Kota Me Ghumne ki Jagah: राजस्थान के दक्षिण पूर्व में चंबल नदी के तट पर स्थित यह शहर ढेर सारे इंस्टिट्यूट और टॉपर्स बच्चों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर आईआईटी और मेडिकल की तैयारी करने के लिए देश भर में प्रसिद्ध है और यही कारण है कि हर साल लाखों की संख्या में देश भर के बच्चे यहां कोचिंग में तैयारी करने के लिए एडमिशन लेते हैं।
कोटा केवल इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी के लिए ही नहीं बल्कि घूमने फिरने के लिए भी बेहद अच्छा जगह है। कोटा राजस्थान का तीसरा सबसे घनी आबादी वाला शहर है। जयपुर के बाद कोटा राजस्थान का दूसरा सबसे अच्छा रहने लायक शहर है। यहां पर विभिन्न औद्योगिक केंद्रों के अलावा प्राचीन महल है, जो इतिहास की झलक दिखाते हैं।
इसके साथ ही यहां कई उद्यान भी है, जहां के प्राकृतिक वातावरण में शांति के कुछ पल बिता सकते हैं। यदि आप कोटा घूमना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
क्योंकि इस लेख में कोटा में घूमने लायक जगह (Kota Tourist Places in Hindi), कोटा से संबंधित कुछ रोचक तथ्य, कोटा में फेमस डिश, कोटा कैसे पहुंचे, कोटा में कहां रुके और किस तरह कोटा घूमे इत्यादि कोटा की यात्रा से संबंधित जानकारी देने वाले हैं।
कोटा में घूमने की जगह | Kota Me Ghumne ki Jagah
कोटा के बारे में रोचक तथ्य
- हर साल लाखों की तादाद में कोटा में छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल परीक्षा की तैयारी करने के लिए यहां पर आते हैं, जिसके कारण कोचिंग कैपिटल ऑफ इंडिया और ‘एजुकेशन सिटी ऑफ इंडिया’ के नाम से भी यह जाना जाता है।
- कोटा चंबल नदी के किनारे बसा हुआ है और इस शहर की आबादी को इसी नदी से पानी प्राप्त होता है, जिस कारण इस नदी को कोटा का जीवन रेखा भी कहा जाता है।
- देश में चलने वाली परियोजनाओं के लिए आवश्यक हरे रंग का अनाम पत्थर कोटा से ही प्राप्त किया जाता है।
- कोटा शहर वस्त्र उद्योग को भी काफी हद तक देश भर में बढ़ाया है।
- नाजुक और पार्भाशी धागे की बुनाई पेटर्न के लिए भी कोटा शहर जाना जाता है।
- राजस्थान भारत का दूसरा सबसे बड़ा दूध उत्पादन है। राजस्थान में 13800 डेयरी सहकारी समितियां है।
कोटा क्यों फेमस है?
