अयोध्या राम मंदिर बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका है। यदि आप वहां जाने की सोच रहे हैं तो इस लेख में अयोध्या में घूमने की जगह (Ayodhya Me Ghumne Ki Jagah), अयोध्या के प्रसिद्ध मंदिर, अयोध्या के आसपास पर्यटन स्थल, अयोध्या में कहां रुके, अयोध्या के दर्शनीय स्थल आदि के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित अयोध्या सरयू नदी के किनारे स्थित है। यह स्थान भगवान श्रीराम का जन्मस्थल है। इसके साथ ही इसी स्थान पर रामायण की भी रचना हुई। यह नगरी हिंदुओं के पवित्र नगरों में से एक है। इस शहर को घाटों और मंदिर का भी शहर कहा जाता है।
यहां पर भगवान श्री राम के जीवन से संबंधित कई मंदिरे हैं, जो भारत की गौरवशाली संस्कृति को बयां करती है। यह एक धार्मिक स्थल होने के साथ ही यहां पर कई पर्यटक स्थल है, जिसके कारण यहां पर प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक इस नगरी को घूमने के लिए आते हैं।
अयोध्या के बारे में रोचक तथ्य
- अयोध्या को प्राचीन काल में कौशल देश कहा जाता था। यह हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और इसी स्थान पर भगवान राम की जीवनी रामायण ग्रंथ की रचना महर्षि वाल्मीकि के द्वारा की गई।
- अयोध्या को पहले फैजाबाद के नाम से जाना जाता था। लेकिन साल 2018 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बनने के बाद, उन्होंने फैजाबाद का नाम अयोध्या कर दिया।
- अयोध्या में राम घाट, लक्ष्मण घाट, जानकी घाट, गुप्तार घाट सहित अन्य कई घाट है। माना जाता है इन घाट में स्नान करने से व्यक्ति द्वारा अनजाने में हुए पाप धुल जाते हैं। यही कारण है कि श्रद्धालु अयोध्या आने के बाद इन घाटों में स्नान जरूर करते हैं।
- अयोध्या मंदिरों का शहर है क्योंकि यहां पर 5000 से भी अधिक मंदिर है। यहां पर भगवान राम का महल है। माना जाता है अयोध्या नगरी को मनु ने बनाया था। मनु अयोध्या नगरी की स्थापना हेतु एक उचित स्थान का चयन कर रहे थे और इसके लिए वे भगवान ब्रह्मा के पास जाते हैं। तब भगवान ब्रह्मा उन्हें विष्णु जी के पास लेकर जाते हैं और विष्णु जी उन्हें साकेतधाम में एक उपयुक्त स्थान बताते हैं।
- भगवान विष्णु अयोध्या नगरी को बसाने के लिए ब्रह्मा और मनु के साथ विश्वकर्मा को भेज देते हैं। साथ ही महर्षि वशिष्ठ को भी भेजते हैं। महर्षि वशिष्ठ द्वारा सरयू नदी के तट पर लीला भूमि का चयन किया जाता है, जहां पर देवों के शिल्पकार कहे जाने वाले विश्वकर्मा ने अयोध्या का नगर का निर्माण करवाया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि अयोध्या भगवान विष्णु के चक्र पर विराजमान है।
- अयोध्या में स्थित हनुमानगढ़ी के बारे में कहा जाता है कि यहां पर आज भी भगवान हनुमान भगवान श्री राम के जन्म भूमि की रक्षा करते हैं।
अयोध्या में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Ayodhya Tourist Places in Hindi)
श्री राम जन्मभूमि मंदिर (Ayodhya Ram Mandir)
अयोध्या भगवान राम के जन्म भूमि के लिए प्रसिद्ध है। यूं तो यहां पर भगवान राम से जुड़ी कई ऐतिहासिक मंदिर है लेकिन भगवान श्री राम का मंदिर सबसे विशेष है। क्योंकि यह मंदिर लंबे समय से विवादों में रहा।
