Sikkim Me Ghumne ki Jagah: अगर आप पहाड़ों के शौकीन है तो आपको भारत का सिक्किम राज्य अवश्य घूमना चाहिए। बर्फीले पहाड़ और ऊंची ऊंची चोटियों को देखने के लिए पूरे विश्व से विभिन्न प्रकार के लोग सिक्किम राज्य आते हैं।
यह भारत के पूर्वी राज्यों में से एक है। भारत में कुल 7 ऐसे राज्य हैं, जिन्हें सात बहनों का राज्य कहा जाता है। उन्हीं प्रचलित बहनों में से एक सिक्किम राज्य भी है, जिसकी राजधानी गंगटोक है। अगर आप भारत के खूबसूरत पहाड़ और बर्फीले नजरों के शौकीन हैं तो आपको एक बार इस राज्य में अपना कदम अवश्य रखना चाहिए।
अगर आप सिक्किम में घूमने की जगह तलाश कर रहे है और सिक्किम में घूमने की जगह (place to visit in sikkim), सिक्किम में कहां रुके, सिक्किम घूमने का सही समय (Best Season to Visit Sikkim) और कैसे घूमे जैसे प्रश्नों में उलझे हुए हैं तो आज के लेख में इन सभी बातों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है।
सिक्किम में घूमने की जगह | Sikkim Me Ghumne ki Jagah
सिक्किम के बारे में रोचक तथ्य
जब आप किसी स्थान को घूमने के लिए जाए तो यह आवश्यक है कि उस स्थान के बारे में आवश्यक जानकारी हासिल कर लें। अगर आप सिक्किम घूमना चाहते हैं तो वहां की कुछ खास बातों के बारे में आपको अवश्य पता होना चाहिए ताकि आपका सफर और भी अच्छा हो सके।
इस बात पर गौर करते हुए हम आपके समक्ष सिक्किम के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत कर रहे हैं।
- सिक्किम भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां 11 प्रकार की भाषा बोली जाती है। इस छोटे से राज्य में आपको भाषा और संस्कृति की इस कदर विभिनता मिलेगी कि आप अपनी आंखों पर यकीन नहीं कर पाएंगे।
- सिक्किम भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां 100 नदियां हैं। इस राज्य में 227 झील मौजूद है और हर एक झील अपनी खूबसूरती के बखान गाता है। इसमें से पांच प्रमुख झील है, जहां गर्म पानी के स्रोत हैं। सिक्किम में 80 हिमनद है, जहां पर आप बर्फ देखने के लिए जा सकते हैं। इसके अलावा 28 पर्वत चोटियां है।
- सिक्किम भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां रहने वाले लोग किसी दूसरे मुल्क से आकर वहां बसे हैं या किसी दूसरे मुल्क से ताल्लुक रखते हैं। सिक्किम में रहने वाली जनसंख्या के 80% लोग नेपाल से ताल्लुक रखते हैं और कुछ चीन से ताल्लुक रखते हैं।
- सिक्किम में हजारों मठ और मंदिर हैं। उनमें एक मंदिर ऐसा भी है, जहां इंसान की पूजा की जाती है। इंसान के रूप में यहां बाबा हरभजन सिंह की पूजा की जाती है, जो भारतीय फौज में शामिल थे और नाथूला पास पर देश की पहरेदारी करते वक्त खुद की जान की बाजी लगाकर चीनी फौजियों को रोका था। बाबा हरभजन सिंह को नाथूला का हीरो कहा जाता है, जिन्होंने मरने के बाद भी नाथूला के लोग और वहां की पहाड़ियों की रक्षा की थी।
- हालांकि सिक्किम में विभिन्न प्रकार के लोग रहते हैं। लगभग सभी धर्म के लोग आपको वहां मिल जाएंगे। इस वजह से सिक्किम भारत का एकमात्र ऐसा राज्य बनता है, जहां 200 से अधिक धार्मिक स्थल में मौजूद हैं, जिनमें लगभग सभी प्रकार के धार्मिक स्थल पाए जाते हैं।
सिक्किम में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Sikkim Tourist Places in Hindi)
सिक्किम को पहाड़ों का राज्य कहा जाता है। अगर आप पहाड़ और सुंदर नजारों के शौकीन हैं तो आपको अपने जीवन में एक बार सिक्किम राज्य घूमने आना चाहिए। इसके अलावा यहां का वातावरण तालाब नदी और जंगल काफी प्रसिद्ध है।
यह एक हरा-भरा राज्य है। भारत के कुछ सबसे खूबसूरत राज्य में से एक राज्य सिक्किम का है। आपको कहां से इसके बारे में संपूर्ण जानकारी नीचे दी गई है।
मंगन
सिक्किम में बहुत सारी ऊंची जगह है, जहां से आप खूबसूरत नजारे को देख सकते हैं। मंगन उनमें सबसे खूबसूरत जगह है। लोग खूबसूरत नजारे पहाड़ियां और नदियां ढूंढते हैं ताकि अपने छुट्टी में वह शांति से घूम सकें और एक सुकून का अनुभव कर सके।अगर आप भी ऐसी ही छुट्टी मनाना चाहते हैं तो सिक्किम राज्य का मंगन जगह आपके लिए बहुत ही अच्छा जगह हो सकता है।
