Ranchi Me Ghumne ki Jagah : रांची झारखंड की राजधानी है, जो कभी बिहार का हिस्सा हुआ करता था। यह शहर समुद्र तल से लगभग 1140 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जो देश के कुल खनिज भंडारों का लगभग 40% हिस्से का उत्पादन करता है। इसके अतिरिक्त रांची पर्यटन की दृष्टि से भी खूबसूरत शहर है।
यह शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज है। यहां के हर कोने में आपको कुछ ना कुछ देखने को मिलेगा। यही कारण है कि ब्रिटिश काल के दौरान यह शहर हिल स्टेशन के रूप में पहचाना जाता था। यह शहर जब बिहार का भाग था, तब यह बिहार राज्य का ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करता था।
इस शहर में कई धार्मिक मंदिर, झरने और सुंदर उद्यान भी है। इस शहर का ज्यादातर हिस्सा जंगल होने के कारण यहां पर आपको वातावरण में हरियाली देखने को मिलेगी। इस प्राकृतिक सुंदर वातावरण में आप शांति पूर्ण समय अपने परिवार के साथ बिता सकते हैं।
यदि आप भी रांची घूमना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि आज के लेख में हम आपको रांची के बारे में कुछ रोचक तथ्य, रांची में घूमने लायक प्रसिद्ध जगह और रांची की यात्रा से जुड़ी अन्य कई आवश्यक जानकारी देने वाले हैं।
रांची में घूमने की जगह | Ranchi Me Ghumne ki Jagah
रांची के बारे में रोचक तथ्य
- रांची को झरनों की भूमि के नाम से भी जाना जाता है।
- भारतीय क्रिकेट टीम का लोकप्रिय खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी का जन्मभूमि रांची ही हैं।
- ब्रिटिश काल में रांची को हिल स्टेशन कहा जाता था।
- देश का 40 परसेंट खनिज रांची से ही मिलता है।
- रांची कई प्रकार के धातु के काम और जातीय हस्तशिल्प के लिए देश भर में प्रसिद्ध है।
रांची में लोकप्रिय पर्यटक स्थल ( Ranchi Tourist Places in Hindi)
जूलॉजिकल पार्क
यह जूलॉजिकल पार्क ओरमांझी के पास रांची-पटना राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। अपने बच्चों के साथ रांची की यात्रा के दौरान यह रांची में घूमने लायक बेहतरीन जगहों में से एक है। यह पार्क सुबह के 9:00 बजे से लेकर शाम के 4:30 बजे तक खुला रहता है।
यहां पर आप कई प्रकार के वन्य जीव को देख सकते हैं। चिड़ियाघर के एंट्री गेट पर एक छोटा सा कैंटीन भी है, जहां पर आप कुछ नाश्ता और ड्रिंक ले सकते हैं। वाइल्डलाइफ लवर के लिए यह जूलॉजिकल पार्क रांची में आकर्षण का केंद्र है।
टैगोर हिल
यदि आप रांची के आश्चर्यजनक दृश्यों का आनंद लेना चाहते हैं, रांची में लगभग 300 फीट की ऊंचाई पर स्थित टैगोर हिल को देखने के लिए जरूर आएं। इस हिल पर आप क्लाइंबिंग और ट्रैकिंग जैसे साहसिक गतिविधियों का भी आनंद ले सकते हैं। इस हिल का नाम भारत के महान कवि रविंद्र नाथ टैगोर के नाम पर पड़ा है माना जाता है।
माना जाता है कि रविंद्र नाथ टैगोर अपने किताबों को लिखने के लिए शांत वातावरण और एकांत का आनंद लेने के लिए इन्हीं पहाड़ियों पर आते थे। इस तरह इन्होंने यहां पर उन्होंने काफी समय बिताया था।
इस पहाड़ी के तलहटी में प्रसिद्ध रामकृष्ण आश्रम और दिव्यांग और कृषि व्यवसायिक संस्थान का भी केंद्र स्थित है। यहां की चोटी से आसपास का नजारा बेहद ही सुंदर लगता है। यहां तक पहुंचने के लिए 200 से 250 सीढ़ियां भी लगाई गई।
पंच घाघ वाटरफॉल
यदि आप गर्मियों के मौसम में रांची घूमने जाते हैं, तो रांची से थोड़ी दूर स्थित पंच घाघ वॉटरफॉल बेहद ही आकर्षक पर्यटन स्थल है। इसका नाम पंच घाघ वॉटरफॉल इसलिए पड़ा क्योंकि यहां से पांच झड़ने गिरते हैं जो बहुत ही आश्चर्यजनक दृश्य उत्पन्न करते हैं।
यह स्थान यहां की स्थानीय लोगों के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट भी है। यहां पर आप झरने की तलहटघ में स्नान भी कर सकते हैं और गर्मियों के मौसम में ठंडे पानी का आनंद ले सकते हैं।
पतरातू घाटी
हरी भरी हरियाली और धुंध भरी पहाड़ इस घाटी में मंत्रमुग्ध दृश्य उत्पन्न करते हैं। पतरातू घाटी रांची से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
इस पतरातू घाटी में आप बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं। इस घाटी में एस-टर्न, हेयरपिन और स्वूपिंग कॉर्नर वाले रोड इस यात्रा को बेहद ही रोमांचक बनाते हैं।
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जगन्नाथ मंदिर
रांची में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह जगन्नाथ मंदिर एक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है जिसे 1691 में निर्मित किया गया था। जून जुलाई के महीने में यहां रथ यात्रा भी आयोजित की जाती है, जिस दौरान यहां पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है।
यह मंदिर जटिल नक्काशी और रंगीन पत्थरों का एक अनूठा मिश्रण है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए यहां पर कई सीढ़ियां चढ़ने पड़ती है। पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के बाद आसपास का नजारा बेहद ही खूबसूरत और लुभावना लगता है।
सूर्य मंदिर
रांची में एक पहाड़ी पर स्थित यह सूर्य मंदिर रांची में देखने लायक लोकप्रिय स्थानों में से एक है। इस मंदिर 18 पहियों वाला एक विशाल रथ का रूप दिया गया है, जिसे सात घोड़ों द्वारा खींचा जा रहा है। यह मंदिर वास्तुकला की दृष्टि से बेहद उत्कृष्ट है।
मंदिर के परिसर में एक पवित्र तालाब भी है, जो श्रद्धालुओं के बीच काफी पूजनीय है। इस मंदिर के आसपास की हरियाली भरी और शांत वातावरण के बीच पर्यटको को समय बिताने में बहुत अच्छा महसूस होता है।
रांची में प्रसिद्ध स्थानीय भोजन
यदि आप रांची जाने की योजना बना रहे हैं तो निश्चित ही आप वहां पर कुछ चुनिंदा लोकप्रिय भोजन सामग्री की तलाश कर रहे होंगे क्योंकि बिना स्वादिष्ट व्यंजन की यात्रा का आनंद अधूरा होता है। बता दें कि आपको रांची में स्वाद की कमी नहीं मिलेगी। रांची आपको विभिन्न प्रकार के लाजवाब व्यंजन की पेशकश करेगा।
इस शहर का ज्यादातर हिस्सा जंगल होने के कारण यहां पर जंगली साग और चावल का प्रयोग व्यंजनो में सर्वाधिक किया जाता है। यहां पर चावल से बने विभिन्न व्यंजनों को अलग-अलग रूप में पेश किया जाता है। यहां के कुछ स्थानीय और लोकप्रिय व्यंजन बिहार और बंगाल में भी प्रसिद्ध है वैसे भी यह राज्य रांची के पड़ोसी राज्य होने के कारण वहां का खानपान रांची के व्यंजन में भी अपना स्थान रखता है। रांची के कुछ स्थानीय और लोकप्रिय व्यंजन निम्नलिखित हैं।
दालपुरी
दालपुरी का नाम सुनकर आपको लग रहा होगा कि दाल का बनाया गया पूरी। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यह दालपुरी रांची के अतिरिक्त बिहार और उत्तर प्रदेश में भी काफी लोकप्रिय है और यह एक स्थानीय व्यंजन है इसे मैदे के आटे में चने दाल की स्टफिंग करके बनाया जाता है और फिर धनिया की चटनी के साथ परोसा जाता है जो बहुत लाजवाब होता है।
पीठा
