यह हिंदुओ का धार्मिक स्थल है, जो कि महाराष्ट्र – पुणे के बीच में स्थित है। शिरडी से नासिक की दूरी करीब 76 किमी है। इस जगह को साई जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता है।
शिरडी के साई बाबा का मंदिर सबसे अमीर मंदिर में से एक है। यहां पर बहुत सी संख्या में भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए जाते हैं।
सबसे अधिक लोग यहां पर सर्दी के मौसम में जाना पसंद करते है क्योंकि इस दौरान यहां का मौसम सुहावना होता है। शिरडी महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में है।
शिरडी एक छोटा शहर है। इसके बावजूद भी यहां पर बाबा के भक्तों की लाइन लगी रहती है। साई बाबा मंदिर के अलावा और भी कई सारी जगह है, जहां आप घूम सकते हैं।
साई बाबा एक धार्मिक गुरु थे, जिनको हिंदू और मुस्लिम समुदाय के दोनों लोग मानते हैं। साई बाबा ने सभी धर्मों को एक बताया है।
इस लेख में शिरडी में घूमने की जगह, शिरडी टूरिस्ट प्लेस (Places to Visit in Shirdi), शिरडी के पास दर्शनीय स्थल, शिरडी के आसपास पर्यटन स्थल (Shirdi ke Pass Ghumne ki Jagah), शिरडी जाने का सही समय आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
शिरडी के बारे में रोचक तथ्य
- साई बाबा के दर्शन के लिए प्रतिदिन 50,000 से अधिक संख्या में दर्शन करने के लिए आते हैं।
- साई बाबा को सभी धर्म के लोग मानते हैं।
- शिरडी के साईं बाबा के मंदिर का निर्माण 1922 में किया गया था। उस समय मंदिर का निजी स्वामित्व श्रीमंत गोपालराव के पास था, उनकी मृत्यु के बाद मंदिर का स्वामित्व संचालन श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट के द्वारा किया जाता है।
- शिरडी में द्वारिका माई एक दर्शनीय स्थल है, जो समाधि मंदिर के दाएं तरफ है। कहा जाता है कि शिरडी आने पर जब साईं बाबा को कहीं भी रहने की जगह नहीं मिली तब वे एक जर्जर मस्जिद में अपना घर बना लिए, जिसे उन्होंने द्वारकामाई का नाम रखा और वहीं पर वह अपना पूरा समय बिताते थे। वहां वे एक पत्थर पर बैठते थे। कहा जाता है कि आज भी द्वारकामाई में वह पत्थर स्थित है, जिस पर श्री साईं बाबा बैठा करते थे।
- शिरडी के साईं बाबा के प्रति इस्लाम और हिंदू दोनों धर्मों के लोगों की आस्था है। इसीलिए यहां पर मुस्लिम और हिंदू दोनों ही तरह के श्रद्धालु चढ़ावा चढ़ाते हैं। इस मंदिर में हर साल बहुत ज्यादा चढ़ावा चढ़ता है। इसीलिए इसे भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है। पिछले 3 वर्षों में शिरडी साईं बाबा ट्रस्ट को 94 देशों से डोनेशन भी मिल चुका है, जिसमें विभिन्न देशों के करेंसी शामिल है।
- शिरडी साईं मंदिर में न केवल श्रद्धालुओं को दर्शन करने को मिलता है बल्कि यहां पर मौजूद रसोई में बनी प्रसाद खाने को भी मिलता है। शिरडी मंदिर के रसोई को भारत के सबसे बड़े रसोई में से एक माना जाता है।
- शिरडी में साई बाबा ने 16 वर्ष की आयु में आसान लगाकर तपस्वी जीवन जीना शुरू कर दिया था।
- शिरडी में साई बाबा 3 वर्ष के लिए अचानक गायब हो गए थे लेकिन इसके बाद वापस आ गए थे।
- साई बाबा के जीवन के बारे में कोई नहीं जानता है। इनका जन्म कब हुआ था इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है।
- शिरडी गांव में सबसे पहले साई बाबा ने दर्शन दिए थे।
शिरडी में लोकप्रिय पर्यटक स्थल | Shirdi Tourist Places in Hindi
शिरडी का खंडोबा मंदिर
शिरडी का खंडोबा मंदिर भी फेमस मंदिर में से एक है। यह मंदिर शिरडी की मुख्य सड़क के पास में ही है। खंडोबा मंदिर यहां के लोकदेवता के रूप में पूजे जाते हैं।
यहां के लोगों का कहना है कि साई बाबा किसी की शादी में शामिल होने के लिए आए थे तो यहां पर मौजूद बरगद के पेड़ के पास ही बैठे थे। खंडोबा जी यह मंदिर सबसे प्रमुख मंदिर में से एक है। इसके अलावा खंडोबा जी की 12 और भी मंदिर बने हुए हैं।
