Varanasi Me Ghumne ki Jagah: वाराणसी हिन्दुओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जो भारत के उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां की खूबसूरती अद्वितीय है। यहां अधिकतर में लोग शुद्धिकरण और मुक्ति के लिए आते हैं।
वाराणसी में कई प्रसिद्ध मंदिर और घाट बने हुए है, जो विश्व भर में प्रसिद्ध है और अपनी खूबसूरती के लिए सभी को अपनी और आकर्षित करते हैं। विश्व भर से लोग वाराणसी घूमने के लिए और कुछ समय शांति से गुजारने के लिए आते हैं। वाराणसी में हर साल लाखों लोग घूमने के लिए आते हैं।
यदि आप भी कहीं घूमने की योजना बना रहे हैं तो आपको एक बार वाराणसी के बारे में जरुर सोचना चाहिए। यहां पर हम वाराणसी में जाने की जगहें, वाराणसी कैसे जाएं, वाराणसी जाने का सही समय क्या है आदि के बारे में जानकारी शेयर कर रहे हैं।
वाराणसी से संबंधित कुछ रोचक तथ्य
- वाराणसी में एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है।
- बनारस को भगवान शिव के निवास स्थान के रूप में जाना जाता है।
- वाराणसी में कई सारे मंदिर बने हुए हैं।
- वाराणसी में सबसे अधिक घाट बने हुए हैं।
- बनारस को सिल्क व्यापार के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं।
वाराणसी में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Varanasi Tourist Places in Hindi)
यहां पर हम वाराणसी टूरिस्ट प्लेस (places to visit in varanasi) के बारे में जानेंगे, जहां पर वाराणसी जाएं तो आसानी से घूम सकते हैं। चलिए जानते हैं वाराणसी टूरिस्ट प्लेस के बारे में।
तुलसी मानस मंदिर
वाराणसी में देखने के लिए कई सारे मंदिर मिल जायेंगे। लेकिन इसके अलावा और भी कई मंदिर हैं, जो काफी फेमस है। इन्ही मंदिर के से एक है तुलसी मानस मंदिर। तुलसी मानस मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है। सन 1964 में इस मंदिर को कोलकाता के प्रसिद्ध व्यापारी ने बनवाया था।
मंदिर के प्रत्येक खंभे पर रामचरित मानस लिखी हुई है। यह मंदिर दो मंजिल का बना है, जिसमें राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, शिव और अन्नपूर्ण माता की प्रतिमा स्थापित है। वहीं दूसरी मंजिल पर संत तुलसीदास की मूर्ति लगी हुई है।
इस मंदिर को तुलसी मानस मंदिर इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां पर तुलसीदास ने रामायण की रचना की थी। तुलसी मानस मंदिर प्रत्येक सुबह 5:30 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक और 3 बजे से लेकर रात्रि के 9 बजे तक मंदिर खुला रहता है।
भारत माता मंदिर
इस मंदिर को भारत माता मंदिर के नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि इसमें आपको भारत से संबंधित सभी जानकारी यहां मिल जाएगी। भारत माता मंदिर काशी विद्या पीठ में ही है। इसका निर्माण शिव प्रसाद गुप्ता और उदघाटन महात्मा गांधी ने किया था। मंदिर के अंदर जाने पर आपको भारत की संपूर्ण संकृति जानने को मिलेगी।
यहां की सबसे खास बात यह हैं कि इसमें भारत का नक्शा है, जो कि सफेद संगमरमर को काट कर बनाया गया है। इसके साथ ही यदि आप पुस्तकें पढ़ने में रुचि रखते हैं तो आप यहां पर पुस्तकें भी पढ़ सकते हैं।
दुर्गा माता मंदिर
माता दुर्गा मंदिर के अंदर माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में बंगाल की महारानी ने करवाया था। मंदिर को बनाने के लिए लाल बलुआ पत्थर का प्रयोग किया गया है। माता दुर्गा के अलावा मंदिर में मां काली, मां सरस्वती, मां लक्ष्मी और भैरवनाथ आदि की भी प्रतिमा स्थापित है।
दुर्गा माता मंदिर में भक्तों का आना जाना लगा रहता है। माता के मंदिर में सबसे अधिक भीड़ नवरात्रि के समय होती है। इस दौरान भक्तों की काफी भीड़ मां के दर्शन करने के लिए आते हैं। सावन के महीने में दुर्गा माता मंदिर में एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। यह मेला पूरे एक माह तक चलता है।
संकट मोचन मंदिर
हनुमान जी का यह मंदिर माता दुर्गा के मंदिर में पास में स्थित है। इस मंदिर को 19वीं शताब्दी में पंडित मदन मोहन मालवीय ने बनवाया था। यहां के रहने वाले लोग इस मंदिर को वानर मंदिर के नाम से जानते हैं क्योंकि इस मंदिर के आस पास बहुत सारे बंदर रहते हैं।
यहां के पंडित के अनुसार एक बार तुलसीदास यहां पर लेटे हुए थे, तुलसीदास को पहली बार हनुमान जी का स्वप्न यही पर आया था। इसके बाद उन्होंने इस जगह पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की थी।
इसके बाद मंदिर को संकट मोचन मंदिर के नाम से मशहूर हो गया। जो भी भक्त इस मंदिर के दर्शन कर लेता है, उसके सारे दुःख दर्द दूर हो जाते हैं।
काशी मंदिर
यदि आप वाराणसी घूमने आए और काशी मंदिर न घूमे तो आपका वाराणसी घूमने आना बेकार हो जाएगा। वाराणसी आने वाले सभी लोग सबसे पहले बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए जाते हैं। काशी हिंदू मंदिर हिंदुओं का प्रसिद्ध मंदिर है।
मंदिर के अंदर भगवान शिव की बड़ी प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में दर्शन करने के लिए आते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर गंगा के पास में स्थित है।
भक्त पवित्र गंगा में स्नान करने के बाद काशी मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते हैं। भक्तों का मानना है कि गंगा में स्नान करने में बाद शिव के दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मणिकर्णिका घाट
बनारस की यह घाट सबसे पवित्र घाट में से एक है। इस घाट की सबसे खास बात यह है कि इसके चारों तरफ मंदिर ही मंदिर बने हुए है। इस घाट के चारों तरफ चिताएं जलती रहती है।
काशी आने वाले बहुत से लोग ऐसा सोचता है कि उनकी चिता मणिकर्णिका घाट पर जले। ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत से लोगों का मानना है कि इस घाट में अंतिम संस्कार होने से व्यक्ति को सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
चंद्रप्रभा वाइल्डलाइफ
चंद्रप्रभा वाइल्डलाइफ वाराणसी से 70 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इस वाइल्डलाइफ में आपको कई प्रकार के झरने देखने को मिलेंगे, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, जिसमें राजदारी और देवदारी झरने प्रमुख प्रकार के है।
देवदारी झरने को अपनी एक खास विशेषता के कारण जाना जाता है। इस झरने के अंदर एक कुंड बना हुआ है। यदि आप इस कुंड में कोई पत्थर आदि को फेकेंगे तो वह पानी में नीचे नहीं जाएगा, बल्कि वह वापस आपके पास आएगा।
भारत कला भवन
भारत कला भवन हिंदू विश्वविद्यालय के पास में स्थित है। सन 1920 में इसका निर्माण करवाया गया था। भारत कला भवन एशिया की सबसे बड़ी संग्रहालय में से एक है। इस भवन के अंदर 12000 से अधिक चित्र शैलियां बनी हुई है।
अस्सी घाट
बनारस में कुल 84 घाट बने हुए हैं। इन 84 घाटों में सबसे प्रमुख अस्सी घाट है। अस्सी घाट की उत्ताप्ति गंगा और अस्सी घाट के संगम से हुई है। अस्सी घाट के किनारे कई सारे मंदिर बने हुए है। यही पर बाबा जग्गनाथ का मंदिर भी बना हुआ है, जो कि काफी फेमस है।
प्रत्येक वर्ष इस जगह पर मेले का आयोजन किया जाता है। बनारस घूमने आने पर आप अस्सी घाट जरूर आए। यहां पर शाम के समय गंगा आरती की जाती है। इस आरती में शामिल होने के लिए भक्तों की काफी भीड़ लगी रहती है।
यह भी पढ़े: जाने 15+ वृंदावन में घूमने की खूबसूरत जगह और दर्शनीय स्थल के बारे में
सिल्क एंपोरियल
बनारस जहां हिंदुओं के प्रमुख मंदिर है। वहीं इसके अलावा बनारस बनारसी साड़ियों के लिए जाना जाता है। बनारस के छावनी रोड़ पर कई सारी दुकानें हैं, जहां पर आप बनारसी साड़ी को अच्छे दामों पर खरीद सकते हैं। बनारस घूमने आने पर आप बनारस की प्रमुख साड़ियों को खरीदना न भूले।
रामनगर किला
यह किला बनारस में सबसे प्राचीन किलों में से एक है। इस किले की दूरी रेलवे स्टेशन से करीब 14 किमी की है। रामनगर किले का निर्माण वर्ष 1750 में किया गया था, जो कि काशी के राजा बलवंत सिंह ने करवाया था। इस किले के महाराज आज के समय में अनंत नारायण जी है।
किले के निर्माण के लिए इसमें चुनार बालू का इस्तेमाल किया गया है। रामनगर किले के अंदर जाने के लिए चार गेट है। किले का मुख्य दरवाजा लाल रंग से रंगा हुआ है। वहीं किले में करीब 1000 से अधिक कमरे बने हुए हैं।
रामनगर किले को देखने के लिए आपको सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आना होगा। किले में प्रवेश करने के लिए आपको 15 रुपए की टिकट लेनी होगी जबकि विदेशी पर्यटक को 400 रुपए की टिकट है। बच्चों के लिए सिर्फ 10 रुपए की टिकट रखी गई है।
जोड़ों के लिए वाराणसी में घूमने की जगहें
- श्री काशी विश्वनाथ मंदिर
- दशाश्वमेध घाट
- रामनगर किला
- भारत कला भवन संग्रहालय
- ओम कैफे
- धमेख स्तूप, सारनाथ
- आधा-आधा कैफे
- लूसी हेरिटेज कैफे
- पिंक द कलर कैफे
- कैफे डी कॉप
- चीनी बौद्ध मंदिर
- सारनाथ डियर पार्क
- वाराणसी फन सिटी
- संत रविदास स्मारक पार्क
- नेहरू पार्क
- जंतर मंतर
- तड़का रेस्टोरेंट
वाराणसी में खाने के लिए प्रसिद्ध भोजन
वाराणसी के मंदिर जितने प्रसिद्ध है, उससे कहीं अधिक यहां के भोजन है। यहां के भोजन बहुत ही स्वादिष्ट और मजेदार है। वाराणसी के लोग सुबह की शुरुआत पूड़ी सब्जी से करते हैं। पूड़ी सब्जी के अलावा आप यहां की गर्म जलेबी, लॉन्ग लत्ता आदि फेमस भोजन हैं।
लॉन्ग लत्ता को बहुत ही यूनिक तरीके से बनाया जाता है, जो एक बार लॉन्ग लत्ता को खा लेता है, वो इसको दोबारा खाने के लिए जरूर आता है। शिव की नगरी होने के कारण यहां की ठंडाई, टमाटर चाट, बनारसी लस्सी भी बहुत फेमस है।
इसके बाद बारी आती हैं विश्व प्रसिद्ध बनारसी पान की। यदि बनारस आए तो यहां के फेमस पान को जरूर ट्राई करें। पान भी कई प्रकार के होते है लेकिन सबसे अधिक लोग गुलकंद वाले पान को खाना पसंद करते हैं।
यह भी पढ़े: 10+ सारनाथ में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
वाराणसी घूमने के लिए सबसे अच्छा समय
वाराणसी घूमने जाने का सबसे अच्छा समय न अधिक गर्मी और न अधिक सर्दी यानी कि आप वाराणसी में घूमने अक्टूबर से लेकर मार्च के महीने के बीच में कभी भी आ सकते हैं। इस दौरान यहां का मौसम अच्छा रहता है।
आप इस मौसम में वाराणसी में अच्छे से घूम सकते हैं। गर्मी में बनारस घूमने के लिए सही नहीं हैं क्योंकि इस दौरान यहां पर कड़ाके की धूप होती है। इसलिए पर्यटक गर्मी की अपेक्षा सर्दियों के मौसम में सबसे अधिक घूमना पसंद करते हैं।
वाराणसी कैसे जाएं?
वाराणसी जाने के लिए आप ट्रेन, बस और वायुयान माध्यमों का प्रयोग कर सकते हैं। वाराणसी जाने के लिए आपको नीचे सारे माध्यम बताए गए हैं।
ट्रेन मार्ग से वाराणसी कैसे जाएं?
वाराणसी जाने के लिए आप वाराणसी के किसी भी रेलवे स्टेशन पर जा सकते हैं। यहां पर तीन स्टेशन है, जो कि वाराणसी जंक्शन, बनारस रेलवे स्टेशन, मंडावोड है। यह रेलवे स्टेशन सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन से जुड़े हुए हैं।
सड़क मार्ग से वाराणसी कैसे जाएं?
बस द्वारा यदि आप वाराणसी जाना चाहते हैं तो इसके लिए आप किसी भी साधारण या डिलक्स बस के द्वारा आप वाराणसी पहुंच सकते हैं। यदि आप दिल्ली, मुंबई या फिर अन्य किसी शहर से वाराणसी आना चाहते हैं तो आप बस द्वारा आ सकते हैं।
वायु मार्ग से वाराणसी कैसे जाएं?
यदि आप हवाई जहाज के द्वारा वाराणसी आना चाहते हैं तो इसके लिए आपको वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर उतरना होगा। आप हवाई जहाज के द्वारा आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।
निष्कर्ष
यहां पर हम वाराणसी में घूमने की जगह (varanasi ghumne ki jagah), वाराणसी कैसे जाएं, वाराणसी जाने का सही समय क्या है (best time to visit varanasi) आदि के बारे में जानकारी शेयर की है।
उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, इसे आगे शेयर जरुर करें। आपको यह जानकारी कैसी लगी, हमें कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।
यह भी पढ़ें
10+ मथुरा में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल
15+ प्रसिद्ध बरसाना के दर्शनीय स्थल और घूमने की जगह
15+ प्रयागराज (इलाहाबाद) में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय