इस लेख में बठिंडा में घूमने की जगह (Bathinda me Ghumne ki Jagah), बठिंडा जाने का सही समय, बठिंडा कैसे पहुंचे आदि के बारे में विस्तार से बताया है।
बठिंडा शहर अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यह शहर क्षेत्रफल की दृष्टि से काफी छोटा है लेकिन पंजाब के मुख्य शहरों में इस शहर की गिनती होती है। इसलिए तो इस शहर को पंजाब का हार्ड यानी “पंजाब का दिल” कहते हैं।
बठिंडा में घूमने के लिए विभिन्न प्रकार की जगह उपलब्ध है, जहां पर हर वर्ष लाखों की संख्या में देश और विदेश के पर्यटक घूमने हेतु आते हैं।
बठिंडा अपनी शान के लिए जाना चाहता है क्योंकि बठिंडा में पंजाबी रीति रिवाज, रंग-बिरंगे वस्त्र, खानपान, देशी भाषा, लोगों का अपनापन तथा यहां की खेतों की हरियाली लोगों का मन मोह लेती है।
यहां पर बहने वाली नदियां, झरने तथा वर्तमान समय में अत्याधुनिक तरीके से बने हुए बड़े बड़े मॉल, बिल्डिंग है और शहर के नजारे देखने में काफी आकर्षक लगते हैं। इसलिए हर रोज लाखों की संख्या में पर्यटक पंजाब के बठिंडा शहर का दौरा करते हैं।
बठिंडा का इतिहास (History of Bathinda in Hindi)
बठिंडा पंजाब का सबसे प्राचीन शहर माना जाता है क्योंकि इसका अस्तित्व सन 965 ईस्वी में सामने आया था। इतिहास के अनुसार बठिंडा शहर का निर्माण भाटी राजपूत राजा ने करवाया था।
उन्होंने ही इस शहर की स्थापना की थी। इसलिए उनके नाम पर इस शहर का नाम बठिंडा रखा गया, जो वर्तमान समय में अपनी खूबसूरती ऐतिहासिक महत्व धार्मिक महत्व तथा प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है।
बठिंडा शहर में मुख्य रूप से पंजाबी संस्कृति देखने को मिलती हैं। यहां पर पंजाबी खानपान, पंजाबी रहन-सहन, लोगों की जीवनशैली, भाषा विचार, यहां की बोली, लोगों का अपनापन, प्राचीन इमारतें, स्मारक, प्राचीन मंदिर, सदियों से चले आ रहे रीति रिवाज तथा राजा महाराजाओं की रियासतें आज भी भटिंडा सहित पंजाब और भारत के अतीत को दर्शाती है।
यहां पर गुरु गोविंद सिंह ने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी तथा 1754 में पटियाला के महाराजा वाला सिंह ने बठिंडा को जीतकर अपनी रियासत के अधीन कर लिया था।
बठिंडा में घूमने की जगह (Bathinda me Ghumne ki Jagah)
रोज गार्डन बठिंडा
इस गार्डन के नाम से ही पता चलता है कि इस गार्डन में मुख्य रूप से पुष्प देखने को मिलेंगे। यहां पर तरह-तरह के पुष्प की प्रजातियां देखने को मिलती है, जिनमें विशेष रूप से गुलाब के फूल काफी ज्यादा उपस्थित हैं।
यहां पर मुख्य रूप से दूरदराज तथा देश विदेश के लोग घूमने के लिए आते हैं, जिनमें ज्यादातर लोग अपने परिवार के साथ आते हैं। क्योंकि इस गार्डन का नजारा मनमोहक लगता है, जो किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
इसलिए यहां पर आने वाले लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और काफी ज्यादा समय तक यहां पर भ्रमण करते हैं। विशेष रूप से सुबह के समय लोग यहां पर दौड़ लगाने के लिए आते हैं तथा दिन के समय शांति प्राप्ति की खोज में यहां पर लंबे समय तक बैठे रहते हैं।
एक बार इस गार्डन का भ्रमण करने वाले लोग दोबारा यहां पर घूमने हेतु आने का मन बनाते हैं क्योंकि यहां की खूबसूरती किसी स्वर्ग से कम नहीं है, विभिन्न प्रकार के पुष्प की प्रजातियां लोगों का मन मोह लेती है।
यहां पर लगे हुए पुष्प के ऊपर भंवरे तथा पक्षी दिखाई देते हैं। सुबह के समय तथा शाम के समय यहां का नजारा काफी आकर्षक लगता है।
हर वर्ष देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के हजारों लोग यहां पर घूमने के लिए आते हैं। आसपास के इलाके में यह गार्डन काफी ज्यादा लोकप्रिय है।
चेतक पार्क बठिंडा
यह पर किसी पिकनिक स्पॉट से कम नहीं है क्योंकि इसकी खूबसूरती देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। यहां पर तरह तरह के फूल वाले पौधे लगे हुए हैं तथा बच्चों के खेलने के विकल्प भी यहां पर मौजूद है।
