वडोदरा शहर गुजरात का प्राचीन ऐतिहासिक शहर है, जिसे बड़ौदा के नाम से भी जाना जाता है। वडोदरा शहर इतिहास, कलाकृति, व्यवसाय हर एक मामले में गुजरात का प्रमुख शहर है।
वडोदरा का जैनों ने चंदनवती नाम रखा था। वडोदरा शब्द का अर्थ बरगद का पेड़ होता है। वडोदरा में स्थित महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय गुजरात का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है।
1870 में बनाया गया मकरापुरा पैलेस गायकवाड के शाही परिवारों के लिए ग्रीष्मकालीन महल हुआ करता था। आज ये पैलेस भारत के वायु सेना के लिए एक प्रशिक्षण स्कूल के रूप में कार्य करता है।
मकरपुरा पैलेस
इस पैलेस को 1890 में महाराजा सयाजीराव गायकवाड 3 द्वारा निर्मित किया गया था। पैलेस को लाल पत्थर और नीले रंग के जाल पत्थर से निर्मित किया गया है जिसे राजस्थान और इटली से मंगवाया गया था। 700 एकड़ के क्षेत्र में निर्मित यह विशाल पैलेस लंदन में बकिंघम पैलेस से भी 4 गुना बड़ा है।
लक्ष्मी विलास पैलेस
वडोदरा में पावागढ़ शहर से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह झरना लगभग 100 मीटर की लंबाई वाली है जो विभिन्न प्रकार के सुंदर वनस्पतियों से घिरा हुआ है।
हथनी झरने
1894 से 1906 के दौरान यहां पर अरबिंदो घोष रहा करते थे। आश्रम के अंदर 23 कमरे हैं जिसमें पुस्तकालय, एक अध्ययन कक्ष और एक बिक्री एंपोरियम भी है। यहां पर आपको अरबिंदो घोष द्वारा लिखित कई दुर्लभ पुस्तकों का अवशेष भी देखने को मिल सकता है।
अरबिंदो आश्रम
महाराजा सयाजीराव गायकवाड तीन द्वारा 1879 में विश्वामित्री नदी के किनारे इस गार्डन को स्थापित किया गया। यहां पर 99 से भी अधिक प्रजाति के पेड़ पौधे हैं। यहां के चिड़ियाघर में 167 प्रकार के जीवो का संग्रह देखने को मिलता है। इसके अतिरिक्त यहां पर 45 विभिन्न प्रजातियों वाली मछली का घर भी है।
सयाजी गार्डन
इस संग्रहालय को गायकवाड द्वारा 1894 में निर्मित किया गया था, जिसमें प्राकृतिक ,पुरातत्व और भूविज्ञान इतिहास से संबंधित कलाकृतियों का एक समृद्ध संग्रह है।
वडोदरा संग्रहालय
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