मध्य प्रदेश में स्थित जबलपुर एक खूबसूरत शहर है, जो औद्योगिक शहर के रूप में भी जाना जाता है। यह पवित्र नदी नर्मदा के तट पर स्थित है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह शहर 367 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ हैं।
इस शहर में स्थित सदियों पुरानी पिसनहारी की मड़िया जैन मंदिर का मनमोहक दृश्य यहां आने वाले पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं। इसके अतिरिक्त यहां पर कई सारे पर्यटक स्थल है, जहां पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटकों की भीड़ रहती है।
इस शहर के आकर्षित घाट, झरने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संरचनाओं की शानदार पर्यटन स्थल लोगों को काफी आकर्षित करती है। यदि आप प्रकृति और इतिहास प्रेमी है तो आपको जबलपुर की यात्रा एक बार जरूर करनी चाहिए।
इस लेख में जबलपुर में घूमने की जगह (jabalpur me ghumne ki jagah), जबलपुर पिकनिक स्पॉट, जबलपुर तीर्थ स्थल, जबलपुर के दर्शनीय स्थल, जबलपुर निकटतम पर्यटन स्थल, जबलपुर घूमने का खर्चा आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
जबलपुर में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल | Jabalpur Me Ghumne ki Jagah
जबलपुर के बारे में रोचक तथ्य
- जबलपुर राजपूत काल में कल्चुरी वंश की राजधानी हुआ करती थी, जबलपुर शहर की स्थापना का श्रेय उन्हीं को जाता है।
- जबलपुर की शानदार बैलेंसिंग रॉक एक ऐसी साइट है, जो पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।
- जबलपुर शहर को महर्षि जाबालि से जोड़ा जाता है, जिससे इसे जबालरपुरम के नाम से भी पुकारा जाता है।
- जबलपुर को राज्य की संस्कारधानी भी कहा जाता है।
- जबलपुर में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य खंडपीठ का मुख्यालय भी है, जो अंग्रेजों के जमाने से ही चलता आ रहा है, इसीलिए इसे मध्य प्रदेश की न्यायिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है।
जबलपुर में घूमने लायक जगह (Jabalpur Tourist Places in Hindi)
धुआंधार जलप्रपात
जबलपुर के मुख्य शहर से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह धुआंधार जलप्रपात पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय और आकर्षक का केंद्र है।
जब 98 फीट की ऊंचाई से नर्मदा नदी यहा गिरती है तो बहुत मनोरम दृश्य उत्पन्न करती हैं। इस धुआंदार जलप्रपात को देखने के लिए पर्यटक ज्यादातर मॉनसून के मौसम में आते हैं।
यहां के वोटर फॉल में बोटिंग का आनंद उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त पर्यटक यहां पर केबल कार जैसी एडवेंचर एक्टिविटीज भी करते हैं।
यहां के स्थानीय लोगों के लिए यह बहुत अच्छा पिकनिक स्पॉट भी है। यहां पर सुबह 6:00 बजे से लेकर रात के 8:00 बजे तक पर्यटक आ सकते हैं।
शिव मंदिर कचनार
कचनार जबलपुर के बीचो-बीच स्थित यह एक दार्शनिक स्थान है। यहां पर भगवान शिव को समर्पित मंदिर स्थापित किया गया है। मंदिर का गर्भ ग्रह एक गुफादार जगह में है, जिसके अंदर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई है।
इस मंदिर में भगवान शिव की 76 फीट ऊंची विशालकाय प्रतिमा भी स्थापित की गई हैं। जबलपुर जाए तो इस सुंदर मंदिर का दर्शन करने जरूर जाएं।
ग्वारीघाटी
जबलपुर में स्थित ग्वारीघाट बहुत ही लोकप्रिय जगह है, जहां पर मां नर्मदा की पूजा अर्चना की जाती है। शाम के समय यहां पर आरती की जाती है। यहां पर एक मंदिर भी है जो पानी में आधा डूबा हुआ है।
यदि आप इस जगह को घूमने आना चाहते हैं तो शाम के समय ही आए। क्योंकि शाम के समय यहां का दृश्य बहुत ही ज्यादा मनमोहक हो जाता है। शाम के समय यहां चारों तरफ दिव्य वातावरण का एहसास होता है।
ग्वारीघाट दोस्तों के साथ घूमने आने के लिए जबलपुर में बहुत थी खूबसूरत जगह है। यहां पर आप नर्मदा नदी में नौका विहार का भी लुफ्त उठा सकते हैं। यहां के नावों को बहुत ही सुंदर सजावट दीया गया होता है।
