Patna Me Ghumne ki Jagah: भारत आज विश्व पटल पर पर्यटन के क्षेत्र में बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत की प्राचीनतम सभ्यताओं से वाकिफ होने अथवा इनके बारे में जानने के लिए विदेशों से हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक हमारे यहां अलग-अलग जगहों पर भ्रमण करने के लिए आते रहते हैं।
साथ ही हमारे स्थानीय पर्यटक जो यहीं के निवासी हैं, वह लोग भी भारत की प्राचीनतम सुंदरताओं से वाकिफ होने के लिए अपनी उत्सुकताओं को जाहिर करते नजर आ रहे हैं। अलग-अलग प्रांत में उनके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी हासिल कर रहे हैं।
हमारे भारत देश में हर जगह विविधताएँ नजर आती है। किसी भी राज्य में चले जाएं, वहां की अलग भाषा होगी, वहां का अलग खान – पान होगा, उन लोगों का अलग रहन – सहन होगा, उन लोगों का पर्यटन के प्रति अलग-अलग रुझान देखने को मिलता है तथा उन सभी जगहों का अपना एक अलग ही वातावरण होता है।
आज हम ऐसे ही भारत के एक पर्यटन स्थल, पटना के बारे में जानेंगे। पटना में घूमने के लिए हमें किन-किन चीजों की जरूरत पड़ेगी, किस मौसम में जाना सही रहेगा, वहां पर हम कहां ठहर सकते हैं? इस प्रकार की अन्य जानकारियों को विस्तार पूर्वक जानेंगे और समझेंगे।
पटना में घूमने की जगह | Patna Me Ghumne ki Jagah
पटना के बारे में रोचक तथ्य
- पटना बिहार में स्थित एक शहर है, जो एक ऐतिहासिक नगर के रूप में जाना जाता है तथा बिहार की राजधानी भी है, जो कि बिहार का सबसे बड़ा शहर है और इसका प्राचीन नाम पाटलिपुत्र भी था। यहां की मुख्य भाषा में हिंदी और मदही है।
- दुनिया का सबसे लंबा पानी पर बनाया गया पुल महात्मा गांधी सेतु जो पटना में गंगा नदी पर स्थित है।
- बिहार की राजधानी पटना एडवांस भी काफी है। यह भारत का एक ऐसा पहला शहर है, जहां पर सबसे बड़ा वाईफाई रेंज जॉन है। वह भी केवल एक या 2 किलोमीटर का नहीं बल्कि पूरे 20 किलोमीटर के दायरे का है और इस 20 किलोमीटर के दायरे में इंटरनेट की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
- बिहार की राजधानी पटना दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। पटना के बारे में सबसे पहला उल्लेख मेगास्थनीज द्वारा लिखी गई पुस्तक इंडिका में किया गया था। उन्होंने इस पुस्तक की रचना भारत भ्रमण के पश्चात की थी।
- पटना सिखों के लिए भी एक पवित्र स्थल है। क्योंकि यहीं पर सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था। यहां पर हरमंदिर साहब के दर्शन करने के लिए हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
- पटना हर्यक, नंद, मौर्य, शुंग, गुप्त और पाल वंश के साम्राज्य का भाग रहा था।
- गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर अपने अंदर बहुत ही ऐतिहासिक विशेषताएं लिए हुए हैं।
- पटना, जो कि बिहार की राजधानी है, उसका नाम आते ही ज़ेहन में गंदी सड़कें, बेकार राजनीति और सार्वजनिक वाहनों में ठसे हुए लोगों की छवि, दिमाग में उभरने लगती है। पूरे भारत में बिहार की छवि को बेहद बेढंगे तरीके से पेश किया गया है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि आर्यभट्ट हो या पणिनी, चाणक्य हो या कालीदास, सभी लोग पटना से ही थे, जिन्हे भारतीय इतिहास में ज्ञान के क्षेत्र में धुंरधर माना जाता है।
- पटना को केवल पाटलिपुत्र ही नहीं बल्कि पाटली ग्राम के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि पटना में एक समय गुलाब का फूल जिसे उस समय पाटली का फूल भी कहा जाता था काफी मात्रा में उपजाया जाता था, जिससे तरह तरह के इत्र और दवांए बनाए जाते थे। इसीलिए पटना को पाटली ग्राम के नाम से भी जाना जाता था।
