Udaipur Me Ghumne ki Jagah: झीलों की नगरी के नाम से विख्यात राजस्थान का लोकप्रिय शहर उदयपुर एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी है, जहां पर ऐतिहासिक इमारतें, किले, विभिन्न प्रकार की झील और कई प्रकार के मंदिर है। इसके अतिरिक्त उदयपुर अपने खान-पान और अपनी संस्कृति के लिए भी काफी विख्यात है।
इस शहर को राजस्थान राज्य का मुकुट रत्न भी कहा जाता है। यह चारों ओर से सुंदर अरावली पहाड़ियों से घिरा हुआ है। पर्यटक उदयपुर में प्राकृतिक सौंदर्य को देखने, नाव की सवारी, ऊंट की सवारी, विभिन्न प्रकार के एडवेंचर गतिविधियों का लुफ्त उठा सकते हैं।
यहां पर उदयपुर टूरिस्ट प्लेस (places to visit in udaipur) के बारे में जानकारी शेयर कर रहे हैं, जिसमें उदयपुर में घूमने की जगह, उदयपुर घूमने का सही समय, उदयपुर घूमने का खर्चा, उदयपुर कैसे पहुंचे, उदयपुर में कहां रुके आदि के बारे में बताया है।
उदयपुर के बारे में रोचक तथ्य
- उदयपुर में खूबसूरत झील होने के कारण इस शहर को पूर्व का विंस सिटी भी कहा जाता है।
- उदयपुर शहर की स्थापना 1558 ईस्वी में महाराणा उदय सिंह द्वितीय के द्वारा की गई थी, इसी के कारण इसका नाम भी उदयपुर पड़ा।
- उदयपुर के पास स्थित कुंभलगढ़ किले को विश्व की दूसरी सबसे लंबी दीवार मानी जाती है। पहली ऊंची दीवार चाइना मे स्थित चीन का दीवार है। यह दीवार 36 किलोमीटर तक फैली है। माना जाता है किले को दुश्मनों के आक्रमण से बचाने के लिए इस दीवार को बनाया गया था।
- उदयपुर में एक पुराने आम के पेड़ पर ट्री हाउस बनाया गया है, जिसे केपी सिंह नाम के एक व्यवसाई के द्वारा बनवाया गया था। इस ट्रीहाउस को सूरत के एक छोटे कारीगर ने बनाया था।
- उदयपुर में डागी, राजपूत, मीणा, भील और ब्राह्मण जैसी कई सारी जातियां निवास करती है।
उदयपुर में घूमने की जगह (Udaipur Me Ghumne ki Jagah)
दूध तलाई झील
उदयपुर के बस स्टैंड से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह दूध तलाई एक सनसेट पॉइंट है, जहां से खूबसूरत सनसेट के दृश्य को देखने का आनंद लिया जा सकता है।
यहां तक पहुंचने के लिए पर्यटक को रोपवे की सवारी लेनी पड़ती है। रोपवे के जरिए जैसे-जैसे इस स्थान तक पहुंचते हैं, वैसे वैसे पहाड़ियों का एक अद्भुत नजारा पर्यटकों को देखने को मिलता है।
चोटी तक पहुंचते ही कुदरत के सौंदर्य रूप से पर्यटक रूबरू होते हैं। उदयपुर के पर्यटक स्थलों में से यह सनसेट पॉइंट टूरिस्ट की सबसे पसंदीदा जगह है। यदि आप भी प्रकृति के खूबसूरत दृश्य को देखने का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो इस जगह पर जरूर आएं।
फतेहसागर झील
फतेहसागर झील उदयपुर में उत्तर पश्चिम दिशा में स्थित यहां का दूसरा सबसे बड़ा मानव निर्मित झील है। यह झील एक वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और तीन अलग-अलग द्वीपों के द्वारा विभाजित किया गया है।
यहां पर स्थित सबसे बड़े द्वीप को नेहरू पार्क के नाम से जाना जाता है, जहां पर बच्चों के लिए चिड़ियाघर और रेस्टोरेंट बने हुए हैं।
