Jodhpur Me Ghumne Ki Jagah: सूर्य नगरी के नाम से पहचाना जाने वाला राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर जोधपुर पर्यटकों के लिए सबसे लोकप्रिय जगह है। यहां पर 15वीं शताब्दी के जीवन की झलक पर्यटकों को देखने को मिल सकती है।
यहां की ऐतिहासिक इमारतें, यहां का पहनावा, संस्कृति, रिती रिवाज यहां आने वाले पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं। यहां पर कई ऐसे पर्यटक स्थल है, जिसे देखकर पर्यटक यहां बार-बार आने को मजबूर हो जाए। जोधपुर में ज्यादातर घर नीले रंग में रंगे हुए है, जिसके कारण इसे ‘ब्लू सिटी’ के नाम से भी जाना जाता है।
यदि आप राजस्थानी रिती रिवाज, पहनावे, संस्कृति और उनके त्यौहार इत्यादि से रूबरू होना चाहते हैं तो छुट्टियों के दौरान जोधपुर घूमने के लिए जरूर आए। यहां पर विभिन्न पर्यटक स्थलों के अतिरिक्त कई प्रकार की पारंपरिक व्यंजन भी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है।
यदि आप जोधपुर की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो बिल्कुल सही लेख पर आए हैं। क्योंकि आज के लेख में हम आपको जोधपुर की यात्रा से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी देने वाले हैं।
जिसमें हम आपको जोधपुर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य, जोधपुर में पर्यटक स्थल, जोधपुर की प्रसिद्ध चीजें, जोधपुर में प्रसिद्ध व्यंजन और जोधपुर कैसे पहुंचे?, वहां पर कहां ठहरे और किस तरीके से आप जोधपुर घूम सकते हैं इत्यादि जानकारी देंगे तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
जोधपुर में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल | Jodhpur Me Ghumne Ki Jagah
जोधपुर से जुड़े रोचक तथ्य
- भारत के एकीकरण के समय जोधपुर के महाराजा हनुमान सिंह जोधपुर को भारत से अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में लाना चाहते थे लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल के कारण जोधपुर भारत में सम्मिलित हो पाया।
- आंकड़ों के मुताबिक जोधपुर से ही सबसे ज्यादा लोग भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंट बनते हैं, जिसके कारण इस शहर को चार्टर्ड अकाउंट की खान भी कहा जाता है। यह आंकड़े जोधपुर के शिक्षा में होने वाली वृद्धि को भी प्रदर्शित करता है।
- जोधपुर के कई सारे इलाकों को ऐतिहासिक कहानियों से जुड़े फिल्मों में फिल्माया गया है। यहां पर कई सारी ऐतिहासिक इमारतें और किले हैं, जिसके कारण यहां पर पर्यटक काफी मात्रा में विजिट करने आते हैं।
- जोधपुर में भारतीय वायु सेन, थल सेना और सीमा सुरक्षा बल का प्रमुख केंद्र है। क्योंकि यह शहर पाकिस्तान बॉर्डर के काफी नजदीक में है।
- जोधपुर में राजस्थान का न्यायिक हेडक्वार्टर भी मौजूद है।
जोधपुर में घूमने की जगह (Jodhpur Tourist Places in Hindi)
कदम खंडी
यदि आपको झरने देखने का शौक है तो आप जोधपुर की यात्रा के दौरान कदम खंडी को देखने आ सकते हैं। यह एक शानदार प्राकृतिक झरना है, जो जोधपुर मुख्य केंद्र से 10 किलोमीटर की दूरी पर और जोधपुर रेलवे स्टेशन से 18 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
पहाड़ी गलियारों से निकलता हुआ तेज पानी का बहाव काफी खूबसूरत दृश्य उत्पन्न करता है। यहां पर पर्यटक बारिश के मौसम में ज्यादातर आते हैं क्योंकि इस दौरान यहां पर पर्याप्त मात्रा में पानी मौजूद होता है, जिससे यहां पर पर्यटक झरने के पानी में नहाने का आनंद लेते हैं।
राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क
मेहरानगढ़ किले के किनारे पर स्थित यह राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क आज पर्यटक को के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र बन चुका है। इस पार्क में 200 से भी अधिक प्रजातियों के पौधों के बारे में जान सकते हैं। यहां पर रेगिस्तान और चट्टानी क्षेत्रों के मूल पौधे बिज और कलमो से उगाए जाते हैं।