- आपको इस शहर में आने के बाद धर्म और संस्कृति का मिला-जुला रूप देखने को मिलेगा। भारत की असल छाप देखनी है तो पटना की सैर करना आवश्यक है।
- पटना में 4 नदियाँ हैं-गंगा, सोन, गंडक और पुनपुन। कुछ लोग कहते हैं कि पटना नाम संस्कृत शब्द “पट्टन” से आया है, जिसका अर्थ है बंदरगाह। हो सकता है कि इन 4 नदियों का संगम एक बंदरगाह के रूप में हो।
- कंकरबाग या कंकरबाग कॉलोनी पटना में एक पड़ोस और आवासीय क्षेत्र है। यह एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनियों में से एक है और जनसंख्या के हिसाब से यह दूसरी सबसे बड़ी है।
- पटना शहर की स्थापना 490 ईसा पूर्व में महाराजा मगध के द्वारा की गई है।
- पटना जिसे 4 नदियों का शहर के नाम से भी पुकारा जाता है और कोलकाता के बाद अपना दूसरा बड़ा शहर है।
- पटना में देश का सबसे बड़ा सभ्यता द्वार की स्थित है।
- पटना का पुराना नाम पाटिल पुत्र भी था। आज भी इतिहास में पटना को पाटिल पुत्र के नाम से दिखाया गया है।
- पटना से जुड़ी एक रोचक बात यह भी है कि यहां भ्रूण हत्याएं बहुत कम होती है।
- पटना को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की कर्मभूमि भी माना जाता है।
- मौर्य काल में पटना की जनसंख्या करीब चार लाख के आसपास थी।
- इतिहास के अनुसार ऐसा माना जाता है कि शहर के राजा पुटराका की पत्नी पाटली का जब पुत्र हुआ तो उसी के नाम पर पाटलिपुत्र शहर का नाम दे दिया और धीरे-धीरे यह नाम पटना में बदल गया।
- ऐसा भी माना जाता है कि पाटली नाम की पेड़ की प्रजाति सिर्फ पटना में ही पाई जाती है।
पटना में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Best Places to Visit in Patna in Hindi)
पटना संग्रहालय
पटना संग्रहालय को जादूघर के नाम से भी जाना जाता है तथा इस संग्रहालय मैं प्राचीनतम पटना के हिंदू और बौद्ध धर्म की बहुत सारी निशानियां भी मौजूद है, जो कि लगभग 30 करोड साल पुराने वृक्ष के तने का वहां पर फॉसिल रखा हुआ है।
इसके साथ ही इस संग्रहालय में और भी सैकड़ों अवशेष रखे गए हैं। जहां पर भ्रमण करने के बाद हमें पटना कई सालों पुरानी गतिविधियों के बारे में विस्तार पूर्वक जानने को मिलता है।
श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र
श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र गांधी मैदान के पश्चिमी क्षेत्र में बना हुआ विज्ञान का एक बहुत ही बड़ा शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ा हुआ केंद्र है। इस विज्ञान केंद्र में सभी प्रकार की विज्ञान से जुड़ी हुई समस्त चीजें मौजूद है।
यहां पर लगभग सभी विद्यालयों के छात्र छात्राओं को भ्रमण के लिए लाया जाता है। दूरदराज से आए हुए विज्ञान केंद्र से परिचित होकर जाते हैं। यहां पर कुछ इस प्रकार की तकनीकी का भी प्रयोग किया जा चुका है, जो कि भविष्य में होने वाले संभावित संसाधनों के बारे में जिक्र किया हैं।
ऐसा माना जाता है, यहां पर कई मौजूद संसाधनों पर वैज्ञानिक अभी शोध कर रहे हैं तथा भविष्य में तकनीकों को मनुष्य के लिए प्रयोग में लिया जाएगा। मनुष्य की जीवन शैली को और भी ज्यादा सरल बनाया जा सकता है।
जालान हाउस
जालान हाउस, जिसे किला हाउस के नाम से भी जाना जाता है तथा इस भवन में हीरे जवाहरात तथा चीनी वस्तुओं को संग्रहित किया गया है। एक अच्छा बेशकीमती जैवरातों को संग्रहित कर कर बनाया गया एक निजी संग्रहालय है, जिसे दीवान बहादुर राधा कृष्ण जालान द्वारा शेरशाह सूरी के किले के टूटे हुए अवशेष पर बनाया गया था, जिसकी अद्भुत कलाकारी अविस्मरणीय है।
