इस लेख में पठानकोट में घूमने की जगह (Pathankot Me Ghumne ki Jagah), पठानकोट में घूमने का खर्चा, पठानकोट कैसे पहुंचें आदि के बारे में विस्तार से बताया है।
पठानकोट पर्यटकों की दृष्टि से आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। बता दें कि यह एक अत्यंत ऐतिहासिक शहर है, जो अपनी खूबसूरती और ऐतिहासिकता के लिए जाना जाता है।
इस शहर के भ्रमण के लिए आने वाले लोग भारत के अतीत में खो जाते हैं क्योंकि यह शहर बड़े पैमाने पर भारत के अतीत को अपने अंदर संजोए खड़ा है।
पंजाब के प्रांत में स्थित पठानकोट भारत के मुख्य पर्यटक स्थलों में से एक हैं। इसीलिए हर वर्ष लाखों की संख्या में देश और विदेश के पर्यटक पठानकोट घूमने के लिए आते हैं।
पठानकोट अपनी खूबसूरती ऐतिहासिक महत्व सभ्यता संस्कृति तथा यहां की धार्मिक स्थानों के लिए भी जाना जाता है। वर्तमान समय में भारी मात्रा में लोग पठानकोट घूमने के लिए आते हैं।
पठानकोट को हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर का प्रवेश द्वार कहा जाता है। क्योंकि मध्य तथा दक्षिण भारत से भारत के उत्तर में पहुंचने के लिए आपको पठानकोट पार करना होता है। यहां पर बने हुए अत्यंत खूबसूरत स्थल प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक स्मारक पर्यटकों का मन मोह लेता है।
पठानकोट में घूमने की जगह | Pathankot Me Ghumne ki Jagah
पठानकोट में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Pathankot Tourist Places in Hindi)
नूरपुर किला
पठानकोट शहर में स्थित यह किला शहर का सबसे प्राचीन किला माना जाता है। क्योंकि यह लगभग 900 से भी अधिक वर्ष पुराना किला है, जो वर्तमान समय में भी अपनी मजबूती के साथ खूबसूरती तथा भारत के अतीत को लिए खड़ा है।
बता दें कि वर्ष 1950 में आए तीव्रता वाले भूकंप से इसके लिए को काफी नुकसान हुआ है। लेकिन आज भी यह लगभग पूरी मजबूती के साथ ऐतिहासिकता का महत्व दर्शाता है।
इसको अंग्रेजों ने भी कई बार नष्ट किया था, लेकिन फिर भी अपनी मजबूती के लिए जाना चाहता है। इसके लिए पर की गई प्राचीन समय की शिल्प कला लोगों का मन मोह लेती है। यहां पर आने वाले लोग इस किले की ऐतिहासिकता का सौंदर्य देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
पठानकोट शहर में स्थित इस अत्यंत प्राचीन किले का निर्माण पठानिया राजपूतों ने अपने शासनकाल में करवाया था। कहा जाता है कि पठानिया राजपूतों के नाम पर ही इस शहर का नाम पठानकोट पड़ा।
बता दें कि इसके लिए की आंतरिक गर्भ ग्रह की संरचना प्राचीन कृष्ण मंदिर के लिए विख्यात है। यह एकमात्र ऐसा किला है, जिसके अंदर भगवान श्री कृष्ण और मीरा बाई दोनों की मूर्तियां स्थापित हैं और दोनों की नियमित रूप से पूजा की जाती है।
यहां पर आने वाले पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। पर्यटक के साथ-साथ यहां पर श्रद्धालु भी आते हैं, जो भगवान के दर्शन करते हैं तथा ऐतिहासिकता का महत्व जानते हैं।
काली माता का मंदिर
पठानकोट के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक काली माता का मंदिर भी शामिल है। यह मंदिर शहर का सबसे प्रसिद्ध मंदिर भी माना जाता है क्योंकि हर वर्ष यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालुओं के अलावा यहां पर देश-विदेश के पर्यटक भी घूमने के लिए आते हैं।
यह एक अत्यंत प्राचीन मंदिर है, इसलिए यहां पर की गई अद्भुत नकाशा की प्राचीन वास्तु कला चित्र शैली इत्यादि दर्शकों का मन मोह लेती है।