कोटा राजस्थान का एक प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र शहर है या नगर राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से 1 और राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर स्थित है। दक्षिण राजस्थान में चंबल नदी के किनारे पर स्थित कोटा उन शहरों में है, जहां औद्योगिकरण बड़े पैमाने पर हुआ करता है।
कोटा महलों, संग्रहलयों, मंदिरों और बगीचों के लिए लोकप्रिय हैं। कोटा शहर स्टूडेंट्स तथा स्टडी के लिए भी फेमस है।
कोटा में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Kota Tourist Places in Hindi)
सेवन वंडर्स पार्क
कोटा में किशोर सागर झील के किनारे स्थित यह पार्क कोटा में घूमने लायक प्रसिद्ध जगहों में से एक है। यदि आपने दुनिया के सात अजूबों को नहीं देखा है तो यहां पर आकर उन सभी सात अजूबों को देख सकते हैं और उनकी सुंदरताओं का दीदार कर सकते हैं।
इस पार्क में ताजमहल से लेकर एफिल टावर, स्टैचू ऑफ लिबर्टी, ग्रेट पिरामिड, कोलोसियम, क्राइस्ट द रिडीमर ब्राज़ील, लीनिंग टावर जैसी इमारतें शामिल है।
इसके अतिरिक्त इस पार्क में मौजूद खूबसूरत पौधे और फूल इसकी खूबसूरती को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं। इस पार्क को बनाने में 20 करोड़ की लागत लगी थी।
चारों तरफ फैली हरियाली के बीच अपने परिवार के साथ सुकून के कुछ पल बिताने के लिए यह बेहद अच्छा जगह है। पार्क के अंदर खाने के स्टॉल भी लगाए गए हैं।
खड़े गणेश जी का मंदिर
खड़े गणेश जी का मंदिर कोटा के चंबल नदी के बिल्कुल नजदीक स्थित एक पवित्र स्थल है, जो 600 साल से भी अत्यधिक पुराना है। यह मंदिर कोटा के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है।
इस मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा खड़ी है, जो पूरे भारत में शायद गणेश जी की ऐसी मूर्ति वाली एकमात्र मंदिर है। इस मंदिर के पास में ही एक झील है, जहां पर विभिन्न मोरों का समूह इस स्थान को और भी ज्यादा आकर्षक बनाते हैं।
ब्रज विलास पैलेस सरकारी संग्रहालय
यदि आप राजस्थान की प्राचीन संस्कृति, सभ्यता और उसके इतिहास की झलक लेना चाहते हैं तो कोटा में किशोर सागर के पास स्थित इस सरकारी संग्रहालय को देखने जरूर जाएं। इस संग्रहालय में बरौली से लाई गई प्रतिमा मौजूद है, जिसकी सुंदरता आपको अपनी और बेहद आकर्षित करेगा।
इस संग्रहालय में प्राचीन सिक्के, दस्तावेज, कलाकृतियां, पुरातात्विक निष्कर्ष और अन्य मूल्यवान सामग्रियों का संग्रह रखा हुआ है। वैसे बता दें यदि आप इस संग्रहालय के अंदर की तस्वीर लेना चाहते हैं तो यह आप नहीं कर सकते। यहां पर तस्वीर खींचना मना है।
किशोर सागर और जगमंदिर पैलेस
किशोर सागर 1936 में बूंदी राजकुमार देहरा द्वारा निर्मित किया गया कोटा का एक कृत्रिम सुरम्य झील है। इस झील के ठीक बीचोबीच जग मंदिर महल स्थित है, जिसे कोटा की रानियों द्वारा 1740 के आसपास निर्मित किया गया था। यह महल शानदार लाल पत्थरों से निर्मित किया गया है।
महल की उत्कृष्ट दीवाल और गुंबद की सुंदरता यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। यदि कोटा जाते हैं तो इस सुंदर जगह को देखने जरूर आएं।
कंसुआ शिव मंदिर
कोटा में चंबल नदी के बिल्कुल सामने बूंदी के पास स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंजिल को कर्णेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है पांडवों के निर्वासन काल के दौरान जब वे इस स्थान पर पहुंचे थे, तब उन्होंने भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
मंदिर के अंदर एक शिवलिंग स्थापित है। इस मंदिर की खासियत यह है कि मंदिर में स्थित शिवलिंग में चार सिर लगे हुए हैं, जो काफी आकर्षक दिखते हैं।
सिटी पैलेस
कोटा में देखने लायक जगह में से एक सिटी पैलेस है, जो कोटा का एक शानदार लैंड मार्क है। चारों तरफ हरे भरे पौधे और फूलों से फैले हुए उद्यान के बीच स्थित यह महल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस महल को मुगलों और राजस्थानी वास्तुकला के सम्मेलन से बनाया गया है।
महल की भव्य वॉल पेंटिंग, शीशे की छत, लटकी हुई लाइट्स, शीशे की दीवार और फूलों की सजावट इस महल को काफी आकर्षक बनाते हैं। महल के फर्श संगमरमर से बने हुए हैं, जो यहां आने वाले पर्यटकों को काफी लुभाते हैं और प्रवेश द्वार काफी स्टाइलिश है।
पैलेस के अंदर भव्य संग्रहालय भी है, जिसमें प्राचीन कलाकृति और हस्तशिल्प मौजूद है। इसके अतिरिक्त राजा रानियों के हथियार, वेशभूषा और परिधानों का विशाल संग्रह है।
गरड़िया महादेव मंदिर
500 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह गराडिया महादेव मंदिर कोटा के चंबल नदी के किनारे स्थित है। मंदिर के आसपास के सुंदर प्राकृतिक वातावरण, चारों ओर फैले हरे-भरे मैदान इस जगह को और भी ज्यादा आकर्षित बनाते हैं, जिस कारण यह एक आदर्श पिकनिक स्थल है।
इसके साथ ही यह फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए भी आकर्षक जगह है। यहां पर कई मोर और एवियन प्रजाति के जानवर मौजूद हैं।
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कोटा बैराज
कोटा बैराज चंबल घाटी परियोजना का चौथा निर्माण है, जो कि यहां बहने वाली चंबल नदी पर बनाया गया है। कोटा बैराज परियोजना राणा प्रताप सागर बांध जवाहर सागर बांध और गांधी सागर बांध इन तीनों बांध के पानी को संग्रहित करने के उद्देश्य से बनाई गई थी।
पानी की वजह से उठने वाला सफेद दुआ लोगों के बीच का आकर्षक एक बना रहता है। मानसून के मौसम में जब गेट खोले जाते हैं तो यहां कोलाहल मची रहती है।
चंबल गार्डन धौलपुर कोटा
चंबल गार्डन राजस्थान राज्य के खूबसूरत शहर कोटा में अमर निवास में चंबल नदी के किनारे पर स्थित बहुत ही खूबसूरत गार्डन है।
चंबल गार्डन में मौजूद हरी-भरी झाड़ियां लंबे लंबे पेड़ पौधे रंगीन और सुगंधित फूलों की खुशबू पर्यटक को को लुभावने का केंद्र है। दुनिया भर के पर्यटक को या गार्डन आकर्षित करता है।
कोटा गढ़ पैलेस म्यूजियम
कोटा गढ़ पैलेस म्यूजियम मुगल शासन काल के दौर की राजधानी वास्तु कला संस्कृति और कला का बेहतरीन संगम है। पैलेस की दीवारों को चित्रों से दर्पण की छत दर्पण की दीवार फलों की सजावट और रोशन की रोशनी के साथ सजाया गया है।