यह 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जहां से कंचनजंगा का नजारा साफ दिखता है। इसके अलावा आपको यहां 40 से भी अधिक प्रकार के पेड़ पौधे मिल जाएंगे। एक हरा भरा जंगल जहां विभिन्न प्रकार के वन्य जीव रहते हैं और इन सभी नजरों में आप को शांति और सुकून का अनुभव होगा, जो आपकी छुट्टी को यादगार बना देगा।
गंगटोक
सिक्किम के कुछ सबसे खूबसूरत जगहों में से एक गंगटोक भी है। यह प्रदेश आपको स्वर्ग की याद दिलाता है। ऊंची-ऊंची पहाड़ियां और घने बादल के बीच जब आप खड़े होकर वहां के फोटो खींचने वाले पॉइंट से विभिन्न प्रकार के फोटो को खींचेगे, तब आप इस बात का अंदाजा नहीं लगा पाएंगे कि आप धरती पर हैं या स्वर्ग में।
यहां ऊंची-ऊंची पहाड़ियों को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। इसके अलावा आपको झील नदी और बादलों से सने हुए वह नजारे एक असीम शांति का अनुभव करवाने और छुट्टी को शांति से व्यतीत करने के लिए काफी है।
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गुरुडोंगमार झील
सिक्किम जाने वाले पर्यटनओं की सूची जवाब देखेंगे तो उसमें इस झील का नाम अवश्य रहता है। यह जिला गंगटोक से 190 किलोमीटर की दूरी पर और ऊंचाई में 17000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जहां का नजारा इतना खूबसूरत लगता है कि आप उस दृश्य को कभी भूल नहीं पाएंगे।
चारों तरफ ऊंचे ऊंचे पहाड़ उसके ऊपर गिरी हुई बर्फ और साफ पानी का यह झील आपको इस कदर आकर्षित करता है कि आप मंद मुक्त होकर इसकी खूबसूरती और शांत वातावरण में खो जाते हैं।
लाचुंग गांव
सिक्किम में बहुत सारी चीजें घूमने लायक हैं, उनमें से सबसे अधिक प्रचलित वहां के खूबसूरत गांव है। हालांकि गांव कहीं का भी हो वह खूबसूरत ही लगता है क्योंकि वहां खेत बहुत अधिक मात्रा में होते है। सिक्किम का एक प्रचलित गांव है, जहां देश-विदेश से लोग अक्सर घूमने के लिए आते हैं और उस गांव का नाम लाचुंग गांव है।
इस गांव की सबसे बड़ी खासियत है कि यह समुद्र तल से 10000 फीट की ऊंचाई पर है और वहां से खूबसूरत पेड़ और विभिन्न प्रकार के पौधे और खूबसूरत वातावरण और वादियों में लोग रहते है।
जब आप इस गांव में जाएंगे और वहां की खूबसूरती को देखेंगे तो आप वहां की खूबसूरत हरे भरे खेत और 50 से भी अधिक प्रकार के पौधे जो लोग अपनी वादियों में लगाते हैं, देखकर मन मुग्ध हो जाएंगे।
युमथांग घाटी
युमथांग घाटी सिक्किम की सबसे उत्तरी छोर पर मौजूद है। इस घाटी को फूलों की घाटी भी कहते हैं। इसी से अब समझ गए होंगे कि यहां पर सबसे अधिक मात्रा में विभिन्न प्रकार के फूल मिलते हैं। अगर आप फूलों के बगीचों के शौकीन हैं तो आपको इस जगह पर अवश्य जाना चाहिए।
वहां के खूबसूरत बगीचे जहां आपको 50 से भी अधिक प्रकार के फूल देखने को मिलेंगे और बगीचे की खुशबू और सुंदरता आप को इस कदर भा जाएगी, आप वह नजारा अपने जीवन में नहीं भूल पाएंगे।
लाचेन गांव
यह एक प्रचलित गांव है, जिसकी खूबसूरती को देखने के लिए विश्व भर से लोग आते हैं। इस गांव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां पर बर्फीले रोड देखने को मिलते हैं। सुंदर वादियां ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और झील के सामने पड़ा हुआ बर्फ आपकी आंखों को इस कदर भा जाएगा कि आप इस नजारे को कभी भूल नहीं पाएंगे।
यह गांव गंगटोक से 129 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस के अनोखे नाम का अर्थ होता है बड़ा दर्रा अर्थात दो बड़े पहाड़ के बीच जब छोटा सा दर्रा बनता है तो लोग वहां बस जाते हैं। यह वैसे ही एक जगह है, जहां का नजारा इतना खूबसूरत है कि इसे टूरिस्ट स्पॉट बनाता है।
यह एक छोटा सा गांव है, जहां पर रहने और खाने की उत्तम व्यवस्था की गई है। साथ ही समुद्र तल से 2700 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह खूबसूरत गांव जहां के बर्फीले रोड और वातावरण आपको छुट्टी का अनोखा मज़ा दिला सकते है।
माउंट कटाओ
सिक्किम के सबसे खूबसूरत पहाड़ों में से एक पहाड़ माउंट कटाव का भी है, जो गंगटोक से 144 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा यह लाचुंग नाम के प्रचलित स्थान से मात्र 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह एक खूबसूरत पहाड़ है, जहां माउंट क्लाइंबिंग, स्नोबोर्डिंग, स्किंग जैसी विभिन्न प्रकार की चीजें होती हैं। अगर बर्फीले पहाड़ को करीब से महसूस करना चाहते हैं, तो आपको माउंट कटाओ घूमने के लिए अवश्य जाना चाहिए।
