Visakhapatnam Me Ghumne ki Jagah: विशाखापट्टनम को आंध्र प्रदेश की राजधानी के अलावा भी विभिन्न प्रकार के कारणों की वजह से जाना जाता है। यहां की प्रगति तो हर किसी को चौका ही देती है। मगर इसके बावजूद भी विशाखापट्टनम में अनेकों ऐसे स्थान हैं, जो पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
अगर आप ऐसे ही कुछ विशाखापट्नम टूरिस्ट प्लेस (places to visit in visakhapatnam) के बारे में जानना चाहते है तो आप बिल्कुल सही जगह पर है। आज के लेख में हम विशाखापट्टनम के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
आंध्र प्रदेश का एक खूबसूरत शहर जो आंध्र प्रदेश का ना केवल सबसे बड़ा बल्कि सबसे प्रसिद्ध सफल और राजधानी जगह है। विशाखापट्टनम में घूमने की जगह बहुत सारी है।
कोई भी व्यक्ति साल के किसी भी महीने में इस शहर में जाकर अपनी छुट्टियों का भरपूर आनंद उठा सकता है। इस संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी आज के लेख में दी गई है।
विशाखापट्टनम के बारे में रोचक तथ्य
अगर आप किसी स्थान पर घूमने जा रहे हैं तो यह आवश्यक है कि आप उस स्थान के संबंध में जानकारी एकत्रित कर लें। इस बात के महत्व को समझते हुए हम विशाखापट्टनम से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।
- विशाखापट्टनम भारत के पूर्वी हिस्से में है। इस वजह से विशाखापट्टनम को भारत के पूर्व का गोवा कहा जाता है।
- पूर्वी तट पर विभिन्न प्रकार के मशहूर शहर है। मगर विशाखापट्टनम पूर्व समुद्र तट या ईस्ट कोस्ट लाइन का तीसरा सबसे बड़ा शहर है।
- विशाखापट्टनम भारत का एकमात्र ऐसी जगह है, जहां आपको दो बंदरगाह देखने को मिलेंगे और दोनों बंदरगाह काफी मशहूर है। इन दोनों बड़े और मशहूर बंदरगाह पर आपको प्रचलित बीच और खूबसूरत नजारे देखने को मिल जाएंगे।
- विशाखापट्टनम में भारत का सबसे पुराना शिपयार्ड, शिपयार्ड हिंदुस्तान लिमिटेड है, जिसे उद्योगपति वालचंद हीराचंद द्वारा बनाया गया था। शुरुआत में यह सिंधिया शिपयार्ड के रूप था। 1953 में वालचंद हीराचंद की मृत्यु के कुछ साल के बाद भारत सरकार ने इसका राष्ट्रीयकरण किया और फिर यह हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के रूप में फिर जाना जाने लगा।
- एशिया का सबसे पहला शहर विशाखापट्टनम था, जहां सबमरीन म्यूजियम शुरू किया गया था और देश के नागरिकों को समरीन और जहाज से जुड़ी कहानियां बताइए जाने लगी।
- दक्षिण भारत में अल्लूरी सीताराम राजू का काफी नाम है। उन्होंने भारत के दक्षिणी क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के क्रांति से भारत के दक्षिणी भाग में काफी प्रगति की इतिहास के अनुसार अल्लूरी सीताराम राजू के लिए विशाखापट्टनम जीवन में सबसे बड़ा बदलाव का कारण रहा।
Visakhapatnam Me Ghumne ki Jagah
कैलाशगिरी
अगर आप हिल स्टेशन घूमने के शौकीन है तो विशाखापट्टनम में आपको 360 फीट ऊंचा एक पहाड़ मिलेगा, जहां शिव और पार्वती की बड़ी मूर्ति है। वहां के सुंदर नजारे और वह बड़ी सी मूर्ति आने वाले पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करती है और विशाखापट्टनम की एक सर्वश्रेष्ठ घूमने की जगह के रूप में प्रचलित है।
बोर्रा गुफा
बोरा गुफा को देश की सबसे बड़ी गुफा मानी जाती है। विशाखापट्टनम में अराकू घाटी के अनंत गिरी पहाड़ियों में मौजूद यह गुफा अपने प्राचीन कहानियों के वजह से प्रचलित है। इसकी लंबाई 705 मीटर लंबी है।
इस गुफा में सुंदर नक्काशी और घूमने लायक जगह बनाया गया है। लोग इस घाटी से जुड़े अनेकों कहानी सुनने और देश की सबसे बड़ी गुफा में जाकर धरती के ऊपर और नीचे रहने के फर्क को समझने में आकर्षण महसूस करती है। इस वजह से लोगों का खिंचाव इस गुफा की ओर सालों भर बना रहता है।
श्री वराह लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर
यह मंदिर भगवान विष्णु के नौवें अवतार नरसिंह को को समर्पित है। इस तरह विष्णु भक्तों के बीच यह जगह बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हैं। इस मंदिर को सिंहचलम नामक पहाड़ी की चोटी पर बनाया गया है।