यहां का फर्श संगमरमर का बना हुआ है। दीवारों पर भी स्टाइलिश ढंग से कलाकृति बनी हुई है। यह कोटा शहर की शाही अतीत का स्मारक है।
साड़ियों का बाजार कैथून
कैथून कोटा डोरिया साड़ियों के लिए दुनिया भर में माना जाता है। यहां पर बनी साड़ी हाथ से की गई बुनाई के लिए प्रसिद्ध है। कैथून में राज्य सी पोशाक उच्च कोटि के सूती कपड़े मिलते हैं।
यह असली सोने और चांदी की सुई धागों के साथ डिजाइन किए जाते हैं। पर्यटकों के लिए या स्थान उत्कृष्ट निर्यात गुणवत्ता की ड्रेस और सर इस सामग्री खरीदने के लिए बहुत ही शानदार ऑप्शन है।
गैपरनाथ जलप्रपात कोटा
गैपरनाथ जल प्रताप राजस्थान कोटा के शहर में स्थित है। यह एक सुंदर और मनमोहक पर्यटन स्थल है, जो पर्यटकों के लिए पिकनिक प्राकृतिक फोटोग्राफी छोटे ट्रक सहित अन्य वजह से लोगों के बीच लोकप्रिय है।
मानसून के मौसम में यहां पर्यटक झरने के दर्शन ले सकते हैं तथा मीठे पानी में डुबकी लगाकर इस का लुफ्त भी उठा सकते हैं।
राव माधो सिंह संग्रहालय
राम माधव सिंह संग्रहालय राजस्थान के कोटा में पुराने महल के परिसर में स्थित है, जो कि राजस्थान के इतिहास संस्कृति कलाकृतियों और दस्तावेजों को संभाले हुए एक समृद्ध विश्वसनीय संग्रह है।
यहां पर चांदी की मूर्तियां सिक्के टेराकोटा के आंकड़े इतिहासकारों और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
दरा वाइल्ड़ लाइफ सेंचुरी
जंगल दरिया वन्यजीव कोटा शहर से 56 किलोमीटर दूर बूंदी के पास स्थित है। दरया वन्यजीव समृद्ध वन्य जीव का दावा प्रस्तुत करता है। यहां पर आपको पौधों की प्रजातियों सांभर, हिरण, एशियाई हाथी आदि देखने को मिलेगा।
शिवपुरी धाम कोटा
शिवपुरी धाम कोटा राजस्थान कोटा शहर में स्थित सबसे प्राचीन और अनोखा मंदिर है। इस मंदिर में एक स्थान पर भगवान शिव की 525 शिवलिंग विराजमान है।
शिवपुरी धाम में साल भर तीर्थ यात्रियों भक्तजनों और पर्यटकों का तांता लगा रहता है। इस स्थान पर सबसे व्यस्त समय शिवरात्रि या रासलीला के समय रहता है।
बूंदी की रानी जी की बावड़ी
राजस्थान के कोटा में बूंदी के पास एक प्राचीन बावड़ी है, जिससे बूंदी की रानी जी की बावड़ी के नाम से जाना जाता है। इसका निर्माण राजपूतों के द्वारा किया गया था। यह बावड़ी हड़ताली वास्तुकला का दावा प्रस्तुत करती हुई नजर आती है। बूंदी की रानी जी की बावड़ी कोटा शहर की बहुत ही महत्वपूर्ण धरोहर स्मारक है।
लकी बुर्ज
लकी बुर्ज ऐतिहासिक बिल्डिंग है। हिस्टोरिकल इमारत किशोर सागर में स्थित है। यहां पर आप अपनी फैमिली तथा फ्रेंड्स के साथ आउटिंग पर जा सकते हैं।
कोटा चंबल ब्रिज
कोटा चंबल ब्रिज बहुत ही ज्यादा खूबसूरत कोटा जाने के लिए ब्रिज पड़ता है। यहां पर आपको बहुत ही खूबसूरत व्यू देखने को मिलेंगे।
कोटा में प्रसिद्ध स्थानीय भोजन
राजस्थान के कोटा शहर में भोजन में विभिन्न वैरायटी पेश की जाती है। यहां पर राजस्थान की पुरानी रियासतों में शाही व्यंजनों की अनोखी श्रृंखला है। अपनी परंपरा को जीवित रहते हुए कोटा विभिन्न स्थानीय भोजनों को पेश करता है।
यहा मिलने वाले भोजन आपके मुंह में पानी ला सकते हैं। यहां पर राजस्थान के पारंपरिक व्यंजनों के अतिरिक्त भारत के विभिन्न भागों में प्रसिद्ध भोजन भी मिलते हैं। साथ ही यहां के स्ट्रीट फूड भी पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है।
भारत के भोजनों के साथ-साथ यहां पर महाद्वीपीय तक के भोजनों की विस्तृत श्रृंखला है। यह शहर मांसाहारी पसंद करने वाले पर्यटकों को भी खास व्यंजनों की पेशकश करता है। प्राचीन समय में यहां के राजा महाराजा शितार अभियानों पर जाते समय मांस या मुर्गी से बने व्यंजन को खाने का शौक रखते थे।
यही कारण है कि यहां मिलने वाले मांसाहारी व्यंजनों का स्वाद भी काफी लाजवाब होता है। क्योंकि उसे पारंपरिक शैली से बनाया गया होता है। यहां पर पेश किए जाने वाले भोजन की यह खासियत है कि यहां पर मीठे व्यंजन को भोजन के बाद में कभी भी नहीं परोसा जाता, उसे भोजन के शुरुआत में ही परोसा जाता है।
यहां बनने वाले मीठे पदार्थ शुद्ध घी के इस्तेमाल से बनाए जाते हैं। यहां पर बहुत से ऐसे लोग हैं, जो पूरी तरीके से शाकाहारी हैं, जिस कारण वे अपने व्यंजनों के स्वाद बढ़ाने के लिए शुद्ध घी का इस्तेमाल करते हैं, जो व्यंजन में एक अलग सुगंध भी लाता है।
इसके अतिरिक्त व्यंजनों में दही, सूखे मेवे और मसालों का भी अच्छे से इस्तेमाल होता है। कोटा में लोकप्रिय व्यंजनों में से कुछ बेसन की चक्की, दाल बाटी चूरमा, मिर्ची वड़ा, मोहन मास, लाल मास, बजरी की राब, सेव टमाटर, मावा कचोरी, पापड़ की सब्जी, गट्टे की सब्जी, मूंग दाल का हलवा और रबड़ी प्रसिद्ध है।
कोटा घूमने के लिए सबसे अच्छा समय
यूं तो कोटा साल के किसी भी महीने में घूमने जा सकते हैं। लेकिन यहां की यात्रा का आनंद लेने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च का होता है। क्योंकि मार्च से जून-जुलाई तक गर्मियों का मौसम रहता है और कोटा रेगिस्तानी राज्य राजस्थान में स्थित होने के कारण यहां पर गर्मियों के मौसम में काफी उच्च तापमान होता है।
साथ ही अर्ध शुष्क जलवायु रहती हैं, जो यहां की यात्रा के मजा को किरकिरा कर सकता है। इसके बाद जुलाई से लेकर सितंबर तक बारिश का मौसम होता है। इस दौरान भी यहां कभी-कभी काफी बारिश होती है, जिससे यात्रा का आनंद नहीं आ पाता।
ऐसे में अक्टूबर से मार्च का समय ही कोटा घूमने के लिए आदर्श समय है और इसी दौरान सबसे अधिक पर्यटक कोटा घूमने के लिए आते हैं।
कोटा कैसे पहुंचे?
कोटा राजस्थान का एक प्रमुख शहर है। साथ ही देशभर में भी इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी के लिए प्रसिद्ध है, जिसके कारण हर साल लाखों की संख्या में लोगों का कोटा आना जाना रहता है। इसके अतिरिक्त कोटा के पर्यटन स्थलों को देखने के लिए भी कई टूरिस्ट आते जाते हैं।
ऐसे में कोटा भारत के विभिन्न शहरों से रेलवे, सड़क और हवाई तीनों मार्गो से अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है। इनमें से किसी भी एक मार्ग का चयन करके आसानी से कोटा पहुंच सकते हैं।
