Ajmer me Ghumne ki Jagah: राजस्थान के प्रमुख शहर में एक अजमेर अपनी ऐतिहासिक और प्राकृतिक सुंदरता के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह शहर चारों तरफ से विशाल झील और अरावली पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो इसकी सुंदरता को बढ़ाने का कार्य करता है।
अजमेर में झील, किले, बगीचे संग्रहालय सहित कई तरह के धार्मिक स्थल भी हैं, जिसके कारण यहां पर पर्यटकों का काफी आना-जाना होता है। अजमेर शहर खास करके मुस्लिम लोगों के लिए एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल रहा है, जिसके कारण इसे ‘भारत का मक्का’ भी कहा जाता है।
अपने धार्मिक परंपरा और संस्कृतिक महत्व को मजबूती से निभाता हुआ अजमेर शहर को घूमने की इच्छा यदि आपके मन में भी है तो आप बिल्कुल सही लेख पर आए हैं।
आज के लेख में हम आपको अजमेर की यात्रा से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी देने वाले हैं, जिसमें अजमेर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य भी बताएंगे साथ ही अजमेर में पर्यटन स्थल (visiting places in ajmer), अजमेर का लोकप्रिय भोजन, अजमेर में कहां ठहरे, अजमेर कैसे पहुंचे, अजमेर में क्या प्रसिद्ध है और अजमेर कैसे घूमे इत्यादि सभी जानकारी देने वाले हैं। तो लिख को अंत तक जरूर पढ़ें।
अजमेर में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय | Ajmer Me Ghumne Ki Jagah
अजमेर के बारे में रोचक तथ्य
- अजमेर का नाम ‘अजय मेरुह’ है, जिसे मोटे तौर पर अजय पहाड़ी के रूप में भी अनुवाद किया जाता है।
- अजमेर शहर की स्थापना सातवीं शताब्दी में राजा अजय पाल चौहान द्वारा की गई थी।
- 12वीं शताब्दी में अजमेर चौहान वंश के राजवंशों के शासन में था। इस दौरान यहां पर तारागढ़ किले का निर्माण कराया गया था।
- पृथ्वीराज चौहान का मोहम्मद गौरी द्वारा हार होने के बाद अजमेर कई राजवंशों का घर बन गया। हालांकि मुगल सुल्तानों को अजमेर विशेष रूप से पसंद आया था। 1616 ईस्वी में इंग्लैंड के राजा जेम्स प्रथम और मुगल राजा जहांगीर ने अजमेर में ही पहली मुलाकात की थी।
- यहां पर मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है और उनके पुण्यतिथि के उपलक्ष्य के अवसर पर मनाए जाने वाले ‘उर्स त्योहार’ के दौरान दुनिया भर से पर्यटक आते हैं। खासकर के मुस्लिम लोगों की संख्या बहुत ज्यादा होती है।
अजमेर टूरिस्ट प्लेस (Ajmer Tourist Places in Hindi)
पृथ्वीराज स्मारक
अजमेर के तारागढ़ मार्ग पर स्थित पृथ्वीराज स्मारक भारत के महान योद्धा पृथ्वीराज चौहान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बनाया गया था। यह इतिहास प्रेमियों के लिए एक आकर्षक का केंद्र है।
काले संगमरमर के पत्थर से बनाए गए स्मारक में पृथ्वीराज चौहान को घोड़े पर बैठे हाथों में तीर धनुष लिए हुए युद्ध को लड़ते हुए इस स्मारक को दर्शाया गया है।
फोर्ट मसूदा
अजमेर में कई सारी ऐतिहासिक किले हैं, जिसमें से एक फोर्ट मसूदा है जो अजमेर से 54 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस किले को 1595 ईसवी के आसपास निर्मित किया गया था। लेकिन बहुत कम समय में केला खंडहर में बदल गया, जिसके बाद नरसिंह जी मर्तिया द्वारा पूणहनिर्मित किया गया।
हालांकि वर्तमान में इस जिले में बडा महल, कांच महल, चंद्र महल जैसी कई सारी चीजें शामिल है, जिसे शानदार वस्तु कला का प्रयोग करके आकर्षक बनाया गया है।
सरकारी संग्रहालय