इस मंदिर में ओडिशा और द्रविड़ शैली की वास्तुकला का सम्मेलन देखने को मिलता है। यह मंदिर तिरुपति मंदिर के बाद भारत का दूसरा सबसे अमीर मंदिर है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु ने नरसिंह का अवतार हिरण्यकश्यप नामक राक्षस को मारने के लिए लिया था। हिरण्यकश्यप भक्त प्रहलाद का पिता था। प्रहलाद भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था और इसका पिता हिरणकश्यप नहीं चाहता था कि प्रहलाद भगवान विष्णु की भक्ति करें। इसीलिए वह प्रहलाद को मारने की बहुत कोशिश करता है।
लेकिन भगवान विष्णु के कृपा से प्रहलाद बार बार बच जाता है। हिरण्यकश्यप को वरदान मिला था कि उसे ना कोई जानवर मार पाएगा ना इंसान मार पाएगा, ना उसे कोई धरती पर मार पाएगा ना आसमान में मार पाएगा।
लेकिन जब हिरणकश्यप के पाप का घड़ा भर गया तब भगवान विष्णु आधा नर और आधा सिंह का रूप अर्थात नरसिंह रूप में आए और हिरणकश्यप को अपने गोद में सुला कर उसकी हत्या कर दिए। इस तरीके से उन्होंने पाप पर विजय प्राप्त की।
कहा जाता है कि कुछ मुस्लिम आक्रमणकारियों ने इस मंदिर को नष्ट करना चाहा लेकिन उस वक्त एक धार्मिक कवि कुमार नाथ ने भगवान नरसिंह से मंदिर की रक्षा करने का अनुरोध किया तब मधुमक्खियों के झुंड में आक्रमणकारियों पर हमला कर दिया और फिर वे दूंगा सिंहचलम की पहाड़ियों में चले गए और कहीं गायब हो गए।
इन कथाओं के कारण इस मंदिर काफी ज्यादा महत्व है। हर दिन हजारों लोग इस मंदिर का दर्शन करने के लिए आते हैं। हर दिन यहां पर काफी ज्यादा भीड़ रहती है। ऐसे में आप आसानी से इस मंदिर में भगवान नरसिंह का दर्शन करना चाहते हैं तो आपको सुबह 8:00 या 9:00 बजे जाना चाहिए, उस वक्त भीड़ कम रहती है और आधे घंटे में ही आपको इस मंदिर का दर्शन करके बाहर निकलना होगा।
गोस्तानी नदी का झरना
अगर आपको ट्रैकिंग और ऊंचे पहाड़ से गिरने वाले पानी आकर्षित करते हैं तो आपको गुस्सा नी नदी के झरने को देखने जाना चाहिए वहां ट्रैकिंग करने की अच्छी सुविधा दी गई है।
इसके अलावा वहां का झरना 50 फीट ऊपर से गिरता है, जो देखने में काफी सुंदर लगता है। वहां एक से एक सेल्फी और फोटो प्वाइंट रखे गए हैं, जिससे लोग अपनी इस सुनहरी यादों को अपने मोबाइल और एल्बम में कैद कर सके।
बोज्जनकोंडा
विशाखापत्तनम में बोज्जनकोंडा 6 रॉक कट गुफाओं का एक समूह है, जिसे 4 वीं शताब्दी का माना जाता है। इन गुफाओं में बौद्ध धर्म के तीर्थंकर गौतम बुध की सुंदर मूर्तियां विराजमान है, जिन पर बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई है। यहां के पास की गुफाओं में भी स्तूप है जहां पर बौद्ध भिक्षुक ध्यान लगाया करते थे। इस स्तूप के चारों ओर ईंटो से बना एक गुंबद है।
बौद्ध धर्म के तीन चरण महायान, हीनयान और ब्रजयान को यहां के गुफाओं, मठों और चैत्य पर चित्रित किया गया है। यह जगहविशाखापत्तनम में बौद्ध धर्म के अभ्यास में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह जगह धार्मिक महत्व के कारण पर्यटकों को खूब आकर्षित करती है।
यहां के गुफा तक पहुंचने के लिए पत्थर की सीढ़ी बनाई गई है, जिसमें सुरक्षा के लिए रेलिंग भी लगाया गया है इसमें ज्यादा चढ़ाई नहीं करना पड़ता है। यह क्षेत्र भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के रखरखाव में आता है।
यहां का वातावरण काफी शांतिपूर्ण है। यही कारण है कि विशाखा पटना में घूमने आने वाले पर्यटक शांति और सुकून अनुभव करने के लिए इस जगह का दौरा करने के लिए आते हैं।
यारदा समुद्र तट
यही वह खूबसूरत समुद्र तट है, जिसके वजह से विशाखापट्टनम को पूर्व का गोवा कहा जाता है। यहां सुनहरी रेत पर बैठकर सूर्य उदय और सूर्य के डूबने का जो नजारा है, वह कई लोगों के दिल को चुरा लेता है। यारदा समुद्र तट पर घंटों बैठकर बेहतरीन खाना का आनंद लेते हुए मौसम और किस प्रकार आकाश समुद्र सराहनीय मिल जाता है।