वैसे तो अयोध्या राम मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। लेकिन 1528 में मुगल सम्राट बाबर ने इस मंदिर को ध्वस करके यहां पर मस्जिद बना दी थी, जिसके बाद हिंदुओं ने अपने इस धार्मिक स्थल को खो दिया।
लेकिन साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया कि राम जन्मभूमि पर रामलला का मंदिर बनेगा। उसके बाद 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन हुआ और मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ। मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। 22 जनवरी 2024 को मंदिर का उद्घाटन हुआ और आम लोगों के लिए इस मंदिर के द्वार खोल दिए गये है।
राजा दशरथ समाधि स्थल
भगवान श्री राम के पूज्य पिताजी चक्रवर्ती राजा दशरथ का समाधि स्थल अयोध्या से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि जब भगवान श्री राम, लक्ष्मण और मां सीता वनवास में थे तब भरत और शत्रुघ्न ने राजा दशरथ की मृत्यु पश्चात उनका अंतिम संस्कार यहीं पर किया था। इस स्थान पर एक मंदिर भी है, जिसमें राजा दशरथ, भरत, शत्रुघ्न और गुरु वशिष्ठ की मूर्ति स्थापित है।
कनक भवन
कनक भवन अयोध्या में हनुमानगढ़ी से कुछ ही दूरी पर स्थित है। यहां पर पर्यटक पैदल भी आ सकते हैं। इस मंदिर में भगवान श्री राम और माता सीता के सोने के मुकुट वाली प्रतिमा है। यही कारण है इस मंदिर को सोने का मंदिर कहा जाता है।
माना जाता है कि इस मंदिर को भगवान श्री राम की माता कैकई ने मां सीता को मुंह दिखाई के तौर पर दिया था। भगवान श्री राम के समय मंदिर भगवान श्री राम और माता सीता की निजी भवन हुआ करती थी। इस महल की वास्तुकला सच में दर्शनीय है।
हालांकि समय के साथ यह मंदिर खंडहर में बदल चुका था लेकिन बाद में राजा विक्रमादित्य ने इस मंदिर का पुनः निर्माण करवाया। अयोध्या के प्रसिद्ध और सुंदर मंदिरों में से यह मंदिर एक है, इसलिए अयोध्या यात्रा के दौरान इस मंदिर को निश्चित ही देखने आएं।
यह भी पढ़े: उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह, जहां दुनियाभर से घूमने आते हैं लोग
हनुमान गढ़ी
हनुमानगढ़ी अयोध्या में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। अयोध्या में स्थित होने के कारण राम भक्तों के लिए यह प्रमुख धार्मिक तीर्थ स्थल है। यह मंदिर भगवान हनुमान जी को समर्पित है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण अयोध्या में उसी स्थान पर किया गया है, जहां पर पहली बार भगवान श्री राम जी की मुलाकात हनुमान जी से हुई थी।
इस मंदिर में भगवान हनुमान की भव्य मूर्ति स्थापित है। अयोध्या आने वाले भक्तजन इस मंदिर का दर्शन करने के लिए जरूर आते हैं, जहां पर उन्हें आध्यात्मिक सुकून मिलता है। इस मंदिर के बाहर मिलने वाला प्रसाद मुख्य रूप से बेसन के लड्डू है, जो श्रद्धालुओं को बहुत ही भाता है और बहुत स्वादिष्ट होता है।
सरयू घाट
अयोध्या दर्शन में सरयू घाट महत्वपूर्ण है। इस तट पर नया घाट, गुप्तार घाट, रामघाट, लक्ष्मण घाट, रामघाट जैसे कई घाट बने हुए हैं। सरयू नदी के घाट पर स्नान करने से जाने अनजाने में हुए सभी पाप धुल जाते हैं।