यदि आपको प्राचीन चीजें को देखने का शौक है तो अजमेर में स्थिति सरकारी संग्रहालय को देखने जरूर जाएं। इस सरकारी संग्रहालय को हथियार, काला, पुरातत्व और बच्चों के लिए आदि जैसे वर्ग में बांटा गया है। यहां पर पर्यटक मध्यकालीन युद्ध में इस्तेमाल किए गए हथियार और खुदाई की गई प्राचीन काल की देवी देवताओं की मूर्तियां को भी यहां देख सकते हैं।
इसके अतिरिक्त और भी कई चीजें प्राचीन काल से संबंधित यहां पर रखी गई है। इस संग्रहालय को 1908 में लार्ड कार्सन और सर जॉन मार्शल ने निर्मित करने का शुरुआत किया था। हालांकि इसे पूर्ण पुरातत्व विभाग के महानिदेशक के द्वारा कराया गया।
आना सागर झील
अजमेर में स्थित है यह एक कृत्रिम झील है, जिसे पृथ्वीराज चौहान के पिता आनाजी द्वारा निर्मित किया गया था। इसीलिए इससे आनासागर झील के नाम से जाना जाता है। हालांकि समय-समय पर इस झील के चारों तरफ अन्य राजाओं के द्वारा कई सारी चीजें निर्मित की गई, जिसके कारण आज यह और भी ज्यादा आकर्षक बन गया है।
जैसे 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह द्वारा एक बारादरी का निर्माण किया गया, जहांगीर द्वारा एक बगीचे का भी निर्माण किया करवाया गया। इस समय यहां आने वाले पर्यटक झील की सुंदरता के साथ-साथ पार्क में ठंडी हवाएं और प्राकृतिक सुंदरता का भी लुफ्त उठा सकते हैं।
यह भी पढ़े: 10+ जैसलमेर में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
साईं बाबा मंदिर
गरीब नवाज शहर के निवासी सुरेश लाल के द्वारा सन 1999 में निर्मित यह साईं बाबा का मंदिर अजमेर के अजय नगर में है, जो 5 बीघा से भी अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है।
वास्तुकला की दृष्टि से यह मंदिर पर्यटको और कला प्रेमियों को अपनी और आकर्षित करता है। यह मंदिर अजमेर के लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में से भी एक है, जिसे संपूर्ण रूप से संगमरमर से बनाया गया है।
तारागढ़ किला
यदि आप अजमेर शहर का पूरा दृश्य एक बार में ही देखना चाहते हैं तो इस तारागढ़ किले को देखने के लिए जरूर आए। यह तारागढ़ किला को 1354 ईसवी में अरावली की चोटी पर बनाया गया था। इस किले को स्टार स्पोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, जो अपनी ऐतिहासिक और प्रभावशाली वास्तुकला और संरचना के कारण दुनिया भर के पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है।
हालांकि अब यह किला खंडहर में बदल चुका है। यह किला राजस्थान के दक्षिण पश्चिम में स्थित है और ढाई दिन का झोपड़ा से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। किले में प्रवेश के लिए तीन द्वार है, जो क्रमशः लक्ष्मी पोल,फूटा दरवाजा और गांगुली की फाटक है।
सोनीजी की नसियां
अजमेर में पृथ्वीराज मार्ग पर स्थित यह दिगंबर जैन मंदिर है, जिसे लाल मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि यह सोनीजी की नसियां नाम से प्रसिद्ध है। अद्भुत और आश्चर्यजनक वास्तुकला का इस्तेमाल करके इस मंदिर को 19वीं शताब्दी में स्थापित किया गया है।
मंदिर में सोने की लकड़ी पर जैन धर्म की आस्था से जुड़ी कई आकृतियां उकेरी गई है, जो इस मंदिर को और भी ज्यादा आकर्षक बनाता है। जैन धर्म के अनुयायियों के लिए यह लोकप्रिय मंदिर है। अजमेर जाए तो इस जैन मंदिर को एक बार जरुर विजिट करें। क्योंकि इसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।
नारेली जैन मंदिर
शहर क्षेत्र से दूर पहाड़ियों की प्राकृतिक सुंदरता के बीच निर्मित यह नारेली का जैन मंदिर अजमेर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर जैन के दिगंबर संप्रदाय से संबंधित है। मंदिर में जैन धर्म के कई तीर्थ करो की प्रतिमाएं स्थापित की गई है। मुख्य मंदिर में पहली मंजिल पर गुरु आदिनाथ जी की विशाल मूर्ति स्थापित है, जो 22 फीट ऊंची है।
बाकी अन्य तीर्थकरो की लघु मंदिर ऊपर की पहाड़ियों पर स्थित है। मंदिर के चारों तरफ सुंदर बगीचा भी है, जहां पर पर्यटक प्राकृतिक वातावरण के बीच कुछ देर बैठकर आराम भी कर सकते हैं। संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है। यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला और जटिल पत्थर की नक्काशी के कारण काफी ज्यादा आकर्षक लगता है।
अकबर पैलेस एंड म्यूजियम
अजमेर के लोकप्रिय स्थलों में से एक अकबर का महल है, जिसे अकबर ने 1570 ईस्वी में अपने सैनिकों के रहने के लिए बनवाया था। लेकिन 1908 में इस महल को संग्रहालय में बदल दिया गया। अभी संग्रहालय में मुगलकालीन कई सारी सैन्य हथियारों को रखा गया है। इसके अतिरिक्त राजपूत और मुगल शैली के जीवन और उनके लड़ाई के विभिन्न पहलुओं को भी प्रदर्शित किया गया है।
उनके आपसी संबंधित तथ्यों को भी दर्शाया गया है। महल में प्राचीन काल की मां काली जी की संगमरमर की प्रतिमा भी स्थापित की गई है, जो इस महल के आकर्षण में अपनी अहम भूमिका निभाती है। अजमेर जाए तो अकबर के इस महल और संग्रहालय को जरूर देखें। यदि आप इतिहास से जुड़ी बातों को जानने की रुचि रखते हैं।
यह भी पढ़े: 10+ जोधपुर में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल
अजमेर में खाने के लिए प्रसिद्ध भोजन (ajmer famous items)
अजमेर राजस्थान के अंतर्गत होने के कारण यहां पर पूरे राजस्थान में प्रख्यात दाल बाटी, चूरमा बाजरे की खिचड़ी, राजस्थान पुलाव और गट्टे की सब्जी इत्यादि सभी व्यंजन आपको यहां पर उपलब्ध हो जाएंगे। इसके अलावा यहां पर पूरे भारत में मिलने वाले हर प्रकार के स्ट्रीट फूड देखने को मिल जाएगा।
इसके अतिरिक्त यहां पर कॉन्टिनेंटल फूड भी परोसे जाते हैं। हालांकि अजमेर में मुस्लिम आबादी ज्यादा होने के कारण इस शहर में मांसाहारी व्यंजन के शौक रखने वाले लोगों के लिए तो ज्यादा ही अच्छा ऑप्शन मिल जाता है। यहां के कुछ रेस्टोरेंट्स और होटल अन्य जगह की तुलना में काफी स्वादिष्ट और बेहतरीन नॉनवेज की पेशकश करते हैं।
यहां के लाल मास, चिकन करी, मटन करी, मटन बिरयानी, कबाब यहां आने वाले पर्यटकों का सबसे पसंदीदा भोजन है। भले ही अजमेर में मिलने वाले व्यंजनों को आप पूरे राजस्थान में प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन अजमेर में आपको अलग स्वाद का अनुभव होगा। इसीलिए अजमेर की यात्रा के दौरान इन सभी स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद जरूर लें।
अजमेर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय (ajmer best time to visit)
अजमेर राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है, जिसके कारण साल भर यहां पर सेनानी आते रहते हैं। लेकिन यदि आप अजमेर यात्रा का अच्छे से आनंद लेना चाहते हैं तो अजमेर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है। क्योंकि इस दौरान यहां का तापमान गर्मियों की अपेक्षा काफी कम होता है।
यह समय यहां की यात्रा के लिए आदर्श होता है। वहीं मार्च से जून-जुलाई तक के महीने के दौरान यहां पर काफी ज्यादा गर्मी होती है। गर्मियों के मौसम में यहां पर तापमान लगभग 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जिसके कारण इस दौरान यहां पर काफी कम पर्यटक आते हैं।
इसीलिए अजमेर घूमने की योजना अक्टूबर से मार्च के बीच ही बनाए और ध्यान रहे कि इस दौरान वहां पर काफी ठंड भी हो सकती है, इसलिए अपने साथ कुछ गर्म कपड़े भी जरूर लेकर जाएं। यदि आप गर्मियों के मौसम में जाते हैं तो सनक्रीम, हेट और गोगल जरुर लेकर जाएं।
अजमेर में कहां ठहरें?
अजमेर आने वाले पर्यटकों को यहां ठहरने की कोई असुविधा नहीं होती है। क्योंकि अजमेर में मानसिंह पैलेस अजमेर, रीगल होटल, होटल एलएन और कोर्टयार्ड ब्राविया होटल जैसे कई सारे होटल है, जहां पर आपको लो बजट से लेकर हाय बजट तक की भी रूम मिल जाएंगे।
आप अपनी सुविधा अनुसार किसी भी होटल में रूम बुक करवा सकते हैं। बता दें कि आप ऑनलाइन भी यहां पर रूम बुक करवा सकते हैं।
अजमेर कैसे पहुंचे?
अजमेर राजस्थान का प्रमुख पर्यटन स्थल होने के कारण यह सड़क, रेलवे और हवाई मार्ग तीनों से अच्छे से जुड़ा हुआ है। अजमेर के लिए आप तीनों में से किसी भी मार्ग का चयन कर सकते हैं।
यदि आप अजमेर की यात्रा के लिए हवाई मार्ग का चयन करना चाहते हैं तो बता दें कि अजमेर में कोई भी घरेलू हवाई अड्डा नहीं है। हालांकि अजमेर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर में स्थित सांगानेर हवाई अड्डा पड़ता है, जो अजमेर से 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह हवाई अड्डा भारत के कई प्रमुख शहरों से बहुत अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है। हवाई मार्ग के जरिए काफी कम समय में अजमेर पहुंच सकते हैं।
यदि आप अजमेर जाने के लिए सड़क मार्ग का चुनाव करना चाहते हैं तो बता दें कि अजमेर राजस्थान के प्रमुख स्थान होने के कारण यह जयपुर, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर जैसे राजस्थान के प्रख्यात शहरों के अतिरिक्त दिल्ली, मुंबई कोलकाता और अन्य शहरों के सड़क मार्ग से भी अच्छे से जुड़ा हुआ है। काफी संख्या में पर्यटक सड़क मार्ग के जरिए अजमेर की यात्रा पर आते हैं।
अजमेर जाने के लिए रेलवे मार्ग का भी चुनाव किया जा सकता है। अजमेर का अपना घरेलू रेलवे स्टेशन है, जिसका नाम अजमेर जंक्शन रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ, इलाहाबाद, अहमदाबाद इत्यादि कई प्रमुख शहरों के रेलवे जंक्शन से जुड़ा हुआ है। आपके शहर के रेलवे स्टेशन से आसानी से अजमेर के लिए ट्रेन मिल जाएगी।
अजमेर कैसे घूमे?
अजमेर घूमने के लिए आपको कई सारे वाहन किराए पर मिल जाएंगे। अजमेर के बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन के बाहर कई सारी दुकानें मिल जाती है, जहां पर पर्यटकों को वाहन किराए में दिया जाता है।
वहां पर टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर तक के वाहन भी किराए पर मिलते हैं, जिसका किराया अलग-अलग वाहन के अनुसार हो सकता है और यह किराया प्रति दिन के अनुसार होता है। पर्यटक किसी भी एक वाहन का चयन करके अजमेर के पर्यटक स्थलों को विजिट कर सकते हैं।
FAQ
अजमेर से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पुष्कर हिंदुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, जहां पर हर साल कातिक पूर्णिमा को पुष्कर मेला लगता है, जिसे ऊंट मेला के नाम से भी जाना जाता है। उस समय लाखों की संख्या में देश-विदेश से पर्यटक यहां पर मेले को देखने आते हैं।
अजमेर के बीचो बीच 12वीं शताब्दी की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है।
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह जयपुर से 145 किलोमीटर की दूरी पर अजमेर में है।
अजमेर में तारागढ़ किला, पृथ्वीराज स्मारक, सोनीजी की नसिया, नरेली जैन मंदिर, ख्वाजा साहब की दरगाह इत्यादि समेत अन्य कई पर्यटक स्थल है।
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने आपको राजस्थान का एक प्रमुख शहर अजमेर में घूमने की जगह कौन-कौन सी है ( Ajmer Me Ghumne Ki Jagah) की यात्रा से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी दी है। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो आप कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताएं।
यह भी पढ़े
10+ उदयपुर में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
10+ माउंट आबू में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय