इस लेख में गंगा सागर कहां है (Ganga Sagar Kaha Hai), गंगासागर कब जाना चाहिए, गंगा सागर में किसका मंदिर है आदि जैसी महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की है।
गंगा सागर हिंदुओ का पवित्र द्वीप है, जो पश्चिम बंगाल के तट पर स्थित है। गंगा सागर में नदी की धारा आकर मिलती है। हिंदू धर्म में इस द्वीप पर स्नान करना पवित्र माना जाता है। यहां सबसे अधिक भीड़ मकर संक्रान्ति पर होती है।
इस दिन लाखों की संख्या में भक्त यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं। गंगा सागर मेला पूरे भारत में प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस जगह के दर्शन कर लेते है, वो बहुत भाग्यशाली होते हैं।
गंगा सागर कहां है?
गंगा सागर कहां है (Ganga Sagar Kaha Hai) | गंगासागर कोलकाता से 150 किलोमीटर दक्षिण में बंगाल की खाड़ी के कॉण्टीनेण्टल शैल्फ में स्थित एक 300 वर्ग किलोमीटर का द्वीप है। |
गंगा सागर में किसका मंदिर है | कपिल मुनि का मंदिर, ओंकारनाथ मंदिर, जीर्ण मंदिर (चंदनपीड़िवन), विशालाक्षी का मंदिर (बुड़बुड़ीर तट पर), प्राचीन मंदिर (वामनखल) |
गंगासागर किस जिले में है | दक्षिण 24 परगना (पश्चिम बंगाल) |
कोलकाता से गंगासागर कितनी दूर है | 134.6 km |
हावड़ा से गंगासागर की दूरी कितनी है | 122.1 km |
गंगासागर द्वीप भारत के अंदर आता है, जो पश्चिम बंगाल सरकार के अधीन है। इस द्वीप में 43 गांव है, जहां पर कुल 160000 लोग रहते हैं। इस जगह को गंगा नदी का सागर में संगम कहा जाता है।
गंगा सागर के बारे में रोचक तथ्य
- गंगासागर में गंगा जहां बंगाल की खाड़ी में मिलती है, उस स्थान पर मेले का आयोजन किया जाता है, जिसे गंगासागर मेला कहा जाता है। यह मेला हर साल पौष मास के अंतिम दिन मकर सक्रांति को आयोजित होता है।
- गंगा नदी और बंगाल की खाड़ी का मिलन स्थल ही गंगासागर के नाम से जाना जाता है। लेकिन वास्तव में यह एक टापू है, जो गंगा नदी के मुहाने पर स्थित है।
- गंगासागर में स्नान करना अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। खासकर के मकर सक्रांति के दिन यहां पर काफी भीड़ रहती हैं।
- गंगासागर के आसपास काफी ज्यादा आबादी है, जहां ग्रामीण इलाका बसा हुआ है। यहां के लोगों की लोकल भाषा बंगाली है।
- जल्द गंगासागर के लिए मुरिगंगा में ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। ब्रिज के बनने से श्रद्धालुओं को सड़क मार्ग से कचुबेरिया तक आने में आसानी होगी।
गंगा सागर के बारे में
गंगा सागर के इतिहास के अनुसार ऐसा माना जाता हैं कि राजा सागर ने सारे विश्व को जीतने की प्रतिज्ञा ली थी। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने अश्वमेघ यज्ञ को शुरू किया। अश्वमेघ यज्ञ के दौरान राजा एक घोड़ा छोड़ता है और यदि किसी राजा ने उस घोड़े को पकड़ लिया तो उसको राजा से युद्ध करना होता था।
राजा सागर का घोड़ा जब पृथ्वी पर विजय प्राप्त करने वाला था। तब इन्द्र जी ने राजा के घोड़े को कपिलमुनी के आश्रम में छुपा दिया। घोड़े के पीछे चले राजा के सैनिक ने कपिलमुनि को घोड़ा चुराने का आरोप लगाया। बार बार आरोप लगने के कारण मुनि को गुस्सा आ गया। उन्होंने राजा के सैनिक और उनके बेटो को शाप दे दिया, जिससे उनके सभी बेटे भस्म हो गए।
राजा सागर के क्षमा याचना करने पर मुनि ने कहा कि यदि राजा सागर अपने किसी भी वंशज को इस जगह पर ले आए तो उनके बेटों को मोक्ष मिल जाएगा। राजा सागर के वंशज राजा भागीरथी ने कई प्रयास करने के बाद गंगा को धरती पर लाने में सफल हो पाए थे।
हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जिस किसी ने भी गंगा सागर के दर्शन कर लिए, उसका जीवन सफल हो जाता है। यहां पर बहुत से लोग पिंडदान और पितरों को दान करने के लिए भी आते हैं। गंगा सागर में जो युवती स्नान कर ले, उसको अच्छा वर प्राप्त होता है। इसलिए एक कहावत भी बहुत प्रसिद्ध है। सब तीर्थ बार बार, गंगा सागर एक बार।
