Bir Billing Me Ghumne ki Jagah : देश का सबसे खूबसूरत राज्य हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक लोग छुट्टियों को मनाने के लिए जाते हैं। ऐसा ही राज्य का एक खूबसूरत शहर बीर-बिलिंग हैं, जो की अपने साहसिक खेल के लिए जाना जाता हैं। इसके अलावा यदि आपको पैराग्लाइडिंग करनी है तो, आप इस जगह पर जरूर आए।
पैराग्लाइडिंग करने के लिए सबसे अच्छी बीर बिलिंग ही हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे की राज्य का यह शहर प्रतिवर्ष पैराग्लाइडिंग की मेजबानी भी करता हैं। जब हम पैराग्लाइडिंग करते है तो टेक ऑफ साइड को बिलिंग कहते है जबकि लैंडिंग साइट को बीर कहा जाता हैं। इस कारण से इस शहर का नाम बीर बिलिंग के नाम से जानते हैं।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बीर बिलिंग में घूमने के लिए कौन कौन सी जगह हैं ? बीर बिलिंग घूमने के लिए कब जाए? बीर बिलिंग का प्रसिद्ध भोजन क्या हैं ? बीर बिलिंग घूमने जाने पर कहा रुके ? बीर बिलिंग घूमने के लिए कैसे जाएं ? इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस लेख में जानने को मिलेगे। इसके लिए आप लेख को पूरा पढ़े।
बीर बिलिंग में घूमने की जगह | Bir Billing Me Ghumne ki Jagah
बीर बिलिंग के बारे में रोचक तथ्य
- बीर बिलिंग घूमने आने वाले लोग पैराग्लाइडिंग करने के लिए आते हैं।
- यही पर देश का सबसे प्राचीन मंदिर बना हुआ हैं।
- चामुंडा देवी का मंदिर बीर बिलिंग में हैं।
- शंकर जी का बैजनाथ मंदिर प्रमुख पर्यटक स्थल में से एक हैं।
बीर बिलिंग पर्यटन स्थल (Bir Billing Tourist Places in Hindi)
कांगड़ा किला
यदि आप इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आप राज्य के ऐतिहासिक किले को देखने के लिए जरूर जाए, जो की कांगड़ा शहर से करीब 20 किमी की दूरी पर स्थित हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे की यह किला भारत का सबसे पुराना किला और हिमालय का सबसे बड़ा किला हैं। इस किले के पास में ही व्यास और कई सहायक नदियों की घाटी भी किले के समीप ही हैं।
इस किले के बारे में कहा जाता है की इसमें बहुत अधिक धन रखा गया था जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती थी। किले के अंदर माता का मंदिर भी बना हुआ हैं, जिसमे माता ब्रजेश्वरी की बड़ी सी प्रतिमा स्थापित हैं। मंदिर में अधिक सोना होने के कारण इस किले पर कई बार हमला हुआ हैं। किले तक जाने के लिए आपको कार या फिर टैक्सी का प्रयोग कर सकते हैं।
करेरी झील
यह राज्य की सबसे साफ पानी की खूबसूरत झील हैं, जो की धर्मशाला से करीब 10 किमी की दूरी पर धौलाधार श्रेणी पर स्थित हैं। इस झील की समुद्र तल से 2934 मीटर की ऊंचाई हैं। करेरी झील हिमाचल प्रदेश राज्य का एक प्रमुख पर्यटक स्थल हैं, जहां पर लोग ट्रैकिंग करने के लिए आते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि इस झील में उपस्थित पानी बर्फ के पिघलने के कारण आता हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य में घूमने के लिए आने वाले लोग इस करेरी झील को देखने के लिए जरूर आते हैं। यहां के आसपास का मौसम काफी शानदार होता है। आप अपने दोस्तों और परिवार जनों के साथ इस जगह पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
धर्मशाला से करेरी झील तक जाने के लिए आपको कार या फिर टैक्सी बुक करनी होगी। जिससे आप आसानी से इस जगह पर पहुंच जाएंगे। इसके अलावा आप फोटो ग्राफी का भी लुफ्त ले सकते हैं।
बैजनाथ मंदिर
भगवान बैजनाथ का यह मंदिर काफी विशाल और पुराना हैं जबकि हिमाचल प्रदेश राज्य का सबसे लोकप्रिय मंदिर में से एक हैं। मंदिर के अंदर आपको भगवान शिव की एक बड़ी सी प्रतिमा स्थापित हैं। लेकिन इस प्रतिमा को हीलिंग देवता के रूप में पूजा जाता हैं।
भगवान बैजनाथ या वैद्यनाथ भगवान शिव के कई अवतारों में से एक अवतार हैं। भगवान शिव का यह अवतार भक्तों की पीड़ा को हरने के लिए हुआ हैं। भगवान शिव के भक्तों के लिए यह मंदिर काफी पवित्र माना जाता हैं। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के अंदर उपस्थित जल जो की औषधि का कार्य करता हैं।
इस जल को पीने या फिर नहाने से मनुष्य के अंदर सभी प्रकार की बीमारियां दूर हो जाती हैं। भगवान बैजनाथ के इस मंदिर को दर्शन करने के लिए भारत के कोनो कोनो से लाखों की संख्या में पर्यटक इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं। मंदिर में शिवरात्रि और सावन के महीने में सबसे अधिक भीड़ देखने को मिलती हैं। आप अपने परिवारजनों और रिश्तेदारों के साथ भगवान बैजनाथ के इस पवित्र मंदिर के दर्शन करने के लिए आ सकते हैं।