ज्यादातर लोग यहां पर परिवार के साथ ही घूमने के लिए आते हैं। देशभर के श्रद्धालुओं के लिए यह मुख्य केंद्र हैं क्योंकि इस मंदिर की आस्था देशभर में प्रचलित है।
शाहपुरकंडी किला पठानकोट
रावी नदी जोकि हिमालय की सुरम्य पहाड़ियों से निकलती है। उस नदी के तट पर पंजाब में पठानकोट शहर में यह किला स्थित है। इस क़िले का निर्माण 1505 ईसवी में राजपूत शासक जसपाल सिंह पठानिया ने दूसरी रियासतों से बचाव के लिए करवाया था।
यह किला वर्तमान समय में भारत के अतीत ऐतिहासिक महत्व तथा प्राचीन शिल्प कला और चित्र शैली के साथ आज भी मजबूती के साथ खड़ा है। यहां पर हर वर्ष लाखों की संख्या में देश और विदेश के पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
पठानकोट शहर के इस किले पर आने वाले लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं क्योंकि यहां से काफी लुभावने दृश्य देखने को मिलते हैं। इसीलिए एक बार आने वाले लोग बार-बार यहां पर घूमने आने का मन बनाते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आसपास की खूबसूरत और मनमोहक वादियों के बीच बसा हुआ यह किला अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। इसके लिए के एक तरफ बहती हुई रावी नदी और दूसरी तरफ गने जंगल पर्यटकों का रोमांचक और अधिक बढ़ा देते हैं।
रणजीत सागर बांध
रणजीत सागर बांध प्राकृतिक दृष्टि के लिए पर्यटकों का मुख्य केंद्र है। इस बांध पर बने पिकनिक स्पॉट पर आने वाले लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं क्योंकि यहां अत्यंत खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है।
पठानकोट में स्थित यह बांध पंजाब सरकार के पनबिजली परियोजना का एक स्वरूप है, जो वर्ष 2001 में पूर्ण हो चुका था। जिसके बाद यह पर्यटकों के लिए पिकनिक स्पॉट बन चुका है। बता दें कि यहां पर खड़े रहने के बाद आसपास का दृश्य काफी लुभावना नजर आता है।
हम तो इस जगह पर लोग अपने परिवार के साथ घूमने के लिए आते हैं। क्योंकि यहां एक तरफ बना हुआ बांध तो दूसरी तरफ हरियाली ही हरियाली यह दृश्य लोगों को काफी मनमोहक लगता है।
यहां पर बिजली उत्पादन का काम भी होता है। इसीलिए देश विदेश के लोग यहां पर घूमने के लिए आते हैं। यहां पर मुख्य रूप से प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलती हैं, जिससे लोगों को स्वर्ग का एहसास होता है।
अगर आप अभी पठानकोट घूमने के लिए जा रहे हैं तो एक बार रणजीत सागर बांध पिकनिक स्पॉट पर जरूर पहुंचे।
सिटी सेंटर मॉल
पठानकोट शहर में बना हुआ अत्याधुनिक तरीके का यह मॉल सिटी सेंटर मॉल नाम से जाना जाता है, जो पठानकोट शहर के गांधी चौक पर स्थित हैं।
इस मॉल के अंतर्गत शॉपिंग करने के लिए हर तरह की वस्तुएं उपलब्ध है, जहां पर लोग हर रोज हजारों की संख्या में खरीदारी करने के लिए आते हैं।
यहां पर एक्सेसरीज, फैशन, ब्यूटी, घरेलू उत्पाद, खाद्य पदार्थ इत्यादि हर तरह की वस्तुएं देखने के लिए मिल जाती है, जिसमें भारत, चीनी, दक्षिणी, पश्चिमी इत्यादि सभी तरह के व्यंजन और संस्कृति सभ्यता की वस्तुएं देखने को मिल जाती है। यह एक अत्यंत खूबसूरत और आकर्षक मॉल है। यहां पर दूर-दराज से लोग आते हैं।
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काठगढ़ मंदिर, पठानकोट
पठानकोट के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित यह मंदिर अपनी ऐतिहासिकता तथा आस्था के लिए जाना जाता है। यह मंदिर 6 फीट ऊंचा शिवलिंग के लिए विश्वविख्यात हैं। सनातन धर्म के पौराणिक ग्रंथों में इस मंदिर का विशेष महत्व दिया गया है।
कहा जाता है कि भगवान राम की खोज के दौरान राजा भरत ने इस मंदिर पर भ्रमण किया था। इसीलिए सदियों से यह मंदिर अपनी खूबसूरती ऐतिहासिक महत्व तथा आस्था के केंद्र के रूप में जाना जाता है।
यह मंदिर जांच तथा ब्यास नदी के संगम पर स्थित है, जो चारों तरफ से प्राकृतिक दृश्य से घिरा हुआ है। यहां पर भगवान शिव के दर्शन करने के लिए जैसे ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं, जिनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं।
लोग यहां पर कुछ समय शांति से व्यतीत करने के लिए आते हैं क्योंकि चारों तरफ से अत्यंत खूबसूरत पहाड़ियां चल रहे और शांति से बहती हुई नदियों के दृश्यों के लिए यहां का वातावरण लुभावना नजर आता है।
नागिन मंदिर पठानकोट
पंजाब के पठानकोट में स्थित महादेव मंदिर को प्रांत का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। नागिन मंदिर सांपों की देवी को समर्पित है। हर वर्ष देश के कोने-कोने से यहां पर श्रद्धालुओं शिव चुकाने के लिए आते हैं।
यह पंजाब का इकलौता ऐसा मंदिर है, जिसमें नागिन माता की मूर्ति स्थापित हैं तथा वहां से पानी निकलता है। कहा जाता है कि इस मंदिर के कीचड़ लगाने से सांप के काटने का जहर खत्म हो जाता है। यहां के स्थानीय लोगों में इस मंदिर को लेकर काफी ज्यादा आस्था देखने को मिलती हैं।
मुक्तेश्वर मंदिर पठानकोट
पठानकोट शहर का सबसे प्राचीन मंदिर मुक्तेश्वर मंदिर हैं, जो लगभग 350 वर्ष पुराना माना जाता है। यह मंदिर अपनी प्राचीन वास्तुकला और खूबसूरती के लिए जाना जाता है। क्योंकि यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है, जिस पर अत्यंत प्राचीन तत्वों से भगवान शिव का शिवलिंग बना हुआ है।
इसके अलावा भगवान ब्रह्मा विष्णु माता पार्वती नंदी हनुमान जी इत्यादि देवी देवताओं की प्रतिमा भी बनी हुई है। यह एक अत्यंत प्राचीन मंदिर है, जो पर्यटकों के साथ-साथ श्रद्धालुओं के लिए भी आस्था का प्रमुख केंद्र है।
सनातन धर्म में भारत के मुख्य मंदिरों में से 18 स्थान पर इस मंदिर को महत्वता दी गई है। क्योंकि यह भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत प्राचीन मंदिर है। यहां पर की गई अद्भुत चित्रकला देवी देवताओं के स्वरूप को दर्शाती है। यहां पर देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
भारतीय अतीत का नमूना देखने के लिए यह एक बेजोड़ स्मारक है। यहां पर आसपास में अत्यंत खूबसूरत प्रकृति के लुभावने दृश्य देखने को मिल जाते हैं। इसीलिए यहां पर प्रकृति प्रेमियों का भी जमावड़ा देखने को मिल जाता है।
पठानकोट घूमने जाने का सबसे अच्छा समय
अगर आपने पठानकोट घूमने हेतु जाने के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर ली है कि वहां पर घूमने की कौन-कौनसी जगह है? तो अब आप पठानकोट घूमने हेतू जाने का सबसे अच्छा समय जान सकते हैं क्योंकि पठानकोट घूम रहे हेतू जाने के लिए आपको अनुकूलित समय की जानकारी होनी चाहिए।
ताकि आपका भ्रमण सुखमय हो और पठानकोट में घूमने के दौरान आपको कोई भी समस्या का सामना ना करना पड़े। तो हम आपको बता दें कि आप पठानकोर्ट में घूमने हेतु अक्टूबर से अप्रैल के बीच विजिट कर सकते हैं। यहां समय पठानकोट में घूमने के लिए अनुकूलित माना जाता है।
पठानकोट में रुकने की जगह
पठानकोट वर्तमान समय में काफी ज्यादा विकास कर रहा है, इसीलिए अगर आप पठानकोट घूमने हेतु जा रहे हैं और आप को इस बात की चिंता है कि वहां पर रुकने की क्या व्यवस्था है? यानी आप पठानकोट में घूमने के दौरान कहां पर रहेंगे?