गंगा सागर में मकर संक्रांति के अवसर बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। भक्त गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं। प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में भक्त गंगा सागर में स्नान करने के लिए आते हैं। गंगा सागर में स्नान करने के बाद सूर्य को अर्ध देते हैं। यहां आने वाले भक्त चावल और तिल का दान करते हैं।
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गंगा सागर में लोकप्रिय पर्यटक स्थल | Ganga Sagar Tourist Places in Hindi
गंगा सागर का लाइट हाउस
गंगा सागर का लाइट हाउस देखने वाली जगह में से एक है। इस लाइट हाउस की रोशनी के कारण गंगा सागर रात के समय में बहुत ही शानदार लगता है। फोटोग्राफी करने वाले लोग इस जगह पर फोटो आदि को खींचते है। यह गंगा सागर के पास में ही स्थित है।
गंगा सागर का ओंकारनाथ मंदिर
गंगा सागर का ओमकार नाथ मंदिर यहां के प्रसिद्ध मंदिर में से एक है। इस मंदिर को पवित्र मंदिर में से एक माना जाता है।ओंकारनाथ मंदिर गंगा सागर के पास में ही स्थित है। मंदिर के अंदर भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है।
शिव जी का यह मंदिर पेड़ों से घिरा हुआ है। मंदिर में अधिक भीड़ नहीं होती है। इस कारण से आप मंदिर के अच्छे से दर्शन कर सकते हैं। भक्त यहां पर बैठकर शांति से शिव की पूजा अर्चना करते हैं।
गंगा सागर का भारत सेवा आश्रम
यह आश्रम गंगा सागर के पास में स्थित है। भारत सेवा आश्रम ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है। इस आश्रम में यदि आप गंगा सागर घूमने के लिए जाते है तो आप इस जगह पर जाकर रुक सकते हैं। आश्रम में एक छोटा सा मंदिर बना हुआ है।
इस आश्रम में रुकने पर आपको कोई भी शुल्क नहीं देना होगा। आप फ्री में ही इस जगह पर रुक सकते हैं। यहां पर आप सिर्फ रुक सकते हैं। भोजन के लिए आपको पैसे खर्च करने होंगे।
बक्खाली
गंगासागर में एक और खूबसूरत पर्यटन स्थल बक्खाली है। यह दक्षिणी बंगाल में नामखान ब्लाक के अंतर्गत सुंदर डेल्टा द्वीपों में से एक पर स्थित है। इस जगह पर 20 साल लक्ष्मी मंदिर है, जो इस जगह का बहुत ही महत्वपूर्ण मंदिर है और यह समुद्र तट के आखिरी छोर पर स्थित है।
बक्खाली 8 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ समुद्री तट है, जहां पर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय बहुत ही सुंदर और मनोरम दृश्य उत्पन्न होता है। गंगासागर में शहरी जीवन के शोर-शराबे और हलचल से दूर शांत वातावरण में कुछ सुकून का पल बिताने के लिए बहुत ही खूबसूरत जगह है।
गंगा सागर का मुनि मंदिर
कपिल मुनि का यह मंदिर कपिल मुनि को समर्पित है। भक्त गंगा में डुबकी लगाते हैं। इसके बाद कपिल मुनि के मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते हैं। कपिल मुनि का यह मंदिर यहां के प्रसिद्ध मंदिर में से एक है। इस मंदिर के अलावा यहां पर चार मंदिर और बने हुए थे।
लेकिन सन 1960 में एक तूफान में चार मंदिर नष्ट हो गए थे। सन 1973 में कपिल मुनि के इस मंदिर को दोबारा बनवाया गया था। मंदिर में कपिल मुनि के अलावा राजा भगीरथ की प्रतिमा जो कि गंगा को अपनी गोद में लिए हुए हैं और इनके पास में ही राजा सागर और हनुमान जी की प्रतिमा भी बनी हुई है। भक्त यहां पर मोक्ष प्राप्त करने के लिए आते हैं।
सजनेखाली
अगर आप गंगासागर में विभिन्न पशु पक्षियों और जीवों को देखना चाहते हैं तो आप सुंदरवन का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला जगह सजनेखाली जरुर विजिट कर सकते हैं। इस जगह पर एक बोनो बीबी मंदिर है।
यहां एक मगरमच्छ पार्क भी है। यह जगह बाघ, मछुवारी बिल्ली, उड़ने वाली लौंमडिया, चीतल, पैंगोलिन, जंगली सूअर, मकाक जैसे कई जानवरों का आश्रय है। यह पर लैप-विंग्स, व्हिम्प्रेल्स, प्लोवर्स, सैंडपाइपर्स जैसे कई विभिन्न प्रजातियों के पंछियों का भी आश्रय स्थल है।
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गंगा सागर में खाने के लिए प्रसिद्ध भोजन
यह हिंदुओं का धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको साधारण खाना ही मिलेगा। यहां पर आस पास कई सारे रेस्टोरेंट और भोजनालय बने हुए है। इसके अलावा होटल आदि भी बने है। आप अपने बजट के अनुसार होटल या रेस्टोरेंट में भोजन कर सकते हैं।
गंगा सागर घूमने के लिए कब जाएं?