चांगू लेक
यह लेक गंगोटक से 40 किलोमीटर दूरी पर पड़ता है, यह लेक नाथूला दर्रा को होते हुए जाता है। अर्थात आप इस लेक के मार्ग से नाथूला दर्रा जा सकते हैं जब सर्दियों में काफी बस गिरती है और वह बस बाद में पिघलती है तो यह लेक बन जाता है।
यहां का नजारा काफी खूबसूरत होता है, यहां ठंडी-ठंडी हवा चलती है, यहां पर काफी सुकून मिलता है। चांगू लेक में आप सेल्फी या फोटो लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड करेंगे तो आपको खूब सारा प्यार मिलेगा। क्योंकि यहां का नजारा ही काफी खूबसूरत है। यहां के नजारे को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
सेवेन सिस्टर्स वाटरफॉल
गंगो टक्से से 32 किलोमीटर की दूरी पर लाचुंग हाईवे पर स्थित सेवेन सिस्टर्स वॉटरफॉल बहुत ही प्रसिद्ध है। यह अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। लोगों का मानना है कि किसी राजा की 7 बेटियां थी, जो प्रकृति से बहुत ही प्रेम करती थी।
इस झरने के रूप में वे प्रकृति में विलुप्त हो गई है। क्योंकि या झरना सात पहाड़ों से होते हुए आता है, इसीलिए इसका नाम सेवन सिस्टर्स वॉटरफॉल रखा गया है।
यहां का नजारा लोगों को तथा टूरिस्टो को बहुत ही ज्यादा आकर्षित करता है। लोग यहां पर आते हैं तथा इस झरने में स्नान करते हैं और यहां का भरपूर आनंद उठाते हैं। सिक्किम सेवेन सिस्टर्स वॉटरफॉल के कारण भी बहुत प्रसिद्ध है।
नाथूला दर्रा
यदि आपको बर्फ वाली जगह अत्यधिक पसंद है तो नाथूला दर्रा बहुत ही अच्छा स्थान है। यह गंगोटक राजधानी से लगभग 54 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से चांगू लेक लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर है। नाथूला दर्रा एक व्यापारियों का सैन्य ठिकाना है।
नाथूला दर्रा में काफी बर्बादी होती है, जिसके कारण यहां के मार्ग में काफी बाधाएं आती हैं, जिसके कारण से यहां लोगों को आने के लिए मना किया जाता है। हालांकि भारतीय पर्यटकों ने अगर अनुमति ली है तो उनके लिए बुधवार, गुरुवार, शनिवार तथा रविवार को खुला रहता है। भारतीय पर्यटकों के साथ यहां चीन तथा भारत के सैनिक भी आते हैं।
यहां आप चीन तथा भारत के सैनिकों को देख सकते हैं, इसे ही सिल्क रूट कहते हैं। यहां कहीं और के लोगों को जाने की अनुमति नहीं है। यहां पर सिर्फ भारत के लोगों को जाने की अनुमति है, यह जगह अंतरराष्ट्रीय है।
खेच्योपलरी लेक
इस लेक को एक अन्य नाम विशिंग ले के नाम से भी जाना जाता है। लोगों में मान्यता है कि यह लेक लोगों की इच्छा को पूरी करता है, इसलिए लोग इस लेक को विशिंग लेक के नाम से भी जानते हैं। बौद्ध तथा लेपचा धर्म के लोग इसलिए को बहुत ही पवित्र मानते हैं।
यह लेक चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है। चारों तरफ से जंगलों से घिरे होने के बावजूद भी इस लेक का जल बेहद साफ है। खेच्योपालरी के लेक का स्थानीय भाषा में भी यही मतलब है।
यहां का दृश्य बहुत ही अद्भुत है। यह दृश्य लोगों को बहुत ही आकर्षित करता है क्योंकि यहां चारों तरफ हरियाली, बीच में साफ पानी का यह दृश्य बेहद खूबसूरत लगता है।
बाबा मंदिर
इस बाबा मंदिर के बारे में जब आप जानेंगे तो आप गर्व महसूस करेंगे। यह मंदिर चांगू लेक के ऊपर स्थित है। बाबा हरभजन सिंह भारतीय सेना में सैनिक थे तथा यह मंदिर बाबा हरभजन सिंह की याद में बनाया गया है। लोग ऐसा मानते हैं कि बाबा हरभजन सिंह आज भी यहां अपनी ड्यूटी देते है।
वहां के सैनिकों के यादों में आज भी बाबा हरभजन सिंह रहते हैं। इतना ही नहीं बल्कि जब भारत और चीन की मीटिंग होती है तो उस मीटिंग के दौरान एक कुर्सी खाली होती है, जोकि बाबा हरभजन सिंह के लिए छोड़ी गई होती है। इतना ही नहीं बल्कि उनके सामने जल और भोजन भी रखा जाता है।
यदि आप सिक्किम को घूम रहे हैं तो आपको इस स्थान पर एक बार जरूर जाना चाहिए। क्या आपने कभी सोचा भी था कि सिक्किम में एक सैनिक का मंदिर भी हो सकता है। यह हम सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है।
चोपता घाटी
यह घाटी चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरी हुई है। यदि आप कैंपिंग तथा ट्रैकिंग के दीवाने हैं तो आपके लिए यह स्थान बहुत ही अच्छा रहेगा। छुट्टियों में लोग यहां अपने परिवार के साथ आते हैं तथा यहां के दृश्य का भरपूर आनंद लेते हैं। इस समय कैंपिंग काफी पॉपुलर हो रहा है।