यहां पर आपको सभी घाट पर फूल मालाओं से सजे हुए नाव नौका विहार के लिए दिखेंगे। संध्या काल में यहां पर आरती होती है। इस आरती में आप सम्मिलित हो सकते हैं। सांय काल में होने वाली आरती बेहद ही सुंदर और मनमोहक होती है।
यह भी पढ़े: 10+ प्रसिद्ध हस्तिनापुर में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल
राम की पैड़ी
राम की पैड़ी अयोध्या में सरयू घाट पर स्थित है। इस स्थान को लेकर एक प्रचलित कथा इस प्रकार है कि कहा जाता है कि एक बार लक्ष्मण जी सभी तीर्थ स्थलों के दर्शन करने के लिए जाने का निश्चय किए थे।
तब भगवान श्री राम ने यहां पर इस पैड़ी की स्थापना की थी और कहा था कि संध्या काल के समय जो भी इस पैड़ी में स्नान करेगा, उसे सभी तीर्थो में स्नान करने जितना ही पुण्य की प्राप्ति होगी।
हालांकि गुप्त घाट में भगवान श्री राम के गुप्त हो जाने के बाद यहां का पानी सूख गया था। हर साल इस स्थान पर दिवाली के समय बहुत बड़ा दीपोत्सव मनाया जाता है, जिसमें भारत सहित विदेश के लोग भी सम्मिलित होते हैं।
देवकाली मन्दिर अयोध्या
देवकाली मंदिर अयोध्या का एक प्रमुख धार्मिक मंदिर है, जिसका विवरण रामायण महाकाव्य के विविध प्रसंगों में पाया जाता है। कहा जाता है कि यह वही मंदिर है, जहां पर माता सीता शादी के बाद ससुराल आकर यहां पर पूजा की थी। देवकाली को भगवान श्री राम का कुलदेवी माना जाता है।
देवकाली मंदिर में एक ही शीला में महाकाली, मां सरस्वती और महालक्ष्मी इन तीन देवियों की प्रतिमा बनी हुई है। पूरे देश भर में केवल दो ही ऐसी मंदिर है, जहां पर एक ही शीला में तीन देवियां विराजमान है। पहला मां वैष्णो देवी है और दूसरा अयोध्या की मां बड़ी देवकाली हैं।
कहा जाता है कि यहां पर जो भी भक्तजन अपनी इच्छा लेकर आता है और सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी हर इच्छा पूरी हो जाती है। इसीलिए अयोध्या आने वाले भक्तजन इस मंदिर का दर्शन करने जरूर आते हैं।
मोती महल
‘पर्ल पैलेस’ के नाम से लोकप्रिय मोती महल अयोध्या शहर से कुछ ही किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह महल मुगल वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना है। इस महल को 1743 में निर्मित किया गया था। यह महल शुजा-उद-दौला की पत्नी रानी बेगम उन्मतुजोहरा बानू का घर था।
सूरजकुंड
सूरजकुंड प्राकृतिक जल कुंड है, जो राजा दशरथ समाधि स्थल से कुछ ही दूर स्थित है। कहा जाता है कि भगवान श्री राम और उनके जितने भी वंशज हुए थे, वह इसी कुंड में आकर स्नान ध्यान करते थे और भगवान सूर्य उपासना करते थे। ऐसा भी माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से हर प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।
मर्णी पर्वत
अयोध्या के दर्शनीय स्थलों में से एक यह मर्णी पर्वत भी है। इस पर्वत को लेकर यहां मान्यता है कि जब रावण के साथ युद्ध के दौरान लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे तब उन्हें बचाने के लिए संजीवनी बूटी की तलाश में भगवान हनुमान जी पर्वत को उठा ले आए थे।
तब उस पर्वत का छोटा सा टुकड़ा अयोध्या के इस स्थान पर आकर गिर गया था। यही कारण है कि यहां आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु इस पर्वत तो विजिट करना बिल्कुल ही भूलते हैं।
