यदि अप उज्जैन घूमने का विचार कर रहे हैं और उज्जैन के सभी प्रसिद्ध मंदिरों में घूमना चाहते हैं तो यहं पर ujjain mandir list शेयर कर रहे हैं, जिसमें सभी उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिर शामिल किये गए है।
उज्जैन शिप्रा नदी के तट पर बसा भारत का सबसे प्राचीन धार्मिक स्थल है। यह मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है। उज्जैन में अनेको देवी देवताओं की प्राचीन मंदिर स्थित है। इसीलिए यह शहर मंदिरो की नगरी के नाम से भी प्रसिद्ध है। उज्जैन भारत के साथ पौराणिक प्रसिद्ध शहरों में से एक है।
उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिर (Ujjain Mandir List)
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के लिए प्रख्यात है। भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है। यह मंदिर अति प्राचीन है। महाकवि कालिदास जी ने भी अपने रचना में महाकालेश्वर मंदिर का अदभूत चित्रण किया है। यह मंदिर भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसका मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है।
मंदिर में भगवान शिव के अतिरिक्त कार्तिकेय भगवान, गणेश भगवान और अन्य हिंदू देवी देवता के भी दर्शन हो जाते हैं। मंदिर के गर्भ ग्रह में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू है। इस मंदिर की वास्तुकला चालुक्य, मराठा और भूमिजा शैलियों का एक सुनियोजित मिश्रण है।
1935 ईस्वी में इल्तुतमिश के द्वारा महाकालेश्वर प्राचीन मंदिर का विध्वंस कर दिया गया था। जिसके बाद यहां के जो भी शासक रहे, उन्होंने समय-समय पर इस मंदिर का जिर्णोद्धार करवाया तब जाकर यह मंदिर अपने वर्तमान स्वरूप को प्राप्त कर सका।
आरती | समय (गर्मी में) | समय (सर्दी में) |
महाकालेश्वर भस्म आरती | 04:00 AM से 06:00 AM | 04:00 AM से 06:00 AM |
दद्योदक आरती | 07:00 AM से 07:30 AM | 07:30 AM से 08:00 AM |
भोग आरती | 10:00 AM से 10:30 AM | 10:30 AM से 11:00 AM |
संध्या पूजा (शाम की आरती) | 05:00 PM से 05:30 PM | 05:30 PM से 06:00 PM |
श्रीमहाकाल आरती | 07:00 PM से 07:30 PM | 07:30 PM से 08:00 PM |
शयन आरती | 10:30 PM से 11:00 PM | 10:30 PM से 11:00 PM |
समय | |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 2 किलोमीटर |
बस स्टैंड से दूरी | 3.8 किलोमीटर |
नजदीकी एयरपोर्ट | 53 किलोमीटर (देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा) |
एड्रेस | 5QM9+58C, महांकाल मंदिर के अंदर, जयसिंहपुरा, उज्जैन, मध्य प्रदेश, 456001 |
श्री चिंतामन गणेश मंदिर
उज्जैन के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक भगवान गणेश जी को समर्पित श्री चिंतामन गणेश मंदिर है, जो कि महाकालेश्वर मंदिर से तकरीबन 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर के गर्भग्रह में भगवान गणेश जी की चिंतामणि, इच्छामन और सिद्धि विनायक तीनों स्वरूप में उनकी प्रतिमा स्थापित है।
इस मंदिर की स्थापना 13वीं शताब्दी में परमार राजाओं के शासनकाल में की गई थी। गणेश चतुर्थी में इस मंदिर को खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है। इस मंदिर के करीब में ही 80 फीट गहरी प्राचीन बावड़ी है, जिसे लक्ष्मण बावड़ी के नाम से जाना जाता है। चैत्र महीने के प्रत्येक बुधवार को इस मंदिर के प्रांगण में बहुत बड़े मेले का आयोजन होता है।
आरती | समय |
चोला आरती | सुबह 07:00 बजे |
भोग आरती | संध्या 07:30 बजे |
शयन आरती | रात 09:30 बजे |
समय | सुबह 05:00 बजे से रात 10:00 बजे तक |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 8 किलोमीटर |
बस स्टैंड से दूरी | 8 किलोमीटर |
नजदीकी एयरपोर्ट | 60 किलोमीटर (देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा) |
एड्रेस | 4PXQ+79H, 191 चिंतामन गणेश, उज्जैन, मध्य प्रदेश, 456006 |
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शनि देव मंदिर
भारत में शनि देव को समर्पित कई सारे मंदिर है लेकिन उज्जैन में स्थित शनि देव मंदिर की अपनी ही विशेषता है। इस मंदिर क उज्जैन के मंदिर में विशेष स्थान है। यहां के शनि देव मंदिर को नवग्रह मंदिर के नाम से जाना जाता है, जो कि शिप्रा नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर उज्जैन का बेहद ही प्राचीन तकरीबन 2000 साल पुराना मंदिर है।
मंदिर की स्थापना राजा विक्रमादित्य के द्वारा की गई थी। इस मंदिर की स्थापना के बाद ही उन्होंने विक्रम संवत की भी शुरुआत की थी। यह भारत का पहला ऐसा शनि देव मंदिर है, जहां पर भगवान शनि देव को शिव के रूप में दिखाया गया है। हर शनि अमावस्या के दिन इस मंदिर में शनि देव की प्रतिमा पर 5 क्विंटल से भी अधिक तेल चढ़ाए जाते हैं।
समय | सुबह 05:00 बजे से रात 09:00 बजे तक |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 5-7 किलोमीटर |
बस स्टैंड से दूरी | 5.1 किलोमीटर |
नजदीकी एयरपोर्ट | 53 किलोमीटर (देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा) |
एड्रेस | मोतीबाग कॉलोनी, उज्जैन, ढेडिया, मध्य प्रदेश, 456006 |
काल भैरव मंदिर उज्जैन
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के बाद काल भैरव मंदिर वहां का सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख मंदिर है। बिना काल भैरव मंदिर के दर्शन किए महाकालेश्वर का दर्शन अधूरा माना जाता है। महाकालेश्वर को जहां उज्जैन का राजा माना जाता है। उज्जैन का भगवान माना जाता है। वहीं काल भैरव को उनका कोतवाल, उनका सेनापति माना जाता है।
कहते हैं कि काल भैरव लोगों को नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करते हैं। इस मंदिर की सबसे रोचक बात यह है कि यहां पर भगवान काल भैरव को प्रसाद के रूप में मदिरा यानी कि शराब चढ़ाया जाता है। मंदिर के गर्भग्रह में काल भैरव की प्रतिमा स्थापित है।
इस मंदिर का निर्माण इतिहासकार के अनुसार राजा भद्र सेन के द्वारा किया गया था। इस मंदिर के पास में ही विक्रांत भैरव और पाताल भैरवी का भी मंदिर है।
समय | सुबह 06:00 बजे से रात 08:00 बजे तक |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 7 किलोमीटर (उज्जैन जंक्शन) |
बस स्टैंड से दूरी | 4.1 किलोमीटर |
नजदीकी एयरपोर्ट | 53 किलोमीटर (देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा) |
एड्रेस | भैरवगढ़, गोयला बुजुर्ग, मध्य प्रदेश, 456003 |
गोपाल मंदिर
उज्जैन शहर के बिल्कुल बीचो-बीच स्थित गोपाल मंदिर महाकालेश्वर के बाद उज्जैन का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। मंदिर की स्थापना सन 1833 के लगभग दौलत राव सिंधिया की पत्नी महारानी बायजा बाई के द्वारा किया गया था। इस मंदिर के विशाल स्तंभ और उस पर किए गए सुंदर नक्काशी लोगों को आकर्षित करते हैं।
मंदिर के कपाट और मूर्तियां चांदी से बने हैं। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। मंदिर के गर्भ ग्रह में भगवान कृष्ण की प्रतिमा विराजमान है। इसके अलावा मंदिर में शिवजी, मां पार्वती और गरुड़ भगवान की भी प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के बाहर विशाल प्रांगण भी बना हुआ है, जहां पर श्रद्धालु आराम करते हैं।
समय | सुबह 04:00 बजे से रात 08:30 बजे तक |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 2 किलोमीटर (उज्जैन जंक्शन) |
बस स्टैंड से दूरी | 1 किलोमीटर |
नजदीकी एयरपोर्ट | 53 किलोमीटर (देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा) |
एड्रेस | महाकाल मंदिर, पटनी बाजार, कामरी मार्ग, उज्जैन, मध्य प्रदेश, 456006 |
गढ़कालिका मंदिर
उज्जैन में स्थित गढ़ कालीका मंदिर बारह खंबो पर टिका हुआ एक प्राचीन मंदिर है। गढ़ नामक स्थान पर होने के कारण ही इसे गढ़ कालिका मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर का निर्माण भैरव पहाड़ी पर गुर्जर सम्राट नागभट्ट के द्वारा किया गया था। कहते हैं कि मंदिर का निर्माण महाभारत काल में हुआ था।
गढ़ कालिका मंदिर मां काली को समर्पित है। यहां पर माता के दो रूप देखने को मिलते हैं, जिसमें लक्ष्मी और सरस्वती भी विराजमान है। मंदिर के निकट में ही भगवान गणेश जी को समर्पित पौराणिक मंदिर है।
समय | सुबह 06:00 बजे से रात 09:00 बजे तक |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 5 किलोमीटर (उज्जैन जंक्शन) |
बस स्टैंड से दूरी | 2 किलोमीटर |
नजदीकी एयरपोर्ट | 60 किलोमीटर (देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा) |
एड्रेस | 1 गढ़कालिका मंदिर, स्थिरमन गणेश के पास, उज्जैन, मध्य प्रदेश, 456006 |
हरसिद्धि मंदिर
उज्जैन में स्थित हरसिद्धि मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस जगह पर मां सती की कोहनी गिरी थी। कहा जाता है प्राचीन काल में सम्राट विक्रमादित्य इस मंदिर में पूजा अर्चना करते थे। वे देवी सिद्ध को प्रसन्न करने के लिए 12 बार अपने शीश को काटकर अर्पित किए थे।
मंदिर के प्रांगण में 51 फीट ऊंचे दो दीप स्तंभ है, जिसका निर्माण विक्रमादित्य ने करवाया था। यह स्तंभ काफी प्राचीन है तकरीबन 2000 साल से भी अधिक पुराने हैं। इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए चार द्वारा बने हुए हैं।
मंदिर के दक्षिण पूर्व कोने में एक बावड़ी भी बनी हुई है। प्रत्येक शाम को यहां पर देवी सिद्धी की आरती होती है और उस भव्य आरती और दृश्य को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं।
समय | सुबह 05:00 बजे से रात 07:00 बजे तक |
आरती का समय | सुबह 07:00 बजे 08:00 बजे तक शाम 06:00 बजे 07:00 बजे तक |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 2.5 किलोमीटर (उज्जैन जंक्शन) |
बस स्टैंड से दूरी | 3.3 किलोमीटर |
नजदीकी एयरपोर्ट | 60 किलोमीटर (देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा) |
एड्रेस | हरसिद्धि मार्ग, हरसिद्धि चौराहा, जयसिंहपुरा, उज्जैन, मध्य प्रदेश, 456006 |
रामघाट मंदिर
रामघाट मंदिर उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर स्थित प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। इस घाट के तट पर इसी मंदिर के पास हर 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन होता है। उस समय हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और यहां के शिप्रा नदी में डुबकी लगाकर मोक्ष प्राप्ति की कामना करते हैं।
यहां पर स्थित मंदिर भगवान श्री राम को समर्पित है। हर शाम को यहां पर भव्य आरती का आयोजन होता है। महाकालेश्वर मंदिर का दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालु सबसे पहले यहीं पर आकर स्नान करते हैं।
समय | – |
रेलवे स्टेशन से दूरी | 3 किलोमीटर (उज्जैन जंक्शन) |
बस स्टैंड से दूरी | 2.6 किलोमीटर (उज्जैन जंक्शन) |
नजदीकी एयरपोर्ट | 55 किलोमीटर (देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा) |
एड्रेस | – |
निष्कर्ष
उपरोक्त लेख में आपने भारत का पौराणिक शहर उज्जैन में स्थित सभी उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिर (ujjain famous temple) के बारे में जाना। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए जानकारी पूर्ण रहा होगा। इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरीए अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें।
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