इसकी सुंदरता किसी भी पर्यटक के मन को लुभाने के लिए काफी है। यहां की दीवारों की नक्काशी तथा अद्भुत कलाकारी को देने के लिए विश्व भर से आते रहते हैं। इस संग्रहालय में सैकड़ों प्रकार की कीमती धातुओं, सोना चांदी के जेवरात तथा महंगे महंगे धातुओं का उपयोग कर बनाया गया है, जो इस संग्रहालय की सुंदरता में चार चांद लगाए हुए हैं।
महावीर मंदिर
पटना में स्थित संकट मोचन राम भक्त हनुमान मंदिर बना हुआ है, जो कि पटना जंक्शन के बाहर की तरफ बना हुआ है। नया बाजार में मौजूद है तथा वहीं मस्जिद के साथ बनाया गया मुस्लिम और हिंदू, मंदिर-मस्जिद को एकता का प्रतीक माना जाता है।
यहां पर महावीर मंदिर और मस्जिद को प्राचीन काल एक साथ बनाया गया था, जिसका मुख्य कारण प्राचीन समय से ही हिंदू मुस्लिम एकता रही है। यह हिंदू मुस्लिम के भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए काफी है तथा हमेशा सैकड़ों हजारों की तादाद में श्रद्धालु हनुमान मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं तथा साथ ही मौजूद मस्जिद में भी मजार चढ़ाकर जाते हैं।
गांधी संग्रहालय
यह संग्रहालय बांकीपुर बालिका उच्च विद्यालय के पास में महात्मा गांधी की यादों से जुड़ी कोई नया चीजों को एकत्रित कर बनाया गया एक अद्भुत संग्रहालय है। कुछ समय पहले इस संग्रहालय में चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का अध्ययन केंद्र भी स्थापित किया गया है, जो कि पर्यटक स्थल के रूप में उभरता हुआ नजर आ रहा है।
इस संग्रहालय की विशेषता यह है कि इसमें महात्मा गांधी की जीवन शैली में उपयोग किए जाने वाले साधनों कि हूबहू वस्तुओं को बनाकर बनाई गई है। जिसमें गांधीजी का चरखा, गांधीजी का कपड़ा, गांधीजी के खड़ाऊ, उनकी मूर्ति तथा गांधी जी के विभिन्न प्रकार अलग-अलग क्षेत्रों तथा यादों से जुड़े हुए फोटो तथा पेंटिंग को भी रखा गया है।
वहां पर एक छोटा सा पुस्तकालय पर स्थित है, जिसमें गांधी जी द्वारा लिखी गई पुस्तकों तथा उनके द्वारा दैनिक उपयोग में लिए जाने वाले पाठ्य पुस्तकें का एक नायाब संग्रह किया हुआ है।
यहां पर गांधीजी के तीन बंदरों का भी जिक्र किया हुआ है। उनकी लाठी से लेकर चश्मा तक इस संग्रहालय में संग्रहीत किए गए हैं। यहां की विशेषता यह है कि इन सब चीजों को सही तरीके से प्रदर्शन के लिए रखा गया है और जो तरीका साजो सामान हेतु अपनाया गया है। वह कलाकारी देखने योग्य है।
पटना साहिब गुरुद्वारा
पटना में स्थित पटना साहिब गुरुद्वारा शहर के मध्य में स्थित है। यह सिक्खों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। पटना साहिब गुरुद्वारे का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह द्वारा करवाया गया था, जो कि सिक्खों के गुरु गोविंद सिंह जी की जन्म भूमि है और गुरु गोविंद सिंह जी की याद में इस गुरुद्वारे को बनवाया गया था। गुरु गोविंद सिंह जी सिखों के अंतिम तथा दसवें गुरु थे।
इस गुरुद्वारे में सिखों के अनेक प्रकार के धार्मिक ग्रंथ रखे हुए हैं, जो दर्शनीय हैं तथा यहां पर विशालकाय धर्मशाला भी स्थित है। जिसमें हजारों की तादाद में लोगों के ठहरने तथा खाने की व्यवस्था की जाती है। दूरदराज के क्षेत्रों से सिख धर्म के लोग तथा अन्य धर्मों के लोग भी यहां पर घूमने तथा पटना साहिब गुरुद्वारे के दर्शन के लिए आते रहते हैं।
पाटन देवी का मंदिर