शिरडी का गुरुस्थान
यह जगह शिरडी की खास जगह में से एक है। साई को मानने वाले भक्तों के लिए यह पवित्र जगह है। गुरुस्थान वह जगह है, जहां पर साई बाबा पहली बार 16 वर्ष की आयु में लड़के के वेश में यहां प्रकट हुए थे।
गुरुस्थान कोपरगांव में स्थित है। इस जगह पर साई बाबा की मूर्ति बनी हुई है। इसके अलावा एक नंदी बैल को भी साथ में रखा गया है। यह जगह नीम के नीचे बनी हुई है।
लोगों का मानना है कि जो भी भक्त यहां पर अगरबत्ती को जलाएगा, उसकी सभी बीमारियां खत्म हो जाएगी। इस जगह को गुरुस्थान के नाम से जाना जाता है।
शिरडी का समाधि मंदिर
इस मंदिर के अंदर साई बाबा की समाधि बनी हुई है। इस मंदिर को बनाने में सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। यह बहुत ही आकर्षक मंदिर है।
मंदिर को बनाने के लिए दो बड़े-बड़े खम्बो के माध्यम से बनाया गया है। इस मंदिर का निर्माण नागपुर के धनी व्यक्ति ने करवाया था। मंदिर को बहुत ही आकर्षक ढंग से सजाया गया है।
शिरडी का द्वारकामाई
द्वारकामाई को भक्त शिरडी का दिल भी कहते है। इस जगह पर साई बाबा ने अपना अंतिम समय यही पर बिताया था। बाबा के भक्त के लिए द्वारिकामायी खजाने के समान है। देश के कोने-कोने से भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए आते हैं।
इनको चाहने वाले सभी धर्मो के लोग है। इसके अलावा बाबा ने कई सारे उपदेश दिए थे। जो लोग बाबा के भक्त है, वह उनके उपदेश को भी मानते हैं।
द्वारिका माई में सबसे पहले एक मस्जिद थी। बाबा के जन्म से पहले यह मस्जिद खंडहर के रूप में थी। बाबा के जन्म के बाद इस मस्जिद की पूरी कायापलट गई। यह एक ऐसी जगह है, जहां पर मस्जिद के अंदर मंदिर बना हुआ है।
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अमृतेश्वर मंदिर
शिर्डी के आसपास घूमने लायक प्रमुख स्थानों में से एक अमृतेश्वर मंदिर है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर शिरडी से 115 किलोमीटर की दूरी पर पवित्र नदी प्रवरा के तट पर स्थित है।
इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी ईस्वी में शिलाहार राजवंशों के द्वारा किया गया था। मंदिर महाराष्ट्र के सभी शहरों से अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है।
इस मंदिर का हमादपंथी वास्तुकला और सदियों पुरानी परंपरा पर्यटकों को आकर्षित करती है।
शनि शिंगणापुर
शनि शिंगणापुर शनि भगवान का प्रसिद्ध मंदिर है। मंदिर के अंदर भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के अंदर ही एक बड़ी सी काला पत्थर स्थापित है।
लोगों का मानना है कि इस पत्थर में शनि जी निवास करते है। मंदिर में कोई भी अलग शिल्प कला का प्रयोग नहीं किया गया है।
लेकिन शनिदेव में आस्था के कारण यहां पर भक्तो की भारी भीड़ होती है। मंदिर में शनि जयंती के दिन यहां पर भक्त दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं।
शिरडी के चावड़ी
यह शिरडी का प्रमुख तीर्थ स्थल है। शिरडी चावड़ी की वह जगह है, जहां पर साई बाबा ने अंतिम वर्ष में कुछ रातों के लिए यहां पर विश्राम किया था। इस जगह पर जाने के लिए आपको पहले द्वारकामाई मस्जिद जाना होगी।
इस जगह से बाबा के भक्त पालकी निकालते है। इसलिए चावड़ी को प्रमुख जगह में से एक माना जाता है।
शिरडी का पालकी जुलूस
साई बाबा अपने अंतिम वर्ष में चावड़ी में निवास करते थे। भक्त बाबा की पालकी भी यही से निकाला करते थे।
साई बाबा को मानने वाले भक्त आज भी बाबा की पालकी को निकालते हैं। यह पालकी गुरुवार के दिन निकाली जाती है।
टाइगर वैली
