भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में तमिलनाडु राज्य के नीलगिरी जिले में स्थित शहर ऊटी एक बेहद खूबसूरत और रोमांचकारी पर्यटन स्थल है।
ऊटी की खूबसूरत वादियां प्राकृतिक सौंदर्य, हरे भरे बगीचे और घास के मैदान, सुंदर हिल स्टेशन, चाय के बागान और नेशनल पार्क पर्यटकों का मन मोह लेती है।
ऊटी नवविवाहित जोड़े के लिए हनीमून डेस्टिनेशन के तौर पर भी जाना जाता है। ब्रिटिश काल के चर्च और खाने पीने की व्यवस्था इसे और अधिक लोकप्रिय बना दिया है।
यहां स्थित चाय के बागान और यहां मिलने वाली चॉकलेट और बेकरी आइटम्स की दुकान है। अंग्रेजों के इस जगह पर प्रभाव को दर्शाती है। ऊटी ब्रिटिश काल से ही अपने प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन के लिए फेमस है।
इस लेख में ऊटी कहां है, ऊटी में घूमने के स्थल, ऊटी जाने का सही समय (ooty best time to visit), उटी हिल स्टेशन, ऊटी कैसे पहुंचे, दिल्ली से ऊटी कितने किलोमीटर है आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे।
ऊटी के बारे में रोचक तथ्य
- ऊटी भारत के टॉप हिल स्टेशनों में से एक है।
- ब्रिटिश काल में ऊटी मद्रास प्रेसिडेंसी का ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करता था।
- 1822 में ऊटी में कोयंबटूर के तत्कालीन कलेक्टर जॉन सिविलिअन ने यहां पर स्टोनहाउस बनवाया था, जो अब गवर्मेट आर्ट कॉलेज के प्रधानाचार्य का चैंबर बन चुका है।
- ब्रिटिश काल के समय में ऊटी का काफी ज्यादा विकास हुआ। उन्हीं के समय यहां पर चाय, सागोन और सिनकोना के उत्पादन को प्रारंभ किया गया।
- ऊटी में चाय और कॉफी के बहुत सारे बागान हैं।
- ऊटी में मिलने वाले भोजन में अंग्रेजी और भारतीय मसालों के सम्मिश्रण देखने को मिलता है।
- ऊटी वर्ल्ड फेमस हनीमून डेस्टिनेशन भी है।
- ऊटी को पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है।
- ऊटी पहले टोंगा आदिवासियों का गढ़ था।
- ऊटी का एक नाम उटकमण्डलम भी है।
ऊटी में घूमने के स्थल (Ooty Tourist Places in Hindi)
बॉटनिकल गार्डन
ऊटी का बॉटनिकल गार्डन अपनी प्राचीन वनस्पतियों के लिए प्रसिद्ध है। यह 22 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्रफल मैं फैला हुआ है। इस उद्यान की रखवाली तमिलनाडु हॉर्टिकल्चर सोसायटी करती है।
यह स्थान इतना खूबसूरत है कि ऊटी आने वाले पर्यटकों के लिए सबसे पहला सुझाव बॉटनिकल गार्डन घूमने का ही दिया जाता है। यहां घूमने के लिए आपको पैदल पैदल चलना होगा, तभी आप इसकी सुंदरता को अच्छे से देख पाएंगे।
ऊटी टॉय ट्रेन
यहां आने वाले पर्यटकों के लिए सबसे रोमांचकारी और मनमोहक यात्रा यहां की टॉय ट्रेन की सवारी करना होती है। यहां आकर यदि आपने टॉय ट्रेन की सवारी नहीं की तो आपकी उठी यात्रा अधूरी मानी जाएगी।
यह टॉय ट्रेन मेट्टूपालयं से होते हुए कुन्नूर तक जाती है। यह ट्रेन 26 किलोमीटर के लंबे ट्रैक पर चलती है और यह ट्रेन नीलगिरी माउंटेन रेल्वे का एक हिस्सा है।
जनजातीय अनुसंधान केंद्र
ऊटी का जनजातीय अनुसंधान केंद्र ऊटी से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है। यह स्थान ऊटी की स्थानीय जनजाति की सभ्यता और संस्कृति की झलक दिखाता है।
इसके अलावा यहां पर एक लाइब्रेरी भी है। जनजातीय अनुसंधान केंद्र सड़क मार्ग द्वारा बस से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
पाइकारा झरना
ऊटी से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित यह जलप्रपात मैसूर रोड पर है। झरने के आसपास का क्षेत्र टोडा जनजातियों के निवास स्थान के रूप में भी लोकप्रिय है।
यहां स्थित बोट हाउस कल कल करता झरने का पानी और प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है।
सेंट स्टीफंस चर्च
ऊटी का यह पर्यटन स्थल अपनी स्थापत्य कला और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इसके साथ ही यहां का धार्मिक महत्व भी है। चर्च में अंदर की तरफ बेहद खूबसूरत पेंटिंग्स बनी हुई है।
द लास्ट सपर पेंटिंग के साथ कांच की बनी हुई खिड़कियों पर की गई कारीगरी बेहद खूबसूरत लगती है। ऐसा कहा जाता है कि यहां चर्च में उपयोग की जाने वाली लकड़ी श्रीरंगपट्टनम और टीपू सुल्तान के महल से लाई गई थी।
ऊटी झील
ऊटी में एक खूबसूरत गंतव्य स्थान ऊटी झील है, जो फिशिंग और बोटिंग के लिए पर्यटकों के बीच काफी ज्यादा लोकप्रिय है। यह झील 65 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई और 2.5 किलोमीटर लंबी है।
इस झील का निर्माण 1825 ईस्वी में जॉन सुविलिअन ने किया था। इस झील के चारों ओर खूबसूरत और रंग-बिरंगे फूलों की क्यारियां बनी हुई है, जो इस झील की खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है।
झील में पर्यटक मोटर बोटिंग, पेडल बोटिंग और रोबोट्स का लुफ्त उठाते हैं। इसके साथ ही यहां पर मछली पकड़ने के लिए लोग मछलियों के लिए चारा खरीदते हुए नजर आते हैं।
यह भी पढ़े: 10+ कुन्नूर में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान
ऊटी में प्राकृतिक प्रेमियों के लिए मनोरम दृश्य प्रस्तुत करने वाला यह राष्ट्रीय उद्यान एक लोकप्रिय स्थान है। यह राष्ट्रगान 80 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है जिसके अंदर बहुत सारी नदियां बहती हैं।
इसके साथ यहां पर विभिन्न प्रजाति के विभिन्न जानवर और पंछी भी देखने को मिलते हैं। ट्रैकिंग करने वालों के लिए भी यह एक लोकप्रिय स्थल है।
मदुमलाई वन्यजीव अभ्यारण्य
अगर आप एक प्राकृतिक प्रेमी है और विभिन्न प्रजाति के पशु पक्षियों को एक्सप्लोर करने की रुचि रखते हैं तो ऊटी की यात्रा के दौरान आपको मदुमलाई वन्य जीव अभ्यारण जरुर विजिट करना चाहिए।
यह अभ्यारण टाइगर रिजर्व के लिए प्रसिद्ध है, जो ऊटी से तकरीबन 67 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस अभ्यारण में हाथी, सांभर, हिरण, चीतल सहित कई लुप्तप्राय जानवर देखने को मिलते हैं।
इसके साथ ही कई रंग बिरंगी पक्षियां भी यहां उड़ते हुए नजर आती है, जिन्हें आप अपने कैमरे में कैप्चर कर सकते हैं।
कालहट्टी वॉटरफॉल्स
ऊटी से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कालहट्टी वॉटरफॉल्स पर्यटकों के बीच एक खूबसूरत मनोरम स्थान है। यहां की खूबसूरती पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
यह वॉटरफॉल्स अनेक प्रकार के पर्वतीय पंछियों के लिए भी प्रसिद्ध है। इसके अतिरिक्त यहां पर अनेक प्रजाति के जानवर भी रहते हैं जैसे चीता, सांभर, जंगली भैंसा आदि।