शहर के भीतरी भाग में स्थित पाटन देवी का मंदिर जोकि माता पाटनेश्वरी के रूप में भी जानते हैं। पाटन देवी का मंदिर एक सबसे पवित्र और पुरातन कालिक मंदिरों में से एक हैं।
लोगों का मानना है कि शहर का नाम पटना इन्हीं माता के नाम पाटन से लिया गया था तथा यह मंदिर हिंदुओं के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से एक है।
खुदा बख्श ओरिएंटल लाइब्रेरी
सन 1991 में स्थापित की गई खुदा बख्श ओरिएंटल लाइब्रेरी पटना में स्थित है, जोकि मुगल और इस्लामिक धार्मिक ग्रंथों का एक बहुत बड़ा संग्रहालय है। इस संग्रहालय में कुरान का एक 25 मिली मीटर चौड़ा संस्करण भी उपलब्ध है।
यह एक प्रकार की लाइब्रेरी है, जिसमें नादिर शाह की तलवार भी रखी गई है। नादिरशाह ने इस तलवार को दिल्ली के सुनहरी मस्जिद से उठाया था, जिससे शहर में रहने वाले लोगों का नरसंहार किया जा सके।
यह लाइब्रेरी इतनी विशालकाय है कि इसके अंदर 250000 के आसपास किताबों का संग्रह किया हुआ है। यह एक इस्लामिक धार्मिक पुस्तकालय हैं, जिसे देखने के लिए दूरदराज के क्षेत्रों के मुस्लिम लोग सैकड़ों की तादाद में आते रहते हैं।
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सभ्यता द्वार
सभ्यता द्वार, पटना नदी में गंगा के तट पर स्थित है, जो 34 मीटर ऊंचा है। इस गेट को गेटवे ऑफ इंडिया और इंडिया गेट की श्रृंखला में बनाया गया है, जो भारत की संस्कृति और सभ्यता को बहुत खूबसूरती के साथ बयां करता है।
इस गेट पर भगवान महात्मा बुद्ध, महावीर स्वामी, सम्राट अशोक और पाटलिपुत्र के इतिहास को बयां करने वाले श्र्लोक भी अंकित किए गए हैं।
यहां पर इन सभी महान व्यक्तियों के शब्दों को उकेरा गया है, जो जीवन में हर धर्म के साथ भाईचारा की तरह रहते हुए सभी धर्मों का सम्मान करने का पाठ लोगों को सिखाते हैं ताकि आर्यवर्त की महानता को पूरी दुनिया में और भी बढ़ा सके।
इंदिरा गांधी तारामंडल
खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए पटना शहर में स्थित इंदिरा गांधी तारामंडल बेहद ही आकर्षण का केंद्र है। इसे एशिया के सबसे बड़े तारामंडल में से एक गिना जाता है, जो काफी ज्यादा लोकप्रिय है। तारामंडल का अर्थ होता है तारों के चक्र।
यहां पर खगोल से संबंधित चीजें दिखाई जाती है। यह देश के बड़े और अच्छी तरीके से बने तारा मंडल में से एक है। यहां पर खगोल विज्ञान से संबंधित विषयों पर फिल्म की एक विस्तृत श्रृंखला दिखाई जाती है, इसके साथ यहां पर विभिन्न संबंधित विषयों पर प्रदर्शनिय भी आयोजित की जाती है।
गोलघर
पटना शहर के विभिन्न प्रकार के पर्यटन स्थलों में से एक गोलघर आपके लिए अविस्मरणीय साबित हो सकता है। पटना घूमने आए हैं या फिर पटना घूमने का प्लान बना रहे हैं तो एक बार गोलघर जाकर जरूर आएं, जो कि मुख्य पर्यटन स्थल बना हुआ है। इसकी बनावट साधारण है परंतु इसकी जो वास्तुकला और इतिहास है, वो बहुत ही अद्भुत है।
इसका निर्माण सन् 1786 में सर्वप्रथम अनाज रखने के लिए गोदाम के रूप में करवाया गया था, जो कैप्टन जॉन गस्टिन की देखरेख में इसको अंतिम रूप तक तैयार किया गया था। ऐसा माना जाता है कि अपनी अधिकतम क्षमता तक पूरा कभी नहीं भरा जा सका था।
इसकी संरचना एक स्तूप के आकार की है, जिसमें 145 सीढ़ियां बनी हुई है। इस स्तूप पर चढ़कर आप गंगा नदी का एक विहंगम दृश्य देख सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि उस समय यह पटना शहर की सबसे ऊंची इमारत थी।
बिहार म्युसियम