अगर आप शिरडी के आसपास घूमने लायक ऐसे स्थानों की तलाश में है, जो प्रकृति के सुंदर वादियों से घिरे हुई हो और वहां पर साहसिक गतिविधियों का भी आनंद लिया जा सकी तो टाइगर वैली आपके लिए एक पसंदीदा डेस्टिनेशन हो सकती है।
टाइगर वैली ट्रेकिंग के लिए काफी ज्यादा लोकप्रिय है। यह वैली शिरडी से 215 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यहां पर मौजूद ऊंचे पत्थरों के कारण आवाज प्रतिध्वनित होती है। चारों तरफ से हरे भरे पेड़-पौधों से उत्पन्न यहां की सुंदरता देखने लायक होती है।
त्र्यंबकेश्वर
शिरडी के आसपास प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक त्रियंबकेश्वर मंदिर है। यह मंदिर शिरडी से लगभग 117 किलोमीटर की दूरी पर महाराष्ट्र के त्रयंबकम गांव में स्थित है।
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। शिरडी दर्शन करने आए ज्यादातर श्रद्धालु त्रयंबकेश्वर मंदिर का दर्शन करके ही जाते हैं। यह मंदिर आर्य शैली का उत्कृष्ट नमूना है।
मंदिर के गर्भ गृह में स्थित शिवलिंग तीन लिंगम के कारण विशिष्ट है। क्योंकि उस शिवलिंग पर एक 1 इंच के तीन लिंग दिखाई देते हैं, जिसे भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश का अवतार माना जाता है।
शिरडी का प्रमुख साई मंदिर
साई बाबा का यह मंदिर देश के अलावा विदेश के लोग भी दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर साई बाबा के प्रमुख मंदिर में से एक है।
लोगों के अनुसार बताया जाता है कि बाबा के पास बहुत सारी शक्तियां थी। इन शक्तियों का उपयोग वो अपने भक्तों की पीड़ा को हरने के लिए करते थे।
बाबा के भक्त इस जगह को पवित्र जगह में से मानते हैं। भक्त बाबा को भगवान के रूप में पूजते हैं। यह मंदिर करीब 200 वर्ग किमी से भी अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह जगह गांव के बीचों बीच में स्थित है।
साई बाबा के मंदिर में प्रत्येक दिन एक अनुमान के आधार पर 25,000 लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। वहीं यदि कोई त्योहार और अन्य किसी अवसर पर भक्तों की भीड़ की संख्या काफी अधिक बढ़ जाती है।
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मालशेज घाट
शिरडी के आसपास घूमने लायक खूबसूरत जगहों में से एक माल्शेज हिल स्टेशन है। शिरडी के आसपास कई सारे हिल स्टेशन है, जिसमें से यह हिल स्टेशन प्रमुख है और यात्रियों के बीच काफी लोकप्रिय है।
यह हिल स्टेशन शिरडी से 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर पर्यटक खास करके ट्रैकिंग और हाइकिंग के लिए आते हैं।
यह हिल स्टेशन एक प्यारा पहाड़ी दर्रा है, जो पुणे जिले के पश्चिम में घाटों के बीच से गुजरता है। शिरडी से यहां तक पहुंचने के लिए बसे उपलब्ध है।
इसके अतिरिक्त आप प्राइवेट टैक्सी से भी आ सकते हैं। मानसून मौसम के दौरान यहां पर पर्यटकों की सबसे ज्यादा भीड़ रहती है।
कोरोली हिल स्टेशन
शिरडी से तकरीबन 125 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोरोली हिल एक प्राकृतिक सुंदर हिल स्टेशन है। जो प्रकृति के शांत वातावरण में शांति के कुछ पल बिताने का आनंद लेना चाहते हैं, वे शिरडी की यात्रा के दौरान कोरोली हिल स्टेशन घूमने आ सकते हैं।
इस हिल स्टेशन में वैतरणा झील और दुगरवाड़ी झरने में कई प्रकार की गतिविधियों का लुफ्त उठा सकते हैं।
इस हिल स्टेशन पर आने के लिए आप शिरडी से नासिक तक के लिए बस ले सकते हैं और फिर वहां से किसी भी टैक्सी के जरिए इस हिल स्टेशन तक पहुंच सकते हैं।
शिरडी का वाटर पार्क
शिरडी में मंदिर के अलावा और भी कई जगह है। यहां पर धार्मिक जगह के अलावा यहां पर वाटर पार्क बना हुआ है।
शिरडी आने वाले पर्यटक यहां पर आना नही भूलते हैं। यदि आप शिरडी घूमने के लिए आते है, तो आप शिरडी के वाटर पार्क जाना न भूले।