इस झील के दूसरे द्वीप पर सार्वजनिक पार्क स्थित है और तीसरे द्वीप पर उदयपुर सौर वेधशाला स्थित है। यह झील उदयपुर में बोटिंग के लिए काफी प्रसिद्ध है।
पिछोला झील
पिछोला झील राजस्थान के उदयपुर में स्थित एक कृत्रिम झील है। इस झील का निर्माण 1362 ईस्वी में महाराणा लाखा के शासनकाल के द्वारा पिंचू बंजारा के द्वारा कराया गया था। पिछोला शब्द का अर्थ होता है पिछवाड़ा।
इस झील के पास में ही स्थित एक गांव पिछोला के नाम पर इसका नाम पिचोला झील रखा गया है। पिछोला झील तकरीबन 30 फीट गहरा है और तीन मील लंबा और दो मिल चौड़ा है।
पिचोला झील के परिवेश में हवेली, चबूतरा, संगमरमर के मंदिर, महल और स्नान घाट स्थित है और यह कई सदियों पुराना है।
सिटी पैलेस
सिटी पैलेस राजस्थान के उदयपुर में स्थित राजस्थान का सबसे बड़ा शाही परिसर माना जाता है, जिसका निर्माण 1559 में महाराणा उदय सिंह के द्वारा कराया गया था। यह पैलेस उदयपुर के अरावली पर्वतों के बीच में बसा हुआ है।
इसके निर्माण में ग्रेनाइट और संगमरमर के पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। इस पैलेस के निर्माण में मध्ययुगीन, यूरोपीय और चीनी वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है।
इस पैलेस को कई गुंबद, मीनार और मेहराबों से सुशोभित किया गया है। यह पैलेस तकरीबन 34.4 मीटर चौड़ा है। पैलेस के अंदर चांदी के काम, रंगीन कांच से सजावट, दीवारों पर चित्र, भित्ति चित्र आकर्षित करते हैं।
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सहेलियों की बाड़ी
उदयपुर की फतेहसागर झील के किनारे स्थित यह बाड़ी प्राकृतिक खूबसूरत झरने, गुलाब के बगीचे अरे बड़े पार्क और संगमरमर के लिए काफी विख्यात है। यहां पर एक फबृबारा भी मौजूद है। माना जाता है इसे इंग्लैंड से मंगाया गया था। यह स्थान पर्यटकों के लिए काफी आकर्षण का जगह है।
यहां पर संग्रहालय भी मौजूद है, जहां पर उदयपुर के शाही परिवारों की झलक देखने को मिल सकती है। माना जाता है इस उद्यान को महाराजा संग्राम ने अपनी रानी के साथ आई हुई 48 दासियों को तोहफे में दिया था।
प्रताप गौरव केंद्र
प्रताप गौरव केंद्र को राजस्थान के महान शासक महाराणा प्रताप के वीरता और उनकी उपलब्धियों की झलक देगा। यहां पर मेवाड़ के ऐतिहासिक जानकारी ले सकते हैं।
यहां पर महाराणा प्रताप के 57 फीट ऊंची मेटल की विशाल प्रतिमा भी स्थापित है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। पर्यटक सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम के 6:00 बजे के दौरान यहां पर आ सकते हैं।
महाराणा प्रताप स्मारक
महाराणा प्रताप स्मारक राजस्थान के उदयपुर में पर्ल हील की चोटी पर स्थित है। यह उदयपुर में स्थित ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता महाराणा प्रताप को समर्पित स्मारक है।
स्मारक का निर्माण 18वीं शदी में महाराणा भगवत सिंह के द्वारा की गई थी। इस स्मारक में महाराणा प्रताप की उनके प्रिय घोड़े चेतक पर बैठा हुआ कांस्य प्रतिमा विराजमान है, जो तकरीबन 11 फीट ऊंचा है और 70 टन वजन का है।