यहां पर नर्मदा की नजाकत भरे सुंदर दृश्य की फोटोग्राफी की जा सकती है। यहां नदी में पंछियों की विशाल झूंड तैरती हुई नजर आती है। इसके खूबसूरत दृश्य को भी आप अपने कैमरे में कैप्चर कर सकते हैं।
तिलवारा नर्मदा घाट जबलपुर
जबलपुर के पर्यटक स्थलों में नर्मदा घाट पर स्थित तिलवारा घाट काफी प्रसिद्ध है। साल भर यहां पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ जमी रहती है। मकर सक्रांति के समय इस जगह की सुंदरता काफी ज्यादा बढ़ जाती हैं।
यदि आपको इस जगह की सुंदरता देखनी हो तो मकर सक्रांति में जा सकते हैं। यहां पर श्रद्धालु मां नर्मदा में स्नान भी करते हैं।
घूघरा जलप्रपात
यदि आप जबलपुर में प्राकृतिक वातावरण का आनंद लेना चाहते हैं और प्रकृति के साथ भरे वातावरण में कुछ पल सुकून का बिताना चाहते हैं तो आपको घूघरा जलप्रपात देखने जरूर आना चाहिए।
शहर के भीड़भाड़ से दूर शांत भरे माहौल की तलाश में यहां पर हर दिन हजारों पर्यटक आते हैं। यहां पर नर्मदा नदी की बहती हुई तेज जलधारा एक मनोरम प्राकृतिक दृश्य उत्पन्न करता है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। यहां पर आप अच्छी तस्वीरें भी खिंच सकते हैं।
घोघरा जलप्रपात देखने के लिए जाते वक्त अपने साथ कुछ नाश्ता भी जरूर लेकर जाए। क्योंकि वहां पर आपको कोई भी दुकान उपलब्ध नहीं मिलेगा।
बारिश के मौसम में यहां पर आने के बाद काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। क्योंकि अत्यधिक बारिश होने के कारण यहां पर नर्मदा का पानी घूघरा फॉल के पास दूर-दूर तक फैल जाता है।
ऐसे में थोड़ी दूर रहकर ही प्राकृतिक नजारे का आनंद लेना सुरक्षित होगा। घूघरा वाटरफॉल जबलपुर के मुख्य शहर से मात्र 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यहां तक आने के लिए सगड़ा रोड से आगे आना पड़ता है। यहां पर आने के लिए आप टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं।
जबलपुर का मदन महल किला
यदि आप इतिहास प्रेमी है, आपको ऐतिहासिक चीजो को एक्सप्लोर करने का शौक है तो आपको जबलपुर के इस जगह पर निश्चित ही आना चाहिए।
मदन मोहन किला जबलपुर में एक चट्टानी पहाड़ के ऊपर स्थित है, जिसे 1116 में राजा मदन शाह द्वारा निर्मित किया गया था। उस समय इस शहर पर उन्हीं का शासन हुआ करता था।
यह किला गोंड शासकों के लिए एक वसीयत नाम के रूप में खड़ा है। उस समय यह किला मुख्य रूप से सैन्य चौकी और पहरेदारी के रूप में कार्य करता था।
इस राजसी किले में आपको उस काल के युद्ध कक्ष, गुप्त मार्ग, अस्तबल और एक छोटा जलाशय भी देखने को मिलेगा, जो उनके स्थापत्य सुंदरता का एक जीवंत उदाहरण है।
बरगी डेम
जबलपुर में नर्मदा नदी पर बरगी डैम बना हुआ है। यह नर्मदा नदी पर बने 30 डेमो में से एक महत्वपूर्ण डैम है। यहां के स्थानीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए जल आपूर्ति का एक प्रमुख स्त्रोत है।
यहां के शांति भरे वातावरण के कारण जबलपुर एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है, जिस कारण इसके बढ़ती लोकप्रियता को नजर में रखते हुए यहां पर अधिकारियों ने पर्यटकों के लिए नाव की सवारी की भी परमिशन दे रखी है।
जबलपुर के अन्य पर्यटन स्थलों को घूमने के बाद आप यहां पर खुली हवा में शांत भरे वातावरण का आनंद लेने के लिए कुछ पल बैठ सकते हैं और सुंदर दृश्य को देखने का लुफ्त उठा सकते हैं।
संग्राम सागर झील
जबलपुर में बाजनामठ किले के पास में स्थित संग्राम सागर झील जबलपुर का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह अपने भव्य स्थानीय आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर स्थानीय लोग मछली पकड़ने के लिए आते हैं।
अगर आप भी अपने दोस्तों या परिवार के साथ जबलपुर घूमने आए हैं तो यहां पर आकर आप भी मछली पकड़ने का लुफ्त उठा सकते हैं। इसके आसपास की खुली हवा के बीच बैठ कर कुछ शांति के पल बिता सकते हैं।
हनुमंतल जैन मंदिर
जबलपुर में स्थित अनेकों प्रमुख मंदिरों में से एक खूबसूरत मंदिर हनुमंतल जैन मंदिर है। जैन समुदायों से जुड़ी यह मंदिर भगवान आदिनाथ को समर्पित है।