वाटर पार्क में सबसे अधिक भीड़ गर्मी के मौसम में होती है। इसके अलावा वाटर पार्क में आप और भी कई गतिविधियां कर सकते हैं। साथ ही वाटर पार्क में आप भोजन आदि की सुविधा का भी लाभ ले सकते हैं।
भंडारदारा
शिरडी के आसपास प्रमुख घूमने लायक स्थानों में से एक भंडारदारा हिल स्टेशन है। यह अद्भुत हिल स्टेशन है, जहां पर कलसुबाई माउंट है, जिसे महाराष्ट्र राज्य का सबसे ऊंची चोटी माना जाता है।
यह हिल स्टेशन शिरडी से 102 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हालांकि आप शिरडी से सीधे यहां तक नहीं जा सकते हैं।
इसके लिए सबसे पहले आपको शिरडी से संगमनेर जाना पड़ेगा, जिसके लिए बस सेवा उपलब्ध रहती है और फिर वहां से आप किसी भी वाहन के जरिए भंडारदार जा सकते हैं। भंडारदरा हिल स्टेशन पर्यटकों के बीच ट्रैकिंग के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है।
इसके अतिरिक्त यहां पर अमृतेश्वर मंदिर, रतनगढ़ किला, अंब्रेला फॉल्स और विल्सन डैम जैसे अन्य कई आकर्षण के केंद्र को देखने का भी लुप्त उठा सकते हैं। जुलाई से सितंबर के दौरान यहां पर्यटकों की सबसे ज्यादा भीड़ रहती है।
शिरडी का सिटी शॉपिंग
शिरडी को साई बाबा के नाम से जाना जाता है। शिरडी प्रमुख जगह में से एक है। साई बाबा के दर्शन के लिए प्रतिदिन कई सारे लोग आते हैं। यहां घूमने आने वाले लोग शॉपिंग करना नही भूलते हैं।
यदि आप साई बाबा के मंदिर की तरफ जायेंगे, तो आपको कई सारी दुकानें देखने को मिल जायेगी। इसके अलावा आपको मिठाई की कई दुकानें भी देखने को मिल जाती है।
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Tourist Places Near Shirdi Within 50 km
- शिरडी का खंडोबा मंदिर
- शिरडी का गुरुस्थान
- शिरडी का समाधि मंदिर
- शिरडी का द्वारकामाई
- शिरडी के चावड़ी
- शिरडी का पालकी जुलूस
- शिरडी का प्रमुख साई मंदिर
Tourist Places Near Shirdi Within 200 km
- भंडारदारा
- कोरोली हिल स्टेशन
- मालशेज घाट
- त्र्यंबकेश्वर
Tourist Places Near Shirdi Within 100 km
- शिरडी का वाटर पार्क
- शिरडी का सिटी शॉपिंग
- शनि शिंगणापुर
शिरडी में खाने के लिए प्रसिद्ध भोजन
शिरडी एक धार्मिक जगह है। इसलिए यहां पर अधिक होटल या रेस्टोरेंट नही है। यहां पर आपको नॉर्मल ही खाना मिलेगा।
धार्मिक जगह होने के कारण यह सिर्फ शाकाहारी भोजन ही मिलेगा। शिरडी के रेस्टोरेंट में आपको दाल, छोला, राजमा, आलू सब्जी आदि कई प्रकार के भोजन खाने को मिलेंगे।
यहां पर सोलर कुकर के द्वारा भोजन बनाया जाता है, जो कि शिरडी के साई किचन में बनाया जाता है। इस किचन में भक्तों के लिए भोजन तैयार किया जाता है। इसमें भक्त मात्र 10 रुपए में भर पेट खाना खा सकते हैं।
शिर्डी में स्वादिष्ट व्यंजन का आनंद लेने के साथ ही यहां साईं बाबा मंदिर ऑफिस का प्रसाद लड्डू लेना बिल्कुल भी ना भूले। इसके बिना आपके शिर्डी की ट्रिप अधूरी है।
यह लड्डू का प्रसाद शुद्ध घी, किसमिस और बेसन की बूंदी से बने होते हैं, जिसका स्वाद आपको जीवन भर याद रहेगा। यह प्रसाद छोटे-छोटे पैकेट में मिलते हैं, जो बहुत कम दाम में मिलते हैं।
शिरडी में रुकने की जगह
शिरडी में रुकने के कई सारी जगह हैं। यदि आप शिरडी घूमने आते है तो आप यहां के होटल या फिर आप साई बाबा के भक्ति द्वारा बनाई गई विश्राम शाला में निवास कर सकते हैं। आप अपनी सुविधानुसार कही पर भी रुक सकते हैं।
शिरडी जाने के लिए सही समय (Best Time to Visit Shirdi)
यदि आप शिरडी घूमना चाहते हैं तो आप सर्दियों के मौसम में जा सकते हैं। आप यहां पर दिसंबर महीने से लेकर मार्च महीने के बीच में जा सकते हैं।
इस दौरान यहां का मौसम काफी सुहावना रहता है। इस दौरान यहां पर बहुत सारे पर्यटक आते हैं। शिरडी में दिसंबर महीने में यहां का टेंप्रेचर करीब 9 डिग्री से लेकर 30 डिग्री तक रहता है।
शिरडी कैसे जाएं?
