Dwarka Me Ghumne Ki Jagah

– द्वारिकादीश मंदिर की चोटी पर लगे हुए धवज की लंबाई 75 मीटर हैं। दिन में कम से कम 5 पांच बार इसको बदला जाता हैं। – मंदिर को बनाने के लिए चालुक्य शैली का इस्तेमाल किया गया था। – द्वारिकादीश मंदिर को बनाने में रेत और चूना पत्थर का इस्तेमाल किया गया था। – भगवान श्री कृष्ण का यह मंदिर एक टुकड़े पर बना हुआ हैं। – मंदिर में 72 स्तमभ बने हुए हैं।

द्वारकाधीश मंदिर

 महाभारत काल में यह मंदिर बनाया गया था। मंदिर का निर्माण चूना पत्थर और रेत के माध्यम से किया गया है। द्वारकाधीश मंदिर 5 मंजिला बना हुआ हैं।

  भड़केश्वर मंदिर

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं। यह मंदिर करीब 5000 साल पुराना हैं। भड़केश्वर मंदिर का निर्माण अरब सागर के किनारे पर बना हुआ हैं।

    गोपी तालाब

पुराणों के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि गोपी तालाब यह वही झील हैं, जहा श्री कृष्ण युवावस्था के दौरान यहां पर आते थे। इस झील की लंबाई 20 किलो मीटर लंबी हैं।

     बेट द्वारका

यह जगह द्वारिका के मुख्य शहर से करीब 32 किलो मीटर की दूरी पर स्थित हैं। बेट द्वारिका एक छोटा सा टापू जैसी जगह हैं।

     द्वारका बीच

यदि आप बीच में घूमने का मजा लेना चाहते हैं तो आप द्वारिका बीच में जा सकते हैं। इस बीच पर आप शाम के समय जाए तो दृश्य देखने वाला होता हैं। यह बीच द्वारिका मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर स्थित हैं।

     गोमती घाट

गोमती घाट मंदिर से करीब 1.5 किलो मीटर की दूरी पर स्थित हैं। यह घाट पवित्र घाट में से एक हैं। इस घाट पर लोग स्नान आदि भी करते हैं।

     लाइट हाउस

सूर्यास्त के समय यह जगह देखने वाली होती हैं। इस लाइट हाउस को 15 जुलाई 1962 में बनाया गया था। इस मीनार की ऊंचाई करीब 43 मीटर हैं। पर्यटक लोग इसको देखने के लिए उत्साहित रहते हैं।

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