यदि आपको बिहार राज्य और पटना शहर के इतिहास को बहुत विस्तृत रूप से जानना है तो पटना की यात्रा के दौरान बिहार म्यूजियम को जरूर देखने जाए। बिहार म्यूजियम पटना शहर के मध्य भाग में स्थित है। यह म्यूजियम 13 एकड़ के दायरे में फैला हुआ है। इस म्यूजियम में डिजिटल डिस्कवरी मैप लगा हुआ है, जो कृषि फिल्म की याद दिला देगा।
यहां पर आप स्क्रीन पर चल चित्रों के द्वारा बिहार राज्य के इतिहास और वर्तमान तक के उसके उतार-चढ़ाव को बहुत खूबसूरती से प्रदर्शित किया गया है। यहां पर सामाजिक सेवा से लेकर छठ पूजा जैसे बिहार के पारंपरिक पर्व को भी बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया जाता है।
यहां पर आपको आर्टिफिशियल गुफा और चिड़ियाघर भी देखने को मिलेगा, जहां पर आपको फोटोग्राफी के लिए बेहतरीन बैकग्राउंड मिल सकता है।
इतना ही नहीं एक समय बिहार के एक जिला मधुबनी में अंतरिक्ष से पत्थर गिरा उस पत्थर को इसी म्यूजियम में रखा गया है। आप इस म्यूजियम में हमारे पूर्वजों के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले औजार और उनके रहन-सहन के बारे में भी जान सकते हैं।
इस्कॉन मंदिर
पटना शहर का यह विश्व प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर हाल ही के वर्षों में बनाया गया है, जो ज्यादा पुराना ना होकर नवीनतम कारीगरी के साथ पूर्ण निर्माण किया गया है। यहां पर आने जाने वाले भक्तों और पर्यटकों के लिए कोई भी प्रकार की पाबंदी नहीं है तथा आने जाने का कोई भी यहां पर समय की पाबंदी नहीं है।
अभी फिलहाल इस मंदिर का काम पूर्ण हुआ नहीं है, परंतु दिनों दिन उसका कार्य प्रगति पर है और जल्दी यह मंदिर पूर्ण तरीके से निर्मित होकर तैयार हो जाएगा, जिसके पश्चात यह मंदिर बिहार के क्षेत्रों में सबसे विशालकाय मंदिर होगा।
इस मंदिर का निर्माण सफेद और लाल रंग के पत्थरों द्वारा किया जा रहा है और साथ ही मंदिर के भीतरी भाग में भक्त श्री गौर निताई, श्री राधा बांके बिहारी तथा श्री राम दरबार की मूर्तियां को भी स्थापित किया गया है।
महात्मा गांधी सेतु
पटना शहर गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। यदि आप गंगा नदी के शानदार और खूबसूरत दृश्य को देखना चाहते हैं तो आप महात्मा गांधी सेतु जा सकते हैं। महात्मा गांधी सेतु पटना में गंगा नदी पर बनाया गया है, जो 5.7 किलोमीटर तक लंबा है।
महात्मा गांधी सेतु असम में स्थित सबसे बड़ा पुल भूपेन हजारीका सेतु के बाद भारत का दूसरा सबसे लंबा नदी पुल है। इस पुल का नाम हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर पड़ा है।
इस पुल के दोनों तरफ चार लेन की सड़क है और पैदल चलने के लिए भी जगह है। यह पुल दैनिक वाहनों के परिवहन का मुख्य माध्यम है। शाम के समय यहां पर आने से गंगा नदी और सूर्यास्त के खूबसूरत प्राकृतिक नजारे का देखने का लाभ उठा सकते हैं।
नालंदा विश्वविद्यालय
विश्व प्रसिद्ध विशालकाय नालंदा विश्वविद्यालय पटना के नालंदा शहर में स्थित है, जोकि नालंदा पटना शहर का सबसे महत्वपूर्ण और सर्वाधिक भ्रमण के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
आपको बता दें कि नालंदा विश्वविद्यालय अपने समय में एकमात्र विश्वविद्यालय था, जो अपने विद्यार्थियों को वहां पर आवास उपलब्ध करवाता था, जो आधुनिक समय के विद्यालयों के हॉस्टल व्यवस्थाओं को भी पछाड़ सकता है।
इस विश्वविद्यालय की स्थापना पांचवी सदी में की गई थी और उस समय के दौरान विश्वव्यापी विद्वान तथा यहां के विद्यार्थी सब को मिलाकर कई देशों से विद्यार्जन करने के लिए आते थे, जोकि इंडोनेशिया, फारस, चीन, कोरिया, तुर्की जैसे सैकड़ों देशों के लोग यहां पर विद्यार्जन करने के लिए आते थे और इस विद्यालय परिसर के आसपास अनेकों मंदिर तथा मठों की स्थापना की हुई है।