मंदिर में आदिनाथ भगवान की काले पत्थर से बनी सुंदर प्रतिमा विराजमान है, जो बेहद ही आकर्षक है। जैन अनुयायियों के अनुसार यह मूर्ति स्वयंभू है। इस मंदिर के आसपास का वातावरण बहुत शांतिपूर्ण है।
मंदिर के किनारे ही खूबसूरत झील है। चारों तरफ पेड़ पौधों के हरियाली के बीच स्थित यह सफेद रंग की मंदिर बेहद खूबसूरत लगती है। मंदिर के परिसर में लगभग और भी 22 मंदिर स्थित है।
जबलपुर गुरुद्वारा
जबलपुर के पर्यटन स्थलों में एक जबलपुर का यह गुरुद्वार भी है, जो नर्मदा नदी के किनारे ग्वारीघाट में स्थित है। यहां पर पर्यटक फूलों से सजे नाव में बोटिंग करने का आनंद लेते हैं।
डुमना नेचर रिजर्व पार्क
यदि आप प्रकृति प्रेमी है तो आपको जबलपुर की सीमा के बाहर स्थित इस पर्यावरण पर्यटन स्थल डुमना नेचर रिजर्व पार्क जरूर जाना चाहिए। यह पार्क लगभग 1058 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
यहां पर पर्यटक आकर पर्यावरण की सुंदर दृश्य, विभिन्न प्रकार की वनस्पति और साहसिक और मनोरंजक गतिविधियों का आनंद लेते हैं। चारों तरफ हरे भरे माहौल में पर्यटक को काफी शांति मिलती है।
यहां पर पर्यटको के मनोरंजन के लिए बोटिंग की भी सुविधा है। साथ ही यहां पर एक छोटा सा चिल्ड्रन पार्क भी है, जहां पर ट्रेन की सवारी की सुविधा है। इसके अलावा यहां पर एक रेस्टोरेंट है, जहां पर पर्यटक कुछ नाश्ता कर सकते हैं, कुछ गेस्ट रिजॉर्ट भी है।
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त्रिपुर सुंदरी मंदिर
जबलपुर में एक और खूबसूरत धार्मिक स्थल त्रिपुर सुंदरी मंदिर है, जो जबलपुर के मुख्य शहर से मात्र 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर मां राजेश्वरी को समर्पित है।
मंदिर में माता राजेश्वरी की काले रंग की प्रतिमा विराजमान है, जो स्वयंभू है और उन पर चांदी का मुकुट चढ़ा हुआ है। मंदिर में कुछ पुरानी मूर्तियां भी रखी गई है, जिन्हें यहां पर खुदाई के दौरान प्राप्त किया गया था।
मंदिर के परिसर में भी बहुत सारे मंदिर हैं, जहां पर कई सारे भगवान की प्रतिमा विराजमान है। मंदिर के परिसर में भैरव बाबा की प्रतिमा भी विराजमान है।
इस मंदिर में लोग अपनी मनोकामना को लेकर आते हैं और मनौती वाले नारियल को लाल चुन्नी में बांधकर जाते हैं, जिसके कारण इस मंदिर के परिसर में बहुत सारे लाल कपड़े में बंधे नारियल लटकते हुए दिखाई देते हैं।
श्री विष्णु वराह मंदिर
जबलपुर जिले के मझौली नामक गांव में श्री विष्णु वराह मंदिर स्थित है। यहां पर भगवान श्री कृष्ण के वराह रूप को दिखाया गया है।
भगवान श्री कृष्ण ने पहली बार मानव रूप में धरती पर अवतार लिया था। लेकिन उनका आधा हिस्सा मानव था और आधा हिस्सा वराह का था, इसीलिए इन्हे वराह कहा गया।
भगवान विष्णु ने वराह का अवतार अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए लिया था। भक्त प्रहलाद का पिता हिरण कश्यप एक राक्षस कुल का था।
लेकिन प्रहलाद भगवान विष्णु का भक्त था और हिरण कश्यप नहीं चाहता था कि प्रहलाद भगवान विष्णु की भक्ति करें, इसीलिए वह उसे मारने की बहुत प्रयास करता है।
लेकिन हर बार भगवान विष्णु के कृपा से उसका प्रयास में सफल हो जाता है। हिरण कश्यप को अपने शक्ति पर घमंड था क्योंकि उसे वरदान था कि उसे कोई भी मानव या जानवर आसमान या धरती पर नहीं मार पाएगा।
अंत में जब हिरण कश्यप का पाप का घड़ा भर जाता है तब भगवान विष्णु उसे मारने के लिए आधा मानव और आधा जानवर का रूप लेकर अपने घुटनों पर सुला कर उसकी हत्या करते हैं। इस तरह धार्मिक दृष्टि से जबलपुर में यह मंदिर बहुत महत्व रखता है।
इस मंदिर में वराह अवतार की मूर्ति के पीछे एक हाथी को भी प्रदर्शित किया गया है, जो भगवान विष्णु का वराह रूप को प्रदर्शित करता है। मंदिर में देवी काली, हनुमान जी और भगवान गणेश की भी मूर्तियां स्थापित है।
जबलपुर का बैलेंसिंग रॉक
जबलपुर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह जगह पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। क्योंकि यहां पर उपरी चट्टान एक निचली चट्टान के ऊपर जिस तरीके से संतुलन बनाए हुए अब तक खड़ा है, वह सच में आश्चर्य चकित है।