इस प्रतिमा को कई किलोमीटर दूर से ही देख सकते हैं। स्मारक के परिसर में संग्रहालय भी बना हुआ है, जहां पर राजस्थान के इतिहास को ब्यां करता कई ऐतिहासिक चीजों को संग्रहित करके रखा गया है।
बड़ा महल
बड़ा महल उदयपुर में 27 मीटर ऊंचे चट्टान पर बनाया गया है। इस महल का निर्माण 17वीं शताब्दी में किया गया था। यह सिटी पैलेस का एक अविश्वसनीय भाग है।
इसे सिटी पैलेस का पुरुष भाग भी कहा जाता है। इस महल के अंदर एक स्विमिंग पूल भी बना हुआ है। इस महल के दीवारों पर जठिल पैटर्न वाले विशेष दर्पण का काम किया गया है, जो काफी ज्यादा आकर्षक है।
इस महल के अंदर प्राचीन राजपूत शासको के जटिल, भव्य और शाही जीवन की झलक देखने को मिलती हैं।
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जग मंदिर पैलेस
जग मंदिर राजस्थान के उदयपुर में पिछोला झील के दक्षिणी द्वीप पर स्थित है। यह एक खूबसूरत ऐतिहासिक तीन मंजिले का महल है, जिसका निर्माण 17वीं शताब्दी में महाराणा करण सिंह के द्वारा कराया गया था।
इस महल के निर्माण में पीले बलुए पत्थर और संगमरमर का उपयोग किया गया है। इस पैलेस के अंदर संगमरमर से तराशे गए आठ हाथी विराजमान है। इस महल में अष्टकोणी आकर में गुंबद बने हुए हैं।
यह महल मुगल शैली के वास्तुकला का एक बेजोड़ नमूना है। महल के परिसर में एक बड़ा सा बगीचा भी है, जहां पर रंग-बिरंगे फूल देखने को मिलते हैं।
इकलिंगजी मंदिर
राजस्थान के उदयपुर में स्थिति इकलिंगजी मंदिर भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। इसका निर्माण 724 ईस्वी में बप्पा रावल के द्वारा किया गया था।
यह भगवान शिव को समर्पित है, जहां पर भगवान शिव की 50 फीट ऊंची चार मुखी प्रतिमा विराजमान हैं। इस मंदिर को एकलिंगजी नाथ के नाम से भी जाना जाता है।
यह मंदिर दो मंजिल का पिरामिड आकार वाले छत के साथ बनाया गया है। मंदिर के मध्य भाग में काले संगमरमर पत्थर का प्रयोग किया गया है। मंदिर के दीवारों को बेहतरीन चित्रकला कृति से सुशोभित किया गया है।
15वीं शताब्दी के दौरान इस मंदिर को लूटने के लिए कई बार आक्रमण भी किए गए, जिसके कारण इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था।
जगदीश मंदिर
जगदीश मंदिर राजस्थान के उदयपुर में स्थित एक खूबसूरत ऐतिहासिक मंदिर है, जो अपनी शानदार वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इस तीन मंजिली मंदिर का निर्माण 1651 ईस्वी में महाराणा जगत सिंह के द्वारा कराया गया था।
यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और उदयपुर के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। उस समय इस मंदिर के निर्माण में तकरीबन 1.5 मिलियन रुपए की लागत लगी थी।
इस मंदिर के गर्भग्रह में भगवान विष्णु की चार भुजाओं वाली शानदार मूर्ति स्थापित है और इस मूर्ति को काले पत्थर के टुकड़ों से बनाया गया है।
नाथद्वारा मंदिर
राजस्थान के उदयपुर में स्थित नाथद्वारा मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है, जहां पर भगवान कृष्ण की 7 वर्ष की शिशु अवतार की मूर्ति विराजमान है। यह मंदिर अरावली पर्वतमाला के पास में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण कार्य 1672 ईस्वी में पूरा हुआ था।