सूर्य उदय और सूर्य का डूबना इतना खूबसूरत हो सकता है कि आप उसे अपनी जीवन भर नहीं भूलेंगे। यह सभी चीजों को एक स्थान पर बैठकर चुपचाप अनुभव करने का सबसे खूबसूरत और बेहतरीन जगह है। हम आपसे अनुरोध करेंगे कि विशाखापट्टनम में यारदा समुद्र तट पर अवश्य जाएं।
लाइट हाउस
विशाखापट्टनम जाते हैं तो लाइट हाउस को विजिट करने जरूर जाएं। पर्यटकों के बीच यह जगह भी काफी ज्यादा लोकप्रिय है। यह जगह रामकृष्ण बीच से 1 से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यहां पर आप 3:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक जा सकते हैं। केवल दो ही घंटे के लिए यह हाउस खुला रहता है। यहाँ तक आने के लिए आप ओटो या कैब बुक कर सकते हैं।
युद्ध स्मारक
विशाखापट्टनम के विभिन्न पर्यटन स्थलों में से युद्ध स्मारक बहुत ही प्रमुख है। इसीलिए विशाखापट्टनम की यात्रा के दौरान इस युद्ध स्मारक को देखने के लिए जरूर आए। युद्ध स्मारक रामकृष्ण बीच के पास बनाया गया है।
इस स्मारक की स्थापना 1996 में नौसेना कमान के द्वारा की गई थी। स्मारक में कई सारे मिसाइलें, लड़ाकू विमान, बम और टैंक रखे गए हैं। भारत-पाक युद्ध में शामिल सैनिकों की जीत का स्मरण करने के लिए यह स्मारक यहां पर बनाया गया है।
स्मारक के चारों ओर एक ठोस दीवार है, जिसमें एक सुंदर मीनार भी है और यह मीनार इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति की तर्ज पर बनाई गई हैं।
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सबमरीन म्यूजियम
1975 की लड़ाई में किस प्रकार आई एन एस विक्रांत ने भारत के दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे और इसके अलावा विभिन्न प्रकार के पनडुब्बी और बड़े बड़े जहाज विशाखापट्टनम में बनाए गए हैं। विशाखापट्टनम एक बहुत बड़ा बंदरगाह के रूप में सदैव प्रचलित रहा है।
अगर आप विशाखापट्टनम गए हैं तो रसीकोड़ा बीच जाना बिल्कुल ना भूलें। इस बीच का नजारा खूबसूरत तो है ही मगर आपको यहां एक से एक पनडुब्बी देखने को मिलेगी।
किस प्रकार भारतीय पनडुब्बी और बड़े-बड़े जहाजों ने युद्ध कौशल में अपनी खूबियां दिखाई है, वह सब आपको इस म्यूजियम के जरिए देखने का और जानने का मौका मिलेगा।
आर्कू वैली
यदि आप विशाखापट्टनम घूमने आए हैं तो आपको यहां से 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आर्कू वैली विजिट करने जरूर आना चाहिए। बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहां पर 6-7 और भी छोटे-छोटे पर्यटन स्थल है।
अराकू घाटी विशाखापट्टनम से 114 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह यहां आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। नए कपल के लिए यह जगह बेहद ही परफेक्ट है, जो उन्हें एक रोमांटिक माहौल देता है।
यह जगह एडवेंचर के दीवानों से लेकर प्रकृति प्रेमियों तक के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यहां पर सभी उम्र के लोगों के लिए कुछ ना कुछ खास है। अनंतगिरी हिल्स, पद्मपुरम बॉटनिकल गार्डन,चपराई झरने, अराकू ट्राइबल म्यूजियम, बोर्रा गुफाएं यहां के प्रमुख आकर्षण हैं।
रॉस हिल चर्च
रॉस हिल को कन्यामाइकोंडा के नाम से भी जाना जाता है। यह चर्च पूर्वी घाटों की चोटियों में सबसे ऊँची है। यह जगह और समुद्र तटों, बंदरगाह और चर्चों का एक सुंदर दृश्य प्रस्तुत करती है। यहां पर स्थित चर्च 3 पहाड़ियों से घिरा हुआ है और तीनों ही पहाड़िया तीन अलग-अलग धर्म के पवित्र स्थल है।
रॉस हिल्स पर वर्जिन मैरी चर्च और दरगाह कोंडा पर एक मुस्लिम संत बाबा इशाक मदीना की कब्र है। इस हिल पर 1864 में एक अंग्रेज जिसका नाम मिस्टर रॉस था उसका घर स्थित था और उसी के नाम पर इस हिल का नाम रॉस हिल पड़ा।
उसी का घर उसके मृत्यु के बाद लेडी ऑफ द सेक्रेड हार्ट नामक चर्च में बदल दिया गया। चर्च तक आने के रास्ते को कई ईसाई संकेत और चित्रों से सजाया गया है।
रामकृष्ण समुद्र तट एक्वेरियम