यह जलप्रपात लगभग 100 फुट ऊंचा है। कहा जाता है कि किसी समय यहां पर महान हिंदू संत अगस्त्य रहा करते थे।
ऊटी स्टोन हाउस
ऊटी शहर में बना सबसे पहला बंगला ऊटी का स्टोन हाउस है, जोकि जॉन सूलीवन ने 1822 में बनवाया था। यहां के स्थानीय लोग इसे काल बंगला भी कहते है।
यह स्टोन हाउस उस जगह पर बनाया गया है, जो कभी टोडा जनजातियों की थी। बंगले की वास्तुकला देखते ही बनती है।
रोज़ गार्डन
तमिलनाडु गवर्नमेंट द्वारा बनवाया गया ऊटी का रोज गार्डन यहां घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र है। 4 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ रोज गार्डन 20,000 से अधिक किस्म के गुलाबो को प्रदर्शित करता है।
ऊटी के इस रोज गार्डन को बहुत अच्छी तरह से मैनेज किया गया है। इसी सजाने में तरह-तरह की गुलाब के फूलों का इस्तेमाल किया गया है।
डाल्फिंस नोज
ऊटी में विभिन्न खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक डॉल्फिंस नोज है। यह अपने नाम की तरह ही रोमांचकारी जगह है, जहां पर आप सुंदर प्राकृतिक दृश्य को देखने का भरपूर आनंद उठा सकते हैं।
यहां पास में ही कैथरिन जलप्रपात है। अगर आप दिन के समय जाते हैं या मौसम साफ है तो आप उस वॉटरफॉल्स की खूबसूरत नजारों को भी देख पाएंगे।
बच्चों के साथ आउटडोर पिकनिक के लिए ऊटी में यह लोकप्रिय स्थानों में से एक है। यहां से आपको आसपास के इलाकों का पूरा खूबसूरत दृश्य देखने को मिलता है।
यह भी पढ़े: 20+ चेन्नई में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
कोटागिरी हिल
ऊटी जाने वाले पर्यटक कोटागिरी हिल स्टेशन की सैर करने जरूर जाएं। ऊटी से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह एक खूबसूरत हिल स्टेशन है।
यहां की प्राकृतिक सुंदरता आपको मनमोहित कर सकती है। यह हिल स्टेशन नीलगिरी के तीन हिल स्टेशनों में से सबसे पुराना है।
यहां का मौसम भी काफी ज्यादा सुहावना होता है, जिसके कारण यहां पर काफी समय बिता सकते हैं। इस हिल स्टेशन पर चाय के बहुत सारे बागान हैं।
हिमस्खलन झील
ऊटी से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हिमस्खलन झील यहां विशेष आकर्षण का केंद्र है। यह खान ट्राउट मछली पकड़ने के लिए काफी लोकप्रिय है।
यह 18 साल के आसपास कहीं बड़े भूस्खलन की वजह से बना था। इसीलिए इसका नाम हिमस्खलन झील रखा गया है।
झील के आसपास के क्षेत्रों में दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतु पाए जाते हैं। यहां ट्रैकिंग और राफ्टिंग जैसी चीजें की जाती है।
मुरुगन मंदिर
ऊटी को कपल्स के बीच एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल माना जाता है। लेकिन, यह धार्मिक दृष्टि से भी खूबसूरत पर्यटन स्थल साबित हो सकता है।
क्योंकि यहां पर कई सारे मंदिर स्थित है, जिनमें से एक प्राचीन और लोकप्रिय मंदिर मुरूगन मंदिर है। यह एक भव्य मंदिर है जो भगवान मुरूगन को समर्पित है।
इस मंदिर में भगवान मुरूगन की 40 फीट ऊंची प्रतिमा विराजमान है। इसके अतिरिक्त इस मंदिर में भगवान शिव, मां पार्वती, गणेश कार्तिकेय और नवग्रह की मूर्ति भी स्थापित है।