इस पार्क को साल 2006 में स्थापित किया गया था। यदि आपको विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों के बारे में जानने का शौक है तो जोधपुर की यात्रा के दौरान इस सुंदर पार्क को विजिट करने आ सकते हैं।
जोधपुर का मेहरानगढ़ का किला
जोधपुर में मेहरानगढ़ का किला सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, जो 5 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ 410 फीट ऊंची एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस मेहरानगढ़ किले के अंदर विशाल परिसर है। साथ ही दीवारों पर काफी जटिल नक्काशीदार डिजाइन किए गए हैं। यहाँ का शाही हॉल बलुआ पत्थर से बना हुआ है।
इसके अतिरिक्त किले में संग्रहालय भी है, जिसमें पर्यटक जोधपुर और राजस्थान से जुड़ी इतिहास की झलक पा सकते हैं। इसके अतिरिक्त संग्रहालय में शाही पालकी, राजा महाराजाओं के तलवारे, चित्र और पुराने संगीत वाद्य यंत्र भी रखे हुए हैं।
इस किले को 1459 में राव जोधा द्वारा बनाया गया था। इसे देश का सबसे बड़ा किला भी माना जाता है। इस किले की दीवार 36 मीटर ऊंची और 21 मीटर चौड़ी है।
जसवंत थड़ा महल
मेहरानगढ़ किले के बाई ओर बनी जसवंत थड़ा महल अपने खूबसूरत कलाकृतियों के लिए देशभर में प्रख्यात है। इस महल को राजस्थान का ताजमहल भी कहा जाता है, जो पूरी तरीके से सफेद दूधिया पत्थर से बनाया गया है। इस महल को महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की याद में बनाया गया था।
इस महल के नक्काशिदार बुर्ज और सुंदर गुंबद में दिन भर सूरज की रोशनी रहती है, जिसके कारण यह चमचमाते रहता है। यहां पर राठौर वंश से जुड़े प्रभावशाली चित्र और शानदार कलाकृतियों का संग्रह भी है।
मंडोर गार्डन
जोधपुर से उत्तर दिशा में 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मंडोर गार्डन लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक है, जिसे छठी शताब्दी में बनाया गया था। यह गार्डन इस शहर की प्राकृतिक खूबसूरती को बढ़ा देता है।
यहां पर एक सरकारी संग्रहालय और मंदिर भी मौजूद है। यहां पर अनगिनत प्रजातियों के पेड़ पौधे है। साथ ही पत्थर की बनी छत है, जो अद्भुत वास्तुकला का एक नमूना है।
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जोधपुर कैसे पहुंचे?
जोधपुर राजस्थान का एक मुख्य शहर है और यहां पर लाखों की संख्या में हर साल पर्यटक घूमने के लिए आते है। इसके कारण यह शहर भारत के विभिन्न राज्यों और शहरों से रेलवे, सड़क और हवाई तीनों मार्गो से जुड़ा हुआ है। इसीलिए जोधपुर की यात्रा के लिए आप तीनों में से किसी भी मार्ग का चयन कर सकते हैं।
जोधपुर की यात्रा के लिए ट्रेन मार्ग का चयन कर सकते हैं। जोधपुर राजस्थान का एक प्रमुख शहर होने के नाते यह भारत के विभिन्न बड़े और छोटे शहरों से ट्रेन मार्ग के द्वारा अच्छे से जुड़ा हुआ है। आपको अपने शहर से जोधपुर के लिए आसानी से ट्रेन मिल जाएगी।
जोधपुर की यात्रा के लिए हवाई मार्ग का भी चयन किया जा सकता है। जोधपुर के मुख्य शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर जोधपुर का अपना हवाई अड्डा स्थित है, जो कोलकाता, मुंबई, दिल्ली जैसे भारत के कई बड़े शहरों से हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है।
जोधपुर भारत के कई प्रमुख शहर जैसे दिल्ली, मुंबई, कोटा, अहमदाबाद और इंदौर से अच्छी तरीके से रोड नेटवर्क द्वारा जुड़ा हुआ है, जिसके कारण जोधपुर की यात्रा सड़क मार्ग से करना भी आपके लिए आरामदायक साबित हो सकता है।
सड़क मार्ग से जोधपुर की यात्रा करने के लिए आप डीलक्स बस, एसी कोच या फिर राज्य द्वारा संचालित बसों के माध्यम से कर सकते हैं।
जोधपुर में कहां ठहरे?
