Nashik Me Ghumne ki Jagah: दोस्तों अगर आप नासिक में घूमने की जगह ढूंढ रहे हैं तो आज आप बिल्कुल सही जगह पर है। आपको हम बता दे की नासिक भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक धार्मिक हिंदू शहर है, जो हर 12 साल में होने वाले कुंभ मेले की मेजबानी करता है। नासिक महाराष्ट्र में गोदावरी नदी के किनारे स्थित है, जिसका नाम रामायण से जुड़ा हुआ है।
नासिक हर साल भारी संख्या में यहाँ आने वाले पर्यटकों की मेजवानी करता है और शिरडी और त्र्यंबकेश्वर आने वाले तीर्थ यात्री भी नासिक जरुर आते है। इसलिए आज के इस पोस्ट में हम आपको नासिक की खूबसूरती के बारे में बताएंगे।
आज मैं आपको बताने वाला हूँ की नासिक में ऐसा क्या है, जो आपको आकर्षित कर सकता है। इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़े ताकि आपको नासिक से संबधित सभी जानकारी प्राप्त हो सके।
नासिक में घूमने की जगह | Nashik Me Ghumne ki Jagah
नासिक के बारे में रोचक तथ्य
दोस्तों अगर आपने नासिक घूमने का प्लान बना ही लिया है तो सबसे पहले आपको नासिक के बारे में कुछ महत्वपर्णू रोचक तथ्य के बारे में भी जान लेना चाहिए, ताकि आपकी नासिक घूमने की जिज्ञासा और भी ज्यादा बढ़ जाएं।
- दुनिया में सबसे बड़ा प्याज का बाजार महाराष्ट्र के नासिक जिले में है और लगभग भारत की अधिकांश प्याज का उत्पादन नासिक जिले में ही होता हैं।
- औरंगाबाद का कैलाश मंदिर और शिरडी का प्रसिद्ध मंदिर पवित्र स्थल महाराष्ट्र में स्थित हैं।
- मुगल काल के दौरान नासिक शहर को गुलशनबाद के नाम से जाना जाता था
- नासिक के करीब हरिहर किला हैं।
- नासिक पवित्र गोदावरी नदी के तट पर स्थित है।
नासिक में लोकप्रिय पर्यटक स्थल ( NashikTourist Places in Hindi)
नासिक में वैसे तो बहुत सी घूमने की जगह है, जो आपको आकर्षित कर सकती है। लेकिन आज हम आपको कुछ पर्यटन स्थल के बारे में बताएंगे, जो आपको काफी आकर्षित कर सकते है साथ ही यहाँ दूर – दूर से लोग इस जगह पर घूमने के लिए आते है। तो चलिए दोस्तों बिना देरी किये हम आपको बताते है, नासिक में घूमने की जगह कौन कौन सी है, जो काफी फेमस हैं।
सुला वाइन यार्ड
अगर आपको घूमने फिरने का शौक है और आप नासिक ट्रिप के दौरान कुछ अलग हटकर करना चाहते है, तो आपको एक बार नासिक के सुला वाइनयार्ड को जरूर देखना चाहिए। सुला वाइनयार्ड नासिक में लगभग 160 एकड़ के क्षेत्र में फैला है।
सुला वाइनरी स्थानीय नासिक जिले और डिंडोरी में पैदा होने वाले अंगूर से शराब का उत्पादन करता है। जिसे देखने भारी संख्या में लोग इसके दर्शन करते हैं।
मुक्तिधाम मंदिर
दोस्तों मुक्तिधाम मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर नासिक शहर से 8 कि.मी दूर के आसपास स्थित है। मंदिर खूबसूरती से शुद्ध सफेद रूप में बनाया गया है। यह श्री जयराम भाई बाईटको द्वारा निर्मित किया गया है।
मुक्तिधाम मंदिर में सभी बारह ज्योतिर्लिंग है, जिसकी वजह से यह मंदिर बहुत पवित्र माना जाता है। इस मंदिर सबसे खास बात यह है कि इसकी दीवारें पूरी भगवद् गीता के श्लोकों से अंकित हैं, जों दिखने में काफी सुंदर और पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता हैं।
अंजनेरी पर्वत
नासिक से 30 किलोमीटर की दूरी पर ऊंची – ऊंची पहाड़ियों के बीच अंजनेरी पर्वत है। इस पर्वत का इतिहास हिन्दू महाकाव्य रामायण से जुड़ा हुआ है। दोस्तों आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की इस पहाड़ी पर एक पवित्र मंदिर है, जहां पर भारी मात्रा में भक्त आते हैं।
अंजनेरी पर्वत का नाम भगवान हनुमान की माता अंजनी के नाम पर पड़ा है। दोस्तों अगर आप नासिक घूमने के लिए आते है तो आप इस पर्वत की सैर करना न भूले। यहाँ पर उंचाई पर पहुंचने के लिए आप ट्रेकिंग कर सकते हैं और आप यहाँ उंचाई से कई शानदार दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
सीता गुफा पंचवटी
दोस्तों ऐसा माना जाता है कि भगवान राम के 14 वर्षों के दौरान लक्ष्मण और मां सीता नासिक के पंचवटी (सीता गुफा नाशिक) क्षेत्र में रहे है। पूरे पंचवटी क्षेत्र लगभग 5 कि.मी के क्षेत्र में फैला हुआ है।