यहां पर कावड़ी अट्टम नृत्य पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण है। मंदिर जिस पहाड़ पर स्थित है। उसके चारों ओर के हरे भरे जंगल आपके लिए एक खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य उत्पन्न करते हैं।
एमआरसी गोल्फ क्लब
जो भी पर्यटक गोल्फ खेलने की रूचि रखते हैं या व्यक्त गोल्फ खेलने का अनुभव लेना चाहते हैं तो ऊटी की यात्रा के दौरान उनके लिए ऊटी में एमआरसी गोल्फ क्लब है, जहां पर वे गोल्फ का आनंद ले सकते हैं। यह गोल्फ क्लब 195 एकड़ के हरे भरे जमीन पर फैला हुआ है।
इसके चारों तरफ नीलगिरी, देवदार, ओक और रोड़ोंडेंड्रोंस जैसे विभिन्न प्रकार के सुंदर वृक्ष लगे हुए हैं, जो इस क्लब को बेहद खूबसूरत बनाते हैं। इस क्लब का रखरखाव जिमखाना क्लब के द्वारा किया जाता है।
एमरॉल्ड लेक
यह झील साइलेंट वैली नामक स्थान पर स्थित है। यह जगह ऊटी से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
इस जगह के आसपास की चाय के बागान झील की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। यहां से सनसेट और सनराइज देखने में बहुत मजा आता है।
नीडल रॉक व्यू-पॉइंट
ऊटी से तकरीबन 51 किलोमीटर दूर स्थित नीडल रॉक व्यू प्वाइंट ऊटी के आसपास घूमने लायक प्रमुख स्थानों में से एक है। ट्रैकिंग के शौकीन पर्यटकों के लिए यह एक लोकप्रिय स्थान है।
इस जगह को सोची मालिक के रूप में भी जाना जाता है। इस रॉक आकार एक निडर जैसा होने के कारण ही इसे नीडल रॉक व्यू प्वाइंट कहा जाता है।
यहां से आसपास का खूबसूरत दृश्य देखने को मिलता है। इसके साथ ही इस ऊंची चोटी के ऊपर से बादल के गुजरने का दृश्य रोंगटे खड़े कर देता है।
डोड्डाबेट्टा चोटी
ऊटी के आसपास प्रसिद्ध घूमने लायक जगह में से एक डोड्डाबेट्टा चोटी है। यह चोटी ऊटी से तकरीबन 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
इस चोटी को दक्षिण भारत का सबसे ऊंचा चोटी माना जाता है, जिसकी ऊंचाई 8606 फीट है। इस चोटी से नीलगिरी के पूरे खूबसूरती को एक बार में देख सकते हैं।
इस चोटी पर एक टेलिस्कोप हाउस भी है, जहां पर दो टेलिस्कोप रखा हुआ है। उस टेलीस्कोप की मदद से घाटी के चारों ओर का मनोरम दृश्य बहुत नजदीक से देख सकते हैं।
यह भी पढ़े: 10+ तंजावुर में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
ऊटी का प्रसिद्ध भोजन
खाने की बात करें तो ऊटी में सबसे ज्यादा आपको तरह-तरह की चॉकलेट और चाय मिलेंगी जहां से आप चॉकलेट और चाय की शॉपिंग भी कर सकते हैं।
ऊटी पर ब्रिटिश समय के प्रभाव के कारण यहां पर बेकरी आइटम्स और बेकरी की दुकान बहुत फेमस है।
इसके अलावा यहां कबाब कॉर्नर, सिंको चाइनीस रेस्टोरेंट, साइडवॉक कैफे, किंगस्टार कन्फेक्शनरी, चॉकलेट और चाय की शॉपिंग के लिए मार्केट इत्यादि स्थानों पर आपकी पसंद का और बेहद लजीज खाना मिल जाएगा।
ऊटी में कुछ प्रसिद्ध खाने की चीजें:
- लैंब
- मटन
- चिकन के कबाब
- नूडल्स
- फायरवुड पिज़्ज़ा
- स्पिनाच पोपोई और जैन पिज़्ज़ा
- घर के बने बिस्किट
- केक
- बेकरी आइटम्स और
- शुगर फ्री चॉकलेट इत्यादि।
ऊटी में रुकने की जगह