नाथद्वारा दो शब्दों से बना है नाथ और द्वारा। नाथ अर्थात भगवान और द्वार का अर्थ है चौखट। इस तरह इस नाम का अर्थ है भगवान का द्वार। यह मंदिर वल्लभ संप्रदाय का प्रधान पीठ है। यह मंदिर बिना कोई शिखर के बहुत ही साधारण तरीके से निर्मित है।
सज्जनगढ़ पैलेस
राजस्थान के उदयपुर में पहाड़ी क्षेत्र में स्थित सज्जनगढ़ पैलेस का नाम महाराज सजन सिंह के नाम पर पड़ा है। यह उदयपुर का 200 साल पुराना एक ऐतिहासिक इमारत है।
इस मंदिर का निर्माण 1884 में किया गया था। इस पैलेस से पूरे चित्तौड़गढ़ का नजारा लिया जा सकता है। इस पैलेस को राजस्थानी शैली में सफेद संगमरमर की मदद से बनाया गया है। यह पैलेस कई स्तंभ, गुंबज और झरोखे के साथ सुशोभित है।
पैलेस के दीवारों पर विस्तृत नक्काशी और जटिल फूलों की कलाकारी की गई है। पैलेस के अंदर एक भव्य राज दरबार है और कई सारे कमरे और कक्ष है।
नेहरू गार्डन
नेहरू गार्डन राजस्थान के उदयपुर में फतेहसागर झील के बीच में स्थित एक आईलैंड पर बना खूबसूरत गार्डन है। यह तीनों तरफ से अरावली पर्वत और एक तरफ से उदयपुर शहर से घिरा हुआ है।
इस गार्डन का निर्माण कार्य 1969 में पूरा हुआ और उस दिन इस गार्डन का नाम भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा गया। इस गार्डन को अंडाकार आकार में बनाया गया है, जो तकरीबन 4.25 एकड़ के जमीन में फैला हुआ है।
गार्डन के बीचो-बीच फव्वारे लगे हुए हैं। यह गार्डन बाहर से चारों तरफ से पाम के पेड़ से घिरा हुआ है और गार्डन के अंदर रंग बिरंगी लाइट लगी हुई है, जो रात के समय इसकी खूबसूरती को बढ़ा देती है।
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अमराई घाट
अमब्रई घाट राजस्थान के उदयपुर में स्थित सबसे प्रिय स्थान में से एक है। यह पिछोला झील के पास स्थित है। इसे पहले मांझी घाट के नाम से भी जाना जाता था।
संध्या के समय यहां से सूरज के ढलने का खूबसूरत दृश्य देखने के लिए सैकड़ो पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है। इस घाट के आसपास कई सारे रेस्टोरेंट है और कैफे हैं। पर्यटकों के बीच फोटोग्राफी के लिए यह जगह काफी प्रसिद्ध है।
मार्वल वाटर पार्क
उदयपुर में स्थित यह मार्वल वाटर पार्क पर्यटकों को स्विमिंग का लुफ्त उठाने का मौका देती है। यदि आपको स्विमिंग करना पसंद है तो उदयपुर की यात्रा के दौरान इस वाटर पार्क में आकर स्विमिंग का आनंद उठा सकते हैं।
गुलाब बाग एंड ज़ू
यह गुलाब बाग चिड़ियाघर उदयपुर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है। लगभग आधे किलो मीटर स्क्वायर में फैला यह उदयपुर का सबसे बड़ा पार्क है।
यदि आप विभिन्न प्रकार के पशु पक्षियों को देखने का शौक रखते हैं तो उदयपुर की यात्रा के दौरान इस चिड़िया घर को विजिट करने जरूर आए। यहां पर विक्टोरिया हॉल मौजूद है, जहां पर शाही वस्तुओं को रखा गया है।
विन्टेज कार म्यूज़ियम
विंटेज कार म्यूजियम राजस्थान के उदयपुर में स्थित एक कार संग्रहालय है। यह उदयपुर में मोटर और कार में दिलचस्पी रखने वाले पर्यटकों के लिए लोकप्रिय संग्रहालय है। इस संग्रहालय का उद्घाटन साल 2000 में किया गया था।
यहां पर कई पुरानी कारों को संग्रहित करके रखा गया है, जिसमें 1934 के रोल्स-रॉयस फैंटम कार भी देखने को मिलता है और यह कार कई फिल्मों में इस्तेमाल हुई है।
अहार संग्रहालय
आहार संग्रहल उदयपुर में प्राचीन काल की खुदाई से प्राप्त वस्तुओं को सरक्षित करने के लिए बनाया गया है। यहां पर दसवीं शताब्दी की कई प्राचीन वस्तुओं को संग्रहित करके रखा गया है, जिसमें मिट्टी के बर्तन, लोहे की वस्तुएं और अन्य कलाकृतियां शामिल है।
यहां पर आदम लोगों के जीवन शैली के बारे में भी जानकारी मिलती है। यह उदयपुर शहर से तकरीबन 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पुरातात्विक चीजों में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यह उदयपुर का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
शिल्प ग्राम
अरावली पर्वतमाला के मध्य स्थित यह गांव पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थान है। इस गांव को विजिट करके आप आदिवासियों की संस्कृति और उनकी जीवनशैली से रूबरू हो सकते हैं।
हर साल दिसंबर के महीने में यहां पर मेले का आयोजन होता है, जहां पर इनके द्वारा बनाए गए हस्तकला की वस्तुओं की बिक्री की जाती है। साथ ही उनके संस्कृति को भी प्रदर्शित किया जाता है।
इस गांव को पर्यटक सुबह के 11:00 बजे से लेकर शाम के 7:00 बजे तक घूम सकते हैं। यहां पर पर्यटक घोड़ा, रेगिस्तानी ऊंट की सवारी का भी लुफ्त उठा सकते हैं। इस गांव में लगभग 36 झोपड़ियां मौजूद है, जो परंपरागत शैलियों से बनाई गई।
जयसमंद झील
जयसमंद झील राजस्थान के उदयपुर में अरावली पर्वत के गोद में स्थित एशिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित झील है। इस झील का निर्माण 1691 ईस्वी में मेवाड़ के राजा महाराणा जयसिंह के द्वारा किया गया था।
इस झील का निर्माण एक छोटे से पोखर के रूप में किया गया था। बाद में इस झील की चौड़ाई बढ़ाई गई। वर्तमान में इस झील की अधिकतम चौड़ाई लगभग 14 किलोमीटर है और तकरीबन 21 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
भारतीय लोक कला म्यूज़ियम
भारत के लोक कला संग्रहालय उदयपुर में 22 फरवरी 1922 को देवीलाल सामर ने यहां की परंपरा, कला और संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से किया था। यह उदयपुर के सबसे प्रसिद्ध संग्रहालय में से एक है।
इस संग्रहालय में राजस्थानी पेंटिंग्स, कठपुतली, मुखोटे, यहां के लोक देवता, राजस्थानी संस्कृति को दर्शाते कपड़े, लोक संगीत वाद्य यंत्र इत्यादि चीज संग्रहित करके रखी गई है।
हाथी पोल बाज़ार
हाथीपुर बाजार उदयपुर का एक लोकप्रिय बाजार है। इस बाजार में कई ट्रेडिशनल चीजे देखने को मिलती है। हाथी पोल बाजार में घर के साज सजावट के लिए कई खूबसूरत चीजे बहुत सस्ते दाम में मिलते हैं।