सबसे खास बात यह है कि यहां पर आप भगवान बुद्ध के अलग-अलग आंकड़ों की मूर्तियों को देखने को मिलेगा तथा चीन के प्रसिद्ध चीनी यात्री सातवीं शताब्दी के दौरान नालंदा में रहे थे और उन्होंने विश्वविद्यालय की बनावट का एक विशाल विवरण अपनी लिखी हुई किताब में दिया है, जिनका नाम है व्हेन त्सांग।
संजय गांधी बायोलॉजिकल पार्क
यदि आप एक प्रकृति प्रेमी है और हरे भरे पेड़ पौधे और प्राकृतिक नजारे देखने का शौक है तो पटना में संजय गांधी बायोलॉजिकल पार्क प्रकृति प्रेमी पर्यटकों के लिए बहुत ही पसंदीदा जगह है। यह बायोलॉजिकल पार्क को एशिया महाद्वीप में पहले स्थान पर आता है। वहीँ गेंडो की संख्या के मामले में यह विश्व भर में दूसरे स्थान पर आता है।
यहां पर देश विदेश के जंगली जानवर शेर, चीता, बाघ, भालू, हिरण, हिप्पोपोटामस इसके अतिरिक्त कितने ही विलुप्त हो चुके 335 से भी ज्यादा प्रजातियों के पक्षियों का यहां पर बसेरा है। केवल पशु पक्षी ही नहीं बल्कि यहां पर झील और सुनहरे गार्डन भी हैं। इसीलिए यह स्थान पटना में सबसे ज्यादा पसंदीदा पिकनिक स्पॉट में से एक है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह बायोलॉजिकल पार्क नवंबर से फरवरी महीने में सुबह 6:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक खुला रहता है और मार्च से अक्टूबर माह में भी सुबह 5:00 बजे से शाम के 6:00 बजे तक खुला रहता है। सप्ताह के हर सोमवार को यह बायोलॉजिकल पार्क बंद रहता है।
हंगामा वर्ल्ड
नौजवानों के साथ साथ बच्चों के मनोरंजन हेतु हंगामा वर्ल्ड एक बहुत ही खास जगह मानी जाती है। जहां पर हमेशा सैकड़ों की तादाद में लोग आते रहते हैं। हंगामा वर्ल्ड एक प्रकार का प्रसिद्ध वाटर पार्क है, जिसका निर्माण 2014 में किया गया था।
यहां पर अनेकों प्रकार के वाटर गेम मौजूद है। तीन चार प्रकार के स्विमिंग पूल मौजूद है तथा यहां पर स्लाइडिंग करने के लिए विभिन्न प्रकार की रपट बनाई गई है, जिस पर बच्चे तथा युवा लोग राइड का आनंद ले सकते हैं।
यहां पर शानदार पार्क बने हुए हैं। बच्चों के खेलने के लिए भी विभिन्न प्रकार के विकल्प मौजूद हैं। अगर आप अपने परिवार के साथ पटना घूमने जा रहे हैं तो बच्चों को लेकर एक बार हंगामा वर्ल्ड वाटर पार्क देखने के लिए जरूर जाएं।
यह आपके मनोरंजन के लिए बहुत ही उम्दा विकल्प साबित होगा, जहां पर खाने-पीने की भी विशेष प्रकार की व्यवस्था मौजूद हैं। इसके भीतरी भाग में स्थित रेस्टोरेंट में खाने के सैकड़ों विकल्प दिए हुए हैं।
कोल्ड ड्रिंक, जूस, आइसक्रीम, फास्ट फूड आप अपने मनपसंद तरीके से यहां आकर आनंद की अनुभूति प्राप्त कर सकते हैं, जिसके लिए आपको ₹400 से लेकर ₹600 की फीस देनी होगी।
जल मंदिर
पटना शहर में स्थित जल मंदिर भगवान महावीर का एक सफेद संगमरमर से निर्मित अद्भुत मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण कमल के फूलों से भरे कुंड के मध्य में स्थित है, जो कि पर्यटकों का एक मन लुभाने वाला शान्ति प्रदान करने वाला केंद्र है।
इस मंदिर का निर्माण आधुनिक युग के दौरान किया गया है, जो कि ज्यादा वर्ष पुराना नहीं है। परंतु इस मंदिर की सुंदरता को देखने के लिए विश्व भर से पर्यटक समय-समय पर आते रहते हैं। इस मंदिर की अद्भुत कलाकारी तथा चित्रकारी से प्रभावित होकर लोग दुनिया भर में इसके गुणगान करते हैं।
भारत के साथ पटना को भी विश्व पटल पर नाम देने का काम कर रहे हैं। इस मंदिर के आसपास स्थित फूलों के बगीचे मौजूद है, जहां पर शाम के समय लोगों की भीड़ लगी रहती है भ्रमण करने के लिए।
