उत्तराखंड में लैंसडाउन हिल स्टेशन अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता हैं। बहुत से पर्यटक यहां पर अपनी छुट्टी मनाने में लिए आते हैं।
लैंसडाउन को गढ़वाली भाषा में काला पत्थर कहा जाता हैं।वर्ष 1857 में इसका नाम बदलकर लैंसडाउन रख दिया गया था।लैंसडाउन उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हैं।
संतोषी माता मंदिर
माता के मंदिर तक जाने के लिए आपको पहाड़ी की चोटी पर चढ़ कर जाना होगा। मंदिर में संतोषी माता की एक बड़ी प्रतिमा स्थापित हैं। माता का मंदिर काफी बड़ा बना हुआ हैं।
सेंट मेरी चर्च
इस चर्च को वर्ष 1895 में बनाया गया था। इस चर्च को विक्टोरियन वास्तुकला के लिए जाना जाता हैं। वर्ष 1947 में इस चर्च को एक संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था।
भुल्ला ताल झील
यह लैंसडाउन की पहली भुल्ला ताल झील हैं, जो की कृतिम झील हैं। भुल्ला एक गढ़वाली भाषा का शब्द हैं। हिंदी में इस शब्द के अर्थ छोटा भाई होता हैं। बुल्ला ताल झील में लोग पिकनिक मनाने के लिए आते हैं।
टिप इन टॉप प्वाइंट
इस जगह को टिफिन टॉप के नाम से भी जाना जाता हैं। यह लैंसडाउन का सबसे ऊंचा प्वाइंट हैं। इस प्वाइंट से आप हिमालय रेंज, राजसी शिवालिक आदि कई जगह को इस प्वाइंट के द्वारा देख सकते हैं।
गढ़वाल रेजिमेंट वॉर मेमोरियल
ब्रिटिश सेना ने 39 वी गढ़वाल राइफल्स में पहली बटालियन के नायक दरवान सिंह नायक थे।युद्ध के दौरान इनकी वीरता के कारण इन्हें विक्टोरिया क्रॉस से समानित किया गया था। सरकार ने दरवान सिंह के सम्मान में इस संग्रहालय की स्थापना की थी।
तारकेश्वर महादेव मंदिर
लैंसडाउन का यह मंदिर प्राचीन मंदिर में से एक हैं। इस मंदिर में शिव जी की प्रतिमा स्थापित हैं। लैंसडाउन के 2092 मीटर ऊंचे एक शीर्ष पर हैं। इस मंदिर को सिद्ध पीठ मंदिर के रूप में जाना जाता हैं।
लैंसडाउन कैसे जाएँ?, कितना खर्चा होगा?, कैसे घूमें?, क्या खाएं? ये सब जानकारी के लिए क्लिक करें