बहु बेगम का मकबरा
1816 में निर्मित बहू बेगम का मकबरा फैजाबाद शहर में मकबरा रोड पर स्थित है। यह अद्वितीय मकबरा नवाब शुजा उद दौला की पत्नी और रानी रानी दुल्हन बेगम उन्मतुज़ोहरा बानो को समर्पित है। इस मकबरे को पुर्व का ताजमहल भी कहा जाता है। यह फैजाबाद में सबसे ऊंचा स्मारक है, जो अपनी अद्भुत वास्तुकला के कारण लोकप्रिय है।
मकबरे में स्थित तीन गूबंद है, जिसे जटिल नकाशी से सुशोभित किया गया है। माना जाता है उस दौरान इस मंजिल को बनाने में 3 लाख रूपये की लागत लगी थी। अयोध्या जाए तो इस अद्भुत कलाकृति से बनाए गए इस मकबरे को जरूर विजिट करें।
यह भी पढ़े: 15+ प्रसिद्ध बरसाना के दर्शनीय स्थल और घूमने की जगह
सीता की रसोई मंदिर
सीता की रसोई मंदिर अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थान के उत्तर पश्चिम छोर पर स्थित है। यह मंदिर प्राचीन रसोई घर के मॉडल को प्रदर्शित करती है, जिसमें नकली बर्तन रखे गए हैं। मंदिर में भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और उन सब की रानियों की मूर्तियां मौजूद है। यह मंदिर अयोध्या में देखने लायक जगह है।
दशरथ महल
दशरथ महल अयोध्या में हनुमानगढ़ी मंदिर से तकरीबन 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर भगवान श्री राम के पिता राजा दशरथ को समर्पित है। इस महल में प्रवेश करते ही पुराने डिजाइन में बना हुआ भव्य द्वार देखने को मिलता है और उसके सामने एक बड़ा सा आंगन देखने को मिलता है।
इसी आंगन में भगवान श्री राम और उनके चारों भाई खेल खुद करते थे। इसी महल में भगवान श्री राम का बचपन बीता। राजा दशरथ महल में भगवान श्री राम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न, माता सीता इन सबकी प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए सुबह 8:00 बजे से लेकर दोपहर के 12:00 बजे तक और शाम के 4:00 से लेकर शाम के 10:00 बजे तक खुला रखा जाता है।
गुलाब बाड़ी
अगर आप राम मंदिर का दर्शन करने के लिए अयोध्या आते हैं तो आपको गुलाब बाड़ी का दर्शन करने भी जरूर आना चाहिए। यह वैदेही नगर में स्थित है। इस स्थान पर अयोध्या के तीसरे नवाब, नवाब सुजा-ऊदोला और उनके माता-पिता का मकबरा स्थित है।
इस स्थान को गुलाब के बगीचे के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यहां पर खूब सारे रंग-बिरंगे गुलाब के फूल हैं, जो लोगों को अपनी सुंदरता से आकर्षित करते हैं।
त्रेता के ठाकुर
अयोध्या के नया घाट पर स्थिति त्रेता के ठाकुर मंदिर का निर्माण 300 साल पहले राजा कुल्लू द्वारा किया गया माना जाता है। कहा जाता है कि यह मंदिर उसी जगह पर स्थापित है, जहां पर भगवान श्री राम ने अश्वमेध यज्ञ किया था।
इस मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत हनुमान और सुग्रीव सहित कई मूर्तियां हैं। इन मूर्तियों को काले बलुआ पत्थर को तराश करके बनाया गया है। 17 सौ के दशक में मराठा रानी अहिल्याबाई होलकर ने इस मंदिर को एक नया रूप दिया था।
गुप्तार घाट
अयोध्या में कई दर्शनीय स्थल है लेकिन गुप्तार घाट की अपनी अलग ही विशेषता है। यह स्थान पर्यटन और धार्मिक दोनों ही नजरिए से महत्वपूर्ण है। यह वही स्थान है, जहां पर भगवान श्री राम जल में समाधि लेकर गुप्त हो गए थे। इसीलिए इस घाट का नाम गुप्तार घाट पड़ा है।