गंगा सागर घूमने के लिए जाना चाहते है तो आप अक्टूबर महीने से लेकर फरवरी महीने के बीच में जा सकते हैं। बहुत से पर्यटक सर्दियों के मौसम यहां पर घूमने के लिए जाते हैं।
सर्दी में गंगा सागर का मौसम काफी अच्छा रहता है। प्रति वर्ष मकर संक्रान्ति के अवसर 14 फरवरी को मेले का आयोजन किया जाता है।
गंगा सागर में रुकने की जगह
गंगा सागर में रुकने की बात करें तो यहां पर रुकने के लिए कई सारी जगह है। यहां पर आपको कई सरकारी और प्राइवेट धर्मशाला मिल जाएगी, जहां पर आप रुक सकते हैं। इसके लिए आपको अधिक रुपए नही खर्च करने होंगे।
यदि आप आश्रम, धाम या होटल में रुकते हैं तो आपको 700 रुपए से लेकर 6000 रुपए तक अच्छे रूम मिल जाते हैं। वहीं यदि आपके पास कम बजट है तो आप कपिल मुनि के आश्रम में में रह सकते हैं।
इसके लिए आप 300 से 500 रुपए दे कर रह सकते हैं। यदि आप परिवार या दोस्तों के साथ घूमने के लिए जाते हैं तो आप एक रूम में 3 लोग रह सकते हैं।
गंगा सागर जाने में कितना खर्चा आएगा?
यदि आप गंगा सागर घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो आपको अपना बजट बनाना होगा। गंगा सागर जाने पर यदि आप वहां 2 दिन का टूर प्लान बनाते हैं तो इस दौरान आपको 3,000 से लेकर 5,000 रुपये का का खर्चा आएगा।
गंगा सागर कैसे जाएं?
गंगा सागर जाने के लिए आप बस, ट्रेन और वायुयान का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बस द्वारा गंगा सागर कैसे जाएं?
बस द्वारा आप गंगा सागर आसानी से जा सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले कोलकाता जाना होगा। कोलकाता से गंगा सागर की दूरी करीब 90 किमी की है। कोलकाता के बस स्टेंड से आपको नामखाना जगह के लिए बस से जाना होगा।
हवाई जहाज से गंगा सागर कैसे जाएं?
गंगा सागर यदि हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो आपको हावड़ा के सुभाष चंद्र इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरना होगा। यहां से देश के सभी प्रमुख राज्यों से हवाई जहाज का आवागमन होता रहता है।
जल मार्ग से गंगा सागर कैसे जाएं?
हवाई अड्डे पर उतरने के बाद आपको क्रूज यानी की पानी वाले जहाज से आगे की यात्रा करनी होगी। जल जहाज से आप कचुबेरिया आइसलैंड तक जाना होगा। यहां से आपको करीब 4 घंटे की यात्रा करनी होगी।
इस दौरान यहां का रास्ता काफी अच्छा लगता है। आपके चारों तरफ पानी ही पानी रहता है। आइसलैंड जाने के बाद गंगा सागर की दूरी सिर्फ 30 किमी की रहती है। आप बस और टैक्सी के द्वारा गंगा सागर के लिए जा सकते हैं, जो कि आपको 30 मिनिट में पहुंचा देगी।
गंगासागर की यात्रा पर साथ में क्या लेकर जाएं?
गंगासागर में बिजली की आपूर्ति शायद आपको अच्छे तरीके से ना मिल पाए। इसलिए गंगासागर आते वक्त अपने साथ एक इमरजेंसी लाइट या टॉर्च जरूर लेकर आए।
गंगासागर एक समुद्री इलाका है, जिसके कारण यहां पर आपको सांप, बिच्छू जैसे जहरीले जीव मिल सकते हैं। इसलिए अपने साथ सुरक्षा के लिए सांप और बिच्छू के काटने से बचने वाली दवा जरूर लेकर आएं। गंगासागर में अगर आप टेंट या धर्मशाला में रुकते हैं तो वहां पर मच्छर की परेशानी हो सकती है। इसलिए अपने साथ मॉस्किटो नेट लेकर आ सकते हैं।
निष्कर्ष
इस महत्वपूर्ण लेख में गंगासागर कहां पर है (ganga sagar kaha hai), गंगा सागर में घूमने की जगह (Ganga Sagar Me Ghumne ki Jagah) से संबंधित विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की है।
हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई आज की महत्वपूर्ण जानकारी आपके लिए काफी ज्यादा यूज़फुल और हेल्पफुल साबित हुई होगी। आपको गंगा सागर घूमने में और वहां तक पहुंचने में हमारा यह लेख पूरी सहायता करेगा।
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अच्छी जानकारी प्रदान करने हेतु धन्यवाद खाना खाने के अच्छे सात्विक भोजन की जानकारी सहायक हो सकती है।
ज्ञान वर्धक जानकारी धन्यवाद