यदि आप उल्टी घूमने की प्लानिंग बना रहे हैं तो आपको बता दें यहां पर आपको बहुत सी होटल मिल जाएंगी, जहां रुक कर आप उठी घूमने का आनंद ले सकते हैं।
यहां ₹1000 से लेकर ₹35000 तक की होटल आपको मिल जाएंगी। आप अपने बजट के अनुसार किसी भी होटल का चुनाव कर सकते हैं।
ऊटी जाने का सही समय (Best Time to Visit Ooty)
यहां की हरियाली और ताजी हवा की वजह से पर्यटकों का साल भर आना जाना लगा रहता है। लेकिन यदि आप ऊटी जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए ऊटी जाने का बेस्ट समय होगा सितंबर से नवंबर के बीच का।
क्योंकि इस समय यहां का तापमान 15 से 20 डिग्री सेंटीग्रेड तक होता है, इस समय ऊटी का मौसम घूमने के हिसाब से काफी सुहावना होता है।
ऊटी कैसे पहुंचे?
ऊटी जाने के लिए सड़क मार्ग रेल मार्ग और हवाई मार्ग तीनों मार्ग उपलब्ध है। आप अपनी सुविधा अनुसार इनमें से किसी का भी चयन कर सकते हैं। वैसे यहां तक पहुंचने के लिए हवाई मार्ग ज्यादा उपयुक्त है।
कोयंबटूर हवाई अड्डा यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। यहां पहुंचने के बाद आप सड़क मार्ग द्वारा आसानी से ऊटी पहुंच सकते हैं।
बस द्वारा ऊटी घूमने के लिए कैसे जाएं?
भारत के सभी भागों से ऊटी सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। डीलक्स बसें सिर्फ 4 घंटे में और साधारण बसें 6 घंटे में ऊटी पहुँचा देती है।
ट्रेन से ऊटी घूमने के लिए कैसे जाएं?
ट्रैन से ऊटी का सफर करने के लिए आपको कोयंबटूर जंक्शन पर पहुंचना होगा। यह यहां का नजदीकी रेलवे जंक्शन है।
यदि आप दिल्ली से यहां आते हैं तो आप सीधे कोयंबटूर जंक्शन पहुंच सकते हैं। इसके बाद यहां से बस या टैक्सी द्वारा ऊटी पहुंचा जा सकता है।
हवाई जहाज से ऊटी घूमने के लिए कैस जाएं?
यदि आप हवाई मार्ग द्वारा ऊटी पहुंचना चाहते हैं तो आपको यहां के निकटतम हवाई अड्डे पर पहुंचना होगा।
ऊटी से सबसे नजदीक का हवाई अड्डा है कोयंबटूर हवाई अड्डा। यह हवाई अड्डा देश के दूसरे बड़े बड़े शहरों से हवाई मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
ऊटी कैसे घूमे?
यदि आप ऊटी घूमने जाने की प्लानिंग बना रहे हैं और कम समय में यहाँ के फेमस पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो 2 या 3 दिन के हिसाब से आप अपना प्लान बना सकते हैं।
ऊटी घूमने के लिए आप यहां की लोकल ट्रांसपोर्टेशन का सहारा ले सकते हैं। पहले दिन आप दोदाबेट्टा पीक, एस्टेट पॉइंट, बॉटनिकल गार्डन और ऊटी की झीलें घूम सकते हैं।
दूसरे दिन आप मिल्क शूटिंग पॉइंट, पायकारा झरना, सेंट स्टीफंस चर्च और टॉय ट्रेन की सवारी का आनंद ले सकते हैं। समय बचने पर आप तीसरे दिन ऊटी के बचे हुए फेमस स्थानों की सैर कर सकते हैं।
ऊटी में घूमने का खर्चा
ऊटी घूमने के लिए 2 लोगों के लिए कम से कम बजट लगभग 3000 से 4000 रुपए के आसपास खर्च होगा और यह खर्चा तब इतना होगा जब आप साधारण बस, स्लीपर क्लास रेलवे टिकट करते हैं और किसी साधारण से रेस्टोरेंट में रुकते हैं।
ऊटी में घूमने का खर्चा आपके बजट पर निर्भर करेगा। खर्चा कम भी हो सकता है और ज्यादा भी हो सकता है। निर्भर करेगा आप कहां रुकते हैं, कैसा खाना खाते हैं और किस मार्ग से जाते हैं।
ऊटी घूमते वक्त साथ में क्या रखें?