विशेष रूप से यहां पर लड़के लड़कियां तथा नए शादीशुदा लोग आते हैं, जो कुछ समय अकेले में यहां पर व्यतीत करते हैं। यहां की खूबसूरती शादीशुदा जोड़ों को प्रेम करने पर उत्साहित करती है।
इसलिए ज्यादातर लोग कपल्स के रूप में ही यहां पर आते हैं। आसपास के क्षेत्र में यह एक लोकप्रिय पार्क हैं, जो अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है।
दमदमा साहिब गुरुद्वारा बठिंडा
बठिंडा में स्थिति यह गुरुद्वारा सिख समुदाय का मुख्य केंद्र बिंदु है क्योंकि यहां पर सिख समुदाय के धर्मगुरु गुरु गोविंद सिंह ने इसी स्थान पर धर्म ग्रंथ तैयार किए थे। इसलिए सिख समुदाय के लोगों के लिए यह स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इसी स्थान पर वर्तमान समय में एक बड़ा भवन बनाया गया है। यहां पर उपस्थित गुरुद्वारा अत्यंत प्राचीन है, जो सिख गुरु गुरु गोविंद सिंह के समय का है।
यहां पर देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी सिख समुदाय के लोग शीश झुकाने के लिए आते हैं। संपूर्ण पंजाब प्रांत का यह एक अत्यंत पवित्र और लोकप्रिय गुरुद्वारा है।
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मैसर खाना मंदिर बठिंडा
बठिंडा शहर में स्थित यह मंदिर अत्यंत प्राचीन मंदिर है, जो हिंदू धर्म की आस्था से जाना जाता है। यहां पर पर्यटक और श्रद्धालु दूरदराज से आते हैं। हर वर्ष अष्टमी के दिन यहां पर भव्य मेले का आयोजन होता है, जो 2 दिनों तक धूमधाम से चलता है।
यहां पर हिंदू धर्म के अलावा सिख समुदाय के लोग भी बड़े उत्साहित और हर्षोल्लास के साथ मेले में भाग लेते हैं और इस मेले का आयोजन करवाते हैं।
यह मंदिर दुर्गा मां को समर्पित है। इसलिए यहां पर संपूर्ण भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु देवी मां के दर्शन करने के लिए आते हैं।
किला मुबारक बठिंडा
बठिंडा शहर में स्थित किला मुबारक एक अत्यंत ही प्राचीन और ऐतिहासिक किला है, जो अपनी ऐतिहासिकता के लिए जाना जाता है। इस किले पर घूमने के लिए आने वाले लोग भारत के अतीत को काफी करीबी से जानते हैं क्योंकि इस किले का निर्माण और इसकी स्थापत्य शैली भारत के इतिहास को दर्शाती हैं।
लोग यहां पर आकर भारत के अतीत को जान सकते हैं। इस किले का निर्माण 90 के दशक में करवाया गया था। यहां पर सिख संप्रदाय के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह ने भी भ्रमण किया था।
वर्तमान समय में पर्यटक तथा प्राकृति प्रेमियों के लिए यह किला महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु है क्योंकि इसके लिए के आसपास खूबसूरत वादियां पहाड़ियां प्रकृति प्रेमियों का मन मोह लेता है। इसके अलावा ऐतिहासिकता की दृष्टि से आने वाले लोगों को यहां पर बखूबी पंजाब का अतीत देखने को मिलता है।
इसके लिए इस पर की गई अद्भुत और आकर्षक नक्काशी उस समय की प्राचीन चित्र शैली तथा स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना देखने को मिलता है। यहां पर आने वाले पर्यटक काफी खुश नजर आते हैं और अपने देश के अतीत को जानते हैं।
लाखी जंगल बठिंडा
बठिंडा शहर के अंतर्गत एक जंगल भी है, जिसे लार्की जंगल कहते हैं। यह प्रेरकों के लिए घूमने का एक मुख्य केंद्र हैं क्योंकि यह काफी खूबसूरत जंगल में जो तरह-तरह के रंग बिरंगे पुष्प वाले पौधों से सुसज्जित हैं।
यहां पर हर वर्ष हजारों की संख्या में लोग घूमने के लिए आते हैं। पर्यटन के अलावा यह आस्था का केंद्र भी है क्योंकि यहां पर दसवें सिख गुरु गोविंद सिंह ने अपनी यात्रा के अंतर्गत पवित्र स्थान बताया था।
यहां पर अत्यंत खूबसूरत प्राकृतिक हरियाली, पेड़-पौधे, घने जंगल इत्यादि दृश्य देखने में काफी मनमोहक लगते है, इसलिए यहां पर देश तथा विदेश के कोने-कोने से लोग आते हैं।
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बठिंडा घूमने के लिए अच्छा समय
यदि आप बठिंडा घूमने जा रहे हैं तो नवंबर से फरवरी माह के बीच वहां पर घूमने हेतु जाना चाहिए। क्योंकि इन दिनों भारत में सर्दियों का मौसम रहता है और सर्दियों के मौसम में वहां का वातावरण अनुकूलित है। आप इस दौरान काफी अच्छी तरह से भ्रमण कर सकेंगे।
बठिंडा में रुकने के लिए होटल्स
बठिंडा अगर आप घूमने के लिए जा रहे हैं तो वहां पर आपको रुकने के लिए विभिन्न प्रकार के होटल्स देखने को मिल जाएंगे। पूरे बठिंडा शहर में काफी संख्या में होटल्स मौजूद हैं, जिनमें सामान्य होटल, लग्जरी होटल्स, वीआईपी होटल आदि शामिल है।
आप अपनी इच्छा के अनुसार और अपने बजट के अनुसार बठिंडा शहर के किसी भी होटल में निवास कर सकते हैं। बठिंडा शहर में घूमने की जगह के आसपास काफी ज्यादा होटल्स बने हुए हैं। इसके अलावा बठिंडा शहर में बड़ी मात्रा में होटल्स मौजूद है।
बठिंडा में कुछ लोकप्रिय होटल्स के नाम इस प्रकार हैं:
- होटल अहलूवालिया रीजेंसी
- होटल गैलेक्सी
- होटल रेड रोज
- होटल डी.आर. प्लाजा
बठिंडा कैसे पहुंचे?
बठिंडा शहर वर्तमान समय में काफी ज्यादा विकास कर रहा है। हर तरह की तकनीकी यहां पर देखने को मिल रही है। बठिंडा हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग से बठिंडा कैसे पहुंचे?
आमतौर पर ज्यादातर लोग अधिक दूरी वाले स्थान पर फ्लाइट से ही यात्रा करते हैं क्योंकि फ्लाइट अधिक दूरी को कम समय में तय कर लेती है।
इसलिए अगर आप बठिंडा घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप का फ्लाइट का चयन अत्यंत लाभकारी हो सकता है। क्योंकि इससे आप कुछ ही समय में बठिंडा पहुंच जाएंगे, जिसके बाद आप आसानी से घूमने के लिए भी जा सकते हैं।
पंजाब के चंडीगढ़ में हवाई अड्डा है, जो बठिंडा शहर से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। आप उस हवाई अड्डे पर उतरने के बाद टैक्सी या बस के द्वारा बठिंडा शहर पहुंच सकते हैं।
ट्रेन मार्ग से बठिंडा कैसे पहुंचे?
ट्रेन का सफर काफी रोमांचक भरा माना जाता है क्योंकि ट्रेन में बीच रास्ते में आने वाले तरह-तरह के दृश्य यात्रियों का मन मोह लेता है। इसलिए ज्यादातर लोग ट्रेन का ही सफर करते हैं।
अगर आप अभी बठिंडा ट्रेन मार्ग से होते हुए पहुंचना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। बठिंडा में मुख्य ट्रेन स्टेशन है।
आप भारत के किसी भी कोने से रेल मार्ग से होते हुए बठिंडा घूमने के लिए पहुंच सकते हैं। इसके लिए आपको अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन से बठिंडा को जाने वाली ट्रेन में टिकट लेकर यात्रा करनी होगी।
सड़क मार्ग से बठिंडा कैसे पहुंचे?
बठिंडा शहर पंजाब का सबसे विकसित शहर हैं। इसलिए आप भारत के किसी भी कोने से भारत के किसी भी राज्य से बठिंडा सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। इसके लिए आप बस या फिर टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आप चाहे तो अपनी खुद की गाड़ी लेकर भी बठिंडा शहर सड़क मार्ग के माध्यम से जा सकते हैं। बठिंडा शहर विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों से पूरे भारत से जुड़ा हुआ है।
आप अपने नजदीकी राष्ट्रीय राजमार्ग से होते हुए पंजाब के भटिंडा शहर पहुंच सकते हैं। ज्यादातर आसपास के राज्य वाले लोग बठिंडा शहर घूमने हेतु सड़क मार्ग का इस्तेमाल करते हैं।
निष्कर्ष
बठिंडा शहर पंजाब प्रांत का एक शहर है, जो अपनी खूबसूरती तथा ऐतिहासिकता के लिए जाना जाता है। हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक बठिंडा का दौरा करते हैं।
क्योंकि यहां पर आकर्षक खूबसूरत और लुभावने पर्यटक स्थल मौजूद है। यह शहर अपने आप में विशेष महत्व रखता है। वर्तमान समय में यहां पर काफी तेजी से विकास हो रहा है।
यहां पर बठिंडा घूमने की जगह (Bathinda me Ghumne ki Jagah), बठिंडा कैसे पहुंचे, बठिंडा में कहां रुके आदि के बारे में जानकारी शेयर की है।
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