जो लोग यहां घूमने के लिए आते हैं, उन्हें ऐसा महसूस होता है कि मानव हम प्रकृति की गोद में ही बैठे हैं। चोपता घाटी में बहुत ही शांति है। यहां पर आप प्रकृति का भरपूर आनंद ले सकते हैं। यहां का दृश्य भी काफी सुहावना है, जो लोग यहां आते हैं, वह यहां पर काफी रिलैक्स महसूस करते हैं।
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फेनसांग मॉनेस्ट्री
सिक्किम का फेनसांग मठ धार्मिक स्थल है। यहां पर बहुत ही शांति तथा सुकून मिलता है। आजकल सबको शांति और सुकून ही तो चाहिए होता है, इसीलिए तो वे लोग बाहर घूमने आते हैं। यहां का वातावरण काफी शांत व बहुत ही सुहावना है।
यहां पर आपको भारी मात्रा में साधु या संत देखने को मिल जाएंगे। यहां घूमने का सही समय मार्च से मई तथा अक्टूबर से दिसंबर का समय अच्छा होता है।
फोडोंग मॉनेस्ट्री
फोडोंग मॉनेस्ट्री गंगोटक से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मॉनेस्ट्री अपने प्रकृति की सुंदरता तथा बेहद सुंदर सुहाने मौसम के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
पर्यटक यहां पर इस मॉनेस्ट्री की सुंदरता देखने के लिए आते हैं और यहां का भरपूर आनंद लेते हैं। इस मोनेस्ट्री को घूमने का सही समय मार्च से मई तथा अक्टूबर से दिसंबर का महीना है।
रूमटेक मॉनेस्ट्री
वैसे तो यहां पर कई मोनेस्ट्री में उपलब्ध हैं। परंतु रूमटेक मॉनेस्ट्री इन सभी मॉनेस्ट्रीओं की अपेक्षा बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। रूमटेक मॉनेस्ट्री काफी पुराना है लगभग 300 साल। रूमटेक मॉनेस्ट्री गंगतोक से केवल 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यदि आप सभी लोग बौद्ध धर्म को अच्छी तरह से समझना चाहते हैं, उसके बारे में जानना चाहते हैं तो यह स्थान आप सभी लोगों के लिए काफी अच्छी साबित हो सकती है। यह मॉनेस्ट्री ब्लैक हट संप्रदाय के लोगों का एक मठ है।
चुंगथांग
सिक्किम के उत्तर दिशा में एक छोटा सा शहर है, जिसका नाम चुंगथांग है। यह शहर भले ही छोटा हो लेकिन इसकी सुंदरता भी कम नहीं है। सिक्किम के अनेक पर्यटक स्थलों में से यह भी एक है। चुंगथांग गंगोटक से लगभग 95 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है।
जिन लोगों को ऊंचाई पसंद है, उन लोगों के लिए यह स्थान बहुत अच्छा है। क्योंकि चुंगथांग की ऊंचाई लगभग 1790 मीटर है। लोगों में ऐसी मान्यताएं हैं कि सिक्खों के गुरु बाबा गुरु नानक देव चीन और तिब्बत जाते समय यहां आए थे।
चलिए आपको चुंगथांग के नाम का अर्थ समझाते हैं, यह नाम पंजाबी शब्द के 2 नामों को मिलाकर बनाया गया है “चंगा और स्थान” जिसका अर्थ है कि “अच्छा स्थान”।
थांगू घाटी
थांगू घाटी सिक्किम की उन सुंदर घाटियों में से एक है। थांगू घाटी बेहद खूबसूरत है। ट्रेकिंग के दीवाने यहां प्रतिदिन सैकड़ों की मात्रा में आते हैं और वहां ट्रैकिंग का आनंद उठाते हैं। यह सुंदर घाटी पर्यटकों को बहुत ही आकर्षित करती है।
थांगू घाटी घूमने का सही समय मार्च से जून में होता है। इस समय वहां का नजारा बेहद सुंदर होता है। यदि आप यहां जाना चाहते हैं तो मार्च तथा जून का समय बहुत ही अच्छा होता है।
यूमथांग घाटी
यूमथांग घाटी को एक अन्य नाम फूलों की घाटी के नाम से जाना जाता है। इसे फूलों की घाटी इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां पर अलग-अलग प्रकार के फूलों की काफी मात्रा में खेती की जाती है। यह स्थान भी काफी खूबसूरत है।
कभी आप प्रकृति के प्रेमी हैं और आपको अभी बहुत ज्यादा प्यार है तो आपको घूमने की लिए यह घाटी बहुत ही अच्छी रहेगी। यहां के रंग बिरंगे फूलों को देख कर बहुत ही आनंद आता है। यहां फूलों के बड़े-बड़े बगीचे है।
पर्यटकों के लिए यह घाटी दिसंबर से लेकर मार्च तक बंद रहती है। क्योंकि इस समय यहां काफी मेहता में बर्फबारी होती है, जिसके कारण से इस घाटी को दिसंबर से लेकर मार्च तक बंद कर दिया जाता है।
सिंघिक
आपने कंचनजंगा का नाम तो सुना ही होगा। यदि आप कंचनजंगा के नजारे का आनंद उठाना चाहते हैं तो आपके लिए यह गांव बहुत ही अच्छा है। यह गांव मंगन से 12 किलोमीटर दूर है तथा इसकी ऊंचाई लगभग 500 फीट से भी ज्यादा है।