यहां पर कढ़ाई वाले चमड़े से बने जूते, मोजड़ी, परिधान रजाई, चमचमाती घरेलू साफ सजावट, हस्त निर्मित की चीज, इस बाजार को भव्य बनाते हैं। पारंपरिक राजस्थानी कपड़े और हस्तशिल्प वस्तुओं के लिए यह उदयपुर के प्रमुख आकर्षण स्थलों में से एक है।
बागोर-की-हवेली
बागोर की हवेली उदयपुर में पिछोला झील के पास स्थित मेवाड़ की संस्कृति को प्रस्तुत करता एक ऐतिहासिक इमारत है। यह हवेली महाराणा शक्ति सिंह का निवास स्थान हुआ करता था, जिसे बाद में संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया।
इस हवेली का निर्माण 18वीं शताब्दी में अमीर चंद बड़वा के द्वारा किया गया था। इस हवेली में स्थापित संग्रहालय के अंदर कई ऐतिहासिक आभूषण, हाथ के पंख, तांबे के बर्तन इत्यादि को संग्रहित करके रखा गया है। विशाल संरचना में 100 से अधिक कमरों को शामिल करता यह हवेली अनूठी वास्तु शैली को प्रस्तुत करता है।
Places to Visit in Udaipur in 2 Days
- सिटी पैलेस
- पिछोला झील
- सहेलियों की बारी
- जगमंदिर
- फतेह सागर झील
- दूध तलाई
- जगदीश मंदिर
Places to Visit in Udaipur in 3 Days
- पिछोला झील
- सिटी पैलेस
- जगदीश मंदिर
- बागोर की हवेली
- नीमच माता मंदिर
- कुंभलगढ़ किला
- फतेह सागर झील
- एकलिंगजी मंदिर
- सहेलियों की बाड़ी
- जग मंदिर
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उदयपुर में प्रसिद्ध भोजन
यदि आप उदयपुर की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो निश्चित ही आपके मन में वहां के लोकप्रिय व्यंजन का ख्याल आ रहा होगा। वैसे भी स्वादिष्ट व्यंजन के बिना यात्रा अधूरी होती है।
वैसे बात करें उदयपुर की तो यह राजस्थान के सबसे प्रमुख पर्यटन शहरो में से एक है। यहां पर हर साल लाखों की संख्या में टूरिस्ट आते हैं, जिसके कारण उदयपुर में राजस्थान के पारंपरिक व्यंजनों के सहित पूरे भारत के लोकप्रिय व्यंजनों को शामिल किया गया है।
यहां के हर रेस्टोरेंट और स्टॉल पर आप खट्टे मीठे और तीखे स्वाद वाले व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं। तो चलिए उदयपुर के कुछ लोकप्रिय डिश के बारे में जानते हैं।
पान
वैसे बनारस पान के लिए काफी प्रसिद्ध है। लेकिन आप बनारस के पान का आनंद उदयपुर में भी ले सकते हैं। यहां पर 50 वर्षों से पान बेची जाने वाली एक दुकान है, जिसका नाम बंसी है।
यह दुकान अपने बेहतरीन और विभिन्न वैरायटी वाले पान के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर गुलकंद, सोंफ, खजूर और सौफारी से भरे पान के पत्ते का स्वाद आपकी यात्रा को और भी ज्यादा आनंददायक बना देगा।
मिनी मिर्ची बड़ा
बड़ा पाव आपने निश्चित ही खाया होगा। यह पूरे भारत में लोकप्रिय स्ट्रीट फूड में से एक है। हालांकि उदयपुर में मानक बालाजी करके स्ट्रीट फूड है, जो 1967 से अपने बेहतरीन स्वादिष्ट और मसालेदार मिनी मिर्ची बड़ा पाव के लिए प्रसिद्ध है।
उदयपुर की यात्रा करने वाले पर्यटक की यहां पर लंबी कतार लगी रहती है। यह एक छोटी सी दुकान शाम के 6:30 बजे से रात के 10:00 बजे तक व्यस्त रहती हैं। इस दुकान में मिलने वाला मिर्ची बड़ा खाकर मानो पर्यटकों को लत लग जाती है।