पंचवटी के पास सीता गुफा है, जहां से रावण द्वारा सीता का अपहरण कर लिया गया था। यह छोटी सी गुफा और धार्मिक तीर्थ स्थल हिन्दू रामायण महाकाव्य और देवी सीता से जुड़ा हुआ है, जिसे देखने दूर दूर सें पर्यटक यहाँ आते है।
सिक्का संग्रहालय
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन न्यूमिज़माटिक स्टडीज के तहत वर्ष 1980 में स्थापित, सिक्का संग्रहालय एशिया में अपनी तरह का एकमात्र संग्रहालय है। इसमें तांबे, पेंटिग्स, टेराकोटा और कई ऐतिहासिक कलाकृतियों के साथ भारतीय मुद्राओं के प्रलेखित इतिहास का एक अच्छा संग्रह है।
नासिक के निकट अंजनेरी में सिक्का संग्रहालय एक आकर्षक पर्यटन स्थल है, जिसे देखने दूर दूर से लोग यहाँ आते है।
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सप्तश्रृंगी नासिक
दोस्तों धार्मिक मान्यतानुसार के अनुसार महाराष्ट्र में देवी के साढ़े तीन शक्तिपीठ में से अर्धशक्तिपीठ वाली सप्तश्रृंगी देवी नासिक से करीब 65 किलोमीटर की दूरी पर 4800 फुट ऊंचे सप्तश्रृंग पर्वत पर विराजित है, जिसे देखने दूर दूर सें पर्यटक यहाँ आते है।
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की सप्तश्रृंगी में भागवत कथा में भारत में 108 शक्तिपीठ होने का उल्लेख किया गया है, जिसमें से साढ़े तीन महाराष्ट्र में हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण अपने निर्वासन के दौरान देवी का आशीर्वाद लेने यहां आये थे।
तोपखाना केंद्र
नासिक में स्थित पांडवलेनी गुफाओं के पीछे एशिया का सबसे बड़ा तोपखाना केंद्र है। इस जगह पर सैनिकों को कठोर सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है और यह सैनिको को ‘गोफ़र गन्स’ का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित करता है, जिसे देखने भारी संख्या में लोग यहाँ आते है
कुम्भ मेला
नासिक में अकसर त्योहारों पर लगने वाले मेलों और पर्वों में पूरे देश से श्रद्धालु उमड़ते है, जिसके चलते यहाँ साल भर रौनक रहती है। नासिक में लगने वाला कुम्भ मेला पूरी दुनिया में मशहूर है।
कुम्भ मेले को यहाँ सिंहस्थ के नाम से जाना जाता है। लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु इस मेले में आते हैं। 12 साल में एक बार लगने वाले इस मेले का आयोजन महाराष्ट्र पर्यटन निगम द्वारा किया जाता हैं।
नासिक में प्रसिद्ध स्थानीय भोजन
दोस्तों हम आपको बता दे की नासिक जितना सुंदर है, उतना ही स्वादिष्ट यहां का खाना भी है। दोस्तों अगर आप फूडी है और स्ट्रीट फूड के दीवाने है, तो आपको इस शहर का टेस्टी मिसल पाव जरूर चखना चाहिए। इसके साथ ही यहाँ पर जलेबी खाकर अगर दिन की शुरुआत की जाएं तो पूरा दिन मस्त सा हो जाता है।
पिज्जा पूरी का मजा लेना भी ना भूले, जो नासिक में काफी फेमस है। भेल पुरी और हरमब में थालीपीठ भी यहाँ काफी फेमस है। दोस्तों अगर आप कभी नासिक घूमने आओ तो एक यहाँ खाने का स्वाद जरूर लेना।
अगर नासिक में प्रसिद्ध और स्थानीय भोजन की बात की जाए तो यहाँ के के रेस्टोरेंट में कई तरह के महाराष्ट्रीयन, गुजराती और मराठी से लेकर दक्षिण और उत्तर-भारतीय व्यंजक आसानी से मिल जाते है।
नासिक के कृष्णा वड़ा पाव में वड़ा पाव और सायंतारा साबूदाना वाड़ा में साबूदाना वाड़ा भी यहाँ के लोग बड़े ही चाव के साथ खाते है। यदि आप नासिक घूमने आए हो और यहाँ के शावरमा नामक इस व्यंजन को कभी नही खाया, तो समझिये आपने नासिक की खास रेसिपी मिस कर दी है।
नासिक में रुकने की जगह
अगर नासिक शहर में रुकने की बात की जाए तो यहाँ पर सस्ते दामों पर होटल, गेस्ट हाउस और रेंट में कमरे आसानी से मिल जाते है, जहाँ पर आप आसानी से ठहर सकते हैं।
हमने कुछ होटल के नाम आपके लिए ढूंढ कर निकले है, जो नासिक में काफी फेमस हैं जैसे की होटल पंचवटी यात्री, होटल कूल प्लेस, होटल अवन्ति, होटल ग्रैंड आश्विन, होटल ट्रीटन, ग्रैंड गैलेक्सी होटल कृष्णा इत्यादि शामिल हैं।
नासिक घूमने के लिए का सही समय
अगर आप नासिक की सैर करना चाहते है और धार्मिक, ऐतिहासिक शहर नासिक घूमने के लिए जाना चाहते है, तो हम आपको बता दे की नासिक की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से लेकर फरवरी तक का समय सबसे अच्छा होता है।
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नासिक कैसे पहुंचे?
