बनारस के प्रसिद्ध मंदिर, जहां मिलेगी असीम शांति

Banaras Ke Mandir

भारत का सबसे प्राचीन और पवित्र शहर वाराणसी जिसे प्राचीन काल में काशी और बनारस के नाम से जाना जाता था एक पवित्र तीर्थ स्थल है। यह शहर मंदिरों के लिए जाना जाता है। शानदार और समृद्ध इतिहास के लिए बनारस के प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे देखने के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं।

यहां पर हम बनारस के प्रसिद्ध मंदिर (banaras famous mandir) के बारे में जानेंगे साथ ही यहां पर कैसे पहुंचे और और क्या समय सही है के बारे में भी बताया है।

बनारस के प्रसिद्ध मंदिर (Banaras Ke Mandir)

काशी विश्वनाथ मंदिर

उत्तर प्रदेश के बनारस शहर में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। बनारस के गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

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इस मंदिर को श्री विश्वनाथ या विशेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। इस नाम का अर्थ है ब्रह्मांड के भगवान। पहले वाराणसी को काशी कहा जाता था इसीलिए इस मंदिर का नाम काशी विश्वनाथ मंदिर हो गया है। इस मंदिर का दर्शन करने के लिए कई महान विभूति आए हैं, जिनमें गोस्वामी तुलसीदास, आदि शंकराचार्य, संत एकनाथ का नाम शामिल है।

kashi vishwanath temple
Image: kashi vishwanath temple (varanasi temple)

काशी विश्वनाथ मंदिर को इतिहास में कई मुस्लिम शासको के द्वारा बार-बार नष्ट करने का प्रयास किया गया था लेकिन बार-बार इस मंदिर का पुनर्निर्माण होता रहा। वर्तमान मंदिर का निर्माण 1780 ईस्वी में अहिल्याबाई होलकर के द्वारा कराया गया था। इस मंदिर में एक सोने का गुंबद है और शिर्ष पर एक सोने का शिखर है।

समयसुबह 02:30 बजे से रात 11:00 बजे तक
रेलवे स्टेशन से दूरी2 किलोमीटर (वाराणसी सिटी रेलवे स्टेशन)
6 किलोमीटर (वाराणसी जंक्शन)
17 किलोमीटर (मुगल सराय रेलवे स्टेशन)
बस स्टैंड से दूरी
नजदीकी एयरपोर्ट20 से 25 किलोमीटर (लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट, बाबतपुर)
एड्रेसलाहौरी टोला, वाराणसी, डोमरी, उत्तर प्रदेश, 221001

मृत्युंजय महादेव मंदिर

भगवान शिव को समर्पित बनारस के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक मृत्युंजय महादेव मंदिर है। इस मंदिर को रावणेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के परिसर में कई छोटे-छोटे मंदिर हैं, जो हजारों साल पुराने हैं।

Mrityunjay Mahadev Mandir Varanasi
Mrityunjay Mahadev Mandir Varanasi

वर्तमान में मौजूद इमारत का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था। मंदिर के परिसर में एक प्राचीन कुआं भी है। कहा जाता है कि इसका पवित्र जल कई तरह की बीमारियों में कारगर है। यहां पर आने वाले श्रद्धालु महामृत्युंजय मंत्र की जाप करते हैं।

समयसुबह 04:30 बजे से रात 11:30 बजे तक
रेलवे स्टेशन से दूरी3.6 किलोमीटर (वाराणसी जंक्शन)
4 किलोमीटर (बनारस रेलवे स्टेशन)
बस स्टैंड से दूरी3.4 किलोमीटर (चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय बस स्टॉप)
नजदीकी एयरपोर्ट24.5 किलोमीटर (लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट, बाबतपुर)
एड्रेस82C7+VWW, महा मृत्युंजय रोड, बाग, दारानगर, कोतवाली, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, 221001

कनक दुर्गा मंदिर

प्राचीन शहर बनारस में स्थित कनक दुर्गा मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। मंदिर की वास्तुकला, जटिल नक्काशी और अलंकरण बनारस आने वाले श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।

durga mata temple varanasi banaras
durga mata temple varanasi banaras

मंदिर के परिसर में आध्यात्मिक शांति का आनंद लेने के लिए श्रद्धालु घंटो यहां बैठे रहते हैं। इस मंदिर में स्थापित मां दुर्गा की मूर्ति किसी मिट्टी या धातु से नहीं बनी हुई है बल्कि यह मूर्ति स्वयंभू है।

समयसुबह 05:00 बजे से दोपहर 10:00 बजे तक
दोपहर 03:00 बजे से रात 08:00 बजे तक
रेलवे स्टेशन से दूरी
बस स्टैंड से दूरी
नजदीकी एयरपोर्ट
एड्रेस7X9Q+R2P, सेमी सर्किल रोड नंबर 4, नंदन नगर, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, 221005

यह भी पढ़े: जाने 10+ सर्वश्रेष्ठ काशी / वाराणसी / बनारस में घूमने की जगहों के बारे में

अन्नपूर्णा देवी मंदिर

बनारस का यह अन्नपूर्णा देवी मंदिर भारत का इकलौता ऐसा मंदिर है, जिसे श्री यंत्र के आकार में निर्मित किया गया है। जब मंदिर के कोणों को मिलाते हैं तो खुद-ब-खुद श्री यंत्र का निर्माण हो जाता है। मां अन्नपूर्णा देवी को मां पार्वती का ही अवतार माना जाता है। कहते हैं स्वयं भगवान शिव ने मां अन्नपूर्णा से अन्न की भिक्षा मांगी थी।

मंदिर में मां अन्नपूर्णा देवी से भिक्षा मांगते हुए भगवान शिव की रजत प्रतिमा और मां अन्नपूर्णा की स्वर्णमय प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में मराठा पेशवा बाजीराव प्रथम के द्वारा किया गया था। इस मंदिर में मां अन्नपूर्णा की दो प्रतिमा है एक प्रतिमा सोने की है और दूसरी प्रतिमा पीतल की है।

annapurna devi mandir varanasi
annapurna devi mandir varanasi

पीतल के प्रतिमा का दर्शन श्रद्धालु हर दिन कर सकते हैं लेकिन सोने की प्रतिमा का दर्शन वर्ष में केवल एक बार ही कराया जाता है। नागर वास्तुकला में निर्मित इस मंदिर में बड़े-बड़े स्तंभ वाला बरामदा भी बना हुआ है और इस बरामदे में देवी अन्नपूर्णा की तस्वीर लगी हुई है।

समयसुबह 04:00 बजे से दोपहर 11:30 बजे तक
शाम 07:00 बजे से रात 11:00 बजे तक
रेलवे स्टेशन से दूरी5 किलोमीटर (वाराणसी जंक्शन)
बस स्टैंड से दूरी
नजदीकी एयरपोर्ट20 किलोमीटर (लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट, बाबतपुर)
एड्रेसडी 9, अन्नपूर्णा मठ मंदिर, 1, विश्वनाथ गली, गोदौलिया, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, 221001

तुलसी मानस मंदिर

भगवान श्री राम को समर्पित प्रसिद्ध संत कवि गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा निर्मित यह मंदिर भगवान श्री राम के लिए उनके अटूट श्रद्धा को दर्शाता है। तुलसी मानस मंदिर भक्ति और रचनात्मकता की शक्ति का एक अनूठा प्रमाण है।

Tulsi Manas Mandir Varanasi
Tulsi Manas Mandir Varanasi

यह बनारस के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंदिर के दीवारों पर रामचरितमानस के छंद अंकित है, जिसकी रचना स्वयं गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी।

समयसर्दी- सुबह 04:00 बजे से रात 08:00 बजे तक
गर्मी- शाम 05:30 बजे से रात 09:00 बजे तक
रेलवे स्टेशन से दूरी7 किलोमीटर (वाराणसी जंक्शन)
बस स्टैंड से दूरी
नजदीकी एयरपोर्ट45 किलोमीटर (लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट, बाबतपुर)
एड्रेससंकट मोचन रोड, दुर्गाकुंड रोड, जालान के पास, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, 221005

काल भैरव मंदिर

वाराणसी में मुख्य डाकघर के पास स्थित काल भैरव मंदिर एक प्राचीन मंदिर है, जो भगवान शिव के ही अवतार माने जाने वाले काल भैरव को समर्पित है। मान्यता है कि बिना काल भैरव मंदिर के दर्शन किए काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन से लाभ नहीं मिलता है। इसीलिए काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु काल भैरव मंदिर जरूर आते हैं।

रविवार और मंगलवार के दिन यहां पर विशेष रूप से भीड़ देखने को मिलती है। इस मंदिर की सबसे चौका देने वाली बात यह है कि यहां पर प्रसाद के रूप में काल भैरव जी को मदिरा यानी की शराब चढ़ाया जाता है। काल भैरव मंदिर बहुत ही प्राचीन है, जिसके कारण इसके निर्माण की सही जानकारी नहीं है लेकिन इसका पुनः निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था।

Kaal Bhairav Mandir Varanasi
Kaal Bhairav Mandir Varanasi

इस मंदिर के गर्भ ग्रह में भगवान काल भैरव की चांदी की प्रतिमा स्थापित है। कहा जाता है कि भगवान शिव को काशी अति प्रिय नगरी थी। इसीलिए इस शहर की कोतवाली करने के लिए भगवान शिव ने काल भैरव को नियुक्त किया था।

समयसुबह 05:00 बजे से दोपहर 01:30 बजे तक, शाम 04:30 बजे से रात 09:30 बजे तक
रेलवे स्टेशन से दूरी4 किलोमीटर (वाराणसी जंक्शन)
बस स्टैंड से दूरी
नजदीकी एयरपोर्ट12 किलोमीटर (लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट, बाबतपुर)
एड्रेसकाल भैरव मंदिर, विश्वेश्वर गंज, वाराणसी, यूपी

भारत माता मंदिर

भारत माता मंदिर बनारस का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां पर किसी देवी देवता की पूजा न होकर अखंड भारत की पूजा होती है। इस मंदिर के गर्भग्रह में अखंड भारत का मानचित्र लगा हुआ है। इस मंदिर का निर्माण दुर्गा प्रसाद खत्री की देखरेख में किया गया था। 25 शिल्पकारों और 30 मजदूरों के द्वारा इस मंदिर के निर्माण में 6 साल का समय लगा था।

25 अक्टूबर 1936 को महात्मा गांधी के द्वारा इस मंदिर का उद्घाटन किया गया था। मंदिर के निर्माण में गुलाबी पत्थर का इस्तेमाल किया गया है, जिसके संगमरमर पर अखंड भारत मां का नक्शा तराशा गया है। यह नक्शा 32 फीट लंबी और 30 फीट चौड़ी है।

Bharat Mata Temple
Image : Bharat Mata Temple

मंदिर के मुख्य द्वार पर भारत का राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” लिखा हुआ है। इतना ही नही राष्ट्र कवि मैथिली शरण गुप्त के द्वारा लिखि एक कविता भी इस मंदिर के दीवारों पर उंकेरी गई है। यह मंदिर अखंड भारत का प्रतीक है।

समयसुबह 06:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक, दोपहर 01:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक
रेलवे स्टेशन से दूरी3 किलोमीटर (वाराणसी जंक्शन)
बस स्टैंड से दूरी
नजदीकी एयरपोर्ट24 किलोमीटर (लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट, बाबतपुर)
एड्रेसगुरु नानक नगर कॉलोनी, चेतगंज, वाराणसी, वाराणसी

संकट मोचन हनुमान मंदिर

संकट मोचन हनुमान मंदिर वाराणसी का एक और खूबसूरत और प्राचीन मंदिर है। भगवान हनुमान और श्री राम को समर्पित इस मंदिर का निर्माण स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय के द्वारा किया गया था। यह मंदिर वाराणसी में अस्सी नदी के तट पर स्थित है।

Hanuman Mandir Varanasi
Hanuman Mandir Varanasi

इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण उसी स्थान पर किया गया है, जहां पर गोस्वामी तुलसीदास जी को हनुमान के दर्शन हुए थे। 7 मार्च 2006 को हुए तीन विस्फोटो में से एक विस्फोट इस मंदिर में भी हुई थी।

समयसुबह 05:00 बजे से रात 10:00 बजे तक
रेलवे स्टेशन से दूरी10 किलोमीटर (वाराणसी जंक्शन)
6 किलोमीटर (बनारस रेलवे स्टेशन)
बस स्टैंड से दूरी11 किलोमीटर (चौधरी चरण सिंह बस स्टॉप)
3 किलोमीटर (बी.एच.यू.)
नजदीकी एयरपोर्ट23 किलोमीटर (लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट, बाबतपुर)
एड्रेससाकेत नगर कॉलोनी, संकट मोचन लेप्रोसी, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, 221005

निष्कर्ष

इस लेख में आपने उत्तर प्रदेश का पवित्र शहर बनारस के प्रसिद्ध मंदिरों (banaras mandir) के बारे में जाना। वाराणसी में स्थित ज्यादातर मंदिर बेहद ही प्राचीन है।

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