यहां की स्थानीय लोगों का कहना है कि कोई भी प्राकृतिक आपदा में भी इस पत्थर का संतुलन नहीं बिगड़ता। यहां तक कि यह चट्टान 6.5 रिक्टर पैमाने की भूकंप में भी अपना संतुलन बनाए रखता है। इस आश्चर्यचकित चट्टान को देखने के लिए जबलपुर आने वाले हर पर्यटक इस जगह पर जरूर आते हैं।
भेड़ाघाट मार्बल रॉक
यह घाट जबलपुर के मुख्य शहर से 25 किलोमीटर दूर नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। यहां के संगमरमर की चट्टानें 100 फीट ऊंची है और 25 किलोमीटर में फैली हुई है।
जबलपुर के मुख्य शहर से यहां पर टैक्सी या कार से पहुंचने में मात्र 30 से 40 मिनट का समय लगता है।
यहां पर स्थित संगमरमर के पत्थरों पर और नर्मदा नदी पर पड़ने वाली सूर्य की किरणें काफी खूबसूरत दृश्य उत्पन्न करती है।
यहां के साथ और मंत्रमुग्ध कर देने वाले वातावरण में रहना पर्यटक को बेहद अच्छा लगता है। यहां पर पर्यटक बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं।
भवरताल गार्डन
अगर आप बच्चे के साथ जबलपुर घूमने जा रहे हैं तो जबलपुर के बीचो बीच स्थित भंवरताल गार्डन आपके लिए बेस्ट जगह हो सकती हैं।
यह गार्डन पूरी तरीके से पेड़ पौधों की हरियाली से भरी हुई है। गार्डन के बीचोंबीच एक फव्वारा है, जो शाम को चालू की जाती है। पूरा गार्डन रंग बिरंगे फूलों से सजा हुआ है।
गार्डन के बीचो बीच काले रंग की रानी दुर्गावती की घोड़े पर सवार भव्य मूर्ति भी स्थापित है। उसी के नीचे कई प्रसिद्ध लोगों की पंक्तियां भी लिखी हुई है।
इस गार्डन के पूरे व्यू को देखने के लिए यहां पर एक जगह व्यूप्वाइंट भी बना हुआ है, जहां तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां लगी है। उस व्यूप्वाइंट से आप पूरे गार्डन को एक बार में देख सकते हैं।
गार्डन में बच्चों के खेलने कूदने के लिए झूला, स्लाइडिंग, स्केटिंग की जगह भी है। इस गार्डन में ₹5 प्रवेश शुल्क लगता है।
वर्ल्ड वाटर पार्क
जबलपुर में बच्चों के साथ अधिक घूमने जा रहे हैं तो वहां पर वर्ल्ड वाटर पार्क आपके लिए सबसे बेस्ट जगह होगा। यहां पर बच्चों के मनोरंजन के लिए बहुत सारी चीजें उपलब्ध है।
यहां के कुछ गतिविधियों में बड़े भी शामिल हो सकते हैं। यहां पर प्रवेश के लिए शुल्क लगता है। प्रति व्यक्ति लगभग यहां पर ₹100 का फीस लगता है। सुबह से शाम के 5:00 बजे तक इस पार्क में प्रवेश रहता है।
चौसठ योगिनी मंदिर
जबलपुर में स्थित यह जगह देश के सबसे पुराने विरासत स्थलों में से एक है, जिसे 10 वीं शताब्दी में कलचुरियों द्वारा निर्मित किया गया था। इस मंदिर के केंद्र में भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित प्रतिमाएं है।
मंदिर में 64 श्राइन है, जो इसके गोलाकार परिसर के दीवारो के साथ बने हुए हैं और प्रत्येक में एक योगिनी की नक्काशीदार आकृति भी है।
हालांकि अब यह मंदिर एक खंडहर में बदल चुका है। लेकिन 150 सीढियों को चढ़ने के बाद इस मंदिर को देखा जा सकता है। खंडहर हो जाने के बावजूद भी यह जगह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
पचमठा मंदिर
जबलपुर स्थित पचमढ़ी मंदिर जबलपुर के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। इसके साथ ही यह एक रहस्य मंदिर है। यह मंदिर देवी लक्ष्मी को समर्पित है, जिसका निर्माण ग्यारह सौ साल पहले करवाया गया था।
इस मंदिर को लेकर रोचक तथ्य यह है कि इस मंदिर के गर्भ ग्रह में विराजमान मां लक्ष्मी की प्रतिमा का रंग दिन में तीन बार बदलता है।
कहा जाता है कि सुबह के समय मां की प्रतिमा का रंग सफेद होता है, दोपहर के समय पीला हो जाता है और शाम के समय नीला हो जाता है।
इतना ही नहीं सूर्योदय के समय सूर्य की पहली किरण मां लक्ष्मी के चरणों पर ही पड़ती है, जो काफी आकर्षक होता है और एक अद्भुत दृश्य उत्पन्न करता है।
