ये हैं मथुरा के प्रसिद्ध मंदिर जहां की खूबसूरती आपको दीवाना बना देगी

mathura famous mandir

मथुरा भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि है। मंदिरों के इस भूमि में आपको शहर के हर एक नुक्कड़ पर मंदिर मिल जाएंगे। उतर प्रदेश के इस शहर में न केवल भगवान श्री कृष्ण को समर्पित बल्कि भगवान शिव को भी समर्पित कई सारे मंदिर (mathura famous mandir) है। इस तरह इस शहर में वैष्णव और शैव दोनों संस्कृति एक साथ देखने को मिलती है।

भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक विविधता का महत्वपूर्ण केंद्र मथुरा में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। जन्माष्टमी के समय मथुरा के मंदिर देखने लायक होते हैं, जिन्हें चमकदार रोशनी, दिये और रंगीन सजावट से खूबसूरत बना दिया जाता है।

अगर आप भी मथुरा जाना चाहते हैं तो इस लेख में बताए गए मथुरा के प्रसिद्ध मंदिर (mathura famous mandir) के दर्शन करने जरूर जाएं। यहां पर मंदिर में आरती और दर्शन के समय भी बताया है।

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मथुरा के प्रसिद्ध मंदिर (Mathura Famous Mandir)

केशवदेव मंदिर

भगवान श्री कृष्ण से जुड़े मथुरा के प्रसिद्ध मंदिरों में से केशवदेव मंदिर विशेष महत्व रखता है। कहा जाता है कि यह मंदिर जिस स्थान पर बना है, इसी स्थान पर राजा कंस का कारावास था, जिसमें भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था।

इस स्थान पर सबसे पहले पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के प्रपोत्र वृजनाभ ने उनके स्मृति में मंदिर की स्थापना की थी। समय के साथ मंदिर की स्थिति खराब होने लगी, मंदिर जर्जर होने लगा। उसके बाद 400 वर्ष के बाद गुप्त सम्राट विक्रमादित्य ने यहां पर भव्य मंदिर का निर्माण किया।

वर्तमान में स्थित केशवदेव मंदिर बहुत ही खूबसूरत है, जिसके गर्भ ग्रह में भगवान श्री कृष्ण की सुंदर प्रतिमा विराजमान है, जिन्हें चमकदार पोशाक पहनाया गया है। मंदिर की वास्तुकला बेहद ही आकर्षक है।

समयसुबह 05:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक
शाम 04:00 बजे से रात 08:00 बजे तक
रेलवे स्टेशन दूरी1.5 किलोमीटर (मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन)
बस स्टैंड से दूरी
नजदीकी हवाईअड्डा

जय गुरुदेव मंदिर

मथुरा में विभिन्न धर्म की एकता को प्रदर्शित करता मंदिर जय गुरुदेव मंदिर मथुरा के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की खासियत यह है कि इस मंदिर की शिल्प कला सभी धर्मो की समानता को दर्शाता है। क्योंकि इस मंदिर की मीनार मस्जिद, गुंबद गुरुद्वारा और प्रार्थना हाल गिरजाघर की तरह दिखाई देता है।

इस मंदिर का निर्माण कार्य जय गुरुदेव महाराज के द्वारा अपने गुरु घुरेलाल की पुण्यतिथि पर साल 1973 को शुरू किया गया था। 27 वर्षों के लंबे मेहनत के बाद साल 2001 में यह मंदिर बनकर तैयार हुआ।

Jai Guru Dev Mandir mathura
Jai Guru Dev Mandir mathura

मंदिर के निर्माण कार्य की विशेष बात यह है कि इस मंदिर के निर्माण में ना मजदूर पर एक रुपए खर्च हुआ ना ही कोई मशीनरी का उपयोग हुआ। मंदिर के निर्माण में पचासी प्रतिशत गरीब मजदूरों ने अपना योगदान दिया। यहां पर साल में तीन बार मेले का आयोजन होते हैं, जिसमें विभिन्न धर्मो के लोग आते हैं।

  • समय: सुबह 07:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक

भूतेश्वर महादेव मंदिर

मथुरा के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर है। हालांकि मंदिर मथुरा में स्थित होने के बावजूद यह मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है। यह मंदिर एक शक्तिपीठ है, जहां पर मां सती की अंगूठी गिरी थी। इस मंदिर में पाताल देवी गुफा भी है। कहा जाता है कि उसी गुफा में भगवान श्री कृष्ण के मामा राजा कंस ने देवता की पूजा की थी।

Shri bhuteshwar mahadev mandir mathura
Shri bhuteshwar mahadev mandir mathura

ऐसी आस्था है कि भूतेश्वर महादेव मथुरा शहर को बुराई से बचाते हैं। इस शहर पर उनका आशीर्वाद प्राप्त है। जुलाई और अगस्त के महीने में पड़ने वाले हिंदू माह श्रावण मास के दौरान इस मंदिर में भारी संख्या में भक्तगण भगवान शिव के दर्शन करने और उनकी पूजा करने आते हैं।

समयसुबह 05:00 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक
शाम 04:30 बजे से रात 10:30 बजे तक
रेलवे स्टेशन दूरी3 किलोमीटर (मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन)
बस स्टैंड से दूरी1.5 किलोमीटर (मथुरा बस स्टॉप, शांति नगर)
नजदीकी हवाईअड्डा147 किलोमीटर (इंदिरा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली)

चामुंडा देवी मंदिर

चामुंडा देवी मंदिर मथुरा में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह महत्वपूर्ण 51 शक्ति पीठ में से एक है। इस मंदिर का उल्लेख श्रीमद् भागवत गीता में भी किया गया है। इस मंदिर में मां चामुंडा देवी की पूजा होती है। मां चामुंडा देवी को नंद बाबा की कुलदेवी माना जाता है। यह मंदिर जिस स्थान पर बना है कहा जाता है कि इसी स्थान पर शांडिल्य ऋषि ने तप किया था।