इस गांव से आपको कई दृश्य देखने को मिलते हैं जैसे कि तोषा झील, झंडी व्यू प्वाइंट जैसे दृश्य देख सकते हैं। यहां का सिंघिक मठ भी पर्यटकों के लिए पर्यटक की दृष्टि से बहुत अच्छा है।
यहां पर जुलाई से लेकर अगस्त तक नहीं जाना चाहिए। क्योंकि यहां पर जुलाई से लेकर अगस्त तक के महीनों में काफी मात्रा में बरसात होती है। इन महीनों में यहां जाना बहुत ही खतरनाक होगा क्योंकि यह पहाड़ी इलाका है। यदि आप यहां सर्दियों में जाना चाहते हैं तो सितंबर से लेकर अक्टूबर का महीना सही रहेगा।
कबी लूंगचोक
कबी लूंगचोक सिक्किम की उन ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों में से एक है। इस स्थान पर विभिन्न प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। यह स्थान खासकर पक्षियों के कारण जाना जाता है। कबी लूंगचो क में अनेक झरने हैं, जिनमें से एक सेवन सिस्टरफॉल है। जिसके बारे में हमने आपको ऊपर बता दिया है।
सिक्किम में बर्फीले इलाकों को घूमने का सही समय – Best Time to Visit Sikkim to See Snow
सिक्के में बर्फीले इलाकों को घूमने का सही समय मार्च से मई तक का है। यदि आप सोच रहे हैं कि हम अक्टूबर से लेकर दिसंबर तथा जनवरी से लेकर फरवरी तक के इन महीनों में जा सकते हैं तो आप ही महीनों में सिक्किम के बर्फीले इलाकों में नहीं जा सकते हैं।
क्योंकि इन महीनों में यहां काफी मात्रा में बर्फबारी होती है, जिसके कारण से इन इलाकों में सिक्किम के बर्फीले इलाके को बंद कर दिया जाता है।
सिक्किम में जुलाई के महीने में घूमने का स्थान – Places to Visit in Sikkim in July
जुलाई के महीने में सिक्किम को घूमने के लिए अनेकों स्थान है। आप जुलाई के महीने में सिक्किम के किसी भी स्थान पर जाकर घूम सकते हैं। क्योंकि जुलाई के महीने में यहां के सभी स्थानों पर लगभग समान तापमान होता है। ज्यादा ठंडा नहीं पड़ती है। इसी कारण से आप जुलाई के महीने में सिक्किम अच्छी तरह से घूम सकते हैं।
सिक्किम घूमने के लिए सही महीना कौन सा है? – Best Month to Visit Sikkim
सिक्किम घूमने के लिए आप किसी भी महीने में सिक्किम जा सकते हैं। क्योंकि यहां प्रत्येक महीने में कोई ना कोई स्थान तो अवश्य खुला आता है। सिक्किम में लगभग कई स्थान ऐसे है, जो अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक के महीनों में बंद रहते हैं। क्योंकि यहां इस महीने में काफी बर्फबारी होती है, जिसके कारण से यहां पर्यटकों को आने के लिए रोक दिया जाता है।
सिक्किम में खाए जाने वाला फेमस खाना
अगर आप सिक्किम घूमने जा रहे हैं तो वहां जाकर किस तरह का खाना आपको खाना चाहिए इसके बारे में बताते हुए इस राज्य के कुछ प्रमुख भोजन का वर्णन नीचे किया गया है।
थांकुक
यह एक प्रचलित सिक्किम राज्य का भोजन है, जो एक किस्म का नूडल सूप है। नूडल्स को उबालकर एक तरफ रख लिया जाता है और इसके सुख को तैयार करते वक्त उसमें मटन या चिकन के साथ कुछ हरी सब्जी विभिन्न प्रकार के मसाले और आटे की छोटी-छोटी लोई डालकर बंद बर्तन में धीरे-धीरे पकाया जाता है।
उसके बाद नूडल्स के साथ इसे परोसा जाता है। यह सिक्किम का एक प्रचलित भोजन है, जिसे वहां के लोग आमतौर पर रात में खाना पसंद करते हैं।
मोमोज
मैदा से बना हुआ एक बेहतरीन स्वादिष्ट व्यंजन जिसमें कुछ सब्जियों को डालकर भाप के जरिए पकाया जाता है। यह व्यंजन आमतौर पर भारत के सभी शहरों में पाया जाता है।
इसे सभी लोग बड़े चाव से खाना पसंद करते है। इसमें किसी भी प्रकार का तेल मसाला नहीं होता, केवल इस व्यंजन के साथ कुछ चटनी को भी पेश किया जाता है।
खासप
यह एक प्रचलित सिक्किम व्यंजन खास तौर पर बनाया जाता है। तिब्बती विवाह प्रक्रिया में यह व्यंजन एक अहम अहुदा रखता है। इसके अलावा अगर हम इसके स्वाद की बात करें तो यह मीठा और नमकीन लगता है।
बहुत सारे लोग इसे बड़े ही चाव से खाना पसंद करते है। इसे बनाने के लिए उनके आटा का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमे विभिन्न प्रकार की आकृति बनाई जाती है और उसे और भी आकर्षक बनाने के लिए रंगों का इस्तेमाल किया जाता है।
इसके अलावा आपको चुरपी, थूकपा जैसे विभिन्न प्रकार के व्यंजन खाने को मिलेंगे। अगर आप सिक्किम राज्य के दौरे पर निकले हैं तो इन सभी व्यंजनों को खाना ना भूलें।
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सिक्किम में रुकने की जगह