जैसा कि आप समझ गए होंगे विशाखापट्टनम का समुद्र तट और पानी से काफी अनोखा रिश्ता है। यहां दो बीच है, उसके अलावा विभिन्न प्रकार के समुद्र तट और अक्वेरियम मौजूद हैं। रामकृष्ण समुद्र तट एक्वेरियम उनमें से ही एक है, जहां आपको एक से एक मछली और समुद्री जीव का संग्रह देखने को मिलेगा।
इस एक्वेरियम में आपको नमकीन और मीठे पानी के समुद्री जीव देखने को मिलेंगे। अगर आप पानी के अंदर की खूबसूरती को महसूस करना चाहते हैं तो आपको रामकृष्ण समुद्र तट एक्वेरियम अवश्य जाना चाहिए।
लाम्बासिंगी
प्रकृति प्रेमियों के लिए विशाखापट्टनम में लाम्बासिंगी बेहद ही सुंदर जगह है। यदि आप बर्फबारी देखना चाहते हैं तो यहां पर आ सकते हैं क्योंकि यह आंध्र प्रदेश राज्य का एकमात्र ऐसी जगह है, जहां पर बर्फबारी होती हैं।
यहां का मौसम वीकेंड मनाने के लिए बहुत ही सुहावना है। अन्नावरम मंदिर, येरावरम जलप्रपात,कोथापल्ली जलप्रपात, कोंडाकारला पक्षी अभ्यारण्य और थजंगी जलाशय स्थित है। यह जगह विशाखापट्टनम से 101 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यनम
विशाखापट्टनम से 183 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यनम पर्यटन की दृष्टि से बेहद लोकप्रिय शहर है। इस शहर में फ्रांसीसी संस्कृति एवं तेलुगु संस्कृति का सम्मेलन देखने को मिलता है।
क्योंकि यहां पर 200 वर्षों तक फ्रांसीसीओं का उपनिवेश था, इसीलिए आज तक इस शहर में फ्रांसिस बड़ा प्रभाव देखने को मिलता है। यहां पर कई सारे फ्रांसीसी संरचना, शिवालयम और वेंकन्ना बाबू मंदिर है। यह खूबसूरत जगह है। इस जगह को आप अपने विकेंड लिस्ट में शामिल कर सकते हैं।
इंदिरा गांधी जूलॉजिकल पार्क
विशाखापट्टनम के अनेकों खूबसूरत स्थानों में से इंदिरा गांधी जूलॉजिकल पार्क भी एक खूबसूरत स्थान है, जहां हर किसी को जाना चाहिए।
1977 में बनाए गए इस जूलॉजिकल पार्क में आपको मैमल, रेप्टाइल और पक्षियों के लगभग 100 से अधिक प्रजाति देखने को मिलेगी। पूरी 100 प्रजातियों को एक छोटे से पार्क में रखा गया है, जिसे देख कर आपका दिल बाग बाग हो जाएगा।
श्रीकाकुलम
श्रीकाकुलम प्राकृतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशाखापट्टनम का बेहद महत्वपूर्ण और लोकप्रिय जगह है। यह जगह वीकेंड मनाने के लिए बिल्कुल परफेक्ट है जो विशाखापट्टनम से 116 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
कलिंगपट्टनम, श्रीकुरमम, अरसवल्ली, काविती, बरुवा यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। माना जाता है कि इस जगह को भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम ने बनाया था। हालांकि इस तथ्य से जुड़ी कोई भी सटिक प्रमाण अभी तक नहीं मिले हैं।
वोडा पार्क
अलग-अलग स्थान की हाल चाल है और समुद्र तट के खूबसूरत नजारे को देखने के बाद अगर आप थकान महसूस करें तो आपको वोडा पार्क जाना चाहिए। अपने बच्चों और प्रेमी प्रेमिकाओं के लिए यह पारकर सबसे खूबसूरत स्थान है। यहां पर आपको लगभग 2500 विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे देखने को मिलेंगे।
इस पार्क में छोटे-छोटे मूर्तियां भी बनाई गई है, जो दिखने में काफी खूबसूरत लगती है। इस पार्क में एक से एक सेल्फी और फोटो प्वाइंट रखा गया है ताकि आप अपने यादों को संजो कर अपने पास रख सके।
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विशाखापट्टनम में लोकप्रिय स्थानीय भोजन
अगर आप कहीं घूमने जाते हैं तो यह आवश्यक है कि आप वहां के प्रसिद्ध खाना को अवश्य खाएं। ऐसे विभिन्न प्रकार के व्यंजन है, जो विशाखापट्टनम में काफी अधिक प्रचलित है। उन सभी व्यंजन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी नीचे दी गई है।
पुंगुलू
विभिन्न प्रकार के व्यंजन में सबसे प्रचलित व्यंजन, जिसे आमतौर पर लोग शाम के नाश्ते में खाते हैं, वह पुंगुलु है। यह उड़द की दाल और पीसे हुए चावल से बनाया जाता है। विभिन्न प्रकार के चटनी और सलाद के साथ है। इस शाम के नाश्ते का आनंद लिया जाता है।
अगर आप विशाखापट्टनम जाए तो पुंगुलू अवश्य खाएं। वैसे तो आपको यह व्यंजन विशाखापट्टनम के किसी भी रोड किनारे ठेले या होटल पर मिल जाएगा। मगर हम आपको एमवीपी कॉलोनी में मिलने वाले पुंगुलू खाने का सुझाव देंगे।
