10+ भारत की ऐतिहासिक इमारतें

Bharat ki Aitihasik Imarat in Hindi: भारत का इतिहास दुनिया के देशों में अपना एक अलग ही स्थान रखता है। भारत का इतिहास इतना समृद्ध है कि देश के हर एक कोने में एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक स्थल है, जिसमें कई मंदिरे, किले और खूबसूरत मीनारें मौजूद है जो प्यार, विरता, युद्ध और भारत की गौरवशाली इतिहास को जाहिर करते हैं।

भारत में सदियों से कई शासकों ने शासन किया, जिन्होंने अपने अपने शासनकाल में भारत में कई इमारतों का निर्माण करवाया, जो अपनी अद्भुत वास्तुकला के कारण आज दुनियाभर के लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

Bharat ki Aitihasik Imarat in Hindi
Image: Bharat ki Aitihasik Imarat in Hindi

इन इमारतों की वास्तु कला को देखकर भारत के गौरवशाली इतिहास का पता चलता है। तो चलिए आज के लेख में हम जानते हैं भारत के कुछ ऐतिहासिक इमारतों के बारे में जिसकी खूबसूरती दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

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भारत की ऐतिहासिक इमारतें | Bharat ki Aitihasik Imarat in Hindi

ताज महल

जब भी भारत के ऐतिहासिक इमारतों का जिक्र होता है, तो ताजमहल हर किसी के जवाब पर होता है। दुनिया के सात अजूबों में एक ताजमहल उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित है। इस इमारत को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है, जो अति उत्तम मानवीय कृतियों उत्कृष्ट उदाहरण है।

प्रेम की निशानी माना जाने वाला ताजमहल को 17 वीं शताब्दी में मुगल शासक शाहजहां द्वारा बनवाया गया था। शाहजहां मुगल काल के पांचवे शासक थे, जिन्होंने अपनी प्रिय पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था।

Taj Mahal
Image: Taj Mahal

मुगल काल में ज्यादातर इमारतों को लाल पत्थर से बनाया गया था परंतु ताजमहल एकमात्र ऐसा महल है जिसे बनाने के लिए संगमरमर का चयन किया गया था। संगमरमर के अतिरिक्त अन्य खूबसूरत पत्थरो का भी इस्तेमाल ताजमहल के दीवारों को आकर्षक बनाने के लिए किया गया।

ताजमहल की दीवारों पर की गई मुगलकालीन वास्तुकला ताजमहल खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। कहा जाता है ताजमहल के निर्माण के लिए 20000 से भी ज्यादा कारीगरों ने शिल्पकार उस्ताद अली अहमद लाहौरी के अधीन काम किया था। ताजमहल को बनाने में लगभग 22 वर्ष तक का समय लगा था।

इसका निर्माण कार्य 1632 ईसवी सन में शुरू हुआ और 1653 में पूरा हुआ। शाहजहां ने ताजमहल को उस समय लगभग 320 रूपए लाख की लागत लगाकर बनवाया था, जो वर्तमान में 52 अरब रुपए से भी ज्यादा होता है। ताजमहल मुगलकालीन वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसे मूमताज महल के नाम से भी जाना जाता है।

विक्टोरिया मैमोरियल

विक्टोरिया मेमोरियल पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक केंद्र है। यह मेमोरियल इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया को समर्पित है, जिसे विविध शिल्पकलाओ के सुंदर मिश्रण से तैयार किया गया है। इस विक्टोरिया मेमोरियल को 1906 से 1921 के बीच निर्मित किया गया।

Victoria Memorial
Image: Victoria Memorial

इस मेमोरियल को आम जनता के लिए 1921 में खोला गया था। इस मेमोरियल में मुगल शिल्प कलाओं का भी मिश्रण देखने को मिलता है। इस मेमोरियल के अंदर रानी के पियानो और स्टडी डेस्क सहित 3000 से भी अधिक अन्य वस्तुएं रखी गई है। महल के अंदर शाही परिवारों की कई तस्वीरें भी देखने को मिलती है।

फतेहपुर सीकरी

फतेहपुर सिकरी उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक शहर है, जो मुगल शासक अकबर के शासन काल में मुगलों की राजधानी हुआ करती थी। अकबर ने 1571 में फतेहपुर सिकरी को मुगल साम्राज्य की राजधानी बनाई थी जो लगभग 1550 तक अकबर की राजधानी रही। बाद में 1610 में अकबर ने इसे पूरी तरीके से छोड़ दिया था।

Fatehpur Sikri
Image: Fatehpur Sikri

अकबर के शासन काल में फतेहपुर सिकरी में कई प्राचीन धरोहर और इमारते बनाए गए हैं लेकिन उन सभी में यहां जो सबसे प्रसिद्ध है वह है बुलंद दरवाजा। जिसे अकबर ने 1601 में गुजरात विजय के उपलक्ष्य पर बनवाया था। बुलंद दरवाजे के सबसे ऊंचे प्रवेश द्वार को बनाने में लगभग 12 वर्ष का समय लग गया था।

