पटना बिहार की राजधानी भी है और इसका प्राचीन नाम पाटलिपुत्र भी था।
पटना में 4 नदियाँ हैं-गंगा, सोन, गंडक और पुनपुन। कुछ लोग कहते हैं कि पटना नाम संस्कृत शब्द “पट्टन” से आया है जिसका अर्थ है बंदरगाह।
इसका निर्माण सन् 1786 में सर्वप्रथम अनाज रखने के लिए गोदाम के रूप में करवाया गया था। ऐसा माना जाता है कि अपनी अधिकतम क्षमता तक पूरा कभी नहीं भरा जा सका था।
इस विश्वविद्यालय की स्थापना पांचवी सदी में की गई थी और उस समय के दौरान विश्वव्यापी विद्वान तथा यहां के विद्यार्थी सब को मिलाकर कई देशों से विद्यार्जन करने के लिए आते थे।
इस मंदिर का निर्माण आधुनिक युग के दौरान किया गया है, जो कि ज्यादा वर्ष पुराना नहीं है। परंतु इस मंदिर की सुंदरता को देखने के लिए विश्व भर से पर्यटक समय-समय पर आते रहते हैं।
पटना साहिब गुरुद्वारे का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह द्वारा करवाया गया था, जो कि सिक्खों के गुरु गोविंद सिंह जी की जन्म भूमि है
इस संग्रहालय में सैकड़ों प्रकार की कीमती धातुओं, सोना चांदी के जेवरात तथा महंगे महंगे धातुओं का उपयोग कर बनाया गया है
इस संग्रहालय मैं प्राचीनतम पटना के हिंदू और बौद्ध धर्म की बहुत सारी निशानियां भी मौजूद है, जो कि लगभग 30 करोड साल पुराने वृक्ष के तने का वहां पर फॉसिल रखा हुआ है।
पटना में स्थित संकट मोचन राम भक्त हनुमान मंदिर बना हुआ है, जो कि पटना जंक्शन के बाहर की तरफ बना हुआ है।