इस दुकान का मिर्ची बड़ा बनाने का एक अनूठा तरीका है, जिसकी शैली का कोई और नकल नहीं कर सकता। यकीन मानिए इस व्यंजन का स्वाद आपको हमेशा याद रहेगा।
बंजारा मुर्ग
उदयपुर में शाकाहारी व्यंजन के अतिरिक्त आपको मांसाहारी व्यंजन भी देखने को मिल जाएगा। यह बंजारा मुर्ग कई प्रकार के मसालों के साथ धीमी आंच पर चिकन को पकाकर बनाया जाता है।
कचौरी
कचौरी तो पूरे भारत के शहरों में प्रख्यात है। लेकिन उदयपुर का कचौरी की बात कुछ और ही है। यहां हर एक शहर में कचौरी मशहूर है। मसालेदार कुरकुरे कचौरी का स्वाद हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है।
इसे कई प्रकार के दाल और मसालों की स्टफिंग करके प्याज, दही और बहुत कुछ ऐड करके चटनी के साथ परोसा जाता है। उदयपुर के स्ट्रीट फूड में कचौरी काफी प्रमुख है।
चाय
ज्यादातर व्यक्तियों की सुबह की शुरुआत चाय के साथ होती है। चाय की चुस्की से व्यक्ति का मूड भी फ्रेश हो जाता है और उसे ताजगी का अहसास होता है। साथ ही सारी थकान भी दूर हो जाती है।
यदि आप चाय पीने के आदी है तो आपको उदयपुर में कई सारे चाय के स्टॉल मिल जाएंगे, जो अपनी अद्भुत शैली से चाय बनाते हैं और मिट्टी के कुल्हड़ में देते हैं, जिसका स्वाद आपको काफी अच्छा लगेगा। इसके साथ ही आप यहां चाय के साथ कुछ नाश्ते भी शामिल कर सकते हैं।
उदयपुर घूमने का सही समय (Best Time to Visit Udaipur)
यदि आप उदयपुर की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो बता दें कि उदयपुर जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर-नवंबर से लेकर मार्च-अप्रैल तक का रहेगा। क्योंकि इस दौरान यहां पर हल्की ठंड रहती है और जैसे आपको पता है कि रेगिस्तानी क्षेत्र होने के कारण यहां पर बहुत गर्मी होती है।
गर्मियों के मौसम में यहां का तापमान लगभग 50 डिग्री सेल्सियस हो जाता है। ऐसे में गर्मियों के मौसम में यहां पर यात्रा का आनंद नहीं लिया जा सकता। तो आप यहां पर ठंडी के मौसम में यात्रा की योजना बना सकते हैं। हालांकि इस दौरान अपने साथ स्वेटर यि जैकेट जरूर रखें क्योंकि यहां पर हल्की ठंड भी रहती हैं।
उदयपुर में कहाँ ठहरे?
उदयपुर में ठहरने के लिए आपको एक से बढ़कर एक होटल और रिसोर्ट मिल जाएंगे। आप उन होटल और रिसॉर्ट के बारे में ऑनलाइन भी सर्च करके ऑनलाइन रूम बुक करवा सकते हैं। वहां पर आपको बेहतरीन सुविधाओं के साथ लो से हाई रेट तक के होटल मिल जाएंगे।
उदयपुर कैसे घूमे?
उदयपुर में कई सारी पर्यटक स्थल हैं, जो काफी दूर-दूर है जिन्हें आप पैदल नहीं विजीट कर सकते हैं। उन सभी पर्यटक स्थलों को विजिट करने के लिए आपको बाइक या कार रेंट पर लेनी पड़ेगी।
उदयपुर बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन के बाहर कई सारी ऐसी दुकानें मिल जाएंगी, जो पर्यटकों को वाहन रेंट पर देती है। वहां पर आपको काफी कम किराए पर बाइक या स्कूटी मिल जाएगी।
आप यदि अपनी फैमिली के साथ जाते हैं तो आप कार भी किराए पर ले सकते हैं। किसी भी वाहन को किराए पर लेने के लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट भी जमा करने पड़ेंगे।
उदयपुर कैसे पहुंचे?