Chamunda Devi Temple Mathura
Chamunda Devi Temple Mathura

इस मंदिर की विशेष बात यह है कि इस मंदिर में मां चामुंडा देवी की कोई प्रतिमा नहीं है बल्कि मां स्वयं इस मंदिर में प्रकट होती है ऐसी धारणा और आस्था लोगों में है। हर एक रविवार और नवरात्रि की अष्टमी और नवमी को यहां पर भारी मात्रा में भक्त जमा होते हैं।

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गीता मंदिर

मथुरा के खूबसूरत मंदिरों में से एक गीता मंदिर है, जिसकी वास्तु कला देखने लायक है। इस मंदिर को पारंपरिक हिंदू शैली में बनाया गया है। मंदिर की विशेषता 18 अध्याय में विभाजित यहां के स्तंभ है, जिन पर 700 भागवत गीता के श्लोक लिखे गए हैं।

इस मंदिर का निर्माण 1946 में श्री सेठ जुगल किशोर बिडला के द्वारा उनके माता-पिता की स्मृति में कराया गया था। मंदिर के परिसर में लाल बलुए पत्थर का व्यापक मात्रा में उपयोग किया गया है, जो मंदिर की संरचना की शोभा बढ़ा देती है।

Gita Mandir Temple Mathura
Gita Mandir Temple Mathura

मंदिर के परिसर में भगवान हनुमान जी को समर्पित एक छोटा सा मंदिर बना हुआ है। मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के अलावा राम-सीता, मां लक्ष्मी- नारायण की मूर्तियां भी स्थापित है।

समयगर्मी- सुबह 05:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक, दोपहर 02:00 बजे से रात 09:00 बजे तक
सर्दी- सुबह 05:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक, दोपहर 02:00 बजे से रात 08:30 बजे तक
रेलवे स्टेशन दूरी12 किलोमीटर (मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन)
बस स्टैंड से दूरी12 किलोमीटर (मथुरा बस स्टॉप, शांति नगर)
नजदीकी हवाईअड्डा80 किलोमीटर (हवाई अड्डा आगरा)
170 किलोमीटर (इंदिरा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली)

महाविद्या देवी मंदिर

मथुरा में एक और खूबसूरत प्रसिद्ध मंदिर है महाविद्या देवी मंदिर। इस मंदिर को अंबिका देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जो कि मथुरा शहर के पश्चिमी हिस्से में मौजूद है। इस मंदिर को नागर वास्तुकला की शैली में निर्मित किया गया है।

हालांकि मंदिर का वर्तमान रूप मराठा सम्राटों के द्वारा बनाया गया था और 1907 में तांत्रिक संत श्री शीलचंद्र के द्वारा इसका जीर्णोद्धार किया गया था। इस मंदिर को ऊंचे चबूतरे पर बनाया गया है। मंदिर में स्थापित आचार्य जनक मूर्ति कला और विशाल आकार देखने लायक है।

Shri Mahavidya Devi Temple Mathura
Shri Mahavidya Devi Temple Mathura

इस मंदिर में महाविद्या नामक एक कुंड भी स्थित है। इस मंदिर को मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए जाना जाता है। इसलिए यहां पर भक्तजन अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए आते हैं।

समयसुबह 06:00 बजे से सुबह 11:30 बजे तक, शाम 04:00 बजे से रात 09:00 बजे तक
रेलवे स्टेशन दूरी4 किलोमीटर (मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन)
बस स्टैंड से दूरी
नजदीकी हवाईअड्डा

द्वारकाधीश मंदिर

द्वारकाधीश मंदिर मथुरा का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर मथुरा शहर के किनारे मुख्य घाट पर स्थित है। इस मंदिर के निर्माण की नींव ग्वालियर के राजा सेठ गोकुलदास पारीख के द्वारा रखी गई थी, जो कि भगवान श्री कृष्ण के परम भक्त थे।

लेकिन उनके निधन के बाद उनके पुत्र लक्ष्मी चंद्र के द्वारा इस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हुआ। इस मंदिर की इमारत को राजस्थानी वास्तु शैली में बनाया गया है।

Shree Dwarikadhish Temple Mathura
Shree Dwarikadhish Temple Mathura

मंदिर एक विशाल परिसर में बना हुआ है, जिसके आंगन के सामने गर्भ ग्रह है, जिसमें काले मार्बल से बनी भगवान कृष्ण की प्रतिमा और सफेद मार्बल से राधा रानी की प्रतिमा बनी हुई है। इसके अलावा कई हिंदू देवी देवताओं की प्रतिमाएं भी इस मंदिर में स्थित है। मंदिर के आंगन में तीन नक्काशी दार स्तंभ बने हुए हैं जिसके आधार पर सुंदर छत है।

समयसुबह 06:00 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक
शाम 05:00 बजे से रात 09:30 बजे तक
रेलवे स्टेशन दूरी4 किलोमीटर (मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन)
बस स्टैंड से दूरी3 किलोमीटर (मथुरा बस स्टॉप, शांति नगर)
नजदीकी हवाईअड्डा160 किलोमीटर (इंदिरा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली)

निष्कर्ष

उपरोक्त लेख में आपने उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित मथुरा शहर जो भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि मानी जाती है। मथुरा में कितने मंदिर हैं जानने के साथ ही यहां पर मथुरा के प्रसिद्ध मंदिर के बारे में जाना। मथुरा में स्थित भगवान श्री कृष्ण को समर्पित मंदिर बहुत ही प्राचीन है।

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