बुलंद दरवाजे के अंदर एक शिलालेख है, जिसमें अकबर के धार्मिक खुलेपन का वर्णन किया गया है। बुलंद दरवाजा हिंदू और फारसी वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। 53 मीटर ऊंचा और 35 मीटर चौड़ा बुलंद दरवाजा विश्व का सबसे ऊंचा प्रवेश द्वार भी है। इस दरवाजे का आगे का भाग जामा मस्जिद की ओर जाता है।

कुतुब मीनार

दक्षिण दिल्ली के महरौली भाग में स्थित कुतुब मीनार को मुस्लिम साम्राज्य का प्रथम वास्तु कला का नमूना बताया जाता है, जिसे गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया था। इसीलिए इस मीनार का नाम भी कुतुब मीनार रखा गया। इस मीनार को कुतुबुद्दीन ऐबक ने अफगानिस्तान स्थित जामा की मीनार से प्रेरित होकर बनाने का कार्य शुरू किया था।

हालांकि मीनार को निर्मित करने का कार्य कुतुबुद्दीन ने शुरू किया था लेकिन वह केवल आधार ही बना पाया था। बाकी मीनार के चार मंजिलों को पूरा करवाने का श्रेय कुतुबुद्दीन के दामाद इल्तुतमिश को जाता है। आगे फिरोज़ शाह तुगलक ने मीनार के पांचवी मंजिल का निर्माण किया।

Qutab Minar
Image: Qutab Minar

यह मिनार पूरी तरीके से लाल बलुआ पत्थर से बनाई गई है। यह मीनार मुस्लिम साम्राज्य के उत्कृष्ट वास्तु कला को प्रदर्शित करती है। मीनार के दीवारों पर कुरान से लिए गए कई चित्र भी उकेरे गए हैं, जो अरबी भाषा में है।

73 मीटर ऊंची इस 5 मंजिल वाले मीनार को दुनिया का सबसे ऊंचा मीनार कहा जाता है, जिसकी ऊंचाई 72.5 मीटर और व्यास 14.3 मीटर है, जो ऊपर जाकर शिखर पर घटकर 2.75 मीटर हो जाता है। मीनार के अंदर 379 सीढ़ियां भी है, जिससे मीनार के शिखर तक पहुंचा जा सकता है हालांकि मीनार के अंदर जाने के रास्ते को फिलहाल बंद कर दिया गया है।

हवा महल

गुलाबी सिटी के नाम से प्रख्यात राजस्थान का जिला जयपुर में स्थित हवामहल एक राजसी महल है, जिसे लाल और गुलाबी बलुआ पत्थरों से निर्मित किया गया है। महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा 1799 में इस महल को निर्मित किया गया, जो बिल्कुल राजमुकुट के समान दिखने में लगता है।

इस महल के वास्तु कला का डिजाइन लालचंद उस्ताद ने किया था। इस महल को हवा महल कहने का कारण यह है कि इस महल में बेहद खूबसूरत छोटी छोटी जालीदार 950 खिड़कियां है। नक्काशिदार जालियों से बनाए गए खिड़की में कंगूरे और गुंबद भी बने हुए।

Hawa Mahal
Image: Hawa Mahal

इस महल के खिड़कियों को जालीदार बनाने का कारण राजस्थान कि राजघराने की महिलाए पर्दा प्रथा का शक्ति का पालन करते हुए खिड़कियों से महल के बाहर की गतिविधियों का अवलोकन कर सके। पांच मंजिला वाला यह महल 87 फीट ऊंचा है।

कोणार्क मंदिर

बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित कोर्णाक का सूर्य मंदिर उड़ीसा के पुरी शहर से 35 किलोमीटर दूर है, जो भगवान सूर्य देव को समर्पित है। अपनी प्राचीन वास्तु कला और विशिष्ट आकार के लिए प्रसिद्ध कोणार्क के सूर्य मंदिर को देखने के लिए प्रतिदिन लाखों की संख्या में पर्यटक दुनियाभर से आते हैं। इस मंदिर को गंग वंश के महान राजा नरसिम्हादेव प्रथम ने बनवाया था।

यह कोर्णाक का सूर्य मंदिर बिल्कुल रथ के समान दिखता है, जिसमें 12 जोड़े पहिए और सात घोड़े लगे हुए हैं, जो रथ को आगे की ओर खींचते हुए नजर आते हैं। कहा जाता है यह सात घोड़े 7 दिन के प्रतीक है, वही 12 जोड़े पहिए दिन के 24 घंटे के प्रतिक को दिखाते हैं।

konark mandir
Image: Konark mandir

कुछ लोग इसे 12 वर्ष का प्रतीक भी बताते हैं। कहा जाता है सूर्य उदय के समय सूर्य की रोशनी सीधे इस मंदिर के गर्भ गृह में पड़ती है, जिससे टकराकर किरण मंदिर को पूरी तरीके से प्रज्वलित कर देती है। जिससे सूर्योदय के समय मंदिर की खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं।

चार मीनार

हैदराबाद का नाम आते ही मन में वहां के ऐतिहासिक इमारत चारमीनार के बारे में ख्याल आता है। चारमीनार तेलंगाना में मूसी नदी के किनारे स्थित एक स्मारक और मस्जिद है, जिसे 1591 में मुहम्मद कुली कुतुब शाह द्वारा निर्मित कराया गया था। चारमीनार उर्दू का शब्द है जिसका अर्थ चार स्तंभ होता है। यह मीनार अलंकृत और भव्य मेहराबों से जुड़ा हुआ है, जो इसे आधार प्रदान करता है।

Charminar
Image: Charminar

चारमीनार के शीर्ष पर 400 से भी अधिक वर्ष पुराना मस्जिद है। ईद उल अधा और ईद उल फितर जैसे कई त्योहार समारोह में यहां का दृश्य देखने लायक होता है। चारमीनार के पश्चिम में लाल बाजार स्थित है, वही उसके दक्षिण पश्चिम में समृद्ध ग्रेनाइट का मक्का मस्जिद मौजूद है। जिसके कारण पर्यटक के लिए यहां आना और भी ज्यादा खास बन जाता है।

चारमीनार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा आधिकारिक स्मारकों की सूची में एक पुरातात्विक और वास्तु शिल्प खजाने के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया है।

दिलवाडा मंदिर

हरी-भरी अरावली की पहाड़ियों पर स्थित दिलवाड़ा जैन मंदिर राजस्थान के माउंट आबू से लगभग ढाई किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर 5 जैन श्वेतांबर मंदिरो का समूह है, जिसकी सुंदरता ताजमहल से कम नहीं। इस मंदिर को विमल साह शासक के द्वारा निर्मित किया गया था।

Dilwara Temples
Image: Dilwara Temples

यह पूरे भारत में सबसे सुंदर नक्काशी के लिए जाना जाता है। मंदिर के स्तंभों में नृत्यांगनाओं की खूबसूरत तस्वीर उकेरी गई हैं। बेहतरीन आर्किटेक्चर और कलाकारी डिजाइनिंग के कारण यह पूरे भारत में प्रसिद्ध है।

माउंट आबू खास करके इस दिलवाड़ा मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इसीलिए यहां पर आने वाले पर्यटक इस मंदिर की खूबसूरती को देखने जरूर आते हैं। यहां का प्राकृतिक और शांत वातावरण पर्यटकों का मन मोह लेता है।

सांची स्तूप

मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में बेतवा नदी के किनारे स्थित सांची का स्तूप भारत के अद्भुत वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। यहां पर तीन स्तूप है, जो यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइट में आते हैं। यहां के पहले स्तूप का निर्माण तीसरी शताब्दी में किया गया जिसकी ऊंचाई लगभग 16.4 मीटर है, वही इसका व्यास 36.5 मीटर है।

Sanchi Stupa
Image: Sanchi Stupa

सांची के स्तूप को मौर्य साम्राज्य के शासक अशोक निर्मित कराया था। यहां पर तीसरी से 12वीं शताब्दी के बीच के कई बौद्ध स्मारक भी हैं। यहां के चारों ओर की हरियाली और भी ज्यादा मनमोहक है। इन स्तूपों को कई तोरण घेरते हैं। यह स्तूप प्रेम शांति, साहस और विश्वास का प्रतीक है।

मैसूर महल

मैसूर कर्नाटक राज्य का दूसरा सबसे बड़ा जिला है। मैसूर में स्थित मैसूर महल यहां का सबसे प्रसिद्ध और आकर्षक का केंद्र है। तीन मंजिल वाले इस महल के को बूढ़े ग्रेनाइट और गुलाबी संगमरमर के पत्थरों से बनाया गया है।

Mysore Palace
Image: Mysore Palace

इस महल को द्रविडियन, रोमन, इंडो सारसनिक ओरिएंटल, शैलियो के वास्तुकला की मदद से निर्मित किया गया है। महल के अतिरिक्त यहां पर 44.2 मीटर ऊंचा 5 मंजिल वाला एक टावर भी है, जिसके गुंबज को सोने से बनाया गया है।

इंडिया गेट

दिल्ली में स्थित इंडिया गेट दिल्ली का मुख्य आकर्षण है। 42 मीटर ऊंचे इस स्मारक किडनी 1921 में महामहिम ड्यूक ऑफ़ कनॉट ने रखी थी, जिसे वायसराय लॉर्ड इरविन ने 1931 में पूर्ण करवाया था।