सिक्किम भारत के कुछ सर्वश्रेष्ठ पर्यटक स्थलों में से एक है। यहां के लोगों की मुख्य कमाई पर्यटन में आए लोगों से होती है। इस वजह से यहां के बाजार में आपको रुकने के एक से एक स्थान मिल जाएंगे। यहां फाइव स्टार होटल से लेकर एक साधारण लॉज की व्यवस्था की गई है।
अगर आप सिक्किम राज्य जाना चाह रहे हैं तो वहां रुकने की जगह की चिंता आप मत कीजिए। क्योंकि यहां आपको एक साधारण बाजार देखने को मिलेगा। जहां साधारण रुकने के जगह होंगे, जो काफी कम रूपों में आपको रुकने के लिए स्थान दे देंगे।
सिक्किम भारत के कुछ प्रगतिशील राज्य में से एक नहीं है ना ही यहां पर व्यापारिक गतिविधियां अधिक होती है। इस वजह से यहां के बाजार उतने उन्नत नहीं है, जितने आपको बाकी राज्यों के बाजार देखने को मिलेंगे।
मगर यहां पर्यटन सालों भर आते रहते हैं। इस वजह से रुकने की व्यवस्था की गई है। बाजार में साधारण रुकने की व्यवस्था मिल जाएगी। ऑनलाइन अगर आप पता करेंगे तो आपको टूरिस्ट स्पॉट के आसपास पांच सितारा रेस्टोरेंट देखने को मिल जाएगा।
जैसा कि हमने आपको बताया सिक्किम राज्य में 200 से अधिक धार्मिक स्थल मौजूद हैं तो अगर आपके पास रुकने का बिल्कुल भी पैसा ना हो तो आप किसी भी धार्मिक स्थल में रुक सकते हैं।
वहां पर भी रुकने की व्यवस्था की गई है। हालांकि वह व्यवस्था इतनी अच्छी नहीं होगी। इसके अलावा अगर आप साधारण से साधारण जगह भी रुकेंगे तो बड़े आराम से आप रह सकते हैं।
हालांकि अगर आप सिक्किम राज्य में तुरंत ही किसी रुकने के स्थान में जाना चाहते हैं तो हम बता दें कि गंगटोक शहर वहां का कुछ प्रचलित और प्रगति पूर्ण शहर है, जहां आपको बहुत सारे होटल मिल जाएंगे।
अगर आप गंगटोक से अपने सफर की शुरुआत करते हैं तो आपको सटीक दिशा मिलेगी और इसके साथ ही गंगटोक से किसी भी पर्यटन स्थल के लिए जाते वक्त रास्ते में रुकने और खाने पीने की व्यवस्था की गई है।
सिक्किम घूमने का सही समय – Best Time to Visit Sikkim
सिक्किम घूमना चाहते हैं और वहां की वादियों में अपनी छुट्टी व्यतीत करना चाहते हैं तो आपको बता दें सिक्किम इतना खूबसूरत जगह है कि वहां सालों भर लोग घूमने के लिए आते रहते हैं। अगर आप भी सिक्किम घूमना चाहते हैं तो आप साल के किसी भी मौसम वहां घूमने के लिए जा सकते हैं। मगर हमारे सुझाव के अनुसार आपको सिक्किम घूमने गर्मी में जाना चाहिए।
पूरे भारत में अप्रैल से जून तक का महीना गर्मी का माना जाता है, जहां पूरे भारत में कड़ाके की गर्मी पड़ती है। वहीँ सिक्किम का तापमान 10 डिग्री से 25 डिग्री के बीच होता है। यह मौसम बहुत अधिक गर्म और बहुत अधिक ठंडा नहीं होता है। अगर आप सिक्किम घूमने के बारे में विचार कर रहे हैं तो यह मौसम आपके लिए सटीक हो सकता है।
आपको अप्रैल से जून के महीने में अपनी गर्मी छुट्टी मनाने के लिए सिक्किम जाना चाहिए। लेकिन हम आपको सुझाव देंगे कि 25 डिग्री का ठंडा भी नॉर्मल ठंडा माना जाता है। इस वजह से कुछ गर्म कपड़े अवश्य रख लें।
अचानक वहां का तापमान गिर जाता है, जिस वजह से तापमान 10 डिग्री के आसपास जा सकता है, जो कि साधारण ठंड होती है, जिसे आप भारत के बाकी राज्यों में महसूस करते होंगे। तो हम आपको सुझाव देंगे कि गर्म कपड़ों के साथ गर्मी के मौसम में सिक्किम की यात्रा प्रारंभ करें।
कुछ लोग बरसात के मौसम में जुलाई से सितंबर के बीच सिक्किम घूमने के लिए जाते हैं। अगर आप अकेले घूमने के लिए जा रहे हैं तो यह मौसम आपके लिए अच्छा हो सकता है। मगर जब पूरे परिवार के साथ छुट्टी मनाने के लिए बरसात के मौसम में सिक्किम जाएंगे तो हम आपको इसका सुझाव नहीं देंगे।
सिक्किम पहाड़ी इलाका है, काफी अधिक ठंड और हल्की-फुल्की बारिश की वजह से वहां लैंड क्रैक की समस्या आती है। जहां अचानक बर्फ का घटना या पहाड़ पर बहुत अधिक फिसलन हो जाना आम समस्या है, जिस वजह से बरसात के मौसम में आपको परेशानी हो सकती है।
ठंड का मौसम भी एक अच्छा मौसम हो सकता है। सिक्किम घूमने का लेकिन इस मौसम में आप सिक्किम की वादियों का मजा अच्छे से नहीं ले पाएंगे। आपको इस राज्य में लगभग सभी जगह बर्फ देखने को मिलेगी।
यहां का तापमान –5 डिग्री के नीचे चला जाता है, जो किसी साधारण व्यक्ति के लिए काफी अधिक ठंड होती है। वहां के अधिकांश दुकान और होटल भी इतनी ठंड में बंद कर दिए जाते हैं।
सिक्किम कैसे पहुंचे?
अगर ऊपर बताई गई सभी जानकारियों को पढ़ने के बाद आपसे क्यों घूमने जाना चाहते हैं और वहां तक पहुंचने का मार्ग पता कर रहे हैं तो आपको नीचे कुछ आवश्यक निर्देश दिए गए हैं, जिन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें।
सिक्किम जाने के लिए हवाई मार्ग
अगर आप हवाई मार्ग से सिक्किम जाना चाहते हैं तो इसके लिए गंगटोक में प्रचलित हवाई अड्डा बनाया गया है। अगर आप विदेश से सिक्किम घूमना चाहते हैं तो सीधे सिक्किम हवाई जहाज से नहीं आ सकते। आपको भारत के किसी प्रमुख जगह पर जाना होगा, वहां से सिक्किम के लिए हवाई जहाज आपको मिल जाएगी।
सिक्किम के गंगटोक से 125 किलोमीटर की दूरी पर बागडोगरा हवाई अड्डा है। बागडोगरा हवाई अड्डा से आपको भारत के लगभग सभी प्रमुख स्थानों के लिए हवाई जहाज मिल जाएगा और वहां से आप किसी भी शहर में आ सकते हैं। फिर वहां से आपको अपने घर जाने के लिए सभी प्रकार के हवाई जहाज और गाड़ियां मिल जाएंगी।
सिक्किम जाने के लिए रोड मार्ग
अगर आप सड़क मार्ग के रास्ते सिक्किम राज्य जाना चाहते है तो यह भी एक अच्छा विचार हो सकता है। आपको सड़क मार्ग से सिक्किम जाने के लिए सभी प्रकार के बांस और गाड़ियों की सुविधा मिल जाएगी। विभिन्न प्रकार के बस आपको सिलीगुड़ी या न्यू जलपाईगुड़ी नाम के स्थान पर लेकर जा सकते है।
इन सभी स्थानों पर जाने के लिए आपको भारत के प्रमुख शहरों से बस मिल जाएगी। उदाहरण के तौर पर आप कोलकाता या दिल्ली चले जाएं। वहां से आपको न्यू जलपाईगुड़ी या सिलीगुड़ी जाने के लिए बस मिल जाएगी।
सिक्किम जाने के लिए रेल मार्ग
रेल मार्ग के जरिए भी सिक्किम राज्य जा सकते है। सिक्किम का प्रचलित रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी है, जहां के लिए विभिन्न प्रकार की रेल गाड़ी चलती है। यहां जाने के लिए आपको सबसे पहले यह पता करना होगा कि आपके इलाके से न्यू जलपाईगुड़ी के लिए ट्रेन चलती है या नहीं हम अगर किसी प्रचलित शहर का उदाहरण देकर कहें तो कोलकाता और दिल्ली से न्यू जलपाईगुड़ी के लिए ट्रेन चलती है।
आपको यहां से एक सीधी ट्रेन मिल जाएगी, जो कुछ घंटों के सफर के बाद आपको न्यू जलपाईगुड़ी पहुंचा देगी। वहां से गंगटोक जाने के लिए आपको 3 किलोमीटर आगे सिलीगुड़ी तक जाना होगा।
जब न्यू जलपाईगुड़ी से 3 किलोमीटर आगे आप सिलीगुड़ी चले जाएंगे तो वहां से गंगटोक जाने के लिए आपको विभिन्न प्रकार की गाड़ियां मिल जाएंगी। गंगटोक में आपको सभी प्रकार के होटल और सराय मिल जाएंगे, जहां थोड़ी देर रुकने के बाद आप सिक्किम का पूरा राज्य घूम सकते हैं।
भारत के सभी राज्यों से सिक्किम की दूरी
भारत में कुल 28 राज्य हैं, जिनमें से एक सिक्किम भी है। सभी राज्यों से सिक्किम की दूरी अलग-अलग है। सभी राज्यों से सिक्किम की दूरी नीचे दी गई है।
राज्य | राज्यों की दूरी किलोमीटर में |
राजस्थान | 1855 किलोमीटर |
महाराष्ट्र | 1997 किलोमीटर |
नागालैंड | 976 किलोमीटर |
मणिपुर | 1065 किलोमीटर |
पश्चिम बंगाल | 655 किलोमीटर |
तेलंगाना | 2028 किलोमीटर |
असम | 731 किलोमीटर |
त्रिपुरा | 1017 किलोमीटर |
मध्य प्रदेश | 1429 किलोमीटर |
तमिल नाडु | 2658 किलोमीटर |
गुजरात | 2446 किलोमीटर |
आंध्र प्रदेश | 2066 किलोमीटर |
उत्तर प्रदेश | 1049 किलोमीटर |
पंजाब | 1981 किलोमीटर |
कर्नाटक | 2537 किलोमीटर |
मेघालय | 635 किलोमीटर |
उत्तराखंड | 1686 किलोमीटर |
गोवा | 2566 किलोमीटर |
हरियाणा | 1725 किलोमीटर |
मिजोरम | 1160 किलोमीटर |
अरुणाचल प्रदेश | 1146 किलोमीटर |
हिमाचल प्रदेश | 1947 किलोमीटर |
केरल | 2916 किलोमीटर |
छत्तीसगढ़ | 1337 किलोमीटर |
बिहार | 608 किलोमीटर |
झारखंड | 757 किलोमीटर |
उड़ीसा | 1062 किलोमीटर |
सिक्किम कैसे घूमे?