कोटा जाने के लिए आप सबसे तेज माध्यम हवाई मार्ग का चयन करना चाहते हैं तो बता दें कि कोटा से लगभग 245 किलोमीटर की दूरी पर कोटा का सबसे निकटतम हवाई अड्डा सांगानेर हवाई अड्डा स्थित है। यह हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहरों के साथ जुड़ा हुआ है।
रेलवे माध्यम कोटा जाने के लिए बेहद ही सुलभ और सस्ता माध्यम है। कोटा शहर में कोटा रेलवे जंक्शन है, जो दिल्ली मुंबई रेल मार्ग पर स्थित है। सुपर फास्ट और राजधानी जैसी नियमित रूप से दिल्ली और मुंबई से कोटा रेलवे स्टेशन पर आती है।
इसके अतिरिक्त दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, पुणे और चेन्नई आने जाने वाली ट्रेन के लिए कोटा रेलवे स्टेशन भी एक स्टॉपिंग पॉइंट होता है। इस तरह आपके शहर के रेलवे स्टेशन से बहुत आसानी से कोटा के लिए ट्रेन मिल जाएगी।
कोटा शहर भारत के कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है। राजस्थान के जयपुर, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर जैसे शहरों से कोटा के लिए नियमित रूप से बस जाती है। इसके अतिरिक्त दिल्ली, अहमदाबाद जैसे अन्य शहरों से भी कोटा के लिए बसें जाती है। आप राज्य परिवहन की बसों के माध्यम से कोटा पहुंच सकते हैं।
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कोटा में रुकने की जगह
कोटा में लो बजट से लेकर हाय बजट तक कई होटल बेहतरीन सुविधाओं के साथ मिल जाते हैं। कोटा के कुछ लोकप्रिय होटल रैडिसन के कंट्री इन एंड सुइटस, होटल सूर्या प्राइम और पलकिया हवेली है।
इसके अतिरिक्त कोटा में कई छोटे-बड़े अन्य होटल भी मौजूद है। इसके बारे में आप ऑनलाइन जानकारी लेकर रूम बुक करवा सकते हैं।
कोटा में कैसे घूमे?
कोटा घूमने के लिए काफी सारी विकल्प मौजूद है। आप कोटा घूमने के लिए ओला या कुबेर ऑनलाइन बुक करवा सकते हैं। यदि आप सस्ते में कोटा घूमना चाहते हैं तो बस या शेयरिंग टैक्सी की सवारी ले सकते हैं। लेकिन यदि आपको भीड़ भाड़ में यात्रा करना बिल्कुल नहीं पसंद तो आप निजी रूप से वाहन भी किराए पर ले सकते हैं।
कोटा में कई सारे ऐसे एजेंट मिल जाते हैं, जिनसे संपर्क करके आप टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर में कई प्रकार के वाहन को प्रतिदिन के किराए के हिसाब से ले सकते हैं। लेकिन इसमें पेट्रोल आपका लगता है।
सिक्योरिटी के तौर पर कुछ डॉक्यूमेंट जमा करने की भी आवश्यकता पड़ सकती है। हालांकि वह डॉक्यूमेंट वाहन को जमा करने के बाद वापस दे दिए जाते हैं।
कोटा घूमते वक्त साथ में क्या रखें?
यदि आप कोटा घूमने अक्टूबर से मार्च के दौरान जाते हैं तो इस दौरान यहां पर कभी-कभी ज्यादा ठंड भी हो सकती है। इसीलिए अपने साथ गर्म कपड़े जरूर लेकर जाएं। वहीँ यदि आप मार्च से जुलाई के दौरान जाते हैं तो इस दौरान यहां पर अत्यधिक गर्मी होती है। ऐसे में अपने साथ सनस्क्रीन, गोगल और हेट जरूर रखें।
यदि आप जुलाई या सितंबर के महीने में जाते हैं तो यहां पर बारिश होने की भी संभावना होती है। ऐसे में अपने साथ रेनकोट या छाता रखना भी जरूरी है।
कोटा में स्थित सेवन वंडर पार्क में क्या देखने को मिलता है?