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पटना में रात के समय घूमने लायक जगह (Places to Visit in Patna at Night)
- कुमारहरि
- गोलघर
- पटना संग्रहालय
- आगम कुआं
- जालान संग्रहालय
- संजय गांधी बॉटनिकल गार्डन
- श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र
- पटना तारामंडल
पटना में कपल के लिए घूमने लायक जगह (Best Places to Visit in Patna for Couples)
- खुदा बख्श राष्ट्रीय पुस्तकालय
- नालंदा विश्वविद्यालय
- बुद्ध स्मृति पार्क
- महावीर मंदिर
- गुरुद्वारा बाल लीला
- गुरुद्वारा हांडी साहिब
- जलमंदिर मंदिर
पटना में गर्लफ्रेंड के साथ घूमने लायक जगह (Places to Visit in Patna with Girlfriend)
- सूर्य मंदिर
- बेगू हज्जाम की मस्जिद
- पादरी की हवेली
- गुरुद्वारा गोबिंद घाट
- दीदारगंज यक्षियो
पटना के आसपास घूमने लायक जगह (Places to Visit Near Patna)
- सिलाओ
- सूरजपुर
- बड़ागांव
- अवशेष स्तूप
- कुटागरसला विहार
- राज्याभिषेक टैंक
- विश्व शांति शिवालय
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संग्रहालय
- बावन पोखर मंदिर
- कुंडलपुर
- राजा विशाल का गढ़ी
- चौमुखी महादेव
पटना में खाने के लिए क्या क्या फेमस है? (Patna me Kya Famous Hai)
लिट्टी चोखा का नाम आप लोगों ने सुना ही होगा, अगर नहीं तो आज मैं आपको बता देता हूं कि पटना का मुख्य भोजन लिट्टी चोखा है, जो की बहुत ही प्रसिद्ध है। इसको बनाने के लिए नमक में भुने हुए गेहूं और सत्तू के आटे को घी में मिलाकर बनाए जाते हैं।
लिट्टी चोखा में कई प्रकार के मसालों और स्वादिष्ट व्यंजनों का मिश्रण करके एक बॉल के आकृति बनाई जाती है, जिसे सब्जियों के साथ परोसा जाता है।
साथ ही आपको बता दें कि इस शहर में संपूर्ण भारत वर्ष के सभी व्यंजन मिल जाएंगे जो हर प्रांत मैं मौजूद होते हैं। अथवा यूं कहें कि आप भारत के किसी भी प्रांत से पटना घूमने जा रहे हैं तो आपको वहां आपके क्षेत्र का प्रसिद्ध व्यंजन आराम से उपलब्ध हो सकता है।
अगर आप नॉनवेज के शौकीन हैं तो उनके लिए यहां पर मटन, चिकन, मछली और अंडों से निर्मित सभी प्रकार की भोजन की लिस्ट खाने को मिल जाएगी।
पटना कैसे पहुंचे? (रेल, सड़क और हवाई मार्ग)
अगर आप पटना में सफर कर रहे हैं तो आपको वहां पर यातायात के संसाधनों में शहरी बसें अथवा सिटी बस, ऑटो रिक्शा, टैक्सी या फिर साइकिल रिक्शा शहर में घूमने के लिए मौजूद है।
हवाई मार्ग
पटना वायु मार्ग से भी शानदार ढंग से कई शहरों यथा दिल्ली, मुंबई, कोलकता से जुड़ा है। पटना का हवाईअड्डा लोक नारायण अंतर्राष्ट्रीय विमानपट्टन के नाम से जाना जाता है।
सडक मार्ग
पटना जिला सड़क नेटवर्क से भली भांति जुडा है। राष्ट्रीय राजमार्ग न. 31 दानापुर, पटना और पटना सिटी से गुजरती है, जहाँ एक शाखा बरौनी हो कर बाढ़ जाती है, वहीँ दूसरा बिहार हो कर नवादा जाती है।
जिला के सभी अनुमंडल मुख्यालय (नव निर्मित मसौढ़ी को छोड़ कर) इसी राज मार्ग पर अवस्थित है। पटना से अच्छी अंतरनगरीय सड़क सम्पर्क मार्ग उपलब्ध है।
रेल मार्ग
आप भारत के किसी भी शहर से यहां पर रेल द्वारा यात्रा कर सकते हैं। क्योंकि पटना जंक्शन पर भारतीय रेल का आवागमन जारी है, जो कि आपको अहमदाबाद, गुवाहाटी, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, अमृतसर जैसे बड़े-बड़े शहरों के लिए सीधी रेल उपलब्ध रहती है।
भारत के मुख्य शहरों से पटना की दूरी
शहर का नाम | पटना की दूरी (KM में) |
दिल्ली | 1,051.1 |
