इस लेख में डलहौजी में घूमने की जगह (Dalhousie Me Ghumne ki Jagah), डलहौजी शहर में घूमने के लिए कब जाएं?, डलहौजी का प्रसिद्ध भोजन क्या हैं?, डलहौजी में घूमने जाने पर कहां रुके?, डलहौजी घूमने के लिए कैसे जाएं? आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे।
आप में से बहुत से डलहौजी को जम्मू कश्मीर की जगह मानते होंगे। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डलहौजी भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में हैं, जो कि राज्य का एक खुबसूरत शहर हैं।
डलहौजी पर्यटकों के लिए घूमने के लिए एक अच्छी जगह हैं। यहां पर घूमने के लिए कई सारी जगह हैं। हिमाचल राज्य में घूमने आने वाले लोग इस डलहौजी शहर में घूमने के लिए आते हैं। गर्मियों के समय में सबसे अधिक पर्यटक आते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह शहर ब्रिटिश सरकार में अंग्रेजों की सबसे पसंदीदा जगह में थी। इस शहर में अधिक जनसंख्या नहीं हैं। डलहौजी शहर देखने में स्वर्ग जैसा प्रतीत होता हैं।
डलहौजी के बारे में रोचक तथ्य
- वर्ष 1854 में इस शहर को लॉर्ड डलहौजी ने स्थापित करवाया था जोकि उनका गर्मियों में घूमने के लिए फेमस टूरिस्ट प्लेस था।
- हिमाचल प्रदेश राज्य का यह प्रमुख हिल स्टेशन है।
- राज्य में सर्वाधिक पर्यटक डलहौजी शहर में घूमने के लिए आते हैं।
डलहौजी में घूमने की जगह (Places to Visit in Dalhousie in Hindi)
पंचपुला
पंचपुला हिमाचल राज्य के डलहौजी शहर के पास में ही स्थित एक खूबसूरत झरना है, जो कि चारों तरफ से देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़ों से घिरा हुआ है। डलहौजी घूमने आने वाले पर्यटक इस जगह पर जाना नहीं भूलते हैं।
पंचकूला वह जगह है, जहां पर एक साथ पांच धाराएं साथ बहती हैं। पंचकूला की यह सभी धाराएं यहां के आसपास के सभी जगहों पर पानी की आपूर्ति भी करती हैं।
पंचपुला के पास में ही क्रांतिकारी सरदार अजीत सिंह का एक स्मारक बना हुआ हैं। सरदार अजीत सिंह भगत सिंह के चाचा थे। इस जगह पर उन्होंने अपने जीवन की अंतिम सांस ली थी।
यदि आप इस जगह पर घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो आप गर्मी और सर्दी दोनों मौसम में जा सकते हैं। बारिश के मौसम में यहां पर जाना अनुकूल नहीं है।
बारिश के मौसम में भी लोग इस जगह पर घूमने के लिए आते हैं और प्राकृतिक वातावरण का आनंद प्राप्त करते हैं। डलहौजी शहर से पंचपूला की दूरी 10 किमी के आस पास हैं। आप कार या कैब को बुक करके जा सकते हैं।
चामुंडा देवी मंदिर
डलहौजी में माता काली का एक प्राचीन मंदिर भी बना हुआ है, जिसको लोग चामुंडा देवी मंदिर के नाम से भी जानते हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि देवी अंबिका ने तो राक्षस मंडा और चंदा नाम के राक्षसों का वध किया था, जिस कारण से इस मंदिर का नाम चामुंडा देवी मंदिर रखा गया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि काली माता की मूर्ति को एक लाल कपड़े में लपेट के रखा जाता है। इसके अलावा जो भी भक्त माता के दर्शन करने के लिए आता है, वह मूर्ति को नहीं छू सकता हैं।
हिंदू धर्म को मानने वाले लोग माता चामुंडा देवी के दर्शन करने के लिए आते हैं। चामुंडा देवी मंदिर के अंदर माता काली की बड़ी से प्रतिमा स्थापित हैं। मंदिर के बाहर एक झील भी बनी हुई हैं, जिसमें लोग बोटिंग आदि भी करते हैं।
नवरात्रि में माता के दर्शन के लिए भक्तों की काफी भीड़ एकत्रित होती हैं। आप कभी भी माता के दर्शन करने के लिए जा सकते हैं। डलहौजी शहर के पास में ही यह मंदिर परिसर स्थित हैं।
सच दर्रा
डलहौजी का यह दर्रा जो कि पंजाल पर्वत श्रृंखला से करीब 4500 मीटर की ऊंचाई पर हैं, जो डलहौजी शहर को और चंबा और पांगी घाटियों से मिलाता हैं। यदि आप इस तरह को देखना चाहते हैं तो आपको डलहौजी से 150 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी।