इस मंदिर में अक्सर श्रद्धालु की भीड़ उमड़ती है लेकिन शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होने के कारण इस दिन श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ रहती है।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान जबलपुर का प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है। यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। 1 जून 1955 को इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया और 1973 में बाघ अभ्यारण घोषित किया गया।
यह जबलपुर में नर्मदा नदी के तट पर स्थित घोघरा जलप्रपात से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस राष्ट्रीय उद्यान की हरियाली पर्यटकों को यहां आने के लिए मोहित करती हैं।
यह राष्ट्रीय उद्यान जंगली सूअर, ढोल, गौर, बरसिंघा जैसे कई प्रजाति के जानवरों का बसेरा है। इसके अतिरिक्त यहां पर आप कई प्रजाति के पक्षियों को देखने का भी लुप्त उठा सकते हैं। यह राष्ट्रीय अभ्यारण 940 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
कंकाली देवी मंदिर
कंकाली देवी मंदिर जबलपुर में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर जबलपुर के पास ही तगावा नामक गांव में स्थित है। इसीलिए इसे तगावा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
यह मंदिर तकरीबन 1000 साल पुरानी मंदिर है। यह मंदिर 1 मंजिला वाला सपाट छत का मंदिर है, जिसके सामने छोटा सा आंगन बना हुआ है और उसमें एक हवन कुंड है।
मंदिर में 2 खंबे हैं और खंभों पर खूबसूरत फूल पत्तों की आकृति उकेरी गई है। मंदिर के दीवारों पर भी भगवान विष्णु की खूबसूरत प्रतिमा चित्रित की गई है।
मंदिर में मां कंकाली देवी की प्रतिमा विराजमान है। इसके अतिरिक्त मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ, भगवान विष्णु, भगवान नरसिंह और चामुंडा देवी की प्रतिमा देखने को मिलती है।
पिसनहारी की मढ़िया
जबलपुर में एक पहाड़ी की चोटी पर हरी भरे पेड़ पौधों के बीच स्थित यह मंदिर एक जैन तीर्थ स्थल है। यह मंदिर जैन धर्म के दिगंबर संप्रदाय से संबंधित है, जिसे 500 साल पहले एक बूढ़ी औरत द्वारा बनाया गया था।
मंदिर की उत्तम डिजाइन, वास्तुकला और प्रमुख मूर्तियां यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करती है, इसी के कारण यह जगह जबलपुर का एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है। यहां के शांत वातावरण में पर्यटक को काफी अच्छा महसूस होता है।
तिलवारा घाट
तिलवारा घाट जबलपुर में देखने लायक प्रमुख स्थानों में से एक है। यह घाट नर्मदा नदी के तट पर स्थित जबलपुर का महत्वपूर्ण घाट है।
इस घाट को लेकर एक रोचक तथ्य यह है कि इसी स्थान पर महात्मा गांधी की अस्तथयों को नर्मदा नदी की पवित्र जल में विसर्जित किया गया था। इस घाट के आसपास कई प्रमुख हिंदू मंदिर स्थित है।
इसके अलावा यहां के आसपास की संगमरमर की चट्टानें इस क्षेत्र को और भी खूबसूरत बनाती हैं। शाम के समय इस घाट पर ठंडी हवाओं के साथ नाव की सवारी का आनंद ले सकते हैं।
रानी दुर्गावती संग्रहालय
जबलपुर में रानी दुर्गावती संग्रहालय एक बेहतरीन देखने लायक जगह है। रानी दुर्गावती संग्रहालय रसेल चौक के पास स्थित है।
यहां पर आदिवासी संस्कृति और उनकी कलाकृतियों की झलक देखने को मिलती है, जो निश्चित तौर पर आपको बहुत आकर्षित करेगी।
इस संग्रहालय में 64 योगिनी मंदिर की भी मूर्तियां रखी गई है। इतना ही नहीं यंहा पर महात्मा गांधी की भी कुछ विभिन्न तस्वीरें संग्रहित करके रखी गई है।
जबलपुर में 1 दिन में घूमने लायक जगह
- बैलेंसिंग रॉक जबलपुर
- संग्राम सागर झील जबलपुर
- शिव मंदिर कचनार
- तिलवारा नर्मदा घाट जबलपुर
- भवरताल गार्डन जबलपुर
- पिसनहारी की मढ़िया
जबलपुर में कपल के साथ घूमने लायक जगह (Places to Visit in Jabalpur for Couples)
- घूघरा जलप्रपात
- लम्हेटाघाट जबलपुर
- डुमना नेचर पार्क जबलपुर
- बरघि बाँध
- मदन महल, रानी दुर्गावती किला जबलपुर
- चैंसठ योगिनी मंदिर जबलपुर
- देवताल गार्डन जबलपुर
- सी वर्ल्ड वाटर पार्क जबलपुर
- जबलपुर गुरुद्वारा
- त्रिपुर सुंदरी मंदिर जबलपुर
जबलपुर के आसपास घूमने की जगह (Places to Visit Near Jabalpur Within 100 km)