तो हम आपको बता दें कि पठानकोट में प्रत्येक घूमने वाली जगहों के आसपास तथा पठानकोट शहर में बड़ी मात्रा में होटल उपलब्ध है, जहां पर आप रुक सकते हैं।
पठानकोट में सामान्य होटल से लेकर वीआईपी होटल, लग्जरी होटल, 3 सितारा होटल, पांच सितारा होटल इत्यादि हर तरह के होटल उपलब्ध है।
पठानकोट कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग द्वारा पठानकोट कैसे पहुंचे?
किसी भी जगह पर यात्रा करने के लिए हवाई जहाज का सफर काफी अच्छा माना जाता है। क्योंकि हवाई जहाज से कुछ ही समय में दूरी तय कर ली जाती है।
लेकिन अगर आप पठानकोट घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप ऑफ लाइट से पठानकोट जा सकते हैं। आप भारत के किसी भी कोने से अपने नजदीकी हवाई अड्डे से पठानकोट फ्लाइट से यात्रा कर सकते हैं। उसके बाद आप लोकल टैक्सी करके पठानकोट के किसी भी जगह पर पहुंच सकते हैं।
रेल द्वारा पठानकोट कैसे पहुंचे?
अगर आपको भी रेल की यात्रा करना काफी अच्छा लगता है तो पठानकोट घूमने तो जाने के लिए आपका ट्रेन का चयन करना काफी बेहतरीन हो सकता है। क्योंकि बीच रास्ते में आने वाले पहाड़, चट्टानें, नदियां, महल, खूबसूरत वातावरण इत्यादि आपका मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करेगा।
ट्रेन से पठानकोट घूमने के लिए जाने हेतु आपको अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन से पठानकोट को जाने वाली रेल के बारे में जानकारी हासिल करनी है और ट्रेन का टिकट लेकर अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन से पठानकोट को जाने वाली रेल में बैठ जाना है। बता दें कि भारत के सभी राज्यों से रेल मार्ग के जरिए पठानकोट जुड़ा हुआ है।
सडक द्वारा पठानकोट कैसे पहुंचे?
आज के समय में अत्यंत तेजी से हो रहे विकास की वजह से पठानकोट एक अत्याधुनिक शहर बन चुका है। इसीलिए अगर आप भारत के किसी भी कोने से सड़क मार्ग के जरिए पठानकोट पहुंचना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक बेहतरीन रास्ता हो सकता है क्योंकि पठानकोट भारत के सभी शहरों से सड़क मार्ग के जरिए जुड़ा हुआ है।
आप किसी भी राज्य से राष्ट्रीय राजमार्ग के अंतर्गत सड़क मार्ग से पठानकोट पहुंच सकते हैं। इसके लिए आप चाहे तो अपना खुद का वाहन लेकर या फिर बस अथवा टैक्सी के द्वारा भी पठानकोट घूमने के लिए जा सकते हैं।
निष्कर्ष
पंजाब प्रांत का एक प्रमुख शहर पठानकोट है। पठानकोट वर्तमान समय में काफी ज्यादा विकास कर रहा है, लेकिन पठानकोट का प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व भी दर्शकों को अपनी ओर लोग आता है।
इसीलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पठानकोट में घूमने की जगह (Pathankot Me Ghumne ki Jagah) पूरी जानकारी के साथ विस्तार से बताई हैं।
हमें उम्मीद है यह आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा। अगर आपका इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न है तो आप नीचे कमेंट करके हमें बता सकते हैं। हम आपके प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।
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