आप यहाँ पर कार आदि को बुक करके जा सकते हैं। जो लोग एडवेंचर करना पसंद है, वह पर्यटक अक्सर इस जगह पर आते रहते हैं। यदि आप कार के बजाय बाइक पर इस जगह पर घूमने के लिए आते हैं तो यहां पर आपको काफी मजा आयेगा।
इसके अलावा जो लोग ट्रैकिंग करना चाहते हैं, वह भी इस जगह पर जा सकते हैं। बहुत से पर्यटक ट्रैकिंग करने के लिए भी आते हैं। आप अपने दोस्त, रिश्तेदार और परिवार के साथ इस दर्रा में घूमने के लिए जा सकते हैं।
दैनकुंड पीक
यह जगह डलहौजी शहर की सबसे ऊंची जगह हैं। जहां से आप यहां की घाटियां और पहाड़ों के अद्भुत दृश्य को आसानी से देख सकते हैं। जो लोग प्रकृति प्रेमी होते हैं, उनके लिए यह जगह सबसे खूबसूरत जगह में से एक हैं।
सर्दियों के मौसम में इस पीक पर चारों तरफ से बर्फ से ढकी चोटियां रहती हैं, जो हिमाचल प्रदेश घूमने आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
इस पीक पर वर्ष भर लाखों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। समुद्र तल से दैनकुंड पीक की ऊंचाई 2755 मीटर की हैं। इस पीक को सिंगिंग पहाड़ी के नाम से भी जाना जाता हैं।
आप इस जगह पर जाकर फोटोग्राफी आदि कर सकते हैं। बारिश के मौसम में यह जगह और भी ज्यादा खूबसूरत हो जाती हैं। आप अपने दोस्तों के साथ इस खूबसूरत हिल को देखने के लिए जा सकते हैं।
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गंजी पहाड़ी
गंजी पहाड़ी जो कि डलहौजी शहर से मात्र 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक बहुत ही खूबसूरत पहाड़ी हैं। हालांकि इसके नाम के पीछे एक खास बात यह है कि इस पहाड़ी पर आपको किसी प्रकार की कोई भी वनस्पति देखने को नहीं मिलती हैं।
वैसे भी गंजी का मतलब गंजापन होता है, यानी कि वह जगह जहां पर पेड़, पौधे और वनस्पति नहीं होती हैं। उस कारण इस पहाड़ी को गंजी पहाड़ी के नाम से जाना जाता हैं।
यहां के रहने वाले लोग अक्सर इस पहाड़ी पर पिकनिक मनाने के लिए भी आते हैं। लेकिन सर्दियों के मौसम में अधिक पर्यटक इस पहाड़ी पर घूमने के लिए आते हैं, क्योंकि सर्दी के मौसम में यह जगह बर्फ से ढक जाती हैं, जो कि पर्यटकों को मनोरम दृश्य प्रदान करती है। इस कारण अधिक संख्या में लोग रिमझिम पानी पर घूमने के लिए आते हैं।
सुभाष बावली
यह डलहौजी की प्रसिद्ध घूमने वाली जगह में से एक हैं, जो कि डलहौजी शहर से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। इस जगह का नाम देश के स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा गया हैं।
यह बावली अपनी खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के लिए जानी जाती हैं। सर्दियों में यहां पर चारों तरफ सिर्फ आपको बर्फ के बड़े-बड़े पहाड़ ही देखने को मिलते हैं।
सन 1937 में जब सुभाष चंद्र बोस का स्वास्थ्य खराब हुआ था तो वह इस जगह पर आए थे और यहां पर वो करीब 7 महीने तक रुके थे। इसके बाद उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया था।
बाबली के पास में एक खूबसूरत झरना भी बना हुआ है, जिसमें हिमनदी की धारा प्रवाहित होती हैं, जो इस जगह की सुंदरता में चार चांद लगा देती हैं।
बकरोटा हिल्स
यह जगह डलहौजी शहर की सबसे ऊंची जगह हैं। इस जगह को बकरोटा के नाम से भी जानते हैं, जो कि एक सड़क का सर्किल है। बकरोटा हिल्स जगह पर बहुत ही कम पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
लेकिन सर्दियों के मौसम में इस जगह पर चारों तरफ आपको सिर्फ बर्फ ही बर्फ देखने को मिलती हैं। इसके चारों तरफ देवदार के ऊंचे ऊंचे वृक्ष लगे हुए हैं। आप फोटोग्राफी करने के लिए इस जगह पर आ सकते हैं।
सतधारा झरना
यदि आपको प्रकृति के नजारे को सचमुच देखना चाहते है तो आपको इस जगह पर जरूर आना होगा। इस झरने के आस पास देवदार के काफी ऊंचे ऊंचे पेड़ लगे हुए हैं।
सतधारा झरने का नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि यहां पर कई सारे झरने एक साथ मिलते हैं। यह जगह समुद्र तल से करीब 2036 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं।
यदि आप शांत वाली जगह पर जाना चाहते हैं तो आप हिमाचल प्रदेश राज्य के सतधारा झरने को देखने के लिए जा सकते हैं। इसके आसपास कई सारे औषधि वृक्ष लगे हुए हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस झरने में अभ्रक पाया जाता हैं, जो कि शरीर के त्वचा रोग को आसानी से ठीक कर देता हैं। यदि आप डलहौजी घूमने के लिए जाते हैं तो आप सतधारा झरने को देखने के लिए जरूर जाएं।
यह जगह डलहौजी शहर से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप कैब टैक्सी के माध्यम से इस जगह पर पहुंच सकते हैं।
खजियार
इस जगह को भारत का मिनी स्विट्ज़रलैंड के नाम से जानते हैं। यह डलहौजी शहर के पास में स्थित एक खूबसूरत जगह हैं, जो हिमाचल प्रदेश राज्य में घूमने आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
समुद्र तल से इस जगह की ऊंचाई करीब 3500 फीट की है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और खूबसूरत नजारे के लिए जानी जाती हैं। डलहौजी की यह जगह घूमने की सबसे प्रसिद्ध जगह में से एक हैं।
खजियार में एक छोटी सी झील और एक पठार बना हुआ हैं, जो पर्यटकों को काफी पसंद आता हैं। आप इस जगह पर एडवेंचरिंग के अलावा जोरबीन और ट्रैकिंग आदि कई खेलों का लुफ्त ले सकते हैं। अपने दोस्तों, परिवार के साथ इस जगह पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
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डलहौजी का प्रसिद्ध भोजन
यदि आप राज्य के डलहौजी शहर में घूमने के लिए जाते हैं तो यहां के प्रसिद्ध व्यंजन का लुफ्त जरूर लें। यहां पर आपको खाने के लिए कई प्रकार के व्यंजन मिल जाते हैं।
डलहौजी शहर में खाने के लिए आपको कई सारे होटल और रेस्टोरेंट बने हुए हैं, जहां पर आप बहुत ही कम पैसे में खाने को खा सकते हैं।
इसके अलावा आप हिमाचली राज्य के प्रसिद्ध व्यंजन का भी लुफ्त ले सकते हैं। यहां पर आपको खाने के लिए दाल, दही, चपाती आदि अन्य कई प्रकार की सब्जियां मिल जाती हैं।
डलहौजी में रुकने की जगह
डलहौजी में रुकने के लिए कई सारी जगह हैं। यहां पर आपको कम कीमत पर रुकने के लिए होटल और रेस्टोरेंट मिल जाएंगे, जहां पर आप आसानी से रूक सकते हैं।
डलहौजी जाने का अच्छा समय (Best Time to Visit Dalhousie)
यदि आप डलहौजी में घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो आप कभी भी जा सकते हैं। लेकिन डलहौजी में घूमने के लिए सबसे अधिक पर्यटक मार्च महीने से लेकर जून महीने के बीच में आते हैं। इस महीने में बर्फ पिघलना शुरू हो जाती है।
लेकिन यदि आप अक्टूबर से लेकर फरवरी महीने के बीच में जाते हैं तो आपको चारों तरफ बर्फ ही बर्फ देखने को मिलती है। इस कारण से अधिक से अधिक लोग गर्मियों के मौसम में घूमने के लिए जाते हैं।
डलहौजी घूमने के लिए कैसे जाएं?
ट्रेन मार्ग
यदि आप ट्रेन द्वारा इस जगह पर घूमने के लिए जाते है तो आपको निकट के रेलवे स्टेशन पठानकोट में उतरना होगा। पठानकोट रेलवे स्टेशन से करीब 80 किमी की दूरी पर डलहौजी हैं, जहां से आप बस या कार द्वारा जा सकते हैं।
सड़क मार्ग
सड़क मार्ग से जाने के लिए आप हिमाचल प्रदेश राज्य की सरकारी बस या फिर प्राइवेट बस के द्वारा इस जगह पर आसानी से जा सकते हैं। इसके आलावा आप कैब या टैक्सी आदि को बुक करके भी जा सकते हैं।
वायुयान मार्ग
यदि आप हवाई जहाज से इस जगह पर घूमने के लिए जाना चाहते है तो आपको गगल हवाई अड्डे पर उतरना होगा, जो कि डलहौजी शहर से 14 किमी की दूरी पर स्थित हैं।
FAQ
डलहौजी सर आप अप्रैल महीने से लेकर जून महीने के बीच में कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं।
यदि आप इस शहर को घूमना चाहते हैं आपके पास कम से कम 10,000 रुपए का बजट होना चाहिए।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में डलहौजी पर्यटन स्थल (Dalhousie Tourist Places) के बारे में सारी जानकारी दी हैं। उम्मीद करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरुर करें। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।
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