अगर अब भारत के प्रचलित राज्य सिक्किम में जाकर घूमना चाहते है और उस राज्य को घूमने के लिए आपको कैसी रणनीति बनानी है और कैसे आप सिक्किम के विभिन्न जगहों को घूम सकते है, इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी नीचे दी गई है।
सिक्किम में घूमने के लिए सबसे पहले आपको गंगटोक शहर पहुंचना होगा। अपना सफर आप चाहे भारत के किसी भी शहर से शुरु कर रहे हो। आप सिलीगुड़ी या न्यू जलपाईगुड़ी जाएंगे, वहां से आपको गंगटोक जाना है। जब आप गंगटोक पहुंच जाएं तो यहां आपको बहुत सारे होटल और खाने पीने की व्यवस्था दिखेगी।
वहां कुछ देर रुकने के बाद अब अब आगे के सफर के बारे में सोच सकते हैं। हम आपको सुझाव देंगे कि कुछ देर गंगटोक में रुकने के बाद आप गंगटोक के सभी प्रमुख पहाड़ी और दरों को घूमने के लिए चले जाएं।
वहां से इन सभी पहाड़ी और वहां के शानदार नजारों को घूमने के बाद अगर आप वापस कुछ देर रुकना चाहते हैं तो अपने होटल आ जाएं। अन्यथा आप यहां से अपना सफर अब आगे शुरू कर सकते हैं, जहां 150 से 200 किलोमीटर की दूरी पर विभिन्न प्रकार के गांव और झील या कुछ प्राचीन जगह मौजूद है जैसे लाचेन गांव।
लाचेन की तरह विभिन्न प्रकार के गांव गंगटोक शहर के आसपास मौजूद है। उन सभी शहरों में सही तरीके से पता करने पर आप विभिन्न प्रकार के ऐसे नजारों के बारे में देख पाएंगे और समझ पाएंगे, जिससे आप की छुट्टी यादगार बन जाएगी।
गंगटोक घूमने और गंगटोक के आसपास के गांव को घूमने के बाद आपको जितने नाम इस लेख में बताए गए हैं, उन सभी नाम के जगहों के बारे में जानकारी एकत्रित करें। वहां के लोग आपको बता देंगे कि इस जगह घूमने के लिए आपको कौन सी गाड़ी लेनी चाहिए। आमतौर पर वहां बस रहती है, जो आपको सिक्किम के सभी प्रचलित स्थानों पर घुमा सकती है।
सिक्किम घूमने के लिए साथ में क्या रखें?
अगर आप सिक्किम घूमने जा रहे हैं तो कुछ महत्वपूर्ण चीजों को अपने साथ अवश्य रखना होगा, जिसके बारे में एक छोटी सी सूची आपके समक्ष प्रस्तुत की जा रही है। उसे ध्यानपूर्वक पढ़ें।
- गंगटोक घूमने के लिए आपको एक बात अपने मस्तिष्क में याद रखनी होगी कि गंगटोक ठंड का जगह है या हम यह भी कह सकते हैं कि सिक्किम ठंड वाली जगह है, जहां आपको साल के 12 महीने स्वेटर और गर्म कपड़ों की आवश्यकता पड़ने वाली है। चाहे आप भारत या विश्व के किसी भी इलाके से सिक्किम घूमने के लिए साल के किसी भी मौसम में जा रहे हो, अपने साथ आपको कुछ गर्म कपड़े अवश्य रख लेने हैं।
- आजकल कोरोना का युग चल रहा है। इस वजह से खुद की सुरक्षा रखना भी काफी आवश्यक है। इस वजह से हम आपको यह सुनिश्चित करेंगे कि अपना कोरोना टीकाकरण संपन्न करें और उसके बाद उसकी एक पर्ची लेकर अपने बैग में रख लें।
- सिक्किम एक ऐसी जगह है, जहां पर अक्सर बारिश पड़ती रहती है या तापमान अचानक गिर जाता है। इस वजह से अपने साथ कुछ महत्वपूर्ण दवाइयों को रखें, जिनमें सिर दर्द की दवाई और बुखार और जुखाम की दवाई महत्वपूर्ण है।
- इसके अलावा सिक्किम एक ऐसी जगह स्थित है, जहां पर अधिकांश लोग नेपाल चीन से होते हैं। इस वजह से आपको अपना आइडेंटी कार्ड और आधार कार्ड भी हाथ में रखना आवश्यक है।
सिक्किम टूरिस्ट प्लेस फोटो गैलरी (Sikkim Tourist Places Images)
FAQ
सिक्किम की राजधानी गंगटोक है।
सिक्किम का मौसम सालों भर ठंड रहता है, इस वजह से यहां घूमने के लिए आपको गर्म कपड़े की आवश्यकता पड़ने वाली है।
सिक्किम में घूमने लायक विभिन्न प्रकार के स्थान है और लगभग सभी अस्थान प्रचलित है। लेकिन हम आपको सुझाव देंगे कि अपना सफर सिक्किम के गंगटोक शहर से शुरू करें।
सिक्किम में विभिन्न प्रकार के भोजन बनते हैं, वह एक ठंडी जगह है। इस वजह से ज्यादातर भोजन काफी भारी और गर्म होता है। हम आपको सुझाव देंगे कि सिक्किम घूमते वक्त मोमोस और थूकपा अवश्य खाएं।
निष्कर्ष
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण में आप सभी लोगों को सिक्किम में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Sikkim Tourist Places in Hindi) के बारे में पूरी विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की है।
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यह एक बहुत ही अच्छा ब्लॉग हैं और आने वाले समय में यह बहुत आगे जाएगा।