शिरडी जाने के लिए आप ट्रेन, वायुयान और बस द्वारा यहां जा सकते हैं। शिरडी जाने के लिए आप निम्न तरीके का प्रयोग कर सकते हैं।
बस से शिरडी कैसे जाएं?
यदि बस द्वारा शिरडी की यात्रा करना चाहते हैं तो आप महाराष्ट्र परिवहन की बसों का इस्तेमाल करके यहां पर जा सकते हैं।
यह बस आपको पुणे, अहमदनगर आदि सभी जगह से मिल जायेगी। इसके अलावा आप प्राइवेट बस का इस्तेमाल करके भी जा सकते हैं।
वायुयान से शिरडी कैसे जाएं?
आप वायुयान के द्वारा भी शिरडी में दर्शन करने के लिए जा सकते हैं। यदि आप हवाई जहाज से जाना चाहते है तो आपको औरंगाबाद एयरपोर्ट पर उतरना होगा।
इस एयरपोर्ट से शिरडी की दूरी करीब 130 किमी की है। इस जगह से आप टैक्सी या कैब आदि को बुक करके जा सकते हैं।
ट्रेन से शिरडी कैसे जाएं?
आप ट्रेन द्वारा भी शिरडी में जा सकते हैं। ट्रेन के द्वारा जाने के लिए आपको यहां के कोपरगांव रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा।
इस स्टेशन से शिरडी की दूरी करीब 16 किमी है। कोपरगांव रेलवे स्टेशन में कई सारी ट्रेनों का आवागमन रहता है।
FAQ
शिरडी महाराष्ट्र राज्य में हैं।
शिरडी में यदि आप घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो आपके पास कम से कम 10,000 रुपए होने चाहिए।
शिरडी में घूमने का सही समय सर्दी का मौसम है। आप यह दिसंबर महीने से लेकर मार्च के महीने तक जा सकते हैं।
शिरडी का साईं मंदिर सप्ताह के सातों दिन सुबह 5:00 बजे से रात के 10:00 बजे तक खुला रहता है और यहां पर हर दिन 3 से 4 बार साईं बाबा की आरती होती है। सबसे पहली आरती सुबह 5:15 बजे होती है, जिस दौरान साईं बाबा को मक्खन और शक्कर का प्रसाद चढ़ाया जाता है। दूसरी आरती दोपहर में और तीसरी आरती संध्या काल में होती है।
शिरडी से शनि शिंगणापुर की दूरी 65 किलोमीटर है।
निष्कर्ष
इस महत्वपूर्ण लेख में शिरडी में घूमने की जगह (Shirdi Me Ghumne ki Jagah) से संबंधित विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की है।
इस लेख में शिरडी में घूमने की जगह, शिरडी टूरिस्ट प्लेस (Places to Visit in Shirdi), शिरडी के पास दर्शनीय स्थल, शिरडी के आसपास पर्यटन स्थल (Shirdi ke Pass Ghumne ki Jagah), शिरडी जाने का सही समय (Best Time to Visit Shirdi) आदि के बारे में विस्तार से जाना है।
हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई आज की महत्वपूर्ण जानकारी आपके लिए काफी ज्यादा यूज़फुल और हेल्पफुल साबित हुई होगी। आपको शिरडी घूमने में और वहां तक पहुंचने में हमारा यह लेख पूरी सहायता करेगा।
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