne ki Jagah) के बारे में बताया हैं। आशा है आपको इस लेख के माध्यम से कुल्लू की यात्रा की पर्याप्त जानकारी प्राप्त हुई होगी। यदि यह लेख अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
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