दोस्तों अगर आप नासिक घूमने का प्लान बना रहे हो और सोच रहे हो की आखिर नासिक कैसे पहुंचे तो, आज इस लेख में हम आपको बतायेगे की नासिक कैसे पहुंचे?
रेल द्वारा : अगर आप नासिक घूमने का प्लान बना रहे है, तो नासिक रेलवे स्टेशन रेल मार्ग से देश के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। रेल से नासिक की यात्रा करना आपको और आपके परिवार के लिए एक सुखद और आरामदायक अनुभव हो सकता हैं।
सडक द्वारा : दोस्तों आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की नासिक आने के लिए आप अपनी गाडी या फिर कोई गाडी बुक करके आसानी से सडक द्वारा यात्रा करके नासिक आसानी से पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग द्वारा : अगर आप हवाई जहाज से सफर करना चाहते है, तो हम आपको बता दे की नासिक का निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो की मुंबई में है। यह नासिक से लगभग साढ़े तीन घंटे की दूरी पर स्थित है।
नासिक कैसे घूमे?
नासिक घूमने के लिए एक बेहतरीन स्थान प्रदान करता है। नासिक महाराष्ट्र में गोदावरी नदी के किनारे स्थित है जिसका नाम रामायण से जुड़ा हुआ है। शिरडी और त्र्यंबकेश्वर आने वाले तीर्थ यात्री भी नासिक जरुर आते है।
साथ ही नासिक भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक धार्मिक हिंदू शहर है, जो हर 12 साल में होने वाले कुंभ मेले की मेजबानी करता है। इसीलिए यहाँ घूमने के लिए भारी संख्या में लोग दूर – दूर से आते है।
अगर आप भी यहाँ घूमने के लिए सोच रहे है, तो आप जिस होटल या गेस्ट हाउस में ठहरे है, आप वहाँ से किराये पर कार को बुक करके घूमने जा सकते है और नासिक की सुंदरता के दर्शन कर सकते है। इसके अलावा अगर आप भारत देश के बाहर से यहाँ घूमने के लिए आते है, तो आप चाहो तो टूरिस्ट गाइड को भी बुक कर सकते है, जो आपको नासिक की सुंदरता के दर्शन करवाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
नासिक में घूमने का खर्चा
नासिक घूमने के खर्च की बात की जाएं तो यह आपके ऊपर निर्धारित करता है की आप किस से जाना पसंद करोगे और वहाँ जाकर आप कहाँ – कहाँ घूमना पसंद करोगे। आप किस होटल, गेस्ट हाउस में रुकना पसंद करोगे साथ ही आप नासिक में कितने दिन रुकोगे, यह सब आपके बजट पर निर्भर करता हैं।
नासिक घूमते वक्त साथ में क्या रखें?
अगर आप नासिक घूमने के लिए प्लान बना रहे है, तो आपको अपने साथ जिस से सफर कर रहे है उसकी टिकट, अपनी आईडी प्रूफ, मोबाइल फोन, मौसम के अनुसार कपडे इत्यादि लेकर जाना चाहिए।
FAQ
दादा साहेब फाल्के का जन्म महाराष्ट्र के नासिक शहर के पास त्र्यंबकेश्वर कस्बे में 30 अप्रैल, 1870 में हुआ था।
महाराष्ट्र एकलौता राज्य है, जहां दो मेट्रो सिटी है। एक मुंबई और दूसरा पुणे राज्य हैं।
बड़ी कंपनियों के मुख्यालय सबसे ज्यादा मुंबई में है, जो महाराष्ट्र का सबसे बड़ा शहर हैं।
दोस्तों आपकी जानकरी के लिए हम आपको बता दे की पुणे शहर भारत का सबसे बड़ा छठा शहर हैं।
लोनार झील महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में स्थित हैं।
निष्कर्ष
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को नासिक में घूमने की जगह (Nashik Me Ghumne ki Jagah) के बारे में कंप्लीट जानकारी प्रदान की हुई है और हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई आज कि यह महत्वपूर्ण जानकारी आपके लिए काफी ज्यादा हेल्पफुल और यूज़फुल साबित हुई होगी।
अगर आपके लिए हमारी आज की यह महत्वपूर्ण जानकारी जरा सी भी हेल्पफुल साबित हुई हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले।
अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हो। हम आपके द्वारा दिए गए प्रतिक्रिया का जवाब शीघ्र से शीघ्र देने का पूरा प्रयास करेंगे और हमारे इस महत्वपूर्ण लेख को अंतिम तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आपका कीमती समय शुभ हो।
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