- Bada Fawara Market
- Badshah Halwai Temple, Jabalpur
- Baglamukhi Temple, Jabalpur
- Bajnamath Mandir, Jabalpur
- Balancing Rocks, Jabalpur
- Bargi Dam
- Bhadbhada Waterfall
- Bhainsaghat
- Bhawartal Garden, Jabalpur
- Bhedaghat Marble Rocks
- Chausat Yogini Temple, Jabalpur
- Devtal Garden And Pond, Jabalpur
- Dhuandhar Falls
जबलपुर में शॉपिंग
अक्सर लोग किसी भी शहर घूमने जाते हैं तो वहां वे यात्रा की याद के रूप में कुछ ना कुछ विशेष चीजें जरूर खरीदते हैं।
जबलपुर में पत्थरों की मूर्तियां, स्मृति चिन्ह इसके अतिरिक्त अन्य कई तरह की हस्तशिल्प बिकते हैं, जिन्हें आप यात्रा की याद के रूप में खरीद सकते हैं। यहां पर विभिन्न तरह की चीजें मिलती है।
जबलपुर में शॉपिंग करने के लिए कई सारे मॉल और फेयरेसृट मार्केट है, जहां पर दुनिया भर की सभी चीजें मिलती है।
जबलपुर में ट्रेजर आइलैंड मॉल काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, जहां पर आपको सब कुछ मिल जाएगा।
जबलपुर में मिलने वाले कुछ प्रख्यात भोजन
जबलपुर अपने विभिन्न पर्यटक स्थलों के साथ विभिन्न वैरायटी के साथ खानपान के लिए भी प्रख्यात है। यहां के सड़कों किनारे कई सारे छोटी-छोटी दुकानें, रेस्टोरेंट्स और सड़कों पर ठेले की भीड़ मिल जाएगी।
जबलपुर की असली स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लेना है तो उत्सव का समय सबसे बेहतरीन होता है।
जबलपुर में कई सारे ऐसे विक्रेता है, जो अपने चाट के लिए काफी प्रख्यात है। वे पारंपरिक शैली में टिक्की बनाने के लिए काफी प्रसिद्ध है।
वहां की स्थानीय व्यंजनों में मनोरम कबाब प्रख्यात है, इसके अलावा प्रसिद्ध भुट्टे की कीस जो मकई और दूध से बनी होती है। शायद इसका स्वाद आपने कभी नहीं लिया होगा।
जब जबलपुर जाए तो इन स्वादिष्ट व्यंजनों के स्वाद का एक बार जरूर अनुभव लें। जबलपुर में सुबह की शुरुआत करने के लिए आपको हल्का और स्वादिष्ट पोहा ब्रेकफास्ट के नाश्ते के लिए पसंदीदा विकल्प मिल जाएगा।
इसके अलावा यहां पर कई सारे मिठे व्यंजन जैसे गरम-गरम जलेबी, मालपुआ, मावा बाटी इत्यादि शामिल है। यदि मीठे का शौक रखते हैं तो आप जबलपुर में इन मीठे स्वादिष्ट व्यंजनों का भी आनंद ले सकते हैं।
दाल बाफले
दाल बाफला ना केवल जबलपुर बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में लोकप्रिय है। यह बिल्कुल राजस्थान का प्रसिद्ध व्यंजन दाल बाटी से ही प्रभावित है, जिसे बनाने के लिए गेहूं के आटे का प्रयोग किया जाता है।
इसमें गेहूं के आटे को गुथकर गेंद के आकार में आग पर पकाया जाता है, उसे बाफला कहा जाता है और जब यह कुरकुरा हो जाता है तब घी में डुबोया जाता है। उसके बाद मसालेदार दाल और चटनी के साथ इसे परोसा जाता है।
भुट्टे का किस
भुट्टे का किस मध्य प्रदेश का एक लोकप्रिय व्यंजन है। स्वादिष्ट के साथ ही साथ स्वस्थ भी होता है। इसमें भुट्टे को मसाले और दूध के साथ अच्छी तरीके से पकाया जाता है।
पालक पुरी
पालक पुरी गर्म तेल में तला पालक की पूरी होता है, जो जबलपुर में सुबह के नाश्ते में आमतौर पर हर रेस्टोरेंट में परोसा जाता है।
मालपुआ
मालपुआ जबलपुर का एक प्रसिद्ध मिठाई है, जिससे मैदे, दूध और चीनी के घोल से तैयार करके बनाया जाता है। इसमें कई तरह के ड्राई फ्रूट्स को भी ऐड किया जाता है और फिर तेल में डीप फ्राई किया जाता है।
पिलाफ
पिलाफ जबलपुर के स्थानीय भोजन में से एक है, जिसे उबले हुए चावल से बनाया जाता है। उबले हुए चावल में प्याज, तेजपत्ता, दालचीनी, इलायची और अन्य कई तरह के मसालों को मिक्स करके बनाया जाता है और फिर उसे सब्जी या मीट के साथ परोसा जाता है।
खोपरा पाक
आपने काजू का बर्फी जरुर खाया होगा लेकिन क्या आपने नारियल की बर्फी का स्वाद लिया है? खोपरा पाक नारियल से बनी हुई एक बर्फी होती है। इसे बनाने के लिए नारियल को चीनी, दूध और मेवे के साथ पकाया जाता है।
चिकन समोसा
आपने आलू स्टफिंग किया हुआ समोसा बहुत खाया होगा लेकिन क्या कभी आपने नॉन वेज चिकन खाया है?