यह एक मीठा व्यंजन है जो खास करके बिहार और झारखंड में ही देखने को मिलेगा। इसे बनाने के लिए सबसे पहले आटे का डो तैयार किया जाता है और फिर डो की छोटी-छोटी लोई लेकर उसे दोनो हाथ की मदद से छोटी-छोटी बेलनाकार आकार दिया जाता है और फिर उसे दूध और गुड़ या फिर चीनी के साथ डाल करके पकाया जाता है।
झारखंड का मालपुआ
मालपुआ झारखंड में लोकप्रिय एक मीठा व्यंजन है। हालांकि यह देश के कई हिस्सों में परोसे जाते हैं लेकिन झारखंड में विशेष रूप से देखने को मिलता है। इसे त्योहारों और शुभ कार्यों में मुख्य रूप से बनाया जाता है। मालपुआ को बनाने के लिए मैदा, दूध,चीनी, मलाई, केले और स्वाद को और भी ज्यादा बढ़ाने के लिए कुछ ड्राई फ्रूट भी मिलाए जाते हैं।
इन सभी मिश्रण के घोल को डीप फ्राई किया जाता है। यदि आपने मालपुआ नहीं खाया है या यदि आपने खाया भी है तब भी रांची यात्रा के दौरान यहां के विशेष मालपुआ का स्वाद जरूर लें।
ठेकुए
बिहार और झारखंड में मिठे व्यंजन की बात आती है तो ठेकुआ यहां का सबसे ज्यादा लोकप्रिय है खास करके यहां का सबसे बड़ा महापर्व छठ के पावन अवसर पर इसी से भोग लगाया जाता है। हालांकि ठेकुआ उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी बनते हैं लेकिन बिहार झारखंड में ठेकुआ में विशेष वैरायटी देखने को मिलती है।
इसे आटे, मैदे और सूजी के मिश्रण से बनाया जाता है। स्वाद को और भी ज्यादा बढ़ाने के लिए इसमें नारियल, मावे और तिल जैसे ड्राई फ्रूट भी मिलाए जाते हैं।
चिलका रोटी
चिलका रोटी रांची के लोकप्रिय व्यंजनों में से एक है जो खासकर के तीज त्यौहार में मुख्य रूप से बनाया जाता है। यह दिखने में बिल्कुल ढोसे की तरह होता है लेकिन इसे बेसन और चावल के आटे से तैयार किया जाता है और फिर चटनी के साथ परोसा जाता है। यदि रांची आए तो रांची का यह लाजवाब व्यंजन जरूर चखें।
ढुसका
ढुसका झारखंड सहित बिहार में भी काफी प्रसिद्ध है। यह एक तरह का पूरी होता है जिसे चावल और चने दाल को फूलाकर उसके पेस्ट को तैयार करके बनाया जाता है।
पेस्ट में कई तरह के मसाले डाले जाते हैं और फिर उसे डीप फ्राई किया जाता है और फिर मिठी या तीखी चटनी के साथ परोसा जाता है। रांची आए तो इस ढुसके का स्वाद जरूर लें क्योंकि यह शायद आपको अन्य जगह पर खाने को ना मिले।
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रांची घूमने के लिए कैसे पहुंचे?
रांची पहुंचने के लिए हवाई, सड़क और रेलवे तीनों मार्ग ही उपलब्ध हैं। आप आसानी से इन तीनों में से किसी भी एक मार्ग का चयन करके रांची पहुंच सकते हैं।
यदि आप रांची के लिए हवाई मार्ग का चयन करना चाहते हैं तो बता दें रांची में बिरसा मुंडा हवाई अड्डा है, जो भारत के प्रमुख शहर जैसे कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पटना और अन्य कई शहरों से अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है। अक्सर भारत के इन शहरों से रांची के लिए फ्लाइट उड़ान भरती है।
रांची पहुंचने के लिए रेलवे मार्ग काफी सस्ता और सुलभ मार्ग है। रांची का रेलवे जंक्शन देश के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है। आपका अपने शहर से आसानी से रांची के लिए ट्रेन मिल जाएगी।
रांची जाने के लिए आप सड़क मार्ग का भी चुनाव कर सकते हैं क्योंकि रांची झारखंड और बिहार के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरीके से जुड़ी हुई हैं। इसके अतिरिक्त यह बंगाल, उत्तर प्रदेश जैसे अन्य शहरों से भी सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ी हुई हैं, जहां से नियमित रूप से रांची के लिए बस रवाना होती है।
रांची में रुकने की जगह