यहां पर सरयू नदी बहुत ही शांत तरीके से बहती है। यहां पर नौका विहार का भी आनंद ले सकते हैं। इस घाट पर कंपनी गार्डन, मिलट्री मंदिर, राजकीय उद्यान जैसे कई छोटे-छोटे प्राचीन मंदिर है, जो बेहद ही सुंदर और मन मोह लेने वाले हैं।
इसी घाट पर नरसिंह मंदिर, चरण पादुका मंदिर, राम जानकी मंदिर भी है। इसके इर्द-गिर्द की हरियाली व शांति लोगों को बहुत ही आकर्षित करती है। इस स्थान पर लोग मुक्ति पाने की इच्छा लेकर आते हैं।
यह भी पढ़े: 10+ नंदगाँव में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल
श्री नागेश्वर नाथ मन्दिर अयोध्या
अयोध्या में एक और लोकप्रिय पर्यटन स्थल श्री नागेश्वर नाथ मंदिर है। यह मंदिर सरयू घाट के पास राम की पैड़ी में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण पौरानीक कथाओं के अनुसार भगवान राम के पुत्र कुश ने करवाया था।
कहा जाता है कि एक बार कुश सरयू नदी में स्नान कर रहे थे, उसी समय उनका बाजूबंद खुलकर पानी में बहता हुआ एक नागकन्या के पास पहुंच गया। जब उस नाग कन्या ने कुश को देखा तो उन्हें खुद से प्रेम हो गया।
वह भगवान शिव की उपासक थी, इसलिए उसने उसके लिए यह मंदिर बनवाया था। बाद में यह मंदिर खंडहर हो गया, जिसके बाद महाराजा विक्रमादित्य ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।
तुलसी स्मारक भवन
तुलसी स्मारक भवन संत कवि गोस्वामी तुलसीदास की स्मृति में स्थापित किया गया है, जो अयोध्या में राज गांव क्रॉसिंग पर राष्ट्रीय राजमार्ग के पूर्वी छोर पर स्थित है। माना जाता है स्वामी तुलसीदास जी ने इसी स्थान पर रामचरित्र मानस की रचना की थी। प्रतिदिन यहां पर राम कथा का पाठ होता है।
यहां पर विशाल पुस्तकालय भी है, जो समृद्धि साहित्य का भंडार है। यहां पर अयोध्या अनुसंधान संस्थान नामक एक शोध केंद्र भी है, जिसका उपयोग अयोध्या के बारे में साहित्यिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जानकारी के अध्ययन और महत्व को जोड़ने के लिए किया जाता है।
छोटी छावनी
अयोध्या में सफेद संगमरमर और शानदार नक्काशी का प्रयोग करके बनाए गए इस छोटी छावनी को वाल्मीकि भवन या मणिरामदास छावनी के रूप में भी जाना जाता है। छोटी छावनी में 34 गुफाएं हैं। यहां के सुंदर वास्तुकला निश्चित ही देखने लायक है।
अयोध्या के आसपास घूमने की जगह
अयोध्या के आसपास घूमने की जगह बहुत सारी है, जिनमें से कुछ जगह निम्न है:
जगह | दूरी |
---|---|
गोंडा | 49.9 km |
बारा बांकी | 107.7 km |
फैजाबाद | 6 km |
पुण्याहारी | 19 km |
श्रृंगी ऋषि आश्रम | 38 km |
भरत कुण्ड | 20 km |
अयोध्या में लोकप्रिय स्थानीय भोजन
अयोध्या धार्मिक स्थल होने के साथ ही लोकप्रिय पर्यटक स्थल है, जिसके कारण यहां पर देश-विदेश से आने वाले लोगों की काफी भिड़ रहती है। यही कारण है कि अयोध्या में उत्तर भारत सहित भारत के विभिन्न राज्यों के लोकप्रिय भोजन यहां पर पेश किए जाते हैं। चार्ट, पानी पुरी, भेल से लेकर दक्षिण भारत के विभिन्न स्ट्रीट फूड शामिल है।
यह भी पढ़े: 20+ वृंदावन में घूमने की जगह, दर्शनीय स्थल और जाने का समय
अयोध्या कैसे पहुंचे?