जोधपुर की यात्रा करने वाले पर्यटकों को यहां पर ठहरने के लिए कई सारे होटल उचित रेट पर मिल जाते हैं। आप अपने पसंद के अनुसार किसी भी होटल में रूम बुक करवा सकते हैं। यहां पर आपको बड़े-बड़े पैलेस में भी रहने का मौका मिल सकता है, जहां पर आप अपने आप को राजा महाराजा जैसा अनुभव कर सकते हैं।
हालांकि ऐसे ऐतिहासिक पैलेस में रहने का खर्च भी काफी ज्यादा आ सकता है। जोधपुर में कई सारी प्रसिद्ध होटल है, जिसके बारे में आप इंटरनेट पर सर्च करके पता कर सकते हैं।
जोधपुर कैसे घूमे?
जोधपुर के बस स्टैंड या फिर रेलवे स्टेशन से आपको कई सारी ट्रेवल पॉइंट मिल जाएंगी, जहां पर पर्यटकों के लिए उचित किराए में यातायात की सेवाएं प्रदान की जाती है।
यहां से अपने अनुसार स्कूटी, बाइक या टैक्सी किराए पर लेकर जोधपुर की यात्रा कर सकते हैं। यहां पर किसी भी वाहन का किराया प्रति दिन के हिसाब से लिया जाता है। साथ ही वाहन को किराए पर लेने से पहले आपको कुछ डॉक्यूमेंट भी जमा करना पड़ता है।
जोधपुर घूमने का सबसे अच्छा समय
जोधपुर थार के रेगिस्तान के पास में स्थित होने के कारण यहां पर अप्रैल से जुलाई के महीने तक काफी गर्मी रहती है। यहां तक कि इस दौरान यहां का तापमान भी काफी ऊंचा हो जाता है, जिसके कारण यह समय पर्यटकों के लिए यहां की यात्रा करना बिल्कुल भी उचित नहीं होता।
इसीलिए जोधपुर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से लेकर मार्च महीने का है। क्योंकि इस दौरान यहां पर ठंड रहती है और ठंड के दौरान यहां पर यात्रा करना काफी आनंददायक हो सकता है। यहां पर नवंबर से लेकर जनवरी के दौरान काफी ठंड हो सकती है, इसीलिए अपने साथ स्वेटर या जैकेट जरूर रखें।
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जोधपुर में खाने के लिए प्रसिद्ध भोजन
जोधपुर की यात्रा के दौरान आपको राजस्थान की कई पारंपरिक शैली में परोसे जाने वाले व्यंजनों का स्वाद लेने को मिल सकता है। राजस्थानी पारंपरिक व्यंजन में कई सारे व्यंजन शामिल है, इसके अतिरिक्त यहां पर स्ट्रीट फूड भी काफी मशहूर है।
यहां पर भारत के विभिन्न कोणों से पर्यटकों के आने के कारण भारत के विभिन्न राज्यों के लोकप्रिय व्यंजन पर्यटकों को यहां भी देखने को मिल जाते हैं। जोधपुर के कुछ लोकप्रिय व्यंजन निम्नलिखित हैं।
मखनिया लस्सी
गर्म धूल भरी जोधपुर की गलियों में यात्रा करने के बाद पर्यटक अपने आप को ठंड का एहसास देने के लिए ठंडा ठंडा मखनिया लस्सी का स्वाद ले सकते हैं। यह जोधपुर में सबसे अच्छे स्ट्रीट फूड में से एक है जो इलायची, केसर और गुलाब जल के स्वाद के साथ गाड़ी मलाईदार दही से बने छाछ से बनाया जाता है।
यह इतना गाढा होता है कि आप पीने के अतिरिक्त आप इसे चम्मच से भी खा सकते हैं। गर्म माहौल में इस ठंडी मलाईदार लस्सी को खाकर पर्यटक अपने आप को तृप्त करते हैं।
दाल बाटी चूरमा
दाल बाटी चूरमा राजस्थान का लोकप्रिय व्यंजन हैं, जिससे यह जोधपुर में भी काफी प्रख्यात है। अलग राज्यों और शहरों से आए पर्यटकों को जब आग पर पकाएं गए बाटी को मसालेदार दाल और घी के साथ परोसा जाता है तो उन्हें एक नए स्वाद का एहसास होता है। जो लोग राजस्थान राज्य से नहीं है, वह वहां के इस लोकप्रिय व्यंजन दाल बाटी चूरमा के स्वाद का आनंद ले सकते हैं।
दही चाट
भारत के लोगों की यही खासियत है कि उन्हें चटपटी चीजें काफी पसंद है। जोधपुर में भी काफी सारी चटपटी मसालेदार स्वाद वाली व्यंजन का आनंद लेने का मौका मिल सकता है। उन्हीं में से एक दही चाट भी है, जो जोधपुर के सबसे लोकप्रिय स्ट्रीट फूड में से एक है।