बम्बू चिकन
यदि आप विशाखापट्टनम घूमने के लिए जाते हैं तो वहां पर आपको बंबू चिकन बहुत देखने को मिलेगा। ऐसे में यदि आप नॉनवेज खाने के शौकीन हैं तो बंबू चिकन का टेस्ट लेना बिल्कुल भी ना भूलें।
क्योंकि इसका स्वाद अन्य चिकन की तुलना में काफी ज्यादा स्वादिष्ट रहता है और इसकी सुगंध भी गजब का लगता है। इसे सामान्य विधि से ना बनाते हुए बंबू यानी कि बांस के लकड़ी में होल करके उसके अंदर चिकन को डालकर धीमी आंच पर पकाकर बनाया जाता है।
इडली
जैसा कि हम सब जानते हैं आंध्रप्रदेश दक्षिण भारत से जुड़ा हुआ है और वहां भी दक्षिण भारत की संस्कृति और व्यंजन अधिक मात्रा में प्रचलित है। विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश का एक मशहूर शहर है। इस वजह से यहां भी आपको दक्षिण भारत की संस्कृति देखने को मिलेगी।
इस वजह से एक दक्षिण भारत के प्रचलित व्यंजन इडली की प्रचलित इस शहर में काफी अधिक है। इसे पीसे हुए चावल और उड़द दाल से बनाया जाता है। यह खाना किसी भी व्यक्ति के लिए अच्छा है। क्योंकि इसे ताला नहीं जाता और ना ही इसमें आपको अधिक नमक मिलता है।
गुट्टी वैंकाया कूरा
यह आंध्र बैंगन करी है, जो विशाखापट्टनम के अतिरिक्त पूरे आंध्र प्रदेश में काफी ज्यादा लोकप्रिय हैं। विशाखापट्टनम घूमने आने वाले पर्यटकों को भी इसका स्वाद काफी ज्यादा पसंद आता है।
इस डिश को बैंगन को पकाकर और अन्य मसालों को डालकर तैयार किया जाता है और फिर उसे उबले हुए चावल के साथ परोसा जाता है।
लीवर कबाब
विशाखापट्टनम में यहां के स्थानीय लोगों के अतिरिक्त यहां आने वाले पर्यटकों के बीच भी लीवर कबाब काफी ज्यादा फेमस है, जिसे मजेदार लेमन सोडा के साथ परोसा जाता है। लिवर कबाब के स्टॉल के पास चिकन कबाब और फिश फ्राय जैसे अन्य डिश भी मिलते हैं।
मसाला बाटनी
मसाला बाटनी एक तौर पर चाट है, जिसे सफेद मटर को उबाल कर उसमें टमाटर, प्याज और अन्य मसालों को डालकर तैयार किया जाता है।
ऊपर से इसमें नींबू का रस डालकर इसे खट्टा तिखा स्वाद दिया जाता है। विशाखापट्टनम में वहां के पर्यटन स्थलों को घूमने के दौरान इस स्ट्रिट फूड को जरूर ट्राइ करें।
स्वीट कॉर्न
वैसे तो स्वीट कॉर्न भारत के अलावा हर जगह पर मिल जाते हैं लेकिन विशाखापट्टनम में बीच के आसपास आपको यह स्वीट कॉर्न के बहुत से स्टॉल दिख जाएंगे। शाम के समय बीच पर ठंडी ठंडी हवाओं का आनंद लेते हुए स्वीट कॉर्न को खा सकते हैं।
डोसा
आज कल आम तौर पर लोग इस व्यंजन को अपने घर पर ही बना कर खा लेते हैं। मगर हम आपको सुझाव देंगे कि जब आप विशाखापट्टनम या दक्षिण भारत से जुड़े किसी भी शहर में जाएं तो वहां के डोसे को अवश्य खाएं। यह वहां का प्रचलित व्यंजन है, जिसे खाने के बाद आप यह समझ पाएंगे कि क्यों यहां का डोसा ही असली डोसा माना जाता है।
आंध्रा पेपर चिकन
आंध्र पेपर चिकन आंध्र प्रदेश में काफी ज्यादा लोकप्रिय है और विशाखापट्टनम के लगभग सभी नॉन वेज रेस्टोरेंट में आपको उनके मेनू में यह दिख जाएगा। इसमें चिकन को अदरक लहसुन के पेस्ट, हल्दी, हरी मिर्च और नींबू के रस में मैरीनेट किया जाता है।
उसके बाद चिकन को आग पर पकाया जाता है और फिर उसके ऊपर कुरकुरी प्याज और कड़ी पत्ता से इसे गार्निश किया जाता है, जो दिखने के साथ ही खाने में भी काफी स्वादिष्ट लगता है।
टमाटर बाजी
यह एक दूसरा प्रचलित व्यंजन है, जो केवल विशाखापट्टनम में मशहूर है। अगर आप विशाखापट्टनम जाते हैं तो आपको इस व्यंजन का लाभ अवश्य उठाना चाहिए। केवल बेसन और टमाटर से इतना स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किया जाता है, जो किसी भी नमकीन और मसालेदार व्यंजन को पीछे छोड़ दें।
इसके अलावा वहां पर और भी विभिन्न प्रकार के व्यंजन आपको मिल जाएंगे। मगर ऊपर बताए गए व्यंजन खासतौर पर विशाखापट्टनम और दक्षिण भारत के लिए बनाए गए है। आपको इन सब का लुफ्त वहां अवश्य रूप से उठाना चाहिए।
विशाखापट्टनम में कहाँ रुके?