India Gate
Image: India Gate

यह स्मारक प्रथम विश्व युद्ध में अपने जीवन का बलिदान देने वाले 7000 से भी ज्यादा भारत के सैनिकों को समर्पित है। इस स्मारक का निर्माण पेरिस के आर्क-डी-ट्राईओम्फे की तरह किया गया है।

लाल किला

हिंदू ,फारसी और मुगल स्थापत्य शैली से बनाया गया यह लाल किला दिल्ली का प्रमुख ऐतिहासिक केंद्र है। यह किला दिल्ली के केंद्र में स्थित है जो दिल्ली की शान है और दिल्ली की पहचान है। इसे मुगल शासक शाहजहां ने खास तौर पर होने वाले सभा के लिए बनवाया था। शाहजहां ने अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली तब्दील करने के बाद 1638 में इस किले के निर्माण कार्य को शुरू किया था ,जो 10 वर्ष के अंदर 1648 निर्माण कार्य पूरा हुआ।

प्रारंभिक समय में इस किले को ‘किला एक मुबारक’ के नाम से जाना जाता था। इस किले को पूरी तरीके से लाल पत्थरों से बनाया गया है, जिसमें सजावट के लिए संगमरमर का भी इस्तेमाल किया गया है। दुनिया का सबसे बेशकीमती कहा जाने वाला कोहिनूर हीरा भी कभी इस किले के सजावट का हिस्सा हुआ करता था, जिसे ब्रिटिश काल के दौरान यहां से ले जाया गया।

Red Fort
Image: Red Fort

यह लाल किला दिल्ली शहर का खूबसूरत ऐतिहासिक किला है, जिस पर करीब 200 वर्षों तक मुगल वंश के सम्राटों का राज था। यह लाल किला मुगल साम्राज्य के दौरान बादशाह और उनके घर के अलावा मुगल राज्य का औपचारिक राजनीतिक केंद्र हुआ करता था। बात करें इसकी आर्किटेक्चर कि तो किले को अष्टकोण आकार में बनाया गया है।

किले के अंदर मोती मस्जिद, नौबत खाना जैसी बड़ी इमारतें हैं साथ ही अंदर बहुत बड़ा बगीचा भी है। यहां पर एक संग्रहालय भी है जिसमें मुगल काल की कई सारी ऐतिहासिक चीजें रखी गई है। हर साल 15 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री लाल किले पर भारत का तिरंगा फहराते हैं।

FAQ

भारत में दूसरा ताजमहल कहां है?

औरंगजेब के बेटे आजमशाह द्वारा अपनी मां दिलराज बानो बेगम की याद में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बनाया गया बीबी का मकबरा हुबहू ताजमहल की तरह ही दिखता है। इसलिए इसे दूसरा ताजमहल के रूप में भी जाना जाता है।

ताज महल में कितने कमरे हैं?

कहा जाता है ताजमहल के निर्माण के लिए उसकी निंव को काफी गहराई तक बनाया गया और उसके अंदर तकरीबन एक हजार से भी ज्यादा गुप्त कमरे हैं।

फतेहपुर सीकरी का शासक कौन था?

1571 में मुगल शासक अकबर ने उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में फतेहपुर सिकरी शहर की स्थापना की थी और इसे अपनी राजधानी के रूप में बसाया था।

ताजमहल को किस मिस्त्री ने बनवाया था?

ताजमहल का निर्माण कार्य मुगल काल के शिल्पकार उस्ताद अहमद लाहौरी के अधीन 20,000 से भी ज्यादा कारीगरों ने किया था।

अकबर ने फतेहपुर सिकरी को अपनी राजधानी क्यों बनाई थी?

कहा जाता है प्रसिद्ध सूफी संत शैख सलीम चिश्ती से प्रार्थना करने के बाद ही अकबर को उनका बेटा जहांगीर मिला था जिससे खुश होकर अकबर ने इस शहर को अपनी राजधानी के रूप में बनाया था।

दिल्ली में कौन कौन सी ऐतिहासिक इमारतें हैं?

दिल्ली में बहुत सारी ऐतिहासिक इमारतें हैं जिनमें लाल किला, जंतर-मंतर, कुतुब मीनार, हुमायूं का मकबरा, पुराना किला, राजघाट और इंडिया गेट मौजूद है।

निष्कर्ष

हमने आपको भारत के ऐतिहासिक इमारतों के बारे में बताया। हालांकि भारत के हर कोने में कई छोटी-बड़े ऐतिहासिक इमारतें हैं और उन सभी इमारतों का अपना एक विशेष महत्व है। तो हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो कमेंट में लिखकर जरूर बताएं और इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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