तेल में तले हुए कुरकुरे पापड़ी, पूरी को उबले हुए मटर और आलू के साथ मिक्स किया जाता है और फिर ऊपर से चाट मसाला, दही, चटनी कटा हुआ प्याज और अन्य मसालों को डालकर परोसा जाता है। यदि आपको भी खट्टे मीठे और तीखे स्वाद का शौक है तो इस दही चार्ट को खाने का आनंद ले सकते हैं।
इन सब व्यंजनों के अतिरिक्त बाजरे का सोगरा, चंदनिया सब्जी और कचरा मिर्ची सब्जी, काबुली सब्जी काफी मशहूर है। इसके अतिरिक्त मीठे व्यंजन भी काफी लोकप्रिय है, जिसमें आटे का हलवा, बादाम का हलवा, बाजरे का हलवा शामिल है। जोधपुर की यात्रा के दौरान इन सभी स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेना बिल्कुल ना भूलें।
जोधपुर की यात्रा करने का खर्च
जोधपुर की यात्रा करने का खर्च कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे कि आप जोधपुर की यात्रा कितने दिनों के लिए करना चाहते हैं। आप वहां पर कौन से होटल में ठहरने वाले हैं।
इसके अतिरिक्त ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा और घूमने-फिरने और खाने-पीने का खर्चा भी शामिल करना पड़ेगा। एक अंदाज़ के अनुसार जोधपुर धुमने का खर्च प्रति व्यक्ति 1000 रुपये पड़ सकता है, जिस में खाने का रहने का और घूमने का खर्च भी शामिल है।
FAQ
जोधपुर में लूनी नदी बहती है, जो अजमेर के पास स्थित अरावली पहाड़ियों की पुष्कर घाटी से उत्पन्न होती हुई थार रेगिस्तान के दक्षिण-पूर्व हिस्से से गुजरती है और जोधपुर जिले में बिलाया के पास प्रवेश करती है।
थार के रेगिस्तान के बीच स्थित जोधपुर ऐतिहासिक महल, किले, दुर्ग और कई सारे मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही यहां की संस्कृति लोगों का रीति रिवाज, रहन सहध यहां के पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है।
जोधपुर शहर अपने पारंपरिक रीति रिवाज और संस्कृति के लिए लोकप्रिय है। यहां पर कई प्रकार के पारंपरिक त्योहार मनाए जाते हैं, जिसमें मारवाड़ उत्सव, नागौर मेला, अंतरराष्ट्रीय लोक महोत्सव, फ्लैमिंगो फेस्टिवल और जोधपुर इंटरनेशनल डेजर्ट पतंग महोत्सव शामिल है।
जोधपुर शहर को बसाने का श्रेय राठौर वंश के प्रमुख राव जोधा को जाता है। इस शहर को 1459 ईस्वी में बसाया गया था।
जोधपुर में पर्यटक विभिन्न पर्यटक स्थलों की सुंदरता को देखने के अतिरिक्त फ्लाइंग फॉक्स, ऊंट की सवारी साथ ही जोधपुर के कई प्रसिद्ध बाजारों में खरीदारी भी कर सकते हैं।
जोधपुर में कई सारी ऐतिहासिक इमारतों के साथ यहां पर कई सारे धार्मिक स्थल और मंदिर भी है। यहां पर सोमनाथ मंदिर, ओम बन्ना मंदिर, महामंदिर मंदिर, चामुंडा माता मंदिर और महामंडलेश्वर महादेव जैसे मंदिर है, जिसका दर्शन करने के लिए हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर आते हैं।
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने आपको राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा और मशहूर शहर जोधपुर के यात्रा से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी दी, जिसमें हमने आपको जोधपुर में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल (Jodhpur Me Ghumne Ki Jagah), जोधपुर से जुड़ी कई सारी रोचक तथ्य, वहां का लोकप्रिय भोजन, वहां पर रुकने की जगह और जोधपुर कैसे जाएं इन सभी चीजों के बारे में बताया है।
तो हमें उम्मीद है कि आज का यह लेख जोधपुर टूरिस्ट प्लेस (jodhpur tourist places in hindi) आपके जोधपुर की यात्रा को सुगम बनाने में मदद करेगा। यदि लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अपने दोस्तों में जरुर शेयर करें। साथ ही लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो आप कमेंट सेक्शन मैं लिखकर जरूर बताएं।
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