जयपुर | 1,070.2 |
जोधपुर | 1,403.8 |
कोलकाता | 593.6 |
मुंबई | 1,872.4 |
बैंगलोर | 2,087.0 |
अहमदाबाद | 1,665.6 |
हैदराबाद | 1,495.8 |
चेन्नई | 2,120.1 |
पटना जाने के लिए सही समय
पटना घूमने जाने का प्लान बनाने से पहले हर कोई व्यक्ति यह बात अवश्य सोचता है कि पटना घूमने के लिए सबसे सही समय कौन सा रहेगा? पटना घूमने का सबसे उचित समय अक्टूबर से मार्च का है। इस समय यहां का सौंदर्य अलग ही रहता है।
पटना में रुकने की जगह
इस शहर में आपको हजारों छोटी मोटी होटल और रेस्टोरेंट मिल जाएंगे। अगर आप इस शहर में रात बिताना चाहते हैं तो आपको होटल अथवा धर्मशाला का सहारा लेना पड़ेगा।
शहर में विभिन्न प्रकार के समुदाय द्वारा बनाई गई धर्मशाला भी मौजूद है तथा होटलों की बात करें तो यहां पर मणि इंटरनेशनल, एनके ग्रैंड, होटल राज रिसोर्ट, रामेश्वरम गेस्ट हाउस और होटल अप्सरा जैसी सैकड़ों होटल मिल जाएगी।
पटना घुमने में खर्चा
अगर बजट की बात करें तो यहां पर आपको रात बताने के लिए कम से कम ₹200 में भी होटल का कमरा मिल जाएगा, हो सकता है आपको वह कमरा किसी अजनबी के साथ शेयर करना पड़े।
अगर ऐसा नहीं है तो यह किराया आपको होटल की सुविधाओं के आधार पर तय करेगा कि कितने बजट तक आपको वहां रात बिताने के लिए रूम मिलेगा।
अल्प आहार के लिए आपको जगह जगह पर मिठाई की दुकान तथा छोटे-मोटे फास्ट फूड के स्टॉल लगे हुए सड़क किनारे मिल जाएंगे। जहां पर आप सस्ते से सस्ते में अल्पाहार अथवा नाश्ता कर सकते हैं।
इस प्रकार से 6 से 10 दिन तक का बजट के बारे में बात करूं तो आपको वहां पर 15 से ₹25000 तक का खर्चा लगेगा। क्योंकि पटना का खान पान ज्यादा महंगा नहीं है और ना ही वहां के आवाजाही के साधनों का किराया महंगा। कुल मिलाकर पटना घूमना आपके या मध्यवर्गीय लोगों लिए आसान है।
पटना कैसे घूमे?
पटना शहर के विभिन्न तिर्थ और पर्यटन स्थलों को घूमने के लिए आप वाहन किराए पर ले सकते हैं। यहां पर आपको बाइक से लेकर कार तक का वाहन काफी सस्ते दाम पर किराए पर मिल जाएगा।
इसके अतिरिक्त आप चाहे तो कैब भी बुक करवा सकते हैं। यहां पर आपको टोटो और बस जैसी सुविधा भी मिल जाती है। आप अपने बजट के अनुसार किसी भी वाहन का चयन कर सकते हैं।
पटना घूमते वक्त अपने साथ क्या रखें?
पटना घूमने जाने के लिए यदि आप अक्टूबर से मार्च के बीच आते हैं, तो आपको एक स्वेटर साथ में अपने की जरूरत रहेगी। इसके अलावा दो-तीन दिनों के टूर के लिए निकल रहे हैं तो आप अपने कपड़े साथ में अवश्य रखें।
खाने पीने की वस्तुएं साथ में रखने की जरूरत नहीं होगी। क्योंकि यहां पर आपको हर जगह होटल और कई भोजनालय मिल जाएंगे, जहां पर आप उचित खाने की सुविधा ले सकते हैं।
पटना फोटो गैलरी (Patna Tourist Places Images)
FAQ
पटना पवित्र नदी गंगा नदी के किनारे बसा हुआ शहर है।
पटना का प्रसिद्ध भोजन व्यंजन लिट्टी चोखा है।
इस्कॉन मंदिर पटना का निर्माणाधीन मंदिर है, जो विश्व विख्यात है।
पटना का प्राचीनतम नाम पाटलिपुत्र है।
पटना बिहार राज्य की राजधानी है।
निष्कर्ष
मित्रों, हमने इस आर्टिकल के माध्यम से पटना में घूमने की जगह (Patna Me Ghumne ki Jagah) के बारे में समझा तथा अगर आप भी भविष्य में पटना घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इस आर्टिकल को ध्यान में रखते हुए अच्छी तरह से प्लानिंग करके भी जाएं।
अगर आपको इस आर्टिकल से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत है तो हमारे कमेंट सेक्शन में कमेंट करके बताएं।
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