उदयपुर की यात्रा के लिए पर्यटक हवाई, सड़क और रेलवे मार्ग में से किसी का भी चयन कर सकते हैं। यहां पर रेलवे स्टेशन भी है, हवाई अड्डा भी है, साथ ही यहां बस भी विभिन्न राज्यों से आती है। उदयपुर की यात्रा के लिए आप ट्रेन का चयन कर सकते हैं।
राजस्थान का एक प्रमुख शहर होने के नाते उदयपुर भारत के विभिन्न बड़े शहरों के रेलवे मार्ग से जुड़ा हुआ है, जिससे आपको भारत के किसी भी बड़े शहर जैसे कोलकाता, मुंबई, दिल्ली इत्यादि जगहों से उदयपुर के लिए ट्रेन मिल जाएगी।
उदयपुर जाने के लिए आप बस की सवारी भी ले सकते हैं। बता दें कि उदयपुर भारत के विभिन्न शहरों के रोड नेटवर्क द्वारा जुड़ा हुआ है। उदयपुर की यात्रा के लिए एसी कोच, डीलक्स बस या राज्य द्वारा संचालित बसों के माध्यम से उदयपुर की यात्रा कर सकते हैं।
यदि आप उदयपुर जल्दी पहुंचना चाहते हैं तो आप हवाई मार्ग का भी चयन कर सकते हैं। बता दें कि उदयपुर में मुख्य शहर से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर सबसे नजदीकी हवाई अड्डा महाराणा प्रताप हवाई अड्डा स्थित है।
जो भारत के विभिन्न ने बड़े शहर जैसे कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, जयपुर इत्यादि शहरों से हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है। आपको इन सभी शहरों से जयपुर के लिए आसानी से फ्लाइट मिल जाएंगी।
उदयपुर घूमने का खर्चा
उदयपुर की यात्रा का कुल खर्चा आपके ट्रांसपोर्टेशन, वहां पर होटल में ठहरने, खाने पीने और घूमने के खर्चे पर निर्भर करता है। आप जितने दिनों के लिए वहां पर जाएंगे, आपका खर्चा उतना ही ज्यादा होगा।
FAQ
उदयपुर में पर्यटक बेहतरीन एडवेंचर का लुफ्त उठा सकते हैं। यहां पर पर्यटक बोटिंग, जिपलाइन, रेंटेड साइकिलिंग, हेलीकॉप्टर राइड, पैराग्लाइडिंग और माउंट ट्रैकिंग जैसी गतिविधियों का आनंद उठा सकते हैं।
उदयपुर में बहुत सारे पर्यटक स्थल है। यदि आप उन सभी पर्यटक स्थलों को विजिट करना चाहते हैं तो आपको न्यूनतम 3 दिन की यात्रा की योजना जरूर बनानी चाहिए।
उदयपुर में कुल 108 मंदिर है।
उदयपुर जिले में आहड़ नदी बहती है, जो बैराछ नदी की सहायक नदी है।
उदयपुर खूबसूरत महल, बेहतरीन आर्किटेक्चर से बनाए गए ऐतिहासिक इमारत, झीले और यहां की खानपान के लिए पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इसीलिए हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक यहां की खूबसूरती का दीदार करने के लिए जयपुर की यात्रा पर जाते हैं।
निष्कर्ष
इस लेख में राजस्थान का एक खूबसूरत जिले उदयपुर के यात्रा से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी दी। जिसमें उदयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल (Udaipur Me Ghumne ki Jagah), उदयपुर घूमने का सही समय, उदयपुर घूमने का खर्चा, उदयपुर कैसे पहुंचे, उदयपुर में कहां रुके इत्यादि चीजों को बताया।
हमें उम्मीद है कि यह टूर गाइड आपकी उदयपुर की यात्रा को सुगम बनाने में मदद करेगी। यदि यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अपने दोस्तों में जरुर शेयर करें और यदि लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो आप कमेंट सेक्शन में लिखकर बता सकते हैं।
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