चिकन समोसा एक नॉन वेज समोसा है, जिसमें चिकन मीट की स्टफिंग करके उसे तेल में डीप फ्राई करके बनाया जाता है और फिर हरी चटनी के साथ सर्व किया जाता।
आलू बोंडा
आलू बोंडा जबलपुर का एक स्थानीय भोजन है। यह स्वादिष्ट शाकाहारी नाश्ता है, जिसे उबले हुए आलू से बनाया जाता है।
उबले हुए आलू को बेसन के घोल के साथ लपेट कर उसे तेल में डीप फ्राई किया जाता है। ऊपर धनिया पत्ता और कई मसालों के साथ गार्निश करके सर्व किया जाता है।
मावा बाटी
मावा बाटी न केवल जबलपुर बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में लोकप्रिय अनूठा मीठा व्यंजन है। देखने में यह बिल्कुल बड़े आकार के गुलाब जामुन की तरह लगता है, जो काफी कुरहांकुरा होता है।
इसमें सूखे मेवे और आटे को मिलाकर गोल गेंद का रूप दिया जाता है और फिर डिप फ्राई किया जाता है। बाद में उसे चीनी की चाशनी में डुबोया दिया जाता है।
उसके बाद इस पर नारियल पाउडर की गार्निश की जाती है, जिससे इसका स्वाद और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
जबलपुर कैसे पहुंचे?
जबलपुर जाने के लिए आप रेलवे, सडक, हवाई मार्ग तीनों में से किसी का भी चयन कर सकते हैं। क्योंकि मध्य प्रदेश में स्थित जबलपुर शहर भारत के सभी बड़े शहरों के यातायात सुविधाओं से अच्छे से जुड़ा हुआ है।
यदि आप जबलपुर जाने के लिए रेल मार्ग का चयन करने का सोच रहे हैं तो बता दें कि भारत के विभिन्न शहरों के रेलवे स्टेशन से जबलपुर का रेलवे स्टेशन जुड़ा हुआ है। आपको आपके शहर के रेलवे स्टेशन से जबलपुर के लिए ट्रेन आसानी से मिल जाएगी।
जबलपुर जाने के लिए सड़क मार्ग का भी चयन कर सकते हैं। भारत के कुछ प्रमुख शहर जैसे कि औरंगाबाद, भोपाल, पुणे इंदौर, नागपुर और बांधवगढ़ से नियमित रूप से बस जबलपुर जाती है। यदि आप इनमें से किसी भी शहर से हैं तो आप बस से भी जबलपुर की यात्रा कर सकते हैं।
यदि आप जबलपुर बहुत कम समय में पहुंचना चाहते हैं तो आप हवाई मार्ग का चयन कर सकते हैं। बता दें कि जबलपुर का डुमना हवाई अड्डा भारत के विभिन्न बड़े शहरों के हवाई अड्डे से जुड़ा हुआ है।
यह हवाई अड्डा जबलपुर के मुख्य शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
भारत के मुख्य शहरों से जबलपुर की दूरी
शहर का नाम | जबलपुर की दूरी (KM में) |
दिल्ली | 848.1 |
जयपुर | 818.5 |
जोधपुर | 1,068.2 |
कोलकाता | 1,123.1 |
मुंबई | 1,102.2 |
बैंगलोर | 1,371.3 |
चेन्नई | 1,404.4 |
हैदराबाद | 780.1 |
अहमदाबाद | 916.5 |
जबलपुर में कहां रुके?