ज्वालाजी का मंदिर
माता ज्वाला के इस मंदिर को ज्वालामुखी मंदिर के नाम से भी जानते हैं, जो कि राज्य के कांगड़ा जिले के घाटी से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यदि आप धर्मशाला से ज्वाला देवी मंदिर में जाना चाहते हैं तो आपको करीब 60 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। यह मंदिर हिंदू धर्म के लोगों का प्रसिद्ध मंदिर हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि माता ज्वाला देवी के मंदिर में नौ अनंत ज्वालाएं हमेशा जलती रहती हैं। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए हिंदू तीर्थयात्री बड़ी दूर दूर से आते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि यह हिंदुओं का वह मंदिर है जिसमें आपको किसी प्रकार की कोई भी मूर्ति देखने को नहीं मिलेगी, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि जो पवित्र लपटें निकलती हैं उन्हीं में माता की मूर्ति होती हैं।
यह ज्वाला बिना किसी ईधन से दिन-रात जलती रहती हैं। मंदिर के दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में भक्तों की काफी भीड़ आती रहती हैं। नवरात्रि के मौके पर यहां पर लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। धर्मशाला से आप बस या फिर कैब आदि को बुक करके माता ज्वालामुखी के दर्शन करने के लिए जा सकते हैं।
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माता चामुंडा देवी का मंदिर
माता चामुंडा देवी का यह मंदिर राज्य के चंबा जिले में स्थित हैं, जो की बहुत ही प्राचीन मंदिर हैं। इस मंदिर का निर्माण उमेद सिंह ने करवाया था। मंदिर का निर्माण वर्ष 1762 में हुआ था। माता चामुंडा देवी का यह मंदिर पूरी तरह से लकड़ी से बनाया गया हैं। जो कि बानेर घाटी के तट पर स्थित हैं।
माता चामुंडा देवी मंदिर के अंदर माता काली की बड़ी सी प्रतिमा स्थापित हैं। जिन्हें युद्ध की देवी के नाम से स्थानीय लोग जानते हैं। इससे पहले माता के मंदिर तक जाने के लिए सिर्फ पत्थर के रास्ते से होकर जाना होता था, लेकिन आज के समय में माता चामुंडा देवी के दर्शन करने के लिए आपको करीब 400 सीढ़ी का इस्तेमाल करना होगा।
यदि आप सीढ़ियों से नहीं जाना चाहते हैं तो पास में ही चंबा से करीब 3 किलोमीटर का सड़क मार्ग हैं। जिसके द्वारा आप इस मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। नवरात्रि के मौके पर माता चामुंडा देवी के दर्शन करने के लिए भक्तों की काफी भीड़ एकत्रित रहती हैं।
कालेश्वर महादेव मंदिर
कालेश्वर महादेव जी का यह मंदिर कांगड़ा जिले के प्रागपुर गांव के पास में स्थित हैं। मंदिर के अंदर भगवान शिव की बड़ी सी प्रतिमा स्थापित हैं। कालेश्वर महादेव मंदिर का मुख्य आकर्षण का केंद्र लिंगम है जो कि जमीनी स्तर पर हैं। इसके अलावा मंदिर के अंदर और भी कई सारी सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं। जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
कालेश्वर महादेव में शिवरात्रि और सावन के महीने में भक्तों की काफी भीड़ एकत्रित रहती हैं। इस दौरान इसके पास में ही एक मेले का आयोजन किया जाता है जिसको देखने के लिए पर्यटक काफी दूर-दूर से आते हैं।
मैकलोडगंज
हिमाचल प्रदेश राज्य का यह प्रमुख हिल स्टेशन हैं जो कि धर्मशाला के पास में ही स्थित हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य में घूमने वाले पर्यटक लोग इस जगह पर घूमने के लिए जरूर जाते हैं। मैकलोडगंज को छोटे लहासा के नाम से भी जानते हैं। मैकलोडगंज का बाजार काफी फेमस हैं।
इसके अलावा यहां के तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का घर भी हैं। इस कारण से मैकलोडगंज दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। आप इस जगह पर घूमने के लिए भी जा सकते हैं।
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धौलाधार रेंज
यदि आप ट्रेकिंग करना चाहते हैं तो आप कांगड़ा जिले के पास में स्थित इस धौलाधार रेंज में जा सकते हैं।,जो जिले का एक प्रमुख आकर्षक हैं। धौलाधार चोटी जो कि कांगड़ा जिले की सबसे ऊंची चोटी हैं। आप कांगड़ा जिले की यात्रा करने के लिए जाए तो आप इस चोटी पर ट्रैकिंग करने के लिए जरूर जाएं, जो आपको एक अलग आनंद प्रदान करेगी।
इस जगह पर आप अपने दोस्तों और परिवार जनों के साथ ट्रैकिंग का आनंद ले सकते हैं। किस जगह पर घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल महीने से लेकर जुलाई महीने तक रहता हैं।
बीर बिलिंग में घूमने के लिए कैसे जाएं?
यदि आप हिमाचल प्रदेश के बीर बिलिंग में घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो, आप सड़क मार्ग वायु मार्ग और ट्रेन मार्ग से आसानी से जा सकते हैं लेकिन आपकी जानकारी के लिए बताते हैं कि आप सीधे किसी मार्ग से वे अगले में घूमने के लिए नहीं जा सकते हैं। इसके लिए आप नजदीकी के रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा।
ट्रेन मार्ग से कैसे जाएं? : यदि आप ट्रेन द्वारा बीर बिलिंग तक घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो, आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि आप सीधे तौर पर रेल के द्वारा नहीं जा सकते हैं। इसके लिए आपको वहां के निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट पर उतरना होगा, जहां से बीर बिलिंग की दूरी करीब 115 किलोमीटर की हैं।
इसके अलावा निकट का रेलवे स्टेशन आहजू हैं। स्टेशन के बाहर से आपको कैब या फिर टैक्सी मिल जाएगी, जो आपको बीर बिलिंग तक छोड़ देगी। आहजु स्टेशन से बीर बिलिंग तक की दूरी करीब 5 किलोमीटर की हैं। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें, यदि आप पठानकोट तक ट्रेन के द्वारा जाते हैं तो, आप वहां से अज्जू स्टेशन तक टॉय ट्रेन का सफर तय करके बीर बिलिंग तक आसानी से पहुंच जाएंगे।
वायुयान से कैसे जाएं? : हवाई जहाज के द्वारा बीर बिलिंग तक जाना चाहते हैं तो आपको बता दें, कि बीर बिलिंग के पास नजदीकी हवाई अड्डा गग्गल हैं, जो की बीर बिलिंग से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। आप किसी भी राज्य से इस हवाई अड्डे पर आ सकते हैं।
हवाई अड्डे से बीर बिलिंग तक जाने के लिए आपको टैक्सी, बस, कार मिल जाती हैं। सड़क मार्ग से आप गगल हवाई अड्डे से बीर बिलिंग तक जाना चाहते हैं तो आपको करीब 2 से 3 घंटे का समय लग सकता हैं।
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सड़क मार्ग से कैसे जाएं? : सड़क मार्ग से आप बीर बिलिंग तक घूमने के लिए आसानी से जा सकते हैं। इसके लिए राज्य की सरकारी और निजी बसें चलती रहती हैं। आप धर्मशाला, शिमला आदि कई जगहों से बस या टैक्सी के द्वारा बीर बिलिंग तक का सफर तय कर सकते हैं, जो की आपको करीब 2 से 3 घंटे के अंदर पहुंचा देगी।
बीर बिलिंग में रुकने के लिए जगह
बीर बिलिंग में यदि आप घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो, यहां पर कई सारे होटल और रेस्टोरेंट बने हुए हैं। जहां पर आप रुक सकते हैं आप इन होटल को ऑनलाइन माध्यम से भी बुक कर सकते हैं।
बीर बिलिंग का प्रसिद्ध भोजन
हिमाचल प्रदेश राज्य का प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। इस कारण यहां पर आपको खाने के लिए कई सारे ऑप्शन मिल जाते हैं। सबसे अच्छी बात यह है की आप यहां पर भारतीय और महादीपीय भोजन का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा आपको तिब्बती भोजन भी उपलब्ध हो जाएगा।
यहां पर आने वाले पर्यटक लोग मोमोस को अधिक खाना पसंद करते हैं। हिमाचल के लोगों का मुख्य भोजन दाल, सब्जी, चपाती और दही हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आते हैं तो इन व्यंजन का स्वाद जरूर चखे।
FAQ
बीर बिलिंग में घूमने के लिए आप कभी भी जा सकते हैं। लेकिन आप फरवरी महीने से लेकर जुलाई महीने के बीच में घूमने के लिए जाएं।
इसके लिए आपके पास कम से कम 15000 रुपए होना चाहिए।
बीर बिलिंग में घूमने के लिए बहुत सी जगह है, इसके लिए आप लेख को अंत तक पढ़े।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हम आपको बीर बिलिंग में घूमने के लिए (Bir Billing Me Ghumne ki Jagah)कौन कौन सी जगह हैं? इसके बारे में सारी जानकारी दी हैं। आशा करता हूं यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा।
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