किसी भी जगह की यात्रा तय करने के लिए सबसे जरूरी चीज होती है पैसे साथ में रखना। ऊटी जाते वक्त भी आप अपने बजट के हिसाब से पैसे साथ रखें।
इसके अलावा सफर के लिए खाने-पीने का कुछ हल्का-फुल्का सामान, कुछ कपड़े और इमरजेंसी के लिए फर्स्ट एड बॉक्स और कुछ नॉर्मल सी दवाइयां जरूर साथ रखें।
FAQ
ऊटी तमिलनाडु राज्य के नीलगिरी में स्थित है। इसका एक और नाम उधकमंडलम है।
ऊटी यहां के हिल स्टेशन, हरियाली, अच्छे पिकनिक स्पॉट और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण हनीमून डेस्टिनेशन के तौर पर जाना जाता है, यह स्थान अपने पर्यटन के लिए वर्ल्ड फेमस है।
वैसे तो ऊटी में घूमने लायक जगह बहुत सारी है लेकिन उनमें से कुछ प्रमुख जगह है जैसे नीलगिरी माउंटेन, मोतीझील, रोज गार्डन, हिमस्खलन झील, ऊटी झील, एमराल्ड लेक, ऊटी बोटैनिकल गार्डन, हिरण पार्क, दोदाबेट्टा पीक, कलहट्टी जलप्रपात, कामराज सागर डैम, मदुमलाई नेशनल पार्क, पायकारा झरने, सेंट स्टीफन चर्च, ऊटी स्टोनहाउस, टोडा हट, वैक्स वर्ल्ड सिटी, वैनलॉक डाउंस इत्यादि।
ऊटी में खाने के लिए सबसे ज्यादा चॉकलेट और चाय फेमस है। इसके अलावा यहां की बेकरी प्रोडक्ट और चाइनीस फूड काफी फेमस है। ऊटी का स्ट्रीट फूड भी काफी अच्छा है।
ऊटी पहुंचने के लिए आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग में से किसी का भी चयन कर सकते हैं।
ऊटी में रुकने के लिए बहुत सारे होटल और रिसॉर्ट उपलब्ध है, जहां आप रुक कर पुटी घूमने का आनंद ले सकते हैं।
ऊटी घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से नवंबर तक माना जाता है। क्योंकि इस समय यहां का तापमान 15 से 20 डिग्री सेंटीग्रेड तक रहता है, जो यहां घूमने के लिए उत्तम माना जाता है।
दिल्ली से उठी 2445 किलोमीटर की दूरी पर है। कार से जाने पर 42 घंटे का समय लगता है।
निष्कर्ष
तमिलनाडु राज्य की नीलगिरी स्थित पर्यटन स्थल ऊटी बेहद खूबसूरत जगह है। आपको इस आर्टिकल में ऊटी घूमने से संबंधित लगभग सारी जानकारी प्रदान की है।
इस लेख में ऊटी टूरिस्ट प्लेस, ऊटी में जाने की जगहें (ooty me ghumne ki jagah), ऊटी जाने का सही समय आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की है। उम्मीद करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरुर करें।
यह भी पढ़े
10+ मदुरई में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
10+ तमिलनाडु में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
10+ बैंगलोर में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
20+ महाबलेश्वर में घूमने की जगह, हिल स्टेशन और महाबलेश्वर कैसे जाए?