दुनिया में सात अजूबे हैं और इन सात अजूबों को देखने की ख्वाहिश पहला किसकी ना हो। हर इंसान या चाहता है कि हम अपनी जिंदगी में एक बार यह सात अजूबों को अवश्य देखें। पर पूरी दुनिया घूम पाना एक आम इंसान के लिए बहुत ही मुश्किल है। आप अपने बजट अनुसार भारत में ही रह कर कोटा शहर में या देखने का सुनहरा मौका उठा सकते हैं।
कोटा शहर का जाना माना पार्क 7 वंडर्स पार्क आपके या सपने को पूरा करने के लिए जाना जाता है। इस पार्क में सात अजूबे हूबहू वैसे ही दिखते हैं जैसे या अपने देश में बनाए गए हैं। आप देखकर आश्चर्यचकित रह जाएंगे कि यह कलाकृतियां ओरिजिनल है।
एलिफ टावर, पिरामिड, पीसा की झुकी हुई मीनार कोलेजियम, स्टैचू ऑफ लिबर्टी, क्राइस्ट द रिडीमर और ताजमहल भी बिल्कुल वैसा ही बना है जैसा यह वास्तव में अपने शहर में स्थित है।
कोटा के आसपास घूमने की जगह (Places to Visit Near Kota)
कोटा के पास घूमने के लिए कई जगह है, जहां आप फैमिली ट्रिप या फ्रेंड्स ट्रिप पर जा सकते हैं। 3 से 5 घंटे ड्राइव कर कर आप इन शहरों में पहुंच सकते हैं, जहां आप अपनी यादगार सफर बना सकते हैं।
- बरोली
- झालावाड़
- टोंक
- रणथंभौर
- चित्तौड़गढ़
- जयपुर
- अजमेर
- करौली
- किशनगढ़
- बूंदी
- बारां
- रतलाम
- उज्जैन
कोटा में शॉपिंग करने के लिए क्या फेमस है?
कोटा शहर अपने हैंड क्राफ्ट ज्वेलरी, साड़ी, घाघरा, चोली के लिए फेमस है। यहां पर आप पेंटिंग स्टोनक्राफ्ट कलाकृतियां ले सकते हैं।
कपल्स के लिए कोटा घूमने की जगह (Places to Visit in Kota for Couples)
- Garadia Mahadev temple
- 7 wonders
- Chambal garden
कपल्स के लिए बेस्ट कैफ़े (Best Cafe in Kota for Couples)
- Meet and treat cafe couple point
- The height of coffee cafe
- The viper cafe and lounge
कोटा में घूमने का सबसे अच्छा मौसम कौन सा है?
कोटा शहर में वैसे तो सबसे अच्छा मौसम मानसून का है। मानसून आ जाने के बाद या शहर बहुत ही खूबसूरत हो जाता है। यहां की झड़ने पहाड़ी गार्डन पर्यटकों के देखने के लिए प्रसिद्ध है।
अक्टूबर से मार्च कोटा में पर्यटकों की ज्यादा चहल-पहल होती है। मानसून आ जाने पर सेवन वंडर पार्क, सिटी प्लेस कोटा पर्यटकों के लिए पहली पसंद है।
कोटा फोटो गैलरी (Kota Tourist Places Images)
FAQ
कोटा चंबल नदी के किनारे बसा हुआ है।
जयपुर के मुख्य शहर से कोटा 240 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
कोटा राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा शहर है, जो अपनी खूबसूरत ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन यह सबसे अधिक प्रसिद्ध नीट और जी इंटरेस्ट एग्जाम की तैयारी करवाने के लिए है। यह शहर मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे बच्चों को अच्छे इंस्टिट्यूट में एडमिशन कराने में मदद करती है।
कोटा शहर पर सबसे पहले राजाराम देवा चौहान जो हांडा वंश से संबंधित थे, उन्होंने इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त किया। उसने मौसा हाडोती और बूंदी नाम की स्थान की स्थापना की। उसके बाद राजा रतन सिंह, महाराव भीमसिंह जैसे शासक भी हुए।
जयपुर के मुख्य शहर से कोटा 240 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
कोटा का इतिहास 12वीं शताब्दी के दौरान माना जाता है।
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने आपको राजस्थान का प्रसिद्ध शहर कोटा में घूमने की जगह (Kota Me Ghumne ki Jagah) से संबंधित आवश्यक जानकारी दी। हमें उम्मीद है कि आज के इस लेख बताए गए कोटा यात्रा की गाइड आपकी यात्रा को और भी ज्यादा आनंददायक बनाने में मदद करेगा।
यदि लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो कमेंट में लिखकर जरूर बताएं। लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अन्य लोगों के साथ जरूर शेयर करें।
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