जबलपुर के सभी पर्यटक स्थल को घूमने के लिए आपको कम से कम 2 से 3 दिन की छुट्टी लेकर यहां पर आना पड़ेगा और इन दो-तीन दिन ठहरने के लिए आप होटल का चुनाव कर सकते हैं।
जबलपुर में हाय बजट से लो बजट तक के आपको कई सारे होटल के ऑप्शन मिल जाएंगे। आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी होटल का चयन कर सकते हैं। यहां के सभी होटल में काफी अच्छी सुविधाएं दी जाती है।
विजयन महल जबलपुर, ऋषि रीजेंसी होटल, होटल सत्या अशोका, होटल पोलो मैक्स, द सम्राट जैसे कुछ प्रसिद्ध होटल जबलपुर में है। आप इन होटलों के रूम की बुकिंग ऑनलाइन भी कर सकता है।
जबलपुर कैसे घूमे?
जबलपुर की विभिन्न पर्यटक स्थल को घूमने के लिए आप विभिन्न प्रकार के वाहन को किराए पर ले सकते हैं। यदि आप अकेले या दो लोगों के साथ हैं तो आप स्कूटी और बाइक किराए पर ले सकते हैं।
जबलपुर के रेलवे स्टेशन के बाहर कई सारे ऐसी दुकानें मिल जाएंगी, जहां पर आपको बाइक या स्कूटर 1 दिन के हिसाब से ₹300 के किराए में आसानी से मिल जाएगा।
यदि आप अपने परिवार के साथ हैं तो आपको कार रेंट पर मिल जाएगी। किसी भी वाहन को किराए पर लेने के लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट जमा करने पड़ेंगे, जो वाहन जमा करते ही आपको वापस दे दिए जाते हैं।
जबलपुर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit Jabalpur)
जबलपुर मध्य प्रदेश में पड़ता है। उस हिसाब से यहां ना ही ज्यादा ठंड पड़ती है और ना ही ज्यादा गर्मी। आप अपने अनुसार साल की किसी भी महीने यहां घूमने के लिए आ सकते हैं।
हालांकि जबलपुर घूमने के लिए ज्यादातर पर्यटक सितंबर से फरवरी के महीने में आते हैं। क्योंकि इस दौरान यहां का तापमान लगभग 27 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।
यहां सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल धुआंधार जलप्रपात को देखने के लिए लोग मानसून के समय भी पर्यटक आते हैं।
जबलपुर घूमने का खर्चा
जबलपुर घूमने का खर्चा आपके जबलपुर में ठहरने और घूमने फिरने पर निर्भर करता है। जबलपुर में एक से बढ़कर एक हाई से लो रेट के होटल उपलब्ध है।
ऐसे में यदि आप लो रेक होटल में रहते हैं तो वहां पर प्रतिदिन ₹500 से ₹800 के बीच का किराया लग सकता है।
इसके अतिरिक्त जबलपुर के सभी पर्यटक स्थलों को घूमने में भी 1500 से 2000 तक का खर्चा आ सकता है। इसके अतिरिक्त अलग-अलग मनोरंजक गतिविधियों और खानपान का भी खर्चा शामिल करना पड़ेगा।
इस तरीके से यदि आप अकेले 2 दिन के लिए जबलपुर जाते हैं तो 3000 से 4000 रूपये के बीच में आप जबलपुर की यात्रा कर सकते हैं।
जबलपुर टूरिस्ट प्लेस फोटो गैलरी (Best Places to Visit in Jabalpur Images)
FAQ
जबलपुर जिले के कई सारे नाम है जैसे आम्र जिला, भेड़ाघाट जलप्रपात आदि।
वैसे जबलपुर में करने के लिए कई सारी गतिविधियां है। आप खूबसूरत पर्यटन स्थलों को विजिट कर सकते हैं, शॉपिंग कर सकते हैं, विभिन्न घाटों पर नाव की सवारी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त भेड़ाघाट पर एक तरफ से दूसरे जगह जाने के लिए उपयोग होने वाले केबल कार की सवारी भी कर सकते हैं, जिसके लिए आपको केवल ₹60 का भुगतान करना पड़ता है।
जबलपुर में नर्मदा नदी बहती है।
1781 के बाद जबलपुर मराठों का मुख्यालय हुआ करता था। उसके बाद ब्रिटिश कमीशन का भी मुख्यालय बना।
जबलपुर में नर्मदा नदी के 3 जलप्रपात है: कपिलधारा, दुग्धधारा, भेडाघाट।
जबलपुर कलचुरी और गौंड राजाओं की कर्मभूमि रही है। जबलपुर संगमरमर चट्टानों के बीच बसा हुआ शहर है, जो नर्मदा नदी के किनारे बसा हुआ है। कल कल बहती नर्मदा नदी का दृश्य इस शहर को पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बनाता है। यह शहर जाबालि ऋषि की तपोभूमि भी रहा है और उन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम जबलपुर रखा गया था।
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने आपको जबलपुर टूरिस्ट प्लेस (Places to Visit in Jabalpur), जबलपुर में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल (Jabalpur Ghumne ki Jagah), जबलपुर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य और जबलपुर टूर की सारी आवश्यक जानकारी दी।
हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको आपकी जबलपुर की यात्रा को आसान बनाने में मदद करेगा।
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