कूर्ग जो की मदिकेरी के नजदीक स्थित हैं। यहां के राजा पर जहां अपना समय मनोरंजन के लिए बिताते थे, आज के समय में उसको राजा की सीट के नाम से पहचाना है। उस जगह पर कूर्ग के राजा इस बाग़ में बैठा करते थे और अपना समय बिताते थे।
कूर्ग में स्थित यह झरना जिसे हनी वैली के नाम से भी पहचाना जाता है। लेकिन इस झरने को नीलकंडी झरना भी कहते हैं। कूर्ग में स्थित यह झरना जहां पर लगभग 50 फीट से अधिक ऊंचाई से पानी नीचे गिरता है
नामड्रोलिंग मठ जहां पर तिब्बत वास्तुकला और कलाकारी की संस्कृति देखने को मिलती है और तिब्बत की संस्कृति का यह मठ एक बेहतरीन उदाहरण है। नामड्रोलिंग मठ जो कुर्ग हिल स्टेशन से 34 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
कर्नाटक के कूर्ग जगह को पहाड़ी इलाके के रूप में जाना जाता है। यहां पर 170 फीट की ऊंचाई से गिरते हुए झरने पर्यटकों के मन को मोह लेते हैं। यहां पर प्रकृति का सौंदर्य काफी आकर्षक है।
कूर्ग हिल स्टेशन की सबसे ऊंची चोटी, जिसे ताडियनडामल पीक के नाम से पहचाना जाता है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 1748 मीटर की है।
यहां पर तीन नदियों का संगम होता है। कावेरी नदी, कनिका नदी और सुज्योति नदी तीनों इसी स्थान पर मिलती है। ऐसा माना जाता है कि कावेरी नदी कावेरा ऋषि को भगवान ब्रह्मा के आशीर्वाद के रूप में मिली थी। यहां पर 3 नदियों का मौजूद संगम और प्राकृतिक सौंदर्य देखने लायक है।