अयोध्या जाने के लिए रेलवे मार्ग, हवाई मार्ग और सड़क मार्ग तीनों में से किसी भी मार्ग का चयन किया जा सकता है। क्योंकि अयोध्या इन तीनों मार्गो से भारत के विभिन्न राज्यों से जुड़ा हुआ है।
अयोध्या के लिए रेलवे मार्ग भी काफी आसान जरिया है। अयोध्या का रेलवे स्टेशन भारत के विभिन्न शहरों से अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है। आपके अपने शहर से अयोध्या के लिए काफी आसानी से ट्रेन मिल जाएगी। अयोध्या जाने के लिए रेलवे मार्ग काफी सस्ता जरिया है।
रेलवे मार्ग
- Ayodhya Junction (AY)
- Faizabad Junction (FD)
अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन भारत के लगभग सभी नगरों और महानगरों से अच्छी तरह से जुड़ा है। यहां पर आसानी से पहुँच सकते हैं।
अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से प्रमुख शहरों की दूरी निम्न है:
शहर | दूरी |
---|---|
लखनऊ | 128 km |
गोरखपुर | 171 km |
प्रयागराज | 157 km |
वाराणासी | 196 km |
दिल्ली | 706.8 km |
हवाई मार्ग
महिर्षी वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है, जिसकी अयोध्या धाम से दूरी लगभग 10 किलोमीटर है यहां पर किसी भी एयरलाइन्स की मदद से पहुंचा जा सकता है।
हालांकि यदि आपको अपने शहर से इस हवाई अड्डे के लिए टिकट नहीं मिलता तो आप लखनऊ हवाई अड्डे के लिए टिकट बुक कर सकते हैं। लखनऊ से अयोध्या 130 किलोमीटर की दूरी पर है। लखनऊ हवाई अड्डा भारत की विभिन्न शहरों से जुड़ा हुआ है। इसीलिए यहां के लिए टिकट आपको काफी आसानी से मिल जाएगी।
सड़क मार्ग
अयोध्या उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटक केंद्र और एक धार्मिक स्थान होने के कारण यहां पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों का आना जाना होता है, जिसके कारण अयोध्या भारत के विभिन्न राज्यों से सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ी हुई है। अयोध्या के लिए प्रतिदिन सरकारी या निजी बस चलती है। आप उनकी मदद से अयोध्या आ सकते हैं।
अयोध्या चाहे सड़क मार्ग से रेलवे मार्ग से या हवाई मार्ग से जाएं रेलवे स्टेशन बस स्टेशन या एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आपको वहां से अयोध्या के लिए काफी सारी टैक्सी या ऑटो मिल जाएगी।
Lucknow | 135.2 KM |
Varanasi | 219 KM |
Prayagraj | 167.7 KM |
Gorakhpur | 134 KM |
Delhi | 706.8 KM |
अयोध्या कैसे घूमे?