अगर आप विशाखापट्टनम में घूमने जाना चाहते हैं और वहां जाकर कहां रुकेंगे यह आपकी समस्या है तो हमने नीचे कुछ निर्देश दिए हैं, जिनका पालन करने पर आप विशाखापट्टनम में रुकने की जगह अच्छे से समझ जाएंगे।
जैसा कि हम सब विशाखापट्टनम का समुद्र और बंदरगाह के वजह से जानते हैं। इस वजह से वहां ज्यादातर अच्छे होटल आपको समुद्र तट के किनारे मिल जाएंगे। आमतौर पर ऐसे होटल काफी महंगे होते हैं। अगर आपका बजट काफी कम है तो आपको शहर के बीच में कोई लॉज या सराय लेना होगा।
विशाखापट्टनम में जिंजर विजाग, वेस्टर्न रामचंद्र, नाम के कुछ प्रचालित पांच सितारा होटल मौजूद हैं, जहां आप अपना लग्जरी ट्रीटमेंट करवा सकते है। इसके अलावा वहां पर विभिन्न प्रकार के होटल ढाबा भी मौजूद हैं, जिनके लिए आप को शहर के बीच में जाना होगा। वहां के बाजार में आपको रुकने के लिए विभिन्न प्रकार के जगह मिल जाएंगे।
एक साधारण लॉज में ₹3000 प्रति माह और ₹100 प्रतिदिन के आधार पर एक पलंग और छोटा सा कमरा बुक कर सकते हैं। इसके अलावा आपको पांच सितारा होटल या लग्जरी ट्रीटमेंट में 5000 से 10000 रुपयों का बेड आएगा, जो आपके विशाखापट्टनम की छुट्टियों को और यादगार बनाने के लिए काफी है।
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Best Time to Visit Visakhapatnam
विशाखापट्टनम समुद्र और बागों का क्षेत्र है। आप यूं तो साल के किसी भी महीने में यहां घूमने जा सकते हैं और वहां के खूबसूरत समुद्र तटीय नजारों का आनंद उठा सकते है।
मगर आपको बता दें कि विशाखापट्टनम भारत के दक्षिणी क्षेत्र में होने की वजह से वहां गर्मी अधिक होती है। इस वजह से आपको ठंड के मौसम में वहां जाना चाहिए।
हमारे सुझाव से आपके लिए अक्टूबर से मार्च का महीना विशाखापट्टनम में घूमने के लिए काफी अच्छा हो सकता है। अक्टूबर से मार्च के महीने में विशाखापट्टनम में कम से कम 17 डिग्री और अधिकतम 20 डिग्री की ठंड होती है।
आप यह कह सकते हैं कि बाकी राज्य के मुकाबले वहां ठंड कम पड़ती है। मगर अक्टूबर से मार्च के महीने में जब ठंड और गर्मी दोनों ही कम होती है। तब पर्यटकों को समुद्र तट और बाग घूमने में काफी मजा आता है।
विशाखापट्टनम कैसे जाएं?
जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया आंध्र प्रदेश की राजधानी होने के साथ-साथ विशाखापट्टनम भारत के पूर्वी तट का एक सफल और प्रगति पूर्ण पर है। इस वजह से वहां सड़क, रेल और वायु मार्ग की उत्तम सुविधा मौजूद है।
आप देश के किसी भी कोने से विशाखापट्टनम पहुंच सकते हैं। इसके लिए आपको किन मुख्य बातों के बारे में विचार करना चाहिए, उसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी नीचे दी गई है।
विशाखापटनम जाने के लिए हवाई मार्ग
जैसा कि हमने आपको बताया विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश का एक प्रगति पूर्ण शहर है। यहां पर आपको ना केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय हवाई जहाज भी मिल जाएंगे। भारत में एयर इंडिया, स्पाइसजेट, इंडिगो जैसे विभिन्न प्रकार के प्रचलित हवाई जहाज कंपनियां उपलब्ध है।
भारत के किसी भी कोने से आप हवाई जहाज के सहारे विशाखापट्टनम का सकते है। यह एक भारत का प्रचलित शहर होने की वजह से लगभग सभी राज्य और शहर के हवाई जहाजों को यहां रुकने का बंदोबस्त किया गया है।
विशाखापट्टनम जाने के लिए सड़क मार्ग
विशाखा पटना में एक प्रचलित और प्रगति पूर्ण शहर है। इस वजह से वहां पर आपको चिकनी सड़क देखने को मिलेगी, जो भारत के लगभग सभी मशहूर शहरों को जोड़ती है। उदाहरण के तौर पर बताएं तो NH5 कोलकाता से विशाखापट्टनम को जोड़ती है, जिस के रास्ते अब कोलकाता और विशाखापट्टनम की दूरी 14 घंटे की रह गई है।
इस तरह विशाखापट्टनम को हैदराबाद विजयवाड़ा कोलकाता और अन्य शहरों से भी जोड़ा गया है। अब भारत के किसी भी मुख्य शहर से सड़क मार्ग के सहारे विशाखापट्टनम पहुंच सकते हैं। इसके लिए आप स्वयं की गाड़ी या किसी बस सेवा का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर आपका घर किसी छोटे से इलाके में है और वहां से आप विशाखापट्टनम के लिए सीधा कोई बस नहीं ढूंढ पा रहे हैं तो आपको कोलकाता हैदराबाद जैसे भारत के मुख्य जगहों के लिए बांस ढूंढना चाहिए। वहां से आपको विशाखापट्टनम के लिए सीधी बस मिल जाएगी।
हालांकि आंध्र प्रदेश छत्तीसगढ़ जैसे इलाकों में आपको विशाखापटनम जाने के लिए सीधी बस सुविधा मुहैया करवाई गई है, जिसमें आप काफी कम शुल्क देकर विशाखापट्टनम तक का सफर तय कर सकते हैं।
आपको एक बस में कितना शुल्क देना पड़ेगा। यह अपने इलाके के बस अड्डे पर जाकर पता चलेगा। मार्ग और बस के चयन के अनुसार बस की टिकट का दाम बदलता रहता है।
विशाखापटनम जाने के लिए रेल मार्ग
आपको बता दें कि विशाखापट्टनम जाने के लिए रेल मार्ग भी मौजूद है। आप बड़ी आसानी से रेल का इस्तेमाल करके विशाखापट्टनम जा सकते हैं। विशाखापट्टनम पहुंचने के लिए आंध्र प्रदेश के लगभग सभी शहर या स्टेशन से लोकल ट्रेन की सुविधा दी गई है ताकि आप अगर आंध्र प्रदेश में रहते हैं तो काफी कम शुल्क में विशाखापट्टनम पहुंच सकते हैं।
अगर आप किसी अन्य राज्य में रहते हैं तो आपको ट्रेन और सीट के अनुसार पैसे देकर विशाखापट्टनम आना होगा। लगभग सभी प्रचलित और बड़ी ट्रेन विशाखापट्टनम तक छात्र छात्राओं को पहुंचाने का कार्य करती है।
विशाखापत्तनम घूमने के लिए कितने दिन की योजना बनाएं?
विशाखापट्टनम में एक से बढ़कर एक पर्यटन स्थल है। उन सभी पर्यटन स्थलों को एक्सप्लोर करने के लिए आपको कम से कम 2 से 3 दिन की आवश्यकता पड़ेगी। इसीलिए यदि आप विशाखापट्टनम घूमने की योजना बना रहे हैं तो 2 से 3 दिन की योजना जरूर बनाएं।
विशाखापट्टनम कैसे घूमे?
जैसा कि आप समझ गए होंगे विशाखापट्टनम भारत के पूर्व दक्षिणी क्षेत्र का एक प्रसिद्ध शहर है, जहां हजारों की तादाद में लोग हर साल घूमने के लिए आते हैं। अगर आप विशाखापट्टनम घूमने जाना चाहते हैं तो आपको अपने सफर की शुरुआत यारदा समुद्र तट से करनी चाहिए।
यह जगह विशाखापट्टनम की एक प्रचलित समुद्र तट या बीज है, जहां आपको काफी अद्भुत खाने-पीने की सामग्री के साथ-साथ सजने सवरने और खूबसूरत बादल पानी का नजारा और सूरज को उगते डूबते देखने का बेहतरीन जगह है।
आप अपने परिवार और प्रेमी के साथ इस जगह पर घूमने के लिए जा सकते हैं। विशाखापट्टनम अपने समुद्र और बीच के वजह से प्रचलित है। इस वजह से आपको विशाखापट्टनम घूमने की शुरुआत ऐसी ही जगहों से करनी चाहिए।
यहां आपको रहने के लिए होटल और खाने-पीने की उत्तम व्यवस्था मिल जाएगी। एक ही जगह पर इन सभी चीजों की व्यवस्था सेट करने के बाद ही आप किसी दूसरे स्थान के लिए प्रस्थान करें।
विशाखापट्टनम में दो प्रसिद्ध बीच और समुद्र तट है। साथ ही यहां पर एक्वेरियम और पनडुब्बी म्यूजियम है, जिसे आपको अवश्य देखना चाहिए और यह सभी चीजें आप वहां जाते ही देख पाएंगे।
इस वजह से आपको टैक्सी पकड़कर सबसे पहले समुद्र तट और वहां के होटल में चेकिंग करने जाना चाहिए और उसके बाद वहां से गूगल मैप पर देखना चाहिए कि कौन सी चीज कितनी दूर है। वहां आपको कुछ अनुभवी लोग भी मिल जाएंगे, जो आपको शहर कैसे घूमना है इसके बारे में सटीक जानकारी देंगे।
विशाखापट्टनम घूमने में कितना खर्च आएगा?
अगर आप विशाखापट्टनम घूमने जाना चाहते हैं तो हम आपको बता दें वहां रहने के लिए आपको विभिन्न प्रकार के होटल मिल जाएंगे। वहां ऐसे पांच सितारा होटल है, जो आपको काफी महंगे लग सकते हैं और ऐसे भी होटल मौजूद हैं, जो बाजार के बीच में है और आपको काफी सस्ते लग सकते हैं।
विशाखापट्टनम में सभी प्रकार के लोग अपने बजट के अनुसार घूम सकते हैं। केवल आपके बजट पर निर्भर करता है कि आपको कैसी सुविधा और किस प्रकार से इस शहर को घूमना है।
विशाखापट्टनम में कुछ दिन अगर रुकेंगे तो ₹100 एक दिन के बेड का चार्ज जाएगा और इसके अलावा आपको ऐसे होटल मिल जाएंगे, जो ₹5000 में एक दिन का बेड आएगा। तो आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी प्रकार के होटल को चुन सकते हैं।
याद रखें अगर आप बाजार के बीच में किसी होटल या सराय में रुकते हैं तो आपको कम खर्चा आएगा। अगर आप समुद्र तट के पास किसी होटल में रुकते हैं तो आपको काफी अधिक खर्च आएगा।
हम आपको कह सकते हैं कि आप कम से कम ₹2000 से ₹5000 में विशाखापट्टनम घूम सकते हैं। अगर आपको पांच सितारा ट्रीटमेंट चाहिए तो ₹10000 तक का खर्च आ सकता है।
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विशाखापट्टनम घूमने के लिए साथ में क्या रखें?
जैसा कि हमने आपको बताया विशाखापट्टनम एक प्रचलित शहर है। वहां घूमते वक्त आपको कुछ खास चीजों को अपने पास रखने की आवश्यकता है, जिनके बारे में एक संक्षिप्त सूची नीचे दी गई है।
- विशाखापट्टनम में मौसम ना अधिक गर्म और ना अधिक ठंड रहती है और अगर आप इसे अक्टूबर से मार्च के महीने में घूमने जाते है तो अपने साथ कुछ थोड़े गर्म कपड़े रख लें।
- पेट खराब और बुखार होने की दवाइयों के अलावा उल्टी की दवाइयां फिर रख लें।
- यहां पर जितनी भी जगह है घूमने के लिए उपलब्ध है, वह सब बहुत अधिक भीड़भाड़ वाला होता है। कोरोना के इस दौर में आपको अपना टीकाकरण पूरा करने के बाद ही घूमने के लिए जाना है और अगर आपका कोरोना टीकाकरण पूरा हो गया है तो उसकी एक पर्ची अपने पास अवश्य रख लें।
- इसके अलावा अपने टिकट, कुछ पैसा और आईडी कार्ड अपने साथ जरूर रखें।
Visakhapatnam Tourist Places Photos
FAQ
विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश की राजधानी है और भारत के पूर्व दक्षिणी क्षेत्र का एक प्रगति पूर्ण शहर है, जो अपने समुद्र तटीय इलाके और बंदरगाह की वजह से पूरे भारत में प्रचलित है।
विशाखापट्टनम में समुद्री तट, बीच, पनडुब्बी म्यूजियम, गुफा और खूबसूरत भाग बगीचों की वजह से प्रचलित है।
विशाखापट्टनम औद्योगिक क्षेत्र है, वहां प्रचुर मात्रा में उद्योग होने की वजह से वह स्थान काफी प्रगति पूर्ण हो चुका है।
विशाखापट्टनम ही अंद्रा प्रदेश की राजधानी है। इससे पहले आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद थी। मगर वर्तमान समय में हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी बन चुकी है।
विशाखापट्टनम का सबसे प्रचलित भोजन इडली, डोसा, टमाटर बाजी और पुंगुलू है।
नरसिंह स्वामी मंदिर विशाखापट्टनम शहर से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर सीम्हाचलम पर्वत चोटी पर स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु के नौवें अवतार नरसिंह को समर्पित है।
ऋषि कुंड बीच विशाखापट्टनम के मुख्य शहर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शाम के समय इस बीच के आसपास का वातावरण बहुत ही सुरम्य होता है।
निष्कर्ष
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को विशाखापट्टनम में घूमने लायक जगह (Visakhapatnam Me Ghumne ki Jagah) से संबंधित पूरी विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की है।
हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा प्रस्तुत की गई आज की यह महत्वपूर्ण जानकारी आपको आसानी से समझ में भी आ गई होगी। अगर आपको हमारी आज की यह महत्वपूर्ण जानकारी विशाखापट्टनम टूरिस्ट प्लेस (Visakhapatnam Tourist Places in Hindi) आई हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले।
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Thank you for guiding me I am first time visit to vishakhapatnam & Andhra Pradesh state
बहुत बढिया जानकारी