यदि आप रांची जाने की योजना बना रहे हैं तो निश्चित ही आपके मन में वहां पर ठहरने की जगह का ख्याल आया होगा। वैसे भले ही रांची देश का सबसे बड़ा शहर ना हो लेकिन पर्यटन की दृष्टि से काफी बड़ा है। यही कारण है कि यहां पर एक से बढ़कर एक कई होटल बेहतरीन सुविधा के साथ मौजूद है।
लो बजट से लेकर हाय बजट तक के सभी होटल यहां पर आपको मिल जाएंगे। द रॉयल रिट्रीट,ग्रीन होराइजन होटल,चाणक्य बीएनआर होटल, होटल कैपिटल हिल, होटल मेपल वूड जैसे कुछ लोकप्रिय होटल रांची में है, जिसके बारे में आप ऑनलाइन भी सर्च कर सकते हैं और ऑनलाइन बुक करवा सकते हैं।
रांची घूमने के लिए सबसे अच्छा समय
जैसा आप जानते हैं ब्रिटिश काल में रांची को हिल स्टेशन के नाम से भी जाना जाता था और यह कभी बिहार की ग्रीष्मकालीन राजधानी भी हुआ करते थे। ऐसे में आप चाहे तो गर्मियों के मौसम में भी रांची घूमने जा सकते हैं। लेकिन सर्दियों के दौरान रांची घूमने का आनंद ही अलग होता है।
अक्टूबर से मार्च का समय रांची घूमने के लिए आदर्श माना जाता है। इसके अतिरिक्त अक्टूबर-नवंबर के बीच में उत्तर भारत का सबसे बड़ा महापर्व छठ पर्व भी मनाया जाता है, जो यहां पर काफी धूमधाम से मनाया जाता है और उसकी चहल-पहल आपको काफी ज्यादा मोहित कर देगी। इसीलिए रांची जाने की योजना बना रहे हैं तो अक्टूबर से नवंबर के महीने के दौरान विशेष रूप से आने की कोशिश करें।
रांची कैसे घूमे?
रांची घूमने के लिए आप बहुत सारे विकल्पों का चयन कर सकते हैं। आप चाहे तो ऑटो या टैक्सी की सवारी ले सकते हैं । यदि आप सस्ते में रांची घूमना चाहते हैं तो आप बस की सवारी ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप चाहे तो ऑनलाइन कैब बुक करवाकर भी रांची को घूम सकते हैं।
रांची घूमने के लिए यहां पर आपको टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर तक के वाहन भी किराए पर मिल जाते हैं। आप ऐसे एजेंट से संपर्क करके कोई भी वाहन प्रतिदिन के हिसाब से किराए पर ले सकते हैं।
FAQ
1899 में रांची को एक जिले के रूप में गठित किया गया।
रांची झारखंड की राजधानी और पर्यटन की दृष्टि से भी यह एक प्रमुख शहर है। झारखंड उत्तर प्रदेश,उड़ीसा, बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़, जैसे राज्यों के साथ सीमाएं बनाता है जिसके कारण रांची के स्थानीय भोजन में इन राज्यों का भी छाप देखने को मिलता है।
रांची झारखंड की राजधानी है और यह पहले बिहार का हिस्सा हुआ करती थी लेकिन साल 2000 में यह बिहार से अलग होकर अलग राज्य झारखंड का निर्माण हुआ और रांची को उसकी राजधानी बनाई गई।
हंडिया झारखंड का एक देसी शराब है, जिसे 20-25 जंगली जड़ीजड़ी बूटियों को उबले चावल के साथ मिलाकर कुछ दिनों तक छोड़ दिया जाता है। इस तरीके से 1 सप्ताह में इस बियर को बनाया जाता है। इसे राइस बियर भी कहा जाता है।
कर्क रेखा वास्तव में रांची से 23.4 डिग्री उत्तर से गुजरती है।
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने आपको झारखंड की राजधानी रांची में घूमने की जगह ( Ranchi Me Ghumne ki Jagah) के बारे में बताया इसके अतिरिक्त हमने आपको रांची के बारे में कुछ रोचक तथ्य और यहां की यात्रा से जुड़ी अन्य कई आवश्यक जानकारी बताई।
हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो कमेंट में लिखकर हमें जरूर बताएं। इस लेख को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जरूर शेयर करें।
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