अयोध्या घूमने के लिए आप टैक्सी, रिक्शा या बस की सवारी ले सकते हैं। इन तीनों की सवारी से आप काफी आराम से घूम सकते हैं। यदि आप निजी रूप से वाहन की सवारी करना चाहते हैं तो आप किसी भी वाहन को किराए पर ले सकते हैं।
अयोध्या में कई ऐसे एजेंट मिल जाएंगे, जो आप किराए पर वाहन दे सकते हैं। हालांकि उसके लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट भी जमा करने पड़ सकते हैं, इसलिए अपने साथ पहचान से संबंधित आवश्यक डॉक्यूमेंट जरूर रखें।
अयोध्या घूमने का सबसे अच्छा समय
अयोध्या एक धार्मिक स्थल होने के कारण यहां पर साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। लेकिन जो पर्यटक अयोध्या को अच्छे से घूमना चाहते हैं, उनके लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से दिसंबर के बीच का है। इस दौरान यहां पर काफी ज्यादा पर्यटक आते हैं। क्योंकि इस दौरान यहां पर मौसम ठंड वाली रहती है, जिससे पर्यटक स्थलों को घूमने में काफी आनंद भी आता है।
जून से जुलाई तक के मौसम के दौरान यहां पर काफी ज्यादा गर्मी होती है। फिर भी यदि आप गर्मियों के मौसम में अयोध्या जाना चाहते हैं तो अपने साथ धूप से बचने के लिए सन क्रीम और अन्य सुविधाएं जरूर रखें। ठंडी के मौसम के दौरान यहां पर ठंड ज्यादा लग सकती है इसीलिए ठंड के मौसम के दौरान गर्म कपड़े जरूरी रखें।
अयोध्या यात्रा में कहाँ रुके?
अयोध्या में जाने वाले पर्यटकों को वहां पर हाय बजट से लेकर लो बजट में काफी अच्छी सुविधाओं के साथ रहने के लिए जगह मिल जाते हैं। यदि आप अयोध्या में होटल में ठहरना चाहते हैं तो वहां पर एक से बढ़कर एक होटल मिल जाएंगे, जिनका प्रतिदिन का न्यूनतम चार्ज ₹500 से ₹800 हो सकता है।
वही यदि आप कम बजट में अच्छी सुविधा के साथ रहने के लिए जगह चाहते हैं तो अयोध्या में कई सारे धर्मशाला भी हैं, जहां पर आपको एसी और नॉन एसी के कमरे मिल जाएंगे। अयोध्या में विरला धर्मशाला, श्री जानकी महल ट्रस्ट धर्मशाला करके कुछ धर्मशाला है। इन धर्मशाला में ठहरने का खर्चा होटल की तुलना में काफी कम लगेगा।
अयोध्या घूमने का खर्चा
अयोध्या घूमने का खर्च आपके वहां ठहरने के दिनों पर निर्भर करता है। हालांकि अयोध्या की यात्रा आप 2 दिन के अंदर भी आराम से कर सकते हैं। यदि आप अयोध्या यात्रा के लिए 2 दिन की योजना बनाते हैं तो आपको वहां पर होटल में ठहरने का न्यूनतम खर्चा लगभग ₹2000 लग सकता है।
वहीं अयोध्या के विभिन्न के पर्यटक स्थलों को घूमने के लिए और वहां के खानपान में कुल खर्चा 2 दिन का 1000 से 1500 रुपए तक लग सकता है। इसके अतिरिक्त ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा है, जो आप पर निर्भर करता है कि आप कौन से मार्ग से अयोध्या जाना चाहते हैं।
यदि आप अयोध्या रेल मार्ग से जाते हैं तो आपको कम खर्चा लगेगा। लेकिन यदि आप हवाई मार्ग से जाते हैं तो आपको ज्यादा खर्चा लग सकता है।
निष्कर्ष
इस लेख में सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल अयोध्या टूरिस्ट प्लेस (Ayodhya Me Ghumne ki Jagah), अयोध्या के यात्रा से जुड़ी आवश्यक बातें बताई। साथ ही अयोध्या से जुड़े कई तथ्य भी बताए।
हमें उम्मीद है कि यह लेख आपकी अयोध्या की यात्रा को सुगम बनाने में मदद करेगा। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो कमेंट में लिखकर जरूर बताएं। लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
यह भी पढ़े
10+ काशी, बनारस में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
15+ प्रयागराज (इलाहाबाद) में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय