10+ कुर्ग में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय

Coorg Me Ghumne ki Jagah : भारत पर्यटक स्थलों की भूमि माना जाता है। भारत में हजारों की संख्या में पर्यटक स्थल और मंदिर है, जहां घूमने के लिए देश विदेशों से पर्यटक पहुंचते हैं। भारत के हर राज्य में हजारों पर्यटक स्थल है। पर्यटक स्थलों की सूची में कर्नाटक का नाम भी शामिल है।

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Image: Coorg Me Ghumne ki Jagah

भारत में ऐसे तो हजारों पर्यटक स्थल है लेकिन कर्नाटक में घूमने का आनंद अलग ही आता है। भारत के दक्षिण याकि की कर्नाटक में हजारो घूमने की जगह है, जिसमें कूर्ग का नाम भी शामिल है।

देश में पर्यटक स्थलों और मंदिरो की संख्या कर्नाटक में अधिक है। देश का हर व्यक्ति एक बार यह घूमना पसंद करता है। देश में सबसे अच्छा मौसम भी यही का है, ना तो ज्यादा गर्मी रहती है और ना ही ज्यादा सर्दी रहती है। देश में कर्नाटक एक ऐसा राज्य है, जहां हमेशा ठंडक का माहौल रहता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कूर्ग में घूमने की जगह के बारे में जानकारी देने वाले हैं।

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कुर्ग में घूमने की जगह | Coorg Me Ghumne ki Jagah

कुर्ग के बारे में रोचक तथ्य

  • कुर्ग की उत्पत्ति कोडगु से हुई थी। इसका मतलब माता का आना होता है और यह नाम कावेरी माता को समर्पित था।
  • कुर्ग शहर जो आठवीं शताब्दी में बसा था और यहां पर सबसे पहले गंगा वंश के द्वारा शासन किया गया।
  • यह शहर कई अन्य शासकों की राजधानी भी रह चुका है। जैसेः चोल, चालुक्य और पांडव इत्यादि
  • कुर्ग शहर पर 1947 तक अंग्रेजों का शासन था और अंग्रेजों का एक कार्यालय भी कुर्ग शहर में बना हुआ था।
  • 1950 के पश्चात कुर्ग शहर पूरी तरह से स्वतंत्र राज्य बन गया और उसके पश्चात जब राज्यों का पुनर्गठन हुआ तो कुर्ग को कर्नाटक में शामिल कर दिया।
  • आज के समय में कुर्ग कर्नाटक का एक लोकप्रिय शहर है।

कुर्ग में लोकप्रिय पर्यटक स्थल ( Coorg Tourist Places in Hindi)

राजा की सीट

कूर्ग जो की मदिकेरी के नजदीक स्थित हैं। यहां के राजा पर जहां अपना समय मनोरंजन के लिए बिताते थे, आज के समय में उसको राजा की  सीट के नाम से पहचाना है। उस जगह पर कूर्ग के राजा इस बाग़ में बैठा करते थे और अपना समय बिताते थे।

Twistato
Image: Twistato

इसके लिए इस जगह को राजा की सीट के नाम से पहचाना जाता है। आज के समय में कूर्ग का यह पर्यटक स्थल जहाँ पर लोग खास तौर से फोटो शूट के लिए जाते है। यहाँ की जगह फोटो शूट के लिए फेमस है। यहां पर बना चिल्ड्रन पार्क बच्चो के लिए मनमोहक है। बच्चे यह पर अपने यात्रा को यादगार बना सकते हैं।

इरुप्पू झरना

कर्नाटक के कूर्ग जगह को पहाड़ी इलाके के रूप में जाना जाता है। यहां पर 170 फीट की ऊंचाई से गिरते हुए झरने पर्यटकों के मन को मोह लेते हैं। यहां पर प्रकृति का सौंदर्य काफी आकर्षक है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह रोचक है। कूर्ग में स्थित यह जगह जहां मीठे पाने की झरने बहते हैं। बरसात के समय में यहां जाना और भी रोचक हो जाता है।

Iruppu Waterfalls
Image: Iruppu Waterfalls

क्योंकि बरसात के समय यहां में पर झरनों का पानी का बहाव अधिक होता है और ऐसे में हरियाली की चमक नजर आती है। कूर्ग में स्थित यह जगह पर्यटकों के लिए घूमने की सबसे उत्तम जगह है। यहां पर बारिश के समय में जाना और भी अच्छा रहता है।

नीलकंडी झरना

कूर्ग में स्थित यह झरना जिसे हनी वैली के नाम से भी पहचाना जाता है। लेकिन इस झरने को नीलकंडी झरना भी कहते हैं। कूर्ग में स्थित यह झरना जहां पर लगभग 50 फीट से अधिक ऊंचाई से पानी नीचे गिरता है और आसपास हरे-भरे जंगलों से ढके यह झरने जहां पर्यटकों को एक अद्भुत और खूबसूरत नजारा दिखता है।

Nilkanthi waterfall
Image : Nilkanthi Waterfall

नीलकंडी झरना जो आसपास की हरियाली से पूरी तरह से ढका हुआ है और यहां जाकर प्रकृति को करीब से एहसास करना लोगों को रोचक लगता है। इसलिए यहां पर प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में देश और विदेशों से पर्यटक आते हैं। बारिश के समय में यहां जाना और भी बेहतर माना जाता है। बारिश के समय में झरनों का पानी का बहाव अधिक होता है और हरियाली की चमक भी बड़ी बढ़ जाती है।

मोदिकेरी किला

भारत में किले और दुर्ग बहुत अधिक है और आज के समय में सभी किले और दुर्ग पर्यटक स्थल के रूप में जाने जाते हैं। इसी तरह से मोदिकेरी किला जो कूर्ग में स्थित है। यह किला भारत का एक खूबसूरत पर्यटक स्थल के रूप में पहचाना जाता है। कूर्ग का यह प्रमुख किला जो हजारों साल पुराना है और इस किले को मर्करा किला के नाम से भी पहचाना जाता है।

Madikeri Fort
Image : Madikeri Fort

इस किले को देखने के लिए विदेशी पर्यटक प्रतिवर्ष आते हैं। पुराने समय में इस किले का नाम मर्करा किला था। लेकिन मैसूर सरकार के द्वारा इस किले के नाम को बदलकर मोदिकेरी किला कर दिया गया। यदि आप कर्नाटका की तरफ घूमना जाना चाहते हैं, तो आपके लिए यह एक बेहतरीन पर्यटक स्थल है।

जहां पर आप अवश्य विजिट करें। यहां कई प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष और किले में की गई कारीगरी देखने लायक है। आज की युवा जनरेशन को यह किला पुराने सामान सामग्री और पुरानी इतिहास से जुड़ी कई कथाओं से अवगत कराता है।

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स्वर्ण मंदिर (नामड्रोलिंग मठ)

कर्नाटक में स्थित कुर्ग जिसे हिल स्टेशन के नाम से पहचाना जाता है। लेकिन यहां पर कई मंदिर है जो किसी पर्यटक स्थल से कम नहीं है। कुर्ग का स्वर्ण मंदिर जो प्रेरकों के लिए एक आस्था और विश्वास का केंद्र बना हुआ है। यहां पर बौद्ध धर्म की स्कूल भी है और इसे सबसे बड़ा बौद्ध धर्म शिक्षण केंद्र भी माना जाता है।

Namdroling Monastery Golden Temple
Image : Namdroling Monastery Golden Temple

नामड्रोलिंग मठ जहां पर तिब्बत वास्तुकला और कलाकारी की संस्कृति देखने को मिलती है और तिब्बत की संस्कृति का यह मठ एक बेहतरीन उदाहरण है। नामड्रोलिंग मठ जो कुर्ग हिल स्टेशन से 34 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।

यह स्वर्ण टेंपल जो 80 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है और यहां करीब 5000 से अधिक लोगों के निवास स्थान बने हुए हैं। इसीलिए इसे निवास स्थान के रूप में भी जाना जाता है। कोर्ट में घूमने लायक यह एक बेहतरीन पर्यटक स्थल है।

एबी फॉल्स

कुर्ग हिल स्टेशन में एबी फॉल्स स्थित है, जो मदिकेरी शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। एबी फॉल्स को “अब्बी फॉल्स” के नाम से भी पहचाना जाता है। कुर्ग हिल स्टेशन का सबसे खूबसूरत झरना इसे कहा जाता है। यहां पर्यटक अत्यधिक पहुंचते हैं।

Abbey Falls
Image: Abbey Falls

70 फुट ऊंचाई से इस झरने से पानी गिरता है, जो प्राकृतिक वातावरण की खूबसूरती को चार चांद लगाता है। आसपास पेड़ पौधों और जंगलों की हरियाली इस झरने के सौंदर्य को बढ़ाती है। कुर्ग का यह हिल स्टेशन इस झरने की वजह से काफी लोकप्रिय है।

ताडियनडामल पीक

कर्नाटक में स्थित सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन कुर्ग जो कर्नाटक का एक प्रमुख आकर्षण केंद्र है। कूर्ग हिल स्टेशन की सबसे ऊंची चोटी, जिसे ताडियनडामल पीक के नाम से पहचाना जाता है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 1748 मीटर की है। इसे पूर्व की सबसे ऊंची चोटी कहा जाता है।

Tadiandamol Peak
Image: Tadiandamol Peak

इस पर्वत चोटी पर चढ़ने के पश्चात आसपास की प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा देखने लायक होता है। यहां की चढ़ाई काफी कठिन है। लेकिन यहां चढ़ने के बाद यहां का नजारा आपकी थकान दूर कर देगा। यदि आप भी कूर्ग की तरफ घूमने का प्लान बना रहे हैं तो कूर्ग की सबसे ऊंची चोटी ताडियनडामल पीक पर जाना ना भूलें।

ओंकारेश्वर मंदिर

कर्नाटक सिर्फ पहाड़ी इलाकों के लिए ही नहीं मंदिरों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। ऐसा बताया जाता है कि कर्नाटक में जितने मंदिर है, उतने मंदिर देश के किसी भी राज्य में नहीं है। कर्नाटक का लोकप्रिय हिल स्टेशन कुर्ग जहां का प्रसिद्ध मंदिर ओंकारेश्वर मंदिर जो पर्यटकों के लिए एक आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है।

Omkareshwar Temple
Image: Omkareshwar Temple

ओंकारेश्वर मंदिर  का निर्माण सन 1820 में हुआ था। इस मंदिर का निर्माण लिंगराजेन्द्र द्वितीय के द्वारा करवाया गया। इस मंदिर में जो वास्तुकला के उदाहरण दिए गए हैं, जो सभी पर्यटकों के मन को मोह लेते हैं। जैसे ही कोई भी पर्यटक या श्रद्धालु इस मंदिर के अंदर प्रवेश करता है तो वहां पर एक तांबे की प्लेट लगी हुई है। उस प्लेट पर इस मंदिर के इतिहास के बारे में संपूर्ण जानकारी डिटेल में लिखी हुई है।

आप उस प्लेट पर लिखी जानकारी पढ़कर इस मंदिर से संबंधित संपूर्ण जानकारी हासिल कर सकते हैं। इस मंदिर में इस्लामिक और भौतिक वास्तुकला का एक सुंदर सौंदर्य प्रस्तुत किया गया है। यह मंदिर भगवान शंकर को समर्पित है। यहां पर शिवभक्त अत्यधिक संख्या में प्रतिवर्ष पहुंचते हैं। यहां विदेशी पर्यटकों की संख्या भी काफी ज्यादा रहती है क्योंकि इस मंदिर के आसपास की हरियाली का नजारा देखने लायक है।

ब्रह्मगिरि वन्‍यजीव अभयारण्‍य

कूर्ग में स्थित एक प्रसिद्ध वन्य जीव अभ्यारण जो देशभर में काफी प्रसिद्ध है। विश्व का सबसे बड़ा पक्षी अभ्यारण कूर्ग में स्थित है और भारत के लोकप्रिय 21 प्रसिद्ध अभ्यारण्य में से इस अभ्यारण्य को पहला स्थान दिया गया है। यहां पर दुर्लभ प्रजातियों के पशु-पक्षी को सरक्षित किया गया है। यह अभ्यारण जहां पर चढ़ने और पहाड़ियां मौजूद है।

Brahmagiri Wildlife Sanctuary
Image :Brahmagiri Wildlife Sanctuary

यह अभ्यारण करीब 102 वर्ग किलोमीटर की दूरी में फैला हुआ है। इस अभ्यारण की ऊंचाई धरातल से 160 से लेकर 1712 फीट की है। यहां पर इस अभ्यारण का भ्रमण करना आपके लिए एक नया अनुभव हो सकता है। इस अभयारण्य में नीलगिरी पहाड़ी की चोटी भी स्थित है।

भगामंडला

कुर्ग जिसे हिल स्टेशन के नाम से पहचाना जाता है लेकिन यहां एक दर्शनीय स्थल बंगा मंडल जो कुर्ग का एक लोकप्रिय दर्शनीय स्थल है। यह मदिकेरी से 38 किलोमीटर दूर तलहटी में स्थित है। कावेरी नदी के प्रारंभ के रूप में भी इसे पहचाना जाता है क्योंकि जहां से कावेरी नदी का प्रारंभ होता है। वहीं पर यह दर्शनीय स्थल मौजूद है। साथ ही यह स्थल जिसे त्रिवेणी के नाम से भी जाना जाता है।

Bhagamandala Temple
Imgae: Bhagamandala Temple

यहां पर तीन नदियों का संगम होता है। कावेरी नदी, कनिका नदी और सुज्योति नदी तीनों इसी स्थान पर मिलती है। ऐसा माना जाता है कि कावेरी नदी कावेरा ऋषि को भगवान ब्रह्मा के आशीर्वाद के रूप में मिली थी। यहां पर 3 नदियों का मौजूद संगम और प्राकृतिक सौंदर्य देखने लायक है। यदि आप भी कूर्ग की तरफ घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इस दार्शनिक स्थल पर जरूर जाएं।

कुर्ग में प्रसिद्ध स्थानीय भोजन

उत्तर भारत की तरह दक्षिण भारत में खाने के पकवान समान नहीं है। दक्षिण भारत का अलग ही फूड है। यहां खाने के लिए क्या फेमस है। उसकी जानकारी हम नीचे कुछ इस प्रकार से दे रहे हैं।

मैसूर पाक: बेसन की और शक्कर से बनी यह मिठाई कर्नाटक की फेमस मिठाई है। इसे कन्नड़ भाषा में पाक कहा जाता है। इस मिठाई को पहली बार मैसूर शैलेश की रसोई में तैयार किया गया। आज के समय में यह मिठाई यहां के लोगों की पसंदीदा और प्रसिद्ध मिठाई बन गई है।

मसाला डोसा: पूरे कर्नाटक ने मसाला डोसा प्रसिद्ध है। यहां के मसाले डोसे का स्वाद कहीं नहीं मिलता हैं।

इडली वडा : साउथ खाने कि यदि बात करें, तो इटली वडा का नाम सबसे पहले आता है और कूर्ग में इटली वडा काफी फेमस है। कर्नाटक के हर जगह इटली वडा बड़े चाव के साथ खाया जाता है।

मद्दुर वड़ा: यह कूर्ग का एक फेमस स्नेक है। कर्नाटक के एक इलाके का नाम मद्दुर है, जो मांडया जिले में स्थित है और इसी जगह से इस वडे की शुरुआत हुई थी। इस वडे को बनाने के लिए चावल के आटे और मैदे का प्रयोग किया जाता है। इस बड़े में प्याज, हरी मिर्च, करी पत्ते और नारियल का प्रयोग होता है। इस वड़े का स्वाद कुछ अलग है। इसलिए यह वडा कर्नाटक में प्रसिद्ध है।

इसके अलावा यहां पर जो गोलड रोटी, धारवाड़ पेड़ा, कूर्ग पांडे करी, मंगोलियन बिरयानी इत्यादि प्रसिद्ध है।

कूर्ग घूमने के लिए सबसे अच्छा समय

हर पर्यटन स्थल पर भ्रमण करने का एक उचित समय होता है और उसी समय पर उस जगह जाने का आनंद आता है। इसी प्रकार से कूर्ग में घूमने का यदि प्लान बना रहे हैं तो कूर्ग में घूमने का सबसे सही समय नवंबर से अप्रैल तक का होता है।

बारिश के समय यहां अत्यधिक बारिश होने की वजह से पानी का बहाव अधिक होता है। अतः यदि आप नवंबर से अप्रैल तक जाते हैं, तो यहां पर पहाड़ियों और घाटियों का सौंदर्य सुनहरा नजर आता है और झरनों का भरपूर आनंद उठा सकते हैं।

कूर्ग में रुकने की जगह

पर्यटक स्थल की दृष्टि से कूर्ग काफी बड़ा इलाका है और यहां प्रतिवर्ष लाखों लोग घूमने के लिए आते हैं। इसलिए यहां रुकने की चिंता करने की जरूरत नहीं है। यहां पर पर्यटकों के बजट के अनुसार रुकने के लिए बहुत सारी होटल है, जहां आप अपने बजट के अनुसार होटल बुक करके रुक सकते हैं।

कूर्ग में विला हाउस, सिंधी अहोला, होलीडेइन, कुर्ग ऑर्किड विल्ला जो प्रसिद्ध रुकने की जगह है। यहां पर आप अपने अनुसार रूम बुक करके रुक सकते हैं।

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कुर्ग घूमने के लिए कैसे पहुंचे?

हर जगह पहुंचने के तीन रास्ते होते हैं। सड़क मार्ग, हवाई मार्ग और रेल मार्ग कुल घूमने के लिए भी आप इन तीनों रास्तों की सहायता ले सकते हैं।

सड़क मार्ग: हर पर्यटक स्थल तक पहुंचने के लिए सबसे सुविधाजनक सड़क मार्ग है। सड़क मार्ग के जरिए आप अपने पर्सनल वाइकल या बस की मदद से कूर्ग पहुंच सकते हैं और कूर्ग के पर्यटक स्थलों पर घूम सकते हैं। हर लोकप्रिय शहर से कूर्ग के लिए पर्याप्त मात्रा में बसें उपलब्ध है। बेंगलुरु, मेगलुरु, मैसूर, हसन से आपको कुर्ग जाने वाली बहुत सारी बसें मिल जाएगी।

हवाई मार्ग: कर्नाटक के बाहर से आने वाले या कर्नाटक के किसी अन्य शहर से आने वाले पर्यटकों के लिए हवाई मार्ग सुविधा भी मिलते हैं। हवाई मार्ग के लिए आपको नजदीक एयरपोर्ट मैसूर और मेगलुरु है। इन हवाई अड्डों के जरिए आप कूर्ग तक पहुंच सकते हैं।

इन हवाई अड्डों से आप टैक्सी यहां वाइकल किराए पर लेकर कूर्ग पहुंच सकते हैं। मैसूर हवाई अड्डा पूर्व से 121 किलोमीटर दूर स्थित है और मैंगलोर हवाई अड्डा 168 किलोमीटर दूर स्थित है।

रेल मार्ग: कोर्ट में रेलवे स्टेशन मौजूद नहीं है। लेकिन मैसूर और मैगलुरु तक रेलवे के मदद से पहुंच सकते हैं और वहां से आप टैक्सी या कैब बुक कर के कूर्ग पहुंच सकते हैं। इसके अलावा केरला का शहर थालस्सेरी कुर्ग के नजदीक पड़ता है।

कूर्ग में कैसे घूमे?

यहां घूमने के लिए बहुत सारे पर्यटक स्थल है। लेकिन आपको अपने सुविधानुसार प्लान बनाना होगा कि पहले दिन कहां-कहां घूमना है और उसके पश्चात कहां घूमना है। हमारे हिसाब से पहले दिन आप नामद्रोलिंग मठ, ए बी फॉल्स ओकारेश्वर मंदिर घूम सकते हैं और दूसरे दिन राजा की सीट, इरुप्पू झरना, नीलकंठी झरना, मोदिकेरी किला, स्वर्ण मंदिर घूम सकते हैं।

घूमने के लिए आपको याद तो टैक्सी यह कैब बुक करना होगा क्योंकि यहां पर जगह-जगह बस सुविधा नियमित रूप से नहीं चल रही है।

कूर्ग में घूमने का खर्चा

कूर्ग में यदि आप दो से 3 दिन के लिए घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो प्रति व्यक्ति अनुमानित 7000 रुपए-10000 रुपए का खर्चा आ जाएगा। यहां के वन्य अभ्यारण में घूमने का 1500 रुपए का टिकट होता है।

उसके अलावा यदि आप 5 से 6 पर्यटक स्थल पर घूमते हैं तो आने जाने का खर्चा 2 दिन का रुकने का खर्चा कुल मिलाकर 7000 से ₹10000 तक प्रति व्यक्ति घूमने का खर्चा आएगा। इसके अलावा आप की लोकेशन कूर्ग से कितनी दूर है। उस आधार पर घूमने में कितना खर्चा आएगा, वह आपकी कूर्ग से दूरी पर निर्भर करता है।

कूर्ग घूमते वक्त साथ में क्या रखें?

यहां घूमते समय आपको पहाड़ी इलाका होने की वजह से आपको प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स साथ रखना होगा और ऊंचाई पर चढ़ते समय कई लोगों को उल्टी होना और जी मचलाना ऐसी समस्या होती है। तो उन लोगों को सामान्य मेडिसिन साथ में रखनी होगी। नवंबर से अप्रैल के महीने में वहां पर ज्यादा ठंड तो नहीं रहती हैं। लेकिन आप अपनी उम्र के अनुसार सर्दी से बचने के लिए जैकेट साथ में रख सकते हैं।

FAQ

कूर्ग में घूमने की सबसे प्रसिद्ध जगह कौन सी है?

यहां घूमने के लिए सबसे प्रसिद्ध जगह ए बी फॉल्स और इरुप्पू झरना है।

कूर्ग घूमने का खर्चा कितना आएगा?

यहां पर घूमने के लिए प्रति व्यक्ति ₹7000 से लेकर ₹10000 का खर्चा आता है।

कूर्ग घूमने के लिए सबसे सही समय कौन सा है?

यदि आप कूर्ग घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यहां पर घूमने का सबसे उचित समय नवंबर से अप्रैल तक रहता है।

कूर्ग में खाने के लिए क्या प्रसिद्ध है?

यहां मसाला डोसा मैसूर पाक, इडली वडा, मद्दुर वड़ा,गोलड रोटी, धारवाड़ पेड़ा, कुर्ग पांडे करी, मंगोलियन बिरयानी इत्यादि खाने में प्रसिद्ध है।

निष्कर्ष

कर्नाटक के प्रसिद्ध हिल स्टेशन कुर्ग में घूमने की जगह ( Coorg Me Ghumne ki Jagah) के बारे में हमने इस आर्टिकल के माध्यम से जानकारी आप तक पहुंचाई है। हमें आशा है, कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी सवाल है, तो वह हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकता है।

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